गोरखनाथ मंदिर : खिचड़ी मेले में बहती है श्रद्धा, मनोरंजन व रोजगार की त्रिवेणी▪️बाबा को चढ़ाए जाने वाला अन्न वर्षभर वितरित होता है जरूरतमंदों में

गोरखनाथ मंदिर : खिचड़ी मेले में बहती है श्रद्धा, मनोरंजन व रोजगार की त्रिवेणी

▪️बाबा को चढ़ाए जाने वाला अन्न वर्षभर वितरित होता है जरूरतमंदों में

( फोटो : आज श्री गोरखनाथ मंदिर में लगने वाले खिचड़ी मेला में नगर निगम गोरखपुर द्वारा स्थापित RRR सेंटर का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराज द्वारा उद्घाटन किया गया एवम जरूरतमंद लोगों को कम्बल व कपड़े आदि का वितरण किया गया।)

▪️गिरीश पांडेय

तीनबत्ती न्यूज : 14 जनवरी ,2024
गोरखपुर । मकर संक्रांति पर लगने और इससे पखवारा पूर्व शुरू होकर डेढ़-दो माह तक लगने वाले खिचड़ी मेले में श्रद्धा, मनोरंजन और रोजगार की त्रिवेणी बहती है। पूरी प्रकृति को ऊर्जस्वित करने वाले सूर्यदेव के उत्तरायण होने पर गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की त्रेतायुग से चली आ रही यह अनूठी परंपरा पूरी तरह लोक को समर्पित है। गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी के रूप में चढ़ाए जाने वाला अन्न वर्षभर जरूरतमंदों में वितरित किया जाता है। मंदिर के अन्न क्षेत्र में कभी भी कोई जरूरतमंद पहुंचा, खाली हाथ नहीं लौटा। ठीक वैसे ही, जैसे बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाकर मन्नत मांगने वाला कभी निराश नहीं होता।
( खिचड़ी वितरित करते सीएम योगी)

 मान्यता है कि तत्समय आदि योगी गुरु गोरखनाथ एक बार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित मां ज्वाला देवी के आमंत्रण पर उनके वहां एक आयोजन में पहुंचे। मां ने उनके भोजन का प्रबंध किया। कई प्रकार के व्यंजन देख बाबा ने कहा कि वह तो योगी हैं और भिक्षा में प्राप्त चीजों को ही भोजन रूप में ग्रहण करते हैं। उन्होंने मां ज्वाला देवी से पानी गर्म करने का अनुरोध किया और स्वयं भिक्षाटन को निकल गए। भिक्षा मांगते हुए वह गोरखपुर आ पहुंचे और राप्ती और रोहिन के तट पर जंगलों में बसे इस स्थान पर धूनी रमाकर साधनालीन हो गए। उनका तेज देख तभी से लोग उनके खप्पर में अन्न (चावल, दाल) दान करते रहे। इस दौरान मकर संक्रांति का पर्व आने पर यह परंपरा खिचड़ी पर्व के रूप में परिवर्तित हो गई। तब से बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने का क्रम हर मकर संक्रांति पर अहर्निश जारी है। कहा जाता है कि उधर ज्वाला देवी के दरबार मे बाबा की खिचड़ी पकाने के लिए आज भी पानी उबल रहा है।
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मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गोरक्षपीठाधीश्वर नाथ पंथ की विशिष्ट परंपरानुसार शिवावतारी गुरु गोरखनाथ को लोक आस्था की खिचड़ी चढ़ाकर समूचे जनमानस की सुख समृद्धि की मंगलकामना करते हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार तथा देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भी कुल मिलाकर लाखों की तादाद में श्रद्धालु शिवावतारी बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाते हैं। मकर संक्रांति के दिन भोर में सबसे पहले गोरक्षपीठ की तरफ से पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ खिचड़ी चढ़ाकर बाबा को भोग अर्पित करते हैं। तत्पश्चात नेपाल राजपरिवार की ओर से आई खिचड़ी और रोट (खास तरह की मिठाई) बाबा को चढ़ाई जाती है। इसके बाद मंदिर के कपाट खोल दिए जाते हैं और जनसामान्य की आस्था खिचड़ी के रूप में निवेदित होनी शुरू हो जाती है।


श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा की पूरी तैयारी

 खिचड़ी महापर्व को लेकर मंदिर व मेला परिसर सज धजकर तैयार है। मंदिर प्रबंधन की तरफ से श्रद्धालुओं के ठहरने और अन्य सुविधाओं और सुरक्षा का पूरा इंतज़ाम किया गया है। 

सामाजिक समरसता का केंद्र है गोरखनाथ मंदिर
गोरखनाथ मंदिर सामाजिक समरसता का ऐसा केंद्र है जहां जाति, पंथ, महजब की बेड़ियां टूटती नजर आती हैं। इसके परिसर में क्या हिंदू, क्या मुसलमान, सबकी दुकानें हैं। यानी बिना भेदभाव सबकी रोजी रोटी का इंतजाम है। यही नहीं, मंदिर परिसर में  डेढ़-दो माह तक लगने वाला खिचड़ी मेला भी जाति-धर्म के बंटवारे से इतर हजारों लोगों की आजीविका का माध्यम बनता है। 
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मंदिर परिसर में नियमित रोजगार करने वालों से लेकर मेला में दुकान लगाने वालों तक, बड़ी भागीदारी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की होती है। उन्होंने कभी कोई भेदभाव महसूस नहीं किया बल्कि अपनेपन के भाव से विभोर होते रहते हैं। मेले में खरीदारी से लेकर मनोरंजन के साधनों तक भरपूर इंतज़ाम है।


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साप्ताहिक राशिफल : 15 जनवरी से 21 जनवरी 2024 तक ▪️पंडित अनिल पांडेय

साप्ताहिक राशिफल :  15 जनवरी से 21 जनवरी 2024 तक 
▪️पंडित अनिल पांडेय

तीनबत्ती न्यूज : 14 जनवरी,2024

जय श्री राम
संस्कृत में एक सुभाषित है जो ज्योतिषियों पर बिल्कुल फिट बैठती है :-
सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् , 
न ब्रूयात् सत्यम् अप्रियम् । 
प्रियं च नानृतम् ब्रूयात् , 
एष धर्मः सनातन: ॥

सत्य बोलना चाहिये, प्रिय बोलना चाहिये, सत्य किन्तु अप्रिय नहीं बोलना चाहिये । प्रिय किन्तु असत्य नहीं बोलना चाहिये ; यही सनातन धर्म है ॥
एक ज्योतिषी को सदैव सच बोलना चाहिए और मैं अपने साप्ताहिक राशिफल में इसी का पालन करता हूं । इसी वजह से मेरे साप्ताहिक राशिफल में आप लोगों को सच्चाई मिलती है और  यह आप लोगों के बीच में लगातार लोकप्रिय हो रहा है । मैं आपके सामने 15 जनवरी से 21 जनवरी 2024 अर्थात विक्रम संवत 2000 संघ शपथ 1945 के बहुत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से बहुत शुक्ल पक्ष की एकादशी तक के सप्ताह के साप्ताहिक राशिफल के बारे में चर्चा करूंगा । 
इस सप्ताह प्रारंभ में चंद्रमा कुंभ राशि में रहेगा ।  उसके उपरांत 15 को 5: 43 रात अंत से मीन राशि में प्रवेश करेगा  ।  18 को 8:17 दिन से मेष का हो जाएगा और 20 को 12:04 दिन से वृष राशि में गोचर करेगा ।
इस सप्ताह सूर्य प्रारंभ में धनु राशि का रहेगा तथा 15 जनवरी को 9:30 दिन से मकर राशि में प्रवेश करेगा ।  सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के कारण खरमास समाप्त हो जाएगा और विवाह इत्यादि शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे ।   इस समय को मकर संक्रांति भी कहते हैं ।
इस सप्ताह मंगल और बुद्ध पूरे सप्ताह धनु राशि में रहेंगे ।  इसके अलावा गुरु पूरे सप्ताह मेष राशि रहेगा और शनि कुंभ राशि में रहेगा  ।  राहु पूरे सप्ताह मीन राशि में वक्री रहेगा  ।  शुक्र ग्रह प्रारंभ में वृश्चिक राशि में रहेगा तथा 18 तारीख को 10:05 रात से धनु राशि में प्रवेश करेगा ।
जैसा कि मैं पहले बता चुका हूं खरमास समाप्त हो चुका है ।  जिसके कारण  शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे  ।  इस सप्ताह 16 ,17 , 20 और 21 जनवरी को विवाह का शुभ मुहूर्त है  ।  इसके अलावा उपनयन मुहूर्त 21 तारीख को है  ।  17 तारीख को नामकरण , मुंडन , गृह-प्रवेश और व्यापार के मुहूर्त भी हैं । 
इस सप्ताह 18 जनवरी को सूर्योदय से तथा 19 जनवरी के 7:05 प्रातः सर्वार्थ सिद्ध योग भी है । 
आइये अब हम राशिवार राशिफल की चर्चा करते हैं ।


