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पन्ना महाराज राघवेंद्र सिंह जू देव का राज परंपराओं के साथ हुआ अंतिम संस्कार▪️अंत्येष्टि में शामिल होने आ रहे परिवार का हुआ एक्सीडेंट▪️छत्रसाल द्वितीय बने राजा ,हुआ राजतिलक

पन्ना महाराज राघवेंद्र सिंह जू देव का राज परंपराओं के साथ हुआ अंतिम संस्कार
▪️अंत्येष्टि  में शामिल होने आ रहे परिवार का हुआ एक्सीडेंट
▪️छत्रसाल द्वितीय बने राजा ,हुआ राजतिलक

PANNA 31 जनवरी 2023 : पन्ना राजघराने के महाराज राघवेंद्र सिंह जूदेव का लंबे समय से बीमारी के चलते के रविवार को निधन हो गया था। उन्होंने नागपुर के एशियन हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर सुनते ही पन्ना में शोक लहर फैल गई ।पन्ना राजघराने की परंपराओं के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार हुआ। सेकडो लोगो  नम आंखों से विदाई दी। उधर  आज उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आ रहे परिवार जन एक सड़क हादसे में घायल हो गए। 


उनकी बड़ी बेटी को जयपुर में अस्पता में भर्ती कराया गया। कुछ सदस्यो को मामूली चोटे आई है। पन्ना राजघराना समूचे देश में मशहूर था। महाराजा छत्रसाल के वंसज और पन्ना रियासत के महाराज राघवेंद्र सिंह जू देव वर्ष 2009 से महाराज के दायित्व का निर्वहन कर रहे थे। पन्ना राजघराना देश दुनिया में मशहूर रहा है।  इस घराने के अकूत धनसंपदा को लेकर विवाद भी सुर्खियों में रहे है। 

पन्ना महाराज का पार्थिव शरीर पहुंचा, जनता दर्शन के लिए रखा गया

पन्ना राजघराने के महाराज राघवेंद्र सिंह जूदेव का पार्थिव शरीर नागपुर से एंबुलेंस के जरिए पन्ना पहुंचा। महारानी ज्योति कुमारी महाराज के पार्थिव शरीर के साथ जैसे ही राजमहल पहुंची। वहां पर पहले से मौजूद लोगों ने नम आंखों से अगवानी करते हुए महाराज राघवेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर राज महल के दरबार हाल में जनता के दर्शन के लिए रखा। महाराजा राघवेंद्र सिंह जू देव काफी सहज और मृदुभाषी थे। 





छत्रसाल पार्क के पास हुआ अंतिम संस्कार

राजपरिवार का मुक्तिधाम छत्रसाल पार्क के पास स्थित है जहां पर महाराज राघवेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार किया गया।   प्रात: 10 महाराज की अंतिम यात्रा राजमहल से शुरू होकर मुक्तिधाम पहुंची। जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में कई राजघराने के सदस्य , जनप्रतिनिधि गण और  नागरिक गण शामिल हुए। 


एंबुलेंस में बैठकर किए अंतिम दर्शन




  इस दौरान एक और मार्मिक तस्वीर सामने आई  जब बेटी को अपने पिता के अंतिम दर्शन एम्बुलैंस से करने पड़े । अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए राजस्थान  से घर लौट रहे  उनके पुत्र छत्रसाल द्वितीय एवं पुत्रियों,साले और उनके परिजन  एक्सीडेंट में घायल हो गए हैं । जिसमें उनकी बड़ी बेटी को गंभीर चोटें आई । इसके बाद उनको इलाज के लिए जयपुर रिफर किया गया। 

छत्रसाल द्वितीय का हुआ राजतिलक

महाराज राघवेंद्र सिंह के एक पुत्र व दो पुत्रियां हैं दोनों राजकुमारी से छोटे राजकुमार जिनका नाम छत्रसाल द्वितीय रखा गया था । उनका राजतिलक महाराज राघवेंद्र सिंह की अंतिम यात्रा होने से पूर्व परंपरा अनुसार किया गया।  वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच उनके पुत्र छत्रसाल द्वितीय का क्षत्रिय एवं राजशाही परंपरा के अनुसार राजतिलक किया गया । पहले मुख्य दरबार हाल में महाराज राघवेंद्र सिंह जूदेव के शव को रखा गया । इसके बाद सभी लोगों की मौजूदगी में पंडितों परिजनों और क्षत्रियों ने उनके पुत्र का राजतिलक कर राजा घोषित किया । यह एक राजशाही परंपरा है कि जब तक उत्तराधिकारी को राजा घोषित नहीं किया जाता तब तक अंतिम संस्कार नहीं होता।  इस कारण उस राजशाही परंपरा के अनुसार पूरी प्रक्रियाओं का पालन कऱ राजतिलक किया गया जिसमे छत्रसाल द्वितीय को राजा घोषित किया गया है।

अनेक राजघराने और जनप्रतिनिधि हुए शामिल




अंत्येष्टि में पन्ना राज परिवार के सभी सदस्य, मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, खजुराहो विधायक एवं इनके रिश्ते की भाई विक्रम सिंह नातीराजा, आसपास की रियासतों के प्रतिनिधि, नगर के गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में पन्ना निवासी शामिल हुए और उन्होंने अपने महाराजा को श्रद्धांजलि दी ।



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MP: किसान का बेटा बना फ्लाइंग ऑफिसर ▪️पहले ही प्रयास में पास की एएफ कैट की परीक्षा▪️सेकंड हेड खरीदी साइकिल से गया चार साल कालेज ▪️जिस स्कूल ने निकाला उसने किया सम्मान

MP: किसान का बेटा बना फ्लाइंग ऑफिसर 
▪️पहले ही प्रयास में पास की एएफ कैट की परीक्षा
▪️सेकंड हेड खरीदी साइकिल से गया चार साल कालेज 
▪️जिस स्कूल ने निकाला उसने किया सम्मान


