डा.गौर को भारतरत्न दिलाने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ सेवादल का मासिक ध्वज वंदन

डा.गौर को भारतरत्न दिलाने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ सेवादल का मासिक ध्वज वंदन 
तीनबत्ती न्यूज : 26 नवंबर,2023
सागर
: सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डा.सर हरिसिंह गौर जी की जयंती पर कांग्रेस सेवादल परिवार ने गौरमूर्ति, तीनबत्ती पर नवंबर माह के अंतिम रविवार का मासिक ध्वज वंदन कार्यक्रम आयोजित किया।कार्यक्रम में ध्वजारोहण पूर्व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष डा.राकेश शर्मा के करकमलों से संपन्न हुआ।


इस अवसर पर डा.राकेश शर्मा ने कहा कि नवंबर माह का अपना ही अलग महत्व है 14 नबंवर को देश के पहले प्रधानमंत्री,19 नबंवर को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और 26 नबंवर को संविधान सभा के सदस्य और हम सबकी आन बान शान डा.हरिसिंह गौर का जन्मदिन पड़ता है। डा.राकेश शर्मा ने सेवादल के मासिक ध्वज वंदन कार्यक्रम की तारीफ कर प्रोत्साहन भी किया।
सेवादल के शहर अध्यक्ष सिन्टू कटारे और ग्रामीण अध्यक्ष महेश जाटव ने डा.गौर को भारत रत्न दिलाने के लिये लगातार संघर्ष करने का प्रण लिया और साथ-साथ सभी को डा.राकेश शर्मा ने संघर्ष करने का प्रण दिलाया‌।
कार्यक्रम का आयोजन शहर सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे और संचालन द्वारका चौधरी ने किया।
 कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम में मुख्य रूप से वरिष्ठ कांग्रेसी भोलेश्वर प्रसाद तिवारी, पुरूषोत्तम मुन्ना चौबे,चक्रेश सिंघई,राकेश राय,राहुल चौबे आशीष ज्योतिषी,प्रदीप गुप्ता,मीना पटेल,जमना प्रसाद सोनी,योगराज कोरी,समीर खान,राजेश उपाध्याय,नितिन पचौरी,कल्लू पटेल,आनंद हेला,अंकुर यादव,भूरे खटीक,पवन पटेल,महेश अहिरवार,राहुल रजक,देवेन्द्र वाल्मीकि,अजय राजपूत,अरविंद सिंह लोधी,गोविंद सिंह लोधी,अर्चना कन्नोजिया,मनीष जाटव,आकाश जाटव,अनिल जाटव,अर्पित अहिरवार,विक्की जाटव,शुभम्,सोनू वाल्मीकि,रोहित जाटव,दिलीप जाटव,आशीष सेन,मो.अंसारी आदि उपस्थित रहे।

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विश्वविद्यालय की कीर्तियात्रा में सहभागी बन डॉ. गौर के प्रति कृतज्ञता के पुष्प अर्पित करें- कुलपति ▪️तीनबत्ती पर गौर प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम

विश्वविद्यालय की कीर्तियात्रा में सहभागी बन डॉ. गौर के प्रति कृतज्ञता के पुष्प अर्पित करें- कुलपति                            
▪️तीनबत्ती पर गौर प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम

तीनबत्ती न्यूज : 26 नवंबर,2023
सागर. महान दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ हरीसिंह गौर की 154वीं जयन्ती के अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने सागर शहर के तीनबत्ती पहुँचकर डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सभा को संबोधित किया. उन्होंने जागतिक पुरुषार्थ के कीर्ति स्तम्भ और बुन्देली संकल्प के अद्वितीय नायक डॉ. सर हरीसिंह गौर की जयंती पर सभी नगरवासियों का अभिनन्दन करते हुए हार्दिक शुभकामनाएं दीं. इस अवसर पर प्रतिष्ठित नागरिकों,जनप्रतिनिधियों , विश्वविद्यालय परिवार ने माल्यार्पण किया।
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देखे : दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ हरीसिंह गौर की जयन्ती मनाई



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उन्होंने कहा कि आज का दिन बुन्देलखण्ड ही नहीं समूचे भारतवर्ष के लिए ज्ञान के संधान का दिन है। आज के ही दिन इस धरा-धाम पर डॉ. गौर के रूप में ज्ञान-दान का अप्रतिम सूर्योदय हुआ था। जो आगे चलकर पूरे बुन्देलखण्ड की उज्ज्वल पहचान बन गया। 
उन्होंने डॉ. गौर के जीवन-कर्म को रेखांकित करते हुए कहा कि डॉ. गौर का जीवन और कर्म हम सबके लिए एक सबक है। वे पढ़ना चाहते थे. एक महान संकल्प में बदलते हुए अपने सागर में विश्वविद्यालय के रूप में ज्ञान का एक महान स्थापत्य खड़ा कर दिया है। कहा जाता है कि उस समय सागर में स्याही तक नहीं मिलती थी। यहाँ के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता था। शैक्षिक दृष्टि से सागर अत्यंत पिछड़ा हुआ था। पर अपनी मातृभूमि के प्रति लगाव और प्रेरणा के चलते डॉ. गौर ने अपनी समूची पूँजी का दान कर 1946 में विश्वविद्यालय की स्थापना कर अपने तरह का एक अभिनव कीर्तिमान रच दिया। 

 विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में मेरा प्रयास है कि मैं डॉ. हरीसिंह गौर के सपनों के अनुकूल इस अकादमिक संस्थान को प्रगति-पथ पर गतिमान कर सकूँ। आज हमारा विश्वविद्यालय योग्यतम शिक्षकों, प्रखरतम अधिकारियों, कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों और चेतनावान विद्यार्थियों के श्रेष्ठतम संयोजन के साथ विश्व-पटल पर अपनी पहचान बना रहा है। विश्वविद्यालय के इस आरोहण में हमारे संस्थापक डॉ. गौर का आशीर्वाद रौशनी की तरह हमेशा विद्यमान रहा है। उन्होंने समस्त नागरिकों से विश्वविद्यालय की कीर्तियात्रा में सहभागी बनने की अपील करते हुए कहा कि हम सभी अपने निजी हितों को सहयोग में और अपनी भावना को कर्म में रूपान्तरित कर अपने गौर साहब के प्रति अपनी कृतज्ञता के पुष्प अर्पित करें। 

