सत्य और अहिंसा से बस इतना सा नाता है दीवारों पर लिख जाता है दीवाली पर मिट जाता है : आचार्य उदार सागर▪️तिलकगंज मे 8 जुलाई को चातुर्मास स्थापना

सत्य और अहिंसा से बस इतना सा नाता है दीवारों पर लिख जाता है दीवाली पर मिट जाता है : आचार्य उदार सागर

▪️तिलकगंज मे 8 जुलाई को चातुर्मास स्थापना

तीनबत्ती न्यूज : 6 जुलाई ,2023

सागर  दिगम्बर साधू अपनी साधना और तपस्या निज कल्याण के साथ जग कल्याण के लिए भी करते हैं। उनकी साधना के बल पर ही उनकी कठिन चर्या होती है। और यही कठिन चर्या ही दिगंबर साधू का स्वरूप है यह बात तिलक गंज जैन मंदिर परिसर में परम पूज्य आचार्य उदार सागर जी महाराज ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। इस दौरान नगर के विभिन्न पत्रकारों ने उपस्थित रहकर आचार्य श्री से प्रश्न किए, जिनके उत्तर देते हुए आचार्य श्री ने जैन धर्म दिगंबर स्वरूप और उनकी साधना को विस्तार से समझाया। 


उन्होंने कहा यह जो वर्षा कालीन चातुर्मास संपन्न होता है इसके पीछे का आध्यात्मिक कारण यह है कि वर्षा ऋतु में अत्याधिक सूक्ष्म जीव उत्पन्न हो जाते हैं, और दिगंबर साधु हमेशा पग विहार करते हैं। पग विहार करते समय सूक्ष्म जीवों की हिंसा ना हो इस कारण साधु 4 महीने एक स्थान पर रहने का संकल्प धारण करते हैं और अपनी साधना करते हैं। यही चातुर्मास अवधि है। 


उपवास साधना के लिए करे, आत्मप्रचार के लिए नही

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि साधना की शक्ति बढ़ते हुए क्रम में होती है। इसमें आत्मा की परीक्षा होती है। पहले एक बार फिर दो और फिर धीरे-धीरे यह क्रम बढ़ता चला जाता है। अपनी चेतना को धर्म से जोड़ा जाता है। परमेश्वर के प्रति अटूट आस्था और अपनी चर्या के पालन में भौतिकता का बोधी नहीं होता। सिर्फ हम अपनी आत्मा में एक लक्ष्य धारण किए होते हैं। तभी सुनने मिलता है दिगंबर साधुओं ने लगातार कई उपवास किए, यह उनकी कठोर साधना का ही प्रतिफल है। ऐसी दिनचर्या और साधना के लिए आत्मबल होना आवश्यक है। यदि मन मजबूत नहीं हुआ तो तन धोखा दे जाएगा। और यदि मन मजबूत हुआ तो तन का कष्ट पीढ़ा नहीं देगा। उपवास साधना का मार्ग है। आत्मप्रचार का नहीं। आज के वातावरण और बदलते हालातो में संकल्पित उपवास रखना चाहिए। 

चातुर्मास में कल्याण के कार्य

उन्होंने कहा चातुर्मास अवधि में धर्म के साथ समाज कल्याण और राष्ट्र हित में भी कार्य किए जाएंगे। यह चातुर्मास सिर्फ समाज के लिए नहीं बल्कि सभी सत्य अहिंसा को मानने वाले लोगों के लिए है, कोई भी व्यक्ति मेरे पास आ सकता है। संत किसी व्यक्ति विशेष के नहीं होते यह तो सबके होते हैं। उन्होंने यह भी कहा आजकल सत्य और अहिंसा को लोगों ने सिर्फ बोलने तक स्वीकार किया है। जबकि आत्मा से यह चीजें दूर हो गई। अहिंसा धर्म को आत्मा में पालने की आवश्यकता है, जिस तरह हम दीवारों पर कुछ लिखवा देते हैं और दिवाली में पुताई के दौरान वह मिट जाता है, उसी तरह सत्य और अहिंसा की बातें उचित समय पर लोगों के मन से मिट जाती हैं। पूरे राष्ट्र को सत्य और अहिंसा की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। आचार्य श्री ने यह भी कहा कि चातुर्मास के दौरान सभी तरह के सामाजिक कार्य किए जाएंगे और  राष्ट्रीय पर्वों को भी धूमधाम से मनाया जाएगा। 


