17 दिसंबर को सागर का दौरा करेंगे दिग्विजय सिंह▪️शशांक शेखर के नेतृत्व में अधिवक्ताओं का दल भी आएगा



17 दिसंबर को सागर का दौरा करेंगे दिग्विजय सिंह
▪️शशांक शेखर के नेतृत्व में अधिवक्ताओं का दल भी आएगा 




सागर 15 दिसंबर 2022। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के निर्देश पर राज्यसभा सांसद श्री दिग्विजय सिंह 17 दिसंबर को सागर जिले का दौरा करेंगे। उनके साथ अधिवक्ता शशांक शेखर के नेतृत्व में वकीलों का एक दल भी सागर आएगा। श्री दिग्विजय सिंह सागर जिले में विभिन्न स्थानों पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर हुए अत्याचार, उनके खिलाफ दर्ज किए गए झूठे मुकदमे और अन्य अत्याचार का जमीनी मुआयना करेंगे और उन्हें हर संभव मदद देने के लिए कार्यवाही शुरू करेंगे। वे पीड़ित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के परिवारों से मुलाकात करेंगे।पीसीसी अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने श्री दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में अत्याचार प्रतिरोध समिति का गठन किया था। समिति के पास पूरे प्रदेश में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं पर भाजपा शासन के इशारे पर किए जा रहे अत्याचारों की बहुत सारी शिकायतें आई थी। 
 प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक ने उक्त संबंध में बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर अत्याचार में सागर और दतिया जिले सबसे आगे हैं। श्री दिग्विजय सिंह पीड़ित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के घर जाएंगे उनके परिवारों से मिलेंगे। श्री शशांक शेखर के नेतृत्व में जा रही अधिवक्ताओं की टीम कांग्रेस के पीड़ित कार्यकर्ताओं को हरसंभव कानूनी मदद उपलब्ध कराने के लिए प्रक्रिया शुरू करेगी।

 दौरे को लेकर कांग्रेस नेता पहुंचे विभिन्न क्षेत्रों में


मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद श्री दिग्विजय सिंह के दिनांक 17 दिसम्बर को सागर दौरे को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण जिलें के विभिन्न क्षेत्रों में पहुँचे। संभागीय प्रवक्ता अभिषेक गौर ने बताया कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी,पूर्व मंत्री श्री प्रभु सिंह ठाकुर, भारत जोड़ो यात्रा के जिला समन्वयक श्री मुकुल पुरोहित, श्री रामकुमार पचौरी आदि कांग्रेसजनो ने जैसीनगर, सुरखी,खुरई, मालथौन,बांदरी आदि अन्य क्षेत्रों में पहुंचकर  तैयारियों का जायजा लिया।



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बिजली पेंशनर्स मांगे पूरी होने तक क्रमिक आंदोलन जारी रखेंगे ,जन प्रतिनिधियों को देंगे ज्ञापन

बिजली पेंशनर्स मांगे पूरी होने तक क्रमिक आंदोलन जारी रखेंगे ,जन प्रतिनिधियों को देंगे ज्ञापन


सागर,15 दिसंबर,मकरोनिया रोड स्थित वृदांवन गार्डन में सम्भाग भर के सागर, बीना, रहली,दमोह, देवरी,छतरपुर, से आये सैकड़ों बिजली पेंशनरों का मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मण्डल पेंशनर्स एसोसिएशन के बैनर तले विशाल आम सभा और वार्षिक सम्मेलन आयोजित हुआ । इस अवसर पर एसोसिएशन के सचिव के.एल.कटारिया ने एसोसिएशन की वार्षिक गतिविधियों और आय-व्यय पर प्रतिवेदन वाचन किये । जो सभा के द्वारा ध्वनिमत से अनुमोदित किये गए ।
आयोजित आम सभा में सम्भाग के विभिन्न स्थानों से सैकड़ों की संख्या में बिजली पेंशनर्स के साथ यूनाइटेड फोरम फ़ॉर एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स,भोपाल से प्रन्तीय संयोजक इंजी.व्ही. के.एस. परिहार और राज्य शासन पेंशनर्स एसोसिएशन के बृजबिहारी उपाध्याय, हरिओम पांडेय,अरविंद चौबे विशेष रूप से उपस्थित हुए ।

सागर क्षेत्र एसोसिएशन के अध्यक्ष ए.के. पांडेय ने अपने सम्बोधन में सुझाव देकर कहा कि विद्युत वितरण कंपनियां यदि चाहें तो विद्युत वितरण केंद्र और संभाग, का कार्य भार प्रयोग के तौर पर सेवानिवृत्त बिजली अधिकारी-कर्मचारियों को सौंपने पर विचार करे । श्री पांडेय ने अपने अनुभव से बताया कि ये प्रयोग सफल होगा और सौंपे गए वितरण केंद्र और संभाग घाटे से उबर सकेंगे । उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों का घाटा बनावटी है । 