यह सप्ताह आपके लिए ठीक है  ।  आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा  ।  जीवनसाथी के पेट में कोई गड़बड़ी हो सकती है  ।  कार्यालय में आपकी स्थिति थोड़ा खराब हो सकती है  ।  भाग्य आपका भरपूर साथ देगा  ।  धन अच्छी मात्रा में आ सकता है  ।  संतान का आपके सहयोग प्राप्त नहीं होगा  ।  खर्चों में कमी आएगी  ।  कचहरी के कार्यों में रिस्क ना लें  ।  इस सप्ताह आपके लिए 18 और 19 तारीख किसी भी कार्य को करने के लिए लाभदायक हैं  ।  16 और 17 तारीख को आपको कोई भी कार्य पूर्ण सावधानी के साथ करना चाहिए  ।  इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन गाय को हरा चारा खिलाएं । सप्ताह का शुभ दिन बृहस्पतिवार है ।

वृष राशि
इस सप्ताह कार्यालय में आपकी स्थिति ठीक रहने का अनुमान है  ।  कार्यालय में आपको प्रतिष्ठा प्राप्त होगी  ।  आपके खर्चों में वृद्धि होगी  ।  आप आराम संबंधी कोई वस्तु या जमीन या अन्य कोई चीज खरीद सकते हैं  ।  अगर आपका प्रमोशन ड्यू है तो स्थानांतरण हो सकता है  ।  लंबी दूरी के यात्रा का योग बन सकता है  ।  आपके जीवन साथी के स्वास्थ्य में थोड़ी खराबी आ सकती है  ।  अगर आप विवाहित हैं तो विवाह के अच्छे प्रस्ताव आ सकते हैं  ।   इस सप्ताह आपके लिए 15 और 20 तथा 21 जनवरी किसी भी कार्य को करने के लिए फलदायक हैं  ।  20 और 21 जनवरी को आप जो भी कार्य करेंगे सभी कार्यों में आपको शत प्रतिशत सफलता प्राप्त होगी  ।  15 जनवरी को किए गए कार्यों में अधिकांश कार्यों में आपको सफलता प्राप्त हो सकती है  ।   इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप 18 और 19 जनवरी को सावधानी पूर्वक कार्य करें तथा  सचेत रहें  ।  इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन  मंदिर में जाकर गरीबों के बीच में चावल का दान दें । सप्ताह का शुभ दिन शनिवार है ।

मिथुन राशि
इस सप्ताह आपका व्यापार उत्तम चलेगा ।  व्यापार में काफी लाभ होने की उम्मीद है ।  भाग्य आपका पूर्ण रूप से साथ देगा  ।  अगर आप कर्मचारी अधिकारी हैं तो आपका अपने बड़े अधिकारियों से व्यर्थ का वार्तालाप हो सकता है  ।  कृपया इस व्यर्थ के वार्तालाप से बचने का प्रयास करें  ।  आपके शत्रु आप पर हावी होने का प्रयास करेंगे  ।  छोटी-मोटी दुर्घटना का योग है  ।  दुर्घटनाओं से बचने का हमेशा प्रयास करें  ।  पिताजी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है  ।  माता जी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा  ।  आपको अपने संतान से किसी भी तरह का कोई सहयोग इस सप्ताह प्राप्त नहीं हो पाएगा  ।   आपके लिए इस सप्ताह 16 और 17 जनवरी शुभ है  ।  16 और 17 जनवरी को आपको कई कार्यो में सफलता प्राप्त हो सकती है  ।  20 और 21 जनवरी को आपको सतर्क रहना चाहिए  ।  इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें   ।  सप्ताह का शुभ दिन रविवार है ।

कर्क राशि
इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा  ।  कार्यालय में आपकी प्रगति होगी  ।  आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी  ।  भाग्य से इस सप्ताह आपको कोई विशेष मदद नहीं प्राप्त होगी  ।  संतान से सहयोग नहीं प्राप्त होगा  ।  पिताजी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा  ।  माताजी के स्वास्थ्य में खराबी आ सकती है  ।  आपके सभी शत्रु आपके प्रयासों से समाप्त हो सकते हैं  ।  इस सप्ताह आपके लिए 18 और 19 जनवरी लाभदायक है  ।  15 जनवरी को आपको सतर्क रहना चाहिए  ।  इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन स्नान के उपरांत तांबे के पात्र में में जल अक्षत और लाल पुष्प डालकर भगवान सूर्य को ,  मंत्र के साथ जल अर्पण करें  ।  सप्ताह का शुभ दिन रविवार है  ।  ।

सिंह राशि
इस सप्ताह आपके जीवनसाथी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा ।  माताजी और पिताजी का स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा ।  संतान से आपके संबंध ठीक रहेंगे ।धन आने का योग है । इस सप्ताह आपको कुछ मानसिक चिंता  हो सकती है  ।  भाग्य पूर्ण रूप में आपका साथ देगा  ।  नसों की बीमारी भी आपको हो सकती है  ।  दुर्घटनाओं से निरंतर सावधान रहें  ।  भाई बहनों के साथ संबंध सामान्य रहेंगे  ।  छात्रों की पढ़ाई उत्तम चलेगी  ।  इस सप्ताह आपके लिए 15 और 20 तथा 21 जनवरी उत्तम है  ।   20 और 21 जनवरी को आपके सभी कार्य संपन्न होंगे ।   15 जनवरी को भी आपके काफी कार्य पूर्ण हो सकते हैं  ।  16 और 17 जनवरी को आपको सावधान रहकर कार्य करना चाहिए  ।  इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन रुद्राष्टक का पाठ करें  ।  सप्ताह का शुभ दिन रविवार है ।

कन्या राशि
इस सप्ताह आपको भरपूर सुख मिलने की उम्मीद है  ।   जनता में आपके यश की वृद्धि होगी  ।  इस महीने आप नई जमीन ,नया मकान या कुछ ऐसी ही नई चीज  खरीद सकते हैं । आपको या आपके जीवनसाथी को शारीरिक कष्ट हो सकता है  ।  पिताजी का स्वास्थ्य सामान्य  तौर पर ठीक रहेगा  ।  माता जी के स्वास्थ्य में थोड़ी बहुत तकलीफ हो सकती है ।  इस सप्ताह आपके लिए 16 और 17 जनवरी अत्यंत उत्तम है  ।  16 और 17 जनवरी को आपके अधिकांश कार्य सफल होंगे  ।  15 ,18 और 19 तारीख को आपको सतर्क रहकर   कार्य करना चाहिए  ।  इस बात की पूरी संभावना है कि 20 और 21 तारीख को आपका भाग्य आपका साथ दे  ।  इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप घर की बनी पहली रोटी गौ माता को दें   ।  सप्ताह का शुभ दिन बुधवार है  ।

