खुद को भगवान बताने वाले संतो पर लगेगी रोक , 100 से अधिक संतो को नोटिस : महाकुंभ में नही मिलेगी एंट्री
उज्जैन : हिंदू साधु संतो द्वारा खुद भगवान बताने और अखाडे की परंपराओं के विपरीत आचरण करने वालो से संतो का एक बड़ा वर्ग नाराज है। अब इनके खिलाफ अखाड़ा परिषद सामने आया है और नोटिस भी जारी किए है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ( Ravindra Puri Maharaj ) ने उज्जैन मे पट्टाभिषेक समारोह में शामिल होने आए। उन्होंने खुद को भगवान बताने वाले साधु-संतों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि 'आजकल ऐसा ट्रेंड चला है कि हर कोई अपने आप को उपासक-पुजारी नहीं, भगवान कह रहा है। खुद को ब्रह्मा, विष्णु, महेश और राम कह रहे हैं, ऐसे संतों पर कार्रवाई होना अति आवश्यक है। प्रयागराज के कुंभ में ऐसे व्यक्तियों को भूमि नहीं दी जाएगी।
अब कथा वाचकों की बारी
रवींद्र पुरी ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने साधु-संतों के चोले में गलत काम करने वाले महामंडलेश्वर और संतों को अखाड़ों से निकाल दिया है। उज्जैन की पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी देवी भी इनमें शामिल हैं। अब कथा वाचकों की बारी है। जो कथा वाचक अपने आपको भगवान बता रहे हैं, उन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
उज्जैन में आए व्यवस्थाएं देखने
उज्जैन में चार साल बाद कुंभ होना है। ऐसे में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष यहां व्यवस्थाएं देखने आए। उन्होंने कहा, 'हमारी सनातन संस्कृति के विरोध में जो जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी। मंच से अल्लाह हू अकबर कहना, नमाज पढ़ना उचित नहीं है। मंच पर पति-पत्नी बैठकर शादी करें, ये चीजें अच्छी नहीं हैं। ऐसे संतों को चिह्नित किया जाएगा, जो सनातन के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं।' रविंद्र पुरी महाराज से नोटिस देने की वजह पूछी तो कहा- ये गुप्त मामला है।
Chhatarpur News: पूर्व बीजेपी विधायक का बेटा और पूर्व विधायक का भाई अवैध कट्टा लिए गिरफ्तार
प्रयागराज महाकुंभ में एंट्री नहीं मिलेगी
रविंद्र पुरी महाराज ने 6 महामंडलेश्वर को निष्कासित करने के संबंध में कहा कि फिलहाल दो महीने पहले सिर्फ उज्जैन में महिला महामंडलेश्वर को निष्कासित किया गया है, अन्य किसी को नहीं। 112 संतों को नोटिस देने के संबंध में उन्होंने कहा कि सभी अखाड़ों की अपनी व्यवस्था है। अखाड़े से संबंधित किसी संत को गलती करने पर उनके अखाड़े ने नोटिस जारी किया होगा और वही कार्रवाई भी करेंगे।
जूना अखाड़े ने 54 संत, श्री निरंजनी अखाड़े ने 24 संतों और निर्मोही अनी अखाड़े ने 34 संतों को नोटिस थमाया है। संतों ने 30 सितंबर तक संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो महाकुंभ-2025 में प्रवेश नहीं मिलेगा। अखाड़े सनातन धर्मावलंबियों की आस्था व समर्पण का केंद्र हैं। मौजूदा समय 13 अखाड़े हैं। उन्हें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के माध्यम से संगठित किया गया है।