बिजली कंपनियां पेंशनर्स के नाम से जमा राशियाँ पेंशन फंड में जमा ना कर गंभीर अनियमितता कर रही हैं।
एसोसिएशन के अशोक गोपीचंद रायकवार ने कहा कि ये कितनी विडम्बना पूर्ण स्थिति है कि प्रदेश की बिजली कंपनियों के आई.ए.एस. प्रबंध संचालक गण अपने वेतन के साथ 38% महंगाई भत्ता ले रहे हैं, पर अपने पेंशनर्स को 22% महंगाई राहत दिला पा रहे हैं । यही नहीं बिजली पेंशनर्स को समय पर पेंशन भुगतान की ठोस व्यवस्था भी नहीं कर पा रहे हैं । 

राज्य पेंशनर्स एसोसिएशन के सम्भागीय अध्यक्ष बृज बिहारी उपाध्याय और जिला अध्यक्ष हरिओम पांडेय ने अपने सम्बोधनों में कहा कि बिजली पेंशनरों ने हमेशा राज्य पेंशनरों का साथ दिया है और राज्य पेंशनर्स भी बिजली पेंशनरों के साथ हर कदम पर साथ खड़े हुए हैं ।
 वक्ताओं में आर.आर.पाराशर ने  कहा कि मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा दी गई व्यवस्था और जारी टैरिफ और न्यायिक आदेशों के बावजूद राज्य की बिजली कंपनियां पेंशनरों के फण्ड में राशियाँ जमा कराने में विफल रही हैं। इस संवैधानिक  उल्लंघन के लिए राज्य की बिजली सब्सिडी योजना की राशि बिजली कंपनियों को नहीं दिये जाने को जिम्मेदार  ठहरा रही हैं । जबकि इसके लिए पात्र लाभार्थी बिजली पेंशनर्स किसी भी तरह जवाबदेह नहीं हैं ।



अपने वक्तव्य में रामलखन श्रीवास्तव ने राज्य शासन पर तंज करते हुए कहा-
जुगनू ही दीवाने निकले,अंधियारा झुठलाने निकले, जिसको पकड़ा हाथ समझ कर,वो केवल दस्ताने निकले ।
वक्ता सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता सी.एल. स्वर्णकार ने अपने सम्बोधन में संकेतों में राज्य शासन को चेताते हुए कहा-मरी खाल की सांस से लोह भस्म हो जाए ।
आम सभा में डॉ. प्रेम श्रीवास्तव, बीना, एस. एन.सिंह,दमोह, सुरेश बाबू खरे,छतरपुर,डी. डी. तिवारी, के.सी.जैन, दमोह,सहित सभी वक्ताओं ने बिजली पेंशनरों को तनाव और दबाव मुक्त जीवन और सामाजिक  न्याय दिलाये  की मांग की और प्रदेश के निर्माण में जीवन खपाने वाले अन्याय के शिकार बिजली पेंशनर्स को पेंशन की गारंटी, ट्रेजरी से भुगतान और समय पर महंगाई राहत दिलाये जाने की मांग रखी और जमकर नारेबाजी की गई  । 

श्री व्ही. के.एस. परिहार ने अपने वक्तव्य में बताया कि केवल मध्यप्रदेश में बिजली पेंशनर्स के लिए स्थाई व्यवस्था नहीं की गई है ।  इसके लिए 52 हजार करोड़ राशि की दरकार है । राजस्थान में बिजली कर्मचारियों की पेंशन के लिए 15 पैसे प्रति यूनिट के टैरिफ प्रावधान किए गए हैं । उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जैसे कई राज्यों में  के बिजली पेंशनर्स की पेंशन भुगतान का दायित्व राज्य ट्रेजरी को सौंपा जा चुका है ।   मध्य प्रदेश में भी यही व्यवस्था कराये जाने के लिए एकजुट संघर्ष की जरूरत भी है, जो कि किया भी जाएगा । बिजली कर्मचारियों और पेंशनरों की समस्याओं का निराकरण ना होने पर  जनवरी से यूनाइटेड फोरम प्रांतव्यापी तीव्र और प्रभावी कार्य बहिष्कार आंदोलन करेंगे ।  हम निवेदन और आवेदन कर चुके हैं अब आंदोलन के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं है । बिजली वितरण कम्पनियाँ भरपूर राजस्व वसूली कर रही हैं । बताया जा रहा आर्थिक अभाव कृत्रिम है । बिजली पेंशनरों के लिए राज्य द्वारा बनाये गए नियमों का अपालन राज्य ही  कर रहा है  । किसी बड़े आन्दोलन की प्रतीक्षा की जा रही है , जो किया भी जायेगा और उसमें हमारी  हमारी विजय निश्चित है । उन्होंने कहा  कि यूनाइटेड  फोरम का फैसला है कि की अब आगे बात प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री महोदय से ही होगी  क्योंकि उन के अ अधीनस्थ स्तर पर बात करने के कोई नतीजे नहीं मिले हैं  । 

इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों  के माध्यम से मुख्यमंत्री को बिजली पेंशनर्स की ओर से भेजे जाने के लिए तैयार ज्ञापनों का वाचन किया गया । जिनमें पूर्व ज्ञापनों की मांगों को दोहराया गया है  ।


सम्मेलन के साथ आयोजित बैठक में बिजली पेंशनरों द्वारा 17 दिसम्बर 1982 को  सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ के द्वारा पेंशनरों के हक़ में दिए गए ऐतिहासिक फैसले की वर्षगांठ को इस साल पेंशनर्स दिवस के रूप में मनाने का निर्णय हुआ । इसके अलावा बिजली पेंशनरों की मांगें पूरी होने तक मौन सत्याग्रह और क्रमिक अनशन आयोजित करने के प्रस्तावों पर सहमति हुई । 
आयोजन में जहाँ एक ओर सरकार और बिजली कंपनियों की बिजली पेंशनरों की उपेक्षा के विरोध में मौन धारण रखा गया । भविष्य में मृत संवेदनाओं को लेकर पिंडदान और तर्पण करने की बात भी रखी गई । सम्मेलन संचालन अरविंद जैन ने किया।



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बीए-बीएड/बीएससी-बीएड की उपाधि को शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल करने कुलपति ने ली बैठक

बीए-बीएड/बीएससी-बीएड की उपाधि को शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल करने कुलपति ने ली बैठक


सागर।  डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर की  कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में छात्र कल्याण अधिष्ठाता, प्रो. ए.डी. शर्मा, कुलानुशासक प्रो. चंदा बेन, शिक्षा शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि जैन, कुलसचिव (प्र.) संतोष सोहगौरा एवं छात्र-प्रतिनिधियों की उपस्थिति में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित बीए-बीएड/बीएससी-बीएड (चार वर्षीय एकीकृत) उपाधि को केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली द्वारा जारी शिक्षक पदों के विज्ञापन में शैक्षणिक योग्यता के रूप में शामिल करने के संबंध में एक अति आवश्यक बैठक संपन्न हुई. 
कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली मुख्यालय को उक्त प्रकरण के संबंध में यथाशीघ्र पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई करने का दिशा-निर्देश दिया. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आज दिनांक 14 दिसंबर 2022 को केन्द्रीय विद्यालय संगठन के मुख्यालय को पत्र प्रेषित भी कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त कुलपति  ने उक्त प्रकरण के निराकरण के लिए शिक्षकों एवं छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल यथाशीघ्र केन्द्रीय विद्यालय संगठन के मुख्यालय भेजने संबंधी भी दिशा-निर्देश दिए.

छात्रों ने किया प्रदर्शन

 डा गौर विवि की बीए-बीएड/बीएससी-बीएड की डिग्री को शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल किए जाने को लेकर छात्रों द्वारा प्रदर्शन भी किया जा रहा है। जिन छात्रों ने इस डिग्री को पास किया है उनको अपना भविष्य अंधकारमय नजर आने लगा है। आज विश्वविद्यालय में छात्रों ने धरना भी दिया।



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SAGAR : पतली कमरिया मोरी हाय हाय.....के गाने पर कालेज की लडकियो ने बनाई REEL ▪️कालेज प्रशासन ने की जांच शुरू :देखे:वीडियो

SAGAR : पतली कमरिया मोरी हाय हाय.....
के गाने पर कालेज की लडकियो ने बनाई REEL 

▪️कालेज प्रशासन ने की जांच शुरू 

सागर।  कॉलेज स्टूडेंट्स में फिल्मी गानों पर रील बनाने का क्रेज देखने को मिल रहा है।सागर के राहतगढ़ शासकीय महाविद्यालय से दो वीडियो सामने आए हैं। इनमें कुछ छात्राएं कॉलेज के क्लासरूम में फिल्मी गाने  पर रील बनाते हुए दिख रही हैं। इसमें कुछ लडकिया बेंच पर बैठी है और एक लड़की डांस कर रही है।  दूसरा वीडियो कॉलेज के गेट का बताया जा रहा है, जहां कॉलेज के कुछ छात्र रील बना रहे हैं। एक छात्र बाइक पर खड़ा होकर गाने पर डांस करता हुआ दिख रहा है।




मामला सामने आते ही कॉलेज प्रबंधन ने जांच के निर्देश दिए हैं। कॉलेज की अनुशासन समिति मामले की जांच कर रही है। वीडियो में फिल्मी गाने पर डांस कर रही छात्राओं ने ड्रेस कॉलेज की पहन रखी है। हालांकि, प्रबंधन का कहना है कि वीडियो कॉलेज की ही छात्राओं का है या नहीं? इसकी जांच कराई जा रही है।





