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मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन में जन प्रतिनिधियों, आमजनों की राय शुमारी करके ही प्रस्ताव तैयार करें: सदस्य मनोज श्रीवास्तव

मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन में जन प्रतिनिधियों, आमजनों की राय शुमारी करके ही प्रस्ताव तैयार करें: सदस्य मनोज श्रीवास्तव


तीनबत्ती न्यूज : 15 अक्टूबर ,2024

सागर :  मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन में जन प्रतिनिधियों, आमजनों की राय सुमारी करके ही प्रस्ताव तैयार करें एवं पुनर्गठन में नागरिकों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए साथ ही पुनर्गठन करते समय जीपीएस एवं गूगल मैप का भी प्रयोग करें। उक्त निर्देश मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग परिसीमन आयोग के सदस्य आईएएस सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश श्री मनोज श्रीवास्तव ने आज सागर संभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर कार्यालय के एनआईसी में दिए।
इस अवसर पर संभाग कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, अपर कमिश्नर पवन जैन, कलेक्टर  संदीप जी आर, डिप्टी कमिश्नर भू-अभिलेख विमलेश सिंह पेन्डो, अपर कलेक्टर श्रुपेश उपाध्याय, जॉइंट कमिश्नर विनय द्विवेदी, राकेश जैन सहित समस्त सागर संभाग के जिलों के कलेक्टर मौजूद थे।
परिसीमन आयोग के सदस्य श्री मनोज श्रीवास्तव ने सागर संभाग की समीक्षा में निर्देश दिए की किसी भी जिले, तहसील, विकासखंड, ग्राम, नगरीय निकाय के पुनर्गठन में विशेष रूप से जन प्रतिनिधियों, आमजन, सामाजिक संगठन, ग्रामीण व्यक्ति, किसान, स्वयं सेवी संस्थाएं के पदाधिकारी सदस्यों से चर्चा करें। चर्चा करने के उपरांत ही आगे की कार्रवाई की जावे।

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श्री श्रीवास्तव ने निर्देश दिए कि पुनर्गठन के दौरान सीमांकन करते समय जीपीएस एवं गूगल मैप का भी प्रयोग करें जिससे कि वस्तु की स्थिति एवं दूरी ज्ञात हो सके। उन्होंने सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार कर संभाग कमिश्नर के समक्ष प्रस्तुत करें जिससे कि संभाग कमिश्नर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित कर सकें और शासन की मंशानुसार कार्रवाई की जा सके।

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परिसीमन आयोग के सदस्य श्री मनोज श्रीवास्तव ने युक्तियुक्तकरण पर बताया कि मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग अपना कार्य कर रहा है और उसके अंतर्गत नागरिकों से अपेक्षा है कि लोग अपने-अपने महत्वपूर्ण सुझाव दें और प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन में संभागीय इकाई, जिला, वन विभाग, तहसील, ब्लॉक जो भी इकाईयां आती हैं,  राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, सोशल वर्कर्स, एनजीओ के एडमिनिस्ट्रेटिव आदि सभी से इस विषय पर राय लेनी है, पब्लिक हियरिंग करनी है। इसके अलावा जो आयोग की वेबसाइट, पोर्टल बनने जा रहा है इसके माध्यम से भी लोगों से सुझाव लेंगे।

सदस्य श्री श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे यहां लोक और तंत्र के बीच की जो दूरी है इसके चलते लोगों को कीमत चुकानी पड़ती है। जिससे उनका समय, ऊर्जा और धन सब में इसके प्रभाव पड़ते हैं। इसका कैसे हम ऑप्टिमाइजेशन कर सके एडमिनिस्ट्रेटिव यूनिट और ऑर्गनाइजेशन के जरिए जो एक कोशिश की जा रही है इसी के तहत मैं यह अपील करता हूँ की सभी लोग अपने-अपने अनुभव और अपने-अपने पक्ष को पूरे तर्कों के साथ प्रस्तुत करें ताकि युक्तियुक्तकरण का काम जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।

