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राम, राजनीति और पत्रकारिता' विषय पर व्याख्यान 3 मार्च को : राज्य स्तरीय भुवनभूषण देवलिया सम्मान प्रमोद भार्गव को

'राम, राजनीति और पत्रकारिता' विषय पर व्याख्यान 3 मार्च को : राज्य स्तरीय भुवनभूषण देवलिया सम्मान प्रमोद भार्गव को                                                         
                                       
तीनबत्ती न्यूज :  27 फरवरी, 2024
भोपाल : राज्य स्तरीय भुवनभूषण देवलिया सम्मान अलंकरण समारोह एवम  व्याख्यान का आयोजन रविवार 3 मार्च को माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय एवम शोध संस्थान में  होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मप्र विधानसभाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, विशिष्ट अतिथि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केजी सुरेश, मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार स्वदेश के प्रधान संपादक राजेन्द्र शर्मा होगें। 


 व्याख्यान का विषय है 'राम, राजनीति और पत्रकारिता'। विषय प्रवर्तन वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार विवेक करेंगे। इस मौके पर  दसवां राज्य स्तरीय भुवनभूषण देवलिया पत्रकारिता सम्मान वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार प्रमोद भार्गव को दिया जाएगा। पुरस्कार में 11 हजार रूपए नकद एवम प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाता है। यह जानकारी भुवनभूषण देवलिया व्याख्यानमाला समिति के सदस्य अशोक मनवानी ने दी।

परिचय : श्री प्रमोद भार्गव
स्वाधीनता दिवस 1956 को मध्य-प्रदेश के ग्राम अटलपुर में जन्मे प्रमोद भार्गव की शिक्षा-दीक्षा अटलपुर, पोहरी और शिवपुरी में हुई। हिन्दी साहित्य से स्नातकोत्तर करने के बाद सरकारी नौकरी की, लेकिन रास नहीं आने पर छोड़ दी। बाद में भी सरकारी सेवा के कई अवसर मिले, किंतु स्वतंत्र स्वभाव के चलते स्वीकार नहीं किए। लेखन में किशोरावस्था से ही रुचि। पहली कहानी मुबंई से प्रकाशित नवभारत टाइम्स में छपी। फिर दूसरी प्रमुख कहानी ‘धर्मयुग‘ में और सिलसिला चल निकला। 1987 में एकाएक ’जनसत्ता’ में पत्रकरिता से जुड़ गए। जिला एवं प्रदेश स्तरीय पत्रकारिता  करते हुए ’धर्मयुग’ में भी कई रपटें लिखीं। यहां से ज्ञान और जिज्ञासा ने बहुमुखी होकर जीवन, जगत और प्रकृति से तादात्म्य स्थापित करते हुए अचानक ही विविध विषयों के मर्म को आत्मसात करने की अंतदृष्टि ग्रहण कर ली और देशभर के समाचार-पत्रों में अग्रलेख लिखने का काम शुरू हो गया। गोयाकि, शब्द सृजन आजीविका का मुख्य साधन व साध्य बन गया। इस कारण साहित्य-सृजन पिछड़ गया। इस बीच ‘आज तक’ समाचार चैनल से भी जुड़ गए। अलबत्ता 2008 में ‘हंस‘ में छपी कहानी ‘मुक्त होती औरत‘ के प्रकाशन और प्रसिद्धि के साथ एक बार फिर से कहानी व उपन्यास लेखन की परिकल्पना कागज पर उतरने लगी।
पुस्तकें-
1. 1857 का लोकसंग्राम और रानी लक्ष्मीबाई (इतिहास)
2. स्हरिया आदिवासी जीवन और संस्कृति (समाज एवं संस्कृति)।
3. पुरातन विज्ञान (मिथकों का वैज्ञानिक आधार )
4. फल से प्रेरित वैज्ञानिक आईजक न्यूटन (न्यूटन की जीवनी)
5. आम आदमी और आर्थिक विकास (आर्थिकी)
6. पानी में प्रदूषण (पर्यावरण)
7. वायु-प्रदूषण (पर्यावरण)
8. पर्यावरण में प्रदूषण (पर्यावरण)
9. वन्य-प्राणियों की दुनिया (पर्यावरण)
10. भाषा एवं भाषाई शिक्षा के बुनियादी सवाल (भाषा)
11. मीडिया का बदलता स्वरूप (पत्रकारिता)
12. इक्कसवीं सदी का विज्ञान (विज्ञान-लेख)

13.भविष्य का विज्ञान

उपन्यास-

1.दशावतार (भगवान विष्णु के दशावतारों पर विज्ञान सम्मत वृहद उपन्यास)
2.प्यास भर पानी
3. नौकरी
4. अनंग अवतार में चार्वाक 
5. शहीद बालक (बाल उपन्यास)