अनुशासन समिति से कराई जा रही जांच

कॉलेज के प्राचार्य चंदन सिंह सागर ने बताया कि दो वीडियो सामने आए हैं। इनमें एक वीडियो कॉलेज परिसर के बाहर का है। कॉलेज के बाहर स्टूडेंट क्या कर रहे हैं, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। दूसरा वीडियो कॉलेज की छात्राओं का बताया जा रहा है। हालांकि, वीडियो कॉलेज का है या नहीं? इसकी जांच कराई जा रही है। वीडियो में दिख रही छात्राएं कॉलेज की ड्रेस में नजर जरूर आ रही हैं। मामले की जांच अनुशासन समिति को सौंपी गई है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।



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श्री जानकी रमण मंदिर का मामला: ▪️15 साल से मंदिर में ठीक ढंग से पूजा भी नही होती थी: ग्राम वासी▪️सुरखी के विकास से परेशान होकर मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं कुछ लोग: हीरासिंह, जिंप अध्यक्ष

श्री जानकी रमण मंदिर का मामला: 
▪️15 साल से मंदिर में ठीक ढंग से पूजा भी नही होती थी: ग्राम वासी
▪️सुरखी के विकास से परेशान होकर मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं कुछ लोग: हीरासिंह, जिंप अध्यक्ष 

सागर। सुरखी विधानसभा क्षेत्र के बरखेड़ा महंत स्थित श्री जानकी रमण मंदिर के जमीन के संचालन और रखरखाव को लेकर अब गांववासी और कमेटी के सदस्य सामने आए है। इसकी जमीन के वारिसान को लेकर प्रबंधक जगदीश प्रसाद ने राजस्व मंत्री और उनके भाई हीरासिंह पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया था। कमेटी के सदस्यों के अनुसार लंबे समय से मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना नही हो रही थी। उसकी जमीन को भी खुर्दबुर्द किया जा रहा था। इस वजह से सरकारी देखरेख में कमेटी बनाई गई थी। पिछले एक साल से विधिवत काम काज चल रहा है।जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत ने साधु के सभी आरोपों को निराधार व मनगढ़ंत बताया है। उन्होंने कहा कि न तो वे उक्त साधु को जानते हैं और न ही उनका और उनके परिवार का मंदिर की कोई जमीन से लेना-देना है। आज मिडिया से मंदिर कमेटी और क्षेत्र वासियों ने चर्चा की।v

मंदिर की जमीन से हमारा लेना-देना नहीं, हम मंदिर से लेने वालो में नही सेवा करने वालो में है: हीरासिंह






इस मामले में  जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत ने कहा कि जो साधु आरोप लगा रहे हैं, मैं उन्हें जानता तक नहीं हूं। रही बात मंदिर की जमीन की तो मंदिर की जमीन से मेरा और मेरे परिवार का कोई लेना-देना नहीं है। सभी आरोप निराधार है। यदि कोई बात है तो प्रशासन को जांच कराना चाहिए। जांच में जो भी दोषी पाया जाए उस पर कार्रवाई की जाए। मंदिर का काम मंदिर की कमेटी देखती हैे। राजनीतिक द्वेष के चलते कुछ लोग इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। यह लोग सुरखी में होने वाले विकास से परेशान होकर मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। लेकिन जनता सब जानती है। हमारा परिवार मंदिर की सेवा करने बना है। उनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए नही है। हमारा प्रयास है कि धार्मिक स्थानों पर विधि विधान से हमेशा पूजा अर्चना होती रहे। 

15 साल तक मंदिर में नहीं जला दीया






 बरखेड़ा महंत निवासी और मंदिर कमेटी के सालकराम ने बताया कि मंदिर में पिछले 15 सालों से दीया तक नहीं जलाया गया था। उसकी जमीन को बेचने की कोशिश होती रही। पूरे मंदिर में गंदगी फैली हुई थी। गांव और क्षेत्र के लोग परेशान थे। दो ट्राली कचरा निकला। मंंत्री और प्रशासन को मामले से अवगत कराया। जिसके बाद मंदिर की कमेटी बनाई गई। कमेटी में 10 गांव के लोगों को शामिल किया गया है। जिसके बाद मंदिर में साफ-सफाई और निर्माण शुरू कराया गया। मंदिर में पूजा-आरती शुरू की गई है। आरोप लगाने वाले जगदीश दास न तो कभी गांव में रहे हैं और न ही किसी ने उन्हें देखा है। वर्तमान में मंदिर क्षेत्र में जीर्णोधार भी कराया जा रहा है।

यहां बता दे जानकी रमण मंदिर के  प्रबंधक जगदीश दास ने  आरोप लगाया था कि मंदिर की  संपत्ति व जमीन को हड़पने का कार्य मंत्री गोविंद सिंह, उनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत कर रहे हैं।  यदि 26 जनवरी तक नामांतरण नहीं किया गया तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।





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SAGAR: सनराइज मेगासिटी कालोनी बनी गीले कचरे का स्थल पर ही प्रसंस्करण करने वाली आत्मनिर्भर कालोनी

SAGAR: सनराइज मेगासिटी कालोनी बनी गीले कचरे का स्थल पर ही प्रसंस्करण करने वाली आत्मनिर्भर कालोनी 