श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य शासन, एतद् द्वारा, राज्य की प्रशासनिक इकाईयों यथा संभाग, जिला, उपखण्ड, तहसील एवं जनपद/विकासखंड के परिसीमन (सृजन एवं सीमाओं में परिवर्तन) एवं युक्तियुक्तकरण के लिये मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग गठित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है।

प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जन अपेक्षाओं के आधार पर और अधिक जनोन्मुखी एवं सुलभ प्रशासन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्तमान संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद/विकासखण्ड प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन के संबंध में अनुशंसाएँ, भविष्य में नवीन प्रशासनिक इकाइयों के गठन हेतु मार्गदर्शी सिद्धान्तों के संबंध में अनुशंसाएँ, प्रशासनिक इकाईयों की पद संरचना एवं उनके आकार एवं कार्यों के अनुपात में पदों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासनिक इकाईयों की पदीय संरचना के युक्तियुक्तकरण की अनुशंसाएँ, प्रशासनिक इकाईयों के पुर्नगठन हेतु संबंधित संभाग/जिलों का भ्रमण कर सुझाव प्राप्त करना एवं प्रशासनिक इकाईयों की दक्षता बढ़ाने हेतु अन्य अनुशंसाएँ।

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श्री श्रीवास्तव ने बताया कि आयोग तीन सदस्यीय होगा, इनमें से एक सदस्य आयोग का अध्यक्ष होगा। उन्होंने बताया कि यह आम जनता की जरूरत के हिसाब से संभाग, जिला, तहसील एवं विकासखंड की सीमाओं में परिवर्तन का खांका तैयार करेगा जिसमें प्रदेश में वर्तमान जिलों की संख्या घट बढ़ सकती है।

श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि आयोग के द्वारा भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जनता को आसानी से प्रशासनिक सेवाएं देने के लिए वर्तमान संभाग, जिला, तहसील और जनपद, विकासखंडों पर सुझाव लिए जाएंगे, भविष्य में नई प्रशासनिक इकाइयाँ बनाने पर विचार किया जाएगा।

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट के एवज में राशि मांगने के मामले में डॉ दीपक दुबे को किया गया सस्पेंड : नाराज विधायक बृज बिहारी पटेरिया दिया था इस्तीफा

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के एवज में राशि मांगने के मामले में डॉ दीपक दुबे को किया गया सस्पेंड : नाराज विधायक बृज बिहारी पटेरिया दिया था इस्तीफा 


तीनबत्ती न्यूज : 15 अक्टूबर ,2024
सागर : 

सागर जिले के देवरी विधायक बृजबिहारी पटेरिया की नाराजगी  केसली के डॉक्टर और थाना को भारी पड़ी है। सर्पदंश के मामले में डाक्टर के रिश्वत लेने के मामले की रिपोर्ट नहीं लिखे जाने पर विधायक ने थाने पर धरना दिया और अपना इस्तीफा तक दिया। जब रिपोर्ट लिखी गई तो इस्तीफा वापिस भी ले लिया। इस घटना ने सागर से लेकर भोपाल तक राजनेतिक सुर्खिया बटोरी। सीएम मोहन यादव ने  नाराज विधायक से चर्चा भी की। इस मामले में केसली थाना प्रभारी के लाईन अटैच किए जाने के बाद डाक्टर दीपक दुबे को सस्पेंड कर दिया गया है। 


कमिश्नर ने किया डॉक्टर को सस्पेंड

संभाग आयुक्त डॉ वीरेंद्र सिंह रावत ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के एवज में राशि मांगने के मामले में डॉक्टर दीपक दुबे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र केसली को निलंबित किया।
गौरतलब है कि विगत दिवस थाना केसली के अंतर्गत किस लिए स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर दीपक दुबे के द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट की आवाज में धनराशि मांगने के मामले में कलेक्टर कलेक्टर श्री संदीप जी आर  द्वारा नोटशीट  के माध्यम से प्रस्ताव प्रेषित कर लेख किया गया था कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह ठाकुर  के द्वारा अवगत कराया गया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र केसली जिला सागर में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ० दीपक दुबे के द्वारा सर्प के काटने से मृतक स्व० श्री धनसींग यादव उम्र 70 वर्ष के पोते श्री रोहित यादव से पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के एवज में मृतक के परिजनो को मिलने वाली सहायता राशि 4 लाख रू0 की 10 प्रतिशत राशि की मांग की गई एवं राशि न देने की स्थिति में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सर्प के काटने से मृत्यु का उल्लेख न कर नार्मल रिपोर्ट थाना में भेजने को कहा गया। 


