Sagar: कलेक्टर ने मरीज के साथ जमीन पर बैठकर जाने स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल ▪ दवा वितरण केंद्र पर दिव्यांगों के लिए अलग से बनाएं काउंटर: रिकॉर्ड रूम, आईसीयू में लगाए जाएं सीसीटीवी कैमरे

Sagar: कलेक्टर ने मरीज के साथ जमीन पर बैठकर जाने स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल

▪ दवा वितरण केंद्र पर दिव्यांगों के लिए अलग से बनाएं काउंटर: रिकॉर्ड रूम, आईसीयू में लगाए जाएं सीसीटीवी कैमरे




तीनबत्ती न्यूज : 06 सितंबर 2024

सागर : नवजात शिशु के डिस्चार्ज के पूर्व जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जाए। यदि किसी पात्र व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड नहीं है तो ओपीडी पर्ची के साथ ही आयुष्मान कार्ड बनाया जाए। दवा वितरण केंद्र पर दिव्यांगों के लिए अलग से काउंटर बनाएं।  रिकॉर्ड रूम, आईसीयू में  सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। मरीज को वितरित होने वाले खाने में मुनगा, पालक की पत्ती को शामिल करें, सफाई एजेंसी का एक दिन का वेतन काटा जाए। उक्त निर्देश कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. ने आज पुलिस अधीक्षक  विकास शाहवाल एवं अन्य अधिकारियों के साथ जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान दिए।
इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती जूही गर्ग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरी, सिविल सर्जन डॉ. मौर्य, डॉ. आर.एस. जयंत, डॉ. अभिषेक ठाकुर सहित अन्य डॉक्टर, स्मार्ट सिटी के इंजीनियर, नगर निगम के अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि नवजात बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र डिस्चार्ज होने के पूर्व प्रसूति महिला के पलंग तक पहुंचे एवं एक प्रमाण पत्र की कॉपी उसके मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से शेयर की जावे। जन्म प्रमाण पत्र एवं मृत्यु प्रमाण पत्र का अतिरिक्त काउंटर भी जिला चिकित्सालय स्थित डफरिन अस्पताल में बनाएं।
ओपीडी पर्ची के साथ बनाया जाए आयुष्मान कार्ड

कलेक्टर संदीप जी.आर ने कहा कि जिला चिकित्सालय में ओपीडी की पर्ची बनाते समय ही आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य किया जावे जिससे कि संबंधित पीड़ित व्यक्ति को अन्यत्र न जाना पड़े और उसका इलाज तत्काल शुरू किया जा सके।
कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. ने कहा कि ओपीडी पर्ची बनाने के स्थान पर रेलिंग लगाई जावे एवं ओपीडी के हाल में ग्रेनाइट की बेंच लगाई जाए। उन्होंने ओपीडी पर्ची के टोकन मशीन को तत्काल चालू करने के निर्देश दिए।



साथ में जिला चिकित्सालय के सभी चौनल गेटों को भारत के समान करने के निर्देश दिए जिससे कि स्ट्रेचर एवं व्हीलचेयर से आने-जाने में असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय के मुख्य गेट पर आने वाली एंबुलेंस के रास्ते को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित करें एवं अभी जो सड़क है उसकी ऊंचाई बढ़ाई जावे जिससे कि एंबुलेंस से मरीज स्ट्रेचर से तत्काल ओपीडी में पहुंच सके। उन्होंने ओपीडी में लगी टीवी एवं स्क्रीन बंद पाए जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की एवं उसे तत्काल चालू करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. ने कहा कि जिला चिकित्सालय में मरीज के साथ केवल एक व्यक्ति ही प्रवेश करेगा जिसके लिए पास जारी किया जावे बगैर पास के कोई भी व्यक्ति जिला चिकित्सालय में प्रवेश नहीं करें। इसकी संपूर्ण जवाबदेही सुरक्षा एजेंसी की रहेगी। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण अस्पताल में डस्टबिन जो कि व्हील वाले हों, को रखा जावे जिससे कि तत्काल उनको खाली भी कराया जा सके।





कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. एवं पुलिस अधीक्षक विकास शाहवाल जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी कक्ष में पहुंचे जहां उन्होंने डॉक्टरों से एवं मौजूद मरीजों से चर्चा की और वहां की व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मरीजों के द्वारा बताए गए सुझावों को तत्काल लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला चिकित्सालय के मुख्य गेट पर व्हीलचेयर एवं स्ट्रेचर की संख्या बढ़ाने, मेडिकल एवं सर्जिकल ओपीडी की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड रूम, आईसीयू, गैलरी, वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।

कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. जिला चिकित्सालय की किचिन में पहुंचे जहां उन्होंने खाना तैयार कर महिलाओं से चर्चा की उन्होंने वेतन न मिलने के संबंध में बताया, कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि उनकी वेतन तीन दिन के अंदर जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि मरीज को वितरित होने वाली सब्जी एवं रोटी में पालक एवं मुनगा के पत्तों को शामिल करें जो की पोष्टिक होते है।

गैरहाजिर डाक्टर को नोटिस

सोनोग्राफी कक्ष में संबंधित डॉक्टर मौजूद न रहने पर संबंधित डॉक्टर को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
पुलिस अधीक्षक श्री विकास शाहवाल ने सुरक्षा की दृष्टि से जिला चिकित्सालय परिसर में 24 घंटे पुलिस बल रहने के निर्देश दिए एवं उन्होंने कलेक्टर के साथ मौके पर मौजूद महिला चिकित्सकों एवं महिला पैरामेडिकल स्टाफ से सुरक्षा के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जिला चिकित्सालय की समस्त बंद कक्षाओं को खुलवाकर उनकी जानकारी प्राप्त की एवं अनुपयोगी सामान को तत्काल नष्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में किसी भी प्रकार की अनुपयोगी की सामग्री मौजूद नहीं रहना चाहिए।

Video: कलेक्टर ने मरीज के साथ बैठकर पूछा स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में



कलेक्टर जिला चिकित्सालय में अलग-अलग जगह मौजूद मरीजों से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने ओपीडी के प्रतीक्षालय कक्ष में बैठी श्रीमती प्रभा राठौर से जानकारी ली कि वे यहां  अपने बच्चों को लेकर क्यों बैठी हैं। जिस पर श्रीमती प्रभा राठौर ने बताया कि मेरी आज अस्पताल से छुट्टी हुई है और मैं घर जाने के लिए बैठी हूं। कलेक्टर ने नवजात बच्चे के संबंध में जानकारी प्राप्त की और पूछा कि बच्चों को टीकाकरण हो गया है कि नहीं? तब प्रभा ने बतया कि टीकाकरण अस्पताल में ही हो गया था। तब कलेक्टर ने तत्काल पूछा कि आपको जन्म प्रमाण पत्र मिला कि नहीं एवं आयुष्मान कार्ड बना कि नहीं? जिस पर प्रभा  के ससुर ने जानकारी प्रदान की कि अभी जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है। कलेक्टर ने तत्काल जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले अधिकारी को अपने समक्ष बुलाया एवं कहा कि जन्म प्रमाण पत्र क्यों नहीं दिया? जिस पर अधिकारी ने कहा कि उन्हें इसका डिस्चार्ज सर्टिफिकेट हाल ही में मिला है अब, प्रमाण पत्र बन जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि नवजात बच्चे के डिस्चार्ज के पूर्व ही उसका जन्म प्रमाण पत्र संबंधित के पलंग पर ही पहुंचे एवं एक प्रति उनके मोबाइल नंबर/ व्हाट्सएप पर तत्काल शेयर की जावे।

इसी प्रकार ओपीडी वेटिंग में बैठे गढ़ाकोटा निवासी श्री लखन गौंड़ से भी जानकारी ली तब लखन गौंड़ ने बताया कि मेरी खून की जांच अभी प्राप्त नहीं हुई है। कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए की तत्काल इसकी जांच उपलब्ध कराएं  एवं आगे का इलाज शुरू करें। इस पर गढ़ाकोटा निवासी श्री लखन गौंड़ ने कलेक्टर का आभार माना।




पुलिस अधीक्षक ने इमरजेंसी में कराई जांच

पुलिस अधीक्षक श्री विकास शाहवाल आज कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. के साथ जिला चिकित्सालय के निरीक्षण पर थे इस दौरान जब वे इमरजेंसी वार्ड पहुंचे, वहां मौजूद डॉक्टर से चर्चा की एवं अपना ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल की जांच करने के लिए कहा।  इमरजेंसी कक्ष में मौजूद डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ ने पुलिस अधीक्षक श्री शाहवाल का ब्लड प्रेशर चेक किया एवं शुगर की भी जांच की।

