श्री गुलाब बाबा मंदिर का 16वें वार्षिक उत्सव : महाप्रसादी-भंडारा में हजारों भक्तों ने ग्रहण की, रात्रि में हुई श्री धीरज बावरा वृन्दावन की भजन संध्या
तीनबत्ती न्यूज: 05 दिसंबर,2023
सागर : बुंदेलखण्ड में आज श्री गुलाब बाबा मंदिर भजन एवं भंडारे के लिए जाना जाता है और ब्रह्मलीन श्री गुलाब बाबा जी स्वयं भजन एवं भंडारे के लिए प्रेरित करते थे । ज्ञात हो कि श्री गुलाब बाबा मंदिर का इस वर्ष 16वाॅ वार्षिक उत्सव 28 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक मनाया जा रहा है गत रात्रि में अरूणमणी त्रिपाठी (जूनियर लख्खा) की भजन संध्या ने अर्द्धरात्रि तक भक्तों को अपनी भक्तिमयी प्रस्तुतियों से बांधा रखा था ।
व्यवस्थापन प्रमुख जयंत परासरे एवं किरण परासरे ने बताया कि सोमवार 5 दिसम्बर की रात्रि 8ः30 बजे तक चले विशाल महाप्रसादी-भंडारा में सुबह से ही भक्तों की भीड़ रात्रि तक अनवरत बनी रही, हजारों की संख्या ने पूर्ण सम्मान एवं पूर्ण व्यवस्था के साथ प्रसादी ग्रहण की । इतने विशाल एवं पारम्परिक भंडारा निर्माण के लिए महाराष्ट्र के भंडारा-माॅलेगांव से लगभग 30 रसोइये पारम्परिक ईधन भट्टी पर रोटी, चावल, सब्जी एवं मीठा का निर्माण पूर्ण शुद्धता एवं सुरक्षा के साथ करते रहे, एवं लगभग 100 सागर-दमोह-महाराष्ट्र के भक्तों की टीम परोसने का कार्य करती रही ।
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पूर्ण सुरक्षा-व्यवस्था-पार्किंग हेतु 10 युवा भक्त स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ कार्य कर रहे थे । सागर के बाहर से आने वाले भक्तों की व्यवस्था हेतु मुख्य कार्यालय के पास पूछताछ कार्यालय 24 घंटे चालू रख भक्तों की सभी व्यवस्थायें करता रहा ।
मंदिर अध्यक्ष भरत आनंद वाखले एवं सचिव श्याम सोनी ने बताया कि मंदिरों के आसपास फूलों की सजावट, रंगीन एवं अत्याधुनिक लाइटें वृन्दावन के प्रेम मंदिर की अनुभूति दिला रही थी । अत्याधिक भीड़ के कारण मंदिर परिसर के सभी सी.सी.टी.बी. कैमरों को बाहर एक बहुत बड़ी स्क्रीन पर जोड़ा गया था, जहां पूरे परिसर स्थलों को सामान्य जन देख कर अभिभूत हो रहे थे । परिसर के अंदर पूरे समय चाय का निःशुल्क इंतजाम होने से भक्तों-दर्शकों ने दिनभर गुनगुनी धूप के साथ चाय-की चुस्कियां का आनंद लेकर एक अलग ही पारिवारिक माहौल निर्मित किया हुआ था ।
मंदिर के व्यवस्थापन सदस्य गोलू (प्रमेन्द्र) रिछारिया ने बताया कि उत्सव के समापन के दोपहर 12 बजे से बुन्देली भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें 32 टीमों ने हिस्सा लेकर प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं दो सात्वना पुरूस्कार प्राप्त किये मंदिर ट्रस्ट की तरफ से सभी मंडलियों का शाल श्रीफल एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मान किया गया । निर्णयण मंडल में श्री हरगोविन्द विष्व, श्री षिवरतन यादव, श्री जयंत विष्वकर्मा थे एवं संचालन राजीव रत्न गोलान्दाज ने किया ।
समापन अवसर पर विषाल भव्य भजन संध्या में वृन्दावन से पधारे श्री विनोद जी अग्रवाल के साथी श्री धीरज बावरा (मेरो प्राण धन राधा रानी फेम) के साथ झांकियों पर नृत्य प्रस्तुतियांे से इस आयोजन में सभी को थिरकाया । रात्रि 11ः32 तक चले इस आयोजन के पश्चात श्री गुलाब बाबा चरण पादुका पालिकी को भक्त अपने कंधे पर श्री गुलाब शक्तिपीठ से श्री गुलाब बाबा मंदिर के गर्भगृह में लेकर आये जहाॅ मंदिर ट्रस्ट की ज्योति अलमेड़ा (ताईजी) ने आरती कर भक्तों की ओर से आराधना की। समापन अवसर पर सभी भक्तों ने ढोल तासे पर नृत्य कर आतिशबाजी का आनंद लिया ।
संपूर्ण आयोजन में श्री गुलाब बाबा मंदिर के व्यवस्थापन हेतु विभिन्न टीमों ने कार्यकर वार्षिक उत्सव के सफल आयोजन में सहयोग प्रदान किया, एवं जिला पुलिस, नगर निगम सागर, नगर प्रशासन सागर, समस्त पत्रकार बंधुओं एवं वार्ड वासियों का सहयोग रहा ।
संपूर्ण आयोजन के व्यवस्थापन में डाॅ. हरीशंकर साहू, डाॅ. घनश्याम वैद्य, शिवकुमार ताम्रकार, के,एल.नेमा, डालचंद पटेल (लम्बरदार), डाॅ. अजय विश्वकर्मा, डाॅ. अनिल साहू, डाॅ. शिवराम आठया, डाॅ. तरूण बडोन्या, डाॅ. श्याम चैबे, डाॅ. जीवनलाल विश्वकर्मा, संजय जडिया, प्रवीण जग्गी, सुधीर पलया, नीतेश शर्मा, राजू गंगवानी, मनोज संगतानी, दीपक मेहरा, नरेन्द्र छाबड़ा, ओमपाल आर्य, संुदरलाल करेले, संतोष करेले, कैलाश साहू, अखलेश जैन, उत्तम पटैल, रविशंकर खटीक, दिनेश तंतवाल, मनोज बडोन्या, जसवंत सिंह ठाकुर, सतीश विश्वकर्मा, प्यारेलाल आठ्या, मनोज पटैल, लकी सराफ, निलेष अवस्थी, गोपाल कोलते, संतोष दगडे (मुंबई) के साथ दमोह के श्री महेन्द्र सोनी, संदीप सराफ, संजीव सराफ, मदन गोपाल पाराषर, विजय सोनी, अमित सोनी, मनीष विश्वकर्मा, श्री बी.एन.सोनी, सहित महिला मंडल से श्रीमति योगिनी वाखले, सविता सोनी, क्षिप्रा सराफ, अमिता पलया, सुश्री शिबू सोनी, श्वेता तिवारी, अमिता दुबे, अनीता आठ्या, हेमलता चैरसिया, सान्या सोनी, शुभि मिश्रा, राशि साहू, रिया ठाकुर आदि ने व्यवस्थायें संभाली है। आफिस व्यवस्था में मंुबई से बालाजी पाण्डरे, माधव पाटिल एवं प्रकाश नेमा का सहयोग रहा ।