राशि न देने के कारण डॉ० दुबे द्वारा मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सर्प काटने से मृत्यु होना नहीं लिखा गया। नार्मल मृत्यु की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उक्त संबंध में संबंधित मृतक के पोते रोहित यादव के द्वारा पुलिस थाना केसली में डॉ० दुबे के विरुद्ध एफ. आई.आर. भी दर्ज कराई गई है।

कलेक्टर  संदीप जी आर से प्राप्त प्रस्ताव के अवलोकन एवं परिशीलन उपरांत प्रथम   दृष्ट्या डॉ० दीपक दुबे चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र केसली जिला सागर दोषी प्रतीत हो रहे है। डॉ० दुबे द्वारा किया गया उक्त कृत्य अपने पदीय दायित्वों के प्रति अनुशासनहीनता व स्वेच्छाचारिता का द्योतक होकर म०प्र० सिविल सेवा आचरण नियम 1965  का उल्लंघन है ।


डॉ० दीपक दुबे चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र केसली जिला सागर को म०प्र० सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया ।

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संस्कार और शिक्षा का मंदिर है सरस्वती शिशु मंदिर : जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत

संस्कार और शिक्षा का मंदिर है सरस्वती शिशु मंदिर : जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत


तीनबत्ती न्यूज: 14 अक्टूबर, 2024

सागर : अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान महाकौशल प्रांत के दिशा निर्देशन में एवं ग्राम भारती सागर के तत्वाधान में जिला संस्कृति महोत्सव का एक दिवसीय कार्यक्रम सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल जरुवाखेड़ा में आयोजित किया गया । 

मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जरूरखेड़ा ग्राम से दो कलेक्टर तथा 10 इंजीनियर सहित कई यहां के लोग बड़े-बड़े पोस्टों पर आसीन है । जो यह बताता है कि हमारे गांव में प्रतिभावान बच्चों की कमी नहीं है । हमारे सामने बैठे इन बच्चों में से भी कई बच्चे भविष्य में कलेक्टर, इंजीनियर तथा अन्य बड़ी पोस्टों पर पहुंच कर देश की सेवा तथा अपने क्षेत्र का नाम रोशन करेंगे।


उन्होंने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर ऐसे शिक्षा के संस्थान है जहां बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दिए जाते हैं। आज देश में जहां भी सरस्वती शिशु मंदिर है वह किसी भी शासकीय व निजी स्कूलों से काम नहीं है सरस्वती शिशु मंदिर में होने वाली यह प्रतियोगिताएं बच्चों के बौद्धिक स्तर को बढ़ाती हैं ।इस तरह की प्रतियोगिताएं आयोजन करने के लिए आप सभी को बधाई और शुभकामनाएं ।

इस अवसर पर सह प्रांत प्रमुख अरविंद सिंह ठाकुर केशव शिक्षा समिति महाकौशल, सदस्य नाथूराम मिश्रा, जिला समन्वयक विनोद चतुर्वेदी, सरस्वती शिशु मंदिर जरुआ खेड़ा संयोजक देवेंद्र कुमार जैन भाजपा नेता डॉ सुखदेव मिश्र, देवेंद्र पप्पू  फुसकेले  सहित ग्रामवासी उपस्थित रहे।


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सागर में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर मत्री राजेंद्र शुक्ल से मुलाकात की विधायक शैलेंद्र जैन ने

सागर में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर मत्री राजेंद्र शुक्ल से मुलाकात की  विधायक शैलेंद्र जैन ने 


