गौर प्रतिमा पर जूते पहनकर माल्यार्पण करने का मामला: प्रशासन के खेद प्रकट करने के बाद भी बढ़ी नाराज़गी: ABVP ने किया सद्बुद्धि यज्ञ

गौर प्रतिमा पर जूते पहनकर माल्यार्पण करने का मामला: प्रशासन के खेद प्रकट करने के बाद भी बढ़ी नाराज़गी: ABVP ने किया सद्बुद्धि यज्ञ

तीनबत्ती न्यूज : 29 नवंबर ,2023
सागर : जनभावनाओं से जुड़े डा हरिसिंह गौर की जयंती पर डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता और रजिस्ट्रार आदि द्वारा जूते पहनकर डॉ. सर हरिसिंह गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के घटना की जमकर आलोचना हो रही है। राजनेतिक सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने इसकी निंदा करते हुए कुलपति से माफी मांगने की बात की है। उधर विवि प्रशासन ने घटना के तीन दिन बाद खेद प्रकट किया है।  इसको लेकर भी नाराजगी काम नही हुई है। आंदोलन कारी माफी मांगने की मांग पर अड़ी है।  कुलपति सहित प्रशासनिक अधिकारियों की खूब आलोचना हो रही है। 


एबीवीपी ने किया सद्बुद्धि यज्ञ

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। ईसी की बैठक में हंगामे के बाद परिषद के पदाधिकारियों ने आज बुधवार को यूनिवर्सिटी में सद्बुद्धि यज्ञ किया। वे विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने जमा हुए। जहां गेट के सामने विश्वविद्यालय की कुलपति और अन्य अधिकारियों को सद्बुद्धि देने के उद्देश्य से पंडितों के मंत्रोच्चारण के साथ सद्बुद्धि यज्ञ किया गया। यज्ञ के बाद छात्रों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल भी तैनात रहा।

गौर जयंती  की घटना

 26 नवंबर को डॉ. हरिसिंह गौर की 154वीं जयंती पर सागर के तीनबत्ती स्थित गौर मूर्ति पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए थे। जहां उन्होंने जूते पहनकर डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था। मामला सामने आते ही विरोध शुरू हो गया है। विरोध में चलाएंगे हस्ताक्षर अभियान प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय सहमंत्री सावन सिंह ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति ने गौर जयंती के दिन गौर प्रतिमा पर जूते पहनकर माल्यार्पण किया था। उनको इसके लिए गौर साहब की मूर्ति के समक्ष जाकर माफी मांगनी चाहिए। यदि वे माफी नहीं मांगती हैं तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। आज सद्बुद्धि यज्ञ किया गया और गुरुवार से विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। हरिसिंह गौर वार्ड के पार्षद शिवशंकर यादव के मुताबिक कुलपति ने गौर साहब का अपमान किया है। उनको माफी मांगनी चाजिए थी। सार्वजनिक माफी नहीं मांगी तो पुतले जलाएंगे।

विवि प्रबंधन ने जताया खेद



गौर जयंती पर अपमान की घटना को लेकर विवि प्रबंधन ने एक खेद पत्र जारी किया है।  विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. विवेक जायसवाल ने प्रबंधन का पक्ष रखा है। उन्होंने पत्र जारी कर लिखा है कि विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं पितृपुरुष डॉ. हरिसिंह गौर के प्रति विश्वविद्यालय परिवार की आस्था और सम्मान सदैव अक्षुण्ण है। गौर जयंती के अवसर पर आयोजन के दौरान हुई मानवीय त्रुटि से जाने-अनजाने में यदि जन भावनाएं आहत हुई हैं तो उसके लिए कुलपति और प्रभारी कुलसचिव ने स्वयं एवं सभी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस के लिए हृदय से खेद व्यक्त किया है। साथ ही सभी संबंधितों से विश्वविद्यालय के अकादमिक वातावरण को समृद्ध बनाए रखने में पूर्व की भांति अपना रचनात्मक सहयोग देने की अपील की है।

इस खेद प्रकट से लोगो की नाराजगी काम नही हुई। लोगो का मानना है कि इतने गंभीर मामले में खेद प्रकट करने की बजाय माफी मांगी जानी चाहिए थी।

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श्री गुरुसिंघ सभा के चुनाव हेतु रिसीवर और अधिकारी नियुक्त