 कहानी-संग्रह-
1. पहचाने हुए अजनबी
2. शपथ-पत्र
3. लौटते हुए
4. मुक्त होती औरत
;
 सम्मान एवं पुरस्कार
1. मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी, भोपाल का ‘सहरिया आदिवासीः जीवन और संस्कृति‘ पुस्तक पर ‘लोक कवि ईसुरी सम्मान‘।
2. मध्यप्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग का रतनलाल जोशी आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार।
3. मध्य-प्रदेश लेखक संघ, भोपाल द्वारा बाल साहित्य के क्षेत्र में 2008 का चंद्रप्रकाश जायसवाल सम्मान।
4. ग्वालियर साहित्य अकादमी द्वारा साहित्य एवं पत्रकारिता के लिए डाॅ धर्मवीर भारती एवं मुंशी प्रेमचन्द सम्मान।
5. भवभूति शोध संस्थान, डबरा द्वारा भवभूति अलंकरण।
6. मध्य-प्रदेश स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकार संगठन, भोपाल द्वारा सेवा सिंधु सम्मान।
7. मध्य-प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन, कोलारस द्वारा साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में दीर्घकालिक सेवाओं के लिए सम्मानित।
8. पत्रकारिता के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी द्वारा मिर्जापुर में ‘टर्निंग इंडिया’ सम्मान।
भारत विक्रम यूट्यूब हेतु लिखे आलेख (स्क्रिप्ट)-
1. सृष्टि की रचना ब्रह्मांड-भाग-1
2. सृष्टि की रचना ब्रह्मांड-भाग-2
3. महाकाल (उज्जैन)
4. वयं राष्ट्रे जागृयाम

संप्रति-संपादकः शब्दिता संवाद सेवा एवं संवाददाता आज तक, शिवपुरी




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नियुक्ति घोटाले के सहायक प्राध्यापको और अशेक्षणिक कर्मचारियों को लेकर डा गौर विश्वविधालय का दोहरा रुख : कोर्ट के आदेश को लेकर

नियुक्ति घोटाले के सहायक प्राध्यापको और अशेक्षणिक कर्मचारियों को लेकर डा गौर विश्वविधालय का दोहरा रुख : कोर्ट के आदेश को लेकर

तीनबत्ती न्यूज : 27 फरवरी,2024
सागर :डाक्टर हरिसिंह गौर विश्विद्यालय सागर  सन 2013 के नियुक्ति घोटाले के सहायक प्राध्यापको को बिना नियमतीकरण के लाभ पहुंचाने और
और अधेक्षणिक कर्मचारियों को लेकर कोर्ट द्वारा दिए गए  कोर्ट के आदेशों के पालन को लेकर प्रशासन पर दोहरा रवैया और हठधर्मिता का आरोप  आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद भट्ट, डा अनिल पुरोहित, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रहे कपिल पचौरी और गौरव राजपूत ने मीडिया के सामने लगाए है। 


पत्रकारिता विभाग के अलीम खान  की नियुक्ति पर उठाए सवाल

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद् दिनांक 31.07.2023 ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्देश के विपरीत पक्षपात कर पत्रकारिता विभाग में बगैर वैधानिक पद पर नियुक्त सहायक प्राध्यापक डाॅ. अलीम अहमद खान को वरिष्ठ वेतनमान Stage -3 AGP 8000 देने का निर्णय से सभी हतप्रभ है और इसी को नजीर बनाकर विश्वविद्यालय के भौतिकी एवं गणित विभाग के अन्य सहायक प्राध्यापक न्यायालय चले गये। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पूर्व में डाॅ. अलीम अहमद खान की याचिका क्रमांक 3243/2017 में पारित दिशा निर्देश के आधार पर अपने पक्ष में आदेश पारित करा लिया।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में नियुक्त यह सभी सहायक प्राध्यापक आज भी परिवीक्षा अवधि में है। इनके नियमितीकरण के संदर्भ में दायर याचिका 2372/2017 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा 8 मार्च 2018 को अस्वीकार एवं निरस्त की जा चुकी है। इसके बावजूद इन्हें नियमित करने के लिए कार्यपरिषद् में रखा गया था, जिसके विरुद्ध उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा रिट पिटीशन नंबर 28692/2022 याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश पारित किया गया।
भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के नियमानुसार परिवीक्षा अवधि में कार्यरत शिक्षकों को किसी भी तरह की पदोन्नति और वित्तीय लाभ जब तक नहीं दिया जा सकता तब तक उनका नियमितीकरण ने हो जायें। 


