शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण वैश्विक मूल्यबोधपरक पाठ्यचर्याओं से ही संभव- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता
▪️भारत-नेपाल उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन-2024
तीनबत्ती न्यूज : 20 फरवरी,2024
सागर :भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली के तत्त्वावधान में दिनांक 15 से 17 फरवरी 2024 तक ‘उच्च शिक्षा का वैश्वीकरण और अंतर्राष्ट्रीयकरण’ विषय पर काठमांडू विश्वविद्यालय, काठमांडू (नेपाल) में भारत के सभी भारतीय विश्वविद्यालयों की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें 117 भारतीय विश्वविद्यालयों ने सहभागिता की. डॉ. हरीसिंह गौर विवि, सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के नेतृत्व में एनईपी 2020-शिक्षा प्रणाली के अंतर्राष्ट्रीयकरण थीम के साथ सम्मिलित हुईं.
______________
देखे :खजुराहो नृत्य महोत्सव : कथक के 1500 नृत्य कलाकारों की सामूहिक प्रस्तुति ने बनाया विश्व रिकार्ड
______________
विश्वविद्यालय की प्रो. श्वेता यादव और डॉ. सुनीत वालिया ने भी कार्यक्रम में भाग लिया. शिखर सम्मेलन का उद्घाटन नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने किया और उदघाटन भाषण भी दिया. विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रख्यात कुलपतियों ने कई तकनीकी सत्रों को संबोधित किया.
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने ‘इंटरनेश्नल कोलैबोरेशंस एंड पार्टनरशिप: बिल्डिंग ब्रिजेज फॉर हायर एजुकेशन’ विषय पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने शिक्षा प्रणाली के अंतर्राष्ट्रीयकरण और वैश्वीकरण पर प्रकाश डाला. उन्होंने छात्र विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय छात्रों की भागीदारी के बारे में चर्चा की. उन्होंने करीकुलम के वैश्विक मूल्यों पर जोर देते हुए कहा कि हमें इस पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है तभी हम वैश्विक स्तर पर अपने ज्ञान संसाधनों एवं उसकी महत्ता को बतला सकने में सक्षम होंगे. उन्होंने भारतीय छात्रों के बढ़ते पलायन एवं ब्रेन-ड्रेन जैसे तथ्यों की तरफ भी ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि पढ़ाई के लिए जब छात्र बाहर जाते हैं तो इससे भारतीय मेधा के साथ भारतीय आर्थिकी का भी इससे नुकसान होता है.
उन्होंने इसके उपचारात्मक समाधान पर जोर देते हुए कहा कि यूजीसी विदेशी छात्रों को आकर्षित करने और भारतीय छात्रों को वापस बनाए रखने के लिए संस्कृति विविधता जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से सुविधा प्रदान कर रहा है. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने और आमंत्रित करने के लिए आउट-रीच कार्यक्रम, वेबसाइट लाइन, मजबूत डिजिटल उपस्थिति और लचीली और त्वरित प्रवेश प्रक्रिया और छात्रों के इमीग्रेशन और प्रवास की प्रक्रिया को आसान बनाने का सुझाव दिया. प्रो. गुप्ता ने अकादमिक विद्वानों के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे घरेलू और वैश्विक शिक्षा प्रणाली की समझ बढ़ेगी और व्यापक सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विश्व शांति विकसित होगी.
विश्वविद्यालय की अकादमिक उपलब्धियों एवं विशिष्टताओं का किया प्रदर्शन
यह आयोजन एक ऐसा बड़ा मंच था जिसमें सभी प्रतिभागी विश्वविद्यालयों ने अपने पाठ्यक्रमों, प्रवेश, प्रक्रियाओं, अनुसंधान क्षेत्रों और सहयोग आदि के संदर्भ में अपनी सक्षम उपस्थिति दर्ज की. इसी क्रम में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय ने भी स्टाल के माध्यम से विश्वविद्यालय की अकादमिक उपलब्धियों, छात्र सुविधाओं, अध्ययन-अध्यापन के वातावरण, पाठ्यक्रमों, शोध-अनुसंधान आदि में अपनी सभी प्रमुख उपलब्धियों को प्रदर्शित किया. काठमांडू के सात से अधिक स्कूलों ने अपने प्रधानाचार्यों और शिक्षकों, उपकुलपतियों, संकाय सदस्यों और विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ विश्वविद्यालय के स्टाल का अवलोकन किया और जानकारी प्राप्त की.
वहां के कई सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और शिक्षकों ने विज्ञान, प्रबंधन, कला, इंजीनियरिंग आदि जैसे विषयों में परियोजनाओं, छात्र विनिमय कार्यक्रमों, एमओयू के संदर्भ में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की. सम्मलेन में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग, हांगकांग, थाईलैंड और यूनाइटेड किंगडम के प्रतिनिधियों ने चुनौतियों, नई नीतियों के निर्माण और इसके एलाइनमेंट पर भी चर्चा की.
____________________________
एडिटर: विनोद आर्य
________
+91 94244 37885
तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़ने लाईक / फॉलो करे
ट्वीटर फॉलो करें
वेबसाईट
इंस्टाग्राम
यूट्यूब लिंक
______________________________