▪️ मयंक भार्गव, बैतूल
बैतूल, 31 जनवरी 2023.एयरफोर्स में कॉमन एडमिशन टेस्ट (एएफ-कैट) को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में माना जाता है लेकिन आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले के एक किसान के बेटे ने इस परीक्षा को पहले ही प्रयास में बिना कोचिंग के उत्तीर्ण कर लिया। आज किसान का बेटा फ्लाइंग आफिसर बन चुका है। उसकी इस उपलब्धि पर परिजनों सहित जिले को गर्व है। 
संघर्ष भरा रह है स्नेहल का सफर 
जिले के भरकावाड़ी निवासी स्नेहल वामनकर ने वर्ष 2020 में एएफ -कैट पास किया था। एयर फोर्स में फ्लाइंग आफिसर बनने का जुनून ऐसा था कि उसने कई नौकरियां छोड़ दी। दो साल की मेहनत के बाद 21 जनवरी 2023 को फ्लाइंग ऑफिसर की पासिंग आउट परेड के बाद वे ऑफिसर बन गए। उन्होंने बताया कि कक्षा 8 वीं और 9 और 10 वीं में वह स्वतंत्रता दिवस पर परेड में हिस्सा लेना चाहता था लेकिन हर बार उसे हाईट कम होने के कारण फेर कर दिया गया। वह बहुत रोया और अंतत: कालेज में आने के बाद एनसीसी में हिस्सा लिया। यहां पर जी तोड़ मेहनत कर स्टेट लेवल परेड में मेरा 3 बार सिलेक्शन हुआ। 

इसके अलावा मैंने कर्तव्य पथ (राजपथ) में भी प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए पार्टिसिपेट किया। कालेज जाने के लिए एक सेकेंड साइकिल खरीदकर चार साल तक पढ़ाई की क्योंकि बस में प्रतिदिन 30 से 40 रुपए लगते थे और मेरे पास रुपए नहीं होते थे। स्नेहल ने बताया कि उन्होंने भोपाल की आरजीपीवी यूनिवर्सिटी से स्नेहल ने कम्प्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया।

लक्ष्य पाने छोड़ दी नौकरी 
आरजीपीवी में कैंपस आए। पहला मौका उन्हें आईसीआईसीआई बैंक में मिला। ज्वाइनिंग लेटर भी मिला, लेकिन स्नेहल ने ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद इंडिगो एयरलाइंस में एक्जीक्यूटिव के पद पर भोपाल एयरपोर्ट में जॉब मिली। उन्होंने गुडग़ांव में ट्रेनिंग ली, वापस भोपाल लौए, एक महीने जॉब की और फिर रिजाइन दे दिया। इसके बाद वेदांता से कॉल लेटर आ गया। ट्रेनिंग के लिए स्नेहल चंडीगढ़ चला गया, पोस्टिंग ओडिशा में हुई। वहां भी 20 दिन ही काम करके रिजाइन दे दिया। जुलाई 2020 में एफ-कैट की तैयारी शुरू की। परीक्षा से 22 दिन पहले ओडिशा वाली जॉब छोड़ी। स्नेहल ने बताया कि गाड़ी, बंगला, अच्छी सैलरी को छोडऩे आसान नहीं था। लेकिन आर्मी के जुनून के कारण फैसला लेना आसान हो गया।


युवाओं को दिया संदेश ले रिस्क 
एफ-कैट की इस परीक्षा में देश भर के 204 प्रतिभागी पास हुए थे। इसमें स्नेहल भी शामिल थे। सिलेक्शन के बाद हैदरबाद एयरफोर्स एकेडमी में एक साल की ट्रेनिंग हुई और फिर 1 साल तकनीक कॉलेज बेंगलुरु में ट्रेनिंग चली। 2 साल की मेहनत के बाद 21 जनवरी को स्नेहल पास आउट हो गया। 

स्नेहल का कहना है की युवा अपना एक लक्ष्य रखे। अपने गोल को अचीव करने के बीच में परेशान न हो। कभी-कभी असफलताएं आती हैं, लेकिन इसका मुकाबला करें। कभी यह न सोचे की मेरा सिलेक्शन नहीं होगा रिस्क लें।


गर्व से चौड़ा किया पिता का सीना

स्नेहल के पिता घनश्याम वामनकर के पास 12 एकड़ खेत हैं। घनश्याम ने बताया कि मैं ज्यादा पढ़ नहीं सका। बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले यह सोचता था। इसके लिए भरकावाड़ी से रोज बच्चों को बैतूल ले जाता था। इस वजह से खेती पर ध्यान नहीं दे पाता था। खेती बस गुजर बसर के लिए ही हो पाती थी। कई मौके ऐसे आए कि बच्चों की फीस के लिए रुपए नहीं होते थे। अपने खर्च कम किए अभाव में समय काटा। बच्चों ने इस संघर्ष को देखा तो उन्होंने कभी कुछ मांगा नहीं। आज एक बेटा फ्लाइंग आफिसर बन गया तो दूसरा तपत्युस एग्रीकल्चर फील्ड ऑफिसर का मेंस एग्जाम दे रहा है। हमारी मेहनत आज सफल हो गई।


जिस स्कूल ने निकाला उसने किया सम्मान

स्नेहल के लिए यह गौरव का विषय था कि उन्हें 26 जनवरी को जिस स्कूल ने चीफ गेस्ट बनाकर बुलाया था, वह वही स्कूल था, जिसने कभी 11 वीं क्लास में कम नंबर के कारण एडमिशन नहीं दिया था। ये वही स्कूल था, जिसने कम हाइट के कारण स्नेहल को परेड में शामिल नहीं होने दिया था। हालांकि, अब स्कूल प्रशासन का कहना है कि अब वे कभी भी किसी को कम हाइट के कारण परेड में शामिल होने से नहीं रोकेंगे और न ही किसी को कम नंबर होने के कारण एडमिशन देने से रोकेंगे।



