मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन में जन प्रतिनिधियों, आमजनों की राय शुमारी करके ही प्रस्ताव तैयार करें: सदस्य मनोज श्रीवास्तव
तीनबत्ती न्यूज : 15 अक्टूबर ,2024सागर : मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन में जन प्रतिनिधियों, आमजनों की राय सुमारी करके ही प्रस्ताव तैयार करें एवं पुनर्गठन में नागरिकों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए साथ ही पुनर्गठन करते समय जीपीएस एवं गूगल मैप का भी प्रयोग करें। उक्त निर्देश मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग परिसीमन आयोग के सदस्य आईएएस सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश श्री मनोज श्रीवास्तव ने आज सागर संभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर कार्यालय के एनआईसी में दिए।
इस अवसर पर संभाग कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, अपर कमिश्नर पवन जैन, कलेक्टर संदीप जी आर, डिप्टी कमिश्नर भू-अभिलेख विमलेश सिंह पेन्डो, अपर कलेक्टर श्रुपेश उपाध्याय, जॉइंट कमिश्नर विनय द्विवेदी, राकेश जैन सहित समस्त सागर संभाग के जिलों के कलेक्टर मौजूद थे।
परिसीमन आयोग के सदस्य श्री मनोज श्रीवास्तव ने सागर संभाग की समीक्षा में निर्देश दिए की किसी भी जिले, तहसील, विकासखंड, ग्राम, नगरीय निकाय के पुनर्गठन में विशेष रूप से जन प्रतिनिधियों, आमजन, सामाजिक संगठन, ग्रामीण व्यक्ति, किसान, स्वयं सेवी संस्थाएं के पदाधिकारी सदस्यों से चर्चा करें। चर्चा करने के उपरांत ही आगे की कार्रवाई की जावे।
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श्री श्रीवास्तव ने निर्देश दिए कि पुनर्गठन के दौरान सीमांकन करते समय जीपीएस एवं गूगल मैप का भी प्रयोग करें जिससे कि वस्तु की स्थिति एवं दूरी ज्ञात हो सके। उन्होंने सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार कर संभाग कमिश्नर के समक्ष प्रस्तुत करें जिससे कि संभाग कमिश्नर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित कर सकें और शासन की मंशानुसार कार्रवाई की जा सके।
परिसीमन आयोग के सदस्य श्री मनोज श्रीवास्तव ने युक्तियुक्तकरण पर बताया कि मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग अपना कार्य कर रहा है और उसके अंतर्गत नागरिकों से अपेक्षा है कि लोग अपने-अपने महत्वपूर्ण सुझाव दें और प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन में संभागीय इकाई, जिला, वन विभाग, तहसील, ब्लॉक जो भी इकाईयां आती हैं, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, सोशल वर्कर्स, एनजीओ के एडमिनिस्ट्रेटिव आदि सभी से इस विषय पर राय लेनी है, पब्लिक हियरिंग करनी है। इसके अलावा जो आयोग की वेबसाइट, पोर्टल बनने जा रहा है इसके माध्यम से भी लोगों से सुझाव लेंगे।
सदस्य श्री श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे यहां लोक और तंत्र के बीच की जो दूरी है इसके चलते लोगों को कीमत चुकानी पड़ती है। जिससे उनका समय, ऊर्जा और धन सब में इसके प्रभाव पड़ते हैं। इसका कैसे हम ऑप्टिमाइजेशन कर सके एडमिनिस्ट्रेटिव यूनिट और ऑर्गनाइजेशन के जरिए जो एक कोशिश की जा रही है इसी के तहत मैं यह अपील करता हूँ की सभी लोग अपने-अपने अनुभव और अपने-अपने पक्ष को पूरे तर्कों के साथ प्रस्तुत करें ताकि युक्तियुक्तकरण का काम जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।
श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य शासन, एतद् द्वारा, राज्य की प्रशासनिक इकाईयों यथा संभाग, जिला, उपखण्ड, तहसील एवं जनपद/विकासखंड के परिसीमन (सृजन एवं सीमाओं में परिवर्तन) एवं युक्तियुक्तकरण के लिये मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग गठित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है।
प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जन अपेक्षाओं के आधार पर और अधिक जनोन्मुखी एवं सुलभ प्रशासन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्तमान संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद/विकासखण्ड प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन के संबंध में अनुशंसाएँ, भविष्य में नवीन प्रशासनिक इकाइयों के गठन हेतु मार्गदर्शी सिद्धान्तों के संबंध में अनुशंसाएँ, प्रशासनिक इकाईयों की पद संरचना एवं उनके आकार एवं कार्यों के अनुपात में पदों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासनिक इकाईयों की पदीय संरचना के युक्तियुक्तकरण की अनुशंसाएँ, प्रशासनिक इकाईयों के पुर्नगठन हेतु संबंधित संभाग/जिलों का भ्रमण कर सुझाव प्राप्त करना एवं प्रशासनिक इकाईयों की दक्षता बढ़ाने हेतु अन्य अनुशंसाएँ।
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श्री श्रीवास्तव ने बताया कि आयोग तीन सदस्यीय होगा, इनमें से एक सदस्य आयोग का अध्यक्ष होगा। उन्होंने बताया कि यह आम जनता की जरूरत के हिसाब से संभाग, जिला, तहसील एवं विकासखंड की सीमाओं में परिवर्तन का खांका तैयार करेगा जिसमें प्रदेश में वर्तमान जिलों की संख्या घट बढ़ सकती है।
श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि आयोग के द्वारा भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जनता को आसानी से प्रशासनिक सेवाएं देने के लिए वर्तमान संभाग, जिला, तहसील और जनपद, विकासखंडों पर सुझाव लिए जाएंगे, भविष्य में नई प्रशासनिक इकाइयाँ बनाने पर विचार किया जाएगा।
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