तीनबत्ती पर किया माल्यार्पण
 गौर मूर्ति तीनबत्ती पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता, प्रो चंदा बेन, सुरेश आचार्य, दिवाकर सिंह राजपूत,  सांसद राजबहादुर सिंह, डा  पुनताबकर ,महापौर संगीता सुशील तिवारी, विधायक शैलेंद्र जैन, महापोर प्रतिनिधि सुशील तिवारी, पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, पूर्व विधायक सुधा जैन,  निधि जैन, सुनील जैन, राजकुमार पचौरी, शुकदेव प्रसाद तिवारी, डा अशोक अहिरवार, राकेश शर्मा, कमलेश बघेल, पत्रकार  सुदेश तिवारी, विनोद आर्य, पंकज सिंघई,आनंद अहिरवार ,मुकेश जैन ढाना,संदीप तिवारी, लक्ष्मण सिंह,नेवी जैन, नवीन भट्ट,, दिनेश सिंघई, कपिल पचौरी, बब्बू यादव,पंकज सोनी,अमर जैन,आशीष ज्योतिषी, अन्नी दुबे, आर के त्रिवेदी,सिंटू कटारे, नीरज सोनी, दीपक दुबे, अरविंद जैन,  सहित वरिष्ठ नागरिकों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए
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तीनबत्ती से निकली डॉ. गौर की भव्य शोभायात्रा

परम्परानुसार शहर के तीनबत्ती से बैंड बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकली जो प्रमुख मार्गों से होती हुई विश्वविद्यालय पहुँची. इस दौरान शहर के नागरिक, जनप्रतिनिधि, विद्यार्थी और आमजन इस शोभायात्रा का हिस्सा बने. शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत हुआ. 

गौर प्रांगण में हुआ मुख्य समारोह

महान दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ. हरीसिंह गौर की 154वीं जयन्ती के अवसर पर विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा डॉ. गौर के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण के साथ मुख्या समारोह प्रारम्भ हुआ. संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं गौर गीत की प्रस्तुति दी. विशिष्ट अतिथियों के रूप में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. संतोष कुमार, पूर्व छात्र एवं  पूर्व निदेशक ए.एम.डी. हैदराबाद पी एस परिहार, पूर्व शिक्षक एवं मोतिहारी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव मंचासीन थे. सारस्वत उद्‌बोधन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं पूर्व आईपीएस कन्हैया लाल बेरवाल ने की. गौर उत्सव के समन्वयक प्रो. प्रदीप कुमार कठल ने गौर उत्सव-2023 का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.

डॉ गौर ने अविकसित क्षेत्र को शिक्षा का उपहार दिया - कुलाधिपति

 
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कन्हैया लाल बेरवाल अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. गौर की जीवन यात्रा पर चर्चा करते हुए कहा कि डॉ. गौर शिक्षाविद के साथ-साथ एक महान समाज सुधारक भी थे। छुआछूत जैसी अमानवीय परंपराओं का विरोध किया. बुंदेलखंड जैसे अविकसित क्षेत्र को शिक्षा का उपहार दिया। आज देश के कोने-कोने से विद्यार्थी यहां शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। हम शिक्षकों का दायित्व है कि हम विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करें। जिस प्रकार डॉ. गौर ने निजी संपत्ति से विश्वविद्यालय की स्थापना की उसी प्रकार यहां से शिक्षा प्राप्त छात्रों को उनका अनुसरण करना चाहिए। जीवन में आप जो भी सीखें उसे समाज के उत्थान के लिए प्रयोग करें। एक संस्कारवान विद्यार्थी के निर्माण के लिए उसे उत्कृष्ट शिक्षा दिया जाना अनिवार्य है। डॉ. गौर ने पढने के लिए सागर छोड़ा था. समाज के उत्थान और शिक्षा के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. भारतीय संविधान के निर्माण में उनका अप्रतिम योगदान है. उन्होंने बहुत से ऐसे कानूनों के निर्माण में सहयोग दिया जिनसे समाज के वंचित वर्गों का कल्याण हुआ.  

डॉ. गौर का जीवन और कर्म हम सभी के लिए प्रेरणा का अक्षय स्रोत है- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता
सारस्वत उद्बोधन देते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने शैक्षिक एवं सामाजिक क्रांति के अनन्य नायक एवं विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. सर हरीसिंह गौर जी की 154वीं जयंती पर शुभकामनाएँ दीं. उन्होंने कहा कि आज का दिन हमारे विश्वविद्यालय के लिए ही नहीं बल्कि पूरे बुन्देलखण्ड और समूचे देश के लिए चेतना का महोत्सव है। आज का यह दिन अज्ञान पर ज्ञान का, नकारात्मकता पर सकारात्मकता का और समस्याओं पर मनुष्य के पुरूषार्थ के विजय का प्रतीक है।
डॉ. गौर ने अपने अटल इरादों से उन्होंने अपनी अति सामान्य सी लगने वाली जिन्दगी को एक असाधारण अफसाने में बदल दिया। सबसे ऊपर मनुष्य का सत्य है, उससे ऊपर कुछ भी नहीं। गौर साहब ने अपने कर्म से यह सिद्ध कर दिया था। गौर साहब ने जीवन की मुश्किलों सामने कभी घुटने नहीं टेके। पढ़ाई के लिए अथक संघर्ष करते रहे। अपनी जय-यात्रा में उन्होंने अपने समय की सर्वाधिक प्रतिष्ठित डिग्री और उपाधियाँ प्राप्त कीं। सागर, जबलपुर, नागपुर से होते हुए वे कैम्ब्रीज विश्वविद्यालय को भी उन्होंने अपनी प्रतिभा से चकित किया। गौर साहब उन सबके लिए रोशन स्तम्भ की तरह हैं जिनकी आँखों में कोई ख्वाब पलता है, जिनके मन में मनुष्यता के अभिनव सौन्दर्य का स्वप्न पलता है। डॉ.गौर ने शिक्षा, दर्शन, साहित्य, विधि, राजनीति आदि क्षेत्रों में अपनी नवोन्मेषी चेतना के चलते अनेक विषिष्ट उपलब्धियों को प्राप्त किया और वैश्विक स्तर पर अपने समय के चर्चित महानुभावों की प्रशंसा और सम्मान प्राप्त किया। 
डॉ. गौर का सम्पूर्ण जीवन साधारण के असाधारण बनने की जय-गाथा है। बचपन में पढ़ाई-लिखाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें सागर छोड़ना पड़ा था। अपनी मातृभूमि और परिवार से बिछड़ने की पीड़ा लिये वे देश-विदेश फिरते रहे। अपने उन्हीं बेचैन दिनों में उन्होंने संकल्प लिया था कि सागर में एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय खोलेंगे। और फिर यश, समृद्धि और प्रतिष्ठा के शिखर पर विराजमान उस महामानव ने 18 जुलाई, 1946 को अपनी सम्पूर्ण निजी सम्पत्ति का दान कर सागर विश्वविद्यालय की स्थापना कर दिया।  
मैं अपने विद्यार्थियों से कहना चाहती हूँ कि वे गौर साहब के जीवन को देखें और सीखें कि एक अकेले व्यक्ति के दुःख से उपजा संकल्प कैसे मनुष्यता के महान स्वप्न में बदल जाता है। आप डॉ. हरीसिंह गौर जैसे आधुनिक युग के ज्ञान-ऋषि की तपस्या से सृजित संस्थान में अध्ययन कर रहे हैं। इसलिए आपकी जिम्मेदारी बड़ी है। आपका आचरण, आपकी सजगता, अनुषासन, अध्ययन, शोध और चिन्तन के क्षेत्र में आपकी उपलब्धियाँ हमारे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा का वाहक बनेंगे और डॉ. गौर के संकल्पों के प्रति कृतज्ञता होंगे। 
उन्होंने कहा कि आज हमारा विश्वविद्यालय अपने श्रेष्ठ शिक्षकों, योग्य अधिकारियों, कर्मठ कर्मचारियों तथा संस्कारी विद्यार्थियों के प्रेरक समन्वय साथ निरन्तर प्रगति की ओर उन्मुख है। हमें इस बात का गर्व है कि हम डॉ. गौर जैसे मसीहा के सपनों के सिपाही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विश्वद्यिालय अपने विद्यार्थियों को रचनात्मक, नवोन्मेषी और गतिशील शैक्षणिक परिवेश देने के लिए अत्यंत सुव्यवस्थित ढंग से परम्परा और आधुनिकता के तार्किक समन्वय के साथ निरन्तर सक्रिय है। हम शैक्षिक नवाचार, प्रशासनिक दक्षता एवं अकादमिक दृढ़ता के साथ ज्ञान-विज्ञान की वैष्विक दुनिया और भविष्य की चुनौतियों के समक्ष स्वयं को एक सक्षम विकल्प के रूप में तैयार करने हेतु संकल्पित हैं। 
उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय में आज 25 राज्यों के विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं. हमारे शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन माननीय प्रधानमंत्री ने अभी हाल ही में किया. उन्होंने शिक्षकों को मिले सम्मान, पेटेंट और अनेकानेक उपलब्धियों को साझा किया. उन्होंने कहा कि इसी वर्ष नैक मूल्याकंन में हमारे विश्वविद्यालय ने ए + ग्रेड प्राप्त कर अपनी अकादमिक श्रेष्ठता की एक नई इबारत लिखा है। हमारा विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के चतुर्दिक विकास हेतु अपनी अकादमिक प्रतिबद्धता और अपने सामाजिक सरोकारों को नये सिरे से मूल्यांकित , सृजित और विस्तृत कर रहा है। 

