लिंक होंगे दोनों एलिवेटेड कॉरिडोर , फेस-2 के प्लान पर मंथन, निरीक्षण किया

लिंक होंगे दोनों एलिवेटेड कॉरिडोर , फेस-2 के प्लान पर मंथन, निरीक्षण किया

★ विधायक श्री शैलेन्द्र जैन और कलेक्टर श्री दीपक आर्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे

सागर। दीनदयाल चौराहा बस स्टैंड से चकराघाट को जोडने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर का काम तेज गति से चल रहा है। इसके साथ ही दीनदयाल चौराहा से अटल पार्क तक एलिवेटेड कॉरिडोर फेस-2 के प्लान पर भी मंथन किया जा रहा है। शनिवार को विधायक श्री शैलेन्द्र जैन और कलेक्टर सह अध्यक्ष एसएससीएल श्री दीपक आर्य ने एलिवेटेड कॉरिडोर फेस-2 के लिए बनाए जा रहे प्लान का अवलोकन किया और मौके पर जाकर इसकी उपयोगिता पर चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान नगर निगम आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक एसएससीएल श्री आरपी अहिरवार और स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत विशेषतौर पर मौजूद थे। 
प्लानिंग टीम के विशेषज्ञों ने बताया कि एलिवेटेड कॉरिडोर फेस-1 पर दीनदयाल चौराहा से करीब 500 मीटर दूर एक रोटरी बनाई जा रही है। इसी रोटरी से शुरू होकर एलिवेटेड कॉरिडोर फेस-2 अटल पार्क के पास तक जाएगा। इसकी चौडाई भी 14 मीटर ही रखी जा सकती है। इसका फायदा यह होगा कि चकराघाट की तरफ से आने वाले लोगों को तीनबत्ती, परकोटा, बस स्टैंड और एसआर-1 पर नहीं आना पडेगा। मेडिकल इमरजेंसी होने पर वे सीधे अटल पार्क के सामने से होते हुए जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज पहुंच सकेंगे। इसी तरह मेडिकल कॉलेज की ओर से सीधे चकराघाट, बडा बाजार आदि पहुंचा जा सकेगा। इससे बडी संख्या में वाहन चालकों का समय और खर्च बचेगा। भविष्य में एलिवेटेड कॉरिडोर पर बनने वाली रोटरी से गऊघाट की ओर भी एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की गुंजाइश रहेगी। 
इस दौरान विधायक और अधिकारियों ने एलिवेटेड कॉरिडोर फेस-1 के निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया। निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि ने बताया कि अभी बेस पिलर बनाने का काम चल रहा है। ये पिलर करीब 13 मीटर नीचे से बनाए जा रहे हैं। 300 में से करीब 50 बेस पिलर तैयार हो गए हैं। इन बेस पिलर पर कैपिंग की जाएगी, जिसके ऊपर एक मुख्य पिलर बनेगा। इन्हीं मुख्य पिलर पर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद लाखा बंजारा झील के कायाकल्प का काम भी देखा और कार्य में गति लाने के निर्देश दिए। 
दोपहर बाद कलेक्टर सह अध्यक्ष एसएससीएल श्री दीपक आर्य, निगमायुक्त सह कार्यकारी निदेशक श्री आरपी अहिरवार और स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत ने एसआर-1 के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने ड्रेन, डक्ट, डिवाइडर आदि की डिजाइन देखी और जगह की उपलब्धता के मुताबिक आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान स्मार्ट सिटी व पीएमसी के इंजीनियर्स और संबंधित निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
Share:

छात्राओं ने जाना आत्मरक्षा के लिए कितना कारगर है निर्भया सागर एप ★ आपातकालीन स्थिति में बटन दबाते ही पुलिस के पास पहुंचती है जानकारी