विभिन्न वर्ग के लोगो से करेंगे संस्कार की चर्चा

उन्होंने समाज के सभी बुद्धिजीवी वर्गों चिकित्सकों वकीलों, पत्रकारों से आव्हान किया कि वह सभी साथ मिलकर  धर्म को जीवन में उतार कर धर्म और राष्ट्र कल्याण के लिए अपना योगदान देवें, निश्चित सभी का कल्याण होगा।चातुर्मास के दौरान संस्कार की चर्चा होगी। जिससे समाज का भला हो ।


ये रहे मोजूद

आज की पत्रकार वार्ता में अशोक पिडरुआ, मुकेश हीरापुर,आकाश गोदरे, नरेंद्र नायक, अरविंद चौधरी, जितेंद्र गुड्डू मिठया, संजय सवाई, नितिन जैन, सुरेश संगम, प्रदीप बिलहरा, मुकेश खुरई,कैलाश वरेठी,आशीष जैन  टोनू पापड़, श्रीकांत जैन , नीरज जैन, अंकित पंडित, मम्मा खटोरा वाले , सुधीर बिलहरा , आदि उपस्तिथ थे। यह सम्पूर्ण जानकारी चतुर्मास मीडिया प्रभारी अखिल जैन ने दी। 


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Video: सीएम शिवराज सिंह ने सीधी पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी दशमत के पैर धोए, तिलक लगाया माला पहनाई और मांगी माफी

Video: सीएम शिवराज सिंह ने सीधी पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी दशमत के पैर धोए, तिलक लगाया माला पहनाई और मांगी माफी

तीनबत्ती न्यूज : 6 जुलाई ,2023
भोपाल: बेहद चर्चित और शर्मनाक घटना सीधी पेशाब कांड के पीड़ित दशमत आदिवासी से CM हाउस में सीएम  शिवराज सिंह चौहान ने सीधी  मुलाकात की. उन्होंने पीड़ित के पैर धोए, तिलक लगाया और माला पहनाकर उससे मांफी भी मांगी. शॉल ओढ़ाकर शिवराज ने उसका सम्मान किया.


देखे:सीएम शिवराज के साथ पीड़ित



शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित से कहा कि मुझे वीडियो देखकर दुख हुआ. मैं माफी मांगता हूं. शिवराज ने पीड़ित से कहा कि आप लोग मेरे लिए भगवान की तरह हैं. राजनेतिक इतिहास में किसी मुख्यमंत्री की उदारता का यह बिरला उदाहरण आज देखने मिला। सीएम ने आज दशमत के साथ पौधरोपण भी किया।


Video: दुखी हूं इस घटना से,तुम मेरे दोस्त सुदामा हो : सीएम



सीएम शिवराज सिंह ने कहा "इस घटना से दुखी हूं। मैं आपसे माफी मांगता हूं। आप जैसे लोग मेरे लिए भगवान जैसे हैं।"  दशमत को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुदामा कहा। बोले- दशमत तुम अब मेरे दोस्त हो। CM ने दशमत से कई विषय पर चर्चा की। पूछा- क्या करते हो? घर चलाने के क्या साधन हैं? कौन सी योजनाओं का लाभ मिल रहा है? यह भी पूछा कि बेटी को लक्ष्मी और पत्नी को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा है या नहीं। CM ने कहा- बेटी को पढ़ाना, बेटियां आगे बढ़ रही हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह दो फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि - मन दु:खी है; दशमत जी आपकी पीड़ा बाँटने का यह प्रयास है। आपसे माफी भी माँगता हूँ, मेरे लिए जनता ही भगवान है!