अतिथियों ने किया पुस्तकों का विमोचन एवं पुरस्कार वितरण, मेधावी छात्रों को किया पुरस्कृत 
मंचासीन अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया. विभिन्न कक्षाओं के मेधावी छात्र-छात्राओं को भी मंचासीन अतिथियों ने पुरस्कृत किया. गौर उत्सव सप्ताह के विभिन्न आयोजनों के विजेताओं को मंचासीन अतिथियों द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया. समारोह के अंत में ललित कला एवं प्रदर्शनकारी कला विभाग के छात्र/छात्राओं द्वारा बधाई नृत्य की प्रस्तुति दी गई. संचालन डॉ. ललित मोहन ने किया. धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव डॉ. सत्यप्रकाश उपाध्याय ने किया.
अतिथियों ने किया गौर मूर्ति पर माल्यार्पण, गौर समाधि पर हुआ पुष्पांजलि कार्यक्रम
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कन्हैया लाल बेरवाल, कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता एवं सभी अतिथियों ने गौर मूर्ति पर माल्यार्पण किया. एनसीसी विद्यार्थियों द्वारा गार्ड ऑफ़ आनर दिया गया. सभी अतिथियों ने गौर समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की.
*संविधान की उद्देशिका का हुआ वाचन*
संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की उद्देशिका का वाचन करते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने संविधान के प्रति आस्थावान रहने की शपथ दिलाई.  
*कुलपति ने कुलाधिपति को सौंपा गौर धरोहर का मंगल कलश* 
कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता द्वारा कुलाधिपति श्री बेरवाल को गौर धरोहर का मंगल कलश अभ्यर्पण किया गया. 
पूर्व छात्र, पूर्व शिक्षक एवं पूर्व कुलपति को गौर-गौरव, गौर रत्न, गौर मणि देकर किया सम्मानित
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने विशिष्ट अतिथि प्रो. संतोष कुमार को गौर-गौरव सम्मान, श्री पी.एस. परिहार को गौर रत्न एवं प्रो. संजय श्रीवास्तव को गौर मणि सम्मान से सम्मानित किया गया. 


डॉ. गौर स्वास्थ्य परामर्श केंद्र का उद्घाटन, प्रत्येक बुधवार को शहर के निवासी ले सकेंगे स्वास्थ्य परामर्श
गौर जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय की तरफ से शहर वासियों के लिए डॉक्टर गौर स्वास्थ्य परामर्श केंद्र का उद्घाटन कटरा बाजार स्थित गौर अध्ययन केंद्र पर माननीय कुलपति महोदय द्वारा किया गया. इस केंद्र के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी परामर्श परीक्षण स्वास्थ्य काउंसलिंग स्वास्थ्य जागरूकता संबंधी कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे जिसका लाभ सभी शहरवासी प्रत्येक बुधवार प्राप्त कर सकते हैं. विश्वविद्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिषेक जैन ने बताया इस केंद्र मे विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र की विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श देंगे. उद्घाटन के बाद डॉक्टर गौर स्वास्थ्य परामर्श केंद्र में कुलपति महोदय ने स्वयं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया. साथ ही लगभग 50 मरीजों की जांच डॉ अभिषेक जैन एवं डॉक्टर भूपेंद्र पटेल द्वारा की गई साथ ही निशुल्क परामर्श के साथ-साथ सिरम यूरिक एसिड एवं ब्लड ग्लूकोस की भी जांच की गई. माननीय कुलपति द्वारा इस केंद्र को और अधिक विकसित करने हेतु निर्देश दिए गए हैं. इस अवसर पर प्रभारी कुल सचिव सपा उपाध्याय, गौर जयंती के मुख्य समन्वयक डॉक्टर पीके कठल, अध्ययन केंद्र प्रभारी प्रदीप तिवारी, प्रो. जेके जैन श्री, सतीश कुमार, मुकेश साहू, डॉ. भूपेंद्र पटेल, भगत सिंह जयप्रकाश आदि के साथ-साथ सभी शहरवासी और विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षक अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे.
*विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में परामर्शन सेवा केंद्र का शुभारंभ*
विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में विश्वविद्यालयीन मनौवैज्ञानिक परामर्श केंद्र का उदघाटन कुलाधिपति श्री कन्हैया लाल बेरवाल एवं कुलपति प्रो.नीलम गुप्ता जी के कर कमलों के द्वारा किया गया। इस अवसर पर कुलाधिपति श्री कन्हैया लाल जी ने कहा कि मनोवैज्ञानिक परामर्श हमेशा से मानवीय मूल्यों  को सवांरता रहा है, और आज का विषय जहाँ एक और तनाव को प्रबंधित करने पर बल देगा, साथ ही मनोविज्ञान विपरीत परिस्थितियों में कैसे प्राथमिक उपचार के रूप में कार्य केंद्रित करते हैं। अध्यक्षीय उद्बोधन  देते हुए  कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने कहा कि हम जो कुछ भी अनुभव करते है , वह सब कुछ मनोविज्ञान के दायरे में है ,हम अपने मन और मस्तिष्क और सम्पूर्ण व्यक्तित्व को समझ पाते है तो समस्याएं स्वतः समयोजित की जा सकती है। तनाव जीवन की मांगों के लिए एक मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रतिक्रिया है, हालांकि निरंतर चुनौतियों के कारण अत्यधिक तनाव आपको इससे निपटने की क्षमता को क्षीण कर सकता है। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर मनौवैज्ञानिक परामर्श केंद्र की स्थापना होने से,उन्हे अपनी समस्याओं और चुनौतियों से निकलने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर प्रभारी कुलसचिव सत्य प्रकाश उपाध्याय,प्रो उमेश पाटिल, प्रो.जे.के.जैन, कुलानुशासक प्रो.चंदा बैन,डॉ. किरण माहेश्वरी, डॉ. शारदा विश्वकर्मा, डॉ. देवकी नंदन शर्मा, शोधार्थी सुश्री अर्चना चौधरी, श्री अनुराग शुक्ला, श्री अमित कुमार एवं स्नातक और स्नातकोत्तर के कई विद्यार्थी उपस्थित थे.
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व्यवसाय को जब आत्मविश्वास और प्रसन्नता के साथ किया जाता है तो अधिक सफलता मिलती है : कपिल मलैया▪️विचार समिति एवं क्वेस्ट एलाइंस द्वारा महिलाओं को पांच दिवसीय स्वरोजगार प्रशिक्षण का समापन संपन्न

व्यवसाय को जब आत्मविश्वास और प्रसन्नता के साथ किया जाता है तो अधिक सफलता मिलती है : कपिल मलैया

▪️विचार समिति एवं क्वेस्ट एलाइंस द्वारा महिलाओं को पांच दिवसीय स्वरोजगार प्रशिक्षण का समापन संपन्न

तीनबत्ती न्यूज : 25 नवंबर,2023
सागर
। विचार समिति एवं सहयोगी संस्थान क्वेस्ट एलाइंस के संयुक्त तत्वावधान में महिलाओं को पांच दिवसीय स्वरोजगार प्रशिक्षण विचार कार्यालय में दिया गया जिसका आज समापन हुआ। इस अवसर पर प्रशिक्षण ले रही महिलाओं का सर्टिफिकेट और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। इन महिलाओं ने मारूति शोरूम के सामने व्यवहारिक बाजार व्यवस्था समझने के लिए फुल्की, ऊनी कपड़े, इडली, ढोकला, भेलपुरी और चाय के स्टाल लगाकर ग्राहकों के सुझाव समझे।
 स्वरोजगार प्रशिक्षण की अधिक जानकारी देते हुए विचार समिति अध्यक्ष कपिल मलैया ने महिलाओं का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि व्यवसाय खेल के जैसा है। कभी हमारे पक्ष में तो कभी नहीं, इसलिए व्यवसाय बहुत डर के नहीं करना है। व्यवसाय को जब आत्मविश्वास और प्रसन्नता के साथ किया जाता है तो अधिक सफलता मिलती है। सलाह सबकी ले, उसमें हमें अपने काम की चीज ढूंढ़नी है। व्यापार में उतार- चढ़ाव आते है उनसे घबराने की जरूरत नहीं है। व्यवसाय में चुनौती हमेशा अवसर लेकर आती है। अगर ध्यान रखें तो रास्ता निकलता है, ध्यान न रखा जाय तो तनाव होता है। आज हमारे सामने सैकड़ों उदाहरण हैं जिन्होंने छोटे रूप में स्वरोजगार की शुरुआत की और आज वे सफल है।

जब हमने गोबर का दिया बनाया तो सभी ने कहा यह संभव नहीं है पर परिणाम आज हमारे सामने है। इस दुनियां की सभी समस्याओ का अंत छोटे-छोटे उद्योगों से ही होगा।  प्रशिक्षण में यह बता दिया जायेगा व्यवसाय कैसे करना है, क्या करना है, लेकिन व्यवसाय आपको ही खोजना है। व्यवसाय में गुणवत्ता रहेगी तो हमेशा चलेगा।
समिति कार्यकारी अध्यक्ष सुनीता अरिहंत ने बताया कि आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है रोजगार की। बड़ी आबादी के साथ में हम केवल नौकरी पर निर्भर नहीं रह सकते। हम लगातार महिलाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं उनको स्वरोजगार के क्षेत्र में व्यवसाय चुनना और आगे बढ़ाने के लिए मदद कर रहे हैं। प्रशिक्षण के साथ-साथ उन्हें व्यावहारिक बाजार से जोड़ना भी मुख्य भूमिका में है। हमारा उद्देश्य है कि सभी महिलाएं आत्मविश्वास के साथ सम्मान पूर्वक जीवनयापन  कर सके।  कठिन से कठिन परिस्थिति में खुद को समायोजित कर सकें।


क्वेस्ट एलाइंस के परियोजना सहयोगी पल्लवी ने जानकारी देते हुए कहा कि क्वेस्ट एलाइंस कौशल विकास के ऊपर कार्य करती है। हमारा उद्देश्य महिलाओं को इस काबिल बनना है कि वह आज के समय के अनुरूप काम कर पाए, आर्थिक रूप से सक्षम हो सके। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर पाएं। इन पांच दिनों के प्रशिक्षण में महिलाएं अपने बारे में जान पायें। अपनी रूचि के अनुरूप व्यवसाय कर सकें ।  उसके साथ व्यवसाय में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की जाती है कि हमें सामान कहां से जुटाना है।  मार्केट में कैसे जगह बनानी है।  आय एवं व्यय का लेखा जोखा कैसे तैयार करना है।  हम विचार समिति के माध्यम से इन महिलाओं की मदद कर रहे हैं।


क्वेस्ट एलाइंस परियोजना सहयोगी प्रांजल कहते हैं कि आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है। यही आत्मविश्वास जीवन में सही निर्णय लेने में काम आता है। प्रशिक्षण में हम उन गुणों पर काम करने वाले हैं जो महिलाओं को आने वाले भविष्य में सक्षम बनने में मदद करेंगे। इस कार्यक्रम मैं विचार समिति सदस्य पूजा प्रजापति का  सहयोग रहा ।
इस अवसर पर संध्या लांबा, यास्मीन बानो, सुषमा पटेल, अंजली पटैल, सुनीता चौरसिया, डाली पटेल, राधा पटेल, रिंकी पटैल, ममता रैकवार, राजकुमारी रैकवार, रजनी मिथलेश विश्वकर्मा, संगीता प्रजापति, अंजना पटैल, ज्योति कुशवाहा, सरोज पटैल, निशा सोनकर, नीतू कुशवाहा, रीना पटैल, नीलम पटैल, इंद्रा पटैल, खुशी अहिरवार, उमा पटैल, आकांक्षा नामदेव, कविता पटैल, प्रीति चौरसिया, भाग्यश्री राय, ज्योति रैकवार आदि महिलाओं ने स्वरोजगार का प्रशिक्षण लिया।

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बी.टी.आई.आर.टी. का राज्य एवं नोडल स्तरीय खेल स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन

बी.टी.आई.आर.टी. का राज्य एवं नोडल स्तरीय खेल स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन

तीनबत्ती न्यूज: 25 नवंबर,2023
सागर : आर.जी.पी.व्ही. भोपाल द्वारा वर्तमान में विभिन्न खेलों की राज्य एवं नोडल स्तरीय स्पर्धाऐं आयोजित की जा रही है। इन स्पार्धाओ में बी.टी. आई.आर.टी. के विद्यार्थी शानदार प्रदर्शन कर अपना व संस्था का नाम रोशन कर रहे है। हाल ही में एस.आई.आर.टी भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय वेट लिफ्टिग स्पर्धा में संस्था के खिलाड़ियो ने एक स्वर्ण, एक रजत व दो कास्य पदक हासिल किये। 

शिवम विश्वकर्मा ने स्वर्ण, रामअवतार साहू ने एक रजत व सुखदेव तिवारी एवं रितिक रजक ने कॉस्य पदक हासिल कर अपना व संस्था का गौरव बढ़ाया। शुभम विश्वकर्मा का चयन राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के लिए हुआ।

सागर नोडल की नोडल स्तरीय क्रिकेट एवं बास्केटबाल स्पर्धाओं में बी.टी. आई.आर.टी. की टीम चैंपियन बनी दोनो स्पर्धाओं के फायनल में बी.टी.आई. आर.टी. में आई.जी.ई.सी. को पराजित किया। संस्था के खिलाड़ियो के शानदार प्रदर्शन के लिये संस्था की ओर से आर.जी.पी.व्ही. के सागर नोडल अधिकारी श्री समर्थ जैन एवं संस्था के खेल अधिकारी श्री शैलेन्द्र कुर्मी का विशेष योगदान रहा है। 
इन उपलब्ध्यिों पर संस्था के रजिस्ट्रार तरूण कुमार सिंह, डिप्लोमा विंग के प्राचार्य डॉ. सुजीत सिंह, प्राचार्य डॉ. वीरेश फुसकेले एवं सचिव इंजी. सत्येन्द्र जैन ने हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँदी।


"एक भारत श्रेष्ठ भारत" अभियान के अंतर्गत एक्सचेंज प्रोग्राम हेतु बी.टी.आई.आर.टी. के छात्र त्रिवेन्द्र सेन का चयन

 आजादी के अमृत महोत्सव के तत्वाधान में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा "एक भारत श्रेष्ठ भारत" अभियान के अंतर्गत म.प्र. एवं पश्चिम बंगाल के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम "युवा संगम फेज तीन" में संस्था के विद्यार्थी त्रिवेन्द्र सेन (ई.सी.ई., पांचवा सेमेस्टर) का चयन हुआ है। वे आई.आई.आई.टी. डी.एम. जबलपुर से मध्यप्रदेश के दल में सम्मिलत होकर आई.आई.टी. खड़गपुर पश्चिम बंगाल प्रस्थान करेगा। इस कार्य हेतु म.प्र. से 2331 विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया था, जिसमें से मात्र 47 विद्यार्थी विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों से चयनित है


 इनमें संस्था के त्रिवेन्द्र सेन का नाम भी शुमार है। युवा संगम अनेकता एवं एकता को प्रदर्शित करता है। इस योजना के अंतर्गत, पर्यटन, परंपरा, प्रगति, परस्पर संपर्क एवं संस्कृति, भाषा, रीति-रिवाजों इत्यादि का बखूबी आदान-प्रदान होता है पूर्व में आयोजित युवा संगम में भी संस्था के विद्यार्थी सम्मिलत होते रहे है। त्रिवेन्द्र की इस उपलब्धि पर उसका परिवार एवं संस्था हर्षित एवं गौरवान्वित है। इस उपलब्धि पर संस्था के रजिस्ट्रार तरूण कुमार सिंह, प्राचार्य डॉ. वीरेश फुसकेले एवं सचिव इंजी. सत्येन्द्र जैन ने हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाऐं दी।
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डा गौर जयंती : प्रतिभाओं की अभिव्यक्ति का मंच है गौर कौशल विकास मेला- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता▪️अनेक कार्यक्रमों का आयोजन: तीनबत्ती पर जलाए दीप

डा गौर जयंती : प्रतिभाओं की अभिव्यक्ति का मंच है गौर कौशल विकास मेला- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता

▪️अनेक कार्यक्रमों का आयोजन: तीनबत्ती पर जलाए दीप

तीनबत्ती न्यूज : 25 नवंबर,2023
सागर:  सविधान सभा के सदस्य,  दानवीर, शिक्षाविद, कानून विद डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक  डॉ. सर हरिसिंह गौर की 154 वीं 26 नवंबर को पूरे उल्लास के साथ मनाई जाएगी। डा गौर दिल्ली विश्वविद्यालय और नागपुर विवि के कुलपति भी रहे है। उनकी जयंती पर गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में गौर उत्सव पर अनेक आयोजन किए जा रहे है। इसके साथ ही अनेक शैक्षणिक सामाजिक संगठनों द्वारा आयोजन किए जा रहे है।

गौर कौशल विकास मेला आयोजित

डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में गौर उत्सव 2023 के अन्तर्गत में गौर समाधि प्रांगण में ‘गौर कौशल विकास मेला’ का उद्घाटन कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता द्वारा किया गया. इस अवसर पर नोडल अधिकारी प्रो सुशील कुमार काशव ने बताया कि कम्युनिटी कॉलेज स्वरोजगारमुखी पाठयक्रम के अंतर्गत 19 कोर्स का संचालन करता है. उन्होंने बताया कि इस बार विद्यार्थियों द्वारा 20 स्टॉल लगाये गए हैं जिनकी समस्त सामग्री विद्यार्थी स्वयं निर्मित करते हैं. विक्रय में प्राप्त राशि विद्यार्थियों को दी जाती है। इस अवसर पर कुलगुरू प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि कम्युनिटी कॉलेज स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रही है। विभिन्न कोर्स में 600 से अधिक विधार्थी अलग-अलग क्षेत्र में स्वरोजगार कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि मेले को बड़ा स्वरूप प्रदान किया जाये। आने वाले समय में कौशल विकास मेले में निजी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय सहित आसपास के सभी महाविद्यालयों को अवसर दिया जाएगा. हमारा प्रयास है कि अच्छी गुणवत्ता की सामग्री कम कीमत पर लोगों तक पहुंचाया जा सके. 