 उन्होंने कहा कि डाॅ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में उन नियमों की सरे आम धज्जियां उड़ाई जाकर वर्ष 2013 में विवादित एवं अवैध रूप से नियुक्त सहायक प्राध्यापकों को पदोन्नति/वित्तीय लाभ देने की संभावित साजिश रची जा रही है। 
उन्होंने आरोप लगाया कि इससे विश्वविद्यालय का दोहरा रवैया से प्रतीत होता है कि कर्मचारियों के प्रकरण में उच्च न्यायालय, श्रम न्यायालय एवं अन्य न्यायालय द्वारा जो फैसले दिये जाते हैं उन्हें संबंधित न्यायालय से उच्च न्यायालय में उनके विरुद्ध पक्ष रखा जाता है जबकि सहायक प्राध्यापकों के मामलों में ऐसा न करते हुए संबंधितों को नियम विरुद्ध लाभ पहुंचाने की जल्दबाजी प्रतीत हो रही है। 


सर्वोच्च न्यायालय में रखे पक्ष विवि प्रशासन

उन्होंने कहा कि  हमारी और शहरवासियों की मांग है कि सहायक प्राध्यापकों को लाभ देने से पहले उच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध उच्च न्यायालय की द्वितीय पीठ में या सर्वोच्च न्यायालय में विश्वविद्यालय अपना पक्ष रखे। जिन तथ्यों को छिपाने का हम अंदेशा जता रहे उनको संज्ञान में लेते हुए पूर्ण तथ्यों के साथ विश्वविद्यालय अपना पक्ष रखे ताकि गुमराह करके कोई अपात्र व्यक्ति लाभान्वित न हो सके। 
उन्होंने तर्क दिया कि डाॅ. अलीम खान की प्रकरण की याचिका क्र. 3243/2017 में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिये गये निर्देश को विश्वविद्यालय अपने स्तर से विचार करने को आधार मानकर, विश्वविद्यालय में भौतिकी एवं गणित विभाग के नियुक्त सहायक प्राध्यापकों ने रिट पिटीसन 24040/2023 में डाॅ. अलीम खान की याचिका क्र. रिट पिटीसन 3243/2017 में दिये गये दिशा-निर्देश के अनुसार आदेश पारित करा लिये गये, इसमें भी विश्वविद्यालय द्वारा अपना पक्ष न रखना याचिकाकर्ताओं के साथ स्पष्ट रूप से साठगांठ सिद्ध हो रही है।


दैनिक वेतन भोगियों ने रखा पक्ष 

मीडिया से चर्चा में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रहे कपिल पचौरी और गौरव राजपूत ने बताया कि विश्वविद्यालय में कलेक्टर व कमिश्नर दर (दैनिक वेतन) पर समस्त कर्मचारी जो कि विगत कई वर्षों से विभिन्न विभागों में 17 कर्मचारी कार्यरत रहे थे सभी कर्मचारियों द्वारा पूर्ण ईमानदारी, निष्ठा के साथ अपने कार्यों का निर्वाहन कर रहे थे। समस्त कर्मचारियों की नियुक्ति विश्वविद्यालय प्रशासन के सक्षम अधिकारियों द्वारा की गई थी। विश्वविद्यालय में वर्ष 2017-18 में ऑउटसोर्स प्रक्रिया को अपनाया गया जिस कारण हमें आउटसोर्स बताकर हमारी सेवाएं समाप्त कर दी थी। उक्त प्रक्रिया के बाद हम सभी कर्मचारी आज दिनांक तक बेरोजगार है जिनसे संबंधित जानकारी निम्नानुसार हैः।
▪️सर्वप्रथम यह कि हम सभी विश्वविद्यालय के (कार्यालय सहायक, नृत्य, माली, लेब सहा. इत्यादि) पदों पर कर्मचारी थे न कि किसी आउटसोर्स ऐजेंसी के? फिर भी प्रशासन द्वारा हमें विना किसी कारण के जानबूझकर नौकरी से हटाया दिया गया।


