CM शिवराज बोले : " काय का सर्वे सबसे सबसे बड़ा सर्वे शिवराजसिंह चौहान है....।"

CM शिवराज बोले  : " काय का सर्वे सबसे सबसे बड़ा सर्वे शिवराजसिंह चौहान है....।"


तीनबत्ती न्यूज
नरसिंहपुर,3 जुला,2023 : नरसिंहपुर के तेंदूखेड़ा तहसील पहुंचे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी सर्वे में मध्यप्रदेश  में  बीजेपी के पिछड़ने के सवाल पर बोले काय का सर्वे सबसे सबसे बड़ा सर्वे शिवराजसिंह चौहान है....।


        


             सुने:सीएम शिवराज सिंह
          


नरसिंहपुर के तेंदूखेड़ा में आज सीएम शिवराज सिंह चौहान सबसे पहली लाडली बहनों से मिले और उसके बाद गुरु पूर्णिमा पर हीरापुर में स्वामी षणमुखानंद जी महाराज के दर्शन किए।


 इसके एक मीडिया बाईट में पत्रकार ने पूछा कि  जो सर्वे आ रहे हैं बीजेपी को पीछे बता रहे हैं उस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा  " काय का सर्वे.. कोई सर्वे अबे  सर्व सिर्फ शिवराज सिंह चौहान है !प्रदेश में  भाजपा की सरकार बड़े बहुमत से मध्यप्रदेश में बनने जा रही है । "





Share:

जनपद पंचायत के सीईओ को हजार की रिश्वत लेते पकड़ा लोकायुक्त पुलिस ने

MP: जनपद पंचायत के सीईओ को हजार की रिश्वत लेते पकड़ा लोकायुक्त पुलिस ने 

उमरिया,3 जुलाई ,2023 : मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी जनपद पंचायत उमरिया जिले की करकेली के CEO रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिवाकर नारायण पटेल को सोमवार को रीवा लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा। वे जनपद पंचायत करकेली के कार्यालय में अपने पीसीओ से दस हजार घूस ले रहे थे।लोकायुक्त निरीक्षक प्रमेंद्र कुमार ने बताया कि सीईओ के रिश्वत मांगने की शिकायत राम लखन साकेत निवासी ग्राम बररोहा पोस्ट भलुहा थाना नईगढ़ी जिला रीवा पंचायत समन्वय अधिकारी जनपद पंचायत करकेली जिला उमरिया ने की थी।


अपने आवास पर रिश्वत लेते पकड़ा गया सीईओ

दिवाकर नारायण पटेल पद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करकेली जिला उमरिया पर आरोप है कि उन्होंने राम लखन साकेत पंचायत समन्वय अधिकारी जनपद पंचायत करकेली जिला उमरिया को दस हजार रुपयों के साथ अपने सरकारी आवास पर बुलाया था। राम लखन साकेत ने इस मामले की सूचना पहले ही लोकायुक्त को दे दी थी। 


परिणाम स्वरूप लोकायुक्त ने राम लखन साकेत को सीईओ के आवास पर भेज दिया। जैसे ही राम लखन साकेत ने सीओ को 10 हजार रुपये दिए लोकायुक्त की टीम ने छापा मार दिया। सीईओ जनपद पंचायत रिश्वत वाले 10 रुपयो के साथ पकड़े गए। लोकायुक्त ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई प्रारंभ कर दी।


क्रमोन्नति एवं जीपीएफ पार्ट फाइनल स्वीकृत करने के लिए मांगे 10 हजार

जनपद पंचायत करकेली प्रांगण स्थित आरोपित सीईओ दिवाकर नारायण ने अपने शासकीय आवास पर राम लखन साकेत से क्रमोन्नति एवं जीपीएफ पार्ट फाइनल स्वीकृत करने के एवज में दस हजार रुपये मंगवाए थे। जिसकी जानकारी पहले से होने के कारण ट्रेपकर्ता अधिकारी प्रमेंद्र कुमार निरिक्षक ने ट्रेप दल के सदस्य डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार, निरीक्षक प्रमेंद्र कुमार, दो पंचसाक्षी सहित 12 सदस्यीय टीम द्वारा ट्रैप कार्रवाई की गई। इस मामले में विवेचना कार्यवाही जारी है।

_______
________

_____________________________

एडिटर: विनोद आर्य
________
+91 94244 37885

तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने
  NEW फेसबुक पेज  और ट्वीटर से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे





ट्वीटर  फॉलो करें

वेबसाईट



______________________________

Share:

नरसिंहपुर : दूल्‍हे को कंधे पर उठाकर पार करवाई नदी, रस्सी के सहारे निकले बाराती देखे: वायरल वीडियो

नरसिंहपुर : दूल्‍हे को कंधे पर उठाकर पार करवाई नदी, रस्सी के सहारे निकले बाराती 
देखे: वायरल वीडियो

