भोपाल रेल मंडल परिक्षेत्र की बैठक : सांसद राजबहादुर सिंह ने रखी रेल सुविधाएं बढ़ाने की मांग
Sagar: नाबालिग के साथ दुष्कृत्य के आरोपी को आजीवन कारावास
मुख्यमंत्री सीखो - कमाओ योजना: सागर में अब तक 13 हजार युवाओं के पंजीयन
सागर में अब तक 13 हजार युवाओं के पंजीयन
सागर : 14 जुलाई, 2023 । युवाओं को कौशल विकास के साथ ही लर्न एंड अर्न की तर्ज पर ऑन जॉब ट्रेनिंग की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना प्रारंभ की गई है। जिले में तेरह हजार से अधिक अभ्यार्थियों ने योजना के अंतर्गत अपना रजिस्ट्रेशन किया है। योजना के नोडल अधिकारी श्री सुनील देसाई ने बताया कि सागर जिले में अब तक 13 हजार से अधिक युवा युवतियों द्वारा पंजीयन कराये गए है और यह पंजीयन की कार्यवाही लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के तहत ऐसे युवक-युवतियां जिनकी उम्र 18 से 29 वर्ष है तथा मध्यप्रदेश के स्थाई निवासी है और 12वी, आईटीआई या उच्च योग्यताधारी है, वे सभी युवा mmsky.mp.gov.in पर अपना पंजीयन करवा सकते हैं। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को 8000 से 10000 प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा।
MPPSC: सागर में पहली बार मुख्य परीक्षा : 17 जुलाई से 22 जुलाई तक होगी परीक्षा
म.प्र. लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा मुख्य परीक्षा-2021 इस वर्ष दिनांक 17 जुलाई 2023 से 22 जुलाई 2023 तक शहर के 01 परीक्षा केंद्रों - शास. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, सागर एवं शास. कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सागर पर एक सत्र में प्रातः 10ः00 बजे से दोपहर एक बजे तक आयोजित की जाएगी। केवल 22 जुलाई को होने वाली हिंदी निबंध की परीक्षा का समय ही प्रातः 10ः00 बजे से 12ः00 बजे तक होगा ।इस परीक्षा हेतु जिला मुख्यालय सागर में 322 विद्यार्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगें ।
सागर सम्भाग के सम्भागायुक्त श्री वीरेंद्र सिंह रावत ने शहर के परीक्षा केंद्रों के केंद्र अधीक्षक, केंद्र प्रेक्षक, फ़लाईंग स्कॉड, पुलिस नोडल अधिकारी, बिजली विभाग व परीक्षा में संलग्न अधिकारियों की सयुंक्त बैठक ली व निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सेवा मुख्य परीक्षा म.प्र. लोक सेवा आयोग की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा होती है। इस परीक्षा के संचालन में किसी भी तरह की कोताही न बरती जावे । उन्होने उपस्थित समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए कि परीक्षा से संबंधित समस्त तैयारी शनिवार तक पूर्ण कर ली जावे व आयोग के समस्त दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जावे।
आयोग की परीक्षा में निम्न में से कोई एक मूल फोटोयुक्त पहचान पत्र प्रस्तुत करने पर ही आवेदक को प्रवेश दिया जा सकेगा। मतदाता परिचय-पत्र, आधार कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस, आयकर का पेन कार्ड, केन्द्र एवं राज्य सरकार एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय एवं अन्य नियोक्ताओं द्वारा जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, पासपोर्ट. फोटो सहित बैंक पासबुक, शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत परीक्षार्थियों के मामले में शिक्षण संस्था के प्रमुख द्वारा अधिकतम तीन वर्ष पूर्व तक जारी फोटो पहचान-पत्र, राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित नवीनतम फोटो परिचय-पत्र। केवल आधार कार्ड की फ़ोटो कॉपी भी मान्य होगी । फोटो परिचय पत्र द्वारा आवेदक की पहचान की पुष्टि न होने पर परीक्षार्थी को परीक्षा देने की अनुमति प्रदाय नहीं की जाएगी।
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प्रदेश में बनेगा जय मीनेश कल्याण बोर्ड: सीएम शिवराज सिंह▪️मुख्यमंत्री निवास में हुआ मीना समाज का राज्य स्तरीय सम्मेलन
▪️मुख्यमंत्री निवास में हुआ मीना समाज का राज्य स्तरीय सम्मेलन
