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धर्म श्री से न्यू आरटीओ तक निर्माणाधीन फोर लेन सड़क का विधायक शैलेंद्र जैन ने किया निरीक्षण

धर्म श्री से न्यू आरटीओ तक निर्माणाधीन फोर लेन सड़क का विधायक शैलेंद्र जैन ने किया निरीक्षण

सागर। विधायक शैलेंद्र कुमार जैन ने धर्म श्री से राजघाट तिराहा तक सड़क के चौड़ीकरन कार्य का निरीक्षण किया, विधायक जैन ने बताया कि स्मार्ट सिटी द्वारा धर्म श्री से राजघाट तिराहा तक लगभग 3 किलो मीटर लंबी सड़क का चौड़ीकरन किया जा रहा है अभी वर्तमान में यह सड़क 7 मीटर चौड़ी है इसे बढ़ाकर 18 मीटर चौड़ी किया जा रहा है जिसमे दोनो ओर 3.5 मीटर बढ़ाया जाएगा और इसमे मीटर का मेडियन रहेगा जिस पर स्ट्रीट लाइट पोल और पौधे लगाए जाएंगे दोनो ओर 1-1मीटर का फुटपाथ रहेगा। वहीं राजघाट तिराहा से न्यू आरटीओ तक 3 किमी लंबी सड़क की चौड़ाई को भी 7 मीटर से बढ़ाकर 18 मीटर किया जा रहा है इसमें भी दोनो ओर 1- 1 मीटर का पाथ वे 1 मीटर का मेडियन जिसमे स्ट्रीट लाइट पोल और पौधे लगाए जाएंगे।उन्होंने बताया कि हमारा सागर विकास की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है और विकास का मुख्य आधार किसी भी नगर की सड़के होती है हमारा प्रयास है कि हम यथा संभव सागर नगर की सभी सड़कों को चौड़ी करन करके महा नगर की तर्ज पर विकसित करें।
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डॉक्टर गौर को भारत रत्न सम्मान दिलाए जाने हेतु लिखे हजारों पोस्टकार्ड

डॉक्टर गौर को भारत रत्न सम्मान दिलाए जाने हेतु लिखे हजारों पोस्टकार्ड

तीनबत्ती न्यूज: 26 नवंबर,2023
सागर : बुंदेलखंड माटी के सपूत महान शिक्षा विद दानवीर डा सर हरि सिंह गौर साहब के जन्मदिन अवसर पर आज तीन बत्ती कटरा में सागर के हजारों नागरिकों ने डॉक्टर सर हरि सिंह गौर को भारत रत्न सम्मान दिए जाने की मांग को लेकर भारत सरकार के प्रधानमंत्री के नाम पोस्टकार्ड लिखे।
ज्ञात रहे विगत वर्ष संत रविदास जयंती के अवसर पर सागर पधारे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष  कमलनाथ ने दिनांक 16 फरवरी 2022 को डॉक्टर सर हरीसिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने संबंधी मांग अपने उद्बोधन में की थी।

दिनांक 22 फरवरी 2022 से डॉक्टर सर हरिसिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने संबंधी प्रधानमंत्री के नाम पोस्टकार्ड अभियान के आयोजक रमाकांत यादव ने अनवरत रूप से यह कार्य जारी रखा उसी क्रम में आज तीन बत्ती पर सैकड़ो लोगों ने पोस्टकार्ड में डॉक्टर गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांगकर अपनी कृतज्ञनता व्यक्त की।
आज पोस्टकार्ड अभियान में रमाकांत यादव जिला कांग्रेस संगठन मंत्री चक्रेश सिंघई नरेश चौबे मदन सोनी इम्तियाज अली रवि सोनी सम्मानीय‌ पत्रकार द्वय सुदेश तिवारी विनोद आर्य गोविंद राय आदि इस मुहिम में शामिल हुए।
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SAGAR: चैकिंग के नाम पर बुर्जुग दंपत्ति के जेवरात छीने

SAGAR: चैकिंग के नाम पर बुर्जुग दंपत्ति के जेवरात छीने

सागर 26 नवम्बर. मोतीनगर थाना अंतर्गत खुरई रोड स्थित भाग्योदय तीर्थ के पूर्व चैंकिग के नाम पर दो मोटर साईकिल सवार अज्ञात चालकों द्वारा बुर्जुग जैन दंपत्ति की जेवरात गायब कर दिए गए. जो कि मंदिर जा रहे थे. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में ले लिया है. उपरोक्त मार्ग के सीसीटीव्ही कैमरों से फुटेज खंगाले जा रहे है.
  पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार संत रविदास वार्ड निवासी बुर्जुग दंपत्ति निर्मल कुमार जैन और श्रीमती मालती जैन आज रविवार की दोपहर में भाग्योदय स्थित जैन मंदिर की ओर जा रहे थे कि  बस स्टैण्ड के रास्ते में दो अज्ञात मोटर साईकिल चालकों द्वारा रास्ते में बुर्जुग दंपत्ति को रोक लिया और कहा कि आगे चैकिंग चल रही है आप लोग अपने सोने-चांदी के आभूषण उतार कर रख लें. इससे पहले कि बुर्जुग दंपत्ति कुछ समझ पाते और पति-पत्नी ने एक सोने की चैन, दो अंगूठी और दो कंगन उतारे. इसके बाद उन्हें कुछ पता नहीं चला. जब तक दोनों की समझ में आया तब तक सोने के आभूषण और मोटर साइकिल चालक गायब हो चुके थे. मोतीनगर थाने में पहुंचे श्री जैन ने लिखित में अपनी शिकायत दर्ज कराई है जिस पर पुलिस ने भादवि की धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में ले लिया है. घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीव्ही कैमरों से पुलिस फुटैज निकलवा रही है.
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मध्यप्रदेश कुटुंब के तत्वाधान में दिल्ली में मनाई गई डॉ गौर जयंती