छात्राओं ने जाना आत्मरक्षा के लिए कितना कारगर है निर्भया सागर एप

★ आपातकालीन स्थिति में बटन दबाते ही पुलिस के पास पहुंचती है जानकारी


★ न्यू कैंट गर्ल्स स्कूल की छात्राओं ने देखी आईसीसीसी की कार्यपद्धति

सागर । महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने निर्भया सागर एप बनाया है। आपातकालीन स्थितियों में इस एप का एसओएस बटन दबाने पर पुलिस सहायता पहुंचाई जाती है। यह जानकारी शुक्रवार को आईसीसीसी का विजिट करने आईं न्यू कैंट गर्ल्स स्कूल की कक्षा 9वीं और 10वीं की करीब 50 छात्राओं को दी गई।

छात्राओं को निर्भया सागर एप के संबंध में बताया गया कि आपातकालीन स्थिति में इसका एसओएस बटन दबाने पर लोकेशन और मोबाइल के दोनों कैमरों से फोटो खिंचकर कंट्रोल रूम पहुंच जाती हैं। इसी आधार पर पुलिस द्वारा तुरंत मदद भेजी जाती है। इस एप में आप सुरक्षित और असुरक्षित इलाका भी देख सकते हैं। सफर करने के लिए यह एप सुरक्षित रूट भी बताता है। सामान गुम या चोरी होने पर या आसपास कहीं कोई अपराध होता दिखे, तो इसकी सूचना भी एप के माध्यम से पुलिस को दी जा सकती है। निर्भया सागर एप प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) सागर के विभिन्न प्रशासनिक विभागों की सेवाओं को एक प्लेटफार्म से जोडकर मॉनीटरिंग एवं कंट्रोल का काम कर रहा है। शहर में इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) सडक पर होने वाली सभी गतिविधियों पर नजर रखता है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सर्विसेज, डायल 108, ई-पालिका, सीएम हेल्पलाइन, पब्लिक टॉयलेट फीडबैक, सेफ सिटी कैमरा सर्विलांस जैसी अन्य सुविधाओं की मॉनीटरिंग भी आईसीसीसी से की जा रही है। 

इस दौरान बताया गया कि शहर के पांच एंट्री-एग्जिट प्वाइंट और 19 प्रमुख स्थानों पर कैमरों की नजर रहती है। ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्नीशन सिस्टम वाहन की नंबर प्लेट को रियल टाइम ट्रैक करने का काम करता है। एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम से चौराहों की रियल टाइम निगरानी कंट्रोल रूम से की जाती है। रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम लालबत्ती, स्टॉप लाइन उल्लंघन या गलत दिशा में वाहन मोडने आदि की घटनाओं को पकडता है। इससे ई-चालान जारी करने में मदद मिलती है। इसके अलावा स्पीड वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम से वाहनों द्वारा निर्धारित गति के उल्लंघन के मामले पकड में आते हैं। छात्राओं को बताया गया कि इमरजेंसी कॉल बॉक्स (ईसीबी) सिस्टम का उपयोग आपातकालीन स्थितियों या दुर्घटना के मामले में मदद प्राप्त करने के लिए लोगों द्वारा किया जाता है। यूनिट में लगा बटन दबाने से आईसीसीसी और पुलिस विभाग के ऑपरेटर से संपर्क होता है, जो तत्काल आपातकालीन सहायता दल को घटनास्थल पर भेजता है।

Share:

पंचायत चुनाव : OBC के लिए आरक्षित पदों को छोड़कर शेष पदों के लिए जारी रहेगी निर्वाचन प्रक्रिया

पंचायत चुनाव : OBC  के लिए आरक्षित पदों को छोड़कर शेष पदों के लिए जारी रहेगी निर्वाचन प्रक्रिया

सागर ।  आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग श्री बसंत प्रताप सिंह ने  जानकारी दी है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन में मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 के लिए जारी कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पंच ,सरपंच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार अन्य पदों के लिए निर्वाचन की प्रक्रिया राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगी।

