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SAGAR: सनराइज मेगासिटी कालोनी बनी गीले कचरे का स्थल पर ही प्रसंस्करण करने वाली आत्मनिर्भर कालोनी

SAGAR: सनराइज मेगासिटी कालोनी बनी गीले कचरे का स्थल पर ही प्रसंस्करण करने वाली आत्मनिर्भर कालोनी 

सागर।  सनराइज मेगासिटी कालोनी जो कालोनी के गीले कचरे कालोनी में लगाई गई यायोडायजेस्टर मशीन से स्थल पर ही खाद बनाकर उसका उपयोग कालोनी में ही बने पार्क एवं कालोनी के पेड़ों पौधों में उपयोग किया जा रहा है जिसका निगमायुक्त श्री चंद्रशेखर शुक्ला ने स्वास्थ्य समिति के सभापति श्री शैलेष केशरवानी ब्रॉड एम्बेसिटर श्री इंजी. प्रकाष चौबे, सहायक आयुक्त श्री राजेश सिंह राजपूत एवं अन्य अधिकारियों ने जागरूकता अभियान के द्वारा नागरिकों से सर्वेक्षण 2023 में अपनी सहभागिता करने की अपील की।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के अंतर्गत अंबेडकर वार्ड की आत्मनिर्भर कॉलोनी सनराइज मेगा सिटी कॉलोनी जहां निकलने वाले गीले कचरे का शत प्रतिशत प्रसंस्करण कर खाद बनाई जाती है जिसका उपयोग कॉलोनी एवं पार्कों में लगे पौधों में किया जाता है और सूखे कचरे को कॉलोनी वासी कचरा गाड़ी को देते हैं इस प्रकार यह कॉलोनी अन्य रहवासी कॉलोनी निवासियों के लिए एक आत्मनिर्भर कॉलोनी का उदाहरण है।
इसी प्रकार कॉलोनी से निकलने वाली वेस्ट पानी को कॉलोनी में ही बने एसटीपी प्लांट में ट्रीट कर जो पानी निकलता है। उसे कॉलोनी में लगे पेड़ पौधों में डाला जाता है
इस कॉलोनी में ही गीले कचरे से खाद बनाने हेतु लगाए गए बायोजेटिक मषीन लगाई गई है। जिसमें कॉलोनी के अंदर रहने वाले नागरिकों का गीला कचरा गाड़ी में एकत्रित कर मषीन तक लाया जाता है जहॉ उससे खाद बनाई जाती है जिसका उपयोग कॉलोनी के पार्को और पौधों में किया जाता है।
कॉलोनी के घरों से निकलने वाले अनुपयोगी पानी को स्वच्छ करने 2 एस.टी.पी. प्लॉट भी लगाये गये है। जहॉ पानी को स्वच्छ कर पुनः पार्को एवं पौधों में डाला जाता है।
इस निरीक्षण के दौरान निगम आयुक्त श्री चंद्रषेक्षर षुक्ला, स्वास्थ्य सभापति श्री षैलेश केषरवानी, ब्रॉड एम्बेसिटर श्री इंजी. प्रकाष चौबे एवं सहायक आयुक्त श्री राजेष सिंह राजपूत ने कॉलोनी निवासियों की बैठक लेकर उनसे नगर को स्वच्छता रैंकिंग में शहर को नंबर वन बनाने हेतु अन्य नागरिकों एवं परिचितों को प्रेरित करने की अपील की तथा स्वच्छ सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण घटक मोबाइल पर स्वच्छता ऐप डाउनलोड कर अधिक से अधिक फीडबैक कराने का अनुरोध किया




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सहना सीखो सह लिया तो संत हो जाओगेः संत श्री कमल किशोर नागर जी▪️कथा का समापन 15 दिसंबर को

सहना सीखो सह लिया तो संत हो जाओगेः संत श्री कमल किशोर नागर जी

▪️कथा का समापन 15 दिसंबर  को


 खुरई। मां के बिना बचपन, महात्मा के बिना जीवन और परमात्मा के बिना मरण बेकार है। बड़े वो भी हो गए जिनके बचपन मे ही मां का वियोग हो गया। जीवन वो भी निकाल रहे हैं, जो कभी किसी महात्मा के संपर्क में न आये। मृत्यु होती है, परंतु वह दुख वही जानते हैं जिन्होंने बचपन से माँ का वियोग भोगा है। बड़े हो जाना, शादी हो जाना, धंदे से लग जाना, हो जाता है ये सब। बचपन कितनी मुसीबत से कटा, जो माँ का प्यार, माँ की गोद, उसके हाँथ का भोजन, दुलार इसका बहुत फर्क पड़ता है। पूज्य संत श्री कमल किशोर नागर जी ने खुरई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छटवें दिवस के सोपान में इन तीन शब्दों से कथा की शुरूआत की।

 संत श्री नागर जी ने कथा में कहा कि एक माँ का दूध पिये और एक सीसी का, बड़े दोनो हो जाते हैं। लेकिन दोनों में बहुत फर्क होता है। भगवान कभी बचपन मे माँ से वियोग न कराबे, जीवन में महात्मा से और मरण में परमात्मा से विमुख न हों। 
 लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा भक्तों से भरे पंडाल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रारंभ में पूज्य संत श्री कमल किशोर नागर जी ने कहा कि इस कथा का परम मनोरथ यजमान श्री भूपेंद्र सिंह जी को प्राप्त हुआ है, ठाकुर जी ने ठाकुर पर बड़ी कृपा करी। संत नागर जी ने समस्त धर्मसभा और व्यास गादी की ओर से यजमान परिवार का साधुवाद किया।  