मध्यप्रदेश कुटुंब के तत्वाधान में दिल्ली में मनाई गई डॉ  गौर जयंती

 तीनबत्ती न्यूज: 26 नवंबर,2023
नई दिल्ली : डॉ हरिसिंह गौर की जयंती के अवसर पर दिल्ली और एन.सी.आर. यानी नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव और फरीदाबाद में रहने वाले  मध्य प्रदेश कुटुंब के सदस्यों ने गौर जयंती मनाई  और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। नन्हें कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति दी।
 
कार्यक्रम में कुटुंब के बाल सदस्यों ने अपने गीत  जरिये माहौल गुलजार कर दिया। डॉ. हरी सिंह गौर पर प्रकाश डालते हुए उनकी जीवनी के बारे में भी जानकारी दी गई साथ ही साथ मध्यप्रदेश कुटुंब के नौ वर्षों की उपलब्धियों की जानकारी प्रस्तुत की गईं|
मध्यप्रदेश कुटुंब के प्रतिनिधि गंगेश पाण्डेय ने बताया कि  डॉ हरिसिंह गौर की जयंती  के अवसर पर ही २०१४ में  दिल्ली/एन.सी.आर. में रहने वाले मध्यप्रदेश निवासियों को एक साझा मंच प्रदान करने हेतु "मध्यप्रदेश कुटुंब"  स्थापना हुई थी,  इसलिये आज हमारे लिये यह दोहरी खुशी का दिन है।


 डॉ गौर की प्रेरणा से आगे भी कुटुम्ब के सदस्यों की हर संभव मदद की शपथ ली। कार्यक्रम का संचालन श्री मनीष जैन एवं श्री दुर्गानाथ जी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में दिल्ली/एनसीआर में रहने वाले मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स ने भागीदारी की। 


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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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डा.गौर को भारतरत्न दिलाने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ सेवादल का मासिक ध्वज वंदन

डा.गौर को भारतरत्न दिलाने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ सेवादल का मासिक ध्वज वंदन 
तीनबत्ती न्यूज : 26 नवंबर,2023
सागर
: सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डा.सर हरिसिंह गौर जी की जयंती पर कांग्रेस सेवादल परिवार ने गौरमूर्ति, तीनबत्ती पर नवंबर माह के अंतिम रविवार का मासिक ध्वज वंदन कार्यक्रम आयोजित किया।कार्यक्रम में ध्वजारोहण पूर्व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष डा.राकेश शर्मा के करकमलों से संपन्न हुआ।


इस अवसर पर डा.राकेश शर्मा ने कहा कि नवंबर माह का अपना ही अलग महत्व है 14 नबंवर को देश के पहले प्रधानमंत्री,19 नबंवर को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और 26 नबंवर को संविधान सभा के सदस्य और हम सबकी आन बान शान डा.हरिसिंह गौर का जन्मदिन पड़ता है। डा.राकेश शर्मा ने सेवादल के मासिक ध्वज वंदन कार्यक्रम की तारीफ कर प्रोत्साहन भी किया।
सेवादल के शहर अध्यक्ष सिन्टू कटारे और ग्रामीण अध्यक्ष महेश जाटव ने डा.गौर को भारत रत्न दिलाने के लिये लगातार संघर्ष करने का प्रण लिया और साथ-साथ सभी को डा.राकेश शर्मा ने संघर्ष करने का प्रण दिलाया‌।
कार्यक्रम का आयोजन शहर सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे और संचालन द्वारका चौधरी ने किया।
 कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम में मुख्य रूप से वरिष्ठ कांग्रेसी भोलेश्वर प्रसाद तिवारी, पुरूषोत्तम मुन्ना चौबे,चक्रेश सिंघई,राकेश राय,राहुल चौबे आशीष ज्योतिषी,प्रदीप गुप्ता,मीना पटेल,जमना प्रसाद सोनी,योगराज कोरी,समीर खान,राजेश उपाध्याय,नितिन पचौरी,कल्लू पटेल,आनंद हेला,अंकुर यादव,भूरे खटीक,पवन पटेल,महेश अहिरवार,राहुल रजक,देवेन्द्र वाल्मीकि,अजय राजपूत,अरविंद सिंह लोधी,गोविंद सिंह लोधी,अर्चना कन्नोजिया,मनीष जाटव,आकाश जाटव,अनिल जाटव,अर्पित अहिरवार,विक्की जाटव,शुभम्,सोनू वाल्मीकि,रोहित जाटव,दिलीप जाटव,आशीष सेन,मो.अंसारी आदि उपस्थित रहे।