▪️ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हम सभी 17 कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के उपरान्त लगभग 260 कर्मचारियों को ऑउटसोर्स ऐजेंसी के माध्यम से विश्वविद्यालय में रखा गया है। (हम सभी आज दिनांक तक बेरोजगार है?) 
▪️ सभी कर्मचारी विवि प्रशासन के दोषपूर्ण व्यवहार से पीड़ित होकर वर्ष 2017 में केन्द्रीय श्रम न्यायालय जबलपुर में हम सभी ने सेवासमाप्ति का प्रकरण दर्ज किया जिस पर केन्द्रीय श्रम न्यायालय ने दिनांक 09-11-2022 को आदेश देते हुये हम सभी कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया और विवि के सेवासमाप्ति के निर्णय को गलत माना उसके बाद भी विवि प्रशासन ने फैसले के विरूद्ध उच्च न्यायालय में अपील कर दी जो आज दिनांक तक न्यायालय में विचाराधीन है। - यह कि विश्वविद्यालय प्रशासन एक तरफ विवि में बड़े पदो पर बैठे विवादित भ्रष्ट अधिकारियों और 4
प्राफेसरो का बचाव करते हुये उनके लिये जांच कमेटी बनाकर वर्षों तक मामले को जानबूझकर वर्षों तक लटका दिया जाता है और उनके मामलों को कार्यपरिषद की बैठक में ले जाकर विवि स्तर पर सुलझा दिया जाता है जबकि दूसरी तरफ विवि के छोटे कर्मचारियों के प्रकरण को जानबूझकर न्यायालय में घसीटा जाता है और जब न्यायालय का निर्णय कर्मचारी के पक्ष में आता है तो उसमे उच्च न्यायालय में अपील कर विश्वविद्यालय का पैसा और कमचारियों का जीवन बर्बाद कर दिया जाता है।


▪️ वर्तमान में विश्वविद्यालय में कार्यरत सैकड़ो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के विभिन्न प्रकरण न्यायालय में लम्बित है जिन्हे विवि प्रशासन जानबूझकर अपने स्तर पर नही सुलझा रही है। और दूसरी तरफ वर्तमान विवि प्रशासन कर्मचारियों के प्रकरण में दोषपूर्ण प्रक्रिया अपनाकर विवादित भ्रष्ट अधिकारियों और प्राफेसरो के विरूद्ध प्रकरणो पर लीपापोती कर उन्हे लाभ देकर संरक्षण दे रही है।
▪️ वर्तमान में विवि प्रशासन अपने चहेते अधिकारियों को लाभ देने में तुरंत निर्णय ले लेती है और जब कर्मचारियों को लाभ देना होता है तो उसमें न्यायालय का हवाला देकर बर्षों तक उलझाकर रखा जाता है।
 उन्होंने कहा कि सभी 17 दैनिक वेतन कर्मचारी पूर्ण रूप से विश्वविद्यालय के कार्य पर आश्रित थे, हम सभी कर्मचारियों के प्रकरण में भी विवि प्रशासन अपने स्तर पर सुलझाकर तुरंत लाभ देवे। 




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BJP : सागर लोकसभा प्रत्याशी को लेकर मंत्री नारायण कुशवाहा और मेयर योगेश ताम्रकार ने की रायशुमारी

BJP : सागर लोकसभा प्रत्याशी को लेकर मंत्री नारायण कुशवाहा और मेयर योगेश ताम्रकार ने की रायशुमारी

तीनबत्ती न्यूज : 26 फरवरी,2024
सागर। आगामी लोकसभा चुनाव के निमित्त भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशियों को लेकर राय शुमारी शुरू कर दी हैं जिसके लिए सोमवार को केबिनेट मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा सतना महापौर योगेश ताम्रकार सागर पहुंचे। सागर पहुंचने पर जिला अध्यक्ष श्री गौरव सिरोठिया ने धर्मश्री स्थित संभागीय भाजपा कार्यालय में अतिथियों का स्वागत किया  तत्पश्चात केबिनेट मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, सतना महापौर योगेश ताम्रकार ने उपस्थित पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ताओं से परिचय किया I साथ ही केबिनेट मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाहा ने राय शुमारी प्रक्रिया के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी I 
तत्पश्चात आपेक्षित जनप्रतिनिधि पदाधिकारियों को पत्रक वितरित किए गए जिनमें सभी स्‍वविवेक से तीन तीन प्रत्याशियों के नाम लिखकर पूर्ण गोपनीयता के साथ केबिनेट मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, सतना महापौर योगेश ताम्रकार को सौंपे। 


जिला मीडिया प्रभारी श्रीकांत जैन ने बताया कि राय शुमारी प्रक्रिया में सांसद लोकसभा प्रत्याशी -2024,पूर्व विधायक, राष्ट्रीय /प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष/राष्ट्रीय पदाधिकारी, मण्डल अध्यक्ष, जिला पदाधिकारी, महापौर ,एवं निगम अध्यक्ष, जिला पंचायत/ जनपद अध्यक्ष/उपाध्यक्ष, नगर पालिका/परिषद अध्यक्ष, नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष, पूर्व जिला अध्यक्ष, पूर्व सांसद, जिला कोर समिति सदस्य शामिल हुए।