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श्री हनुमान चालीसा के दोहे में छिपा है जीवन रहस्य▪️पंडित अनिल पाण्डेय

श्री हनुमान चालीसा के दोहे में छिपा है जीवन रहस्य
▪️पंडित अनिल पाण्डेय


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हरेक मंगलवार को पढ़ेंगे श्री हनुमान चालीसा के दोहों का भावार्थ
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गुरु चरणश्री सरोज रज निज मन मुकुर सुधार । 
वरनउ रघुबर बिमल यश जो दायक फल चार ।।

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरो पवन कुमार ।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार।।

 अर्थ :- श्री गुरु के चरण कमल की पराग रूपी धूल से अपने मन रूपी दर्पण को निर्मल करके रघुवर की विमल यश गाथा का वृतांत कह रहा हूं जो चारों प्रकार के फल देने वाला है।
मैं  बुद्धिहीन  हनुमान जी का सुमिरन कर रहा हूं । हनुमान जी से प्रार्थना कि वे मुझे बल बुद्धि एवं विद्या प्रदान कर मेरे सारे क्लेश एवं विकारों का हरण कर लें।

भावार्थ :- मेरा मन एक गंदे दर्पण की तरह है ।इसके ऊपर माया मोह  , मत्सर, लोभ   विषय वासना   आदि की मैल  लगी हुई है । यह साधारण साबुन और पानी से साफ होने वाली नहीं है । इसको साफ करने के लिए मैंने अपने गुरुदेव के चरण कमलों के पराग रूपी धूल को लिया है और उससे मैंने अब  अपने मन को साफ कर लिया है । 
अपने मन को साफ करने के उपरांत अब मैं भगवान शंकर और गुरुदेव की कृपा से रघुवर के सुयश का वर्णन करूंगा जो चारों प्रकार के फल अर्थ धर्म काम मोक्ष को देने वाली है ।

संदेश- यह दोहा यही संदेश देता है कि जब आप हनुमान चालीसा का पाठ करने बैठें तो पहले अपने  गुरुदेव को स्मरण कर मन को पूरी तरह से पवित्र कर लें। अपने ईश्वर को याद करें और मन को साफ रखें। भगवान श्री राम की महिमा का वर्णन करने पर आपको शुभ फल प्राप्त होगा, इसलिए खुद को राम भक्त हनुमान जी को समर्पित करते हुए उनकी कृपा से बल, बुद्धि और विद्या पाएं और अपने जीवन के हर कष्ट से मुक्ति पा लें।


 दोहे को बार-बार पढ़ने से होने वाला लाभ:-
दोहा क्र.-1    गुरु चरणश्री सरोज रज निज......…  हनुमान चालीसा के इस दोहे के पाठ से गुरुकृपा प्राप्त होती है ।
दोहा क्र.- 2    बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरो.......
हनुमान चालीसा के इस दोहे के बार-बार पाठ से बुद्धि और विद्या प्राप्त होती है ।

भावार्थ:-
इस दोहे की सबसे पहली पंक्ति में महाकवि तुलसीदास जी ने सबसे पहले अपने गुरुवर की वंदना की है । तुलसीदास जी की इस कृति के अतिरिक्त उनकी किसी भी अन्य कृति के आरंभ में गुरु वंदना का उल्लेख नहीं मिलता है। उदाहरण स्वरूप रामचरितमानस के प्रारंभ में कवि ने सबसे पहले वाणी की देवी सरस्वती और गणेश जी की वंदना की है। उसके उपरांत शिव और पार्वती की वंदना की है । कवितावली दोहावली आदि अन्य ग्रंथों में भी सबसे पहले गुरु की वंदना नहीं है । प्रायः अन्य कवियों ने भी अपने ग्रंथों में सर्वप्रथम गणेश जी की वंदना की है । गुरु की सबसे पहले वंदना यह भी दर्शाती है कि हनुमान चालीसा लिखते समय तुलसीदास जी पर सबसे ज्यादा प्रभाव उनके गुरु का था ।  यह छात्र जीवन में ही  संभव है। प्रथम पंक्ति से ही हम हनुमान चालीसा लिखने के समय के बारे में अनुमान लगा सकते हैं।  इस पंक्ति से यह स्पष्ट है कि गोस्वामी जी ने यह रचना अपने छात्र जीवन अर्थात किशोरावस्था में की थी।
तुलसीदास जी लिखते हैं रघुवर के विमल यश के गायन से हमें चार फलों की प्राप्ति होगी।  यह चार फल कौन से हैं उन्होंने यह नहीं बताया है । ऐसा मानना है कि सृष्टि के निर्माण में संख्या चार का बहुत योगदान है । 


आप ध्यान दें भगवान विष्णु की चार भुजाएं हैं, ब्रह्मा जी भी चतुर्भुज है ।  उनके चार मुख हैं जिससे चार वेदों की उत्पत्ति हुई है । विश्व के सभी प्राणियों को 4 वर्ग अंडज, जरायुज, स्वेदज एवं उद्भिज्ज में बांटा गया है । प्राणियों की जीवन की चार अवस्थाएं हैं जिन्हें जागृत, स्वप्न, सुषुप्ति एवं तुरीय कहा जाता है। काल अर्थात समय को भी चार भागों में बांटा गया है, सतयुग, त्रेता, युग द्वापर युग और कलियुग ।  हमारे चार धाम है बद्रीनाथ, रामेश्वरम, द्वारका धाम और जगन्नाथ । उत्तराखंड में भी चार ही धाम कहे जाते हैं यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ । कहां जाता है कि भगवान विष्णु ने चतुर्भुज रूप धारण कर भक्तों को चार तत्व धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्रदान किया ।  इस प्रकार हम देखते हैं कि हमारे सनातन धर्म में चार  का बड़ा महत्व है।