तीनबत्ती न्यूज : 14 अक्टूबर, 2024

सागर:  विधायक शैलेंद्र जैन ने भोपाल में  उप मुख्यमंत्री एवम स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला एवम स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव से मुलाकात कर सागर के जिला चिकित्सालय एवम बुंदेलखंड मेडिकल कालेज के मर्जर में जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सको को उनकी सेवा और अनुभव के आधार पर यथोचित स्थान दिए जाने के संबंध में चर्चा की ।जिस पर मंत्री महोदय ने सैद्धांतिक सहमति दी।

इसके अतिरिक्त सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कालेज में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के संबंध में सागर में हृदय रोगियों के इलाज के लिए कैथ लैब को रीवा की मशीन के साथ ही मंगाने का आग्रह किया। जिस पर मंत्री ने बताया की दोनो मशीनों का ऑर्डर एक साथ किया गया है,बीएमसी में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं को शुरू करने के लिए इनके कार्डियोलॉजी,न्यूरोलॉजी,ऑनकोलॉजी में पदो को सृजित करने के संबध में भी चर्चा की । जिसे मंत्री ने कैबिनेट में रखने की  बात कही। इसके अलावा सागर में कैंसर हॉस्पिटल के संबंध में बताया कि कंसल्टेंट के साथ स्थल निरीक्षण हो चुका है स्थान तय हो चुका है। उन्होंने आग्रह किया कि इसकी टेंडर प्रक्रिया को अविलंब शुरू किया जाए जिस पर मंत्री ने प्रक्रिया शुरू कराने के निर्देश दिए,इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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महेंद्र फुसकेले स्मृति पर अलंकृत हुए हरगोविंद विश्व

महेंद्र फुसकेले स्मृति पर अलंकृत हुए हरगोविंद विश्व


तीनबत्ती न्यूज : 14 अक्टूबर, 2024

सागर: प्रगतिशील लेखक संघ सागर इकाई द्वारा महेन्द्र फुसकेले स्मृति साहित्य अलंकरण 2024 समारोह एवं  महेन्द्र फुसकेले स्मरण आयोजित हुआ।महेन्द्र फुसकेले स्मृति साहित्य अलंकरण 2024 से लोकगायक, कवि श्री हरगोविंद विश्व को शॉल श्रीफल, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र एवं सम्मान निधि भेंट करते हुए सम्मानित किया।

नही रही तीनबत्तिया...

इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार लेखक कैलाश तिवारी 'विकल' ने कहा कि महेन्द्र फुसकेले रूढ़ियों को तोड़कर धनात्मक पक्ष में खड़े होने वाले व्यक्तित्व के धनी थे। उनके लेखन में बुंदेली अंचल का सांप्रदायिक सौहार्द, प्रेम, त्याग और जनहित संघर्ष की गाथा के चित्र दर्ज हैं। उनकी दृष्टि में मूल्यों और विचारों की एकता है। यह उनके निबंधों को पढ़ने से स्पष्ट भी होता है ।फुसकेले जी की वर्णनात्मक शैली को बताते हुए विकल जी ने आगे कहा फुसकेले जी ने लिखते हैं मुंशी सुन्दर लाल जैन, परमानंद स्वर्णकार, वैद्य रामसेवक दुबे, जैसे सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों की कर्मभूमि तीन बत्ती रही है। अब न रहा वह झिरना, न रहा रूसिया होटल, न रहा वह युनिवर्सिटी रेस्टोरेंट,न रही म्यूनिसिपल हाई स्कूल की सोशल गेदरिंग, न रहे वे कवि सम्मेलन- मुसायरा, न रहे शास्त्रीय गायक रिंगे साहब, अलगोजा बजाने वाला बल्लू बरौआ, न रहे हारमोनियम सुधारने और बेचने वाले कन्हैया लाल तथा काश्मीरी बट साहब जो हारमोनियम सुधारते थे और सांप पकड़ते थे, सांप खाते भी थे। अजगर सांपों के साथ सड़क किनारे मजमा लगाकर बिच्छू-सांप-गुहेरा काटने की और जले कटे की दवा बेचने वाला सत्तार खाँ नहीं रहा। सड़क किनारे दरी बिछाये मुफ्त आसन दिखाने वाला, पेट को मथानी की तरह चलाकर दिखाने वाला बाबा रामदास जोगी भी न रहा। जमुना मिठया, हबीब दर्जी, हुसैन दर्जी, बेनी तथा मुल्ला पान वाला, डॉ. गौर, गुप्ता ग्रामोफोन वाले भी न रहे। वे हिन्दू भी न रहे जो मुहर्रम में ताजिया और बुराक बनाते थे। वे मुसलमान भी न रहे जो काली उत्सव में शरीर रँगवाकर शेर बनकर देवी के समक्ष एवं सड़क पर नाचते थे। फन्नूसा कुआं के पास चाट का खोमचा लगाने वाला रम्मू पंडित भी न रहा। इन सबसे तीन बत्ती थी, ये सब तीन बत्ती से थे। वह तीन बत्तियां भी नहीं रहीं।


