फर्जी पंजीयन पकड़ने से 100 करोड़ की बचत हुई
▪️पंजीकृत किसानों का सत्यापन किया जाए : प्रमुख सचिव श्री उमराव
▪️ सागर संभाग की रबी उपार्जन समीक्षा बैठक
बैठक में संभाग के समस्त कलेक्टर्स ने अब तक हुए पंजीयन की जानकारी प्रस्तुत की। सागर में 61302, दमोह में 33314 टीकमगढ़ में 20667, छतरपुर में 34310, निवाड़ी में 3217 एवं पन्ना में 29401 किसानों के पंजीयन की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि समर्थन मूल्य से अधिक कीमत के चलते गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के किसानों ने इस बार अपेक्षाकृत कम पंजीयन करवाया है ।
तीनबत्ती न्यूज
सागर 13 मार्च 2023 ।उपार्जन केंद्र एवं तौल कांटों का भौतिक सत्यापन अधिकारी मौके पर जाकर करें। इस बार संभाग में 70 लाख मीट्रिक टन उपार्जन संभावित है। पंजीकृत किसानों का सत्यापन किया जाए। गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र बनाने पर बल दिया जाए साथ में उपार्जन केंद्र पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध की जाए। उक्त निर्देश खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव ने सागर संभाग की समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने पंजीयन करवाया है उनका एक सप्ताह में राजस्व अमले द्वारा सत्यापन करवा लिया जाए जिससे वास्तविक किसानों से ही सुविधाजनक ढंग से गेहूँ की खरीदी की जा सके ।
इस अवसर पर संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला, संचालक खाद्य श्री दीपक सक्सेना तथा संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति अधिकारी एवं समस्त विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
सागर 13 मार्च 2023 ।उपार्जन केंद्र एवं तौल कांटों का भौतिक सत्यापन अधिकारी मौके पर जाकर करें। इस बार संभाग में 70 लाख मीट्रिक टन उपार्जन संभावित है। पंजीकृत किसानों का सत्यापन किया जाए। गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र बनाने पर बल दिया जाए साथ में उपार्जन केंद्र पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध की जाए। उक्त निर्देश खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव ने सागर संभाग की समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने पंजीयन करवाया है उनका एक सप्ताह में राजस्व अमले द्वारा सत्यापन करवा लिया जाए जिससे वास्तविक किसानों से ही सुविधाजनक ढंग से गेहूँ की खरीदी की जा सके ।
इस अवसर पर संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला, संचालक खाद्य श्री दीपक सक्सेना तथा संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति अधिकारी एवं समस्त विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
इतने किसानों के हुए पंजीयन
बैठक में संभाग के समस्त कलेक्टर्स ने अब तक हुए पंजीयन की जानकारी प्रस्तुत की। सागर में 61302, दमोह में 33314 टीकमगढ़ में 20667, छतरपुर में 34310, निवाड़ी में 3217 एवं पन्ना में 29401 किसानों के पंजीयन की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि समर्थन मूल्य से अधिक कीमत के चलते गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के किसानों ने इस बार अपेक्षाकृत कम पंजीयन करवाया है ।