श्री गुरुसिंघ सभा के चुनाव हेतु रिसीवर और अधिकारी नियुक्त


तीनबत्ती न्यूज : 29 नवंबर,2023
सागर। सागर एसडीएम और पंजीयक लोकन्यास ने सागर के श्री गुरुसिंघ सभा भगवानगंज का कार्यकाल पूर्ण होने और उसकी जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने पर रिसीवर नियुक्त करते हुए एक कमेटी चुनाव सम्पन्न कराने हेतु गठित की है। इस आशय के आदेश कार्यालय द्वारा जारी किए गए है। वर्तमान में 
 गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा के अध्यक्ष 
सतेन्द्र सिंह होरा थे। इस कमेटी को शून्य घोषित कर दिया गया है। 
जारी निर्देश के मुताबिक संदर्भित न्यास का बाइलाज एवं प्राप्त आवेदन के अनुसार गुरुद्वारा, श्री गुरु सिंघ सभा भगवान गंज सागर जो की एक रजिस्टर्ड न्यास है। न्यास के सुचारु संचालन हेतु कमेटी के निर्वाचन प्रक्रिया अनुविभागीय अधिकारी सागर द्वारा वर्ष 2016 मे पूर्ण कराई गई थी ।  न्यास के बाइलाज के मुताबिक समिति का कार्यकाल 2 वर्ष का था जो वर्ष 2018 में पूर्ण हो चुका है 2018 से लेकर आपके कार्यकाल को समाप्त हुए लगभग 5 वर्ष पूर्ण हो चुके है परंतु आपके द्वारा इस कार्यालय को अवगत नहीं कराया गया ताकि न्यास के पुनः निर्वाचन की कार्यवाही पूर्ण की जा सके । गुरुद्वारा गुरु सिंघ सभा, भगवानगंज सागर, चूकि एक रजिस्टर्ड न्यास है और आपके कार्यकाल को पूर्ण हुए 5 वर्ष की अवधि हो चुकी है।

संचालन हेतु कमेटी गठित

 तत्काल प्रभाव से आपके द्वारा धारित अध्यक्ष पद एवं वर्तमान वर्किंग कमेटी को शून्य करते करते हुए न्यास के पुनः निर्वाचन प्रक्रिया व वर्किंग कमेटी गठित होने तक न्यास के सुचारु संचालन हेतु निम्न लिखित अधिकारी और सदस्य को नियुक्त किया जाता है:- रीसीवर  श्री दुर्गेश तिवारी, नायब तहसीलदार, सागर और सदस्य  श्री नीलेश मिश्रा, पटवारी, सागर होंगे। आदेश के मुताबिक गुरुद्वारा, गुरु सिंघ सभा सागर से संबंधित समस्त अभिलेख कैशबुक एवं नगद राशि 3 दिवस के अंदर श्री दुर्गेश तिवारी, नायब तहसीलदार सागर के पास जमा करने होंगे।नायब तहसीलदार श्री दुर्गेश तिवारी समिति बनाकर न्यास के निर्वाचन का कार्य संपादित करेंगे । 
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आंख खुली तो पूरा भारत नाखूनों से त्रस्त मिला, जिसको जिम्मेदारी दी, वह घर भरने में व्यस्त मिला▪️गौर जयंती पर मकरोनिया में प्रवाह संस्था के साहित्यिक आयोजन में आए विख्यात कवि और शायर

आंख खुली तो पूरा भारत नाखूनों से त्रस्त मिला, जिसको जिम्मेदारी दी, वह घर भरने में व्यस्त मिला

▪️गौर जयंती पर मकरोनिया में प्रवाह संस्था के साहित्यिक आयोजन में आए विख्यात कवि और शायर

तीनबत्ती न्यूज: 28 नवंबर,2023
सागर। गौर जयंती पर एक ओर शहर में सुबह से शाम तक विविध आयोजन होते रहे तो बीते रविवार इस पावन दिवस का समापन प्रवाह संस्था के सालाना कवि सम्मेलन/मुशायरा के आयोजन के साथ पूरी गरिमा और साहित्यिक छठा के बीच हुआ। उपनगर के पद्माकर नगर स्थित सामुदायिक भवन प्रांगण में साहित्यिक संध्या की शाम जैसे ढलने का नाम नहीं ले रही थी। देश के प्रख्यात कवि डॉ.हरिओम पंवार समेत अन्य हस्ताक्षरों ने जब रचना-पाठ शुरू किया तो श्रोता बस, सुनते ही चले गए। निर्धारित अवधि का कार्यक्रम रात की बेला तक पहुंच गया लेकिन प्रांगण में मौजूद सुधी साहित्य प्रेमी और भी सार्थक सुनने की जिद पर आमादा थे। मंच से देशभक्ति, करारे व्यंग्य, मन मस्तिष्क को झकझोरने वाले रचना पाठ से कवियों/शाइरों ने किसी को निराश भी नहीं किया।

सांस्कृतिक, साहित्यिक, सामाजिक गतिविधियों को समर्पित प्रवाह संस्था के मंच पर साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर डॉ.हरिओम पंवार के साथ सुविख्यात डॉ.नुसरत मेहदीं मेरठ, अज्म शाकिरी ऐटा, सोनरूपा विशाल बदायूं, स्वयं श्रीवास्तव दिल्ली, संतोष सागर विदिशा, कुणाल दानिश तो थे ही, प्रवाह संस्था की परंपरानुसार स्थानीय कलमकारों में आदर्श दुबे और प्रभात कटारे भी थे।  मुख्य अतिथि के रूप में सांसद राजबहादुर सिंह भी निर्धारित समय पर पहुंच गए थे। अतिथियों ने डॉ.गौर के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। स्वागत भाषण संस्था अध्यक्ष संतोष रोहित मित्र ने दिया। उन्होंने डॉ.हरीसिंह गौर को समर्पित पंक्तियों में कहा- *मेहरबानी शब्दों में करूं तेरी बयां कैसे, तेरे अहसान का कर्जा करेगा कोई अदा कैसे।

*तेरी रहमत के साये में, लाखों दीप रोशन हैं, इस मिट्टी पे आया था, बनके तूं ख़ुदा जैसे

औपचारिक सम्मान और स्वागत के बाद मंच अब उत्कृष्ट साहित्य के प्रवाह में बहने को जैसे तैयार था।  मंच पर जब डॉ.हरिओम पंवार जैसी शख्सियत मौजूद हो तो साहित्यिक रसपान की अपेक्षा बढऩा स्वाभाविक ही था। डॉ.पवार ने सबसे पहले डॉ.गौर के मायने होने का जिक्र करते हुए कहा कि धन्य है सागर की धरा जिसे डॉ.गौर ने विवि दिया। यह तीर्थ ही है। इतना बड़ा तीर्थ है आपके यहां। जहां डॉ.गौर के नाम पत्थर भी लगा तो मैं उसकी पूजा करने के लिए तैयार हूं। बहरहाल, उनका रचना पाठ शुरू हुआ। उन्होंने तमाम तरह की सामजिक विद्रपूताओं को शब्दों में पिरोया। जिसकी बानगी देखिए- *कहां बनेंगे पूजा के घर, कहां बनेंगी रजधानी, मंडल और कमंडल ही है सबकी आंखों का पानी। सोनचिरैया सूली टंग गई, पंछी गाना भूल गए। आंख खुली तो पूरा भारत नाखूनों से त्रस्त मिला, जिसको जिम्मेदारी दी, वह घर भरने में व्यस्त मिला।* उन्होंने देश की व्यवस्था की ओर संकेत करते हुए कहा- क्या यही सपना देखा था भगत सिंह की फांसी ने, जागो राजघाट के गांधी तुम्हें जगाने आया हूं, घायल भारत माता की तस्वीर दिखाने आया हूं। गांधीजी के सपनों का येकैसा देश बना डाला, चाकू चोरी चीरहरण वाला परिवेश बना डाला। 
मशहूर शायर अज़्म शाकिरी ने फ़रमाया लाखों सदमे ढेरों गम, फिर भी नहीं है आंखें नम। एक मुद्दत से रोये नहीं, क्या पत्थर के हो गये हम।
वहीं सोनरूपा विशाल ने फरमाया- भीतर इक चिंगारी रख, जिंदा रहना जारी रख। आवाजें ही रस्ता हैं, खामोशी मत तारी रख। हक को मत एहसान समझ, खुद को मत आभारी रख। कतरे को दरिया मत बोल, ऐसी मत लाचारी रख। रस्ता रौशन करना है, जलने की तैयारी रख।* दिल्ली से आए कवि स्वयं श्रीवास्तव ने कहा- शर्तों पर तेरी टिकने से इंकार कर दिया, तब जाके अपने आप की कीमत पता चली। 
मुझको न रोकिए, न ये नजराने दीजिए, मेरा सफर अलग है, मुझे जाने दीजिए, ज्यादा से ज्यादा होगा कि ये हार जाएंगे, किस्मत तो हमें अपनी आजमाने दीजिए।  आयोजन में सागर के प्रतिभावान कवि आदर्श दुबे और प्रभात कटारे ने भी जोशीले अंदाज में काव्य पाठ कर श्रोताओं को उद्धेलित कर दिया।
साहित्यिक संध्या की छठा का छठवां वर्ष
गौरतलब है कि प्रवाह संस्था ने डॉ.हरीसिंह गौर जयंती पर कवि सम्मेलन/मुशायरा की शुरुआत वर्ष 2018 में की थी। इसके बाद से ही यह सिलसिला जारी है। देश के नामी-गिरामी कवि/शायर इन आयोजनों में शिरकत कर चुके हैं। डॉ.राहत इंदौरी, आलोक श्रीवास्तव, शबीना अदीब, अंजुम रहबर, अंकिता सिंह जैसे नाम तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकारों की श्रेणी में आते हैं। यह सागर आए और इन्हें प्रवाह के कार्यक्रम में शहरवासियों का भरपूर प्यार भी मिला। यही वजह है कि अब प्रवाह संस्था के इस आयोजन को देश-प्रदेश के साहित्यिक गलियारों में पहचाना जाने लगा है। प्रख्यात कलमकारों के लिए भी यहां के मंच से प्रस्तुति देना सुखद अनुभव महसूस होने लगा है। वहीं बात करें साहित्य प्रेमियों की तो हर वर्ष डॉ.गौर जयंती पर इस आयोजन को लेकर शहर में उत्सुकता रहती है। 