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विश्वविद्यालय की कीर्तियात्रा में सहभागी बन डॉ. गौर के प्रति कृतज्ञता के पुष्प अर्पित करें- कुलपति ▪️तीनबत्ती पर गौर प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम

विश्वविद्यालय की कीर्तियात्रा में सहभागी बन डॉ. गौर के प्रति कृतज्ञता के पुष्प अर्पित करें- कुलपति                            
▪️तीनबत्ती पर गौर प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम

तीनबत्ती न्यूज : 26 नवंबर,2023
सागर. महान दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ हरीसिंह गौर की 154वीं जयन्ती के अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने सागर शहर के तीनबत्ती पहुँचकर डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सभा को संबोधित किया. उन्होंने जागतिक पुरुषार्थ के कीर्ति स्तम्भ और बुन्देली संकल्प के अद्वितीय नायक डॉ. सर हरीसिंह गौर की जयंती पर सभी नगरवासियों का अभिनन्दन करते हुए हार्दिक शुभकामनाएं दीं. इस अवसर पर प्रतिष्ठित नागरिकों,जनप्रतिनिधियों , विश्वविद्यालय परिवार ने माल्यार्पण किया।
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देखे : दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ हरीसिंह गौर की जयन्ती मनाई



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उन्होंने कहा कि आज का दिन बुन्देलखण्ड ही नहीं समूचे भारतवर्ष के लिए ज्ञान के संधान का दिन है। आज के ही दिन इस धरा-धाम पर डॉ. गौर के रूप में ज्ञान-दान का अप्रतिम सूर्योदय हुआ था। जो आगे चलकर पूरे बुन्देलखण्ड की उज्ज्वल पहचान बन गया। 
उन्होंने डॉ. गौर के जीवन-कर्म को रेखांकित करते हुए कहा कि डॉ. गौर का जीवन और कर्म हम सबके लिए एक सबक है। वे पढ़ना चाहते थे. एक महान संकल्प में बदलते हुए अपने सागर में विश्वविद्यालय के रूप में ज्ञान का एक महान स्थापत्य खड़ा कर दिया है। कहा जाता है कि उस समय सागर में स्याही तक नहीं मिलती थी। यहाँ के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता था। शैक्षिक दृष्टि से सागर अत्यंत पिछड़ा हुआ था। पर अपनी मातृभूमि के प्रति लगाव और प्रेरणा के चलते डॉ. गौर ने अपनी समूची पूँजी का दान कर 1946 में विश्वविद्यालय की स्थापना कर अपने तरह का एक अभिनव कीर्तिमान रच दिया। 

 विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में मेरा प्रयास है कि मैं डॉ. हरीसिंह गौर के सपनों के अनुकूल इस अकादमिक संस्थान को प्रगति-पथ पर गतिमान कर सकूँ। आज हमारा विश्वविद्यालय योग्यतम शिक्षकों, प्रखरतम अधिकारियों, कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों और चेतनावान विद्यार्थियों के श्रेष्ठतम संयोजन के साथ विश्व-पटल पर अपनी पहचान बना रहा है। विश्वविद्यालय के इस आरोहण में हमारे संस्थापक डॉ. गौर का आशीर्वाद रौशनी की तरह हमेशा विद्यमान रहा है। उन्होंने समस्त नागरिकों से विश्वविद्यालय की कीर्तियात्रा में सहभागी बनने की अपील करते हुए कहा कि हम सभी अपने निजी हितों को सहयोग में और अपनी भावना को कर्म में रूपान्तरित कर अपने गौर साहब के प्रति अपनी कृतज्ञता के पुष्प अर्पित करें। 

तीनबत्ती पर किया माल्यार्पण
 गौर मूर्ति तीनबत्ती पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता, प्रो चंदा बेन, सुरेश आचार्य, दिवाकर सिंह राजपूत,  सांसद राजबहादुर सिंह, डा  पुनताबकर ,महापौर संगीता सुशील तिवारी, विधायक शैलेंद्र जैन, महापोर प्रतिनिधि सुशील तिवारी, पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, पूर्व विधायक सुधा जैन,  निधि जैन, सुनील जैन, राजकुमार पचौरी, शुकदेव प्रसाद तिवारी, डा अशोक अहिरवार, राकेश शर्मा, कमलेश बघेल, पत्रकार  सुदेश तिवारी, विनोद आर्य, पंकज सिंघई,आनंद अहिरवार ,मुकेश जैन ढाना,संदीप तिवारी, लक्ष्मण सिंह,नेवी जैन, नवीन भट्ट,, दिनेश सिंघई, कपिल पचौरी, बब्बू यादव,पंकज सोनी,अमर जैन,आशीष ज्योतिषी, अन्नी दुबे, आर के त्रिवेदी,सिंटू कटारे, नीरज सोनी, दीपक दुबे, अरविंद जैन,  सहित वरिष्ठ नागरिकों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए
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तीनबत्ती से निकली डॉ. गौर की भव्य शोभायात्रा