         श्री सिंह ने कहा है कि आज सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर विचार के लिए अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में के.कृष्णमूर्ति एवं विकास किशन राव गवली प्रकरण में दिए गए निर्णय का भी अध्ययन किया गया । श्री सिंह ने बताया कि राज्य सरकार को पत्र लिख रहे हैं की माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों के संबंध में रि-नोटिफाई करने की कार्रवाई एक सप्ताह में करके आयोग को सूचित करें, जिससे इन स्थानों पर यथाशीघ्र निर्वाचन करवाया जा सके। उन्होंने बताया कि आरक्षण के संबंध में कार्यवाही का अधिकार राज्य सरकार को है। श्री सिंह ने कहा है कि जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि दिनांक 17 दिसंबर 2021 तक अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा उनके लिए आरक्षित पदों के लिए जो नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए गए हैं, उन्हें सुरक्षित रखा जाए। 
Share:

SAGAR : शिशु मृत्यु की समीक्षा , सात विकासखण्डों की उपलब्धि कम, जारी होंगे नोटिस

SAGAR : शिशु मृत्यु की समीक्षा , सात विकासखण्डों की उपलब्धि कम, जारी होंगे नोटिस

सागर ।  कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी में शिशु मृत्यु की विकासखंडवार समीक्षा बैठक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश बौद्ध द्वारा ली गई। जिसमें पी.पी.टी. द्वारा प्राप्त दिशा निर्देशों की बिंदुवार जानकारी उपस्थित सभी को दी गई।
बैठक में रहली, मॉलथौन, केसली बी.एम.ओ. एवं अन्य विकासखंड से मेडीकल ऑफीसर, प्रभारी डी.पी.एम., डी.सी.एम., बी.पी.एम., बी.सी.एम. आदि को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि अपने क्षेत्र में जितनी भी शिशु मृत्यु अप्रैल से नवंबर 2021 तक हुई हैं उनकी सूक्ष्मता से समीक्षा करते हुये निर्धारित प्रपत्र में सी.डी.आर. पोर्टल पर पूर्ण जानकारी प्रदर्शित होना चाहिये।
साथ ही शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शिशु मृत्यु के कारणों का पता लगाये और निगरानी रखी जावे ताकि शिशु की सुरक्षा की जावे। प्राईवेट नर्सिंग होम्स में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु की जानकारी जिला कम्यूनिटी मोबिलाईजर द्वारा प्राप्त कर सी.डी.आर. पोर्टल में एन्ट्री करने के निर्देश दिये गये।
समीक्षा बैठक में शिशु मृत्यु कार्य की उपलब्धि कम होने वाले विकासखंड मॉलथौन 17 प्रतिशत, रहली 13 प्रतिशत, बीना 15 प्रतिशत, शाहगढ़ 22 प्रतिशत, बंडा 26 प्रतिशत, देवरी 27 प्रतिशत एवं एस.एन.सी.यू. सागर की शिशु मृत्यु 12 प्रतिशत होने के कारण प्रभारी को नोटिस जारी किये जावेगें।
जिला स्वास्थ्य समिति में शिशु मृत्यु समीक्षा हेतु 0 से 28 दिवस के अंदर मृत्यु का एक प्रकरण एस.एन.सी.यू. सागर एवं 29 दिवस से 01 वर्ष के अंदर शिशु मृत्यु का एक प्रकरण जिला चिकित्सालय सागर की समीक्षा की जावेगी। इस समीक्षा बैठक में डॉ एस.आर.रोशन जिला टीकाकरण अधिकारी, डॉ आर.एस.जयंत, डॉ एम.एल.जैन, डॉ अंकित जैन बी.एम.सी.,शिशु रोग विशेषज्ञ भाग्योदय अस्पताल सागर, बी.एम.ओ. एवं प्रभारी डी.पी.एम., डी.सी.एम.,ए.पी.एम. बी.पी.एम., बी.सी.एम. उपस्थित रहे।

Share:

वैज्ञानिक होना आवश्यक नही वैज्ञानिक दृष्टिकोण होना आवश्यक है - कमिश्नर मुकेश शुक्ला ★ अभियोजन अधिकारियों की सम्भागीय कार्यशाला

वैज्ञानिक होना आवश्यक नही वैज्ञानिक दृष्टिकोण होना आवश्यक है - कमिश्नर मुकेश शुक्ला 

