बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के उन्नयन को मिले 300 करोड़ , विधायक शैलेंद्र जैन ने कंसल्टेंट के साथ की बैठक
सागर। विधायक शैलेंद्र जैन ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पहुंचकर वहां पर डीन डॉ आर एस वर्मा, अधीक्षक डा एस के पिप्पल, पी आई यू के ईई जितेंद्र तिवारी एवं भोपाल से पधारे कंसल्टेंट की टीम के साथ बैठक की।उल्लेखनीय है की लगभग 300 करोड़ रूपए की लागत से 250 एमबीबीएस एवं अतिरिक्त 85 पीजी सीटों के लिए बनने वाले हॉस्पिटल बिल्डिंग, हॉस्टल,सेमिनार हाल एवं अन्य निर्माण कार्यों के लिए कंसल्टेंट ने अपनी टीम के साथ प्रेजेंटेशन रखा। इस उन्होंने उपस्थित अधिकारियों के साथ कंसल्टेंट की प्लानिंग को देखा और स्पॉट पर जाकर उसकी प्लानिंग डिस्कस की।
सागर विधायक शैलेंद्र जैन के प्रयासों से प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री म विश्वास सारंग द्वारा सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के उन्नयन के लिए एमबीबीएस की सीटों की संख्या 100 से बढ़ाकर ढाई सौ कर दी है जिसके लिए कैबिनेट में 200 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत कर दी है इसी के साथ पीजी कोर्स के लिए भी 85 सीटों की वृद्धि हुई है जिसके लिए 100 करोड रुपए की स्वीकृति अलग से की गई है
विधायक ने अपने उद्बोधन में कहा कि सागर का बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज हिंदुस्तान का शायद पहला मेडिकल कालेज होगा जिसमे एक साथ उन्न्यन के लिए 300 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हुई हैं। एमबीबीएस की यूजी कार्य के लिए लगभग 200 करोड़ रुपए की लागत से वर्तमान हॉस्पिटल ब्लॉक का रिनोवेशन और 750 बेड से बढ़ाकर 1150 बेड का विस्तार किया जाएगा इसके लिए आवश्यक संसाधन उपकरण एवं भवन की व्यवस्था की जाएगी। फिजियोथैरेपी चिकित्सा के लिए नवीन भवन का निर्माण, 4 नए लेक्चरर हाल एवं 12 नए क्लास रूमों का निर्माण किया जाएगा, कैंटीन का निर्माण, लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल का निर्माण इस राशि के अंतर्गत किया जाएगा। इसके अलावा पीजी कोर्स के लिए वर्तमान हॉस्पिटल ब्लॉक में पीजी एरिया का निर्माण किया जाएगा इसी तरह मेडिकल कॉलेज ब्लॉक में भी पीजी एरिया का निर्माण किया जाएगा पीजी के मेल एवं फीमेल विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे, फार्मा कॉलोजी का नया पीजी ब्लॉक का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमे बहुत बड़ी राशि प्राप्त हुई है अब हमारा दायित्व है कि इस राशि का सदुपयोग करें।
हम सभी बीएमसी व्यवस्थाओं को ठीक करने की दिशा में काम कर रहे हैं सीताराम रसोई एवं शहर के गणमान्य लोगों के सहयोग से हम बीएमसी की व्यवस्थाओं को सुधारने का कार्य कर रहे हैं इस दिशा में बीएमसी का प्रबंधन भी काफी मदद कर रहा है, बीएमसी की सबसे बड़ी समस्या टॉयलेट की है यह मेरा तीसरा निरीक्षण है जिसमे में अपने पिछले निर्देशों का परिपालन संबंधित एजेंसी से मांगता हूं काफी कुछ सुधार हुआ है सफाई व्यवस्था ठीक हुई है खुले हुए नलों में टोंटिया लगाई जा रही है टॉयलेट को व्यवस्थित किया जा रहा है और असामाजिक तत्वों पर सख्ती की जा रही है,
उन्होंने स्पॉट पर जाकर भी पूरी टीम के साथ प्लानिंग डिस्कस की हॉस्पिटल बिल्डिंग के निरीक्षण के दौरान खिड़कियों पर लगी शीट को अलग कर वहां पर पीक दान रखने के निर्देश दिए। सफाई व्यवस्था को और भी दुरुस्त करने के उद्देश्य से 8 नई मशीनें आ गई है उन्होंने उसका भी निरीक्षण किया, सीटी स्कैन, एमआरआई की जांच के लिए रेडियोलॉजी विभाग के पास खाली पड़ी हुए स्थान को व्यवस्थित कर मरीजों और उनके अटेंडरो के बैठने के उपयोग में लेने के निर्देश दिए।