परम्परानुसार शहर के तीनबत्ती से बैंड बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकली जो प्रमुख मार्गों से होती हुई विश्वविद्यालय पहुँची. इस दौरान शहर के नागरिक, जनप्रतिनिधि, विद्यार्थी और आमजन इस शोभायात्रा का हिस्सा बने. शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत हुआ. 

गौर प्रांगण में हुआ मुख्य समारोह

महान दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ. हरीसिंह गौर की 154वीं जयन्ती के अवसर पर विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा डॉ. गौर के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण के साथ मुख्या समारोह प्रारम्भ हुआ. संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं गौर गीत की प्रस्तुति दी. विशिष्ट अतिथियों के रूप में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. संतोष कुमार, पूर्व छात्र एवं  पूर्व निदेशक ए.एम.डी. हैदराबाद पी एस परिहार, पूर्व शिक्षक एवं मोतिहारी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव मंचासीन थे. सारस्वत उद्‌बोधन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं पूर्व आईपीएस कन्हैया लाल बेरवाल ने की. गौर उत्सव के समन्वयक प्रो. प्रदीप कुमार कठल ने गौर उत्सव-2023 का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.

डॉ गौर ने अविकसित क्षेत्र को शिक्षा का उपहार दिया - कुलाधिपति

 
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कन्हैया लाल बेरवाल अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. गौर की जीवन यात्रा पर चर्चा करते हुए कहा कि डॉ. गौर शिक्षाविद के साथ-साथ एक महान समाज सुधारक भी थे। छुआछूत जैसी अमानवीय परंपराओं का विरोध किया. बुंदेलखंड जैसे अविकसित क्षेत्र को शिक्षा का उपहार दिया। आज देश के कोने-कोने से विद्यार्थी यहां शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। हम शिक्षकों का दायित्व है कि हम विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करें। जिस प्रकार डॉ. गौर ने निजी संपत्ति से विश्वविद्यालय की स्थापना की उसी प्रकार यहां से शिक्षा प्राप्त छात्रों को उनका अनुसरण करना चाहिए। जीवन में आप जो भी सीखें उसे समाज के उत्थान के लिए प्रयोग करें। एक संस्कारवान विद्यार्थी के निर्माण के लिए उसे उत्कृष्ट शिक्षा दिया जाना अनिवार्य है। डॉ. गौर ने पढने के लिए सागर छोड़ा था. समाज के उत्थान और शिक्षा के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. भारतीय संविधान के निर्माण में उनका अप्रतिम योगदान है. उन्होंने बहुत से ऐसे कानूनों के निर्माण में सहयोग दिया जिनसे समाज के वंचित वर्गों का कल्याण हुआ.  

