*साल भर में बढ़े 7 लाख शिक्षित बेरोजगार
*दूध के मिलावटखोरों पर 45 लाख का जुर्माना
विधानसभा में भूपेंद्रसिंह के प्रश्नों के जवाव
सागर। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में 7 लाख की वृद्धि हुई है। सरकार का एक साल पूरा होने पर विज्ञापनों में गुणगान किया जा रहा है कि युवाओं को रोजगार तथा स्वरोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध करवाने के लिए अनेक रणनीतिक कदम उठाये हैं। जबकि हकीकत ऊँट के मुँह में जीरा जैसी है। जिसका खुलासा विधानसभा में पूर्व गृहमंत्री एवं खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर सरकार के जबाब में हुआ है।
बुधवार को विधानसभा में पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक भूपेन्द्र सिंह ने प्रश्न किया कि प्रदेश में अक्टूबर 2018 एवं अक्टूबर 2019 में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों का ब्यौरा क्या है और कितने बेरोजगारों को शासकीय अथवा निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया है ? जबाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बताया है कि प्रदेश में अक्टूबर 2018 में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 20,77,222 एवं अक्टूबर 2019 में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 27,79,725 है। अर्थात बीते एक साल में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में 7 लाख 2503 की वृद्धि हुई है। जबकि 15 अक्टूबर 2018 से 15 नवम्बर 2019 के मध्य शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्रदाय करने के लिए मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन मुख्यमंत्री स्वभिमान योजना तथा मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना के अंतर्गत मेगा स्किल ट्रेनिंग सेन्टर की स्थापना हेतु लघु अवधि के कौशल प्रशिक्षण हेतु निजि प्रशिक्षण प्रदाताओं का चयन किया जा चुका है एवं प्रशिक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है, प्रशिक्षण उपरांत प्रशिक्षणार्थियों का चयन प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा किया जावेगा। पूर्व में संचालित मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना अंतर्गत निजी क्षेत्रों में 7722 प्रशिक्षणार्थियों का नियोजन किया गया है। जाॅव फेयर योजना के तहत 15 दिसम्बर 2018 से 15 नवम्बर 2019 के मध्य जाॅव फेयर आयोजित कर 17506 शिक्षित बेरोजगारों को निजी क्षेत्रों में नियुक्ति हेतु चयनित करवाया गया। विभिन्न जिलों में नियोजन कंपनी के माध्यम से आईटीआई प्रशिक्षणार्थियों के लिए प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन कर 15 दिसम्बर 2018 से 15 नवम्बर 2019 के मध्य 2520 आईटीआई उत्तीर्ण छात्रों का विभिन्न कंपनियों द्वारा चयन किया गया है। गौरतलब है कि सरकार के उक्त जबाब से यह पता नहीं चलता कि निजी क्षेत्रों में नियुक्ति हेतु चयनित 20026 युवाओं में से कितनों को रोजगार मिला। प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार देने में हालत कितनी पतली है, इसका नमूना मुख्यमंत्री के जबाब में है, जिसमें बताया गया है कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित संयुक्त भर्ती परीक्षा 2018 में कौशल विकास संचालनालय द्वारा सहायक ग्रेड-3 के सात पदों पर नियुक्ति की गई है।
मिलावटखोरों पर जुर्माना ठोक कर 45 लाख से अधिक कमाये
पूर्व गृहमंत्री एवं खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट ने जबाब दिया है कि प्रदेश में जून 2019 से अब तक दूध के 1459 एवं दुग्ध उत्पादों के 3242 नमूने जाॅच हेतु लिए गए हैं। उक्त कुल 4701 नमूनों में से 821 अमानक पाये गए जिनमें से 34 नमूनों में केमिकल पाया गया। उपरोक्त कार्रवाई के अलावा इस अवधि में सक्षम न्यायालयों में दर्ज 266 में से 108 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 45,38,700 रूपए जुर्माना किया गया। दूध एवं दुग्ध उत्पादों सहित अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट होने पर स्थानीय जिला कलेक्टर द्वारा 30 प्रकरणों में रासुका के तहत कर्रवाई की गई है।
*साल भर में 18810 करोड़ का बाजार ऋण लिया सरकार ने
पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर वित्तमंत्री तरूण भनोत ने बताया है कि प्रदेश सरकार द्वारा दिसम्बर 2018 से 4 दिसम्बर 2019 तक कुल 18810 करोड़ का बाजार ऋण लिया गया है। बाजार ऋण के अलावा अन्य ऋणों के संबंध में महालेखाकार से अंकेक्षित आंकड़े प्राप्त नहीं हुए है। वर्ष 2019-20 के बजट में फसल ऋण माफी योजना हेतु 8000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कोटपा एक्ट में दर्ज प्रकरण
विधायक भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ने बताया है कि जनवरी 2019 से अभी तक सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 (कोटपा एक्ट) के तहत प्रदेश में 2025 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।