प्रवाह संस्था ने कार्यक्रम की गरिमा को बरकरार रखा है। संस्था के अध्यक्ष संतोष रोहित ने कहा कि हम कार्यक्रम को लेकर लोगों की अपेक्षा और सागर के साहित्यिक गौरव को देखते हुए हर वर्ष योजना बनाते हैं। प्रयास रहता है कि ऐसे नामचीन रचनाकारों को इस मंच के लिए आमंत्रित किया जाए जिन्हें श्रोताओं ने टीवी पर देखा, रेडियो पर सुना और पत्र-पत्रिकाओं में पढ़ा है। श्री रोहित ने बताया कि इस बात का हमें संतोष है कि अभी तक की यात्रा में हम इस पर खरे उतरे हैं और साहित्य-प्रेमियों का भरोसा हम पर बढ़ता ही जा रहा है।
वहीं प्रवाह संस्था ने साहित्यकारों, समाजसेवियों के योगदान को देखकर उन्हें भी सम्मानित करने की परंपरा कायम की है। इस कड़ी में लेखन एवं साहित्य के क्षेत्र में डॉ.सरोज गुप्ता और समाज सेवा एवं पर्यावरण के क्षेत्र में विचार संस्था के संचालक कपिल मलैया को सम्मानित किया गया। कवि सम्मेलन का संचालन संतोष सागर ने किया। कार्यक्रम संचालन डॉ.अरविंद जैन ने किया। वह आभार प्रख्यात शाइर अशोक मिजाज ने माना।


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जिला कोषालय स्थित स्ट्रांग रूम व फैसिलिटी सेंटर की निगरानी हेतु सी.सी.टी.व्ही कैमरे लगवाने की मांग▪️नरयावली से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेन्द्र चौधरी के निर्वाचन अभिकर्ताओं ने निर्वाचन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

जिला कोषालय स्थित स्ट्रांग रूम व फैसिलिटी सेंटर की निगरानी हेतु सी.सी.टी.व्ही कैमरे लगवाने की मांग

▪️नरयावली से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेन्द्र चौधरी के निर्वाचन अभिकर्ताओं ने निर्वाचन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

