सौंदर्य माधुर्य वीरता के निधान श्रीराम - आचार्य ब्रजपाल शुक्ल ,नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव पहुचे कथा में
सागर।सागर के ग्राम ढाना दीपक तिवारी के निवास पर चल रही राम कथा के तीसरे दिन ब्रजपालजी ने कथा में कहा किसंसार मे निर्विकार सौंदर्य प्राप्त नही होता। सौंदर्य में विकार होता ही है। सुंदरता को देखकर के भी विकार उतपन्न होता है तथा जिसमे सुंदरता होती है उसमें भी विकार उतपन्न होता है किंतु निर्गुण निराकार भगवान जब साकार रूप धारण करते है तब उनके सौंदर्य को देखकर विकार पुरुषों का मन भी निर्विकार हो जाता है।जनकपुर में श्रीराम के सहज सौंदर्य को देखकरके देखने वाले के नेत्रों में आंसू भर आये विकार मन निर्विकार हो गया। उसी श्रीराम को जब महाराज जनक ने देखा तो उनका ब्रह्मज्ञान शिथिल हो गया और राम को ही साक्षात ब्रह्म रूप में देखने लगे कि यह आनंद स्वरूप ब्रह्म है।तुलसी ने कहा है
मूरति मधुर मनोहर देखी।
भयउ विदेह विदेह विषेखी ।।
उन्होंने कहा कि संसार के सभी जीवों से लेकर ऋषि मुनि तक संसार की सुंदरता को देख करके भ्रष्ट हो जाते है किंतु राम की मधुर मूर्ति को देखकर महाराज जनक जैसे ज्ञानी पुरुष भी अपने ज्ञान मार्ग को छोड़कर भक्ति मार्ग में बह जाते है।भगवान की सुंदरता का अनुभव भक्तो को ही होता है ज्ञानियो को नही होता। ज्ञानीजन सभी जीवों के ह्रदय में भगवान को देख सकते हैं लेकिन जो आनन्द साकार स्वरूप में खड़े हुए भगवान को देखकर आनन्द आता है वह आनन्द तो योगियों को भी नही आता।ज्ञानी, अज्ञानी, मूर्ख, बालक, वृद्ध, स्त्री-पुरुष सभी को समान रूप से एक जैसा ही आनन्द आ रहा है। श्रीराम को देखकर जैसा अनुभव वृद्धो को हो रहा है वही अनुभव बालको को हो रहा है। जैसा अनुभव स्त्रियों को हो रहा है वैसा ही अनुभव पुरुषों को हो रहा है।यही श्रीराम के सौंदर्य का विलक्षण प्रभाव है।श्रीराम जिसकी भी ओर अपने कमल नेत्रो से देख लेते है वह समाधिस्त हो जाता है।संसार का सौंदर्य सभी जीवों के भोग का साधन है किंतु भगवान की सुंदरता संसार के भोग्य पदार्थो से निवृत्ति का साधन है।
इसलिए सौंदर्य वही है जो निर्विकार कर दे, माधुर्य वही है जो आनन्द मे मग्न कर दे, लावण्य वही है जो संसारसे विरक्त कर दे और यह गुण मात्र भगवान में ही है संसार मे नही।
कथा में ये हुए शामिल
आज की कथा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, मध्यप्रदेश सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता अजय गुप्ता, पूर्व विधायक सुनील जैन,नारायण प्रसाद कबीरपंथी, शासकीय अधिवक्ता राम अवतार तिवारी,हनुमान प्रसाद तिवारी,रादेष तिवारी,राजेन्द्र जारोलिया आदि ने कथा श्रवण व आचार्य जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।