डॉ. गौर का जीवन और कर्म हम सभी के लिए प्रेरणा का अक्षय स्रोत है- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता
सारस्वत उद्बोधन देते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने शैक्षिक एवं सामाजिक क्रांति के अनन्य नायक एवं विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. सर हरीसिंह गौर जी की 154वीं जयंती पर शुभकामनाएँ दीं. उन्होंने कहा कि आज का दिन हमारे विश्वविद्यालय के लिए ही नहीं बल्कि पूरे बुन्देलखण्ड और समूचे देश के लिए चेतना का महोत्सव है। आज का यह दिन अज्ञान पर ज्ञान का, नकारात्मकता पर सकारात्मकता का और समस्याओं पर मनुष्य के पुरूषार्थ के विजय का प्रतीक है।
डॉ. गौर ने अपने अटल इरादों से उन्होंने अपनी अति सामान्य सी लगने वाली जिन्दगी को एक असाधारण अफसाने में बदल दिया। सबसे ऊपर मनुष्य का सत्य है, उससे ऊपर कुछ भी नहीं। गौर साहब ने अपने कर्म से यह सिद्ध कर दिया था। गौर साहब ने जीवन की मुश्किलों सामने कभी घुटने नहीं टेके। पढ़ाई के लिए अथक संघर्ष करते रहे। अपनी जय-यात्रा में उन्होंने अपने समय की सर्वाधिक प्रतिष्ठित डिग्री और उपाधियाँ प्राप्त कीं। सागर, जबलपुर, नागपुर से होते हुए वे कैम्ब्रीज विश्वविद्यालय को भी उन्होंने अपनी प्रतिभा से चकित किया। गौर साहब उन सबके लिए रोशन स्तम्भ की तरह हैं जिनकी आँखों में कोई ख्वाब पलता है, जिनके मन में मनुष्यता के अभिनव सौन्दर्य का स्वप्न पलता है। डॉ.गौर ने शिक्षा, दर्शन, साहित्य, विधि, राजनीति आदि क्षेत्रों में अपनी नवोन्मेषी चेतना के चलते अनेक विषिष्ट उपलब्धियों को प्राप्त किया और वैश्विक स्तर पर अपने समय के चर्चित महानुभावों की प्रशंसा और सम्मान प्राप्त किया। 
डॉ. गौर का सम्पूर्ण जीवन साधारण के असाधारण बनने की जय-गाथा है। बचपन में पढ़ाई-लिखाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें सागर छोड़ना पड़ा था। अपनी मातृभूमि और परिवार से बिछड़ने की पीड़ा लिये वे देश-विदेश फिरते रहे। अपने उन्हीं बेचैन दिनों में उन्होंने संकल्प लिया था कि सागर में एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय खोलेंगे। और फिर यश, समृद्धि और प्रतिष्ठा के शिखर पर विराजमान उस महामानव ने 18 जुलाई, 1946 को अपनी सम्पूर्ण निजी सम्पत्ति का दान कर सागर विश्वविद्यालय की स्थापना कर दिया।  
मैं अपने विद्यार्थियों से कहना चाहती हूँ कि वे गौर साहब के जीवन को देखें और सीखें कि एक अकेले व्यक्ति के दुःख से उपजा संकल्प कैसे मनुष्यता के महान स्वप्न में बदल जाता है। आप डॉ. हरीसिंह गौर जैसे आधुनिक युग के ज्ञान-ऋषि की तपस्या से सृजित संस्थान में अध्ययन कर रहे हैं। इसलिए आपकी जिम्मेदारी बड़ी है। आपका आचरण, आपकी सजगता, अनुषासन, अध्ययन, शोध और चिन्तन के क्षेत्र में आपकी उपलब्धियाँ हमारे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा का वाहक बनेंगे और डॉ. गौर के संकल्पों के प्रति कृतज्ञता होंगे। 
उन्होंने कहा कि आज हमारा विश्वविद्यालय अपने श्रेष्ठ शिक्षकों, योग्य अधिकारियों, कर्मठ कर्मचारियों तथा संस्कारी विद्यार्थियों के प्रेरक समन्वय साथ निरन्तर प्रगति की ओर उन्मुख है। हमें इस बात का गर्व है कि हम डॉ. गौर जैसे मसीहा के सपनों के सिपाही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विश्वद्यिालय अपने विद्यार्थियों को रचनात्मक, नवोन्मेषी और गतिशील शैक्षणिक परिवेश देने के लिए अत्यंत सुव्यवस्थित ढंग से परम्परा और आधुनिकता के तार्किक समन्वय के साथ निरन्तर सक्रिय है। हम शैक्षिक नवाचार, प्रशासनिक दक्षता एवं अकादमिक दृढ़ता के साथ ज्ञान-विज्ञान की वैष्विक दुनिया और भविष्य की चुनौतियों के समक्ष स्वयं को एक सक्षम विकल्प के रूप में तैयार करने हेतु संकल्पित हैं। 
उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय में आज 25 राज्यों के विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं. हमारे शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन माननीय प्रधानमंत्री ने अभी हाल ही में किया. उन्होंने शिक्षकों को मिले सम्मान, पेटेंट और अनेकानेक उपलब्धियों को साझा किया. उन्होंने कहा कि इसी वर्ष नैक मूल्याकंन में हमारे विश्वविद्यालय ने ए + ग्रेड प्राप्त कर अपनी अकादमिक श्रेष्ठता की एक नई इबारत लिखा है। हमारा विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के चतुर्दिक विकास हेतु अपनी अकादमिक प्रतिबद्धता और अपने सामाजिक सरोकारों को नये सिरे से मूल्यांकित , सृजित और विस्तृत कर रहा है। 

अतिथियों ने किया पुस्तकों का विमोचन एवं पुरस्कार वितरण, मेधावी छात्रों को किया पुरस्कृत 
मंचासीन अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया. विभिन्न कक्षाओं के मेधावी छात्र-छात्राओं को भी मंचासीन अतिथियों ने पुरस्कृत किया. गौर उत्सव सप्ताह के विभिन्न आयोजनों के विजेताओं को मंचासीन अतिथियों द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया. समारोह के अंत में ललित कला एवं प्रदर्शनकारी कला विभाग के छात्र/छात्राओं द्वारा बधाई नृत्य की प्रस्तुति दी गई. संचालन डॉ. ललित मोहन ने किया. धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव डॉ. सत्यप्रकाश उपाध्याय ने किया.
अतिथियों ने किया गौर मूर्ति पर माल्यार्पण, गौर समाधि पर हुआ पुष्पांजलि कार्यक्रम
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कन्हैया लाल बेरवाल, कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता एवं सभी अतिथियों ने गौर मूर्ति पर माल्यार्पण किया. एनसीसी विद्यार्थियों द्वारा गार्ड ऑफ़ आनर दिया गया. सभी अतिथियों ने गौर समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की.
*संविधान की उद्देशिका का हुआ वाचन*
संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की उद्देशिका का वाचन करते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने संविधान के प्रति आस्थावान रहने की शपथ दिलाई.  
*कुलपति ने कुलाधिपति को सौंपा गौर धरोहर का मंगल कलश* 
कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता द्वारा कुलाधिपति श्री बेरवाल को गौर धरोहर का मंगल कलश अभ्यर्पण किया गया. 
पूर्व छात्र, पूर्व शिक्षक एवं पूर्व कुलपति को गौर-गौरव, गौर रत्न, गौर मणि देकर किया सम्मानित
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने विशिष्ट अतिथि प्रो. संतोष कुमार को गौर-गौरव सम्मान, श्री पी.एस. परिहार को गौर रत्न एवं प्रो. संजय श्रीवास्तव को गौर मणि सम्मान से सम्मानित किया गया. 