★ अभियोजन अधिकारियों की सम्भागीय कार्यशाला

सागर। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफ.एस.एल.) सागर में  आज दिनांक 18.12.2021को अभियोजन अधिकारियों की व्यवसायिक दक्षता संवर्धन हेतु एक दिवसीय संभागीय कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमे छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह एवं सागर जिला एवं तहसील से अभियोजन अधिकारीगण सम्मिलित हुए। 

अभियोजन के मीडिया प्रभारी श्री सौरभ डिम्हा ने बताया कि आज दिनांक को लोक अभियोजन संचालनालय संचालक/महानिदेशक श्रीमान अन्वेष मंगलम (आई.पी.एस.), भोपाल के आदेश के पालन में विधि विज्ञान प्रयोगशाला(एफ.एस.एल.) सागर में एक दिवसीय संभागीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि श्री मुकेश कुमार शुक्ला (भा.प्र.से.) कमिश्नर सागर संभाग  , उप-संचालक (अभियोजन) श्री अनिल कटारें, अति/प्रभारी जिला अभियोजन अधिकारी धर्मेंद्र सिंह तारन, अति डी. पी.ओ. शिव संजय उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एडीपीओ श्री पारस मित्तल  एवं डॉ पंकज पांडेय (वैज्ञानिक अधिकारी, एफ.एस.एल) द्वारा किया गया। 

कार्यक्रम का  उदघाटन- कार्यक्रम का उद्घाटन  मुख्य अतिथि श्री मुकेश कुमार शुक्ला (भा.प्र.से.) कमिश्नर सागर संभाग  द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।  मुख्य अतिथि सागर कमिश्नर का स्वागत प्रभारी जिला अभियोजन अधिकारी धर्मेंद्र सिंह तारन ने पुष्प गुच्छ भेंट कर किया। मुख्य अथिति श्री मुकेश कुमार शुक्ला कमिश्नर सागर संभाग ने व्यासायिक दक्षता बढ़ाने के लिए तकनीकी रूप से शसक्त होने समय एवम परिस्थिति के अनुसार अपने आप को अपडेट करने की आवश्यकता बताई।

उप-संचालक (अभियोजन) अनिल कुमार कटारे द्वारा कार्यशाला के उदेद्श्य और उसकी रूपरेखा पर प्रकाश डाला,  साथही  स्वागत भाषण में श्रीमती हर्षा सिंह (निदेशक एफ. एस. एल. सागर) ने अपराधों के निराकरण में एफ़ एस एल और विज्ञान की भूमिका को बताया। 

व्याख्यान एवं परिचर्चा- कार्यक्रम  के प्रथम सत्र में डॉक्टर प्रशांत भट्ट  ( वैज्ञानिक अधिकारी रसायन शाखा सागर) द्वारा फोरेंसिक टॉक्सिकोलॉजी के  बारे में बताया गया। डॉ डी. डी. बंसल (वैज्ञानिक अधिकारी डीएनए शाखा सागर) द्वारा डीएनए साक्ष्य के बारे में बताया गया। 

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में  श्री अंकित बोहरे द्वारा व्यसायिक दक्षता में व्यक्तित्व विकास  के संबंध में जानकारी दी एवं डॉ प्रवीण झा ( वैज्ञानिक अधिकारी प्रभारी भौतिकी शाखा एफएसएल सागर) द्वारा आवाज को साक्ष्य के रूप में संबंधित नियमो के बारे में बताया।

कार्यक्रम के समापन सत्र  में उप-संचालक (अभियोजन) श्री अनिल  कटारे एवं  श्रीमती हर्षा सिंह (निदेशक एफ. एस. एल. सागर) द्वारा कार्यशाला में आये अभियोजन अधिकारीगण को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। कार्यशाला के उपरांत एडीपीओ श्री अमित जैन ने आभार व्यक्त किया।
Share:

ओबीसी केआरक्षण विरोधी है कांग्रेस : नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ★ पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर रोक को लेकर बोले


ओबीसी केआरक्षण विरोधी है कांग्रेस :  नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह
★ पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर रोक को लेकर बोले 