सागर। नरयावली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी एडवोकेट सुरेन्द्र चौधरी के निर्वाचन अभिकर्ताओं अशरफ खान एवं एडवोकेट सुनील सिंह भदौरिया ने नरयावली विधानसभा 40 के निर्वाचन अधिकारी विजय डहरिया को ज्ञापन सौंपकर कर जिला कोषालय स्थित स्ट्रांग रूम व सागर जनपद कार्यालय स्थित फैसिलिटी सेंटर की निगरानी व सुरक्षा हेतु सी.सी.टी.व्ही कैमरे लगवाने की मांग की हैं। निर्वाचन अधिकारी को कांग्रेस के अभिकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि नरयावली विधान सभा क्षेत्र के सर्विस मतदाता जिनको मतपत्र जारी किए गए थे उक्त मत पत्र,मतदान उपरांत जनपद पंचायत सागर कार्यालय स्थित फैसिलिटी सेंटर के माध्यम से जिला कोषालय स्थित स्ट्रांग रूम में जमा किए जा रहे हैं तथा पूर्व में 80 प्लस व पी.डब्ळयू.डी मतदाताओं के मतदान उपरांत मतपत्र जिला कोषालय में जमा है जिनकी निगरानी व सुरक्षा हेतु तत्काल सी.सी.टी.व्ही कैमरे लगवाए जाने की आवश्यकता है।नरयावली से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेन्द्र चौधरी के निर्वाचन अभिकर्ताओं द्वारा दिए गए ज्ञापन पर निर्वाचन अधिकारी श्री डहरिया ने शीघ्र ही कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
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कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीडन: टीकमगढ़ का मृदा सर्वेक्षण अधिकारीनिलंबित

कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीडन:  
टीकमगढ़ का मृदा सर्वेक्षण अधिकारी
निलंबित

तीनबत्ती न्यूज: 28 नवंबर 2023
सागर : संभागायुक्त डा. वीरेन्द्र सिंह रावत ने कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीडन के एक मामले को गंभीरता से लेते हुए टीकमगढ़ जिले के सहायक मृदा सर्वेक्षण अधिकारी श्री शिवराज सिंह परमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। सुश्री अदिति द्विवेदी सहायक ग्रेड-3 कार्यालय उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास टीकमगढ़ द्वारा अपने विभागीय वरिष्ठ अधिकारी श्री शिवराज सिंह परमार सहायक मृदा सर्वेक्षण अधिकारी के विरूद्ध कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीडन के संबंध में लिखित शिकायत 02-06-2023 को प्रस्तुत की थी। उक्त शिकायती आवेदन पत्र की जाँच महिला एवं बाल विकास विभाग टीकमगढ़ में गठित आंतरिक परिवाद समिति से कराई गई थी। 


समिति द्वारा जॉच कार्यवाही पूर्ण जाँच प्रतिवेदन विगत 28 जुलाई को प्रस्तुत किया गया था, जिसमें समिति द्वारा श्री परमार सहायक मृदा सर्वेक्षण अधिकारी के द्वारा कार्यालयीन अधीनस्थ महिला कर्मचारी सुश्री अदिति द्विवेदी सहायक ग्रेड-3 को अमर्यादित व अशोभनीय रूप से संबोधित करने तथा कार्यालय में एकांत में बुलाने, मेज पर शायरी छोड़ने के तथ्य सही पाये गये थे।

कलेक्टर टीकमगढ़ से प्राप्त प्रस्ताव एवं जाँच प्रतिवेदन में श्री शिवराज सिंह परमार सहायक मृदा सर्वेक्षण अधिकारी द्वारा अधीनस्थ महिला कर्मचारी के साथ अशोभनीय एवं अमर्यादित आचरण किया जाना पाया गया। श्री परमार का उक्त कृत्य म०प्र० सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के प्रतिकूल पाये जाने पर उन्हें म०प्र० सिविल सेवा नियम 1966 के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
निलंबन अवधि में श्री परमार का मुख्यालय, कार्यालय कलेक्टर जिला टीकमगढ़ नियत किया गया है।  निलंबन अवधि में श्री परमार को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।


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SAGAR: ठंड को देखते हुए कक्षा 8 तक के स्कूल का समय बदला: सुबह 9 बजे से लगेंगे

SAGAR: ठंड को देखते हुए कक्षा 8 तक के स्कूल  का समय बदला: सुबह 9 बजे से लगेंगे


तीनबत्ती न्यूज : 28 नवंबर,2023
सागर
  कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने शीतकालीन मौसम प्रारंभ होने तथा तापमान में गिरावट को दृष्टिगत रखतें हुए विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की दृष्टि से जिले की कक्षा नर्सरी से कक्षा 8 वीं तक के समस्त शिक्षण संस्थाओं को सुबह 9 बजे से प्रांरभ करवाने के आदेश दिये है। 