डॉ. गौर स्वास्थ्य परामर्श केंद्र का उद्घाटन, प्रत्येक बुधवार को शहर के निवासी ले सकेंगे स्वास्थ्य परामर्श
गौर जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय की तरफ से शहर वासियों के लिए डॉक्टर गौर स्वास्थ्य परामर्श केंद्र का उद्घाटन कटरा बाजार स्थित गौर अध्ययन केंद्र पर माननीय कुलपति महोदय द्वारा किया गया. इस केंद्र के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी परामर्श परीक्षण स्वास्थ्य काउंसलिंग स्वास्थ्य जागरूकता संबंधी कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे जिसका लाभ सभी शहरवासी प्रत्येक बुधवार प्राप्त कर सकते हैं. विश्वविद्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिषेक जैन ने बताया इस केंद्र मे विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र की विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श देंगे. उद्घाटन के बाद डॉक्टर गौर स्वास्थ्य परामर्श केंद्र में कुलपति महोदय ने स्वयं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया. साथ ही लगभग 50 मरीजों की जांच डॉ अभिषेक जैन एवं डॉक्टर भूपेंद्र पटेल द्वारा की गई साथ ही निशुल्क परामर्श के साथ-साथ सिरम यूरिक एसिड एवं ब्लड ग्लूकोस की भी जांच की गई. माननीय कुलपति द्वारा इस केंद्र को और अधिक विकसित करने हेतु निर्देश दिए गए हैं. इस अवसर पर प्रभारी कुल सचिव सपा उपाध्याय, गौर जयंती के मुख्य समन्वयक डॉक्टर पीके कठल, अध्ययन केंद्र प्रभारी प्रदीप तिवारी, प्रो. जेके जैन श्री, सतीश कुमार, मुकेश साहू, डॉ. भूपेंद्र पटेल, भगत सिंह जयप्रकाश आदि के साथ-साथ सभी शहरवासी और विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षक अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे.
*विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में परामर्शन सेवा केंद्र का शुभारंभ*
विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में विश्वविद्यालयीन मनौवैज्ञानिक परामर्श केंद्र का उदघाटन कुलाधिपति श्री कन्हैया लाल बेरवाल एवं कुलपति प्रो.नीलम गुप्ता जी के कर कमलों के द्वारा किया गया। इस अवसर पर कुलाधिपति श्री कन्हैया लाल जी ने कहा कि मनोवैज्ञानिक परामर्श हमेशा से मानवीय मूल्यों  को सवांरता रहा है, और आज का विषय जहाँ एक और तनाव को प्रबंधित करने पर बल देगा, साथ ही मनोविज्ञान विपरीत परिस्थितियों में कैसे प्राथमिक उपचार के रूप में कार्य केंद्रित करते हैं। अध्यक्षीय उद्बोधन  देते हुए  कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने कहा कि हम जो कुछ भी अनुभव करते है , वह सब कुछ मनोविज्ञान के दायरे में है ,हम अपने मन और मस्तिष्क और सम्पूर्ण व्यक्तित्व को समझ पाते है तो समस्याएं स्वतः समयोजित की जा सकती है। तनाव जीवन की मांगों के लिए एक मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रतिक्रिया है, हालांकि निरंतर चुनौतियों के कारण अत्यधिक तनाव आपको इससे निपटने की क्षमता को क्षीण कर सकता है। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर मनौवैज्ञानिक परामर्श केंद्र की स्थापना होने से,उन्हे अपनी समस्याओं और चुनौतियों से निकलने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर प्रभारी कुलसचिव सत्य प्रकाश उपाध्याय,प्रो उमेश पाटिल, प्रो.जे.के.जैन, कुलानुशासक प्रो.चंदा बैन,डॉ. किरण माहेश्वरी, डॉ. शारदा विश्वकर्मा, डॉ. देवकी नंदन शर्मा, शोधार्थी सुश्री अर्चना चौधरी, श्री अनुराग शुक्ला, श्री अमित कुमार एवं स्नातक और स्नातकोत्तर के कई विद्यार्थी उपस्थित थे.
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व्यवसाय को जब आत्मविश्वास और प्रसन्नता के साथ किया जाता है तो अधिक सफलता मिलती है : कपिल मलैया▪️विचार समिति एवं क्वेस्ट एलाइंस द्वारा महिलाओं को पांच दिवसीय स्वरोजगार प्रशिक्षण का समापन संपन्न