तीनबत्ती न्यूज
नरसिंहपुर,3 जुलाई ,2023 । जबलपुर के एक युवक की शादी में बाढ़ इस तरह बाधा बनी कि बरातियों-ग्रामीणों को दूल्हे सहित पंडित को मंडप तक पहुंचाने खासे जतन करने पड़े । बाढ़ के पानी में डूबी नदी की पुलिया पार कराने के लिए दोनों तरफ ट्रैक्टर की मदद से मोटी रस्सी खींची गईं ।उसके बाद दूल्हे को होने वाली ससुराल में सात फेरे कराने कंधे पर उठाकर रस्सी के सहारे पुलिया पार कराई गई । तब कहीं बरातियों और वधु पक्ष के लोगाें ने राहत की सांस ली। तय मुहूर्त पर दूल्हा-दुल्हन के सात फेरे हो सके ।


मामला नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील के ग्राम नौन पिपरिया का है । जहां जबलपुर जिले के ग्राम चरगंवा निवासी मोहन पटेल की बरात आई थी । जिले में तीन दिन तक हुई जोरदार वर्षा के कारण क्षेत्र के नदी-नाले उफना रहे थे । मोहन की शादी कीर्ति पि‍ता मूरतसिंह पटेल से होनी थी।
           देखे:वायरल वीडियो




नौन पिपरिया गांव के मुख्य मार्ग की पुलिया भी डूब गई थी । बैंडबाजों के साथ आई बरात ने पहले तो बाढ़ कम होने का इंतजार किया, लेकिन जब काफी देर तक बाढ़ में कोई अंतर नहीं दिखा तो फिर शादी के मुहूर्त की चिंता करते हुए किसी तरह दूल्हे को दुल्हन के घर पहुंचाने के जतन-जुगाड़ किए जाने लगे ।गांव के लोगों ने दूल्हे की तय समय पर शादी कराने के लिए दो ट्रैक्टरों का जुगाड़ किया और उन्हें दोनों तरफ खड़े कर मोटी रस्सी बांधी गईं ।


दूल्‍हे को कंधे पर उठाकर रस्सी के सहारे पुलिया पार कराई और इसी तरह पंडित व अन्य बरातियों को भी सुरक्षित दुल्हन के घर तक भिजवाया । इसी तरह विवाह के बाद दूल्हा-दुल्हन व बरातियों को भी फिर से पुलिया पार कराई।


गांव में पहली बार इस तरह से दूल्हा-दुल्हन को पुलिया पार कराते हुए कुछ लोगों ने वीडियो भी बनाया और अब यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रसारित हो रहा है । जिसे देख लोग यह भी कह रहे हैं कि शादी तो तय मुहूर्त पर जरूरी है, लेकिन जान का जोखिम उठाकर इस तरह से निकलना भी ठीक नहीं है ।




Share:

MP : NSUI के 52 जिला अध्यक्षों की घोषणा ▪️देखे : सूची


MP :  NSUI  के 52 जिला अध्यक्षों की घोषणा 
▪️देखे : सूची



भोपाल,3 जुलाई ,2023 । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने जिला अध्यक्षों (NSUI District Presidents) की नियुक्ति की है। लंबी जद्दोजहद के बाद प्रदेश के 52 जिलों के अध्यक्षों की लिस्ट जारी की गई है। अक्षय तोमर को भोपाल का जिला अध्यक्ष बनाया गया है। इंदौर में रजत पटेल को जिला अध्यक्ष की कमान मिली है। जबलपुर से सचिन रजक और ग्वालियर में पवन शर्मा को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सागर में अक्षत कोठारी को बनाया है। 




NSUI के प्रदेश प्रभारी नीतीश गौर ने यह लिस्ट जारी की है। इस नई लिस्ट में जबलपुर और ग्वालियर के जिलाध्यक्ष के नाम बदले गए हैं। इस सूची में 28 से अधिक उम्र वालों को भी जगह मिली है। बता दें कि करीब 1 महीने पहले लिस्ट जारी करने के बाद होल्ड किया गया था।


 उम्र को लेकर पहली लिस्ट होल्ड की गई थी। होल्ड के बाद दोबारा लिस्ट जारी की गई है। प्रदेश के सीहोर, हरदा, अनूपपुर, सतना, नीमच के जिला अध्यक्षों की उम्र 30 वर्ष से अधिक है।
Share:

MP: एक मुख्य नगर पालिका अधिकारी, 2 उप यंत्री सेवा से बर्खास्त▪️एक मुख्य नगर पालिका अधिकारी और प्रभारी कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध भी दीर्घ-शास्ति का निर्णय

MP: एक मुख्य नगर पालिका अधिकारी, 2 उप यंत्री सेवा से बर्खास्त

▪️एक मुख्य नगर पालिका अधिकारी और प्रभारी कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध भी दीर्घ-शास्ति का निर्णय

भोपाल : 2 जुलाई, 2023
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि अनूपपुर जिले की नवगठित परिषद डोला, डूमरकछार, वनगवां और शहडोल जिले की नगर परिषद बकहो में नियम विरूद्ध कर्मचारियों के संविलियन करने की विभागीय जाँच के बाद श्री विकास चन्द्र मिश्रा तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, श्री संदीप सिंह उरैती तत्कालीन उप यंत्री और श्री अजीत रावत तत्कालीन उप यंत्री को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही आर्थिक क्षति की राशि की वसूली के भी निर्देश दिये गये हैं। मंत्री श्री सिंह ने कहा है कि किसी भी स्तर पर अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 