मुख्यमंत्री श्री चौहान की घोषणाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर कहा कि मीना समाज के लिए जय मीनेश कल्याण बोर्ड बनाया जाएगा। इस बोर्ड में अध्यक्ष सहित चार सदस्य होंगे। अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। मध्यप्रदेश की ओबीसी सूची में आवश्यक संशोधन करेंगे। भोपाल में समाज के निर्माणाधीन छात्रावास भवन का निर्माण सुनिश्चित किया जाएगा। भगवान मीनेश की जयंती पर ऐच्छिक अवकाश होगा। मुख्यमत्री श्री चौहान ने कहा कि टीआर आई रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी, जिससे आवश्यक निर्णय हो। मीना समाज को आवश्यक प्रतिनिधित्व भी दिया जाएगा।
समाज के युवा विभिन्न क्षेत्र में सुविधाओं का लाभ लें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मीना समाज को शिक्षा, कृषि, व्यवसाय, तकनीकी प्रशिक्षण और स्व-रोजगार के क्षेत्र में आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। आज सिर्फ कृषि कार्य पर निर्भर होकर आसानी से जीविका नहीं चलाई जा सकती। डेयरी व्यवसाय, सब्जी उत्पादन, फलोत्पादन आदि से आय बढ़ाना आवश्यक है। युवाओं का रूझान व्यवसाय और उद्योगों की ओर बढ़ना चाहिए। राज्य शासन ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति के माध्यम से युवाओं को 50 लाख रुपए तक की राशि औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया है। इसके लिए ब्याज में छूट और शासन की गारंटी का लाभ भी मिलता है। कक्षा 12 उत्तीर्ण और स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले युवाओं को सीखो-कमाओ योजना में विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त करने की सुविधा दी जा रही है। इन युवाओं को हुनर सीखने के साथ ही शिष्यवृत्ति भी दी जाएगी।
किसानों को दी गई हैं अधिकाधिक सुविधाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान-कल्याण योजना के माध्यम से बड़ी संख्या में छोटे और सीमांत किसानों को प्रतिमाह राशि प्राप्त हो रही है। मीना समाज सहित अन्य समाज बंधुओं को भी इसका लाभ मिल रहा है। कृषि कार्य से जुड़े लोगों को पहले लिए गए ऋण के ब्याज से राहत देने का कार्य भी किया गया है। यही नहीं सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से कृषि कार्य को फायदे का धन्धा बनाने का ठोस कार्य मध्यप्रदेश में हुआ है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के प्रावधानों में संशोधन कर ट्रेक्टर रखने वाले परिवारों को भी लाभान्वित करने की पहल की गई है। यह सभी योजनाएँ निम्न - मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए लाभकारी हैं। राज्य शासन द्वारा एक लाख सरकारी नौकरियाँ देने का लक्ष्य पूर्ण होने पर 50 हजार नई भर्तियों की प्रक्रिया भी प्रारंभ की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रारंभ में भगवान श्री मीनेश की पालकी सिर पर रखकर उसे मंच पर विराजमान किया। सम्मेलन का शुभारम्भ कन्या-पूजन और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। समाज बंधुओं द्वारा पुष्पवर्षा कर मुख्यमंत्री श्री चौहान का अभिनन्दन किया गया।
समाज के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश श्री लालाराम मीना, पूर्व मंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीना, श्रीमती ममता मीना, पूर्व विधायक चाचौड़ा श्री जवाहर सिंह मीना, श्री जसवंत मीना, श्री रणवीर रावत, श्री गनपत मीना, श्री संतोष मीना, जनपद अध्यक्ष भेरूंदा की श्रीमती मंजू पटेल, श्री रामसिंह मीना एवं अन्य प्रतिनिधि और जिलों से आए समाज बंधु बड़ी संख्या में उपस्थित थे। प्रारंभ में समाज की ओर से मुख्यमंत्री श्री चौहान को सुझाव पत्र सौंपा गया। सम्मेलन को पूर्व मंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीना ने भी संबोधित किया।
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विद्यार्थी अपनी सोच और कार्यों से देश-दुनिया की समस्याओं का समाधान खोजें : राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु▪️ट्रिपल आईटीएम का चतुर्थ दीक्षांत समारोह : राज्यपाल श्री पटेल, मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया हुए शामिल
▪️परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री काकोड़कर डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित
ग्वालियर : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा विद्यार्थी आत्म-विश्वास के साथ दुनिया में कदम रखें और आगे बढ़ते जाये। लक्ष्य से निगाह न हटने दें, कोई भी बाधा और चुनौती आपको अपना लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक पाएगी। सफल होकर आप सब दूसरों को भी आगे बढ़ने में मदद करें। साथ ही शिक्षा का उपयोग कर देश को आगे ले जाये और अपनी सोच व कार्यों से देश व दुनिया की समस्याओं का समाधान ढूँढने में योगदान दें। जीवन में स्वयं से सवाल कर अपने को बेहतर बनाने के प्रयास निरंतर जारी रहे। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु गुरूवार को अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान ग्वालियर (ट्रिपल आईटीएम) के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संबोधित कर रही थी। समारोह में प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, ट्रिपल आईटीएम संचालक मण्डल के अध्यक्ष श्री दीपक घैसास एवं ट्रिपल आईटीएम के निदेशक प्रो. श्रीनिवास सिंह मंचासीन थे।समारोह में जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह, सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर एवं ट्रिपल आईटीएम संचालक मण्डल के सदस्य मौजूद थे।
समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व चेयरमेन पद्मविभूषण डॉ. अनिल काकोड़कर को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया। साथ ही 7 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए। वर्ष 2023 में पास आउट 283 विद्यार्थियों को बीटेक, एमटेक एवं मेनेजमेंट की उपाधियाँ प्रदान की गईं। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने ट्रिपल आईटीएम में 500 बेड के छात्रावास की आधारशिला भी रखी। साथ ही मलिन बस्तियों के बच्चों से मुलाकात कर उन्हें पुस्तकें भेंट की।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि आप सब समाज के उन लोगों के बारे में भी सोचें जो विकास की यात्रा में थोड़े पीछे रह गए हैं। समाज के प्रति उत्तरदायित्व की धारणा आपकी प्रगति के लिये उपयोगी सिद्ध होगी। दूसरों की सहायता करने से स्वयं की क्षमताओं का भी विकास होता है, यह मेरा भी निजी अनुभव है। राष्ट्रपति ने कहा कि अनुसूचित जनजाति की सबसे बड़ी आबादी मध्यप्रदेश में रहती है। प्रसन्नता की बात है कि मध्यप्रदेश में कमजोर वर्गों एवं महिलाओं का कल्याण करने की भावना के साथ अच्छे कदम उठाए जा रहे हैं। जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरूआत भी मध्यप्रदेश ने ही की है। उन्होंने मध्यप्रदेश की पिछली शहडोल यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे वहाँ पर पेसा एक्ट का शुभारंभ करने का अवसर मिला था। यह एक्ट जनजातीय समुदाय के लोगों के हित में लागू किया गया है।
समारोह अहम:संस्थान ने किए 25 साल पूरे
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह इसलिये भी विशेष है क्योंकि संस्थान ने अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। उन्होंने उपाधियाँ प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों व उनके परिजनों एवं प्राध्यापकों को बधाई व शुभकामनाएँ दीं। राष्ट्रपति ने कहा कि यह खुशी की बात है कि ट्रिपल आईटीएम ग्वालियर शिक्षा का एक ऐसा उत्कृष्ट केन्द्र बनने की ओर अग्रसर है जहाँ उच्च स्तर की शिक्षा और अनुसंधान को निरंतर बढ़ावा मिलेगा। खुशी की बात है कि इस संस्था ने स्थानीय समुदायों की मदद के लिये विभिन्न गतिविधियाँ शुरू की हैं। संस्थान के विद्यार्थी और प्राध्यापक स्थानीय समुदायों के कमजोर परिवारों के बच्चों को मार्गदर्शन दे रहे हैं। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि आर्थिक लाभ महत्वपूर्ण होता है, लेकिन संतुष्टि उससे भी महत्वपूर्ण है।
ग्वालियर की सराहना राष्ट्रपति ने
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने ग्वालियर की सराहना करते हुए कहा कि शहर प्रदेश के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है। यह महलों, मंदिरों और किलों के लिये तो प्रसिद्ध है ही, भारतीय इतिहास में भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने मराठाओं के संघर्ष और सिंधिया राजवंश द्वारा ग्वालियर के विकास में दिए गए योगदान का भी विशेष जिक्र किया। साथ ही कहा कि ग्वालियर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिये भी जाना जाता है। प्रसन्नता की बात है कि ग्वालियर जिले में स्थित संगीत सम्राट तानसेन के गाँव को तानसेन नगर का नाम दिया गया है। यह एक सर्वमान्य तथ्य है कि शून्य भारत की देन है। भारत द्वारा प्राचीनकाल में विकसित शून्य की अवधारणा के स्पष्ट प्रमाण ग्वालियर दुर्ग स्थित चतुर्भुज मंदिर में देखे जा सकते हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग सामाजिक न्याय के साधन के रूप में हो : राज्यपाल श्री पटेल