तुला राशि
तुला राशि के व्यक्ति का स्वास्थ्य सामान्य और उसके  जीवनसाथी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा  ।  अगर आप अविवाहित हैं तो इस वर्ष आपके विवाह होने की अच्छी उम्मीद है  ।  कुंडली  में जब भी  मंगल ,शुक्र ,गुरु और चंद्रमा  की दशा अंतर्दशा आएगी उसे समय आपके विवाह के अच्छे योग बनेंगे  ।   इस सप्ताह आपके सुख में थोड़ी कमी होगी  ।  माता जी का स्वास्थ्य  कम ठीक रहेगा  ।  पिताजी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा  ।  संतान से आपके सहयोग मिलेगा  ।  भाइयों के साथ संबंध ठीक-ठाक रहेंगे  ।  छात्रों की पढ़ाई उत्तम चलेगी  ।   धन आने की कम उम्मीद है  ।  इस सप्ताह आपके लिए 18 और 19 जनवरी उत्तम है  ।  सप्ताह के बाकी दिन आपको सतर्क रहकर कार्य करने की आवश्यकता है  ।  इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन  भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें  ।  सप्ताह का शुभ दिन शुक्रवार है । 
वृश्चिक राशि
अगर आप अविवाहित हैं तो इस सप्ताह आपके विवाह के उत्तम प्रस्ताव आएंगे  ।  प्रेम संबंधों में वृद्धि संभव है  ।  परंतु आपको अपने संबंधों में सतर्क रहने की आवश्यकता है  ।  भाइयों  और बहनों से आपके संबंधों में तनाव आ सकता है  ।  व्यापार उत्तम चलेगा  ।  धन आने की पूरी उम्मीद है  ।  आपके सुख में वृद्धि होगी  ।  जनप्रतिनिधियों का मान सम्मान बढ़ेगा  ।  इस सप्ताह आपके लिए 15,  20 और 21 जनवरी उत्तम है  ।  इन तिथियां में आपके अधिकांश कार्यों के होने की संभावना है  ।  18 और 19 जनवरी को आपको सतर्क रहकर कोई भी कार्य करना चाहिए  ।  आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह सफेद वस्तुओं का दान दें  ।  सप्ताह का शुभ दिन रविवार है  ।

धनु राशि
आपके स्वास्थ्य के लिए यह सप्ताह काफी उत्तम है  ।  आपका व्यापार भी काफी तीव्र गति से आगे बढ़ेगा  ।  व्यापार में आपको काफी लाभ होगा  ।  धन आने की मात्रा में  कमी हो सकती है  ।  कचहरी के कार्यों में रिस्क ना लें  ।  माता जी के स्वास्थ्य में खराबी हो सकती है  ।  पिताजी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा  ।  आपको अपने संतान से सुख प्राप्त होगा  ।  संतान हर कार्य में आपकी सहायता करेगी  ।  भाई बहनों के साथ संबंध ठीक-ठाक रहेगा  ।  छात्रों की पढ़ाई में बाधा आएगी  ।  इस सप्ताह आपके लिए 16 और 17 जनवरी उत्तम है  ।  16 और 17 जनवरी को आपके अधिकांश कार्य सिद्ध होंगे  ।  20 और 21 जनवरी को आपको संभाल कर कार्य करना चाहिए  ।  इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप काले कुत्ते को रोटी खिलाएं  ।  सप्ताह का शुभ दिन बृहस्पतिवार है ।

मकर राशि
इस सप्ताह आपके जीवन में सुख की मात्रा बढ़ेगी ।  आप नई-नई योजनाएं बना सकते हैं ।  खर्चो की मात्रा में वृद्धि होगी  ।  कचहरी के कार्यों में सफलता का योग है  ।  अगर आप प्रयास करेंगे तो आपके शत्रु भी समाप्त हो सकते हैं  ।  धन आएगा    ।  परंतु लाभ की मात्रा में कमी रहेगी  ।  भाई बहनों के साथ संबंध खराब रहेंगे  ।  भाग्य आपका साथ देगा  ।  दूर देश की यात्रा   का योग भी है  ।  इस सप्ताह आपके लिए 18 और 19 जनवरी लाभकारी है  ।  18 और 19 जनवरी को आपके कई कार्य संपन्न हो सकते हैं  ।   सप्ताह के बाकी दिन ठीक-ठाक है  ।  इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप आदित्य हृदय स्त्रोत का प्रतिदिन पाठ करें   ।  सप्ताह का शुभ दिन शुक्रवार है  ।

कुंभ राशि
इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा ।  आपके जीवनसाथी के स्वास्थ्य में थोड़ी खराबी आ सकती है  ।  उनके गरदन या कमर में दर्द रह सकता है  ।  आपके धन की मात्रा बढ़ेगी  ।  अगर आप अधिकारी या कर्मचारी हैं तो आपको कार्यालय के कार्यों में तकलीफ हो सकती है  ।  भाई बहनों के साथ अच्छे संबंध रहेंगे  ।  भाग्य आपका साथ नहीं दे पाएगा  ।  कचहरी के कार्यों में इस सप्ताह रिस्क बिल्कुल ना लें  ।  इस सप्ताह आपके लिए 15,  20 और 21 जनवरी मंगल दायक है  ।  इन तारीखों में आप जो भी कार्य करेंगे अधिकांश कार्यों में आप सफल रहेंगे  ।   इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप गणेश अथर्वशीर्ष का प्रतिदिन पाठ करें  ।  सप्ताह का शुभ दिन शनिवार है ।  


मीन राशि के जातकों के कार्यालय के कार्यों में सफलता का योग है  ।  इस सप्ताह आपको थोड़े बहुत धन की प्राप्ति हो सकती है  ।  स्वास्थ्य में थोड़ी परेशानी हो सकती है ।   कचहरी के कार्यों में  इस सप्ताह आपको असफलता प्राप्त नहीं होगी  ।  पिताजी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा  ।  भाग्य से आपको कोई विशेष लाभ प्राप्त नहीं होगा  ।  आपको अपनी संतान से कोई विशेष सुख इस सप्ताह प्राप्त नहीं हो पाएगा  ।  संतान को कष्ट भी हो सकता है  ।  इस सप्ताह आपके लिए 16 और 17 जनवरी उत्तम और लाभदायक है  ।  20 और 21 जनवरी को आपके भाइयों को कुछ लाभ हो सकता है  ।   आपको 15 तारीख को   सतर्क रहना चाहिए  ।  इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन कम से कम तीन बार हनुमान चालीसा का जाप करें  ।  सप्ताह का शुभ दिन मंगलवार है ।

आपसे अनुरोध है कि इस पोस्ट का उपयोग करें और हमें इस पोस्ट के बारे में बतायें।
मां शारदा से प्रार्थना है या आप सदैव स्वस्थ सुखी और संपन्न रहें।

जय मां शारदा।
 निवेदक:-
पण्डित अनिल कुमार पाण्डेय
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता
प्रश्न कुंडली  और वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ
साकेत धाम कॉलोनी, मकरोनिया , 
सागर  (मध्य प्रदेश) , पिन कोड:-470004
मोबाइल नंबर :-8959594400


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MP : महिला टीचर ने युवक के सीने में घोंपा चाकू : हालत गंभीर

