Sagar: बस दुर्घटना में हाथ खोने वाली युवती को 9 लाख रूपए का अवार्ड पारित
सागर,19 फरवरी,2023 । मोटर दुर्घटना दावा अिधकरण न्यायालय सागर ने बस दुर्घटना में अपने हाथ के पंजे को खोने वाली युवती के पक्ष में 9 लाख 60 हजार 920 रूपए का अवार्ड पारित किया है।
आवेदिका शमा बी निवासी राहतगढ़ की ओर से पैरवी करने वाले अिधवक्ता मनीष पाण्डेय ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 4 मार्च 2018 को आवेदिका बस क्रमांक एमपी 13 डीएम 9999 में बैठकर यात्रा कर रही थी। उक्त यात्री बस जमुनियां घाटी ग्राम जमुनिया गैरतगंज रोड थाना सिलवानी के पास चालक की लापरवाही से पलट गई। जिसमें आवेदिका शमा बी एवं अन्य यात्रियों को गंभीर चोटे पहुंची। घायल आवेदिका शमा बी ने उपचार के बाद अपना पंजा खो दिया। चोटों के कारण आवेदिका का हाथ की उगुलियां काटनी पड़ी एवं कुछ हिस्सा भी निकालना पड़ा। इस तरह वह दुर्घटना में विकलांग हो गई। इस घटना के बाद आवेदिका शमा बी ने मोटर दावा अिधकरण में क्लेम दावा प्रस्तुत किया गया। न्यायाधीश शिव बालक साहू ने आवेदिका एवं अनावेदक पक्ष मालिक, चालक एवं बीमा कंपनी को सुना और पाया कि बस क्रमांक एमपी 13 डीएम 9999 ने लापरवाही से वाहन चलाया जिससे जमुनिया घाटी पर बस पलटने की स्थिति हुई। जिसमें आवेदिका शमा बी के दाये हाथ के पंजे में व शरीर में चोटें आयी। घटना स्थल से उसे रायसेन जिला अस्पताल भेजा गया। फिर उसे भोपाल चिरायु अस्पताल व जबलपुर में इलाज कराना पड़ा।
न्यायालय ने यह पाया कि घटना िदनांक को बस का चालक फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं था, विद्धान न्यायाधीश ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आवेदिका शमा बी उम्र 18 वर्ष को हुई शारीरिक क्षति की गणना करते हुए इलाज में आये खर्च को जोड़कर 9 लाख 60,920 रूपए का अवार्ड पारित किया है। जिसमें शारीरिक पीड़ा, मानसिक वेदना, के लिए 50 हजार रूपए, अटेण्डर एवं पौष्टिक आहार, अपंगता व्यय 25 हजार रूपए, आय की हानि 50 हजार, अपंगता से भविष्य की आय में हानि 7 लाख 62 हजार रूपए एवं मेडीकल खर्च 73475 रूपए शामिल है।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि अनावेदक क्रमांक एक व दो संयुक्त अथवा पृथक-पृथक आवेदिका को अदा करेंगे। आवेदिका को उक्त प्रतिकर राशि अदा करने का प्रथम दायित्व अनावेदक क्रमांक तीन बीमा कंपनी का होगा। बीमा कंपनी चाहे तो उक्त राशि अनावेदक क्रमांक ऐ एवं दो से वसूल करने की अधिकारी होगी। न्यायालय ने क्षतिपूर्ति राशि अधिकरण में जमा किए जाने पर अावेदिका को दो लाख 10920 रूपए नगद अदा करने एवं शेष राशि आवेदिका के नाम से राष्ट्रीयकृत बैंक में 10 वर्ष के लिए सावधि खाते में जमा करने का आदेश पारित किया है। आवेदिका पक्ष से पैरवी अधिवक्ता मनीष पाण्डेय ने की।