गौर उत्सव समन्वयक प्रो पी. के. कठल ने कम्युनिटी कॉलेज के विद्यार्थियों को बधाई देते हुए विद्यार्थियों के प्रयास की सराहना की. कार्यक्रम में प्रो. रत्नेश दास, डॉ. राकेश सोनी, प्रो. जे. के. जैन, डॉ. जी. के. तिवारी, डॉ सर्वेद यादव, डॉ. नीरज उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.   
स्टाल पर उमड़ी भीड़
स्टॉल में मनोविज्ञान विभाग के छात्रों ने आई क्यू टेस्ट, सहित विभिन्न उपकरण की मदद से व्यक्तित्व नेचर की जानकारी दी। इसके साथ मशरूम उत्पाद, फैशन डिजाइनिंग के तीन स्टॉल लगाये गये जिसमें सलवार, कुर्ते, ज्वैलरी सहित अन्य सामग्री मौजूद थी. हस्तनिर्मित आकर्षक घड़ियां, एलोवेरा साबुन, नीम, तुलसी एवं पपीते से बनी वस्तुओं के अलावा मुनगा पाउडर, टैबलेट्स, पोषण से भरपूर अनेक खाद्य पदार्थों की बिक्री की गई। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा स्टाल लगाए गये. इको फ्रेंडली वस्तुएं जैसे जूट निर्मित ड्रेस, कांच की बोतलों पर जूट की कलाकृति एवं जूट से बनी विभिन्न प्रकार की वस्तुएं, गोबर से निर्मित घड़ियां, माला, धूप बाती, स्टैंड ,पानी में तैरते गोबर दीए  इत्यादि आकर्षण का केंद्र रहे. 

समूचा बुंदेलखंड डॉ. गौर का सदैव ऋणी रहेगा- कलेक्टर दीपक आर्य

गौर उत्सव के तहत सम्बद्ध महाविद्यालयों द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के उदघाटन के अवसर पर  कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, जिला कलेक्टर दीपक आर्य, समन्वयक प्रो. पी के कठल, प्रभारी कुलसचिव डॉ. एस पी उपाध्याय, बीटीआईआरटी कॉलेज के प्राचार्य एवं महाविद्यालय प्रतिनिधि डॉ. राजू टंडन, सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रबंधक उपस्थित थे. इस अवसर पर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. गौर की प्रेरणा से यह विश्वविद्यालय आगे बढ़ रहा है. सम्बद्ध महाविद्यालय विश्वविद्यालय की एक इकाई की ही तरह हैं.

 महाविद्लायों द्वारा संयुक्त रूप सुन्दर एवं भव्य रूप से किया गया यह आयोजन डॉ. गौर के प्रति सच्ची भावना का प्रतीक है. हम उनके जन्मदिन पर संकल्प लें कि डॉ. गौर द्वारा किये गए पुनीत कार्यों और उनके विचारों को संजोकर रखें और उनके बताये गये मार्ग पर चलें.

कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि डॉ. गौर ने इस विश्वविद्यालय को स्थापित किया था. उनके द्वारा सृजित ज्ञान का यह अभिनव केंद्र है. समूचा बुंदेलखंड उनका सदैव ऋणी रहेगा. हम उनके पद चिन्हों और आदर्शों पर चलकर अपने जीवन और समाज को और बेहतर बनाएं. उनके प्रति सदैव कृतज्ञ रहते हुए हम समाज में बेहतरी का कार्य करें. इस अवसर पर गौर उत्सव के तहत आयोजित हुए क्रिकेट मैच के प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किये गए. कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशुतोष ने किया.

शास्त्रीय गायन, नृत्य एवं देशभक्ति गीतों ने बांधा समां, संबद्ध महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुति

गौर उत्सव के तहत सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने स्वर्ण जयन्ती सभागार में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं. बाबू लाल ताराबाई इस्टीटयूट ऑफ एक्सीलेंस के विद्यार्थियों ने गणेश वंदना, एकल नृत्य सत्यम् शिवम् सुन्दरम् , नौरता (ग्रुप मंडल), कालवेलिया, सेमी क्लासिकल डांस, एकल नृत्य-नगाड़े संग ढोल बाज, एकल गायन- आरम्भ है प्रचन्ड की प्रस्तुति दी.

 सुंदरलाल श्रीवास्तव महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने एकल डांस ऐसा देश है मेरा, ग्रुप डांस- बोल (चौधरी ग्रुप डांस), एकल नृत्य-मंगल बेला की प्रस्तुति दी. टाइम्स कॉलेज दमोह के विद्यार्थियों ने महा–रास, थीम डांस, भरत-नाट्यम की प्रस्तुति दी. पं. बृजकिशोर पटैरिया महाविद्यालय मालथौन के विद्यार्थियों ने नौरता नृत्य, घूमर नृत्य, एकल नृत्य की प्रस्तुति दी. ओमश्री महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने समूह गायन-गौर अमृत वाणी से समा बांधा. 

केन्द्रीय पुस्तकालय में लगाईं गई गौर साहित्य प्रदर्शनी

गौर उत्सव के तहत गौर पीठ और केंद्रीय पुस्तकालय के संयुक्त तत्वावधान में गौर साहित्य प्रदर्शनी लगाईं गई जिसका उद्घाटन कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डॉ गौर के साहित्य और विरासत को संवारने के लिए गौर पीठ के माध्यम से प्रयास किए जाएंगे. इस अवसर पर प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत, प्रो. पी के कटहल, प्रो. यू के पाटिल, प्रभारी कुल सचिव डॉ. एस पी उपाध्याय, डॉ. मुकेश साहू सहित कई अन्य उपस्थित थे.

ओपन डे के तहत 400 से अधिक विद्यार्थियों ने संग्रहालय और वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं का किया भ्रमण
ओपन डे के तहत दूसरे दिन ज्ञान सागर डिग्री कॉलेज, पारस विद्या विहार, वात्सल्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सीएम राइज स्कूल, नरयोवाली, पंडित रविशंकर शुक्ल,  ज्ञान  सागर डिग्री कॉलेज के 400 से अधिक छात्रों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न संग्राहलयों, अत्याधुनिक विज्ञान उपकरण केन्द्रों का भ्रमण किया. 