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सीएम डॉ. यादव ने खाद्य मंत्री को दिया भरोसा सागर जिले की बहुप्रतीक्षित मांग होगी पूरी ▪️बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में खुलेगा कैंसर अस्पताल : मंत्री गोविंद राजपूत

सीएम डॉ. यादव ने खाद्य मंत्री को दिया भरोसा सागर जिले की बहुप्रतीक्षित मांग होगी पूरी

▪️बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में खुलेगा कैंसर अस्पताल : मंत्री गोविंद राजपूत



तीनबत्ती न्यूज : 06 सितंबर 2024

भोपाल: बुंदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में जल्द ही कैंसर अस्प‍ताल की सुविधा बुंदेलखण्ड क्षेत्र के लोगों को प्राप्त होने लगेगी। यह अश्वासन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉं. मोहन यादव ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोंविद सिंह राजपूत को दिया। शुक्रवार को मुख्ययमंत्री निवास में बुंदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में कैंसर अस्पाताल खोले जाने के संबंध में मुख्ययमंत्री डॉं.मोहन यादव को खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने एक मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में बुंदेलखण्ड क्षेत्र के कैंसर पीड़ितों के लिए 40 करोड़ से अधिक के अनुमानित प्राकलन कि मांग रखी गई है जिसे मुख्यमंत्री ने जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया। 
खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने मुख्य्मंत्री को बताया कि बुंदेलखण्ड क्षेत्र में कैंसर के मरीजों की निरंतर बढती संख्या, मरीज हित में तथा जनहित में स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए बुंदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में कैंसर अस्पताल खोला जाना अति आवश्यक है। श्री राजपूत की मांग पर जनहित को ध्या‍न में रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भरोसा दिया है कि बुंदेलखंड मेडीकल कॉलेज में जल्द ही कैंसर अस्पताल प्रांरभ किया जायेगा। कैंसर अस्पताल खुलने से सागर की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हो जायेगी।

मेडीकल कॉलेज में स्वीकृत होगा न्यूरोसर्जन का पद 

खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने मुख्यमंत्री को बताया कि बुंदेलखंड मेडीकल कॉलेज में गत 15 सालों से न्यू‍रोसर्जन का पद स्वीकृत नहीं है। जिससे हेडएन्जुरी (मस्तिष्कू चोट) के मरीजों को इलाज के लिये सागर से बाहर जाना पड़ता है। कई बार रास्ते में जाने के दौरान इलाज के अभाव में मरीज दम तोड़ देते है। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्री राजपूत को भरोसा दिया कि जल्द ही मेडीकल कॉलेज सागर में न्यूरोसर्जन का पद स्वीकृत किया जायेगा। 

गौरतलब है कि बुंदेलखंड क्षेत्र के सागर संभाग में 6 जिले सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ एंव निवाडी़ को मिलाकर सागर संभाग की संख्या लगभग 79 लाख है। बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय में सागर जिले एवं आस-पास के जिलो के निवासी अपने इलाज के लिये चिकित्सालय में आते है। किन्तु सागर चिकित्सा महाविद्यालय में कैंसर मरीज हेतु उपचार की सुविधा न होने से उनका उपचार नहीं हो पाता और उन्हें उचित इलाज के लिये दूसरी जगह रेफर करना पड़ता है। 

अस्पताल खुलने से सभी समस्याओं का होगा निदान : श्री राजपूत

बुंदेलखंड मेडीकल कॉलेज में कैंसर अस्पताल जल्द खोले जाने की मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त करते हुये खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है। जिससे मरीज को उपचार हेतु अन्य महानगरों मे जाना पड़ता है तथा उन्हें कई बार आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ता है। सागर जिले में कैंसर अस्पसताल की सुविधा होने से इन सभी समस्याओं का निदान बुंदेलखंड महाविद्यालय में हो सकेगा।

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अशासकीय विद्यालयो की समस्याओं को लेकर सांसद से मिले शिक्षक , ज्ञापन सौंपा