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि कल्याणकारी राज्य में वही प्रौद्योगिकी सफल है, जिसका उपयोग सामाजिक न्याय के एक साधन के रूप में हो सके। समग्र विकास के लिये जरूरी है कि स्मार्ट उपकरण और प्रणालियाँ सामान्य लोगों की पहुँच में हों। राज्यपाल ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि नवाचारों के माध्यम से नागरिकों के कल्याण और विकास के नए समाधान प्रस्तुत करने के लिये तत्परता से कार्य करें। सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ के रूप में युवाओं से देश और समाज को बहुत आशाएँ हैं। राष्ट्र का कल्याण युवाओं का लक्ष्य होना चाहिए। आप सबने पढ़ाई के दौरान जो सामाजिक कौशल और तकनीक ज्ञान हासिल किया है उसका उपयोग पिछड़े और वंचित लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिये करें। अपनी मेधा का उपयोग दिव्यांग लोगों, सीनियर सिटीजन तथा अन्य जरूरतमंद लोगों की सहायता में अवश्य करें।
टेलेंट, टेक्नालॉजी, प्रबंधन और नेतृत्व का संगम भारत को बनायेगा विश्व गुरू : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज भारत के पास टेलेंट, टेक्नालॉजी, प्रबंधन और नेतृत्व का संगम है, जो भारत को आने वाले समय में विश्व गुरू बनायेगा। जिस प्रकार 18वीं सदी में औद्योगिक क्रांति के दौरान वैश्विक अर्थ-व्यवस्था को गतिमान रखने के लिये डीजल और पेट्रोल की आवश्यकता थी, उसी प्रकार 21वीं सदी में गति के लिये डाटा ईंधन का काम कर रहा है। एनालेटिक्स, मशीन लर्निंग, बिग डाटा और क्वांटम कम्प्यूटिंग सभी आज के युग की बड़ी आवश्यकता हैं। विद्यार्थी स्वयं इन सभी में महारत हासिल कर, समाज और देश को आगे बढ़ायें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस संस्थान की स्थापना स्व. श्री माधव राव सिंधिया ने की थी, जब वे देश के मानव संसाधन विकास मंत्री थे। श्री अटल बिहारी वाजपेयी का मध्यप्रदेश से अटूट नाता रहा है। श्री वाजपेयी ओजस्वी, तेजस्वी और यशस्वी व्यक्तित्व थे। उनके जीवन का संदेश था कि हमको जीवन में कभी हार नहीं मानना है, हमेशा आगे बढ़ते रहना है। विद्यार्थियों को उनके संदेश का अनुकरण कर अपने जीवन को सफल बनाना है। आज आप सभी को सौभाग्य मिला है कि आप अपनी योग्यता से देश और समाज के लिये कार्य करें। आपको अर्निंग के साथ लर्निंग का भी पूरा ध्यान रख कर निरंतर प्रगति करना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश है। यहाँ की विकास दर निरंतर 18 प्रतिशत के आसपास रहती है। प्रदेश की जीएसडीपी, जो वर्ष 2005-06 में 71 हजार करोड़ थी, आज 15 लाख करोड़ को पार कर गई है। प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। विद्यार्थी अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग कर प्रदेश को और अधिक गतिमान करें। सभी को मेरी शुभकामनाएँ।
विद्यार्थी छोटे लक्ष्य से संतुष्ट न होकर सदैव आगे बढ़ने का भाव रखें : केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया
केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विद्यार्थियों का आहृवान किया कि अपने मन में सदैव यह भाव रखें कि हम केवल लक्ष्य की पूर्ति से संतुष्ट न होकर सदैव आगे बढ़ने का प्रयास करते रहेंगे। साथ ही जिस संस्थान से शिक्षा ग्रहण की है उस संस्थान का मान-सम्मान रखकर देश का गौरव बढ़ाने में योगदान देते रहें। भारत तेजी से आर्थिक तरक्की कर रहा है। कुछ साल पहले तक भारत 11वीं आर्थिक शक्ति हुआ करता था जो अब पाँचवीं आर्थिक शक्ति बन गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि वर्ष 2030 तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था वाला देश बन जायेगा। देश का भविष्य निर्माण में आप सबके सहयोग से ही होगा।
विषमता मिटाने के प्रयास जरूरी – डॉ. काकोड़कर