श्री जयदीप दीपांकर तत्कालीन मुख्य पालिका अधिकारी और श्री राकेश तिवारी तत्कालीन कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध भी विभागीय जाँच के बाद दीर्घ-शास्ति का निर्णय लिया गया है। इनका प्रकरण परामर्श के लिये मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा जा रहा है। 
तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री मिश्रा और तत्कालीन उप यंत्री श्री संदीप उरैती के कार्यों सेi निकायों को हुई आर्थिक क्षति की कुल राशि 2 करोड़ 55 लाख में से अनुपातिक राशि की वसूली की जायेगी। साथ ही उप यंत्री श्री रावत से भी आर्थिक क्षति की कुल राशि 65 लाख में से अनुपातिक राशि की वसूली की जायेगी। 

उल्लेखनीय है कि नगर परिषद बकहो, डोला, डूमरकछार एव वनगवां में पंचायतकालीन 3 संविदा कर्मियों एवं 246 मानदेय कर्मियों के नियम विरूद्ध संविलियन के लिए उत्तरदायी पाये गये श्री मकबूल खान तत्कालीन संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास संभाग शहडोल को विभागीय जाँच के बाद 30 दिसंबर 2022 को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। साथ ही इन निकायों को हुई आर्थिक क्षति की कुल 3 करोड़ 20 लाख में से अनुपातिक राशि भी श्री खान से वसूल करने के निर्देश दिये गये थे। 
                                                                                                
Share:

महापुरुषों की जीवन यात्रा हमें सफलता का मार्ग दिखाती है: मंत्री भूपेंद्र सिंह▪️खुरई के 40 टापर विद्यार्थियों को स्कूटी खरीदने राशि मिलेगी, निशुल्क कोचिंग फिर शुरू होगी▪️ मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान समारोह

महापुरुषों की जीवन यात्रा हमें सफलता का मार्ग दिखाती है: मंत्री  भूपेंद्र सिंह

▪️खुरई के 40 टापर विद्यार्थियों को स्कूटी खरीदने राशि मिलेगी, निशुल्क कोचिंग फिर शुरू होगी

▪️ मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान समारोह 



खुरई, 2 जुलाई ,2023 : युवाओं को ऐसे व्यक्तित्वों को पढ़ना चाहिए जिनका ज्ञान और अनुभव जीवन की सर्वोच्च ऊंचाइयों पर पहुंचाए। हमारे महापुरुषों की जीवन यात्रा से हमें सफलता का मार्ग मिलता है। आपके रोल मॉडल स्वामी विवेकानंद, स्व एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी होने चाहिए। यह उद्गार नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने यहां मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहे। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि सरकार की घोषणा के अनुसार खुरई विधानसभा क्षेत्र की स्कूलों के 40 टॉपर बच्चों के बैंक खातों में इसी माह स्कूटी खरीदने के लिए 1.50 लाख की राशि डाली जाएगी और इसी महीने से निशुल्क कोचिंग और कैरियर काउंसलिंग का कार्य भी आरंभ किया जाएगा।



    मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने विद्यार्थियों से संबोधन में कहा कि परिश्रम और संघर्ष से मिली सफलता का ही जीवन में सदुपयोग होता है और सम्मान होता है। शिक्षा का गरीबी और अमीरी से संबंध नहीं है। डॉ आंबेडकर, डॉ हरीसिंह गौर और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की जीवन यात्रा और सफलताएं हमारे सामने उदाहरण की तरह हैं। डा आंबेडकर विदेश में शिक्षा के दौरान लाइब्रेरी में सभी भाषाओं की पुस्तकें पढ़ते थे, पूछने पर कहते कि मुझे सारा ज्ञान प्राप्त करना है। वे शिक्षा और ज्ञान से भारत जैसे महान लोकतंत्र के संविधान निर्माता बने। वे लालबहादुर शास्त्री जी से संस्कृत में बात करते थे। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि खुरई में 3 करोड़ की लागत से बने डा अम्बेडकर म्यूजियम को देखने आप सभी विद्यार्थियों को अवश्य जाना चाहिए। एक गरीब और वंचित परिवार में जन्म लेकर शिक्षा से किस ऊंचाई पर पहुंचा जा सकता है यह डा अम्बेडकर के जीवन से सीखा जा सकता है।



     मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मां ने दूसरों के घरों में काम करके अपने बच्चों को पढ़ाया, संस्कार दिए। श्री मोदी जी स्वयं स्टेशन पर चाय बेच कर संघर्ष से आगे बढ़े और आज विश्व के सबसे सम्मानित नेता हैं। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि हाल ही की अमेरिका यात्रा में प्रधानमंत्री श्री मोदी के भाषण के दौरान वहां के सांसदों ने 15 बार हर्षध्वनि और खड़े होकर सम्मान दिया। कुछ देशों के राष्ट्राध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी जी के आदर में भारतीय संस्कृति के अनुरूप उनके चरणस्पर्श करते हैं। यह सम्मान ज्ञान, संस्कार और संघर्ष से उन्होंने अर्जित किया। 