आदेश के मुताबिक शासकीय/अशासकीय/अनुदान प्राप्त/मान्यता प्राप्त, सीबीएसई, आईसीएसई की शैक्षणिक संस्थाएं आगामी आदेश तक प्रातः 9 बजे से संचालित होगी।



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संत के मुक्तिधाम में शौच करने का मामला: जमकर मचा बवाल,नाराज लोगो ने किया प्रदर्शन

संत के मुक्तिधाम में शौच करने का मामला: जमकर मचा बवाल,नाराज लोगो ने किया प्रदर्शन

तीनबत्ती न्यूज : 27 नवंबर,2023
सागर :  जिले की शाहपुर नगर परिषद क्षेत्र में श्मशान घाट में जैन संत के शौच करने के मामले में बवाल हो गया। लोग सड़कों पर उतर आए और कार्रवाई की मांग की। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और समझाइश देकर लोगों को शांत कराया। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। इस घटना के बाद शाहपुर में दोनो पक्षों के बीच विवाद बढ़ गया। 

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देखे :संत के मुक्तिधाम में शौच करने का मामला: जमकर मचा बवाल


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क्या है मामला 
सागर जिले के सानोधा पुलिस थाने के तहत आने वाले शाहपुर कस्बे में मुक्तिधाम में जैन संत द्वारा शौच क्रिया के लिए जाने पर कुछ लोगो ने रोका था। जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई थी। कस्बे के ही खूबचन्द पटेल नाम के व्यक्ति शौच क्रिया के दौरान ही मरघट में पहुंच गए और वीडियो बनाया। इसको लेकर समाज के लोगो ने  खूबचंद के साथ मारपीट की और उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया।  वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और इसे लेकर जैन समाज ने आपत्ति जताई.

धार्मिक भावनाएं आहत होने को लेकर तनाव 

मामले में सोमवार को  शाहपुर में दूसरे समुदाय के लोगों ने एकजुट होकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और खूबचंद को बेकसूर बताते हुए उसे रिहा करने की मांग की. घटना को देखते ही देखते शाहपुर में तनाव का माहौल बन गया. जिसके बाद इलाके में पुलिस बल भेजा गया है. स्थानीय लोगों का कहना है, हमारे नगर का जो प्रमुख शमशान घाट है वहां पर गंदगी फैलाई जा रही है. ऐसे में 15 दिनों से हम सब लोग और खूब सिंह गंदगी फैलाने से रोकने का प्रयास कर रहे थे. जब वह नहीं माने तो उन्होंने वीडियो बनाकर आग्रह किया. शमशान में हमारी धार्मिक में भावनाएं जुड़ी हुई है.
उधर एएसपी लोकेश सिन्हा के अनुसार शाहपुर में मुक्तिधाम को लेकर घटना सामने आई है। लोगो को समझाइश दी गई है। जांच में जो भी दोषी होगा कारवाई की जाएगी। फिलहाल क्षेत्र में स्थिति शांतिपूर्ण बनी है। 

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हमारी बहुलता में हो रहे क्षरण को रोकना रचनाकारों का नैतिक दायित्व: प्रो. परमार▪️श्यामलम् के लोक सम्मान पर्व का अष्टम वार्षिक कार्यक्रम: विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए हुआ सम्मान

हमारी बहुलता में हो रहे क्षरण को रोकना रचनाकारों का नैतिक दायित्व:  प्रो. परमार

▪️श्यामलम् के लोक सम्मान पर्व का अष्टम वार्षिक कार्यक्रम: विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए हुआ सम्मान

तीनबत्ती न्यूज : 27 नवंबर,2023
सागर : नगर की प्रतिष्ठित संस्था श्यामलम् द्वारा लोक सम्मान पर्व के अष्टम वार्षिक कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए विशिष्ट जनों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर बुंदेली गायक कवि देवीसिंह राजपूत के प्रथम काव्य संग्रह "बुंदेली बागेश्वरी" का विमोचन भी संपन्न हुआ। 