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पीएम मोदी ने सागर को दी 145 करोड़ रुपए की सौगात▪️अमृत भारत स्टेशन योजना के माध्यम से बीना रेल्वे स्टेशन का होगा हवाई अड्डे की तर्ज पर तैयार

पीएम मोदी ने सागर को दी 145 करोड़ रुपए की सौगात
▪️अमृत भारत स्टेशन योजना के माध्यम से बीना रेल्वे स्टेशन का होगा
 हवाई अड्डे की तर्ज पर तैयार


तीनबत्ती न्यूज : 26 फरवरी,2024
सागर :  
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सागर जिले को 145 करोड रुपए की सौगात दी है। जिसमें बीना स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 140 करोड रुपए की लागत से अत्यधिक सर्व सुविधायुक्त हवाई अड्डे की तर्ज पर बीना स्टेशन का विकास किया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वर्चुअल कांफ्रेंस के माध्यम से अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बीना स्टेशन का पुनर्विकास 140 करोड़ रूपये की लागत से भूमि पूजन किया जबकि 5.1 करोड़ से तयार सुमरेडी अंडर पास का लोकार्पण किया । इस अवसर पर श्री गौरव सिरोठिया , श्री लखन सिंह, कलेक्टर श्री दीपक आर्य , श्री जय प्राकाश, श्रीमती दीप्ति शर्मा , श्री विनोद चौकसे, श्री रमेश कोस्टी, श्रीमती जमुना अहिरवार सहित अन्य जन प्रतिनिधि,अधिकारी मौजूद थे।

इस योजना के अंतर्गत चयनित स्टेशनों में स्थानीय कला और संस्कृति के तत्वों के साथ स्टेशन का आंतरिक सौंदरयीकरण, सर्कुलेटिंग एरिया का सौंदरयीकरण एवं विकास, हाई लेवल प्लेटफार्म का प्रावधान, स्टेशन पहुंच मार्ग के लिए नई सड़कों, पैदल पथ, साइकिल पथ, स्काईवाक एवं पुल आदि के निर्माण सहित सुगम यातायात की सुविधा, 12 मीटर चैड़े फुट ओवर ब्रिज के रूप में रूफ प्लाजा/कॉनकोर्स एरिया का प्रावधान, आगमन / प्रस्थान का पृथक्करण, अव्यवस्था मुक्त प्लेटफॉर्म, बेहतर सतह, पूरी तरह से ढंके हुए प्लेटफॉर्मों का निर्माण किया जाएगा। आग/अन्य घटनाओं के लिए आपातकालीन निकासी सुविधा, प्लेटफार्म कवर ओवर शेड की सुविधा का प्रावधान, बैठने की उन्नत व्यवस्था के साथ वेटिंग एरिया का विकास, स्टेण्डर्ड संकेतकों आदि का प्रावधान किया जाना है, पर्याप्त पेयजल व्यवस्था, प्रतीक्षालय, टिकटिंग व्यवस्था एवं शौचालय सुविधा, यात्रियों की सुविधा हेतु वेटिंग लाउंज, मनोरंजन क्षेत्र, प्रतीक्षालय, बैठने की जगह, खरीददारी क्षेत्र, रेस्टोरेंट/कैफेटेरिया, सार्वजनिक घोषणा प्रणाली, वाई-फाई, एटीएम, पर्यटक सुविधा काउंटर, चिकित्सा सुविधाएं , चार्जिंग प्वाइंट एवं सहायता बूथ की सुविधा का प्रावधान, स्टेशनों को आरामदेह बनाने के लिए पर्याप्त रोशनी, वे फाइंडिंग/साइनबोर्ड, लिफ्ट/एस्कलेटर/ट्रेवलेटर्स की सुविधा, दिव्यांगजन के अनुकूल सुविधाओं का प्रावधान, सीसीटीवी कैमरों इत्यादि की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 41,000 करोड़ रूपए लागत की रिकॉर्ड 2000 से अधिक रेल परियोजनाओं की देशवासियों को सौगात दी है। जिनमें शामिल हैं 554 स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास, साथ ही 1500 रोड ओवर ब्रिज एवं अंडरपास का शिलान्यस, लोकार्पण, देश को समर्पण जिन 1500 रोड ओवरब्रिज और अंडरपास का शिलान्यास, लोकार्पण और देश को समर्पण किया जा रहा है। इसमें हमारे क्षेत्र के सुमरेडी गेट अंडरपास सहित पूरे मध्य प्रदेश में कुल 146 रोड ओवरब्रिज और अंडरपास शामिल हैं।
तीसरा कार्यकाल एतिहासिक होगा : सांसद 
सागर सांसद राजबहदुर सिंह ने कहा कि रेल सुविधाएं को क्षेत्र में आज का दिन  महत्वपूर्ण है। इससे विकास के रास्ते बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जी का तीसरा कार्यकाल ऐतिहासिक होगा  एवं भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा यह मोदीजी की गारंटी है !