गुरुवाणी में भी इसी प्रकार का कुछ लिखा हुआ है।
चारि पदारथ लै जगि जनमिया सिव सकती घरि वासु धरे। (गुरूवाणी-1/1013) 
जिस समय एक बच्चा माता के उदर में आता है तो उसे चार पदार्थों का ज्ञान होता है किन्तु जन्म के पश्चात् वह ज्ञान भूल जाता है। पूर्ण सद्गुरु की कृपा से उसे पुनः ज्ञान की प्राप्ति होती है।
चार पदार्थों का वर्णन हमें कई स्थानों पर मिलता है परंतु वे चार पदार्थ कौन-से हैं इससे हम अनभिज्ञ हैं। चार पदार्थों के बारे में कहा है-


संसार में जब जन्म लिया तो चारों पदार्थों को साथ लेकर आए तो विचार करना है कि क्या धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को साथ लाए हैं? वे कौन से चार पदार्थ हैं जिन्हें लेकर संसार में जन्म लिया है। और यदि धर्म, अर्थ, काम या मोक्ष को ही हम चार पदार्थ मान लें तो इसका भाव है कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष हमारे साथ ही आए हैं। लेकिन फिर इनकी प्राप्ति के लिए क्यों कहा है कि-
सतिगुरु कै वसि चारि पदारथ। तीनि समाए एक क्रितारथ। (गुरूवाणी-1/1345).
चारों पदार्थ सतगुरु के वश में हैं। जब यदि हम चारों पदार्थ साथ लेकर आए हैं तो वे सतगुरु के पास कैसे हैं? यही जानना है कि वे चारों पदार्थ वास्तव में कौन से हैं जिन्हें मीरा ने कहा-
गली तो चारों बंद हुई, मैं हरि से मिलु कैसे जाय।
गलियाँ तो चारों ही बंद पड़ी हैं, मैं प्रभु से कैसे मिलूँ?
वास्तव में, ये तो- अभिव्यक्तिकराणि योगे - पूर्ण योग (ब्रह्मज्ञान) के सूचक और लक्षण हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि वहाँ प्रभु प्रकट हुए और उन्होंने ब्रह्मा जी को 'चतुष्पदी भागवत' का ज्ञान प्रदान किया। 

बौद्ध धर्म में महात्मा गौतम बुद्ध ने जिन्हें 'चार आर्य सत्य' कहा है एवं महावीर ने जिन्हें 'चार घाट' कहा है, इस प्रकार ये कौन-सी चार उपलब्धियाँ हैं जिनकी चर्चा संत, महापुरुषों, ऋषि, गुरु, अवतारों ने अपनी वाणी में की है।  
सभी धार्मिक ग्रंथ भी चार पदार्थों की महिमा गाते है। इन मुक्ति प्रदान करने वाले चारों पदार्थों को भक्त गुरु कृपा से ही प्राप्त कर पाते हैं, इसलिए हमें ज़रूरत है ऐसे सतगुरु की जो हमें ब्रह्मज्ञान प्रदान कर चार पदार्थों का बोध करवा दें।
एक :-
क्या पहला पदार्थ ब्रह्म ज्ञान का प्रकाश है, दूसरा अनहद नाद है, तीसरा ईश्वर का नाम और और चौथा ब्रह्म ज्ञान का अमृत है । आइए इस पर भी विचार कर लेते हैं।
हम जो दीपक मंदिरों में प्रज्वलित करते है, वह इसी अर्थात ब्रह्म ज्ञान के प्रकाश की अभिव्यक्ति है। जिसे कोई बिना आँख वाला व्यक्ति भी देख सकता है।
 गुरु वाणी में कहा गया है :-
कासट महि जिउ है बैसंतरु मथि संजमि काढि कढीजै।
राम नामु है जोति सबाई ततु गुरमति काढि लईजै।।  (गुरवाणी-1/1323)
जिस प्रकार लकड़ी में आग छिपी हुई है जो युक्ति के द्वारा प्रकट होती है। ठीक उसी प्रकार सभी जीवों में प्रभु के नाम की ज्योति समाई हुई है। जरूरत है गुरु के द्वारा उस युक्ति को जानने की, जिसके हम परम् ज्योति (Divine Light) का दर्शन कर सकें। 
गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते है-
ज्योतिषामपि तज्ज्योतिस्मतस: परमुच्यते।
ज्ञानं ज्ञेयं ज्ञानगम्यं हृदि सर्वस्य विष्ठितम् ।।
अर्थात् परमात्मा जो कि ज्योतियों की भी परम् ज्योति है जिसे अंधकार से परे कहा जाता है। वह परमात्मा ज्ञान (Divine Knowledge) के द्वारा ही जानने योग्य है।  यह ज्ञान केवल गुरु ही प्रदान कर सकता है।