वैश्विक ज्ञान की संभावनाओं का मूल भारतीय ज्ञानपरंपरा में निहित है- प्रो. सर्राफ

विवि के अभिमंच सभागार में पुरा-छात्र कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें नाइपर अहमदाबाद एवं हैदराबाद के निदेशक प्रो. शैलेन्द्र सराफ “विकास एवं पुनरुत्थान के भारतीय मानक और शोध संभावनाएं” विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि आत्म मंथन का समय है. देश के शिक्षण संस्थाओं को रिसर्च इकोसिस्टम बनाना होगा. ज्ञान  और मानव संपदा होते हुए भी हम शोध में पीछे रह जाते है. हमें देशज ज्ञान ज्ञान को आगे बढ़ाते हुए समाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि पुरा छात्रों का यह आयोजन अद्भुत है लेकिन हमें अपने पूर्व छात्रों जुड़ने के लिए कनेक्टिंग मैकेनिज्म पर कार्य करना होगा इसके जरिये हम अधिक समृद्ध होंगे. संस्थान मौजूदा समय में रेंकिंग प्रणाली के शिकार हैं. जबकि हमारे देश में ज्ञान और सृजन की प्रतिष्ठित परम्परा रही है. हमें अपने प्राचीन ज्ञान परम्परा से सीखने की आवश्यकता है. 

पुरा विद्यार्थी किसी भी संस्थान की नींव होते हैं- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता

कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि हमें बचपन से ही बच्चों को विज्ञान एवं शोध के प्रति जागरूक करना चाहिए. शोध की दिशा में आरंभिक भावना रहने से विद्यार्थी उस दिशा में आगे बढ़ सकेगा. उन्होंने संस्थान के पुरातन विद्यार्थियों से आवाहन करते हुए कहा की संस्थान के उत्तरोत्तर प्रगति में आप सबका महती योगदान महत्त्वपूर्ण है. बिना पूर्व विद्यार्थियों के कोई भी संस्थान अपनी उच्चतर अकादमिक उन्नति को नहीं प्राप्त कर सकता. डॉ. गौर इस बात के लिए सदैव प्रयासरत रहे. उन्होंने गौर उत्सव के तहत चल रहे शैक्षणिक भ्रमण का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का यह प्रयास है कि विद्यार्थियों के अन्दर शोध की भावना जागृत हो. हमारा दायित्व है कि हम शोध की सम्भावना को बढायें ताकि विदेश जाने वाली प्रतिभाओ का पालन न हो. 
डॉ. गौर की स्मृति को काव्यांजलि के माध्यम से नमन

विश्वविद्यालय के अभिमंच सभागार में गौर जयंती के उपलक्ष्य में डॉ. गौर की स्मृति एवं योगदान पर आधारित विभिन्न स्वरचित कविताओं का काव्य पाठ विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों द्वारा किया गया. इस अवसर पर प्रो. नवीन कांगो, डॉ. राजेंद्र यादव, डॉ. हिमांशु कबीर, डॉ. आशुतोष इत्यादि लोगो की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

तीनबत्ती पर दीप प्रज्वलन

परम्परानुसार गौर जयंती की पूर्व संध्या पर शनिवार को गौर मूर्ति तीनबत्ती पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.नीलिमा गुप्ता द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया। इस मौके पर शहर पे प्रतिष्ठित नागरिकों, जनप्रतिनिधियों,विश्वविद्यालय के शिक्षक,अधिकारी और कर्मचारियों ने दीप जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की 

इस मौके पर प्रो चंदा बेन, प्रो सुरेश आचार्य, आर के त्रिवेदी, दिवाकर शर्मा, प्रो वर्षा शर्मा, डा अशोक अहिरवार, पूर्व विधायक सुनील जैन, कांग्रेस प्रत्याशी निधि जैन,  राकेश शर्मा, डा प्रदीप तिवारी, शुकदेव प्रसाद तिवारी, कमलेश बघेल ,दिनेश सिंघई,  पंकज सिंघई,

संदीप सबलोक,प्रकार सुदेश तिवारी, विनोद आर्य, प्रवीन पांडे,जगदेव सैनी,मुकेश जैन ढाना, रत्नेश रावत, सुरेंद्र गाड़ेवार राजिक अली, सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे, राजेंद्र सिंह सिसोदिया, रत्नेश रावत, रामगोपाल यादव, नितिन पचौरी, अक्कू भाईजान, राम शर्मा,प्रदीप दुबे,ओपी पंडा, राजेश तिवारी, अजय तिवारी, राहुल साहू, मुकेश साहू, विवेक जायसवाल, अरविंद भट्ट, शशांक शर्मा, अधिवक्ता संदीप रावत सहित अनेक लोगो ने दीप जलाए.


26 नवम्बर को आयोजित कार्यक्रम
26 नवम्बर को प्रातः 8.30 बजे गौर मूर्ति तीनबत्ती पर माननीया कुलपति जी द्वारा गौर मूर्ति पर माल्यार्पण एवं उद्बोधन कार्यक्रम होगा. उद्बोधन के पश्चात् गौर शोभा यात्रा प्रारम्भ होगी जो गौर मूर्ति तीन बत्ती से (गौर अध्ययन केन्द्र एवं गौर जन्म स्थली होकर) विश्वविद्यालय प्रांगण तक पहुंचेगी. शोभा यात्रा के विश्वविद्यालय परिसर में आगमन के पश्चात गौर मूर्ति पर माल्यार्पण एवं गौर समाधि पर पुष्पांजलि कार्यक्रम होगा. गौर उत्सव का मुख्य कार्यक्रम विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में प्रातः 11 बजे से आरम्भ होगा.