सागर। एमपी में पंचायत चुनावों को लेकर असमंजस बना है। कल सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी। इस मामले मे आज नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि काग्रेस हमेशा से ओबीसी विरोधी रही है। 17 दिसम्बर को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पंचायत में ओबीसी आरक्षण पर कांग्रेस ने रोक लगवाई है। काग्रेस हमेशा ओबीसी विरोधी मानसिकता की पार्टी रही है। सर्वोच्च न्यायालय में काग्रेस के राज्यसभा सदस्य श्री विवेक तन्खा द्वारा मध्यप्रदेश सरकार के पंचायतों में दिए गए 27 प्रतिशत आरक्षण के निर्णय का विरोध किया गया। 

श्री विवेक तन्खा ने अपने राजनैतिक एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए और भाजपा द्वारा मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़े वर्ग के लाभार्थियों को उनका उचित अनुपात में लाभ मिल सके इस हेतु लागू अध्यादेश वर्ष-2021 की धारा 9-अ को लागू किए जाने का तीव्र विरोध किया और इसे संविधान के अनुच्छेद 243 (सी) एवं (डी) का उल्लंघन बताते हुए इस संशोधन को निरस्त करने की मांग की थी। 



जहां एक ओर कांग्रेस यह बतलाने की पुरजोर कोशिश करती रही है कि, वे ओबीसी के पक्षधर हैं। वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा बहुसंख्यक ओबीसी वर्ग को उचित अधिकार और लाभ पहुंचाने के संवैधानिक एवं विधिक प्रावधानों का लगातार विरोध माननीय उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में कर रही है। जो उनके दोहरे मापदंड का परिचायक है और इससे यह स्पष्ट होता है कि वास्तव में कांग्रेस की मानसिकता ओबीसी विरोध की है। 
उन्होंने मीडिया से कहा कि  इसी तरह से पूर्व में भी शासकीय नौकरियों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा दिया गया था, उसका भी कांग्रेस ने विरोध किया था तथा हाईकोर्ट में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ठीक से पक्ष नहीं रखा इस कारण से शासकीय नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण में हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी। इसके पश्चात मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने मजबूती से हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा, उसी आधार पर तीन परीक्षाओं को छोड़कर शेष में 27 प्रतिशत आरक्षण शासकीय नौकरियों में दिया गया। मध्यप्रदेश सरकार ने संवैधानिक अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया है। जो प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के आर्थिक सामाजिक जनसंख्यात्मक विषयों पर अपना विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा। 

19 दिसम्बर को होगी चर्चा

मंत्री श्री सिंह ने बताया कि अभी सुपीम कोर्ट ने जो रोक लगाई है उसे लेकर ओबीसी के सभी संगठनों के साथ 19 दिसम्बर रविवार दोपहर 12 बजे भोपाल स्थित हमारे निवास पर एक बैठक आयोजित की जा रही है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।

दोषी है कांग्रेस

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी के आरक्षण पर अडंगा लगाए जाने की एकमात्र दोषी कांग्रेस है ,यह ताजा घटनाक्रम से सिद्ध हो चुका है। कांग्रेस ने जिसतरह साथ कुछ लोगों के माध्यम से याचिकाएं लगवा कर  और  अपनी पार्टी के ही नेताओं को वकील के रूप में खड़ा कर के ओबीसी आरक्षण स्थगित कराया है उससे कांग्रेस का ओबीसी वर्ग के खिलाफ काम करनेवाले वाला असली चेहरा बेनकाब हो गया है। 
शिवराज सरकार ने बड़े ही पवित्र भाव साथ से ओबीसी वर्ग की पुरानी मांग को पूरा करते हुए 27 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था। कांग्रेस ने इस आरक्षण के निर्णय को न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझा कर पिछड़ा वर्ग के प्रति अपनी दुर्भावना को स्पष्ट कर दिया है।  
मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ावर्ग की जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक। ये सभी समाज में पिछड़े और गरीब लोग हैं। जिन्हें भाजपा सरकार ने संकल्पित होकर अन्य  पिछड़ा वर्ग को  27 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है।  