आरोपी पर एनएसए की कार्यवाई कर भेजा जेल

इस घटना के सामने आने के बाद शिवराज ने कहा था- आरोपी को ऐसी सजा मिले, जो मिसाल बन जाए। आरोपी प्रवेश शुक्ला को मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया था। उस पर एनएसए लगाया गया है। अभी वह जेल में है। दशमत पर नशे में पेशाब करने के आरोपी भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला का घर बुधवार को प्रशासन ने तोड़ दिया था। 



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गंगा जमुना स्कूल विवाद:केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के निवास पर प्रदर्शनकारियों का घुसना : ▪️बाल सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया इसे प्रशासनिक चूक और पुलिस की विफलता

गंगा जमुना स्कूल विवाद:केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के निवास पर प्रदर्शनकारियों का घुसना : 

▪️बाल सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया इसे प्रशासनिक चूक और पुलिस की विफलता




By:Vinod Arya

तीनबत्ती न्यूज :6 जुलाई ,2023

सागर:  हिजाब और स्कूल की आड़ में धंधे को लेकर विवादो में फसी दमोह के गंगा जमुना स्कूल के विद्यार्थियों और अभिवावको ने दो दिन पहले बच्चो के भविष्य को लेकर कलेक्टर कार्यालय और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के दमोह स्थित आवास पर प्रदर्शन करने की घटना में अब नया मोड़ आ गया है।

क्लिक करे: Video: सीएम शिवराज सिंह ने सीधी पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी दशमत के पैर धोए, तिलक लगाया माला पहनाई और मांगी माफी


 बाल अधिकार सरक्ष्ण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने अपने ट्वीटर अकाउंट से एक पोस्ट शेयर की है। जिसमे इसे इस्लामिक कट्टरवाद बताया है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों का  केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के आवास पर घुसने की घटना को प्रशासनिक चूक और पुलिस के गोपनीय विभाग की असफलता और लापरवाही बताया है। 

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प्रियंक कानूनगो का ट्वीट


आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने टवीट किया कि 

दमोह के गंगा जमना स्कूल में अनियमितताओं के चलते @NCPCR_ द्वारा संज्ञान लिए जाने के पश्चात जाँच के निर्देश दिए गए व ज़िला शिक्षा अधिकारी की जाँच के बाद पाई गयी कमियों के आधार पर  राज्य सरकार द्वार स्कूल की मान्यता निलम्बित की गयी जिसकी घोषणा माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश ने स्वयं की थी।
इसके  विरुद्ध स्कूल संचालकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में अपील की गयी जिसमें उनको कोई स्थगन नहीं मिला व सरकार को  4 सप्ताह में मामले के निपटान का निर्देश दिए गए।

पढ़े: आदिवासी मजदूरों को वन विभाग ने नही दी मजदूरी : परेशान मजदूरों ने मंत्री गोविंद राजपूत की रुकवाई गाड़ी, बताई व्यथा



क़ानूनी रास्ते से काम न निकलता देख गंगा जमना स्कूल के संचालकों ने वही किया जो कट्टरवादी,अतिवादी इस्लामिक धार्मिक उन्मादी समूह दुनिया में कई स्थानों पर करते हैं,आम लोगों की भावनाओं को भड़का कर एक अराजक भीड़ इकट्ठा कर के आंदोलन के नाम पर सड़कों पर भेज दिया तथा बच्चों और औरतों को उसके आगे कर दिया जिस से कि सहानुभूति मिल सके व हिंसा की स्थिति में अपराधी व्यक्ति बच्चे और महिलाओं का इस्तेमाल ढाल की तरह कर सकें।


केंदीय मंत्री के निवास पर घुसना प्रशासनिक चूक


ये भीड़ केंद्रीय मंत्री श्री प्रह्लाद पटेल के घर के परिसर के भीतर भेजी गयी जो कि गम्भीर घटना है, एक केंद्रिय मंत्री के घर इस तरह भीड़ को बेक़ाबू कर भेजना निश्चित प्रशासनिक चूक है पुलिस के गोपनीय विभाग की विफलता है एवं सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही है।


