विधार्थियों हित में पांचवी एवं आठवीं बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार करेंगे अभिभावक और संचालक
भोपाल । मध्य प्रदेश के प्रमुख स्कूल संगठनों एवं अभिभावकों ने यह निर्णय लिया है कि कोविड-19 अर्थात कोरोना काल के बीते 2 वर्षों में पढ़ाई से दूर हुए विद्यार्थियों को अचानक 2022 23 के मध्य सत्र में राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने का आदेश देना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है।
यह बात प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह , अशासकीय विद्यालय परिवार के अध्यक्ष श्री मोहन नागवानी , प्रांतीय शासकीय शिक्षण संस्था मध्य प्रदेश के प्रांत अध्यक्ष दीपेश ओझा , प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव श्री राजकुमार शर्मा प्राइवेट स्कूल ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष शांतनु शर्मा तथा संयोजक श्री एन के गुर्जर , सहयोग महासंघ से संदीप अग्निहोत्री, सेवा संगठन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष पंडित धर्मेंद्र शर्मा महासचिव उपेंद्र गुप्ता एवं अशासकीय विद्यालय परिवार की प्रदेश सचिव श्री जुगल किशोर मिश्र एवं बड़ी संख्या में पांचवी आठवीं के परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों के अभिभावकों ने उपरोक्त बैठक में कही ।
बैठक में बताया कि पांचवी आठवीं बोर्ड परीक्षा के आदेश राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा 12 सितंबर 2022 को जारी किए गए जो कि विद्यालयों को सितंबर के आखिरी में प्राप्त हुए। इस आदेश में पांचवी आठवीं के विद्यार्थियों की छमाही परीक्षा बदले हुए पाठ्यक्रम से लेने का आदेश दिया गया था तथा इस परीक्षा को 7 अक्टूबर 22 से लिया गया।
अजीत सिंह ने बताया कि किस तरह से आनन-फानन में प्राइवेट स्कूलों ने अपने पाठ्यक्रम में बदलाव करने का प्रयास किया तथा मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम की पुस्तकों की अनुपलब्धता पूरे प्रदेश में व्याप्त रही।
7 अक्टूबर 2022 की नए पाठ्यक्रम से छह माही परीक्षा लेने के पश्चात राज्य शिक्षा केंद्र में 1 दिसंबर को बोर्ड परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम में संशोधित करते हुए एक नया आदेश जारी किया।
इस विषय में संदीप अग्निहोत्री ने बताया कि 6 माह से अधिक बीत जाने के बाद राज्य शिक्षा केंद्र 1 दिसंबर 2022 को बोर्ड परीक्षा के पाठ्यक्रम की घोषणा करता है, जबकि राज्य शिक्षा केंद्र के डिपो में पुस्तकें उपलब्ध नहीं है, ना ही एनसीईआरटी की तरह राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा इंटरनेट पर भी यह पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई गई है फलस्वरूप विद्यार्थी उनके अभिभावक एवं विद्यालय के संचालक पाठ्यक्रम हेतु परेशान होते रहे।
अजीत सिंह ने कहा की कुछ विद्यालय के विद्यार्थियों को आज दिनांक तक बदले हुए पाठ्यक्रम की पुस्तकें उपलब्ध नहीं हो पाई है तथा विद्यार्थी हैरान परेशान है कि वह किस तरह बोर्ड पैटर्न की परीक्षा में शामिल हो पाएंगे।
मोहनदास नागवानी जी ने बताया कि इस विषय को लेकर हम लोग माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में अपील लगा चुके हैं तथा माननीय हाईकोर्ट ने भी माना है कि राज्य शिक्षा केंद्र ने मध्य सत्र में पाठ्यक्रम में बदलाव किया है ।
दीपेश ओझा ने कहा कि यह राज्य शिक्षा केंद्र का कैसा निर्णय है जो कि वह मध्य सत्र में पाठ्यक्रम बदलकर अपनी जिद पर पांचवी आठवीं के विद्यार्थियों के भविष्य को ना देखते हुए बोर्ड पैटर्न की परीक्षा लेने के लिए उतारू है।
राजकुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि किस तरह विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक नए पाठ्यक्रम की पुस्तकों के लिए परेशान हो रहे हैं। विद्यालय संचालकों के जो बच्चे उनके विद्यालय से कहीं अनयंत्र विद्यालयों में मैप है, तथा जिन की समग्र आईडी नहीं है, वे परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए किस कदर परेशान हैं।
सेवा संगठन मध्य प्रदेश के प्रमुख धर्मेंद्र शर्मा एवं महासचिव उपेंद्र गुप्ता जी ने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र किस तरह विद्यालयों के संचालकों को परेशान कर रहा है और शपथ पत्र देने के लिए दबाव बना रहा है। जो विद्यालय या संगठन याचिकाकर्ता नहीं भी हैं, उनको भी राज्य शिक्षा केंद्र याचिकाकर्ता बता रहा है और उनसे भी इस शपथ पत्र की मांग कर रहा है कि वह NCERT या SCERT में से किस पाठ्यक्रम से बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं ।
जबकि पूर्व में अनेकों विद्यालय के अभिभावकों ने राज्य शिक्षा केंद्र को पांचवी आठवीं की बोर्ड परीक्षा इस वर्ष ना लेने हेतु आवेदन कर रखा है। लेकिन इसके बाद भी आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र अपनी हठधर्मिता पर अड़े रहकर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए उतारू है।
शांतनु शर्मा जी ने बताया कि 2 वर्ष के कोरोनावायरस काल में जो बच्चे अभी पांचवी में है उन्होंने तीसरी चौथी की किताबों का सही तरीके से अध्ययन नहीं किया तथा जो बच्चे आठवीं में है उन्होंने तो छठवीं सातवीं में जो चार नए सब्जेक्ट अर्थात इतिहास नागरिकता भूगोल एवं नई भाषा संस्कृत का अध्ययन तो बीते 2 वर्षों में किया ही नहीं और अब इस वर्ष यह नए विषय और अचानक से मध्य सत्र में बोर्ड परीक्षा का भूत उन्हें डरा रहा है।
एनके गुर्जर जी ने कहा की अभिभावकों एवं छात्रों का कहना है कि यदि इस वर्ष पांचवी आठवीं की बोर्ड परीक्षा ली जाती है, तो हमारे अंक कम आने से या फेल हो जाने के भय से हमारा मनोबल गिर रहा है और आने वाले वर्षों में भी हम इस परीक्षा परिणाम के कारण मानसिक प्रताड़ना झेलते रहेंगे।
अभिभावकों एवं समस्त संचालकों की बात का सार निकालते हुए अजीत सिंह जी ने कहा कि यदि राज्य शिक्षा केंद्र सत्र 2022 _ 23 में बोर्ड परीक्षा का अपना मध्य सत्र में लिया हुआ निर्णय 1 सप्ताह में वापस नहीं लेता है, तो मध्य प्रदेश के समस्त संगठन तथा उनके विद्यार्थी एवं अभिभावक गण इस बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार करेंगे, तथा चरणबद्ध तरीके से धरना प्रदर्शन हड़ताल इत्यादि द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा ।