जिला अस्पताल में सरकारी सामग्री को क्षति पहुंचाने या चोरी करने पर होगी एफआईआर : कलेक्टर
सागर। 10 जनवरी 2023।अस्पताल में आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) व इन पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) दो अलग-अलग भाग होते हैं। जिला अस्पताल में ओपीडी व आईपीडी की व्यवस्थाओं को अलग-अलग हॉस्पिटल के मानक अनुसार व्यवस्थित करें। ताकि जिला हॉस्पिटल के अंदर भीड़-भाड़ को नियंत्रित कर मैनेजमेंट को दुरुस्त किया जा सके। उक्त निर्देश कलेक्टर सह अध्यक्ष सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड श्री दीपक आर्य ने मंगलवार को दिए। वे कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ श्री चंद्रशेखर शुक्ला के साथ जिला अस्पताल रेट्रोफिटिंग परियोजना कार्यों का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में आने वाले रोगी को अधिकांश भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होती है और यहाँ मरीजों का आना-जाना लगातार लगा रहता है, जिससे इस क्षेत्र में भीड़-भाड़ लगातार बनी रहती है। जबकि आईपीडी में मरीज एक बार भर्ती होने के पश्चात अधिकतर ठीक होने पर छुट्टी मिलने के बाद ही बाहर आता है और यहाँ भीड़ का कोई काम नहीं होता। उन्होंने कहा हॉस्पिटल भवन के मुख्य गेट के पास ही कैजुअल्टी विभाग को तैयार करें। जिला हॉस्पिटल में ओपीडी व आईपीडी व्यवस्थाओं को अलग-अलग स्थलों पर व्यवस्थित करें। इससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा और ओपीडी को शाम को बंद भी किया जा सकता है, जिससे अस्पताल का बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा। साथ ही इससे मरीजों व उनके परिजनों को उपयुक्त व बेहतर सुविधाएं देने के साथ ही हॉस्पिटल प्रबंधकों को भी सहूलियत होगी। उन्होंने जिला चिकित्सालय में डॉक्टर्स की ड्यूटी आदि की जानकारी लेते हुए कहा कि जिला अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर्स को भी बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए ताकि वे स्ट्रेस फ्री होकर पूरे मनोयोग से मरीजों का उपचार करें। इसके लिए डॉक्टर्स चैंबर व रूम्स को भी सुव्यवस्थित तरीके से पुनर्विकसित करें। टॉयलेट व ड्रेनेज़ सिस्टम को दुरुस्त करें व स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। कलेक्टर श्री आर्य ने जिला अस्पताल में चल रहे कायाकल्प के कार्य का बारीकी से निरीक्षण कर कहा कि इस परिसर में लगे सभी अनावश्यक झाड़-झाड़ियां आदि तत्काल हटाएं ताकि आसानी से साफ-सफाई की जा सके और परिसर को स्वच्छ रखा जा सके। निरीक्षण के दौरान जिला अस्पताल में नल आदि वस्तुओं की चोरी व तोड़-फोड़ की जानकारी दिए जाने पर उन्होंने कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य यहां आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना है। यदि कोई व्यक्ति उक्त सुविधाओं का दुरूपयोग करते हुए सरकारी सामग्री को तोड़-फोड़कर नुकसान पहुँचाता है या चोरी करता है तो तत्काल उसकी एफआईआर कराकर कड़ी दंडात्मक कार्यवाही कराएं।
उन्होंने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि अस्पताल परिसर से अनावश्यक निर्माण को हटाएं व व्यवस्थित पार्किंग आदि तैयार करें। सीवर सिस्टम आदि सहित हॉस्पिटल परिसर को प्रत्येक ओर से सुव्यवस्थित करें। जिन वार्डों में रेट्रोफिटिंग कार्य किया जा रहा है, वहाँ टॉयलेट व्यवस्था, वॉटर सप्लाई, खिड़कियों पर मच्छर जाली, पेंट आदि को विशेष ध्यान से दुरुस्त करें। हॉस्पिटल किचिन को सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिए प्लान करें। हॉस्पिटल कॉरिडोर को स्वच्छ व आवागमन के लिए फ्री बनाएं ताकि मरीजों को व्हीलचेयर व स्ट्रेचर आदि से लाने ले-जाने में आसानी रहे।
उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में दूर-दूर से मरीज व उनके परिजन इलाज के लिए आते हैं। हमें उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अस्पताल का कायाकल्प करना हैं। जिससे उन्हें यहां इलाज के दौरान आसानी से सुविधाओं का लाभ मिल सके। अस्पताल में सभी जगह आवश्यकता अनुसार साइनेजेस लगाने का भी कार्य प्रारम्भ करें ताकि आगंतुकों को अनावश्यक भटकना न पड़े, वे अपनी जरूरत के हिसाब से अस्पताल के उपयुक्त स्थल तक आसानी से पहुंच सकें और सुविधाओं का लाभ पा सकें।निरीक्षण व समीक्षा बैठक के दौरान स्मार्ट सिटी और पीएमसी के इंजीनियर्स व निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि मौजूद रहे।