                  मंत्री भूपेंद्र सिंह


मंत्री श्री सिंह ने बताया कि इसी प्रकार सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डा हरीसिंह गौर की संघर्ष पूर्ण जीवन यात्रा रही। बंडा तहसील के चील पहाड़ी गांव के गरीब परिवार में जन्म लेकर हरीसिंह गौर ने स्कालरशिप लेकर बेरिस्टर की उपाधि प्राप्त की और एक समय दुनिया के सबसे बड़े कानूनविद का रुतबा हासिल किया। विदेशी उद्योगपति उनसे केस लड़वाने के लिए उनकी तौल का रुपया देने तैयार रहते थे। डा गौर ने जीवन भर खूब कमाया और उस पूरी कमाई से अपनी मातृभूमि के गरीब वंचित विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के लिए विश्व का सबसे सुंदर सागर विश्वविद्यालय बनाया जिससे लाखों विद्यार्थियों का जीवन बदल गया।



     मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि भारत आज प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है। उन्होंने देश में 360 नये विश्वविद्यालय बनाए हैं। प्रधानमंत्री ने देश के हर जिले में मेडीकल कालेज खोलने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में काम आरंभ कर दिया। आज देश में 10 लाख डाक्टर और 15 लाख नर्सिंग स्टाफ की कमी दूर करने का काम प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आरंभ किया। चिकित्सा क्षेत्र का यह ऐसा अभाव था जो कांग्रेस के 60 साल के शासनकाल में पैदा हुआ था। आज मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने मेडीकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में भी कर सकने की व्यवस्था कर दी है जिससे हिंदी मीडियम और सरकारी स्कूलों के बच्चे भी सुगमता से डाक्टर इंजीनियर बन सकें। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि हाल ही में बीना के एक गांव से जिस एक विद्यार्थी ने आईएएस की परीक्षा में सफलता हासिल की है वह सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से पढ़ कर निकला विद्यार्थी है। उन्होंने कहा कि खुरई क्षेत्र का शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान बनाने के लिए वे संकल्पित हैं। यहां गढ़ौला जागीर जैसे एससीएसटी बहुल गांव और बांदरी में दो सीएम राइज स्कूलें बनाई गई हैं। 38 करोड़ की लागत के ये स्कूल सेंट्रल स्कूलों की तरह  आधुनिक और सुविधायुक्त हैं। खुरई में कृषि महाविद्यालय खोलना और खुरई पालीटेक्निक कालेज में 7 करोड़ की लागत से नये व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को आरंभ किए जाने की स्वीकृति इसी लक्ष्य के तहत है। उन्होंने कहा कि यह स्किल का युग है। दुनिया के 90 प्रतिशत रोजगार स्किल्ड युवाओं के लिए ही उपलब्ध हैं।



जिला कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह जी ने खुरई क्षेत्र का समावेशी विकास किया है। उन्होंने बेहतर शिक्षा की व्यवस्था की ही है साथ ही वहां से निकल रहे विद्यार्थियों के प्रोत्साहन और कैरियर का भी वे ध्यान रखते हैं। कलेक्टर श्री आर्य ने विद्यार्थियों से कहा कि आपने अच्छा प्रदर्शन किया है इसलिए आप इस समारोह में हैं। जब लौटें तो भविष्य में अपने उन साथियों का भी भरपूर सहयोग करें जो आपसे पीछे रह गये। उन्होंने कहा कि आज के युग में नये नये अनुप्रयोग सामने आ रहे हैं, इसलिए अपने लक्ष्य तय करें साथ ही लक्ष्यों को नये अनुप्रयोगों के अनुरूप लचीला भी बनाए रखें। श्री आर्य ने बताया कि सागर के पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी ने एसपी बनने से पहले इंदौर के आईआईएम से डिग्री हासिल की है इसलिए उनका अनुभव आपके लिए महत्वपूर्ण है।
 
      युवा पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी ने विद्यार्थियों को अपने अनुभव बताते हुए कहा कि आप सभी अपने स्कूल कालेजों के टापर्स हैं। आपको दिशा बोध हो चुका है और ज्ञान की ताकत का पता भी लग चुका है। अब आपके और आपके लक्ष्य के बीच दृढ़ निश्चय और प्रयास की दूरी है। अब राष्ट्र निर्माण में आपको अपनी भूमिका तय करना है। आप सब कुछ अचीव कर लेंगे पर इसके साथ साथ आपको एक बेहतरीन इंसान भी बनना है।