स्कूल के कारनामे इस प्रकार हैं,
भारत के नक़्शे से देश के पूर्वी भाग को काट कर दिखाना,बच्चों को डारविन के सिद्धांत के विपरीत उत्पत्ति का इस्लामिक रूढ़िवादी सिद्धांत सिखाना, हिंदू बच्चों को इस्लामिक धार्मिक प्रार्थना में शामिल करना,इस्लाम के सर्वोच्च होने की गवाही दिलवाना व कलमा पढ़वाना जैसी हरकतों के अलावा स्कूल में लड़के लड़कियों लिए पर्याप्त पृथक शौचालय नहीं हैं,मान्यता में प्रदत्त क्षमता से कई गुना अधिक बच्चे भर्ती किए गए हैं,स्टाफ़ के पुलिस सत्यापन नहीं हैं.स्टाफ़ क्वालिफ़ायड नहीं है इत्यादि कई कारण हैं कि मान्यता निलम्बित है।

पढ़े : मध्यप्रदेश के युवाओं में क्षमता, प्रतिभा और टेलेंट: सीएम शिवराज सिंह ▪️मुख्यमंत्री ने लांच की मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना ▪️कौशल उन्नयन के लिए भोपाल सहित ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, इंदौर में ग्लोबल स्किल पार्क आरंभ होंगे

बच्चों के दूसरे स्कूलों में दाख़िले के लिए कलेक्टर ने हेल्प डेस्क बनाई है सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में सीटें ख़ाली हैं हमने भी न्यायालय में ऐसे स्कूलों की जानकारी दी है इसके बावजूद देश भर के अजेंडावादी और आंदोलनजीवी अब इसमें शामिल हैं और सरकार को दबाव में लेने के लिए तमाम प्रपंच रचे जा रहे हैं।





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Video: पुलिस ने वाहन चेकिंग के लिए कांग्रेस MLA की रोकी गाड़ी : भड़के आलोक चतुर्वेदी बोले: चार महीने बाद कांग्रेस सरकार बनते ही देख लेंगे

Video: पुलिस ने वाहन चेकिंग के लिए MLA की रोकी गाढ़ी : भड़के आलोक चतुर्वेदी बोले: चार महीने बाद कांग्रेस सरकार बनते ही देख लेंगे

तीनबत्ती न्यूज: 6 जुलाई,2023

छतरपुर । छतरपुर के विधायक कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी का पुलिस वाहन चेकिंग के दौरान गाड़ी रोकने पर उनके पुलिस को फटकार लगाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।  ओरछा रोड थाना पुलिस नौगांव रोड पर वाहन चेकिंग कर रही थी। तभी अपने समर्थकों के साथ विधायक चतुर्वेदी भी वहां से गुजरे तो उनकी कार को भी पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। इस पर वे भड़क उठे। मौके पर मोजूद लोगो ने भी पुलिस की चेकिंग को लेकर सवाल उठाए और विधायक से शिकायत भी की। 
                 देखे : वीडियो 




चार महीने बाद आ रही है सरकार देख लेंगे

विधायक आलोक चतुर्वेदी ने पहले पुलिसकर्मियों से चेकिंग करने का कारण पूछा और इसके बाद उन्हें जमकर फटकार लगाई। कहा कि चार महीने के बाद कांग्रेस सरकार आएगी मैं एक भी वसूली करने वालों को छोडूंगा नहीं। यह वीडियो बुधवार शाम का बताया जा रहा है। 


एमएलए आलोक चतुर्वेदी का कहना है कि पुलिस जबरिया वसूली करने में लगी है। छतरपुर शहर के चारो तरफ के रास्तों
पर हेलमेट के नाम पर जनता को प्रेशान किया जा रहा है। कांग्रेस सरकार बनते ही पुलिस की वसूली बंद कराएंगे।


बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब विधायक आलोक चतुर्वेदी की चेकिंग के दौरान गाड़ी रोकी गई है। इसके पूर्व में भी उनकी गाड़ी को रोकने को लेकर विवाद हो चुका है।



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आदिवासी मजदूरों को वन विभाग ने नही दी मजदूरी : परेशान मजदूरों ने मंत्री गोविंद राजपूत की रुकवाई गाड़ी, बताई व्यथा

आदिवासी मजदूरों को वन विभाग ने नही दी मजदूरी : परेशान मजदूरों ने मंत्री गोविंद राजपूत की रुकवाई गाड़ी, बताई व्यथा

By:Vinod Arya
तीनबत्ती न्यूज : 6 जुलाई 2023
सागर।आदिवासी मजदूरों की काम पर बुलाने के बाद उनको मजदूरी नहीं देना और प्रताड़ित करने की कई घटनाएं सामने आ रही है। ताजा मामला सरकार से ही जुड़ा है। विदिशा जिले के लटेरी में  वन विभाग में उमरिया से आए मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल रही है। आदिवासी मजदूर दर दर भटक रहे है। 
मजदूरी के लिए परेशान पीड़ितो ने कल बुधवार की रात्रि में सागर से भोपाल जा रहे राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत के वाहन को रोक लिया। राजस्व मंत्री को मजदूरों ने अपनी पीड़ा सुनाई । मंत्री श्री राजपूत ने तत्काल वन विभाग को फोन लगाकर मजदूरों को पैसा देने के निर्देश दिए।




सोशल मीडिया पर शेयर की मंत्री गोविंद राजपूत ने जानकारी

राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत ने अपने आफिशियल ट्वीटर अकाउंट से कल रात को एक पोस्ट शेयर की । जिसमे उन्होंने पूरा घटनाक्रम बताया।  मंत्री ने बताया कि आज राहतगढ़ से भोपाल जाते वक्त लटेरी क्षेत्र में आदिवासी मजदूरों ने हमारे वाहनों को रुकने का इशारा किया। वाहन रुकवाकर उनके पास पहुंचा तो पता चला कि वन विभाग की ओर से 2 महीने से इन्हें मजदूरी का पैसा नहीं दिया गया है और ये गरीब लोग परेशान हो रहे हैं। इनकी पीड़ा सुन क्षेत्र के रेंजर को फ़ोन लगाया और इन्हें तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने, इनके रहने की व्यवस्था करने व जल्द से जल्द मजदूरी का पैसा देने के आदेश दिए हैं।


Video: मंत्री से बात करते आदिवासी मजदूर


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क्या है मामला

विदिशा जिले के लटेरी तहसील में  65 मजदूरों ने वन विभाग रेंज में प्लांटेशन का काम किया था। ये मजदूर उमरिया जिले के है। इन लोगों ने तीन दिन पहले  कलेक्टर को अपनी आपबीती बताई और मदद की गुहार लगाई थी। इन मजदूरों का 9 लाख 88 हज़ार से ज्यादा मेहनताना बकाया है। 


मजदूरों ने कलेक्टर को बताया था कि  जब वे अपनी बकाया राशि मांगने रेंजर के पास जातें हैं तो तो लटेरी क्षेत्र की रेंजर कृष्णा, डिप्टी रेंजर कमल मालवीय और नाकेदार अशोक कुशवाहा उन्हें मारने की धमकी देतें हैं। इन मजदूरों में से 20 लोग बिना मेहनताना राशि के वापस लौट गए हैं। बाकी बचे 45 मजदूरों जिनमें महिलाएं पुरुष शामिल हैं। मजदूरी का पैसा लेने भटक रहे है। 




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MP: स्वास्थ्य विभाग में थोकबंद तबादले:कई जिलों के CMHO, टीकाकरण अधिकारी और डॉक्टर्स बदलेदेखे: सूची

MP: स्वास्थ्य विभाग में थोकबंद तबादले:कई  जिलों के CMHO, टीकाकरण अधिकारी और डॉक्टर्स  बदले
▪️देखे: सूची