MP : महिला टीचर ने युवक के सीने में घोंपा चाकू : हालत गंभीर 

तीनबत्ती न्यूज : 14 जनवरी ,2024
खरगोन : वाहन पार्किंग को लेकर सरकारी स्कूल शिक्षिका भारती मालवीय ने  एक युवक प्रताप को चाकू मार दिया।
गंभीर हालत में युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। 


 मिली जानकारी के अनुसार शहर के मोतीपुरा स्थित शासकीय स्कूल के सामने एक महिला टीचर ने गाड़ी पार्किंग को लेकर हुए विवाद के बाद क्षेत्र के ही एक व्यक्ति को चाकू मार दिया। घटना के बाद पुलिस ने महिला शिक्षिका के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। 


थाना प्रभारी बीएल मंडलोई ने बताया कि महिला टीचर भारती ने वाहन पार्किंग की बात को लेकर क्षेत्र के प्रताप पिता आनंद (35) के साथ मारपीट की। विवाद में शिक्षिका ने प्रताप के सीने पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे उसे गंभीर चोट आई और उसे जिला अस्पताल के आईसीयू में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। घटना के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी है ।

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मिलावट करने वालों पर अपर कलेक्टर न्यायालय ने 8 लाख पेनाल्टी लगाई▪️विशाल मेगा मार्ट सहित तीन पर हुई बड़ी कार्रवाई

मिलावट करने वालों पर अपर कलेक्टर न्यायालय  ने 8 लाख पेनाल्टी लगाई
▪️विशाल मेगा मार्ट सहित तीन पर हुई बड़ी कार्रवाई


तीनबत्ती न्यूज :  13 जनवरी 2024
सागर
। अपर कलेक्टर एवं अति० जिला दण्डाधिकारी  श्री शैलेन्द्र सिंह द्वारा खाद्य सामग्रियों में कम्पनियों तथा प्रोप्राइटरो द्वारा मिलावट करने के कारण खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 के तहत दोषी पाये जाने पर  अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
श्री अमरीश दुबे, खाद्य सुरक्षा अधिकारी के द्वारा दिनांक 26 सितंबर 22 को एयर प्लाजा रिटेल होल्डिंग प्रा.लि. विशाल मेगा मार्ट मकरोनिया  का निरीक्षण किया गया ।
निरीक्षण दौरान इमली ट्री होल स्पाईस धनिया (पैक्ड) का सेम्पल लिया गया था, जो राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल की जांच रिपोर्ट मिथ्याछाप स्तर का पाया गया। न्यायालय अपर कलेक्टर द्वारा सुनवाई उपरांत दिनांक 12 जनवरी 2024 द्वारा आदेश पारित करते हुये  (स्टोर मैनेजर) सतेन्द्र दुबे पिता शिवमूरत दुबे अनावेदक क्र. नॉमिनी / संचालक / भागीदार, विशाल मेगा मार्ट प्रा०लि० प्लाट नं. 184 5जी फ्लोर प्लेटिनम टावर उद्योग विहार फेस-1 गुरुग्राम -122016 (हरियाणा) अनावेदक क्र. (3) नॉमिनी / संचालक / भागीदार, पेसिफिक फूडस कार्पाेरेशन प्लाट नं. 98बी भाकरी इण्डस्ट्रीयल एरिया पाली रोड ग्राम भाकरी फरीदाबाद-121001 (हरियाणा) के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 की धारा 26 (2) (पप) तथा सहपठित धारा 52 के तहत पृथक-पृथक 3,00,000/- $ 3,00,000/- कर कुल 6,00,000/- (अंकन छः लाख) रूपये का अर्थदण्ड आरोपित किया गया।
मिठाई मिली मिलावटी
 खाद्य सुरक्षा अधिकारी  अमरीश दुबे के द्वारा 8 अगस्त 22 को दीपक ट्रांसपोर्ट  का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण दौरान ट्रांसपोर्ट में 19 संदेहास्पद बोरियां पाई गई। उक्त बोरियों में श्री राधे राधे डिलीसियस स्वीट्स, ग्वाल गोपाल बरफी व कुंदा रखा पाया गया। उक्त समस्त खाद्य पदार्थों के सेम्पल लिया गया था, जो राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल की जांच रिपोर्ट में सभी सेम्पल मिथ्याछाप स्तर के पाये गये। जिस पर प्रकरण गठित कर न्यायालय अपर कलेक्टर एवं न्याय निर्णयन अधिकारी  द्वारा सुनवाई उपरांत  आदेश पारित करते हुये अनावेदक नॉमिनी / संचालक / भागीदार, मां गंगा फूड प्रोडक्टस ग्राम सोनपाल का पुरा पोस्ट मिठावली दा राजाखेरा धौलपुर (राजस्थान) एवं अनावेदक नॉमिनी / संचालक / भागीदार, कृष्णा फूड प्रोडक्टस जी-78 न्यू रीको इण्डस्ट्रीयल एरिया धौलपुर (राजस्थान) के विरूद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 की धारा 26(2) (पप)
तथा सहपठित धारा 52 के तहत पृथक-पृथक 1,00,000/- $ 1,00,000/- कुल दो लाख  रूपये का अर्थदण्ड आरोपित किया गया।

राशन दुकान से घटिया गेंहू मिला

प्रीति राय, खाद्य सुरक्षा अधिकारी के द्वारा दिनांक 20 जनवरी 2023 को ग्राम गोलनी तहसील खुरई  में एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला से गेंहू का सेम्पल लिया गया था जो प्रतिपाल सिंह दांगी पिता स्व० थानसिंह दांगी द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान ग्राम गोलनी तहसील खुरई  से क्रय किया गया था। राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल की जांच रिपोर्ट अनुसार गेंहू का सेम्पल अवमानक स्तर का पाया गया। न्यायालय अपर कलेक्टर एवं न्याय निर्णयन अधिकारी  द्वारा सुनवाई उपरांत  आदेश पारित करते हुये अनावेदक (सहायक यूजर) प्रतिपाल सिंह दांगी पिता स्व० थानसिंह दांगी निवासी वार्ड नं. 3 ग्राम गोलनी तहसील खुरई  के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 की धारा 26 (2) (पप) तथा सहपठित धारा 51 के तहत पन्द्रह हजार रूपये का अर्थदण्ड आरोपित किया गया।
उपरोक्तानुसार 12 जनवरी 2024 तक खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 के तहत प्रस्तुत विभिन्न प्रकरणों में सुनवाई उपरांत 03 प्रकरणों में कुल 8,15,000/- रू0 का अर्थदण्ड आरोपित किये गये है।





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धार्मिक उत्साह उमंग के साथ भगवान श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बने : मंत्री गोविंद राजपूत


धार्मिक उत्साह उमंग के साथ भगवान श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बने : मंत्री गोविंद राजपूत