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गौर विवि : रसायन शास्त्र विभाग की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू

गौर विवि : रसायन शास्त्र विभाग की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू

तीनबत्ती न्यूज : 26 फरवरी,2024
सागर : डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग में आज से  तीन दिवसीय (दिनांक 26,27,28 फरवरी)आयोजित  कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रोफेसर हरेल थामस डायरेक्टर रिसर्च एंड डेवलपमेंट एवं प्रो. ए. पी. मिश्रा विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष रसायनशास्त्र ने भी संबोधित किया। कार्यशाला की समन्वयक डॉ. ऋतु यादव थी। इस अवसर पर स्वागत भाषण प्रों. ए. पी. मिश्रा ने दिया ।

उन्होनें कार्यशाला की पद्धति और आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्रो. हरेल थामस ने डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में अति विशिष्ट उपकरणों की उपयोगिता एवं सेंट्रल फार एडवांस रिसर्च के व्यापक और विस्तार का संदर्भ दिया। डॉ. ऋतु यादव जो कि इस कार्यशाला की कन्वेनर है, ने कार्यशाला की रूपरेखा, कार्यशाला में सम्मिलित विभिन्न प्रतिभागी और उपयोगिता पर प्रकाश डाला. उन्होने बताया कि स्किल वेस्ड कार्यकम युवाओ और रिसर्च के लिये बहुत उपयोगी है।


 कार्यकम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि एडवांस रिसर्च उपकरणों की फेसिलिटी को हम कैसे उपयोगी बना सकते है यह हमारे प्रयासो पर निर्भर करता है । शोधकार्य की व तकनीको की विकास हेतु महती आवश्यकता है।

इस कार्यशाला के प्रथम भाग में चार व्याख्यान हुए। जिसमे   प्रो. र. दास - इलेक्ट्रोकेमिकल एनालिसिस ,डॉ. अ. दुर्गबंशी - यूवी-विस स्पेक्ट्रोस्कोपी (प्रिंसिपल एण्ड इंस्ट्रूमेन्टेशन) , डॉ. एन. उपाध्याय एफटी-आइआर स्पेक्ट्रोस्कोपी
और  डॉ. पी. घोष फ्लोरेसेन्स स्पेक्ट्रोस्कोपी ने विषय पर चर्चा की।
वर्कशॉप में 145 के रजिस्ट्रेशन करवाया था जिसमें से 30 आवेदकों का मेरिट आधार पर चयन हुआ। इस कार्यशाला के दूसरे भाग में विभिन्न उपकरणों पर व्याख्यान व उनकी कियाविधि का प्रयोगशालाओं में प्रदर्शन किया गया। प्रतिभागियों ने स्वयं भी उपकरणों पर कार्य का प्रयास किया।
इसमें  प्रो. ए. पी. मिश्रा-इलेक्ट्रो केमिकल वर्क स्टेशन (हेड एण्ड डीन),डॉ. पी. घोष यूवी-विस/ स्पेक्ट्रोफ्लोरोमीटर, डॉ. के. दास एफटी आइआर स्पेक्ट्रोस्कोपी का प्रदर्शन किया ।

इस कार्यशाला में मुख्य रूप से जिनमें कि डोफा, प्रो. अजीत जयसवाल ज,प्रो. पी. के. कठल, पूर्व विभागाध्यक्ष रसायन विभाग ,प्रो. के. एस. पित्रे, विभागाध्यक्ष अपराध शास्त्र विभाग प्रो. देवाशीष घोष
प्रो. श्वेता यादव, प्राणी शास्त्र विज्ञान,
प्रो. रणवीर सिंग विभागाध्यक्ष भौतिक विभाग, प्रो. विजय वर्मा, प्रो. रत्नेश दास, प्रो. एन. पी. सिंग, डॉ. ऋतु यादव, डॉ. के.के. राज, डॉ. के. बी. जोशी, डॉ. कल्पतरू दास, डॉ. सरिता राय, डॉ. अ. दुर्गाबंशी, डॉ. पुष्पाल घोष, डॉ. नीरज उपाध्याय, डॉ. एम. एम. देशमुख, डॉ. विवेक तिवारी, डॉ. अमूल कुमार केशरवानी, डॉ. संदीप कुमार शुक्ला, डॉ. विजयश्री सूर्यवंशी, डॉ. अनिल कुमार बाहे आदि उपस्थित हुए।