तीनबत्ती न्यूज
भोपाल,6 जुलाई,2024 : राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने तबादला आदेश जारी किए है। इनमे कई  जिलों के CMHO, टीकाकरण अधिकारी और डॉक्टर्स  बदले गए है। पदोन्नति के चलते ट्रांसफर किया गया है। 


देखे : सूची

वरिष्ठ संयुक्त संचालक/CMHO 


जिला टीकाकरण और अन्य अधिकारी






सिविल सर्जन  सह मुख्य अधीक्षक






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ऑल इंडिया सैनी माली सभा सागर का युवक युवती परिचय सम्मेलन एवं सम्मान समारोह संपन्न

ऑल इंडिया सैनी माली सभा सागर का युवक युवती परिचय सम्मेलन एवं सम्मान समारोह संपन्न


सागर - ऑल इंडिया सैनी माली सभा सागर का युवक युवती परिचय सम्मेलन एवं सम्मान समारोह गरिमा पूर्ण संम्पन हुआ। सागर के मोतीनगर स्थित कवि पदमाकर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ अन्य राज्यों से आये सैनी माली समाज के पदाधिकारी और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर विधायक श्री शैलेन्द्र जैन जी एवं नगर निगम अध्यक्ष श्री वृंदावन अहिरवार  उपस्थित रहे, कार्यक्रम दीप प्रज्वलन एवं ज्योतिबा राव जी फुले एवं माता सावित्री बाई जी फूले जी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुआ। समाज के बेटियों ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत गाकर आगंतुकों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में विवाह योग्य करीब 100 से ज्यादा युवक युवतियों ने परिचय दिया।मैहर जिला सतना से पधारे प्रसिद्ध तबला वादक डॉ अशोक बड़ोलिया एवं सरोद वादक हिमांशु सैनी ने शानदार प्रस्तुति दी। साथ ही सागर सैनी समाज के बेटियों दिव्या सैनी, डॉली सैनी, मानसी सैनी, वंशिका सैनी,पलक सैनी, काजल सैनी ने नृत्य के माध्यम से सबका मन मोह लिया। इस दौरान बेहतर कार्य करने वालो के साथ दसवीं बारहवीं कक्षा की परीक्षा में अच्छे अंक से उत्तीर्ण होने पर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित ऑल इंडिया माली सैनी सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सैनी ने माता सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा राव फुले जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिस तरह उनकी जीवनशैली रही और जो उन्होंने सामाजिक कार्य किए हैं उन कार्यो और उनके पद चिन्हों पर चलकर कार्य सभी को करना चाहिए और शिक्षा के क्षेत्र में जो अलख लोगों में जलाई है उसको जिंदा रखने के लिए हमें उस पर विचार करना चाहिए इसके साथ ही सागर में उनके नाम से एक मंदिर और भवन का निर्माण हो इसके लिए हम सभी प्रयास करेंगे।

महिला प्रदेश अध्यक्ष कल्पना सैनी ने समाज मे बेटियों की शिक्षा पर ज़ोर दिया आज के समय मे समाज में शिक्षा को लेकर अच्छे परिणाम नही रहे है इस पर बच्चे के माता पिता को विचार करना चाइये क्योंकि बेहतर भविष्य के लिए अच्छी शिक्षा हासिल करना अति आवश्यक है और भारत की प्रथम शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले ने शिक्षा जगत में जो कार्य किये है उनसे हमे सीखना चाइये।

 कार्यक्रम में संभाग प्रभारी दिलीप सैनी, संभाग अध्यक्ष सुभाष सैनी, जिला अध्यक्ष अशोक सैनी, कोषाध्यक्ष  श्याम सैनी, मीडिया प्रभारी अनिल डब्बू सैनी‌, शुभम सैनी, नारायण सैनी, राकेश सैनी, गोलू सैनी, प्रह्लाद सैनी, अर्जुन सैनी, प्रेमनारायण सैनी, अमित सैनी,श्रीमती संगीता सैनी, श्रीमती चंदा सैनी,श्रीमती अंजु सैनी,श्रीमती सरिता सैनी सहित समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहें। मंच संचालन श्रीमती चंदा सैनी और रंजीत सैनी ने किया।
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बिना प्रेम किए कोई कवि नहीं हो सकता : डॉ.सुरेश आचार्य▪️पूर्व कुलपति व विधायक शिव कुमार श्रीवास्तव की स्मृति में आयोजन