फर्जी पंजीयन पकड़ने से 100करोड़ की बचत
प्रमुख सचिव ने बताया कि धान खरीदी में फर्जी पंजीयन पकड़ने से धान खरीदी में आसानी हुई है और शासन को लगभग 100 करोड़ रूपये की बचत हुई है। उन्होंने निर्देश दिए कि विगत वर्ष के पंजीयन से 50 प्रतिशत अधिक पंजीकृत रकबा वाले, 4 हेक्टेयर से अधिक रकबाधारी, सिकमी, बटाईदार, किसान एवं अन्य के स्वामित्व से पंजीयन, गिरदावरी किसान एप से पंजीयन, भू अभिलेख और पंजीकृत किसान के नाम में भिन्नता और नवीन पंजीकृत किसान का सत्यापन किया जाए ।
उन्होंने सभी कलेक्टर से कहा कि वे खरीदी केन्द्र एफसीआई के गोदाम और अन्य ऐसे गोदामों के पास बनाए जिससे भंडारण और परिवहन की स्थिति पैदा ही नहीं हो। उन्होंने कहा कि पूर्व के बचे हुए बारदाने का पहले उपयोग करें, उन्होंने बताया कि बारदाना की कोई समस्या नहीं है। बैठक में किसान द्वारा स्लाट बुकिंग की प्रक्रिया भी बताई गई। उन्होंने कहा कि वे ही किसान स्लाट बुक कर सकेंगे जिनका बैंक खाता आधार और मोबाइल से लिंक होंगे। किसान स्वयं किसी भी विक्रय केन्द्र का चयन कर सकेगा।
बैठक में बताया गया कि रबी उपार्जन में प्रस्तावित नवीन प्रावधान के अनुसार एनआरएलएम को आवंटित उपार्जन केन्द्र स्व-सहायता समूह एवं एफपीओ, एफपीसी को एक-एक ही उपार्जन केन्द्र का कार्य सौंपा जाये। इन संस्थाओं को आवंटित उपार्जन केन्द्र स्टील साइलो, साइलो बैग, गोदाम एवं केप पर ही स्थापित किये जायेंगे। विशेष परिस्थिति में गोदाम स्तरीय केन्द्र से अन्यत्र केन्द्र की स्थापना राज्य शासन की अनुमति से की जा सकेगी। कृषक के आधार नंबर से लिंक बैंक खाते में राशि भुगतान किसी प्रकार की तकनीकी समस्या होने अथवा कृषक के पास आधार नंबर न होने पर कृषक द्वारा पंजीयन में दिये गये बैंक खाते में भुगतान की कार्यवाही की जा सकेगी ।
उन्होंने निर्देश दिये कि समस्त किसानों के बैंक खाते आधार से लिंक कराने के लिए बैंक अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करें और उनका कार्य प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दें। जिले में शासकीय भंडारण क्षमता हेतु जिले को इकाई माना जाएगा। कृषक द्वारा उपज विक्रय हेतु स्लाट बुकिंग उपार्जन के अंतिम 10 दिवस को छोड़कर की जा सकेगी एवं स्लॉट की वैधता सात कार्य दिवस होगी ।
उन्होंने सभी कलेक्टर से कहा कि वे खरीदी केन्द्र एफसीआई के गोदाम और अन्य ऐसे गोदामों के पास बनाए जिससे भंडारण और परिवहन की स्थिति पैदा ही नहीं हो। उन्होंने कहा कि पूर्व के बचे हुए बारदाने का पहले उपयोग करें, उन्होंने बताया कि बारदाना की कोई समस्या नहीं है। बैठक में किसान द्वारा स्लाट बुकिंग की प्रक्रिया भी बताई गई। उन्होंने कहा कि वे ही किसान स्लाट बुक कर सकेंगे जिनका बैंक खाता आधार और मोबाइल से लिंक होंगे। किसान स्वयं किसी भी विक्रय केन्द्र का चयन कर सकेगा।