एडिटर: विनोद आर्य
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गौर विश्वविद्यालय : वैज्ञानिक डा वन्दना विनायक ने लैब में तैयार किया डायटम नैनो-फिंगरप्रिंट पाउडर, जर्मनी से मिला अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट▪️फॉरेंसिक मामलों की जांच में पाउडर की होगी महत्त्वपूर्ण भूमिका

गौर विश्वविद्यालय : वैज्ञानिक डा वन्दना विनायक ने लैब में तैयार किया डायटम नैनो-फिंगरप्रिंट पाउडर, जर्मनी से मिला अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट

▪️फॉरेंसिक मामलों की जांच में पाउडर की होगी महत्त्वपूर्ण भूमिका

तीनबत्ती न्यूज : 26 फरवरी,2024
सागर : डॉक्टर हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर के अपराध शास्त्र और न्यायिक विज्ञान विभाग में डायटम  रिसर्च यूनिट( Diatom) को उनके इंडो-फ्रेंच प्रोजेक्ट (सेफिप्रा) पर काम करते हुए जर्मनी से एक अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट प्रदान किया गया है।  यह पेटेंट फ्लोरोसेंस डाई युक्त डायटम नैनो-फिंगरप्रिंट पावडर (Diatom Nano Fingerprint Powder ) के संश्लेषण पर है जो काफी सस्ता, कम हानिकारक, पर्यावरण के अनुकूल और अत्यधिक प्रभावी है। प्रोजेक्ट की प्रमुख अन्वेषक और सहायक प्राध्यापक डॉ. वंदना विनायक (Diatoms Nanobiotechnologist) डॉक्टर हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के अपराध शास्त्र और न्यायिक विज्ञान विभाग में पिछले एक दशक से अधिक समय से शैवाल डायटम के क्षेत्र में अनुसंधान कर रही हैं. 


उन्होंने बताया कि फोरेंसिक मामलों की जांच में फिंगरप्रिंट महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्य होते हैं लेकिन मौजूदा फ़िंगरप्रिंट पाउडर ऐसे रासायनिक यौगिकों से मिलकर बने होते हैं जो मानव स्वास्थ और पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं। डायटोमाइट पाउडर गैर-विषाक्त, अपेक्षाकृत किफायती है और विभिन्न सतहों पर फ़िंगरप्रिंट को बिना उनकी विशेषताओं को नुकसान पहुंचाए हुए विकसित करता है। 

उन्होंने बताया कि इस पाउडर के विकास में उनके साथ शोध छात्रों अंकेश अहिरवार, वंदना सिरोटिया, प्रियंका खंडेलवाल और गुरप्रीत सिंह और छात्रा उर्वशी सोनी ने महत्ववपूर्ण भूमिका निभाई है. इसके अलावा साहित्य समीक्षा पर भी कई विद्यार्थियों ने काम किया है.
इस तरह काम करेगा पावडर

 फ्लोरेसेसेंट डायटम पाउडर की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने बताया कि इसमें एक पॉली लिंकर के साथ एक फ्लोरोसेंट डाई और डायटम फ्रस्ट्यूल्स (डायटोमाइट) को क्रिया करके विभाग की डायटम लैब में बनाया गया है। पाउडर भौतिक रूप से सतह पर पसीने में मौजूद पदार्थों के साथ रासायनिक क्रिया करके चिपक जाता है और फिर प्रतिदीप्ति फोटोग्राफी की मदद से विकसित उंगलियों के निशान की उच्च गुणवत्ता के साथ फोटो खींची जा सकती है। पाउडर में उच्च कंट्रास्ट, प्रकृति के लिए गैर-विनाशकारी, अत्यधिक संवेदनशीलता, नवीनता और कई अन्य उन्नत विशेषताएं होने के कारण न्यायिक विज्ञान के क्षेत्र में यह  अग्रणी योगदान देने वाला उत्पाद साबित होगा.

इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने डॉ. वंदना, उनकी टीम एवं विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं. विभाग के शिक्षकों ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है.




