प्रलय की पुस्तक ‘मध्यप्रदेश में चुनाव और नवाचार’ का विमोचन
▪️प्रजातंत्र की सफलता निर्वाचन प्रक्रिया और उसकी निष्पक्षता पर निर्भर- सुश्री अनुसुइया उइके
▪️चुनाव आयोग ने यू वोटर को मजबूत बनाया– श्री ओपी रावत
भोपाल। किसी भी देश के प्रजातंत्र की सफलता उसकी निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर निर्भर होती है। हम भाग्यशाली हैं कि हमारी चुनावी प्रक्रिया और आयोग हमें सजग प्रतिनिधि चुनने का अवसर देता है। यह बात छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने शनिवार को वाल्मी परिसर में लेखक एवं उप संचालक (जनसंपर्क) प्रलय श्रीवास्तव की पुस्तक ‘मध्यप्रदेश में चुनाव और नवाचार’ के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार श्री महेश श्रीवास्तव ने की। इस अवसर विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओपी रावत एवं विशेष अतिथि के रूप में पूर्व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र श्री जेएस माथुर, वरिष्ठ पत्रकार श्री एनके सिंह, श्री विजयदत्त श्रीधर, श्री उमेश त्रिवेदी, श्री रमेश शर्मा एवं गोविंदपुरा विधायक श्रीमती कृष्णा गौर उपस्थित थीं। कार्यक्रम के दौरान सुश्री अनुसुइया उइके ने सभी अतिथियों, वरिष्ठ पत्रकारों, विधायक श्रीमती गौर, और लेखक प्रलय श्रीवास्तव को छत्तीगढ़ की कलाकृति एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।
वोट का महत्व समझे,दिया अटल सरकार का उदाहरण
सुश्री उइके ने कहा कि आगामी दिनों में भारतीय मतदाताओं की बड़ी जिम्मेदारी होगी कि वे देश और प्रदेश को सही दिशा देने वाली और जनता का कल्याण करने वाली सरकार चुनें। यह तभी संभव होगा, जब हमारे देश का प्रत्येक मतदाता अपनी जिम्मेदारी को समझेगा और अपने एक वोट के महत्व को जानेगा। उन्होंने कहा कि यह नहीं भूलें कि अटलजी की सरकार मात्र एक वोट से गिर गई थी।
वरिष्ठ पत्रकार स्व. सत्यनारायण श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि वे आदर्शों वाले पत्रकार थे और उन्हें खुशी है कि उनके बेटों ने उन्ही का रास्ता अपनाया है।
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भारत की चुनावी प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष : ओ पी रावत
भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओपी रावत ने कहा कि देश पर कौन राज करेगा, यह निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया से ही संभव है। पूरे विश्व में भारत की चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष माना जाता है। यह उपलब्धि भारत ने मात्र एक डॉलर प्रति वोटर के खर्च पर हासिल की है, जबकि विदेशों में प्रति वोटर 20-25 डॉलर का खर्च होता है। साथ ही भारतीय चुनाव आयोग ने देश के मतदाता को मजबूत किया है। आयोग ने वर्ष 2018 में सी-विजिल ऐप बनाया है, जिससे किसी भी मतदाता की शिकायत पर 100 मिनट के भीतर कड़ी कार्यवाही होती है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में 4 करोड़ 86 लाख मतदाताओं को आधारकार्ड के माध्यम से जोड़ा गया है और यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि चुनाव में नवाचार होते रहते हैं और उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय सेना के जवानों को भी मतदान में भाग लेने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
अध्यक्षीय उदबोधन में श्री महेश श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय निर्वाचन आयोग ने देश के मदमस्त राजनेताओं को अंकुश में रखा है। उन्होंने लेखक प्रलय श्रीवास्तव की सराहना करते हुए कहा कि प्रलय ने अपने प्रशासनिक जीवन में प्राप्त अनुभवों को लिपिबद्ध कर समाज को अर्जित ज्ञान बांटने का काम किया है। शासन की नौकरी करते हुए, जो संभव नहीं है, ऐसे राजनीतिक विश्लेषणों पर उन्हें आगे जाकर फिर एक पुस्तक लिखनी चाहिए।
इस मौके पर श्री एनके सिंह ने कहा कि उन्हें इस किताब का लंबे समय से इंतजार था। जनसंपर्क के लंबे प्रशासनिक अनुभवों के बाद लेखक की इस पुस्तक का दिलचस्प होना अपेक्षित था। भारतीय चुनाव आयोग को मजबूत बनाने में स्व. टीएन शेषन की महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव में शुचिता एवं निष्पक्षता एक बड़ी चुनौती होती है। हमारे देश में मध्यम वर्ग चुनाव में ठीक से शामिल नहीं होता, जबकि पिछड़े और कमजोर तबकों के लोग इस मामले में बेहतर समझ रखते हैं।
श्री जेएस माथुर ने कहा कि प्रदेश के चुनावी इतिहास में सूचना प्रौद्धौगिकी और तकनीक को पहले से ही प्रोत्साहित किया जाता रहा है और इसीलिए चुनाव प्रक्रिया में परिवर्तन होते रहे हैं। उन्होंने चुनाव और नवाचार पर सारगर्भित रूप से लिखने के लिए लेखक की प्रशंसा की।
श्री विजयदत्त श्रीधर ने कहा कि चुनाव प्रकिया और नवाचार पर ऐसी किताबें लिखी जानी चाहिए और लोग उन्हें खरीदकर पढ़ें। श्री उमेश त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव को लेकर नवाचार और भ्रष्टाचार पर लंबी बहस और चर्चाएं होती हैं, किंतु निर्वाचन प्रक्रिया की विश्वसनीयता महत्वपूर्ण है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक भविष्य में संदर्भ सामग्री के रूप में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। कार्यक्रम को पत्रकार श्री रमेश शर्मा ने भी संबोधित किया।
प्रारंभ में गायिका सुश्री सुहासिनी जोशी के मध्यप्रदेश गान के उपरांत लेखक प्रलय श्रीवास्तव और उनके अग्रज, पत्रकार श्री मलय श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। अतिथियों को आयोजकों की ओर से स्मृति चिह्न एवं वाल्मी संस्थान की ओर से पौधे भेंट स्वरूप दिए गए। पूरा आयोजन अनौपचारिक एवं आत्मीय वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ उद्घोषक श्री सुभाष सक्सेना ने किया। आभार लेखक श्री प्रलय श्रीवास्तव द्वारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर सर्वश्री रमेश शर्मा गुट्टू शर्मा, अधिवक्ता श्री जेपी धनोपिया, श्री अरुण श्रीवास्तव, श्री संतोष साहू सहित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।