शरदपूर्णिमा के चंद्रग्रहण देखने के पहले समझिये14 अक्टूबर को अमावस्या के सूर्यग्रहण को
▪️ सारिका घारू
तीनबत्ती न्यूज :13 अक्टूबर,2023
14 अक्टूबर 2023 शनिवार की शाम भारत में जब सूर्य अस्त होता दिखेगा तब वह कुछ देर बाद पश्चिमी देशों मेक्सिको, सेंट्रल अमेरिका, कोलिम्बिया ,ब्राजील आदि में वलयाकार सूर्यग्रहण के रूप में दिखेगा । ग्रहण पथ दक्षिणी कनाडा के तट से प्रशांत महासागर में शुरू होगा । पश्चिमी देशों में होने वाला यह सूर्यग्रहण एन्यूलर या वलयाकार सूर्यग्रहण होगा । ग्रहण की जानकारी देते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि भारतीय समय के अनुसार रात्रि 8 बजकर 33 मिनिट 50 सेकंड पर ग्रहण की घटना आरंभ होगी । रात 11 बजकर 29 मिनिट 32 सेकंड पर यह अधिकतम ग्रहण की स्थिति में होगा । इसके बाद रात्रि 2 बजकर 25 मिनिट 16 सेकंड पर यह समाप्त हो जायेगा । ग्रहण के समय रात्रि होने से यह घटना भारत में नहीं दिखेगी। अक्टूबर के महीने में 15 दिन के अंतर से सूर्यग्रहण तथा चंद्रग्रहण होने जा रहे हैं जिनमें से चंद्रग्रहण भारत में दिखेगा ।
सारिका ने बताया कि एक गणितीय अनुमान के अनुसार पश्चिमी देशों में होने जा रही इस खगोलीय घटना का कुछ न कुछ भाग विश्व की लगभग 13 प्रतिशत से अधिक आबादी देख सकेगी वहीं वलयाकार ग्रहण की स्थिति को केवल 0.41 प्रतिशत आबादी ही देख सकेगी ।
सारिका ने बताया कि एन्यूलर या वलयाकार सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा ,सूर्य को पूरी तरह नहीं ढ़क पाता है क्योंकि वह पृथ्वी से दूर होता है । इस स्थिति में चंद्रमा के चारों ओर प्रकाश का एक घेरा बन जाता है । वलयाकार ग्रहण के दौरान कोरोना नहीं दिखाई देता है ।
अगला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल पूर्ण सूर्यग्रहण और 2 अक्टूबर को वलयाकार सूर्यग्रहण होगा लेकिन ये भी भारत में दिखाई नहीं देंगे ।
भारतीय समायानुसार सूर्यग्रहण -
आंशिक सूर्यग्रहण आरंभ रात्रि 08:33:50 PM
वलयाकार सूर्यग्रहण आरंभ रात्रि 09:40:11 PM
अधिकतम सूर्यग्रहण रात्रि 11:29:32 PM
वलयाकार सूर्यग्रहण समाप्ति रात्रि 01:19:01 AM
आंशिक सूर्यग्रहण समाप्ति रात्रि 02:25:16 AM
ग्रहण के बारे में कुछ खास -
एक साल में अधिकतम 5 सूर्यग्रहण और 2 चंद्रग्रहण हो सकते हैं।
एक साल में न्यूनतम 2 सूर्यग्रहण तो होंगे ही ।
सामान्य रूप से साल में 4 ग्रहण होते हैं ।
गणितीय अनुमान के अनुसार सन 3000 तक से विगत 5 हजार सालों में 11898 सूर्यग्रहण की गणना की गई है जिसमें लगभग 35 प्रतिशत आंशिक ग्रहण 33 प्रतिशत वलयाकार ग्रहण 27 प्रतिशत पूर्णसूर्यग्रहण तथा 5 प्रतिशत हाईब्रिड सूर्यग्रहण हैं ।