MP: झाबुआ प्रिटिंग घोटाला: तत्कालीन कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत सहित सात अधिकारियों को चार-चार साल की सजा
तीनबत्ती न्यूज: 02 सितम्बर,2023
झाबुआ ; झाबुआ प्रिंटिंग घोटाला मामले में तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा और तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत जगमोहन धुर्वे समेत 7 लोगों को 4-4 साल की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश राजेन्द्र शर्मा (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), झाबुआ ने शनिवार को फैसला सुनाया है। इस मामले में लोकायुक्त ने कुल 9 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र - दाखिल किया था। जिसमें से कोर्ट ने 2 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।एक लाख 20 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाई जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता की सागर में पोस्टिंग ▪️उमरिया में चार दिन पहले पकड़ा था लोकायुक्त पुलिस ने
9 खिलाफ हुआ था मामला दर्ज
साल 2010 में जब जगदीश शर्मा झाबुआ कलेक्टर थे। तब मनरेगा के तहत स्वच्छता अभियान के पोस्टर सहित अन्य सामग्रियों की छपाई कराई गई थी। जिला प्रशासन ने ये काम गवर्मेंट प्रेस की जगह भोपाल की फर्म राहुल प्रिंटर्स से कराया था। ये काम कुल 33.54 लाख रुपए में कराया गया। जबकि यही काम गवर्मेंट प्रेस से कराया जाता तो मात्र 5,83,891 रुपए में हो जाता। शासन को इसमें 27 लाख 70 हजार 725 रुपए का नुकसान पहुंचाया गया।
जांच के बाद लोकायुक्त पुलिस ने झाबुआ के तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा, तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ जगमोहन सिंह धुर्वे, मनरेगा (तकनीकी) के परियोजना अधिकारी एनएस तंवर, स्वच्छता मिशन के जिला समन्वयक अमित दुबे, लेखाधिकारी सदाशिव डावर आशीष कदम, शासकीय मुद्रणालय भोपाल के उप नियंत्रक देवदत्त एके खंडूरी और मेसर्स राहुल प्रिंटर्स भोपाल के मालिक मुकेश शर्मा को आरोपी बनाया। इनके विरूद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 (1) डी, 13 (2) आईपीसी की धारा 420, 120 बी के तहत केस दर्ज किया था।
इन्हें सुनाई गई सजा
.जगदीश शर्मा, तत्कालीन कलेक्टर, जिला झाबुआ
• जगमोहन सिंह धुर्वे, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत झाबुआ
• नाथु सिंह तंवर, परियोजना अधिकारी (तकनीकी), राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ
• अमित दुबे, तत्कालीन जिला समन्वयक
सदाशिव डाबर, तत्कालीन वरिष्ठ लेखाधिकारी, जिला पंचायत झाबुआ
आशीष कदम, तत्कालीन लेखाधिकारी, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ
• मुकेश शर्मा, संचालक, राहुल प्रिंटर्स, भोपाल
ये हुए बरी
• ए. के. खंडूरी, उप नियत्रंक, शासकीय मुद्रक एवं लेखन सामग्री, भोपाल ,
• देवदत्त, उप-नियंत्रक, शासकीय मुद्रण एवं लेखन सामग्री भोपाल