दो :-
क्या दूसरा फल या पदार्थ अनहद नाद है ।  हम मंदिरों में घंटियाँ बजाते है, वह इसी अनहद नाद की अभिव्यक्ति है। जिसे कोई बहरा व्यक्ति भी सुन सकता है। जब अनहद नाद सुषुम्ना में प्रवेश कर ऊपर की ओर उठता है, तो इस प्रक्रिया में अनहद नाद का प्रकटीकरण होता है। इससे पहले साधक इस नाद को सुन या प्राप्त नहीं कर सकता। जिसे बजाया नहीं जाता, जो स्वतः अपने आप ही बजता है। लेकिन उस संगीत की प्राप्ति गुरु के द्वारा ही सम्भव है। उसके लिए गुरूवाणी में कहा गया है-
निरभउ कै घरि बजावहि तुर। अनहद बजहि सदा भरपूर। (गुरूवाणी-971)
उस प्रभु के घर में अर्थात् इस मानव शरीर में वह संगीत बज रहा है जो अनहद है। जिसकी कोई सीमा नहीं है, वही अनहद है।
ऋग्वेद में इस आवाज के बारे में कहा है कि-
ऋतस्य श्लोको बधिराततर्द कर्णा बुधानः शुचमान आयोः।। (ऋ.-4/23/8)
सत्य को जगाने वाली देदीप्यमान आवाज़ बहरे मनुष्य को भी सुनाई देती है। इसी प्रकार जैसे हम शिव के हाथों में डमरू देखते हैं, बिष्णु के हाथ में शंख और सरस्वती के हाथ में वीणा है। यह सब कुछ अनहद नाद के लिए ही है।
तीन:-
तीसरा पदार्थ है ईश्वर का नाम और उसका जाप करना । शास्त्रों में कहा गया है- जब एक शिशु माँ के गर्भ में होता है तो वह ईश्वर नाम  का जाप करता है। फिर क्या है नाम-सुमिरन? जिससे मन वश में आए। संतों की वाणी है-
सुमिरन सूरत लगाई कै, मुखते कछु न बोल।
बाहर के पट बंद कर, भीतर के पट खोल।।
तेरे बाहर के पट बंद हो जाए, तू सुमिरन ऐसा कर।
कबीर दास जी कहते है-
सतगुरु ऐसा कीजिए पड़े निशाने चोट।
सुमिरन ऐसा कीजिए जीभ हिले न होठ।।
सुमिरन वही करना है जिसे करने के लिए न जुबान हिलानी पड़े न ही होंठ।
गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं-
चहुँ जुग तीनि काल तिहुँ लोका।
भए नाम जपि जीव बिसोका।
 (रा.च.मा.-1/27/1)
चारों युगों में, तीनों लोकों में और तीनों कालों में केवल नाम का सुमिरन करने से ही जीव शोक से रहित हो गए।
जब पूर्ण सतगुरु मिलते हैं तो उस अव्यक्त अक्षर को बता देते हैं जो मनुष्य के ह्रदय में पहले से ही रमा हुआ है। 
चार:-
क्या चौथा पदार्थ या फल अमृत है। सभी शास्त्रों में अमृत की चर्चा की गई है। यह अमृत कहां है । क्या यह चरणामृत में है । परंतु चरणामृत को हम अमृत कैसे कह सकते हैं । चरणामृत तो हमारे अधरों पर लगने के उपरांत अपवित्र हो जाता है ।अमृत को तो सदैव पवित्र रहना चाहिए।  शिवलिंग पर कलश से बूँद-बूँद जल निरंतर बरसता रहता है। यह एक गूढ़ आध्यात्मिक मर्म को समेटे हुए है। हमारे सूक्ष्म जगत में सिर के ऊपरी भाग याने शिरोभाग में एक स्थल है, जिसे सहस्त्रार चक्र, ब्रह्मरंध्र या सहस्त्रदल कमल कहते हैं।

गगन मंडल अमृत का कुआ तहाँ ब्रह्मा का वासा।
सगुरा होवे भर भर पीवे निगुरा मरत प्यासा।।

गगन में उल्टा कुँआ है, जहाँ वह परमात्मा स्वयं विराजमान है। अब यदि हम आकाश में खोजने लग जाएँ तो सारी जिंदगी यह कुआं नहीं मिलेगा । क्योंकि यहाँ सांसारिक कुएँ की नहीं बल्कि उस 'कुएँ' की बात की गई है जो शरीर के अंदर ही है ।
उपनिषद् में इस स्थल की स्पष्ट व्याख्या की गई है-
अब्जपत्रमधः पुष्पमुर्ध्वनालमधोमुखम्।
अर्थात् ऊपर की ओर नाल वाला तथा अधोभाग (नीचे) की ओर मुख किए पुष्पित एक कमल ब्रह्मरंध्र में स्थित है।
एक अन्य सरस वाणी में संत दरिया ने गाया- 'बुन्द अखंडा सो ब्रह्मंडा' - हमारे सिर में व्याप्त अन्तर्गगन या ब्रह्माण्ड से निरंतर, अखण्ड रूप में अमृत की बूँदे टपकती रहती हैं।


पर इस अमृत की अनुभूति केवल ब्रह्मज्ञान की दीक्षा और उसकी साधना के द्वारा ही की जा सकती है। अमृत का यह रसमय पान ही जीवात्मा की जन्म-जन्मांतर की प्यास बुझाता है। 
इस प्रकार इन चार फल का अर्थ  अत्यंत गूढ़ है जो कि बगैर गुरु के द्वारा दिए गए ज्ञान के प्राप्त नहीं हो सकता है।
अंत में यह कहना उचित होगा कि आपको सबसे पहले गुरु का महत्व समझना है फिर गुरुवर की ही आज्ञा से उनके ही आशीर्वाद से आपको आगे बढ़ना है फिर अपने बुद्धि को आप निर्मल करें अगर आपके बुद्धि में कोई दूसरी चीजें हैं तो वह आपकी बुद्धि को बिगाड़ लेंगे अतः सबसे पहले ईश्वर की आराधना करने से पहले आप अपने बुद्धि को बिल्कुल ही निर्मल कर ले उसके अंदर किसी भी तरह की कोई दूसरी चीज ना अर्थात ना तो बुद्धि में आपके प्रकाश आपकी बुद्धि में हो और ना ही आपकी बुद्धि में अंधकार हो आपकी बुद्धि तरह से पूरी तरह से तब आपको अगर आप हनुमान जी को याद करोगे कहोगे आपको बल बुद्धि विद्या आपको प्रदान करेंगे और आपके सभी कष्टों को दूर करेंगे।

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यादव समाज ने जिंप सदस्य शारदा खटीक का जलाया पुतला▪️जग्गू यादव हत्या कांड के आरोपियों का साथ देने पर जताया विरोध

यादव समाज ने जिंप सदस्य शारदा खटीक का जलाया पुतला
▪️जग्गू यादव हत्या कांड के आरोपियों का साथ देने पर जताया विरोध