बैठक में बताया गया कि रबी उपार्जन में प्रस्तावित नवीन प्रावधान के अनुसार एनआरएलएम को आवंटित उपार्जन केन्द्र स्व-सहायता समूह एवं एफपीओ, एफपीसी को एक-एक ही उपार्जन केन्द्र का कार्य सौंपा जाये। इन संस्थाओं को आवंटित उपार्जन केन्द्र स्टील साइलो, साइलो बैग, गोदाम एवं केप पर ही स्थापित किये जायेंगे। विशेष परिस्थिति में गोदाम स्तरीय केन्द्र से अन्यत्र केन्द्र की स्थापना राज्य शासन की अनुमति से की जा सकेगी। कृषक के आधार नंबर से लिंक बैंक खाते में राशि भुगतान किसी प्रकार की तकनीकी समस्या होने अथवा कृषक के पास आधार नंबर न होने पर कृषक द्वारा पंजीयन में दिये गये बैंक खाते में भुगतान की कार्यवाही की जा सकेगी ।
उन्होंने निर्देश दिये कि समस्त किसानों के बैंक खाते आधार से लिंक कराने के लिए बैंक अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करें और उनका कार्य प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दें। जिले में शासकीय भंडारण क्षमता हेतु जिले को इकाई माना जाएगा। कृषक द्वारा उपज विक्रय हेतु स्लाट बुकिंग उपार्जन के अंतिम 10 दिवस को छोड़कर की जा सकेगी एवं स्लॉट की वैधता सात कार्य दिवस होगी ।
हाईस्पीड इंटरनेट सुविधा हो
प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव ने समस्त कलेक्टरों से कहा गया है कि वे उपार्जन केंद्र पर भौतिक एवं अन्य सुविधाएँ के तहत निर्धारित हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन एवं निर्वाध विद्युत, जनरेटर सुविधा, इलेक्ट्रानिक उपकरण- कम्प्यूटर, प्रिंटर, डोंगल, स्कैनर, यूपीएस, लेपटॉप, बैटरी की व्यवस्था करें। जन सुविधाएं - दरियां, टेबल, कुर्सी, पेयजल, शौचालय, छाया, बिजली आदि, केलिब्रेटेड, छन्ना 4 ग् 6 फीट का, पंखें, परखी, ब्लोअर सूचना पटल, उपार्जन बैनर, तथा भुगतान एवं टोल फ्री नंबर का प्रदर्शन भी करें। सामान्य जानकारी के तहत एफ.ए.क्यू. सेम्पल, एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता का मापदण्ड, सुरक्षा सुविधाएं तिरपाल, कवर, अग्निशमन यंत्र, रेत, बाल्टियां, फर्स्टएड बाक्स आदि, निर्धारित संख्या में कैलिवेटेड इलेक्ट्रानिक तौलकांटे/वे-ब्रिज (धर्मकांटा), परखी, उनेगल प्लेट, प्लास्टिक की सेम्पल थैलियों, कपडे की थैलियां, चपडा, मोमबत्ती, माचिस, एजेंसी की सील आदि रखें।
उपार्जन केन्द्र निर्धारण प्रक्रिया के संबंध में बताया गया कि उपार्जन केन्द्र स्थल का निर्धारण जिला उपार्जन समिति द्वारा कलेक्टर के अनुमोदन से किया जायेगा। सामान्यतः गोदाम परिसर पर केन्द्र खोला जाये। कृषकों की संख्या 200 से 750 तक रखी जाये। संचालक खाद्य, कृषक संख्या में 50 प्रतिशत तक कमी अथवा वृद्धि कर सकेगे। सामान्यतः केन्द्र 3000 से 5000 मेट्रिक टन मात्रा का उपार्जन किया जाये, जिसमें 50 प्रतिशत तक की कमी अथवा वृद्धि संचालक खाद्य द्वारा की जा सकेगी। यथासंभव मैप किये गये उपार्जन केन्द्र पंचायतों के केन्द्र में हो जिससे कृषकों को सामान्यतः 25 कि.मी. से अधिक दूरी तय न करना पड़े।