अशासकीय विद्यालयो की समस्याओं को लेकर सांसद से मिले शिक्षक , ज्ञापन सौंपा



तीनबत्ती न्यूज : 06 सितम्बर ,2024 

सागरनिजी अशासकीय विद्यालयों की वास्तविक समस्याओं को लेकर सोसाइटी ऑफ़ एजूकेशन एंड वेलफेयर एसोसिएशन के के पदाधिकारी एवं स्कूलों  शिक्षकों ने सांसद संवाद केंद्र पर सांसद डॉ. लता वानखेड़े से मुलाकात की और निजी अशासकीय विद्यालयों के संचालन में आ रही परेशानियों से अवगत कराते हुए समस्‍याओं के निराकरण हेतु ज्ञापन सोंपा ।

सोंपे गए ज्ञापन में निजी अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों ने बताया कि निजी विद्यालय फीस अधिनियम 2017-18 में सभी छोटे मध्यमवर्गी तथा बड़े विद्यालयों को एक ही मापदंड के अनुसार 10% फीस वृद्धि करने का नियम पारित किया गया है जिसके कारण छोटे तथा मध्यवर्गीय विद्यालयों के समक्ष उनकी प्रगति का तथा अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है इसलिए छोटे तथा मध्यम वर्गीय विद्यालय जिनकी फीस 30000 से कम है उन्हें फीस अधिनियम के दायरे से बाहर रखा जाए। इसी प्रकार विद्यालय की मान्‍यता के नियमों में किराय के भवनों में चलने वाले विद्यालयों को रजिस्‍टर्ड किरायानाम की अनिवार्यता को समाप्‍त करते हुए नोटराइज्‍ड किरायनामा की स्‍वीकृति प्रदान करने की कृपा करें क्‍योंकि ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में भी मकान मालिक 11 महीने से अधिक का किराया नामा देने में हिचकिचाते हैं।  रजिस्टर्ड किरायानामा करने में जहां एक ओर छोटी एवं मध्यवर्गीय विद्यालयों को बहुत सारा खर्च करना होता है इसलिए नोटिफाईड किरायानामा स्वीकृत कराए जाने की अनुशंसा करने, वर्ष 2022-23 का आरटीआई का भुगतान अभी तक सागर जिले के निजी विद्यालयों को नहीं मिल पाया है जबकि प्रदेश के कुछ जिलों में भुगतान किया जा चुका है इसलिए आईटीआई का भुगतान अति शीघ्र किया जाए जिससे निजी विद्यालय संचालक अपने शिक्षकों एवं स्टाफ का वेतन समय पर भुगतान कर आर्थिक संघर्ष से राहत पा सके। ज्ञापन में यह बात केंद्रित की गई है कि निजी विद्यालय जहां  सरकार से विना किसी आर्थिक सहायता की प्रदेश एवं देश की विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करते हैं ।वहीं दूसरी ओर शिक्षित अभ्यर्थियों को शिक्षा का रोजगार देकर सरकार का आर्थिक सहयोग भी करते आ रहे हैं । निजी विद्यालय संचालक बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता की सरकार के विभिन्न उपकरणों में सहयोगी तथा सहभागी हैं दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में भी एक निजी विद्यालय संचालक अपने समस्त सुखों को त्याग कर विद्यार्थियों को शिक्षा एवं वाहन के ग्रामीणों को रोजगार देने में सहायक रहता है ।

सांसद करेंगी शिक्षा मंत्री से चर्चा

सांसद डॉ लता वानखेड़े ने समस्याओं को निजी स्कूल की समस्याएं के  निराकरण कें संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री से  समक्ष रखकर हर संभव प्रयास करूंगी।उन्होंने आर टी ई के तहत निःशुल्क एवम अनिवार्य शिक्षा के थी पढ़ने वाले विद्यार्थी यो की शासन से दी जाने  वाली राशि जो तीन वर्ष से लंबित है समय सीमा में भुगतान हो इसके लिए जिला प्रशासन  से  निराकरण हेतु पत्र जारी कर शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने हेतु  चर्चा की।चर्चा के दौरान भुगतान में बजट आवंटन शीघ्र करने संबंधी प्रदेश सेकेट्री से, प्रभारी मंत्री से आग्रह किया। उन्होने सबंधित अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए

ज्ञापन सौंपने वालों में  निजी अशासकीय विद्यालय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष  जुगल किशोर उपाध्याय, सचिव उपेंद्र गुप्ता, संरक्षक सुरेंद्र दुबे, संगठन मंत्री रामकृष्ण शर्मा,  नरेश कुमार विश्वकर्मा, के साथ अन्य शिक्षक उपस्थित ने ज्ञापन सौंपा।


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Sagar: वित्तीय संकट से जूझ रहा रसिक बिहारी ट्रस्ट : ट्रस्ट की राशि देने में शासन की आना कानी : दस साल से परेशान है ट्रस्टी

Sagar: वित्तीय संकट से जूझ रहा रसिक बिहारी ट्रस्ट : ट्रस्ट  की राशि देने में शासन की आना कानी : दस साल से परेशान है ट्रस्टी



तीनबत्ती न्यूज : 06 सितम्बर ,2024
सागर
। लगभग दो करोड़ की लागत से बड़ा बाजार में नवनिर्मित एवं भव्य श्री देव रसिक बिहारी द्वारकाधीश मंदिर ट्रस्ट के समक्ष प्रशासनिक अधिकारीयों की लचर एवं अनदेखी कार्यप्रणाली के चलते वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। जैसीनगर की स्टेट बैंक शाखा में जमा राशि निकलवाने के लिए ट्रस्ट के पदाधिकारी लगभग दस वर्ष से एसडीएम कार्यालय से लेकर तहसील कार्यालय  के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है।

करीब दस लाख रुपए जमा है बेक में

श्री देव रसिक बिहारी द्वारकाधीश मंदिर ट्रस्ट कमेटी के कोषाध्यक्ष दीपक गुप्ता ने बताया कि  2008 में मंदिर ट्रस्ट कमेटी का गठन किया गया। मंदिर के पास लगभग 80 एकड़ कृषि भूमि ग्राम सिंगार मुड़ी और ग्राम जौहरिया में है। वर्ष 2010 से इस भूमि की नीलामी मंदिर ट्रस्ट द्वारा की जा रही है और इसकी राशि ट्रस्ट के खाते में ही जमा हो रही है लेकिन वर्ष 2002 से सन २009 तक कृषि भूमि की नीलामी नायब तहसीलदार  जेसीनगर द्वारा की जा‌ती रही है। इन वर्षों से नीलामी की राशि लगभग 10 लाख रुपए की राशि भारतीय स्टेट बैंक की जैसीनगर शाखा में जमा है।

कई दफा किए आवेदन

श्री गुप्ता ने बताया कि उक्त राशि ट्रस्ट के खाते में जमा करने के लिए एसडीएम कार्यालय से लेकर तहसीलदार जैसी नगर  में कई बार आवेदन किया गया लेकिन फाइल दोनों कार्यालयों में घूम रही है। और  पत्रों के आदान प्रदान के अलावा कुछ नहीं हो रहा है।  सन 2013 में तत्कालीन एसडीएम प्रमोद चौकसे ने तहसीलदार जैसीनगर को  राशि ट्रस्ट के खाते में जमा करने का आदेश दिया था। इसने बाद मई 2022 में  फिर तत्कालीन एसडीएम सपना त्रिपाठी ने आदेशित किया लेकिन तहसीलदार द्वारा पुनः गुमराह कर दिया गया।

कोषाध्यक्ष दीपक गुप्ता ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर सही ढंग से आदेश का पालन न होने के कारण श्री देव रसिक बिहारी मंदिर ट्रस्ट के समक्ष वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। बाजार की 18 लाख की देनदारियां है जिन्हें चुकाने में दिक्कतों का सामना  करना पड़ रहा है। उन्होंने मंदिर हित में कलेक्टर से हस्तक्षेप कर ट्रस्ट को राशि दिलाने की गुहार लगाई है।

120 वर्ष पुराना है रसिक बिहारी मंदिर 


बड़ा बाजार स्थित श्री देव रसिक बिहारी द्वारका नींव मंदिर लगभग 120 वर्ष पुराना है। मंदिर की स्थापना सन् 1904 में स्व. बाल किशन माथुर वैश्य द्वारा की गई थी । मंदिर में राधा कृष्ण की दिव्य एवं भव्य प्रतिमाएं विराजमान है। बालकिशन के निधन के बाद स्व. लक्ष्मीनारायण गुप्ता मंदिर के मुहत्तमकर रहे। इनके बाद सीताराम गुप्ता ने मंदिर की देखरेख की। तत्पश्चात 2008 में ट्रस्ट कमेटी का गठन हुआ । जिसके बाद अध्यक्ष मनीष गुप्ता एवं कोषाध्यक्ष दीपक गुप्ता की देखरेख में   मंदिर सन 2020 से  मंदिर का नवनिर्माण शुरू हुआ और 2024 में मंदिर का भव्य निर्माण पूर्ण हुआ।

