अन्वेषण की रंगयात्रा के तीस वर्ष पूर्ण,
▪️ तीन दिवसीय नाट्य एवं विमर्श समारोह 25 दिसंबर से
सागर। अन्वेषण थिएटर ग्रुप सागर की स्थापना के 30 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय नाट्य एवं विमर्श समारोह का आयोजन 25 से 27 दिसंबर तक स्थानीय रवीन्द्र भवन में आयोजित किया जाएगा।
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं संस्कृति संचालनालय भोपाल के सहयोग से आयोजित अन्वेषण के इस तीन दिवसीय समारोह में प्रथम दिन 25 दिसंबर की शाम 7 बजे से मनोहर काटदरे द्वारा लिखित हास्य नाटक भागमभाग का मंचन किया जाएगा। 'भागमभाग' की प्रस्तुति जगदीश शर्मा के निर्देशन में आयोजक संस्था अन्वेषण के कलाकारों द्वारा दी जाएगी। भागमभाग नाटक विशुद्ध रूप से हास्य पर आधारित है, इसका नायक जो कि एक टैक्सी ड्राइवर है और दो विवाह करके अपनी बीवियों से यह बात छिपाने के लिए लगातार झूठ बोलता है। उसका एक दोस्त भी इसमें बे-मन से शामिल रहता है। इसी ताने-बाने के बीच बनी परिस्थितियों से पल-पल में हास्य की उत्पत्ति दर्शकों को लगातार बांधे रखती है। भागमभाग में मंच पर जिन कलाकारों ने काम किया है उसमें आयुषी चौरसिया, करिश्मा गुप्ता, जगदीश शर्मा, रवीन्द्र दुबे 'कक्का', संदीप दीक्षित, प्रवीण केम्या, अमजद ख़ान, दीपक राय, श्रीमती समता झुड़ेले एवं डॉ. अतुल श्रीवास्तव शामिल हैं। मंच पार्श्व में आशीष चौबे (भोपाल), पार्थो घोष, राजीव जाट, कपिल नाहर, मनोज सोनी, जगदीश शर्मा, के अलावा सतीश साहू, सुमित दुबे, दीपगंगा साहू, आनंद शर्मा, अश्वनी साहू, राजू नामदेव, सक्षम साहू, एवं ऋषभ सैनी आदि ने कार्य किया है।
नाट्य समारोह के दूसरे दिन 26 दिसंबर को गिरीश कर्नाड द्वारा लिखित नाटक 'ययाति्' की प्रस्तुति होगी। इस नाटक की प्रस्तुति भोपाल के हम थिएटर ग्रुप द्वारा दी जाएगी। नाटक का निर्देशन जाने-माने रंगकर्मी बालेन्द्र सिंह करेंगे। 'ययाति्' नाटक पौराणिक कथाभूमि के माध्यम से जीवन की शाश्वत छटपटाहट को संकेतित करते हुए अपने सिद्धशिल्प में एक अविस्मरणीय नाट्य अनुभव की रचना करता है। इस नाटक में मंच पर ज्योति रायकवार, आरती यादव, खुशबू चौबलकर, जूली प्रिया, योगेश तिवारी, समृद्धि असाटी, शालिनी मालवीय के अलावा अन्य कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
नाट्य समारोह के तीसरे दिन 27 दिसंबर को ही अन्वेषण का 31 वां स्थापना दिवस भी है इसलिए इस दिन का कार्यक्रम दो भागों में आयोजित किया जाएगा। प्रथम सत्र में अतिथियों द्वारा 30 दीपों के प्रज्जवलन के साथ ही रंगकला पर विमर्श होगा जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में ख्यातनाम लोक संस्कृतिविद् तथा साहित्यकार पद्मश्री कपिल तिवारी जी का वक्तव्य होगा। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अन्वेषण के कलाकारों द्वारा जगदीश शर्मा के निर्देशन में प्रो. वसंतदेव लिखित हास्य व्यंग से ओतप्रोत नाटक 'सुदामा के चावल' की प्रस्तुति दी जाएगी। इस नाटक में पौराणिक चरित्र सुदामा के माध्यम से आज के इंसान के दोहरे चरित्र की तरफ इशारा किया गया है। नाटक की भाषा बुंदेली मिश्रित हिंदी है इसलिए नाटक में बुंदेली लोकगीतों और बुंदेली लोक नृत्य ढिमरयाई का प्रयोग भी किया गया है, जो इसके प्रदर्शन को स्थानीय लोगों के दृष्टिकोण से और अधिक समृद्ध बनाता है, उनके आनंद में वृद्धि करता है सुदामा के चावल नाटक में मंच पर जगदीश शर्मा, दीपगंगा साहू, डॉ. अतुल श्रीवास्तव, सतीश साहू, राजीव जाट, रवीन्द्र दुबे 'कक्का', प्रवीण केम्या, अश्वनी साहू, लीलाधर रैकवार आदि अभिनय करेंगे जबकि मंच परे अमन रैकवार, खेमचंद सेन, रंजीत रैकवार, राजीव जाट, कपिल नाहर, मनोज सोनी, करिश्मा गुप्ता, तरुणय सिंह, प्रेम जाट, सचिन पटेल, योगेश रैकवार, आस्था बानो, ग्राम्या चौबे, मास्टर अयान, चंचल आठिया, नितिन दुबे, आदि द्वारा अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया गया है। समारोह में दर्शकों का प्रवेश निशुल्क होगा, लेकिन इस हेतु समारोह का प्रवेश पत्र लेना होगा।
उल्लेखनीय है कि अन्वेषण की स्थापना के तीन दशक पूरे होने के दृष्टिकोण से अन्वेषण का यह समारोह विशेष होगा। इस अवसर पर एक ओर जहां आयोजन स्थल पर अन्वेषण की रंगयात्रा से जुड़ी एक चित्र प्रदर्शनी होगी तो दूसरी ओर इसी दिन अन्वेषण के 30 बरस नामक एक स्मारिका का भी विमोचन किया जाएगा। तीन दिवसीय इस नाट्य समारोह की तैयारियां ज़ोर-शोर से जारी हैं। समारोह के तीन दिनों में दो प्रस्तुतियां स्वयं आयोजक संस्था अन्वेषण के द्वारा की जा रही हैं जबकि एक प्रस्तुति भोपाल के हम थिएटर ग्रुप द्वारा की जाएगी। चूंकि यह अवसर पहली बार है कि सिर्फ तीन दिवसीय नाट्य उत्सव में दो प्रस्तुतियां आयोजक संस्था की हैं इसलिए संस्था की जिम्मेदारियां भी बहुत बढ़ गई हैं। एक तरफ जहां अन्वेषण के कलाकार दोनों नाटकों की रिहर्सल में पिछले दो महीनों से व्यस्त हैं तो वहीं दूसरी तरफ बाहर से आमंत्रित नाट्य दल हेतु कलाकारों के रुकने, खाने व आवागमन सहित अन्य व्यवस्थाओं जैसे लाइट, साउंड, कॉस्टयूम, सैट आदि से जुड़े मंच पार्श्व के कलाकार भी अपने-अपने कामों में मशगूल हैं। अन्वेषण की ओर से सागर के सभी दर्शकों का इस 30 वर्षीय रंगयात्रा में अमूल्य योगदान मानते हुए नगर के समस्त दर्शकों का हृदय से आभार व्यक्त किया है एवं अपील की गई है कि इस तीन दिवसीय नाट्य व विमर्श समारोह में पधार कर न वे सिर्फ तीनों नाटकों का आनंद ले सकते हैं बल्कि प्रदर्शनी के माध्यम से अन्वेषण की पूरे 30 वर्षों की रंगयात्रा को भी जान सकते हैं। साथ ही विमर्श के जरिये रंगकला के महत्व के बारे में भी अपनी जानकारी बढ़ा सकते हैं।