व्यवसाय को जब आत्मविश्वास और प्रसन्नता के साथ किया जाता है तो अधिक सफलता मिलती है : कपिल मलैया

▪️विचार समिति एवं क्वेस्ट एलाइंस द्वारा महिलाओं को पांच दिवसीय स्वरोजगार प्रशिक्षण का समापन संपन्न

तीनबत्ती न्यूज : 25 नवंबर,2023
सागर
। विचार समिति एवं सहयोगी संस्थान क्वेस्ट एलाइंस के संयुक्त तत्वावधान में महिलाओं को पांच दिवसीय स्वरोजगार प्रशिक्षण विचार कार्यालय में दिया गया जिसका आज समापन हुआ। इस अवसर पर प्रशिक्षण ले रही महिलाओं का सर्टिफिकेट और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। इन महिलाओं ने मारूति शोरूम के सामने व्यवहारिक बाजार व्यवस्था समझने के लिए फुल्की, ऊनी कपड़े, इडली, ढोकला, भेलपुरी और चाय के स्टाल लगाकर ग्राहकों के सुझाव समझे।
 स्वरोजगार प्रशिक्षण की अधिक जानकारी देते हुए विचार समिति अध्यक्ष कपिल मलैया ने महिलाओं का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि व्यवसाय खेल के जैसा है। कभी हमारे पक्ष में तो कभी नहीं, इसलिए व्यवसाय बहुत डर के नहीं करना है। व्यवसाय को जब आत्मविश्वास और प्रसन्नता के साथ किया जाता है तो अधिक सफलता मिलती है। सलाह सबकी ले, उसमें हमें अपने काम की चीज ढूंढ़नी है। व्यापार में उतार- चढ़ाव आते है उनसे घबराने की जरूरत नहीं है। व्यवसाय में चुनौती हमेशा अवसर लेकर आती है। अगर ध्यान रखें तो रास्ता निकलता है, ध्यान न रखा जाय तो तनाव होता है। आज हमारे सामने सैकड़ों उदाहरण हैं जिन्होंने छोटे रूप में स्वरोजगार की शुरुआत की और आज वे सफल है।

जब हमने गोबर का दिया बनाया तो सभी ने कहा यह संभव नहीं है पर परिणाम आज हमारे सामने है। इस दुनियां की सभी समस्याओ का अंत छोटे-छोटे उद्योगों से ही होगा।  प्रशिक्षण में यह बता दिया जायेगा व्यवसाय कैसे करना है, क्या करना है, लेकिन व्यवसाय आपको ही खोजना है। व्यवसाय में गुणवत्ता रहेगी तो हमेशा चलेगा।
समिति कार्यकारी अध्यक्ष सुनीता अरिहंत ने बताया कि आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है रोजगार की। बड़ी आबादी के साथ में हम केवल नौकरी पर निर्भर नहीं रह सकते। हम लगातार महिलाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं उनको स्वरोजगार के क्षेत्र में व्यवसाय चुनना और आगे बढ़ाने के लिए मदद कर रहे हैं। प्रशिक्षण के साथ-साथ उन्हें व्यावहारिक बाजार से जोड़ना भी मुख्य भूमिका में है। हमारा उद्देश्य है कि सभी महिलाएं आत्मविश्वास के साथ सम्मान पूर्वक जीवनयापन  कर सके।  कठिन से कठिन परिस्थिति में खुद को समायोजित कर सकें।


क्वेस्ट एलाइंस के परियोजना सहयोगी पल्लवी ने जानकारी देते हुए कहा कि क्वेस्ट एलाइंस कौशल विकास के ऊपर कार्य करती है। हमारा उद्देश्य महिलाओं को इस काबिल बनना है कि वह आज के समय के अनुरूप काम कर पाए, आर्थिक रूप से सक्षम हो सके। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर पाएं। इन पांच दिनों के प्रशिक्षण में महिलाएं अपने बारे में जान पायें। अपनी रूचि के अनुरूप व्यवसाय कर सकें ।  उसके साथ व्यवसाय में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की जाती है कि हमें सामान कहां से जुटाना है।  मार्केट में कैसे जगह बनानी है।  आय एवं व्यय का लेखा जोखा कैसे तैयार करना है।  हम विचार समिति के माध्यम से इन महिलाओं की मदद कर रहे हैं।