बिना प्रेम किए कोई कवि नहीं हो सकता : डॉ.सुरेश आचार्य

▪️पूर्व कुलपति व विधायक शिव कुमार श्रीवास्तव की स्मृति में आयोजन




तीनबत्ती न्यूज :5 जुलाई,2023

सागर। पूरे देश में अपने उत्कृष्ट काव्य सृजन, चित्रांकन और यशस्वी व्यक्तित्व से पहचान स्थापित करने वाले सागर विश्वविद्यालय के कुलपति और सागर विधायक रहे साहित्यकार स्व.शिव कुमार श्रीवास्तव की 95 वी जन्म जयंती के अवसर पर उनके स्मरण का बहुप्रतीक्षित आयोजन पं.ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी फाउंडेशन सागर द्वारा  जे जे इंस्टीट्यूट सिविल लाइंस सागर में गरिमामय कार्यक्रम के द्वारा किया गया।

आयोजक संस्था पं.ज्वालाप्रसाद ज्योतिषी फाउंडेशन (जे जे) के सचिव आशीष ज्योतिषी ने स्वागत भाषण में स्व.शिवकुमार जी से जुड़े रोचक प्रसंग सुनाए। उन्होंने कहा कि शिवकुमार जी ने अपना संपूर्ण जीवन सागर के लिए जिया,सागर ही उनका अपना परिवार है। वे पं ज्वालाप्रसाद ज्योतिषी के राजनैतिक और साहित्यक उत्तराधिकारी थे। शिवकुमार श्रीवास्तव जी राजनीति मे साहित्य से आए थे इसलिए राजनीति में निष्कलंक रहे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार, पूर्व अध्यक्ष हिंदी विभाग, डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर डॉ सुरेश आचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा बिना प्रेम किए कोई कवि नहीं हो सकता। प्रेम के कारण उपेक्षित कवि ही अच्छा गीतकार हो सकता है। रत्नावली द्वारा गोस्वामी तुलसीदास को यदि तिरस्कृत और उपेक्षित नहीं किया गया होता तो गोस्वामी जी इतने बड़े कवि नहीं हो पाते। शिवकुमार जी के एक प्रेम गीत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रेम की तीन कोटियां हैं। पहली दैविक (आध्यात्मिक) दूसरी पौराणिक (दैहिक) और तीसरी अलौकिक (भौतिक) है। "तुम ऋचा हो,मंत्र हो या श्लोक हो" गीत तीनों श्रेणियों से अपने प्रिय के आलोक में विकीर्ण होकर  व्याप्ति चाहते हुए कवि सिद्धहस्त है और सारी परिस्थितियों में अनुकूलता की कामना करता है।


 उन्होंने आगे कहा शिवकुमार जी दिल्ली में होते तो वे निश्चित ही राष्ट्रीय स्तर के कवि गजानन माधव मुक्तिबोध के साथ परिगणित होते किंतु वह अंत तक अपनी कर्मभूमि सागर में ही रहे। सागर शहर की जनता और रचनाकार उनके द्वारा हिंदी साहित्य के प्रति महान अवदान की ऋणी है। उनका मूल्यांकन भावी पीढ़ी करेगी।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए सागर के पूर्व सांसद नंदलाल चौधरी ने स्वर्गीय श्री शिव कुमार श्रीवास्तव जी की राजनीतिक यात्रा के विभिन्न पक्षों को विस्तारपूर्वक समक्ष रखते हुए उनके साथ बिताए क्षणों को स्मृत किया और उन्हें सागर के विकास की चिंता करने वाले निश्छल व नि:स्वार्थ भावना से परिपूर्ण सच्चे व ईमानदार जन सेवक के तौर पर याद किया।