युवा नेता अविराज सिंह ने अपने प्रभावी उद्बोधन में उपस्थित विद्यार्थियों से बहुत प्रशंसा बटोरी। अविराज सिंह ने कहा कि हमारी एजूकेशन से ही हमारे स्किल और नालेज बढ़ते हैं और डायरेक्शन मिलता है। ज्ञान बड़ी ताकत है। अविराज ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का उदाहरण देते हुए कहा कि नेताजी सुभाष स्टूडेंट काउंसिल के हेड थे। कालेज एडमिनिस्ट्रेशन ने उन्हें यह कह कर निकाला कि तुम जीवन में कुछ नहीं कर सकते। उन्हीं सुभाष जी ने ब्रिटेन की सबसे बड़ी सरकारी सेवा आईसीएस की परीक्षा सात साल के बजाए सात माह की तैयारी में निकाली और ब्रिटिशर्स को पीछे छोड़ते हुए चौथी रैंक हासिल की थी। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में जो योगदान दिया वह तो महान इतिहास है।


                  अबिराज सिंह


 अविराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद बचपन से ही मेरे आदर्श पुरुष हैं, मैं सरदार वल्लभ भाई पटेल से देशभक्ति सीखता हूं, महाराणा प्रताप से मातृभूमि के प्रति सम्मान सीखता हूं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से बड़े संकल्पों को साकार करना सीख रहा हूं और अपने पिता श्री भूपेंद्र सिंह से जनसेवा के लिए समर्पण का भाव सीख रहा हूं।

      समारोह में खुरई विधानसभा क्षेत्र के सभी स्कूलों व कालेजों के मेधावी बच्चों को ट्रॉफी और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन गढ़ौला जागीर सीएम राइज स्कूल के शिक्षक आर एस शर्मा ने किया। कार्यक्रम में कलेक्टर,एस पी सागर, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती नन्हीं बाई अहिरवार, एसडीएम मनोज चौरसिया, एसडीओपी सुमीत केरकट्टा, हेमचंद्र बजाज, विकास समैया, मूरतसिंह ,प्रवीण जैन, हरीसिंह कुशवाहा, जनपद अध्यक्ष जमना प्रसाद अहिरवार, मनोज दुबे, एन एस ठाकुर, श्यामलाल ठाकुर, देशराज यादव, उपाध्यक्ष राहुल चौधरी, राजेंद्र सिंह नड्डा, ओमप्रकाश घोरट, नीतिराज पटेल, बलराम यादव, सुनील जैन गढ़ौला, जितेंद्र सिंह धनौरा, जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक, डीपीसी गिरीश मिश्रा, अमित मिश्रा ,खुरई बीईओ जेड इक्का, मालथौन बीईओ जीपी अहिरवार, रश्मि सोनी, सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, अभिभावक व विद्यार्थी उपस्थित थे।

प्रजापति एवं रैकवार समाज के सामुदायिक भवन का लोकार्पण
 
 खुरई के विकास में प्रजापति समाज के योगदान को आजीवन नहीं भुलाया जा सकेगा। आडिटोरियम, पार्क जैसे बड़े विकास कार्यों के लिए प्रजापति समाज ने भूमि छोड़ने की सहमति दे कर हमें अपना ऋणी बना लिया है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने यह उद्गार यहां आयोजित प्रजापति समाज व रैंकवार समाज के सामुदायिक भवनों के लोकार्पण समारोह में व्यक्त किए हैं।


     खुरई आडिटोरियम के निकट प्राइम लोकेशन पर 1.10 करोड़ की लागत से निर्मित इन दो सामुदायिक भवनों के लोकार्पण समारोह में मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने घोषणा की है कि तालाब सौंदर्यीकरण कार्य के चलते इस वर्ष मछली पालन नहीं कर सके रैंकवार समाज के लोगों से खुरई नगरपालिका द्वारा इस वर्ष का लीज रेंट नहीं लिया जाएगा। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रजापति समाज ने शहर के विकास को ध्यान में रख कर अपना वर्षों का कारोबार विस्थापित करने की सहमति देना बड़ा योगदान है जिसका हम सभी अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम वचन देते हैं कि आपके सुख दुख में सदैव आपके साथ खड़े रहेंगे। प्रजापति समाज की मांग पर भगवान दक्ष की प्रतिमा लगाए जाने का कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा तथा प्रजापति समाज को ईंट भट्टे के लिए आवंटित जमीन में जलभराव के कारण अन्यत्र जमीन आवंटित की जाएगी। रैंकवार समाज के सामुदायिक भवन में वैवाहिक समारोहों के लिए बड़ा शेड बनाने और प्रजापति समाज के सामुदायिक भवन में रसोई के लिए शेड निर्माण के निर्देश मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने सीएमओ को दिए उन्होंने कहा कि ये दोनों सामुदायिक भवन सबसे बड़े पार्क, तालाब और आडिटोरियम के सामने करोड़ों रुपए क़ीमती खूबसूरत लोकेशन पर बने हैं। इनके रखरखाव और नियमित सदुपयोग के लिए समाज अपने योग्य लोगों की समितियां बनाएं और समाज की शिक्षा और उत्थान के कार्यों में इसका उपयोग करें।
 