एडिटर: विनोद आर्य
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SAGAR : स्कूल में गैरहाजिर शिक्षक ने नही दिया नोटिस का जबाव : कलेक्टर ने शिक्षक को किया सस्पेंड

SAGAR : स्कूल में गैरहाजिर शिक्षक ने नही दिया नोटिस का जबाव : कलेक्टर ने शिक्षक को किया सस्पेंड


तीनबत्ती न्यूज : 26 फरवरी 2024
सागर :
कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने माध्यमिक शिक्षक शासकीय उ.मा.वि. बरौदिया श्री नारायण कोरी को कारण बताओं नोटिस का जबाव न देने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया।  तहसीलदार खुरई द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि 9 जनवरी 2024 को शाला का औचक निरीक्षण के दौरान श्री नारायण कोरी, माध्यमिक शिक्षक शासकीय उ.मा.वि. बरौदिया, नीनगर वि.ख. खुरई शाला में उपस्थित नहीं पाये गये। श्री कोरी द्वारा 17 एवं 18 जनवरी 2024 को उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर नही किये गये। उक्त संबंध श्री कोरी को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया गया। श्री कोरी द्वारा उक्त कारण बताओ नोटिस का आज दिनांक तक जबाव प्रस्तुत नही किया गया।


श्री नारायण कोरी को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 09 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है एवं निलंबन अवधि में मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सागर निर्धारित किया गया एवं निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।




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जापानी इन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) के टीके लगेंगे बच्चो को▪️सागर में अभी तक मिले 6 बच्चे दिमागी बुखार के▪️सागर,भोपाल,इंदौर और होशंगाबाद जे ई टीकाकरण के लिए चिन्हित

जापानी इन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) के टीके लगेंगे बच्चो को
▪️सागर में अभी तक मिले 6 बच्चे दिमागी बुखार के
▪️सागर,भोपाल,इंदौर और होशंगाबाद जे ई टीकाकरण के लिए चिन्हित

तीनबत्ती न्यूज :  26 फरवरी 2024
सागर :
   जापानी इन्सेफलाइटिस (Japanese encephalitis ) (दिमागी बुखार) से बचाने बच्चो का टीकाकरण होगा। इसके आइए 27 फरवरी से अभियान शुरू होगा। एक साल से लेकर 15 साल के बच्चे का टीकाकरण होगा। मध्यप्रदेश के सागर,भोपाल,इंदौर और होशंगाबाद जे ई टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है। 


सागर में दिमागी बुखार के अभी तक 6 बच्चे मिले

जिला टीकाकरण अधिकारी सागर डॉ.एम. एल.जैन ने  जापानी इन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) के संबंध में मीडिया को बताया कि मध्य प्रदेश में 04 जिले इन्दौर, होशंगाबाद, भोपाल, सागर को जे.ई टीकाकरण हेतु चिन्हित किया है। विगत 6 वर्षो में सागर जिले में 06 बच्चे दिमागी बुखार से पीडित मिले थे।  अधिकाशतः एक वर्ष से 15 वर्ष की आयुवर्ग के बच्चों में जापानी ईसेंफंलाइटिस की बीमारी होनी की संभावना सबसे अधिक होने कारण शासन के निर्देशानुसार सागर जिले में जापानी ईसेंफंलाइटिस टीकाकरण  27 फरवरी 2024 से प्रारंभ किया जा रहा है ।

मच्छर से होती है बीमारी

उन्होंने बताया कि जापानी इन्सेफलाइटिस मच्छर जनित वायरस के कारण होने वाली बीमारी है। यह मूख्यतः क्यूलेक्स मच्छर (Culex tritaeniorhynchus) 
के काटने से फैलती है। संक्रमण से सिरदर्द या मेनिनजाइटिस (ब्रेन टिशू की सूजन) जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं । अन्य लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, गले में अकड़न, कपकपी, उल्टी और संक्रमण हैं । जे.ई पीड़ित व्यक्ति को झटके आते हैं बीमारी बढ़ने पर लकवे/कोमा में जाने की संभावना बढ़ जाती हे। पीड़ित बच्चों की दिमागी स्थिति असामान्य रहती हैं। गंभीर मामलों में या अनुपचारित छोड़ दिए जाने पर  जापानी इन्सेफेलाइटिस नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाकर मृत्यु का कारण बन सकता है।


आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में लगेंगे टीके

उल्लेखनीय है कि आगनंबाड़ी केन्द्रों में 1 से 6 साल के बच्चों का एवं शासकीय/प्राईवेट स्कूलों में 6 से 15 साल के बच्चों को जापानी इन्सेफलाइटिस का निःशुल्क टीका लगाया जायेगा।
इस अवसर पर डॉ.एम.एल.जैन ने खा कि पत्रकार बन्धुओं के सहयोग से आमजन तक जापानी इन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) होने के कारण, लक्षण, बचाव की जानकारी पहुंच सकेगी एवं जन-समुदाय तक टीकाकरण के प्रति सकारात्मक वातावरण निर्मित हो सकेगा।




एडिटर: विनोद आर्य
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