सागर ।  यादव समाज ने जिला पंचायत सदस्य शारदा खटीक का स्थानीय कबूला पुल पर पुतला जलाते हुए तीखा विरोध किया है। यादव महासभा के तत्वाधान में पुतला जलाते हुए शारदा खटीक को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से निष्कासित करने की मांग करते हुए यादव समाज ने कहा कि जिला पंचायत सदस्य शारदा खटीक मकरोनिया कोरेगांव निवासी स्वर्गीय जग्गू उर्फ जगदीश यादव हत्याकांड के आरोपियों का साथ दे रही है जिसका स्पष्ट प्रमाण है कि कल दिनांक 28 जनवरी 2023 को शारदा खटीक ने जिला योजना समिति की बैठक में स्वर्गीय जग्गू उर्फ जगदीश यादव हत्याकांड के मामले में हत्यारे गुप्ता परिवार की होटल तोड़ने की कार्यवाही पर सवाल उठाये हैं। जो यादव समाज का अपमान है और हत्यारे गुप्ता परिवार और शारदा खटीक की मिलीभगत होने का प्रमाण है। 


स्वर्गीय जग्गू यादव हत्याकांड को लेकर यादव समाज और अन्य समाजों के लोगों ने एक साथ होकर हत्यारों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है किंतु बड़े दुख की बात है कि शारदा खटीक फरार अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग उठाने के बजाए हत्यारों के पक्ष में बात कर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। जिसकी कड़े शब्दों में निंदा की जाती है और शारदा खटीक जैसे नेताओं को मुंहतोड़ जवाब देने के लिये शारदा खटीक जिला पंचायत सदस्य का कड़ा विरोध कर स्वर्गीय जग्गू उर्फ जगदीश यादव हत्याकांड के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कही गई हैं। 

पुतला दहन कर विरोध दर्ज कराने वालों में मुख्य रूप से प्रमोद यादव पथरिया, सरपंच शिव शंकर गुड्डू यादव, मुकुल यादव, रोशन यादव, संजय यादव, कौशल यादव, सोनू यादव कोरेगांव, शंकर यादव सदर, चंद्रशेखर यादव,विजय यादव, पवन यादव, संदीप यादव,अनुज यादव,राजेश यादव,दीपक यादव,आकाश यादव, कैलाश यादव,राहुल यादव, परसोत्तम यादव,लक्ष्मण यादव, आफिसर यादव, विमल यादव, सोनू यादव, मनीष यादव, पुष्पेंद्र यादव,गुलशन यादव सहित अनेकों यादव समाज के लोग मौजूद थे।

जिला पंचायत सदस्य शारदा खटीक ने कहा अर्थ गलत निकाला जा रहा है

इस मामले में जिला पंचायत सदस्य शारदा खटीक का कहना है कि जिला योजना समिति की बैठक में मैंने सभी तरह के अपराधियों के परिप्रेक्ष्य में यह बात कही थी कि जो भी अपराधी हो उन पर कार्रवाई होना चाहिए। अपराधी की बिल्डिंग, होटल/ लॉज भी गिराई जाना चाहिए। मेरे कहने का अर्थ गलत निकाला जा रहा है। मैंने आरोपी गुप्ता परिवार और होटल जयराम के संबंध में यह बात नहीं कही थी। मैं होटल गिराने की कार्रवाई का समर्थन करती हूं। यदि मेरे किसी वक्तव्य से यादव समाज और पीड़ित परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं। मैं मृतक परिवार और यादव समाज के साथ हूं।


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यूथ गेम्स में मध्यप्रदेश के पदक विजेताओं को अगले खेलों के लिये दिये जायेंगे 5 लाख रूपये: सीएम शिवराज सिंह▪️मुख्यमंत्री ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मशाल को किया स्थापित▪️खेलो इंडिया यूथ गेम्स में इस बार भी टूटेंगे कई रिकार्ड : केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर

यूथ गेम्स में मध्यप्रदेश के पदक विजेताओं को अगले खेलों के लिये दिये जायेंगे 5 लाख रूपये:  सीएम शिवराज सिंह

▪️मुख्यमंत्री ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मशाल को किया स्थापित

▪️खेलो इंडिया यूथ गेम्स में इस बार भी टूटेंगे कई रिकार्ड : केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर



भोपाल,30 जनवरी,2023.मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी देकर अद्भुत कार्य किया है। उनके नेतृत्व में एक नए भारत का उदय हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान तात्या टोपे स्टेडियम में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान कहा कि कल ही भारत की महिला टीम ने टी-20 अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप जीता है। खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए मध्यप्रदेश में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। प्रदेश में 18 खेलों के लिये 11 खेल अकादमी स्थापित की गई हैं। ये खेल नए खिलाड़ी गढ़ने का काम करेंगे। देश के खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नाम रोशन करेंगे। मध्यप्रदेश के खिलाड़ी जो पदक जीत कर आयेंगे उनको अगले खेलों के लिए 5 लाख रूपए का पुरस्कार दिया जाएगा। जोर लगा दो जान लगा दो हिन्दुस्तान का दिल धड़का दो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स के आरंभ की घोषणा की। उन्होंने सभी खिलाड़ियों का अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खेल मशाल अमरकंटक को स्थापित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खेलो इंडिया गेम्स में शामिल होने आये सभी खिलाड़ियों को हम जान से ज्यादा संभाल कर रखेंगे।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी सही कहते हैं कि जब कोई खिलाड़ी ओलिम्पिक में पदक जीतता है, तो 130 करोड़ देखवासी गौरवान्वित होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिये हर स्तर पर प्रयास किये गये हैं। पहले मध्यप्रदेश की खेलों में गिनती नहीं होती थी। पिछले खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों ने 38 पदक जीत कर प्रदेश का नाम रौशन किया था। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पहले खेलों का बजट 5 करोड़ रूपये हुआ करता था, जो अब बढ़ कर 347 करोड़ रूपये हो गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों और खेलों को आगे बढ़ाने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी और न ही फंड की कमी आने देंगे।



