डॉ. गौर हमारे महामानव, पितृपुरुष हैं, उन्हें 'भारत रत्न' दिया जाए
▪️ समिति ने किया परिचर्चा का आयोजन
तीनबत्ती न्यूज :08 अगस्त ,2023
सागर। आजादी से पहले बुंदेलखंड की धरा पर अपनी सारी संपतिदान कर शिक्षा का मंदिर सागर विश्वविद्यालय स्थापित कराने वाले महान दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर भारत रत्न के सही हकदार हैं। उन्हें यह सम्मान काफी पहले मिल जाना चाहिए था, लेकिन कतिपय कारणों से यह न होगा। शायद हम अपनी आवाज इतनी बुलंद ही नहीं कर पाए कि केंद्र सरकार तक यह पहुंच सके। यह बात मंगलवार को डॉ. हरीसिंह गौर भारत रत्न के सही हकदार विषय पर परिचर्चा में अतिथियों और प्रबुद्दजनों की कही हैं।
डॉ. हरीसिंह गौर भारत रत्न समिति के संयोजक इंजी. संतोष प्रजापति ने बताया कि महान शिक्षाविद डॉ. हरीसिंह गौर को भारत रत्न दिलाने के लिए समिति हर स्तर पर आवाज उठा रही है। यहां से निकले छात्र प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति कर रहे हैंं। हम किसी राजनीतिक पार्टी को दोष नहीं दे रहे कि उन्होंने डॉ. गौर को भारत रत्न नहीं दिया। कारण यह है कि हमने कभी अपनी आवाज को इतना बुलंद ही नहीं किया कि हमारी आवाज केंद्र सरकार तक नहीं पहुंच सकी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को सागर आ रहे हैं, हमारे मन में विचार आया कि क्यों न हम उनके सामने अपनी बात रखें के वे डॉ. गौर को भारत रत्न प्रदान करें ताकि हमारे सागर और विवि का देश—दुनिया में गौरव बढ़े। अपनी आवाज को इतना बुलंद कर दीजिए कि प्रधानमंत्री तक यह पहुंचे और वे बुंदेलखंड के माटी के सपूत को भारत रत्न से नवाजने के लिए वे मजबूर हो सकें।
डॉ. गौर को 'भारत रत्न' मिला चाहिए, हम सब उनके ऋणी हैं
डॉ. गौर विवि के रिटायर्ड प्रोफेसर एवं वरिष्ठ साहित्यकार ने कहा डॉ. गौर साहब को हम 'गौर बब्बा' के नाम से पुकारते हैं। आचार्यजी ने कहा कि डॉ. गौर दानवीर, महान शिक्षाविद्, कानूनविद, लेखक, कवि ही नहीं थे, उनका व्यक्तिव इससे कहीं आगे हैं। उन्होंने डॉ. गौर द्वारा लिखित पुस्तक बुद्ध पर लिखित 'द स्प्रिट और बुद्धिज्म' का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अंग्रेजी के कवियों का उल्लेख करते हुए बताया कि गौर साहब ने अंग्रेजी कवियों के साथ मिलकर लेखन किया और उन्हें सराहा गया। डॉ. सुरेश आचार्य ने आगे कहा कि यदि आपके पास पैसा हो आसपास को गरीब बच्चा हो तो उसकी फीस भर देना, उसे पुस्तकें दिला, उसे पढ़ाई में मदद कर देना, पैसे की जरूरत हो तो उसे देना, ये सब करके आप हरीसिंह गौर का ऋण उतारेंगे और उनके आदर्शों पर चल सकेंगे।
डॉ. गौर ने धनार्जन किया, लेकिन उसका सद्उपयोग किया
वरिष्ठ साहित्सकार डॉ. शरद सिंह ने कहा कि डॉ. हरीसिंह गौर हमारे पूर्वज, पितृ पुरुष और महामानव थे। वे एक व्यक्ति नहीं बल्कि विचार हैं। समिति में शामिल लोग ही केवल सदस्य नहीं हैं, हम सभी सागरवासी व पूर्वछात्र—छात्राएं इस समिति के सदस्य हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति राजनेता या बड़ा अधिकारी बन जाता है तो उसका उद्देश्य आगामी सात पीढ़ियों के लिए धनार्जन करना होता है, लेकिन डॉ. गौर ने धनार्जन तो किया, लेकिन उसका विवि के रूप में सद्उपयोग किया।
समिति के सदस्य विनोद प्रजापति ने बताया कि डॉ. हरीसिंह गौर को 'भारत रत्न' दिलाए जाने की मांग को लेकर सागर में डॉ. हरीसिंह गौर भारत रत्न समिति चरणबद्ध आंदोलन कर रही है। हाल ही में समिति ने पीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग को आगे बढ़ाया था। मंगलवार को स्थानीय रवींद्र भवन में 'डॉ. हरीसिंह गौर भारत रत्न के सही हकदार' विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई ।
इन्होंने रखे अपने विचार
परिचर्चा में डॉ. सुरेश आचार्य के अलावा विवि के प्रभारी कुलपति . प्रोफेसर प्रदीप कठल, प्रोफेसर आरके त्रिवेदी राजकुमार प्रजापति ,संजय प्रजापति प्रजापति समाज जिला अध्यक्ष , राजेश कुशवाहा जिला अध्यक्ष कुशवाहा समाज , डॉ अजय सेन अनिल विश्वकर्मा विश्वकर्मा समाज जिला अध्यक्ष संतोष साहू बालाजी जिला अध्यक्ष साहू समाज, अशोक सेन जिला अध्यक्ष सेन, समाज गुड्डू यादव जिला अध्यक्ष यादव समाज, जनपद अध्यक्ष बंडा लोकेंद्र सिंह जिला जिला पंचायत सदस्य सर्विसिंग और राजा सिंह बंडा सर्वजीत सिंह ,प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष लोधी समाज तृप्ति सिंह , मुकेश जैन ढाना और छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष सहित शहर के प्रबुद्धजन, युवा, पूर्व छात्र, विवि के छात्रों सहित तमाम विधाओं से जुड़े लोग शामिल हुए।