     मंत्री श्री सिंह ने रैंकवार समाज व प्रजापति समाजों के दोनों कार्यक्रमों में समाजजनों को मृत्यु भोज की प्रथा बंद करने, शराब का सेवन त्यागने और समाज की बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए सामाजिक पहल करने का आह्वान किया। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि खुरई ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां लगभग सभी समाजों के सुविधा संपन्न सामुदायिक भवनों का निर्माण किया गया है। गुसांई समाज का भवन शेष है जिसका कार्य शीघ्र आरंभ होगा और जो भी समाज रह गये हैं उनके भी सामुदायिक भवन बनाए जाएंगे। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि समाज के छोटे बड़े आयोजनों के लिए आयोजन स्थल की तलाश, खर्चों से बचा जा सकेगा और समाजों में समन्वय व पारस्परिक सौहार्द स्थापित होगा।


प्रजापति समाज के सामुदायिक भवन के लोकार्पण समारोह में विकास प्रजाप्रति, कपिल प्रजापति, प्रेमनारायण प्रजापति, अंकुश प्रजापति, बंटी प्रजापति, विवेक प्रजापति, अमित प्रजापति, राहुल प्रजापति, संतोष प्रजापति, सचिन प्रजापति, शुभम प्रजापति, कोमल प्रजापति, बालकिशन प्रजापति, विजय, राजू, सोनू, अनिल, मोहन, लकी, भागीरथ, हेमराज, भगवानदास, कन्छेदी, मोतीलाल, कैलाश, रमेश, रज्जू, निरपत, उपस्थित थे।


रैंकवार समाज के सामुदायिक भवन के लोकार्पण समारोह में रम्मू रैकवार, राजेश रैकवार, रवि रैकवार, विश्वनाथ रैकवार, कपिल रैकवार, राकेश रैकवार, बल्देव रैकवार, राजू रैकवार, संजू रैकवार, सूरज रैकवार, भगुन्तराम रैकवार, हरगोविन्द रैकवार, अंजू रवि रैकवार, मथरा प्रसाद रैकवार, श्यामलाल रैकवार, गब्बर रैकवार उपस्थित थे।






Share:

1130 भू -अधिकार पत्रों का मंत्री गोपाल भार्गव ने किया वितरण

1130 भू -अधिकार पत्रों का मंत्री गोपाल भार्गव ने किया वितरण



सागर 02 जुलाई 2023
       जिले के गढ़ाकोटा में आज दमोह रोड स्थित नटराज आडिटोरियम में मध्य प्रदेश शासन के राजस्व विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री आवासीय योजना अंतर्गत भू- अधिकार पत्र (पट्टा) वितरण कार्यक्रम समारोह पूर्वक आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव उपस्थित थे।
     कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वारा  श्री गणेश का पूजन कर शुभारंभ किया गया। पट्टा वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार जनहितैषी योजना अंतर्गत ग्रामो में जिन परिवारों के लिए घर बनाने के लिए बिल्कुल भी जमीन नहीं है ऐसे उन असहाय व्यक्तियों शासन द्वारा 60 वर्ग मीटर लगभग 600 वर्ग फुट कि शासकीय भूमि का आवासीय पट्टा जा रहा है।  गढ़ाकोटा तहसील अंतर्गत 112 ग्रामों से प्रथम फेस में 4663 आवेदन पट्टा हेतु प्राप्त हुए जिनकी जांच उपरांत 1130 पात्र व्यक्तियों को आवासीय पट्टो का वितरण आज किया गया है।


      श्री भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार हर सुख दुख में सभी साथ खड़ी है पूर्व के समय में पट्टा बनबाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता था। लोगों के जूते चप्पल तहसील के चक्कर लगाते लगाते घिस जाते थे। लेकिन  सरकार ने आनलाइन आवेदन करो और पट्टा अपने हाथ में लो के माध्यम से लोगों को कहीं भी चक्कर लगाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ रहा है । कई लोगों ने सरकारी जमीन पर अपने घर बना लिए हैं लेकिन वो वैध तभी होंगे जब उनके हाथों में आवासीय पट्टा होगा।
     श्री भार्गव ने कहा जिन लोगों को पट्टा प्रदाय किए गए वो बैंक से लोन भी ले सकते हैं और चाहे तो आवासीय योजना का लाभ भी ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि 20 वर्षों पूर्व मैंने क्षेत्र में ऐसे मुफलिसी के दिन देखे हैं जब न तो क्षेत्र में सड़क थी और नहीं नदियों पर पुल पुलिया थे।लोग ग्रामीण क्षेत्रों से अपने हाथों से जूते और धोती लेकर कीचड़ हुए गढाकोटा मुख्यालय तक आते थे। सरकार ने किसानों के लिए प्रतिवर्ष 12000 हजार रूपए सम्मान निधि के रूप में एवं लाड़ली बहनों के लिए अभी 1000 हजार आगे 3000 योजना देने योजना बनाई है आज रहली विधानसभा क्षेत्र ऐसा भी कोई गांव नहीं है जहां आवागमन कि सुविधा में पक्के पुल पुलिया न हो। संपूर्ण क्षेत्र में मेरे द्वारा पक्की सड़कों का जाल बिछा दिया गया है लोग आसानी से तहसील मुख्यालय से 20 मिनट में आ जा सकते हैं। मध्यप्रदेश सरकार  आते ही क्षेत्र करीब 10 हजार पुल,सड़क,सामुदायिक भवन,पुलिया,नाले जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए जन उपयोगी विकास कार्य किए हैं।
      इस अवसर पर अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के लिए378, अनुसूचित जनजाति के लिए157,पिछड़ा वर्ग 481एवं सामान्य वर्ग के लोगों को 39 कुल 1130 हितग्राहियों को आवासीय पट्टो का वितरण किया गया है। कार्यक्रम में एसडीएम गोविंद दुबे, तहसीलदार कुलदीप पारासर,सुरेश कपस्या,संजय दुबे, हरिनारायण पटेल,बसंत यादव, संतोष पटेल,भरत सेमरा,महेश कोरी,रमेश मिश्रा आमीन अली सहित गणमान्य नागरिक व राजस्व विभाग के सभी कर्मचारी मौजूद रहे।
Share:

गुरू पूर्ण‍िमा में क्यों याद आते हैं रजनीश और मग्गा बाबा▪️पंकज स्वामी

गुरू पूर्ण‍िमा में क्यों याद आते हैं रजनीश और मग्गा बाबा

▪️पंकज स्वामी



तीनबत्ती न्यूज : 02 जुलाई 2023

गुरू पूर्ण‍िमा को पूरे विश्व में रजनीश (ओशो) के भक्त व अनुयायी उन्हें याद करेंगे। जब ओशो अपने भौतिक शरीर में थे तो यह गुरु पूर्णिमा उत्सव दुनिया भर के ओशो शिष्यों द्वारा विशेष रूप से मनाया जाता था और यह परंपरा अभी भी जारी है।  ओशो 1990 में भौतिक शरीर छोड़ गए लेकिन उनके निधन के 33 साल बाद भी श‍िष्य व भक्त उन्हें गुरू पूर्ण‍िमा के दिन महसूस कर सकते हैं। श‍िष्य व भक्त इस दिन ओशो की ऊर्जा और ध्यान से भरे हुए होते हैं। गुरू पूर्ण‍िमा के दिन रजनीश के श‍िष्य व भक्त उनका स्मरण करते हैं। क्या रजनीश को किसी ने जीवन में नई दिशा दी ? क्या रजनीश किसी से प्रभावित हुए ? यहां इन प्रश्नों का उत्तर है। जबलपुर में मग्गा बाबा ने रजनीश को नई दिशा दी और रजनीश बाबा से प्रभावित हुए।



कौन थे मग्गा बाबा

 मग्गा बाबा जबलपुर के स्थायी वाश‍िन्दे नहीं थे। वे जबलपुर में 10-15 साल तक रहे और शहर की सड़को में घूमते रहे। बाबा हाथ में एक डिब्बा थामे रहते थे। यह ड‍िब्बा मग की भांति था। उनका असली नाम कोई नहीं जानता था। हाथ में मग थामे रखने से लोग उन्हें मग्गा बाबा के नाम से पुकारने लगे थे। जब भी कोई उनका नाम पूछता तो वे मग चमका देते थे। उस समय जबलपुर में लोग मग्गा बाबा को घेरे रखते थे। हद तो यह हो जाती थी कि लोग अपने स्वार्थ में मग्गा बाबा को सोने तक नहीं देते थे। बताया जाता है कि मग्गा बाबा निवाड़गंज में किराना बाजार की दुकानों के छप्पर पर सोते थे। 


बाबा जब आराम की मुद्रा में नीम के पेड़ के नीचे होते तब असंख्य महिला पुरूष उनके हाथ पैर दबाते और मालिश करते। रिक्शे वालों में उन्हें सड़क पर घुमाने की होड़ लगी रहती थी। बाबा के लब पर चार-चार बीड़ी खुसी हुई रहती थी। कई बार लोग उनसे बात करने की कोश‍िश करते वे मौन हो जाते या कुछ अज़ीब भाषा में बोलते जिसे लोग उनकी बातों को समझ ही नहीं पाते थे। वे भाषा का प्रयोग बिल्कुल नहीं करते थे। बाबा सिर्फ आवाज लगाते थे। उदाहरण के लिए-"हिग्गलाल हू हू हू गुल्लू हिग्गा ही ही।" फिर वह प्रतीक्षा करते और फिर पूछते-"ही ही ही?" तब लोगों को ऐसा महसूस होता जैसे वे पूछ रहे हैं- "क्या आप समझ गए?" और लोग कहते-और "हाँ, बाबा, हाँ।" बाबा अपने मग्गे में जो मिलता जाता उसे सान कर खा लेते थे। बाबा को बिना मांगे लोग इकन्नी, दुअन्नी, पांच व दस पैसे देते थे। बाबा इनको हथेली में एक के ऊपर एक रखते और जो चिल्लर सरक जाती उसे वे हवा में उछाल दिया करते थे।