हमारी विकास, सामाजिक न्याय व समरस समाज बनाने की जो संकल्पना है कि हम सभी वर्गों का विकास चाहते हैं। इसमें अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति या ओबीसी हो और आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ वर्ग हो सभी को संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत न्याय देकर आगे बढ़ाने का काम हमारी सरकार ने किया है यही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रमोदी जी का सबका साथ, सबका विकास का नारा है। ओबीसी समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी की प्रतिबद्धता सारे देश के सामने स्पष्ट है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस दिशा में कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। पिछले दिनों ओबीसी के कल्याण के लिए जो निर्णय लिए गए, उसके कारण से ओबीसी के समुदाय में एक विश्वास का भाव जागृत हुआ है। ओबीसी की केन्द्रीय सूची का दर्जा बढ़ा कर सूची को संवैधानिक दर्जा देने का काम आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार के द्वारा किया गया। इस ओबीसी की केन्द्रीय सूची में परिवर्तन करने के लिए संसद को शक्ति प्रदान की गई। संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा दिया। 
उन्होंने कहा कि  अभी पिछले दिनों जो निर्णय हुआ, उसमें मेडिकल काॅलेजों, डेंटल काॅलेजों के अखिल भारतीय कोटे में ओ.बी.सी. के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया। इससे प्रत्येक वर्ष मेडिकल काॅलेजों में ओबीसी के छात्रों को लगभग चार हजार अतिरिक्त सीटें उपलब्ध होंगी। 
संविधान में पिछडे़ वर्ग के आरक्षण की व्यवस्था तो संविधान के निर्माताओं ने की थी। कांग्रेस पार्टी वर्ष 1950 में शासन में आई थी, लेकिन पिछड़े वर्ग के लिए वर्ष 1950 में संविधान आने के बाद काका कालेलकर कमीशन बना। कांग्रेस ने 40 साल तक शासन किया, लेकिन काका कालेलकर कमीशन को न्याय नहीं दिया, पिछड़ों को न्याय नहीं दिया। जनता पार्टी का शासन आया था, तब मंडल आयोग बना था। मंडल आयोग ने भी वर्ष 1980 में अपनी रिपोर्ट को फाइल किया था। उसके बाद भी कांग्रेस ने छह साल तक शासन चलाया, लेकिन पिछड़े वर्ग को आरक्षण कांग्रेस ने नहीं दिया। 



Share:

भाग्योदय अस्पताल - मोतीनगर चौराहा रोड : भवनों को हटाये जाने की कार्यवाही जारी ★ कलेक्टर एवं निगमायुक्त ने कराया रोड का माप , निगम के कार्यपालन यंत्री का मकान नही बना बाधक

भाग्योदय अस्पताल - मोतीनगर चौराहा  रोड : भवनों को हटाये जाने की कार्यवाही जारी 
★ कलेक्टर एवं निगमायुक्त ने कराया रोड का माप , निगम के कार्यपालन यंत्री का मकान नही बना बाधक

सागर ।  नगर निगम द्वारा भाग्योदय अस्पताल के सामने से भूतेश्वर मंदिर होते हुये मोतीनगर चौराहा तक बनने वाली रोड़ में बाधक बने कच्चे / पक्के मकानों को हटाये जाने की कार्यवाही तीसरे दिन भी जारी रही जिसके अंतर्गत भूतेश्वर मंदिर के सामने से लेकर भाग्योदय की ओर सड़क निर्माण कार्य में बाधक बने मकानों / पटरों को हटाने की कार्यवाही की गई।
कार्यवाही के दौरान कलेक्टर श्री दीपक आर्य, निगमायुक्त श्री आर पी अहिरवार, नगरदण्डाधिकारी श्री शैलेन्द्रसिंह, स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ.श्री राहुलसिंह स्थल पर पहुॅचें और अपने समक्ष बनने वाली रोड का माप कराया और रोड निर्माण कार्य में बाधक बन रहे हिस्से को चिन्हित कराकर उसको तुड़वाये जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।