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Sagar : नगर निगम ने चार वार्डो में गिराए जर्जर मकान : क्षतिग्रस्त मकानों को नोटिस

Sagar : नगर निगम ने चार वार्डो में गिराए जर्जर मकान :  क्षतिग्रस्त मकानों को नोटिस


तीनबत्ती न्यूज : 06 सितम्बर ,2024
सागर : नगर निगम सागर के आयुक्त  राजकुमार खत्री ने गोपालगंज वार्ड में जर्जर एवं क्षतिग्रस्त भवनों का निरीक्षण किया तथा सभी भवन स्वामियों को नोटिस जारी करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए । निगमायुक्त ने गोपालगंज वार्ड स्थित झंडा चौक के पास वृंदावन बाग ट्रस्ट के भवन, हर प्रसाद तनय हरिशंकर गुरु, निकलंक जैन, राजेंद्र जैन ,महेश जैन, भावेश जैन एवं भैयालाल चौरसिया के भवनों का निरीक्षण कर जर्जर स्थिति पाए जाने पर सभी भवन स्वामियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए तथा क्षतिग्रस्त एवं जर्जर हो चुके मकानों में निवास करने वाले व्यक्तियों को हिदायत दी गई  कि तत्काल मकान को खाली कर दें जिससे कभी कोई जनहानि न हो अन्यथा कि स्थिति में रहवासी स्वयं जिम्मेदार होंगे ।
नगर निगम द्वारा सभी जर्जर भवनों पर सूचना चस्पा कर दी गई है जिस पर लेख किया गया है कि यह मकान क्षतिग्रस्त है, मानव निवास हेतु उपयुक्त नहीं है। इसके अलावा नगर निगम द्वारा विभिन्न वार्डों में जर्जर एवं क्षतिग्रस्त हो चुके मकानों के मालिकों को नोटिस जारी करने की कार्रवाई की जा रही है।


नगर निगम द्वारा 4 वार्डों में जर्जर एवं क्षतिग्रस्त मकानों को गिराया

 उपायुक्त एवं अतिक्रमण प्रभारी एस एस बघेल की उपस्थिति में तिली,पुरव्याऊ, इतवारी एवं नरयावली नाका वार्ड में  जर्जर एवं क्षतिग्रस्त भवनों को गिराने की कार्रवाई की गई। तिली वार्ड में दुलीचंद चौरसिया, पुरव्याऊ  वार्ड में हीरा सागर, इतवारी वार्ड में संतोष जैन के जर्जर एवं क्षतिग्रस्त मकान को गिराने की कार्रवाई की गई एवं नरयावली नाका वार्ड में स्कूल के क्षतिग्रस्त छप्पर को गिराने की कार्रवाई की गई। 


निगम आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि नगर निगम क्षेत्र  में जर्जर एवं क्षतिग्रस्त ऐसे भवन जिनसे जनहानि होने की संभावना है उनके भवन स्वामियों को नोटिस देकर नियम अनुसार गिराने की कार्यवाही की जाए तथा ऐसे भवनों में निवास करने वाले परिवारों को समझाइश दी जाए कि वे जर्जर एवं क्षतिग्रस्त भवनों में निवास न करें ।कार्रवाई के दौरान उपयंत्री दिनकर शर्मा, कृष्ण कुमार चौरसिया, राजू रैकवार सहित अतिक्रमण टीम उपस्थित थी।

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फिलीपीन्स की ग्लोबल समिट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं भोपाल की यशस्वी कुमुद ▪️ एफआईए की एशियन काउंसिल की सह-समन्वयक बनीं : एकता परिषद की ओर से युवा प्रतिनिधि के रूप में समिट में करेंगी भागीदारी

फिलीपीन्स की ग्लोबल समिट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं भोपाल की यशस्वी कुमुद