सागर।  सनराइज मेगासिटी कालोनी जो कालोनी के गीले कचरे कालोनी में लगाई गई यायोडायजेस्टर मशीन से स्थल पर ही खाद बनाकर उसका उपयोग कालोनी में ही बने पार्क एवं कालोनी के पेड़ों पौधों में उपयोग किया जा रहा है जिसका निगमायुक्त श्री चंद्रशेखर शुक्ला ने स्वास्थ्य समिति के सभापति श्री शैलेष केशरवानी ब्रॉड एम्बेसिटर श्री इंजी. प्रकाष चौबे, सहायक आयुक्त श्री राजेश सिंह राजपूत एवं अन्य अधिकारियों ने जागरूकता अभियान के द्वारा नागरिकों से सर्वेक्षण 2023 में अपनी सहभागिता करने की अपील की।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के अंतर्गत अंबेडकर वार्ड की आत्मनिर्भर कॉलोनी सनराइज मेगा सिटी कॉलोनी जहां निकलने वाले गीले कचरे का शत प्रतिशत प्रसंस्करण कर खाद बनाई जाती है जिसका उपयोग कॉलोनी एवं पार्कों में लगे पौधों में किया जाता है और सूखे कचरे को कॉलोनी वासी कचरा गाड़ी को देते हैं इस प्रकार यह कॉलोनी अन्य रहवासी कॉलोनी निवासियों के लिए एक आत्मनिर्भर कॉलोनी का उदाहरण है।
इसी प्रकार कॉलोनी से निकलने वाली वेस्ट पानी को कॉलोनी में ही बने एसटीपी प्लांट में ट्रीट कर जो पानी निकलता है। उसे कॉलोनी में लगे पेड़ पौधों में डाला जाता है
इस कॉलोनी में ही गीले कचरे से खाद बनाने हेतु लगाए गए बायोजेटिक मषीन लगाई गई है। जिसमें कॉलोनी के अंदर रहने वाले नागरिकों का गीला कचरा गाड़ी में एकत्रित कर मषीन तक लाया जाता है जहॉ उससे खाद बनाई जाती है जिसका उपयोग कॉलोनी के पार्को और पौधों में किया जाता है।
कॉलोनी के घरों से निकलने वाले अनुपयोगी पानी को स्वच्छ करने 2 एस.टी.पी. प्लॉट भी लगाये गये है। जहॉ पानी को स्वच्छ कर पुनः पार्को एवं पौधों में डाला जाता है।
इस निरीक्षण के दौरान निगम आयुक्त श्री चंद्रषेक्षर षुक्ला, स्वास्थ्य सभापति श्री षैलेश केषरवानी, ब्रॉड एम्बेसिटर श्री इंजी. प्रकाष चौबे एवं सहायक आयुक्त श्री राजेष सिंह राजपूत ने कॉलोनी निवासियों की बैठक लेकर उनसे नगर को स्वच्छता रैंकिंग में शहर को नंबर वन बनाने हेतु अन्य नागरिकों एवं परिचितों को प्रेरित करने की अपील की तथा स्वच्छ सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण घटक मोबाइल पर स्वच्छता ऐप डाउनलोड कर अधिक से अधिक फीडबैक कराने का अनुरोध किया




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सहना सीखो सह लिया तो संत हो जाओगेः संत श्री कमल किशोर नागर जी▪️कथा का समापन 15 दिसंबर को

सहना सीखो सह लिया तो संत हो जाओगेः संत श्री कमल किशोर नागर जी

▪️कथा का समापन 15 दिसंबर  को


 खुरई। मां के बिना बचपन, महात्मा के बिना जीवन और परमात्मा के बिना मरण बेकार है। बड़े वो भी हो गए जिनके बचपन मे ही मां का वियोग हो गया। जीवन वो भी निकाल रहे हैं, जो कभी किसी महात्मा के संपर्क में न आये। मृत्यु होती है, परंतु वह दुख वही जानते हैं जिन्होंने बचपन से माँ का वियोग भोगा है। बड़े हो जाना, शादी हो जाना, धंदे से लग जाना, हो जाता है ये सब। बचपन कितनी मुसीबत से कटा, जो माँ का प्यार, माँ की गोद, उसके हाँथ का भोजन, दुलार इसका बहुत फर्क पड़ता है। पूज्य संत श्री कमल किशोर नागर जी ने खुरई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छटवें दिवस के सोपान में इन तीन शब्दों से कथा की शुरूआत की।

 संत श्री नागर जी ने कथा में कहा कि एक माँ का दूध पिये और एक सीसी का, बड़े दोनो हो जाते हैं। लेकिन दोनों में बहुत फर्क होता है। भगवान कभी बचपन मे माँ से वियोग न कराबे, जीवन में महात्मा से और मरण में परमात्मा से विमुख न हों। 
 लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा भक्तों से भरे पंडाल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रारंभ में पूज्य संत श्री कमल किशोर नागर जी ने कहा कि इस कथा का परम मनोरथ यजमान श्री भूपेंद्र सिंह जी को प्राप्त हुआ है, ठाकुर जी ने ठाकुर पर बड़ी कृपा करी। संत नागर जी ने समस्त धर्मसभा और व्यास गादी की ओर से यजमान परिवार का साधुवाद किया।  