कन्द्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश में खेलों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स जब पिछली बार हरियाणा में हुआ था तो कई रिकार्ड टूटे, जिसमें लड़कियों की भूमिका उल्लेखनीय रही। मध्यप्रदेश में भी ऐसे ही कई रिकार्ड तोड़ने के लिए उन्होंने खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री मोदी खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने का कार्य निरंतर कर रहे हैं। भारत के युवा खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। परम्परागत खेलों को राष्ट्रीय स्तर पर शामिल किया गया है। केन्द्रीय मंत्री श्री ठाकुर ने मध्यप्रदेश में देश के कोने-कोने से आए सभी खिलाड़ियों का अभिनंदन किया।


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प्रदेश की खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स से मध्यप्रदेश में खेलों का नया अध्याय शुरू हो रहा है। उन्होंने मध्यप्रदेश को खेलो इंडिया की मेजबानी देने के लिए केन्द्र सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि खेलों की वजह से पूरे देश के खिलाड़ियों को आज यहाँ एकत्रित होने का अवसर मिला है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में कई खेल सुविधाओं का विस्तार किया है। श्रीमती सिंधिया ने खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिये शुभकामनाएँ दी।

समारोह का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ। शिवभक्ति केन्द्रित नृत्य प्रस्तुति हुई। टीटी नगर स्टेडियम के मुख्य ग्राउंड में लगभग 100 मीटर लम्बे स्टेज पर मध्यप्रदेश की संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर को दर्शाया गया। इसमें नर्मदा घाट, खजुराहो मंदिर, भीमबेटका, श्री महाकाल महालोक, साँची स्तूप, ओरछा के मंदिर, भेड़ाघाट और ग्वालियर फोर्ट की प्रतिकृति बनाई गई। खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 के शुभारंभ समारोह में लेजर-शो के साथ आकर्षक आतिशबाजी की गई।


केंद्र सरकार के निर्देश पर सांसद ने की सागर स्मार्ट सिटी की समीक्षा

समारोह में सिने जगत के सुप्रसिद्ध प्लेबेक सिंगर श्री शान और सुश्री नीति मोहन ने गीत-संगीत की प्रस्तुतियों से मौजूद खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों का मन मोह लिया। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध ड्रमर शिवामणि और ग्रुप द्वारा 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की 100 लोक कलाकारों के साथ प्रस्तुति दी गई। इसके अतिरिक्त अभिलिप्सा पांडा द्वारा 'हर हर शंभु' और नटराज डांस ग्रुप की प्रस्तुति, प्रिंस डांस ग्रुप द्वारा जी-20 की "वसुधैव कुटुम्बकम" पर शानदार डांस प्रस्तुति दी। समारोह में प्रख्यात टीवी स्टार जय भानुशाली ने एंकरिंग की।

केन्द्रीय खेल राज्य मंत्री श्री निसिथ प्रामाणिक, अरूणाचल प्रदेश के खेल मंत्री श्री मामा नटुंग, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा, सांसद श्री वी.डी. शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय के साथ मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह भी मौजूद थी।




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शराब परिवारों के साथ लोकतंत्र को भी नष्ट कर रही है : रघु ठाकुर▪️महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर रखा गया दिनभर का उपवास

शराब परिवारों के साथ लोकतंत्र को भी नष्ट कर रही है : रघु ठाकुर

▪️महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर रखा गया दिनभर का उपवास


भोपाल, 30जनवरी। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि के अवसर पर गांधी भवन भोपाल में एक दिवसीय उपवास का आयोजन समता न्यास व गांधी भवन न्यास के तत्वावधान में हुआ। उपवास के प्रारम्भ में श्री तापस उपाध्याय ने गांधीजी को समर्पित भजन गाये । 
उपवास सभा को सम्बोधित करते हुए गांधी भवन न्यास के सचिव श्री दयाराम नामदेव ने कहा कि गांधीजी मद्यनिषेध के पक्ष में थे और यह आज  और भी आवश्यक है । 
श्री रघु ठाकुर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज शराब परिवारों को नष्ट कर रही है। युवा पीढ़ी को अपराधी बना रही है। राजनीति को भ्रष्ट कर रही है। महिलाओं और बच्चों को दुखी कर रही है। भारतीय लोकतंत्र को शराब प्रभावित कर रही है। हालत यह है कि शराब सरकारें बनाती है और मिटाती है ।

 व्यवस्था गाँवों को बिजली और पानी भले न दे पाई हो परंतु दूरदराज गांवो में शराब पहुँच रही है। शराब केवल नशा नहीं है बल्कि मानव मस्तिष्क की चेतना को नष्ट करने का हथियार भी है । हम सम्पूर्ण शराबबंदी और सम्पूर्ण नशाबंदी चाहते हैं। बापू की पुण्यतिथि पर हम यह संकल्प लेते हैं कि अपनी शक्ति भर नशाबंदी के लिए काम करेंगे। 
समता ट्रस्ट के अध्यक्ष मदन जैन ने कहा कि जिस पैसे से गरीब के घर में रोटी जानी चाहिए, शिक्षा का दीप जलना चाहिए, वह शराब पर खर्च हो रहा है। 
पत्रकार जयंत सिंह तोमर ने कहा कि नशाबंदी के लिए जनमत तैयार करने में पत्रकारों की महती भूमिका है । नशे से होने वाली दुर्घटनाओं के समाचार हम छापते हैं लेकिन बतौर सूचना हम छापते हैं। हमें एक नागरिक के बतौर इस अभियान में शामिल होना होगा। 