पोखरण परमाणु परीक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले देश के सुविख्यात परमाणु विज्ञानी एवं परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष पद्मविभूषण डॉ. अनिल काकोड़कर ने कहा कि भारत निरंतर प्रगति कर रहा है। हम सबको साझा प्रयास कर वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा में देश को आगे रखकर, देश में विषमता मिटाने के प्रयास जारी रखने होंगे।संस्थान के निदेशक प्रो. श्रीनिवास सिंह ने स्वागत उदबोधन दिया एवं प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
शोभा यात्रा के साथ दीक्षांत समारोह में पहुँची राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु
दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं संस्थान के संचालक मण्डल के अध्यक्ष व सदस्य एवं निदेशक शोभा यात्रा के साथ पहुँचे। संस्थान के ऑडिटोरियम में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया। आर्मी बैंड द्वारा प्रस्तुत राष्ट्र-गान के साथ समारोह का शुभारंभ और समापन हुआ।
राष्ट्रपति ने मलिन बस्तियों के बच्चों से मुलाकात कर पुस्तकें भेंट की
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा वर्ष 2016 से संचालित स्टूडेंट ज्ञान मूवमेंट योजना के तहत अध्ययनरत मलिन बस्तियों के 10 बच्चों से मुलाकात की। इन 10 बच्चों में कु. रागिनी राठौर, कु. ज्योति, अमन बाथम, मोहित नामदेव, कु. शिवांगी, रितिक पटेल, कु. शीतल, कु. गौरी सिकरवार, कु. देवकी बाथम व बृजेन्द्र पाल शामिल हैं। पाँचवीं से दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई कर रहे बच्चों को उन्होंने पुस्तकें, बेग और चॉकलेट भेंट कर उनसे बातचीत की। संस्थान के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा आस-पास की मलिन बस्तियों में निवासरत बच्चों की नियमित कक्षाएँ संचालित की जाती हैं। द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी इन कक्षाओं के संयोजन की भूमिका निभाते हैं।
राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान बालिका कोमल बाथम ने पेंसिल से बनाया गया उनका स्केच भेंट किया। ब्रह्मकुमारी बहनों-भाइयों ने भी राष्ट्रपति को पवित्र प्रतीक-चिन्ह भेंट किए।
इन विद्यार्थियों को मिले गोल्ड मेडल
श्री पीयूष चेटवानी एमबीए, सुश्री रितिका तोमर एमटेक, सुश्री सौम्या पाठक एमबीए, श्री यश अग्रवाल एमटेक (सीएन), श्री अश्विनी कुमार पादी एमटेक (आईएस), श्री मुशीर उल हक एमटेक (वीएलएसआई) और श्री देबादित्य पाल बीटेक। श्री पीयूष चेटवानी और श्री रितिका तोमर को डबल गोल्ड मेडल प्रदान किए गए।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज अपने ग्वालियर प्रवास के दौरान सर स्व. जीवाजीराव सिंधिया म्यूजियम का अवलोकन किया। इस दौरान राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। जल संसाधन मंत्री एवं मिनिस्टर इन वेटिंग श्री तुलसी सिलावट, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मंत्रि-परिषद के अन्य सदस्यों एवं सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर आदि ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का स्वागत किया।
म्यूजियम आगमन पर राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का लोक एवं शास्त्रीय नर्तकों ने परंपरागत तरीके से स्वागत किया। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने महाराजा जीवाजीराव सिंधिया की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर पुष्प अर्पित किए। राज्यपाल श्री पटेल और मुख्यमंत्री चौहान ने भी पुष्पांजलि दी।
केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु को समृद्धशाली और गौरवशाली मराठा इतिहास के बारे में उन्हें बताया। साथ ही मानचित्र के जरिये वर्ष 1758 में मराठा साम्राज्य के विस्तार की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने मराठा इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कलाकृतियों को देखा।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने संग्रहालय के अवलोकन के दौरान स्कूली बच्चों से भेंट कर उन्हें टॉफी बाँटी तथा बातचीत की। दिव्यांग बालक से भी उन्होंने बातचीत की। उन्होंने दरबार हॉल में गणमान्य नागरिकों से भी बातचीत की।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने संग्रहालय में लोक कला एवं शिल्प प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। लोक कलाकारों से उनके कला-शिल्पों और कला के बारे में जानकारी प्राप्त की। हैंडलूम पर साड़ी बुन रहे बुनकर, लोक-चित्रकार, लकड़ी की कलाकृतियाँ, माटी के बर्तन बनाने वाले कलाकार की कलाकृतियों की सराहना की, पिछले 60 वर्षों से सिंधिया राजवंश की पगड़ी बांधने वाले कलाकार मोहम्मद रफीक अहमद से भेंट कर उसकी कला को भी सराहा। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने टेराकोटा व्हील पर मिट्टी के बर्तन बना रहे श्री छैलन बिहारी प्रजापति और कालीन बुनकर श्री राकेश सविता से भी भेंट की।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने स्कूली बच्चों, सभी कलाकारों, लोक नर्तकों, शास्त्रीय नर्तकों के साथ समूह फोटो भी खिंचवाया
राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु का ग्वालियर विमानतल पर आत्मीय स्वागत
रष्ट्रप श्रीमती द्रोपदी मुर्मु का ग्वालियर के वायुसेना विमानतल पर आत्मीय स्वागत हुआ। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर ग्वालियर में उनका आत्मीय स्वागत किया।
विमानतल पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु के आगमन पर केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, जल संसाधन एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह, सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर और महापौर श्रीमती शोभा सिकरवार ने भी पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री डी श्रीनिवास वर्मा, कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री राजेश चंदेल सहित वायुसेना के अधिकारियों ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु की अगवानी की।
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शिक्षा ही अधिकारों को प्राप्त करने का एकमात्र साधन है : अविराज सिंह▪️डॉ.अम्बेडकर संग्रहालय भ्रमण का तीसरा दिन
▪️डॉ.अम्बेडकर संग्रहालय भ्रमण का तीसरा दिन
खुरई। बुधवार को प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह के सुपुत्र अविराज सिंह ने पुनः छात्र-छात्राओं के साथ खुरई के डॉ. भीमराव अम्बेडकर संग्रहालय का भ्रमण किया। आज मंत्री पुत्र अविराज सिंह ने मालथौन ब्लाक के खिरियाकलां स्कूल के कक्षा नवमी, दसवीं, ग्यारहवीं एवं बारहवीं के छात्रों के 116 छात्रों के साथ डॉ. अम्बेडकर संग्रहालय का भ्रमण किया। अविराज सिंह ने छात्रों को पहले खुरई के सरदार वल्लभ भाई पटैल ऑडिटोरियम में संबोधित किया। इसके पश्चात अविराज सिंह ने किला परिसर का भ्रमण किया।
खुरई के डॉ. भीमराव अंबेडकर संग्रहालय में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए अविराज सिंह ने कहा कि बाबा साहेब का सोचना था कि देश के युवा पढ़ेंगे तो देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देंगे। अविराज सिंह ने कहा कि हमें मन लगाकर पढ़ना चाहिए और शिक्षा को अधिक महत्व देते हुए परीक्षा की तैयारियां करनी चाहिए। बाबा साहेब का मंत्र था कि पढ़ो, क्योंकि शिक्षा ही अधिकारों को प्राप्त करने का एकमात्र साधन है। अविराज सिंह ने कहा कि हर विपरीत परिस्थितियों में बाबा साहेब ने जो निर्णय लिए उनमें देश की एकता और अखंडता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता व सकारात्मक चिंतन दिखाई देता है।
अविराज सिंह ने छात्रों को डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जन्म से लेकर संविधान निर्माण तक के सफर की विस्तृत जानकारी दी। अविराज सिंह ने भारत के पहले मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह के छायाचित्र को दिखाया और आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया के टॉप 5 देशों में दूसरे या तीसरे नंबर पर होगी।
छात्र-छात्राओं ने संग्रहालय में बाबा साहेब की विभिन्न प्रतिमाओं का दर्शन, संबंधित फोटोग्राफ, बाबा साहेब की रचित पुस्तकों का अवलोकन किया। छात्रों ने बाबा साहेब के पंचतीर्थ को चित्रों के माध्यम से जाना और प्रोजेक्टर व डिजिटल रूम में बाबा साहेब के जीवन वृतांत को देखा और समझा। इस अवसर पर खुरई क्षेत्र के भाजपा नेता, युवा मोर्चा के नेता, कार्यकर्ता एवं सैकड़ो छात्र-छात्राएं व शिक्षकगण उपस्थ्ति थे।