संत श्री नागर जी ने कथा में आगे कहा कि माँ शब्द क्यों दिया, पिता भी है, क्योंकि माँ का गौरव बढ़ा है ऐसा शास्त्रों का मानना है। माँ का गौरव बड़ा है इसलिए नारी कभी पिता के यहां नही जाती। उससे पूछो कहा गयी थी, तो मायके गयी थी। पिताके, भाईके, भाभीके नही मायके गयी थी। जब नारी मायके जाती है, माता पिता सबको देख के उसकी सब थकान भाग जाती है। नारी का जितना भरा पूरा घर हो, भैया भाभी बहुत अच्छा रखते भी हों, सम्मान भी करते हों, अच्छा साड़ी कपड़ा देते हैं। पर बहिन जब मायके जाती है और माँ नजर नही आती है तो उसकी पूर्ति कोई नहीं कर सकता। भैया भाभी अच्छा रखते हैं, तीन तीन बार भोजन  की पूछते हैं, पास में बैठके बात करते हैं, फिर वही उसको बात वही, सब कुछ है पर मां नही है। माँ माथे पे हाँथ फेर देती है सारा बजन उतर जाता है उसका। 

     संत नागर जी ने कहा कि भीष्म पितामह की इक्छा थी कि में द्वारकानाथ श्रीकृष्ण की गोद मे ही शरीर त्यागूंगा। जटायु ने यदि श्रीराम की गोद मे शरीर छोड़ा, जटायु कहता बचपन से की मेरी माँ कह गयी थी कि राम राम जपना, वो जपता रहा और श्रीराम की गोद मे प्राण त्यागे। जटाओं वाले भीष्म पितामह ने इक्छा करी थी कि गोद मे शरीर छोडूं भगवान के, वो जटा वाला रह गया और जटायु गोद मे चला गया।


     दुष्ट के यहां का कण खाने से भीष्म पितामह को वाण पे शरीर छोड़ना पड़ा। अंत मे श्रीकृष्ण मिलने भी गए, भीष्म ने कहा द्वारकाधीश देखो वाण पे सोया हूँ, आपकी गोद की इक्छा थी पर ऐसी स्थिति है। जटा और जटायु में फर्क क्या पढ़ गया, एक नारी की साड़ी खींची गई थी, कोई साड़ी खींच रहा था, उसको सह लिया देखते रहे, विरोध नही किया कि क्यों खींच रहे हो और जटायु ने एक नारी का अपहरण होते देखा तो अपने प्राण की बाजी लगा दी। संत श्री नागर जी ने कहा कि अन्याय का विरोध करो चाहे वह पूरा हो न हो अन्याय का विरोध करना चाहिए कि ये गलत है। अन्याय हो रहा हो तो रोकें, वर्ना वहां से उठके चल दें कि हमारे बस का नही है। भीष्म पितामह ने साड़ी थोड़ी खींची, वो कोई और था, ये सब होते हुए देखा इसका दोष है। 

     संत श्री नागर जी ने कथा में कहा कि मां ने पीड़ा सही तब वह मां बनी, पीपल के पत्ते की तरह तड़पी है, इतनी पीड़ा सही तब मां बनी है और यही पीड़ा आदमी को महात्मा बना देती है। सहना सीखो सह लिया तो संत हो जाओगे। अगर नारी पीड़ा सहने से मना करते तो मां बन ही नहीं सकती।  

     जामन और ज्ञान बेचा नहीं जा सकता यह अमूल्य है। ज्ञान की कोई कीमत नहीं होती, कभी-कभी अफवाह भी उड़ जाये की इतने बड़े मंत्री जी की यहां कथा हो रही है क्या पता कितना खर्च हुआ होगा। कोई न घबराएं इस बात से कि कथा महगी है। व्यवस्थाएं महँगी हो सकतीं हैं, माईक, पंडाल, व्यवस्थाओं में लगे सेवकों की भोजन व्यवस्था। इसमें खर्च हो सकता है, लेकिन कथा की कोई दक्षिणा नहीं। 
 संत श्री नागर जी ने कहा कि मानव शरीर मिले, मन चाहे भोग मिले, नाते व रिश्ते मिलें, पत्नी का सहयोग मिले, बेटा और पोता मिले, रहने का मकान मिले, बाग मिले, बगीचा मिले, खेत और खलिहान मिले और मिले और मिले लगे दौड़म-दौड़ में और जो राम मिले तो सब सुख जाएं भाड़ में।
संत श्री नागर जी ने श्रीमद्भागवत कथा में कहा यदि कथा में रूचि ज्यादा है, भजन पूजन में ज्यादा है, देव दर्शन में ज्यादा है तो आपके अंदर सतोगुण की मात्रा बड़ी रहनी चाहिए। थोड़ा तमोगुण भी चाहिए बच्चों को डांटना है कोई गलत काम कर रहा है तो उसको चमकाना है ताकि वह चुप हो जाए, पर तमोगुण की मात्रा शरीर में ज्यादा न हो, सतोगुण की मात्रा ज्यादा हो सतोगुण के ज्यादा होने से उसके अंदर जो भी बीज बोया जाएगा वह अच्छा होगा। जमीन नरम होती है तो बीज अच्छा उगता है, कड़क होती है तो अच्छा नहीं उगता है। खेत पूरा जोता सत्संग कर-करके अपने अंतःकरण को इतना सरल बना दो कि इसमें ये ज्ञान ठहरे। 