डॉ गजाधर सागर ने कहा कि महेन्द्र फुसकेले जी मजदूरों, शोषितों और निचले तबके की समस्याओं को उजागर करने वाले अग्रणी नेता और साहित्यकार थे, सागर नगर में यूँ तो और भी किरदार इस सोच के रहे हैं पर फुसकेले सबसे अग्रणी रहे हैं। बचपन से मैंने उन्हें देखा है मनन किया है। मुहल्ले के नाते सदैव बड़े भाई के नाम से ही सम्बोधित किया है।एक साहित्यकार के रूप में भी फुसकेले जी ने मध्यम और निम्न वर्ग की समस्याओं और सच्चाई पर खूब लिखा। कहानी, निबन्ध, उपन्यास और समाचार पत्रों में स्तम्भ लिखे जो पठनीय रहे।

टीकाराम त्रिपाठी ने कहा-श्री फुसकेले ने बुन्देलखण्ड के प्रति प्रेम प्रदर्शित करने के लिए आल्हा का गायन बीड़ी मजदूरों के अपने धरना प्रदर्शन आन्दोलन के अवसर पर कराया है, फुसकेले जी के लेखन की विषय वस्तु में प्रकृति है, पर्यावरण है, मानवीय संबंध है।वे साहित्यकार ही नहीं अपितु साहित्यकारों के कुशल मार्गदर्शक थे।



कार्यक्रम की मुख्य अतिथि-डॉ सुश्री शरद सिंह ने कहा कि स्त्रियों के जीवन की तमाम त्रासदियां किसी से छिपी नहीं हैं लेकिन उन्हें खुल कर रेखांकित करने का साहस विरलों में ही होता है। यह साहस महेन्द्र फुसकेले जी में कूट-कूट कर भरा हुआ था। एक साहित्यकार के रूप में, एक कवि के रूप में और एक अधिवक्ता के रूप में वे पहले मनुष्यत्व की दृष्टि से देखते थे फिर कोई निर्णय लेते थे। इस बात के एक नहीं, अनेक उदाहरण हैं। आज भी लोग उनके संस्मरण सुनाते हुए कई ऐसी घटनाओं की चर्चा करते हैं जिनसे उनके मानवीय मूल्यों को बाखूबी समझा जा सकता है। महेन्द्र फुसकेले जी और मैं हम दोनों परस्पर एक-दूसरे के स्पष्टवादी लेखन और स्त्रीविमर्श के विचारों के प्रशंसक थे। मेरे पहले उपन्यास ‘‘पिछले पन्ने की औरतें’’ पर कुछ लोगों द्वारा यह आक्षेप लगाया गया कि उसमें अश्लीलता है, तब फुसकेले जी ने विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में यह कहा था कि ‘‘शीलता और अश्लीलता सोचने वाले के दिमाग की उपज होती है। एक स्त्री साड़ी पहनी हुई है, किन्तु यदि कोई उसकी पांच मीटर साड़ी के बजाए उसकी चार इंच खुली कमर को देख रहा है तो इसका मतलब है कि उसकी सोच में अश्लीलता भरी हुई है। सत्य को अश्लील करार दे कर नकारना खुद के पांव पर कुल्हाड़ी मारने के समान है।’’
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार लेखक लक्ष्मीनारायण चौरसिया ने अपने उद्बोधन में सभी के विचारों पर अपने विचार व्यक्त किए और सभी वक्ताओं की भूरि भूरि प्रसंशा की, श्री फुसकेले के प्रकाशित सम्पूर्ण साहित्य पर अपने विचार व्यक्त किए।