क्वेस्ट एलाइंस परियोजना सहयोगी प्रांजल कहते हैं कि आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है। यही आत्मविश्वास जीवन में सही निर्णय लेने में काम आता है। प्रशिक्षण में हम उन गुणों पर काम करने वाले हैं जो महिलाओं को आने वाले भविष्य में सक्षम बनने में मदद करेंगे। इस कार्यक्रम मैं विचार समिति सदस्य पूजा प्रजापति का  सहयोग रहा ।
इस अवसर पर संध्या लांबा, यास्मीन बानो, सुषमा पटेल, अंजली पटैल, सुनीता चौरसिया, डाली पटेल, राधा पटेल, रिंकी पटैल, ममता रैकवार, राजकुमारी रैकवार, रजनी मिथलेश विश्वकर्मा, संगीता प्रजापति, अंजना पटैल, ज्योति कुशवाहा, सरोज पटैल, निशा सोनकर, नीतू कुशवाहा, रीना पटैल, नीलम पटैल, इंद्रा पटैल, खुशी अहिरवार, उमा पटैल, आकांक्षा नामदेव, कविता पटैल, प्रीति चौरसिया, भाग्यश्री राय, ज्योति रैकवार आदि महिलाओं ने स्वरोजगार का प्रशिक्षण लिया।

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बी.टी.आई.आर.टी. का राज्य एवं नोडल स्तरीय खेल स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन

बी.टी.आई.आर.टी. का राज्य एवं नोडल स्तरीय खेल स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन

तीनबत्ती न्यूज: 25 नवंबर,2023
सागर : आर.जी.पी.व्ही. भोपाल द्वारा वर्तमान में विभिन्न खेलों की राज्य एवं नोडल स्तरीय स्पर्धाऐं आयोजित की जा रही है। इन स्पार्धाओ में बी.टी. आई.आर.टी. के विद्यार्थी शानदार प्रदर्शन कर अपना व संस्था का नाम रोशन कर रहे है। हाल ही में एस.आई.आर.टी भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय वेट लिफ्टिग स्पर्धा में संस्था के खिलाड़ियो ने एक स्वर्ण, एक रजत व दो कास्य पदक हासिल किये। 

शिवम विश्वकर्मा ने स्वर्ण, रामअवतार साहू ने एक रजत व सुखदेव तिवारी एवं रितिक रजक ने कॉस्य पदक हासिल कर अपना व संस्था का गौरव बढ़ाया। शुभम विश्वकर्मा का चयन राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के लिए हुआ।

सागर नोडल की नोडल स्तरीय क्रिकेट एवं बास्केटबाल स्पर्धाओं में बी.टी. आई.आर.टी. की टीम चैंपियन बनी दोनो स्पर्धाओं के फायनल में बी.टी.आई. आर.टी. में आई.जी.ई.सी. को पराजित किया। संस्था के खिलाड़ियो के शानदार प्रदर्शन के लिये संस्था की ओर से आर.जी.पी.व्ही. के सागर नोडल अधिकारी श्री समर्थ जैन एवं संस्था के खेल अधिकारी श्री शैलेन्द्र कुर्मी का विशेष योगदान रहा है। 
इन उपलब्ध्यिों पर संस्था के रजिस्ट्रार तरूण कुमार सिंह, डिप्लोमा विंग के प्राचार्य डॉ. सुजीत सिंह, प्राचार्य डॉ. वीरेश फुसकेले एवं सचिव इंजी. सत्येन्द्र जैन ने हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँदी।


"एक भारत श्रेष्ठ भारत" अभियान के अंतर्गत एक्सचेंज प्रोग्राम हेतु बी.टी.आई.आर.टी. के छात्र त्रिवेन्द्र सेन का चयन

 आजादी के अमृत महोत्सव के तत्वाधान में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा "एक भारत श्रेष्ठ भारत" अभियान के अंतर्गत म.प्र. एवं पश्चिम बंगाल के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम "युवा संगम फेज तीन" में संस्था के विद्यार्थी त्रिवेन्द्र सेन (ई.सी.ई., पांचवा सेमेस्टर) का चयन हुआ है। वे आई.आई.आई.टी. डी.एम. जबलपुर से मध्यप्रदेश के दल में सम्मिलत होकर आई.आई.टी. खड़गपुर पश्चिम बंगाल प्रस्थान करेगा। इस कार्य हेतु म.प्र. से 2331 विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया था, जिसमें से मात्र 47 विद्यार्थी विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों से चयनित है


 इनमें संस्था के त्रिवेन्द्र सेन का नाम भी शुमार है। युवा संगम अनेकता एवं एकता को प्रदर्शित करता है। इस योजना के अंतर्गत, पर्यटन, परंपरा, प्रगति, परस्पर संपर्क एवं संस्कृति, भाषा, रीति-रिवाजों इत्यादि का बखूबी आदान-प्रदान होता है पूर्व में आयोजित युवा संगम में भी संस्था के विद्यार्थी सम्मिलत होते रहे है। त्रिवेन्द्र की इस उपलब्धि पर उसका परिवार एवं संस्था हर्षित एवं गौरवान्वित है। इस उपलब्धि पर संस्था के रजिस्ट्रार तरूण कुमार सिंह, प्राचार्य डॉ. वीरेश फुसकेले एवं सचिव इंजी. सत्येन्द्र जैन ने हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाऐं दी।
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