इस कार्यवाही दौरान सबसे पहिले निगम के कार्यपालन यंत्री श्री लखनलाल साहू जिनका घर बनने वाली रोड के किनारे बना है, उसकी माप कलेक्टर एवं निगमायुक्त ने अपने समक्ष करायी लेकिन माप करने के दौरान उनका मकान रोड निर्माण में बाधक नहीं पाया गया है। लखन साहू के मकान को लेकर क्षेत्र के लोगो ने इस आशय का विरोध दर्ज कराया था कि साहू का मकान भी बाधक बना है । इसे तोड़ा जाए। विरोध चलते निगम का अमला काम छोड़कर चला गया था। आज नपाई का काम हुआ।   इसके बाद उनके बाजू में बने श्री महेश कोरी के मकान की भी माप करायी जिसमें श्री महेश कोरी के मकान का गेट एवं मकान का कुछ हिस्सा बनने वाली रोड निर्माण कार्य में बाधक पाया गया है जिसको चिन्हित करते हुये तोड़ने की कार्यवाही जे.सी.बी.मशीन से करायी। इसके पश्चात् श्री पंकज साहू के मकान का माप कराया गया जिसमें उनका गेट एवं मकान की कुछ दीवार का हिस्सा रोड निर्माण में बाधक होने के कारण तोड़ने की कार्यवाही की गई साथ ही इस दौरान कुछ रहवासियों ने अपने मकान के कुछ हिस्से जिन्हंे निगम द्वरा चिन्हित किया गया थाा उसको हटा लिया गया है। 

कार्यवाही के दौरान सहायक आयुक्त श्री राजेशसिंह राजपूत, प्र.कार्यपालन यंत्री श्री लखनलाल साहू,, श्री रमेश चौधरी, उपयंत्री श्री राजकुमार साहू, अतिक्रमण प्रभारी श्री शिवनारायण रैकवार एवं अतिक्रमण दस्ता सहित पुलिस एवं नगर निगम के अधिकारी उपस्थित थे।
जनसंपर्क प्रभारी

Share:

SAGAR : सूदखोरों के विरुद्ध विशेष अभियान , पुलिस ने की 8 सूदखारों पर कार्यवाही

SAGAR : सूदखोरों के विरुद्ध विशेष अभियान , पुलिस ने की 8 सूदखारों पर कार्यवाही


सागर। पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदेश स्तर पर सूदखोरो (अवैध साहूकारो) के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जा रहा है।पुलिस अधीक्षक सागर ने सभी थाना प्रभारियों को अवैध साहूकारों एवं ऋण
माफियाओं के विरुद्ध जागरुकता अभियान चलाया । जनसामान्य को
जागरूक किये जाने हेतु आदेशित किया था। इसी के तहत अति0 पुलिस
अधीक्षक सागर के निर्देशन मे विभिन्न थानों द्वारा 08 सूदखोरों पर कार्यवाही की गई। उक्त व्यक्ति अधिक ब्याज दर पर पैसे देकर कई वर्षों से लगातार अवैध व अनियमित वसूली कर व्यक्तियों को परेशान करते थे । उनकी जानकारी पुलिस को प्राप्त होने पर थाना मोतीनगर मे 4 व थाना रहली मे 2, थाना बीना एवं बंडा मे 1-1 कुल 08 व्यक्तियों पर 3,4 म0प्र0 ऋणियों का संरक्षण अधि0 के तहत प्रकरण कायम कर उचित कार्यवाही की गई। ज्ञात इस अभियान तहत जिला स्तर पर एक चलित वाहन के माध्यम से जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रो में विशेष शिविर लगाकर सूदखोरो व अपंजीकृत साहूकारों एवं संस्थाओं के विरुद्ध शिकायते व सूचना प्राप्त की जा रही है जिसमें कोई भी अवैध साहूकारों एवं ऋण
माफियाओं से पीडित व्यक्ति उक्त चलित वाहन यो थाना आकर जानकारी दे सकता है।

Share:

Archive