     कथा की छटवीं वेला के अवसर पर मुख्य यजमान प्रदेश सरकार के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके समस्त परिजन, खुरई के समस्त गणमान्य, महापौर संगीता तिवारी, महापौर प्रतिनिधि डॉ सुशील तिवारी, बीना विधायक महेश राय, रंजोर सिंह बुंदेला शाहगढ़, जाहर सिंह, विनीत पटेरिया, लक्ष्मण सिंह, राजकुमार बरकोटी, वीर सिंह पवार, प्रभुदयाल पटैल, संजय जैन, अर्जुन सिंह राय, मुन्ना अग्रवाल, जितेन्द्र यादव, गोविंद सिंह, संदीप सिंह बासोदा, लखन सिंह, जगन्नाथ सिंह दांगी, अभिषेक गौर, उत्तम सिंह शाहपुर, नरेश यादव, अजीत सिंह चील पहाड़ी, श्याम सुन्दर शर्मा रामकुमार सिंह बघेल, पुष्पेन्द्र ठाकुर, समस्त पार्षदगण, नगर पालिका के पदाधिकारी शामिल थे।

*कथा का समापन 15 दिसंबर को 

खुरई के गुलाबरा बगीचा में पूज्य संत श्री कमल किशोर नागर जी के श्रीमुख से चल रही भव्य श्रीमदभागवत कथा का 15 दिसंबर को समापन होगा। इसी प्रकार शुक्रवार 16 दिसम्बर को प्रातः 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक भैरव बाबा मंदिर, गुलाबरा बगीचा खुरई में विशाल भंडारे का आयोजन श्रीमदभागवत कथा के मुख्य यजमान श्री भूपेंद्र सिंह द्वारा आयोजित किया गया है। खुरई विधायक और प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने सभी को सपरिवार सादर आमंत्रित कर विशाल भंडारे में प्रसादी पाकर धर्मलाभ लेने का आग्रह किया है। 


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प्रधानमंत्री की डिजिटल एग्रीकल्चरक्रांति से बदल रही है किसानों की हालत : केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल



प्रधानमंत्री की डिजिटल एग्रीकल्चर
क्रांति से बदल रही है किसानों की हालत : केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद  पटेल



नई दिल्ली 14 दिसंबर 2022।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हाथों में आधुनिक डिजिटल तकनीक देकर उन्हें ताकतवर और क्षमतावान बनाया है। इस तकनीक के जरिए किसानों को कई तरह की परेशानियों से बचाया गया। लूट-भ्रष्टाचार और बिचौलियों से किसान मुक्त हुए। यह जानकारी केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण जल शक्ति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज मध्यप्रदेश भवन नई दिल्ली में मिडिया को दी। श्री पटेल ने बताया कि सरकार की सहायता राशि सीधे किसानों तक पहुंचने लगी है। किसान को सरकार ने कारोबार करने के नए नए मौके मुहैया कराए है। बीज से बाजार तक किसान के लिए नई अवधारणा बनाई गई। भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया डिजिटल एग्रीकल्चरल मिशन चमत्कार साबित हुआ है। इस मिशन ने किसान की परिस्थितयों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
श्री पटेल ने बताया कि ई-नाम मंडी के जरिए 1.74 करोड़ से अधिक किसानों को जोड़ा गया। 2.36 लाख ट्रेड पंजीकृत ई-नाम के जरिए किए गए। और 2.22 लाख करोड़ रू. का व्यापार दर्ज किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 11.37 करोड़ किसान लाभांवित हुए। इन किसानों के खाते में 2.16 लाख करोड़ रूपए जमा कराए गए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना-डिजिटल क्रांति के बाद किसानों को इस योजना में भी काफी लाभ मिला। सैटेलाइट के जरिए किसानों की फसल की देखभाल की गई। कोई विवाद हुआ तो सुलझा लिया गया। 2021-22 में 16 हजार करोड़ रूपए आवंटित हुए। 2016 से 2022 तक 38 करोड़ किसान इस योजना में पंजीकृत किए गए और एक लाख 28 हजार 522 करोड़ रूपए से अधिक क्लेम का भुगतान किया गया। जबकि 25 हजार 185 करोड़ रूपए किसानों द्वारा बीमा प्रीमियम के रूप में दिए गए। किसान उत्पादक संघ के तहत 3855 से भी ज्यादा एफपीओ रजिस्टर्ड किए गए। सॉयल हेल्थ कार्ड के अंतर्गत 22.71 करोड़ कार्ड बनाए गए। 11 हजार 531 टेस्टिंग प्रयोगशालाएँ मंजूर की गई।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना  की राशि में इजाफा