मग्गा बाबा ने सिर्फ एक बार बातचीत में क्या कहा था रजनीश से

मग्गा बाबा ने केवल एक बार रजनीश से बात की थी। यह बात उस समय की गई थी जब वे रजनीश से बात तो करना चाहते थे लेकिन कुछ लोग नहीं चाहते थे कि मग्गा बाबा व रजनीश के बीच में कोई बातचीत हो। जबलपुर में कई बार ऐसा भी हुआ कि भीड़ का एक समूह ने मग्गा बाबा को जबर्दस्ती अगवा कर अपने साथ ले जाता था। एक दिन में उनके न दिखने पर दूसरा समूह बाबा को दूंढ़ कर सामने ला देता था। लेकिन एक बार मग्गा बाबा जो गायब हुए उसके बाद जबलपुर में कभी नहीं दिखे। मग्गा बाबा ने गायब होने से पहले एक रात पूर्व रजनीश से कहा था- ‘’हो सकता है कि मैं आपको एक फूल के रूप में विकसित न देख सकूं, लेकिन मेरा आशीर्वाद आपके साथ रहेगा। यह संभव है कि मैं वापस नहीं आ पाऊंगा। मैं हिमालय की यात्रा की योजना बना रहा हूं। मेरे ठिकाने के बारे में किसी को कुछ मत बताना। रजनीश ने कहा था कि जब उन्होंने मुझे यह बात बताई तो वे बहुत खुश थे। रजनीश स्वयं भी प्रसन्न हुए कि मग्गा बाबा हिमालय की ओर जा रहे हैं। मग्गा बाबा ने रजनीश को बताया कि हिमालय उनका घर है। रजनीश ने मग्गा बाबा को जीसस, बुद्ध, लाओत्से की श्रेणी में रखा था।

रजनीश उनके आशीर्वाद किस रूप में देखते हैं -

रजनीश ने कहा कि मग्गा बाबा निःसंदेह मौन की भाषा सबसे अधिक जानते थे। वह लगभग जीवन भर चुप रहे। दिन में वह किसी से बात नहीं करता थे, लेकिन रात में वह मुझसे तभी बात करते थे जब मैं अकेला होता था। उनके कुछ शब्द सुनना एक ऐसा आशीर्वाद था जिसे व्यक्त करना मुश्क‍िल है। मग्गा बाबा ने अपने जीवन के बारे में कभी कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने जीवन के बारे में बहुत कुछ कहा। वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने रजनीश से कहा-"जीवन जितना दिखता है उससे कहीं अधिक है। उसके रूप को देखकर न्याय न करो, परन्तु उन घाटियों की गहराई में उतरो, जहां जीवन की जड़ें हैं।‘’ मग्गा बाबा अचानक बोलते और अचानक वह चुप हो जाते थे। वह उनका तरीका था। उन्हें बोलने के लिए राजी करने का कोई उपाय नहीं था। रजनीश ने कहा कि वह किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं देते थे और हम दोनों के बीच की बातचीत एक परम रहस्य थी। इसके बारे में किसी को पता नहीं था। रजनीश को मग्गा बाबा के एक एक शब्द शुद्ध शहद की तरह लगते थे इतने मीठे और अर्थ से भरे हुए। रजनीश ने कहा था कि मुझे कई अजीबोगरीब लोगों से प्यार करने का सौभाग्य मिला है। मग्गा बाबा मेरी लिस्ट में पहले नंबर पर हैं।


रजनीश मग्गा बाबा से कब मिलते थे

रजनीश मग्गा बाबा के पास रात के अंधेरे में जाते थे। समय होता था रात के दो बजे। जाड़े की रात में आग के पास वे अपने पुराने कम्बल में लिपटे रहते। रजनीश थोड़ी देर उनके पास बैठ जाते। रजनीश कहते थे कि उन्होंने मग्गा बाबा को कभी परेशान नहीं किया। यही एक कारण था कि मग्गा बाबा रजनीश को बहुत प्यार करते थे।  बीच-बीच में ऐसा होता कि वे करवट बदलते, आंखें खोलकर रजनीश को वहां बैठा देखते और अपनी मर्जी से बातें करने लगते।
*मग्गा बाबा ने रजनीश को क्या चेतावनी दी थी*-1981 और 1984 के बीच ओरेगॉन में ओशो ने 1.315 दिनों तक मौन की एक समान अवधि देखी, जो उनके ज्ञानोदय के बाद की अवधि में मौन दिनों की संख्या के समान थी। ओशो ने संकेत दिया है कि जबकि मग्गा बाबा ने वास्तव में उन्हें पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, साथ ही उन्होंने ओशो को चेतावनी दी कि वे अपने ज्ञान की घोषणा न करें क्योंकि इससे उनके श्रोताओं के बीच विरोध पैदा होगा। ओशो ने सार्वजनिक रूप से अपने ज्ञान को तब तक स्वीकार नहीं किया जब तक उन्होंने नवंबर 1972 में क्रांति को नहीं बताया। एक साल से अधिक समय के बाद जब उन्होंने अपना नाम भगवान श्री रजनीश में बदल लिया था और अपनी कठिन और कभी-कभी जीवन को खतरे में डालने वाली यात्राओं को रोक दिया था।



_____________________________

एडिटर: विनोद आर्य
________
+91 94244 37885

तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने
  NEW फेसबुक पेज  और ट्वीटर से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे





ट्वीटर  फॉलो करें

वेबसाईट



______________________________

Share:

Archive