उन्होंने निर्देश दिये कि खरीदी में गुणवत्ता परीक्षण हेतु समस्त सर्वेयर मोबाइल एप के द्वारा गुणवत्ता का परीक्षण करें। यह परीक्षण दो स्तर पर किया जाए पहला उपार्जन केंद्र पर सर्वेयर एप के माध्यम से दूसरा गोदाम स्तरीय सर्वेयर एप के माध्यम से सर्वे करें। प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव ने समस्त कलेक्टर को निर्देश दिए कि उपार्जन केंद्रों पर बारदाने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जावे एवं पूर्व से उपलब्ध बरदाने की गुणवत्ता की जांच करें। उन्होंने कहा कि परिवहन के समय पीपी बैग का उपयोग प्राथमिकता के साथ किया जाए उसके बाद जूट बैग का इस्तेमाल करें। जिन जिलों में गेहूं का पंजीयन कम हुआ हो वहां मण्डी स्तर पर कम से कम एक केन्द्र खोला जाये, जिसमें न्यूनतम किसान संख्या तथा दूरी का बंधन नहीं रहेगा।
जिला उपार्जन समिति द्वारा सुनिश्चित किया जाये कि केन्द्र पर न्यूनतम 3000 मे. टन गेहूं का उपार्जन हो। इससे कम उपार्जन की संभावना होने पर आय व्यय आकलित कर केन्द्र प्रस्तावित हो । किसी भी केन्द्र का समानान्तर उपकेन्द्र नहीं खोला जाये । बैठक में कलेक्टर्स से कहा गया है कि वे पूर्व के परिवहन संबंधी देयकों का त्वरित रूप से भुगतान सुनिश्चित कर दें। बैठक में 1 अप्रैल से खरीदी प्रारंभ करने पर भी विचार विमर्श किया गया ।
इस अवसर पर सागर कलेक्टर श्री दीपक आर्य, छतरपुर कलेक्टर श्री संदीप जी. आर, पन्ना कलेक्टर श्री संजय मिश्रा, दमोह कलेक्टर श्री एस कृष्ण चैतन्य, टीकमगढ़ कलेक्टर श्री सुभाष द्विवेदी, निवाड़ी कलेक्टर श्री अरुण विश्वकर्मा सहित समस्त संभागों की अधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने निर्देश दिये कि खरीदी में गुणवत्ता परीक्षण हेतु समस्त सर्वेयर मोबाइल एप के द्वारा गुणवत्ता का परीक्षण करें। यह परीक्षण दो स्तर पर किया जाए पहला उपार्जन केंद्र पर सर्वेयर एप के माध्यम से दूसरा गोदाम स्तरीय सर्वेयर एप के माध्यम से सर्वे करें। प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव ने समस्त कलेक्टर को निर्देश दिए कि उपार्जन केंद्रों पर बारदाने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जावे एवं पूर्व से उपलब्ध बरदाने की गुणवत्ता की जांच करें। उन्होंने कहा कि परिवहन के समय पीपी बैग का उपयोग प्राथमिकता के साथ किया जाए उसके बाद जूट बैग का इस्तेमाल करें। जिन जिलों में गेहूं का पंजीयन कम हुआ हो वहां मण्डी स्तर पर कम से कम एक केन्द्र खोला जाये, जिसमें न्यूनतम किसान संख्या तथा दूरी का बंधन नहीं रहेगा।
जिला उपार्जन समिति द्वारा सुनिश्चित किया जाये कि केन्द्र पर न्यूनतम 3000 मे. टन गेहूं का उपार्जन हो। इससे कम उपार्जन की संभावना होने पर आय व्यय आकलित कर केन्द्र प्रस्तावित हो । किसी भी केन्द्र का समानान्तर उपकेन्द्र नहीं खोला जाये । बैठक में कलेक्टर्स से कहा गया है कि वे पूर्व के परिवहन संबंधी देयकों का त्वरित रूप से भुगतान सुनिश्चित कर दें। बैठक में 1 अप्रैल से खरीदी प्रारंभ करने पर भी विचार विमर्श किया गया ।
इस अवसर पर सागर कलेक्टर श्री दीपक आर्य, छतरपुर कलेक्टर श्री संदीप जी. आर, पन्ना कलेक्टर श्री संजय मिश्रा, दमोह कलेक्टर श्री एस कृष्ण चैतन्य, टीकमगढ़ कलेक्टर श्री सुभाष द्विवेदी, निवाड़ी कलेक्टर श्री अरुण विश्वकर्मा सहित समस्त संभागों की अधिकारी मौजूद थे।