▪️ एफआईए की एशियन काउंसिल की सह-समन्वयक बनीं : एकता परिषद की ओर से युवा प्रतिनिधि के रूप में समिट में करेंगी भागीदारी

 


तीनबत्ती न्यूज : 05 सितम्बर, 2024

भोपाल : दुनिया में गैर बराबरी और भेदभाव मिटाने के लिए साझा रणनीति तैयार करने के मकसद से फिलीपीन्स में हो रही ग्लोबल समिट में एकता परिषद की ओर से युवा प्रतिनिधि के रूप में भोपाल की यशस्वी कुमुद भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। 

40 देशों के 200 प्रतिनिधि होंगे शामिल

फाइट अगेन्सट इनइल्क्वेलिटी एलायंस (FIA) के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी आफ फिलीपीन्स दिलीमन मनीला में हो रही इस समिट में एशिया के 9 देशों के 45 प्रतिनिधियों समेत दुनिया भर के 40 देशों के 200 से भी ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा से ले रहे हैं।

 यह बड़ी उपलब्धि है कि एशियाई देशों के लोगों की समस्याओं और चुनौतियों को रेखांकित करते हुए पहली बार ‘एफआईए’ ने एशियन काउसिंल का गठन किया है, जिसका समन्वयक फिलीपीन्स की प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री मैंजिट और सह- समन्वयक भारत की यशस्वी कुमुद (एकता परिषद) को बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि लैंगिक असमानता, भेदभाव जैसे मुद्दों पर काम करने वाली यशस्वी कुमुद 2016 में संयुक्त राष्ट्र संघ न्यूयार्क में बाल अधिकारों को लेकर यूनिसेफ की ओर से भारत के एक प्रतिनिधि के रूप में अपनी बात रख चुकी हैं और चार्टर आफ डिमान्ड्स ( मांग पत्र) पेश कर चुकी हैं.


बता दें कि 2 सितंबर से यूनिवर्सिटी आफ फिलीपींस में शुरू हुई इस ग्लोबल समिट के पहले दौर में एशिया के भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, कंबोडिया, थाईलैंड, फिलीपीन्स आदि विकासशील, पिछड़े, गरीब देशों में व्याप्त समस्याओं और चुनौतियों की पहचान और खुशहाल दुनिया के लिए अहिंसक माध्यमों से रणनीति बनाने पर केन्द्रित रही। समिट में साउथ अफ्रीका, कीनिया, मेक्सिको और ब्राजील जैसे कई देश शामिल हुए हैं।


एशियन काउंसिल की पहली सह समन्वयक यशस्वी कुमुद ने बताया कि इस ग्लोबल समिट का मकसद गैर बराबरी और भेदभाव रहित दुनिया बनाने के लिए  काम करना है, जहां 99 फीसदी लोगों को बुनियादी सुविधाओं, संसाधनो, अधिकारों से वंचित कर दिए गए हैं।


दुनिया के केवल एक फीसदी लोगों के कब्जे में संपत्ति, सत्ता और संसाधनों का बड़ा हिस्सा है. इससे यह पता चलता है कि सामाजिक और आर्थिक असमानता की जड़ें कितनी गहरी हैं.

प्रतिनिधियों ने बैठक में चर्चा के दौरान इस तथ्य को रेखांकित किया कि एशियाई देशों में लोकतांत्रिक आवाजों, अभिव्यक्ति के लिए स्पेस यानी स्थान कम मिल पा रहा है. विकासशील देशों में लोगों के पास बुनियादी सुविधाएं और संसाधन वैसे ही बहुत कम है, कोविड जैसी महामारी के बाद तो और भी  बुरी तरह पिछड़ गए हैं।

बड़ी आबादी के शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, सुरक्षा, भूख जैसी जीवन जीने से जुड़ी बुनियादी समस्याएं तो हैं ही। जल और भूमि का असमान वितरण बड़ा मुद्दा है। विकास के लिए जो मानदंड तय किए जा रहे या नैरेटिव तय किये जा रहे, वह केवल एक फीसदी लोगों को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे। 

लोगों में सिविक एजुकेशन यानी सामाजिक शिक्षा का ना होना एक बड़ी समस्या है। एफआईए की कोशिश साझा अभिव्यक्ति को मजबूत करने और युवा वर्ग को इस अहिंसक संघर्ष से जोड़ते हुए वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने की है।


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