 केंद्रीय मंत्री श्री पहलाद पटेल के अनुसार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत यूपीए के समय में 6057 करोड़ थी। इस योजना में करीब 136 फीसदी (15,511) इजाफा किया गया। माइक्रो इरीगेशन फंड के तहत 17.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए 4710.96 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। पांच हजार करोड़ रूपए की प्रारंभिक राशि से नाबार्ड में एक सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया गया है। कार्पस फंड 10 हजार करोड़ रूपए का रखा गया है। इसके अलावा कृषि ऋण प्रवाह यूपीए के समय में 7.3 लाख करोड़ रूपए था जो बढ़कर 18.5 लाख करोड़ रूपए (2022-23) में किया गया। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत यूपीए के समय में 6.46 करोड़ किसान थे लेकिन अब 9.28 करोड़ किसान इसका लाभ ले रहे हैं। यूपीए के समय 5 लाख करोड़ बजट था जो अब बढ़कर 16.57 लाख करोड़ है।
उन्होंने बताया कि खाद सब्सिडी (फर्टिलाइजर)  यूपीए के समय में 41,853 करोड़ रू. थी। मोदी सरकार द्वारा 62,151 करोड़ ,यूरिया पर और 40,073 करोड़ नॉन यूरिया पर दी गई। नीम कोटेड यूरिया में नीम कोट से करीब 15 से 20 फीसदी यूरिया की क्षमता बढ़ जाती है। किसान रेल की अवधारणा मोदी सरकार ने शुरू की। इस योजना में 167 रूट्स पर 2359 रेलों के फेरे लगे। और 7.88 लाख टन से ज्यादा किसानों का कृषि उत्पाद ढोया गया। किसान उड़ानके तहत 33 कार्गो टर्मिनल्स से 12 से ज्यादा कृषि उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया।

डिजिटल क्रांति के बाद किसानों को बैंको के चक्कर लगाना बंद 

 उन्होंने बताया कि डिजिटल क्रांति के बाद किसानों को बैंको के चक्कर लगाना बंद हो गए। एक ही जगह से उनके खातों की जांच हो सकती है। अब हर बैंक से जाकर एनओसी लाने का काम बंद हुआ। एक समय हम सभी को याद है कि जब हमारी यह हालत थी कि अनाज बचाने के लिए देश को एक दिन का उपवास रखने की बात कही गई थी। लेकिन अब हालत बदल गए हैं। अब हम निर्यात कर रहें है। मोटा अनाज हो या फिर, चांवल, चीनी, दूध हम निर्यात में नए रिकार्ड बना रहे हैं। भारत सरकार की अगुआई में एग्री स्टार्ट अप एक नया इतिहास रच रहा है। पहले कृषि क्षेत्र में केवल 100 स्टार्ट-अप काम कर रहे थे। लेकिन पिछले सात आठ सालों में यह आकड़ा बढ़कर चार हजार से ज्यादा हो गया है। पहले केवल दो बड़े फूड पार्क थे. लेकिन अब इनकी संख्या 23 हो गई है।

एथेनॉल से कारें चल सकें, अपशिष्ट और गोबर से बायो-सीएनजी पर हो रहा है काम

मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि एथेनॉल से कारें चल सकें, अपशिष्ट और गोबर से बायो-सीएनजी , बायोगैस तैयार हो, इसके लिए काम चल रहा है। वर्ष 2021-22 तक भारत ने समय सीमा से काफी पहले 10 प्रतिषत इथेनॉल ब्लेंडिंग टारगेट को हासिल कर लिया है। इसके परिणामस्वरुप किसानों को 40,600 करोड़ रुपये से अधिक का समय पर भुगतान किया गया है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री पटेल के अनुसार निर्यात में रिकार्ड- विभिन्न संस्थानों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट्स में साफ जाहिर होता है कि किसानों की कुल मुद्रास्फीति-समायोजित आय में दो गुना इजाफा हुआ है या कई राज्यों में यह लगभग दो गुना हुई है। आज भारत विश्व में सर्वाधिक कृषि उपज के उत्पादन के मामले में पहले या दूसरे स्थान पर रहता है। जबकि 3.75 लाख करोड़ मूल्य की कृषि उपज का रिकॉर्ड निर्यात किया गया। किसान मान धन योजना से 23 लाख किसानों को फायदा हुआ। कृषि इंफ्रा फंड से एक लाख करोड़ का आवंटन हुआ है। ड्रोन तकनीक में एसओपी जारी की गई है। इसका लाभ भी हमारे किसानों को मिलेगा।                      

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