रवींद्र भवन सभागार में आयोजित हुए इस गरिमामय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. बहादुर सिंह परमार ने अपने बुंदेली मिश्रित आत्मीय उद्बोधन में कहा कि बहुलता ही हमारे राष्ट्र की ताकत रही है किंतु बाजारवाद ने उसका क्षरण करना शुरू कर दिया है। ‌यह बाजारवाद हमारे  खानपान में, वेशभूषा में, पर्वों में , संस्कारों में सभी जगह हावी हो गया है। उन्होंने कहा कि  पहले प्रत्येक क्षेत्र की  कोई न कोई  विशिष्टता होती थी वो उसकी संस्कृति, बोली, पहनावा, पकवान कुछ भी हो सकता था लेकिन अब पिज्जा, बर्गर का जो स्वाद बुंदेलखंड के किसी कस्बे में  होगा वैसा ही गुड़गांव,मुंबई में मिलेगा। यह एकरसता बाकी सभी चीजों में भी व्यापी है। भूमंडलीकरण और टेलीविजन की संस्कृति में परंपरागत पर्वों का स्वरूप भी परिवर्तनीय हो गया है। उनमें वैसा सौंधापन और देशजता नहीं रही। इस सबको रोकने की जिम्मेदारी हम सभी रचनाकारों की है। हमारे लोक की पोटली में जो  ज्ञान बिखरा पड़ा है उसे सहेजने की जरूरत है। इस लोक यज्ञ के संरक्षण में हमारी क्या आहुति होगी ?  यह यक्ष प्रश्न है।

 कार्यक्रम के सारस्वत वक्ता श्यामलम् संस्था के संरक्षक डॉ. सुरेश आचार्य ने गौर दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि अगर गौर साहब जीवित होते तो वह 154 साल के होते और हम सब उनके पौत्रगण उनकी ऐसी सेवा करते जो न भूतो न भविष्यति होती। हम सबको विद्या का वरदान देने वाले डॉक्टर गौर देवता तुल्य ही हैं।

अध्यक्षीय उद्बोधन में स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के कुलाधिपति डॉ.अजय तिवारी ने कहा कि श्यामलम् पर्व लोक हित में कार्य वाले सामाजिक लोगों को सम्मानित व पुरस्कृत करता है तथा लगातार कार्य करने प्रोत्साहित करता है यह प्रशंसनीय कार्य है। इसमें हरेक वर्ग व क्षेत्र के लोग हैं यह विशेष बात है। समाज को श्यामलम् का यह अवदान उस विनम्र भाव तरह है जिस तरह प्रकृति में सुंदर वृक्ष और लताएं फूल -फलों‌ से लद जाने पर विनम्र होकर देने के‌ लिए झुक जाती हैं।

विशिष्ट अतिथि गायक शिव रतन यादव ने  बुंदेली गीतों का गायन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर गायक -कवि देवीसिंह राजपूत की कृति बुंदेली वागेश्वरी का विमोचन एवं उनका सम्मान भी किया गया। लेखकीय वक्तव्य के साथ उन्होंने विमोचित पुस्तक के एक गीत का मधुर गायन कर प्रभावित किया।

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी एवं सागर सपूत डॉ. हरीसिंह गौर के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुई। कवि पूरनसिंह राजपूत ने सरस्वती वंदना की। शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय सागर की छात्राओं द्वारा सरस्वती आराधना की बहुत सुंदर प्रस्तुति दी। कवि डॉ नलिन जैन ने डॉ.गौर पर स्वरचित कविता का पाठ कर उन्हें स्मृत किया। श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने स्वागत उद्बोधन दिया।

 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर बहादुर सिंह परमार को विशेष सम्मान के रूप में शाॅल, श्रीफल, पुष्पमाला, पुस्तकें और सम्मान निधि भेंट कर श्यामलम् साहित्य -संस्कृति अलंकरण से विभूषित किया गया। पाठक मंच संयोजक आर के तिवारी और पी आर एस वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय ने क्रमशः जीवन परिचय और सम्मान पत्र का वाचन किया।

 कन्या महाविद्यालय सागर में प्राध्यापक डॉ अंजना चतुर्वेदी तिवारी ने प्रभावी व व्यवस्थित संचालन किया। स्वर संगम समिति अध्यक्ष हरीसिंह ठाकुर ने आभार व्यक्त किया। 
सम्मान समारोह 