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तीनबत्ती न्यूज : 13 जनवरी,2024
सागर
: धार्मिक उत्साह उमंग के साथ भगवान श्री राम मंदिर अयोध्या  के प्राण  प्रतिष्ठा के साक्षी बनने का गौरव प्राप्त करें। पांच सदियों से ज्यादा का संकल्प और सपना 22 जनवरी को पूरा होने जा रहा है। उक्त विचार खाद्ध, नागरिक एवं आपूर्ति मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने सागर में कलेक्टर सभाकक्ष में जनप्रतिनिधियों, धर्म गुरुओं की बैठक में व्यक्त किये ।
इस अवसर पर विधायक श्री शैलेंद्र जैन ,वृंदावन बाग के महंत श्री नर हरिदास जी, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी, नगर निगम कमिश्नर श्री चंद्रशेखर शुक्ला, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पी. सी. शर्मा सहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में धर्मगुरु मौजूद थे।
22 जनवरी को श्री राम मंदिर अयोध्या में स्वरूप की  प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में आयोजित बैठक में  श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि सागर सहित संपूर्ण मध्य प्रदेश के सभी व्यक्ति पूरे उत्साह  और उमंग के साथ 22 जनवरी को दीपक रोशनी करके इस पर्व के साक्षी बने।
 मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि यह पांच सदियों से ज्यादा का संकल्प एवं सपना था, जो अब पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पूरी ईमानदारी ,लगन के साथ जो सपना देखा था, वह 22 जनवरी को पूरा होगा और भारत के 140 करोड़ लोगों के सपने को भी पूरा होने का अवसर मिल रहा है ।
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि भगवान श्री राम को उनके घर, मंदिर में विराजने का अवसर देखने का सौभाग्य हम सबको मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस महापर्व को हम दीपावली से भी बढ़कर  मनाएंगे। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि इस महापर्व को मनाने के लिए जहां मध्य प्रदेश शासन लगातार महापर्व महा उत्सव मनाने के लिए कार्य कर रहा है, वहीं हम सबको अपने-अपने घरों में दीपक, रंगोली ,सजाकर इस पर्व को मानना है।

इस अवसर पर विधायक श्री शैलेंद्र जैन ने कहा कि 22 जनवरी के दिन भगवान श्री राम अपने नए मंदिर में  बिराजेंगे , वहीं हम सब इस अवसर को पूरे महापर्व की तरह मनाएं। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी के दिन से ही हम  इस अवसर को  पुनीत समझ कर प्रभात फेरी की शुरुआत करें और प्रत्येक वार्ड, मोहल्लों से प्रभात फेरी निकालना फिर से शुरू करें। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम 550 वर्ष बाद अपने मंदिर में विराज रहे हैं ।इसको हम दीपावली से भी भव्य पर्व के रूप में मनाएंगे।
इस अवसर पर  श्री भरत तिवारी, श्री पप्पू तिवारी ,श्री अजय दुबे ,श्री रामचरण तिवारी, श्री रामेश्वर तिवारी, श्री रम्मू तिवारी श्री हरि महाराज, डॉ. रामचंद्र शर्मा ,शिव प्रसाद तिवारी, श्री गौरव दीक्षित, श्री वीरेंद्र पाठक, श्री नरवर शास्त्री, श्री शिवराज शुक्ला, अपर कलेक्टर श्री शैलेंद्र सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती जूही गर्ग ,एसडीएम श्री विजय डहेरिया, तहसीलदार श्री प्रवीण पाटीदार सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद थे।
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13 वर्षों बाद डॉ. गौर विवि की टीम ने वेस्ट जोन में प्रथम स्थान किया हासिल▪️पश्चिम क्षेत्रीय अंतरविवि हैंडबाल प्रतियोगिता का समापन

13 वर्षों बाद डॉ. हरीसिंह गौर विवि की टीम ने वेस्ट जोन में प्रथम स्थान किया हासिल
▪️पश्चिम क्षेत्रीय अंतरविवि हैंडबाल  प्रतियोगिता का समापन

तीनबत्ती न्यूज : 13 जनवरी,2024
सागर. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में 10 से 13 जनवरी तक चलने वाली चार दिवसीय एआईयू वेस्ट जोन हैंडबॉल (पुरुष) प्रतियोगिता का समापन विश्वविद्यालय के अब्दुल गनी खान स्टेडियम में हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय की कुलपति एवं समापन समारोह की मुख्य अतिथि प्रो. नीलिमा गुप्ता एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई. शारीरिक शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. विवेक साठे ने चार दिवसीय प्रतियोगिता का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए सभी टीमों के योगदान की सराहना की. इस अवसर पर विश्वविद्यालय स्पोर्ट्स बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. गिरीश मोहन दुबे भी मंचासीन थे. 

समापन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि हार-जीत खेल का नैसर्गिक हिस्सा है. आपका लगन, परिश्रम एवं जीजिविषा आपके सपनों को उड़ान देता है. खेल भावना हमें सिखाती है कि निरंतर अभ्यास से जीवन के हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. विश्वविद्यालय की टीम ने 13 वर्षों के बाद वेस्ट जोन में पहली बार पुरुष हैंडबाल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया है. यह विश्वविद्यालय के साथ-साथ पूरे सागर के लिए गौरव का विषय है. 

ये रहे नतीजे

वेस्ट जोन के अंतिम चार में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर प्रथम, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, द्वितीय, लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान, ग्वालियर, तृतीय, कोटा विश्वविद्यालय, कोटा ने चतुर्थ स्थान किया. कुलपति ने टीमों को ट्राफी प्रदान कर उन्हें शुभकामनायें प्रेषित की. अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली एवं विश्वविद्यालय के ध्वज का वरण कर प्रतियोगिता के समापन की घोषणा की गई. 

कार्यक्रम का संचालन महेंद्र बाथम ने किया एवं आभार डॉ. सुमन पटेल ने व्यक्त किया. इस अवसर पर इस अवसर पर अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली के प्रतिनिधि, श्री विनय शुक्ला, डॉ राकेश सोनी, डॉ राजेंद्र यादव, डॉ. हिमांशु यादव, डॉ आशुतोष मिश्र, डॉ. विवेक जायसवाल, डॉ. रजनीश, डॉ. भूपेन्द्र पटेल, विश्वविद्यालय के कई शिक्षक, शहर के गणमान्य नागरिक, अधिकारी, कर्मचारी, छात्र एवं पत्रकार बंधु उपस्थित रहे.

प्रतियोगिता के लीग मैच  चार टीमों मध्य खेले गये जिसमें-

1- राजस्थान वि वि जयपुर v/s कोटा वि वि के मध्य खेला जिसमें कोटा वि वि ने 35-36 गोल से जीत अर्जित की ।

2- डॉ हरीसिंह गौर वि वि सागर v/s राजस्थान वि वि जयपुर के मध्य खेला गया जिसमें सागर वि वि ने 16-15 से जीत अर्जित की ।

3- एल एन आई पी ई ग्वालियर v/s कोटा वि वि के मध्य खेला गया जिसमें ग्वालियर ने 37-31 से जीत अर्जित की ।

4- कोटा वि वि v/s डॉ  हरीसिंह गौर वि वि सागर के मध्य खेला गया जिसमें सागर वि वि ने 16-25 से जीत अर्जित की ।

5- एल एन आई पी ग्वालियर  v/s राजस्थान वि वि जयपुर के मध्य खेला गया जिसमें 36-44 गोल से जयपुर ने जीत अर्जित की ।

6- डॉ हरीसिंह गौर वि वि सागर v/s एल एन आई पी ई ग्वालियर के मध्य खेला गया जिसमें सागर ने 30-28 से जीत अर्जित की ।
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अयोध्या और राममंदिर से रहा है गोरक्षपीठ के तीन पीढ़ियों का नाता▪️गिरीश पांडेय

अयोध्या और राममंदिर से रहा है गोरक्षपीठ के तीन पीढ़ियों का नाता

▪️गिरीश पांडेय

तीनबत्ती न्यूज : 13 जनवरी,2024

अयोध्या और राममंदिर से रहा है गोरक्षपीठ के तीन पीढ़ियों का नाता। यह नाता करीब 100 साल पुराना है। इस दौरान राममंदिर को लेकर होने वाले हर आंदोलन में तबके पीठाधीश्वरों की केंद्रीय भूमिका रही है। गोरखपुर स्थित इस पीठ के मौजूदा पीठाधीश्वर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। उनके दादा गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ और पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने जिस अयोध्या और वहां जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर  का सपना देखा था। जिस सपने के लिए संघर्ष किया था वह  22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ साकार होने को है।

 ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने दिया मंदिर आंदोलन को संगठित रूप

यूं तो श्रीराम जन्मभूमि स्थित मंदिर पर फिर से रामलला आंदोलन विराजमान हों इस बाबत छिटपुट संघर्ष की शुरुआत इसको गिराए जाने के बाद से ही शुरू हो गया था। मुगल काल से लेकर ब्रिटिश काल के गुलामी के दौर और आजाद भारत का करीब 500 साल का कालखंड इसका प्रमाण है। इन सारे संघर्षों और इसके लिए खुद को बलिदान देने वालों के दस्तावेजी सबूत भी हैं।
लेकिन आजादी के बाद इसे पहली बार रणनीति रूप से  संगठित स्वरूप और एक व्यापकाधार देने श्रेय गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ के वर्तमान पीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दादा गुरु ब्रह्मलीन गोरक्ष। पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ को जाता है। 
1935 में गोरक्ष पीठाधीश्वर बनने के बाद से ही उन्होंने इस बाबत प्रयास शुरू कर दिया था। इस क्रम में उन्होंने अयोध्या के अलग अलग मठों के साधु संतों को एकजुट करने के साथ ही जातीय विभेद से परे हिंदुओ को समान भाव व सम्मान के साथ जोड़ा। 22/23 दिसंबर 1949 को प्रभु श्रीरामलला के विग्रह के प्रकटीकरण के नौ दिन पूर्व ही महंत दिग्विजयनाथ के नेतृत्व में अखंड रामायण के पाठ का आयोजन शुरू हो चुका था। श्रीरामलला के प्राकट्य पर महंत जी खुद वहां मौजूद थे। प्रभु श्रीराम के विग्रह के प्रकटीकरण के बाद मामला अदालत पहुंचा। इसके चलते विवादित स्थल पर ताला भले जड़ दिया गया पर पहली बार वहां पुजारियों को दैनिक पूजा की अनुमति भी मिल गई।
श्रीरामलला के प्रकटीकरण के बाद मंदिर आंदोलन को एक नई दिशा देने वाले महंत दिग्विजयनाथ 1969 में महासमाधि लेने तक श्रीराम जन्मभूमि के उद्धार के लिए अनवरत प्रयास करते रहे। ये आजादी के बाद के दिन थे। कांग्रेस की आंधी चल रही थी। खुद को धर्म निरपेक्ष घोषित करने की होड़ मची थी। तब हिंदू और हिंदुत्व की बात करने का मतलब अराराष्ट्रीय होना था।इस होड़ में कई लोग तो करोड़ों के आराध्य प्रभु श्रीराम के वजूद को ही नकार रहे थे। ऐसी विषम परिस्थितियों में भी पूरी निर्भीकता से दिग्विजय नाथ सदन से लेकर संसद और सड़क तक हिंदू, हिंदुत्व और राम मंदिर की मुखर आवाज बन गए।

 राममंदिर आंदोलन के सर्व स्वीकार्य अगुआ थे ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ

जिस मंदिर आंदोलन को  महंत दिग्विजयनाथ ने एक ठोस बुनियाद और व्यापक आधार दिया उसे उनके ब्रह्मलीन होने के बाद उनके शिष्य एवं उत्तराधिकारी महंत अवेद्यनाथ की अगुआई में नई ऊंचाई मिली। अस्सी के दशक के शुरूआत के साथ श्रीराम जन्मभूमि को लेकर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ ने जो बीज बोया था वह अंकुरित हो चुका था। इसे  बढ़ाने में सबसे बड़ी बाधा अलग अलग पंथ और संप्रदाय के संत समाज की मत भिन्नता थी। इन सबको संत समाज का वही एक कर सकता था जो सबको स्वीकार्य हो। यह सर्व स्वीकार्यता बनी तबके गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ के पक्ष में। इसी सर्वसम्मति का परिणाम था कि 21 जुलाई 1984 को अयोध्या के वाल्मीकि भवन में जब श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन हुआ तो महंत अवेद्यनाथ समवेत स्वर से इसके अध्यक्ष चुने गए और उनके नेतृत्व में देश में ऐसे जनांदोलन का उदय हुआ जिसने देश का  सामाजिक-राजनीतिक समीकरण बदल दिया।
 उनकी अगुआई में शुरू श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन 
आजादी के बाद का सबसे बड़ा और प्रभावी आंदोलन था। श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के गठन के बाद 7 अक्टूबर 1984 को अयोध्या के सरयू तट से धर्मयात्रा निकाली गई जो 14 अक्टूबर 1984 को लखनऊ पहुंची। यहां के बेगम हजरत महल पार्क में ऐतिहासिक सम्मेलन हुआ जिसमें लाखों लोग शामिल हुए। महंत अवेद्यनाथ की अध्यक्षता में हुए इस सम्मेलन से तत्कालीन सरकार हिल गई। तबके मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी से महंत जी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की और मांग पत्र सौंपा। 

 धर्मचार्यों के आह्वान पर 22 सितंबर 1989 को दिल्ली के बोट क्लब पर विराट हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। महंत जी की अध्यक्षता में हुए इस सम्मेलन में जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए 9 नवंबर 1989 को शिलान्यास का ऐलान कर दिया गया। बोट क्लब की इस रैली से पूर्व 20 सितंबर 1989 को भारत सरकार के तत्कालीन गृहमंत्री बूटा सिंह ने महंत जी से बातचीत का आग्रह किया था लेकिन महंत जी ने रैली के बाद ही बातचीत संभव होने की बात कही। 25 सितंबर को मुलाकात हुई तो बूटा सिंह ने शिलान्यास कार्यक्रम स्थगित करने का निवेदन किया लेकिन महंत जी निर्णय पर अडिग रहे। इसके बाद लखनऊ में बूटा सिंह, तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने महंत जी, महंत नृत्यगोपाल दास, अशोक सिंहल, दाऊदयाल खन्ना के साथ बैठक कर आग्रह किया। पर, महंत जी ने दो टूक कहा कि यह राष्ट्रीय सम्मान एवं हिंदू समाज की आस्था का सवाल है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता। 

इसके बाद देशभर में शिलान्यास समारोह के लिए श्रीराम शिला पूजन का अभियान प्रारंभ हो गया। महंत अवेद्यनाथ की अगुवाई में देशभर के गांव-गांव से श्रीराम शिला पूजन कर अयोध्या के लिए चल पड़ी। खुद महंत जी दर्जनों कार्यक्रमों में शामिल हुए। शिलान्यास समारोह की तैयारियों से घबराई सरकार ने एक बार फिर महंत जी को 8 नवंबर को गोरखपुर विशेष विमान भेजकर बातचीत के लिए लखनऊ आमंत्रित किया। वार्ता के बाद महंत जी को अयोध्या पहुंचाया गया। उनके अयोध्या पहुंचने पर शिलान्यास का कार्य तेजी से अंजाम की ओर आगे बढ़ा। शुभ मुहूर्त में गर्भगृह के बाहर निर्धारित स्थान पर भूमि पूजन और हवन के बाद महंत जी ने सांकेतिक रूप से नींव खोदकर दलित कामेश्वर प्रसाद चौपाल से पहली शिला रखवाकर एक नए भविष्य की शुरुआत की।

गर्भगृह के बाहर शिलान्यास के बाद मंदिर निर्माण के लिए कारसेवा का दौर प्रारंभ हुआ। महंत अवेद्यनाथ की अगुवाई में हिंदू समाज तन, मन, धन से कारसेवा के लिए समर्पित होने लगा। 30 अक्टूबर 1990 और 2 नवंबर 1990 को कारसेवा के दौरान तत्कालीन सरकार के आदेश पर पुलिस फायरिंग में कई रामभक्त बलिदान ही गए। पर, दमनात्मक कार्रवाई के बावजूद महंत अवेद्यनाथ के नेतृत्व में आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया। नारा दिया गया, "बच्चा-बच्चा राम का"।