अतिथियों का हुआ स्वागत
प्रलेस इकाई अध्यक्ष द्वारा स्वागत भाषण के साथ ही मंचासीन अतिथियों, द्वारा पुष्पांजलि से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। तत्पश्चात् मंचासीन अतिथियों का प्रलेस के महासचिव एडवोकेट पेट्रिस फुसकेले,अरुण दुबे, वीरेन्द्र प्रधान, सुश्री सुमन झुड़ेले ने स्वागत किया।
आयोजक संस्था एवं अतिथियों व फुसकेले जी के परिजनों अशोक फुसकेले प्रोफेसर नरेन्द्र जैन, श्रीमती रजनी जैन द्वारा महेन्द्र फुसकेले स्मृति साहित्य अलंकरण 2024 से लोकगायक, कवि श्री हरगोविंद विश्व को शॉल श्रीफल, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र एवं सम्मान निधि भेंट करते हुए सम्मानित किया।


डॉ नलिन जैन ने सम्मान पत्र का वाचन किया डॉ नम्रता फुसकेले ने हरगोविंद विश्व के जीवन परिचय का वाचन किया। और हरगोविंद विश्व ने अपने उद्बोधन में संस्था के प्रति आभार व्यक्त किया, साथ ही मधुर कंठ से लोकगीत गायन और उस गीत की पूर्ण व्याख्या की तो समस्त सदन भाव विभोर हो उठा।

स्मारिका का विमोचन

श्री फुसकेले जी की स्मृति में प्रतिवर्ष  प्रलेस सागर इकाई द्वारा एक स्मारिका का प्रकाशन किया जाता है इस वर्ष कवि लेखक मुकेश तिवारी द्वारा संपादित स्मारिका का विमोचन व मुकेश तिवारी का सम्मान मंचासीन अतिथियों व उमाकांत मिश्र, पूर्व विधायक सुनील जैन, डॉ मनीष झा, सुकदेव तिवारी द्वारा किया गया।

इस अवसर पर जिला अधिवक्ता संघ सागर से एडवोकेट जितेन्द्र सिंह राजपूत, राजेश पांडेय, वीरेन्द्र सिंह राजपूत डॉ अंकलेश्वर दुबे, संजय गुप्ता, सैयद नजीर, विजय सरवटे विनीत ताम्रकार, आर के पांडेय ने हरगोविंद विश्व जी का सम्मान किया।

ये रहे मोजूद

डॉ श्याम मनोहर सीरोठिया, प्रोफेसर जी एल पुणतांबेकर, प्रोफेसर सरोज गुप्ता, के के सिलाकारी, एकता समिति के चंपक भाई जैन भ्रात संघ से अशोक साहू, अजीत मलैया, अशोक पिडरुआ, साहित्यकार अशोक मिजाज बद्र, दिनेश साहू, के एल तिवारी अलबेला,  वृन्दावन राय सरल, कमल सोनी, पूरन सिंह राजपूत , डॉ एम के खरे, ममता भूरिया, आर के तिवारी, परमानंद अहिरवार, डा विनोद तिवारी, ज्योति झुड़ेले आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।अंत में प्रलेस के प्रांतीय सचिव श्री पी आर मलैया ने उपस्थित समस्त साहित्यानुरागियों और श्रोताओं सहित सभी का आभार ज्ञापित किया।

             
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