भाजपा जिलाध्यक्ष ने गौर जयंती एवं सागर गौरव दिवस की शुभकामनाएं दीं

सागर। भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष श्री गौरव सिरोठिया ने महान शिक्षाविद सागर सपूत डॉ. हरीसिंह गौर की 154वीं जन्म जयंती एवं सागर गौरव दिवस पर सभी सागरवासियों को शुभकामाएं प्रेषित की हैं। जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया ने समस्त सागर सागर वासियों से 26 नवंबर की शाम को प्रत्येक घर पर दीप प्रज्ज्वलित कर डॉ. सर हरिसिंह गौर की जन्म जयंती एवं सागर गौरव दिवस मनाने का आग्रह किया है।
सिविल लाइन में जलाई मोमबत्ती

गौर यूथ फोरम के पदाधिकारियों ने सिविल लाइन्स चौराहे पर गौर जयंती की पूर्व संध्या पर 154  मोमबती जलाकर उन्हे याद किया ! इस मौके पर
डा विवेक तिवारी, मंटू ठाकुर, मनीष बोहरे, सुरेन्द्र पाण्डे, अरविंद ठाकुर , राजशेखर, मनोज रजक, सिल्लन, बब्बू यादव (पथरिया ) , नीरज पटैरिया, सादिक खान, अरुणेथ मिश्रा आदि मोजूद रहे।

 

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एडिटर: विनोद आर्य
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अजय धगट को मिला ईमा का प्रतिष्ठित लीजेण्ड्री लीडर ऑफ ट्रांसफार्मर इण्डस्ट्री अवार्ड

अजय धगट को मिला ईमा का प्रतिष्ठित लीजेण्ड्री लीडर ऑफ ट्रांसफार्मर इण्डस्ट्री अवार्ड

तीनबत्ती न्यूज : 25 नवंबर ,2023
दिल्ली :  दिल्ली के सुब्रतो पार्क के मॉनेक शॉ हॉल में, दमोह की पारिवारिक पृष्ठभूमि से निकले, सागर विश्वविद्यालय से होकर निकले और जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग स्नातक अजय धगट को ईमा (आईईईएमए-इण्डियन इलेक्ट्रिकल्स एण्ड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफ्रेक्चर्स एसोसिएशन),दिल्ली के प्रतिष्ठित लीजेण्ड्री लीडर ऑफ ट्रांसफार्मर इण्डस्ट्री अवार्ड से नवाज़ा गया । 

दमोह से स्कूली शिक्षा पूर्ण कर, सन् 1961 में सागर विश्वविद्यालय के ओल्ड मकरोनिया कैम्पस से प्री प्रोफेशनल ( इसे इन्टर भी कहा जाता था )  में पढ़ाई के दौरान अजय धगट को भारत सरकार की एटॉमिक इनर्जी स्कॉलरशिप मिली । 125 रुपया प्रतिमाह की यह स्कॉलरशिप उनके जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से वैद्युत इंजीनियरिंग की गोल्ड मेडल में डिग्री हासिल करने तक चलती रही । श्री धगट ने जीईसी/एल्स्थॉम के एमडी पद तक सेवायें दीं । फ्रांस में इसी प्रतिष्ठित इलेक्ट्रिकल कंपनी के लिए एशिया पेसिफिक  और चाइना के रीज़नल हेड रहे ।

 एल्स्थॉम कम्पनी के  ग्लोबल ऑयल एण्ड गैस इण्डस्ट्रीज़ के मेनेजर की एकाउण्ट्स हुए । एल्स्थॉम की सेवाओं के बाद श्री धगट दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी बी.आर.पी.एल. के सीईओ और एमडी का कार्यभार सम्हाला । 1996 में श्री धगट स्वयं ईमा के अध्यक्ष चुने गए । इलेक्ट्रिकल्स एण्ड इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की लगभग 500 इण्डस्ट्रीज के लिए 1948 में स्थापित एसोसिएशन भारत सरकार को  ऊर्जा क्षेत्र के काम काज में सलाहकार की भूमिका भी निभाता है । भारत सरकार के भारी उद्योग और ऊर्जा मंत्रालय के अधीन 23-25 नवम्बर 2023 को भारत में ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य को लेकर आयोजित कार्यक्रम में श्री अजय धगट को सीमेन्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेण्ट श्री विक्रम गंडोत्रा ने उक्त प्रतिष्ठित अवार्ड सौंपा । 

वर्तमान में जबलपुर में निवासरत  श्री अजय धगट अपने सागर  में अध्ययन काल का स्मरण करते हुए,डॉ.हरीसिंह गौर को उनकी जयंती पर श्रद्धा के साथ स्मरण करते हुए , विश्वविद्यालय के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं । सागर विश्वविद्यालय के अनुशासित वातावरण के साथ यहॉं पढ़ाए जाने वाले विषयों के विरल और विश्वस्तरीय  होने का स्मरण करते हैं ।


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श्री नव कुंडीय महायज्ञ एवं श्री रामकथा का आयोजन 15 जनवरी से

श्री नव कुंडीय महायज्ञ एवं श्री रामकथा का आयोजन 15 जनवरी से

तीनबत्ती न्यूज: 24 नवंबर,2023
सागर :  श्री नव कुंडीय महायज्ञ एवं श्री रामकथा का भव्य और दिव्य आयोजन 15 जनवरी से 23 जनवरी 2024 तक होने जा रहा है यह महामहोत्सव श्री अयोध्या धाम के भव्य और दिव्य भवन में हम सब के आराध्य प्रभु श्री राम के विराजमान होने के उपलक्ष में किया जा रहा है । इस आयोजन में देश के संत महात्माओ का समागम होगा इस आयोजन से श्री राम के भगतो का सीधा जुड़ाव नजर आएगा। इस आयोजन को लेकर को २७ नवंबर दिन सोमबार को महोत्सव का ध्वजा रोहण एवं भूमि पूजन समारोह आयोजित होगा। इस पुनीत पवन कार्य में देश के विभिन्न प्रांतो से कृपा पूर्वक पधारे संत महात्माओ के साथ भजन यात्रा श्री वृंद्रावन बाग मठ से प्रांरभ होगी ।यह जानकारी महंत श्री नरहरि दास जी ने दी। 
उन्होंने बताया कि यह महोत्सव 500 वर्षों की तपस्या त्याग और बलिदान के सनातन धर्म को यह शुभ अवसर प्राप्त हुआ है। महंत श्री ने कहा की सागर और जिले के श्री राम भक्त नव कुंडीय महायज्ञ एवं श्री राम कथा में सहभागी होते हुए अपने जन्म और जीवन को सार्थक करेंगे। उन्होंने बताया की हम सब सनातन धर्मी सौभाग्यशाली है की जब हमारे प्रभु भव्य भवन में विराजमान होंगे तब हम सब उनकी आराधना कर रहे होंगे। इस महामहोत्सव की राम भक्तो को जानकारी पूर्व से है परन्तु 100 से अधिक संतो की उपस्थिति में होने जा रहे इस विशाल शोभा यात्रा का महत्व उस समय बाद जाता है जब इतनी बड़ी संख्या में संतो की उपस्थिति आयोजन को अपना आशीर्वाद प्रदान करे। 27 नवंबर दोपहर 11 बजे बड़ी संख्या में संतो की भजन यात्रा श्री वृंद्रावन बाग मठ से प्रारम्भ होकर महायज्ञ आयोजन स्थल पर अनुष्ठान के साथ ध्वज स्थापना एवं यज्ञ भूमि का पूजन सम्पन होगा आप सभी राम भक्तो को सदर आमंत्रित करते है। यह आयोजन सनातन धर्म का ऐसा महोत्सव होगा जो कई वर्षो तक भक्तो के स्मरण रहेगा।


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