विशिष्ट अतिथि  गांधीवादी विचारक पं.शुकदेव प्रसाद तिवारी ने उनसे जुड़े अनेक संस्मरणों का विस्तार से उल्लेख करते हुए उन्हें बहुमुखी प्रतिभा के धनी,सभी वर्गों के प्रति समभाव और सम्मान रखने वाले सागर नगर के ज्योति- पुंज के रूप में स्मृत किया।
कायस्थ समाज सागर के अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने आयोजन की सराहना करते हुए उसे प्रेरणादायक कहा तथा श्रीवास्तव जी की स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने की दृष्टि से समाज द्वारा भी कार्यक्रम करने की बात कही।
प्रलेस सागर के अध्यक्ष टीकाराम त्रिपाठी ने शिवकुमार जी के साहित्यिक अवदान पर चर्चा करते हुए कहा कि वे बड़े कवि थे। गीत के अलावा छंदयुक्त और मुक्तछंद में लंबी कविताएं लिखते थे। 1951 में प्रकाशित "नई खबर" उनकी एक बहुत लंबी कविता है। उनके 10 काव्य संग्रह,दो उपन्यास, दो निबंध संग्रह, तीन बाल उपयोगी सचित्र कथा- गीत संग्रह प्रकाशित हैं। उन्होंने जागृति मासिक पत्रिका का संपादन किया।
उनके कुछ उपन्यास काव्य संग्रह, संस्मरण, निबंध अभी भी अप्रकाशित हैं। उनके व्यक्तित्व पर केन्द्रित‌ "शब्द और अर्थ की सार्थकता" प्रो.कांतिकुमार जैन ने संपादित किया था ।मैंने उनके समस्त संग्रहों पर समीक्षात्मक टिप्पणी लिखी थीं। शिवकुमार जी की कविताएं और गीत हिमगिरि प्रहरी,गीतगंध और मेरा शहर के अलावा अनेक पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित प्रसारित हैं।समाचार पत्रों में इस आयोजन की खबर पढ़कर शाहगढ़ से पधारे स्व.श्रीवास्तव के सहपाठी एडवोकेट दामोदर सेठ और विद्वान स्तंभकार सुरेंद्र श्रीवास्तव ने भी अपने संस्मरण व्यक्त किए।

      कार्यक्रम के प्रारंभ में मंचासीन अतिथियों और सभागार में उपस्थित नागरिकों ने श्रीवास्तव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रसिद्ध गायक शिवरतन यादव ने स्मृति गीत के मधुर गायन से प्रभावित किया। डॉ.महेन्द्र खरे ने श्रीवास्तव जी के जीवन परिचय का वाचन किया। कार्यक्रम का सुचारू और व्यवस्थित संचालन डॉ.नलिन जैन ने किया। म.प्र.उर्दू अकादमी भोपाल में समन्वयक शायर आदर्श दुबे ने आभार व्यक्त किया।

ये रहे मोजूद

    इस अवसर पर नगर के प्रबुद्ध नागरिकों की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही जिनमें लक्ष्मी नारायण चौरसिया, हरीसिंह ठाकुर,उमा कान्त मिश्र, आर के तिवारी,वृंदावन राय सरल, 
बी पी उपाध्याय,रमेश दुबे, अंबिका यादव, आनंद मिश्र अकेला, मुकेश तिवारी, पूरन सिंह राजपूत, संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी, हरी शुक्ला, कुंदन पाराशर, संतोष पाठक, कपिल बैसाखिया, मनोहर लाल खरे, एम. शरीफ, डॉ.अतुल श्रीवास्तव, पुष्पेंद्र दुबे कुमार सागर, ममता भूरिया,एम.डी. त्रिपाठी, मयंक चौधरी, अनिल श्रीवास्तव, महेश पाराशर, महेश अहिरवाल आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।
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