उपवास सभा का संचालन डा. शिवा श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने कहा कि जब तक महिलाएं इस आन्दोलन में हिस्सेदार नहीं बनेंगी आन्दोलन सफल नहीं होगा। शराब से नारी पीड़ित होती है। शराब उसकी पीठ और पेट दोनों पर आघात करती है।
 शाम चार बजे उपवास का समापन हुआ। गांधी भवन के सचिव श्री दयाराम नामदेव ने उपवास समाप्त कराया। उपवास में  इफ्तियार खान,
अभय जैन, अनिल कुरुप, अजय श्रीवास्तव, गोपाल अवस्थी, अनिल जैन, लक्ष्मीनारायण साहू, प्रताप मलिक सहित बड़ी संख्या में नागरिकों ने उपवास किया । राजधानी के पत्रकार जगत के मित्रों ने भी उत्साह से भागीदारी की ।


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8 फरवरी को सागर में होगा संत रविदास महाकुंभ, आयेंगे सीएम : लाल सिंह आर्य ,राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा अजा मोर्चा

8 फरवरी को सागर में होगा संत रविदास महाकुंभ, आयेंगे सीएम : लाल सिंह आर्य ,राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा अजा मोर्चा 

सागर। भारतीय जनता पार्टी 8 फरवरी को सामाजिक समरसता के प्रकाश पुंज कर्मयोगी संत रविदास जी के अवतरण दिवस के अवसर पर संत रविदास महाकुंभ आयोजित करेगी जिसके साधु संतो के समागम के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णु दत्त शर्मा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे। यह जानकारी भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लाल सिंह आर्य ने सोमवार को सागर  में पत्रकार वार्ता के दौरान दी। श्री आर्य ने महाकुंभ को लेकर चल रही तैयारियों की जानकारी सांझा की। 


श्री लाल सिंह आर्य ने कहा की प्रदेश की सभी 22 हजार 800 पंचायतों 313 ब्लाक एवं सभी जिलों में संत रविदास जी की जयंती धूम धाम से मनाई जाएगी साथ ही आगमी 8 फरवरी को को सागर में चौथी बार संत रविदास महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा जिसमें मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा जी शामिल होंगे।  इस दिव्य एवं भव्य आयोजन में साधु संतो के समागम के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।

श्री आर्य ने बताया की कार्यक्रम को भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा लगातार तैयारिया की जा रही जिसके लिए आगामी 01 फरवरी को सम्पूर्ण प्रदेश में जिला स्तरीय,02फरवरी को विधानसभा स्तरीय बैठक आयोजित की जायेंगी साथ ही 03 फरवरी से लगातार सभी प्रतिनिधि पदाधिकारी अनूसूचित जाति की सेवा बस्तियों में जनसंपर्क कर बैठक करेंगे, जिसमें केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के कल्याण एवं महापुरुषों के सम्मान के लिए किए गए कार्यों को जन जन तक पहुंचाएंगे।  अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ता संपर्क कर संत रविदास महाकुंभ के लिए आमंत्रित करेंगे।


श्री आर्य ने बताया की कार्यक्रम के लिए हैश टैग 
"#सबके संत रविदास भी जारी किया गया"। 
पत्रकार वार्ता का संचालन जिला सह मीडिया प्रभारी आलोक केशवानी एवं आभार श्रीकांत जैन ने व्यक्त किया।
पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सागर संभाग प्रभारी चौ.मुकेश सिंह चतुर्वेदी,प्रदेश उपाध्यक्ष मोर्चा प्रभारी श्री पंकज जोशी, जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया,विधायक प्रदीप लारिया, निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, अनु.जाति.मोर्चा अध्यक्ष नरेंद्र अहिरवार,पूर्व विधायक सोना बाई अहिरवार , इंदु चौधरी उपस्थित रहीं।


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सागर जनपद की दुकानों से नही हटा अतिक्रमण, जनपद अध्यक्ष सविता पृथ्वी सिंह और सदस्य देंगे धरना

सागर जनपद की दुकानों से नही हटा अतिक्रमण, जनपद अध्यक्ष सविता  पृथ्वी सिंह और सदस्य देंगे धरना


सागर, 30 जनवरी 2023.  सागर जनपद  पंचायत की सिविल लाईन स्थित दुकानों में अतिक्रमण और नियम विरुद्ध संचालन होने संबंधी शिकायतो के बावजूद तीन महीने तक कोई प्रशासन द्वारा  कोई कारवाई नही होने से जनपद अध्यक्ष सविता पृथ्वी  सिंह ने  नाराजगी जताई है।उन्होंने  प्रभारी मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया को एक पत्र लिखकर धरना पर बैठने की बा कही है। 


जनपद अध्यक्ष श्रीमती सविता पृथ्वी सिंह ने पत्र में लिखा कि जनपद जनपद पंचायत सागर के मालकित्व एवं स्वामित्व की सिविल लाईन सागर स्थित दुकानें जो कि एक्सिस बैंक के सामने एवं बीसी बंगला के सामने के किरायदारों द्वारा दुकानों के अंदर तोड़-फोड़ कर एवं दुकानों के सामने अतिक्रमण कर पक्के चबूतरे बना लिये गये है। इस संबंध में कार्यालय से किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं लीं गई है।


कई दफा लिखे पत्र

दुकानदारों द्वारा बनाये गये पक्के चबूतरों (अतिक्रमण) को तोड़े जाने हेतु अनेक पत्रों के माध्यम से कार्यवाही किये जाने हेतु आयुक्त  सागर संभाग सागर, कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को लेख किया गया किन्तु लगभग 03 माह की अवधि व्यतीत हो जाने के उपरांत भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
उन्होंने लिखा कि  यदि  6 फरवरी तक तक दुकानदारों द्वारा बनाये गये पक्के चबूतरों (अतिक्रमण) को नहीं हटाया गया तो हम सभी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं जनपद सदस्य धरने पर बैठेंगे। 


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