शांतिपूर्ण समाधान के लिए हर सरकार को दिया मौका

1984 में श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के गठन के बाद से आंदोलन के निर्णायक होने तक महंत अवेद्यनाथ ने हर सरकार को शांतिपूर्ण समाधान का मौका दिया। तत्कालीन प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी, वीपी सिंह, चंद्रशेखर, पीवी नरसिम्हा राव से समय-समय पर उनकी वार्ता भी हुई। सरकारें कोरे आश्वासन से आगे नहीं बढ़ती थीं और महंत जी जन्मभूमि को मुक्त कराने के संकल्प पर अडिग रहे। 

श्रीराम जन्मभूमि की मुक्ति को हुआ राजनीति में दोबारा प्रवेश

तत्कालीन मानीराम विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांच बार, 1962 से लेकर 1977 तक के चुनाव में विधायक चुने गए महंत अवेद्यनाथ 1969 में अपने गुरु महंत दिग्विजयनाथ के ब्रह्मलीन होने के बाद रिक्त हुए गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के उप चुनाव में सांसद चुने गए। 1980 में मीनाक्षीपुरम में धर्मांतरण की घटना के बाद उन्होंने राजनीति की बजाय खुद को सामाजिक समरसता के अभियान में समर्पित कर दिया। सितंबर 1989 में महंत अवेद्यनाथ के नेतृत्व में दिल्ली में हुए विराट हिंदू सम्मेलन के दौरान जब मंदिर शिलान्यास की तारीख घोषित कर दी गई तो तत्कालीन गृहमंत्री बूटा सिंह ने उन्हें यह कहकर चुनौती दे दी कि अपनी बात रखनी है तो संसद में आइए। इस चुनौती को को स्वीकार कर महंत अवेद्यनाथ ने दोबारा राजनीति में प्रवेश करने का निर्णय लिया। फिर तो वह ताउम्र सड़क से लेकर संसद तक अयोध्या में दिव्य और भव्य मंदिर की आवाज बने रहे। उनका एक मात्र सपना भी यही था, उनके जीते जी ऐसा हो। आज वह भले ब्रह्मलीन हो चुके हैं, पर अपने सुयोग्य शिष्य की देख रेख
में 22जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देख उनकी आत्मा जरूर खुश हो रही होगी।


दादागुरु और गुरुदेव के सपनों और संघर्षों को मूर्त कर रहे योगी आदित्यनाथ
 
बतौर उत्तराधिकारी महंत अवेद्यनाथ के साथ दो दशक से लंबा समय गुजारने वाले उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी इस पूरे परिवेश की छाप पड़ी। बतौर सांसद उन्होंने अपने गुरु के सपने को स्वर्णिम आभा दी। मुख्यमंत्री होने के बावजूद अपनी पद की गरिमा का पूरा खयाल रखते हुए कभी राम और रामनगरी से दूरी नहीं बनाई। गुरु के सपनों को अपना बना लिया। नतीजा सबके सामने है। उनके मुख्यमंत्री रहते हुए ही राम मंदिर के पक्ष में देश की शीर्ष अदालत का फैसला आया। देश और दुनिया के करोड़ों रामभक्तों, संतों, धर्माचार्यों की मंशा के अनुसार योगी की मौजूदगी में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन्मभूमि पर भव्य एवं दिव्य राम मंदिर की नींव रखी। युद्ध स्तर इसका जारी निर्माण अब पूर्णता की ओर है। 

त्रेतायुगीन वैभव से सराबोर की जा रही अयोध्या
बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जितनी बार गए, अयोध्या को कुछ न कुछ सौगात देकर आए। उनकी मंशा अयोध्या को दुनिया का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल बनाने की है। इसके अनुरूप ही अयोध्या के कायाकल्प का काम जारी है। योगी सरकार की मंशा है कि अयोध्या उतनी ही भव्य दिखे जितनी त्रेता युग में थी। इसकी कल्पना गोस्वामी तुलसीदास ने कुछ इस तरह की है, 'अवधपुरी अति रुचिर बनाई। देवन्ह सुमन बृष्टि झरि लाई।' अयोध्या के इस स्वरूप की एक झलक दीपोत्सव के दौरान दिखती भी है। कायाकल्प के बाद यह स्वरूप स्थायी हो जाएगा। तब भगवान श्रीराम की अयोध्या कुछ वैसी ही होगी जिसका वर्णन उन्होंने खुद कभी इस तरह किया था। 'अवधपुरी सम प्रिय नहिं सोऊ, यह प्रसंग जानइ कोउ कोऊ, जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि। उत्तर दिसि बह सरजू पावनि।'

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▪️लेखक गिरीश पांडेय, उत्तरप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार है
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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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मनुष्य जैसा विचार रखता हैवैसा ही बनता है : डाॅ0 अजय तिवारी ▪️स्वामी विवेकानंद विवि में मना युवा उत्सव

मनुष्य जैसा विचार रखता है
वैसा ही बनता है :  डाॅ0 अजय तिवारी 

▪️स्वामी विवेकानंद विवि में मना युवा उत्सव

तीनबत्ती न्यूज : 12 जनवरी ,2024
सागर : स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में ’’भारतीय ज्ञान परम्परा का षिक्षा में समावेषन’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ द्वीप प्रज्जवलन एवं स्वस्ति वाचन के साथ हुआ। भारतीय परम्परा के अनुसार अतिथियों के स्वागत सत्कार के उपरान्त वक्तव्य की श्रृखला में विषय का औचित्य वि0 वि0 के कुलाधिपति महामान्य डाॅ0 अजय कुमार तिवारी द्वारा दिया गया।उन्होंने  कहा कि - हमारी भारतीय ज्ञान परम्परा विद्यार्थियों के व्यवहार में परिवर्तन करती है एवं अहंकार से दूर रखती है। इस दुनिया में कोई येसा नही जिसमें दोष न हो। गुरू के अंदर जो गुण है केवल उन्हें ही ग्रहण कीजिए दोष को ग्रहण मत कीजिए क्योंकि कोई भी दोष रहित नही होता। व्यक्ति की उन्नती उसके माता-पिता एवं गुरू की देन है। ज्ञान देने की प्रक्रिया सम्प्रेषण से पूर्ण होती है ज्ञान को बाटना चाहिए केवल अपने तक ही सीमित नही रखना चाहिए। परा अपनी आत्मा, परमात्मा व प्रकृति को समझाते हुए छात्र जीवन में उसका महत्व बताया। 
अतिथियों का स्वागत परिचय संस्था के संस्थापक कुलपति, डाॅ0 अनिल तिवारी द्वारा किया गया।उन्होंने कहा कि  हमें स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन से प्रेरित होना चाहिए और सभी महानुभावी अतिथि उनके मार्गदर्षन व ज्ञानदीक्षा की परम्परा पर सभी को धन्यवाद देते हुए युवा वर्ग का प्रोत्साहित किया। स्वामी जी के सिद्धांतो पर चलते हुए कर्म को प्रधान बताया। कर्म आपका अधिकार है वही कर्म करो जो आपके जीवन की प्रधानता है। आज के युवाओं का चारित्रिक, मानसिक, आकलन करते हुए परिणामो का सुधार करना चाहिए। 