सम्मान कार्यक्रम की शुरुआत ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा स्वस्तिवाचन से हुई। श्यामलम् सचिव कपिल बैसाखिया एवं सह सचिव संतोष पाठक ने सम्मानितों के जीवन परिचय व सम्मान पत्रों का वाचन किया। विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए सूची अनुसार कुल 12 सम्मान प्रदत्त किए गए।
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तीनबत्ती न्यूज .कॉम के एडिटर विनोद आर्य सम्मान प्राप्त करते हुए
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इस अवसर पर डॉ लक्ष्मी पांडेय ,डॉ सुश्री शरद सिंह, डॉ कविता शुक्ला, किरणप्रभा मिश्र,सुदेश तिवारी,पी एन मिश्रा,जे सी श्रीवास्तव,लक्ष्मी नारायण चौरसिया, बी के उपाध्याय, उमाशंकर शर्मा, ओ पी दुबे, रामकुमार दुबे, डॉ. गजाधर सागर, आशीष ज्योतिषी,डॉ.आशीष द्विवेदी, डॉ.नवनीत धगट, आनंद मंगल बोहरे, अंबिका यादव, रमेश दुबे, श्रवण

 श्रीवास्तव, व्ही पी मिश्रा, प्रदीप शुक्ला,  असरार अहमद, अंबर चतुर्वेदी, प्रभात कटारे, ध्रुव गौर, डॉ. विनोद तिवारी, बिहारी सागर, ज. ला. राठौर, डॉ.अमर जैन,डॉ ऋषभ भारद्वाज, पुरुषोत्तम उपाध्याय,ऋषभ जैन,मुकेश निराला, उमाशंकर रावत, अभिनंदन दीक्षित, सतीश पांडे, शैलेंद्र मलैया, रमाकांत मिश्रा, सी एल कंवल, दीपाली गुरु,मुकेश तिवारी, वीरेन्द्र प्रधान,मनोज जैन,मनीषा पटेरिया,डॉ अवधेश संडल, प्रफुल्ल हल्वे, वंदना मिश्रा,स्नेहलता मिश्रा,  रूपरेखा गौर,जयंत विश्वकर्मा,राजेन्द्र गर्ग और सम्मानितों के परिजनों सहित बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

प्रदत्त किए गए सम्मान

1.पंडित गोविंद प्रसाद शास्त्री संस्कृत सम्मान - 
पंडित रामगोविंद शास्त्री, संस्कृत विद्वान एवं ज्योतिषाचार्य,सागर।

2. पंडित शादी लाल आचार्य संस्कृति सम्मान- 
डॉ.ओ.पी.चौबे,वरिष्ठ संस्कृतिविद्, सागर।

3.डॉ. रामदास तिवारी स्मृति चिकित्सा सम्मान
 - डॉ. बी.के.मिश्रा, वरिष्ठ चिकित्सक,
से. नि. संयुक्त संचालक चिकित्सा, सागर 

4.पं.व्ही.के.पाठक स्मृति निष्ठावान सेवाभावी कर्मचारी सम्मान

 - श्री ‌‌जागेश्वर प्रसाद शर्मा, कैशियर, मुख्य पोस्ट आफिस सागर।

5. आर.एन.शुक्ला स्मृति आदर्श शिक्षक सम्मान
 - श्री आर.डी.मिश्रा,से.नि.व्याख्याता, (स्कूल शिक्षा विभाग) सागर।

6.श्यामा कान्त मिश्र स्मृति रंगकर्मी सम्मान

 - श्री महेश दयाल दुबे, वरिष्ठ रंगकर्मी, सागर।(पूर्व व्यवस्थापक, श्री पीताम्बरा पीठ,दतिया)

7- मनोहर लाल जैन स्मृति श्रेष्ठ युवा सम्मान

 - डॉ .सिद्धार्थ शुक्ला,सितारवादक, संस्कृतिकर्मी सागर।

8- देवेंद्र सिंह गौर स्मृति पत्रकारिता (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) सम्मान

 - श्री विनोद आर्य, तीन बत्ती न्यूज चैनल, सागर।
9-स्वामी विवेकानंद सम्मान
(सौजन्य - SVN विश्वविद्यालय, सागर)

- डॉ.जी.एल.दुबे, (से.नि. प्राचार्य,उच्च शिक्षा)
सागर।

10-श्रीमती लीलावती देवी शुक्ला स्मृति मानवता सम्मान
 -डॉ.शशि ठाकुर,वरिष्ठ चिकित्सक व समाजसेवी, सागर।

11- श्यामलम् कर्मशील जीवन सम्मान

 -श्री हेमचंद जैन, वरिष्ठ समाजसेवी सागर।

12-विशिष्ट सम्मान
श्यामलम् साहित्य-संस्कृति अलंकरण*

डॉ. बहादुर सिंह परमार साहित्यकार
निदेशक, शोध व विकास
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय 
छतरपुर (म.प्र.)


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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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