 जिला षिक्षा अधिकारी, सागर ,डाॅ0 अरविन्द्र जैन ने कहा कि - षिक्षा में ज्ञान, चरित्र और कौषल का समावेष किया जाना चाहिए। धार्मिक अनुष्ठान षिक्षा व ज्ञानदीक्षा का आयोजन केवल इस वि0 वि0 में किया जाता है। ज्ञानदीक्षा कार्यक्रम ज्ञान मार्ग का परिचय है। इससे विद्यार्थियों को मूलज्ञान प्राप्त होता है। जैसे- स्वयं का ज्ञान, एकता का ज्ञान, स्मृति का ज्ञान। आज के परिवेष में नई षिक्षा नीति के साथ-साथ हमें विद्यार्थियों नैतिकता का ज्ञान भी अवष्य कराना चाहिए। 
 ज्वाइन्ट रजिस्ट्रार डाॅ0 हरि सिंह गौर वि0वि0  संतोष सोहगौरा ने कहा कि - स्वामी विवेकानंद वि0वि0 की उपलब्धियो व युवाओं के चरित्र निर्माण में वि0 वि0 के योगदान के बारे मे व्याख्या देते हुए महापुरूषों का षिक्षा में योगदान बताया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन की तीन बाते बतायी की हिन्दू धर्म को विषिष्टता प्रदान की, हिन्दू धर्म में सुधार और राष्ट्रवाद का सिद्धांत जो देष के लिए गौरव पूर्ण है। अधिक कार्य करने के लिए आयु का अधिक होना अनिवार्य नही है। 
वक्तव्य की अगली श्रंृखला में पूर्व अध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष - भूगोल विभाग डाॅ0 हरि सिंह गौर वि0वि0 सागर (म0प्र0), प्रो0 आर0 पी0 मिश्रा जी ने कहा कि - भारतीय वेषभूषा व भारतीय षिक्षा पर उद्बोधन दिया। लगन श्रृम निष्ठा से कोई भी कार्य किया जाए तो वह पूर्ण होकर ही रहता है। मेहनत से ही कार्य को आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होने इसी आधार पर सागर के छात्र-छात्राओं का अपने जीवन में आगे बढ़ने की बात कही। वक्तव्य की श्रृंखला में सम्पूर्णानंद संस्कृत वि0वि0 वाराणसी से पधारे प्रो0 रविषंकर पाण्डे जी ने आध्यात्मिक ज्ञान के द्वारा भारतीय ज्ञान परम्परा का षिक्षा में समावेषन पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि - भाषा विज्ञान का नया ग्रन्थ व चिन्तन इस पर अपने विचार व्यक्त किये और उन्होने अन्धकार में प्रकाष के अस्तित्व को अपनी भाषा में समझाया। उन्होने भारतीय ज्ञान परम्परा का महत्व व आज की पीढ़ी में उसकी आवष्यकता पर अपने विचार व्यक्त किया। गुरू परम्परा को भी उन्होंने श्रेष्ठ बताया। उन्होंने कहा विद्या केवल अपने पास रखना नही है उसका सम्मान पूर्वक दान दिया जाना चाहिए। स्वामी विवेकानंद जी नामकरण की कथा भी कही। 
इस कार्यक्रम के गणमान्य अतिथियों में श्री सिक्ख गुरू ज्ञानी जी, श्री आर.एल. शुक्ला जी, योग गुरू श्री विष्णु आर्य जी ,श्रीमती श्रीदेवी तिवारी जी (मम्मी जी), डाॅ0 रेनू तिवारी, डाॅ0 प्रतिभा तिवारी, मा0 श्री आदित्य प्रखर तिवारी, कु0 सौम्या तिवारी, श्रीमती शर्मिष्ठा दत्ता उपस्थित रहे। 
उत्कृष्ट कार्य करने वालो का सम्मान
स्वामी विवेेकानंद विष्वविद्यालय प्रत्येक वर्ष अपने कर्मचारियों द्वारा विगत वर्ष किये गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना स्वरूप उन्हें पुरस्कृत करता है। जिसे स्वामी विवेकानंद रत्न पुरस्कार का नाम दिया जाता है। इस वर्ष यह उत्कृष्ट कार्यों के लिए श्री रामकुमार विष्वकर्मा, विभागाध्यक्ष मैकेनिकल विभाग (सर्वप्रथम षिक्षक आई0टी0), श्रेष्ठ षिक्षक का पुरस्कार डाॅ0 वर्षा कासव, उत्कृष्ट प्रषासनिक कार्य हेतु डाॅ0 शैलेन्द्र पाटिल, श्री जैकसन सालू श्री शषिकांत शषि, श्री सचिन मिश्रा, श्री संतोष चैधरी, उत्कृष्ट अकादमिक कार्य हेतु डाॅ0 उमेष मिश्रा, डाॅ0 सुनील विष्वकर्मा, उत्कृष्ट कार्य हेतु श्री रामनरेष सिंह, श्री रोहित तिवारी, एस0वी0एन0 युवा शक्ति श्रीमती जागृति पटैरिया, श्री राजकुमार कुर्मी, श्रीमती नेहा जैन सभी सम्माननीय सदस्यों को पुरस्कार दिया गया। युवा महोत्सव के अन्तर्गत वि0वि0 में आयोजित प्रतियोगिताओं के अन्तर्गत विद्यार्थियों द्वारा किये गए सृजनात्मक अभिव्यक्ति को  पुरस्कृत किया गया जिसमें निबंध - सृष्टि बैरागी, दीया वाल्मीकि, सौम्या ठाकुर, तात्कालिक भाषण - वैष्णवी पाण्डे, आदित्य राजपूत, चित्रकला - स्नेहा ठाकुर, वंषिका साहू, सृष्टि बैरागी, पूजा थाली सज्जा - वंषिका साहू, प्रियंका अहिरवार, निरंजनी पचैरी, रंगोली - आदित्य राजपूत, नैन्सी यादव, प्रीति अहिरवार, मेहंदी - भारती अहिरवार, खुषी मौर्य, निरंजनी पचैरी, योग - अजय सूर्यवंषी, आदित्य राजपूत, कीर्ति राजपूत, वंषिका साहू आदि प्रतियोगिताओं में उपस्थित रही। आभार ज्ञापित उपकुलपति, डाॅ0 नीरज तोपखाने जी, द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित करने में जिनका महत्वपूर्ण योगदान रहा यथा डाॅ0 सुनीता जैन, डाॅ0 बी0व्ही0 तिवारी, डाॅ0 ऋषि चैबे, श्री गोविंद सिंह राजपूत, रिट0 कैप्टन पी0 के0 दत्ता, श्री शरद समीह, श्री राम विष्वकर्मा, श्री मिथुन डाबर, डाॅ0 आषीष यादव, श्रीमती अंतिमा शर्मा, श्रीमती जाग्रति पटैरिया, श्रीमती शैलवाला बैरागी, श्री पारूल मिश्रा का सहयोग मिला कल्याण मंत्र के साथ सोहाद्रपूर्ण वातावरण में कार्यक्रम सफल हुआ। इस कार्यक्रम में सहभागिता करने वालों में वि0वि0 के डाॅ0 मनीष मिश्रा, डाॅ0 शैलेन्द्र पाटिल, प्रो0 आर0 नाथ, डाॅ0 सुकदेव वाजपेयी, डाॅ0 सुनीता दीक्षित, श्रीमती ज्योति गौतम, डाॅ0 मालिनी तिवारी, डाॅ0 राकेष राय, डाॅ0 रवीन्द्र चैरसिया, श्री राम विष्वकर्मा, डाॅ0 राकेष गौतम, डाॅ0 अनुजा श्रीवास्तव, श्रीमती विद्योत्तमा महोबिया, कु0 मोनिका शुक्ला, कु0 राधा मांझी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति देकर कार्यक्रम को सफल बनाया। मंच संचालन श्रीमती अंतिमा शर्मा एवं श्री अभिषेक जैन  द्वारा सम्पन्न किया गया। कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

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