संत श्री नागर जी ने कथा में आगे कहा कि माँ शब्द क्यों दिया, पिता भी है, क्योंकि माँ का गौरव बढ़ा है ऐसा शास्त्रों का मानना है। माँ का गौरव बड़ा है इसलिए नारी कभी पिता के यहां नही जाती। उससे पूछो कहा गयी थी, तो मायके गयी थी। पिताके, भाईके, भाभीके नही मायके गयी थी। जब नारी मायके जाती है, माता पिता सबको देख के उसकी सब थकान भाग जाती है। नारी का जितना भरा पूरा घर हो, भैया भाभी बहुत अच्छा रखते भी हों, सम्मान भी करते हों, अच्छा साड़ी कपड़ा देते हैं। पर बहिन जब मायके जाती है और माँ नजर नही आती है तो उसकी पूर्ति कोई नहीं कर सकता। भैया भाभी अच्छा रखते हैं, तीन तीन बार भोजन  की पूछते हैं, पास में बैठके बात करते हैं, फिर वही उसको बात वही, सब कुछ है पर मां नही है। माँ माथे पे हाँथ फेर देती है सारा बजन उतर जाता है उसका। 

     संत नागर जी ने कहा कि भीष्म पितामह की इक्छा थी कि में द्वारकानाथ श्रीकृष्ण की गोद मे ही शरीर त्यागूंगा। जटायु ने यदि श्रीराम की गोद मे शरीर छोड़ा, जटायु कहता बचपन से की मेरी माँ कह गयी थी कि राम राम जपना, वो जपता रहा और श्रीराम की गोद मे प्राण त्यागे। जटाओं वाले भीष्म पितामह ने इक्छा करी थी कि गोद मे शरीर छोडूं भगवान के, वो जटा वाला रह गया और जटायु गोद मे चला गया।


     दुष्ट के यहां का कण खाने से भीष्म पितामह को वाण पे शरीर छोड़ना पड़ा। अंत मे श्रीकृष्ण मिलने भी गए, भीष्म ने कहा द्वारकाधीश देखो वाण पे सोया हूँ, आपकी गोद की इक्छा थी पर ऐसी स्थिति है। जटा और जटायु में फर्क क्या पढ़ गया, एक नारी की साड़ी खींची गई थी, कोई साड़ी खींच रहा था, उसको सह लिया देखते रहे, विरोध नही किया कि क्यों खींच रहे हो और जटायु ने एक नारी का अपहरण होते देखा तो अपने प्राण की बाजी लगा दी। संत श्री नागर जी ने कहा कि अन्याय का विरोध करो चाहे वह पूरा हो न हो अन्याय का विरोध करना चाहिए कि ये गलत है। अन्याय हो रहा हो तो रोकें, वर्ना वहां से उठके चल दें कि हमारे बस का नही है। भीष्म पितामह ने साड़ी थोड़ी खींची, वो कोई और था, ये सब होते हुए देखा इसका दोष है। 

     संत श्री नागर जी ने कथा में कहा कि मां ने पीड़ा सही तब वह मां बनी, पीपल के पत्ते की तरह तड़पी है, इतनी पीड़ा सही तब मां बनी है और यही पीड़ा आदमी को महात्मा बना देती है। सहना सीखो सह लिया तो संत हो जाओगे। अगर नारी पीड़ा सहने से मना करते तो मां बन ही नहीं सकती।  

     जामन और ज्ञान बेचा नहीं जा सकता यह अमूल्य है। ज्ञान की कोई कीमत नहीं होती, कभी-कभी अफवाह भी उड़ जाये की इतने बड़े मंत्री जी की यहां कथा हो रही है क्या पता कितना खर्च हुआ होगा। कोई न घबराएं इस बात से कि कथा महगी है। व्यवस्थाएं महँगी हो सकतीं हैं, माईक, पंडाल, व्यवस्थाओं में लगे सेवकों की भोजन व्यवस्था। इसमें खर्च हो सकता है, लेकिन कथा की कोई दक्षिणा नहीं। 
 संत श्री नागर जी ने कहा कि मानव शरीर मिले, मन चाहे भोग मिले, नाते व रिश्ते मिलें, पत्नी का सहयोग मिले, बेटा और पोता मिले, रहने का मकान मिले, बाग मिले, बगीचा मिले, खेत और खलिहान मिले और मिले और मिले लगे दौड़म-दौड़ में और जो राम मिले तो सब सुख जाएं भाड़ में।
संत श्री नागर जी ने श्रीमद्भागवत कथा में कहा यदि कथा में रूचि ज्यादा है, भजन पूजन में ज्यादा है, देव दर्शन में ज्यादा है तो आपके अंदर सतोगुण की मात्रा बड़ी रहनी चाहिए। थोड़ा तमोगुण भी चाहिए बच्चों को डांटना है कोई गलत काम कर रहा है तो उसको चमकाना है ताकि वह चुप हो जाए, पर तमोगुण की मात्रा शरीर में ज्यादा न हो, सतोगुण की मात्रा ज्यादा हो सतोगुण के ज्यादा होने से उसके अंदर जो भी बीज बोया जाएगा वह अच्छा होगा। जमीन नरम होती है तो बीज अच्छा उगता है, कड़क होती है तो अच्छा नहीं उगता है। खेत पूरा जोता सत्संग कर-करके अपने अंतःकरण को इतना सरल बना दो कि इसमें ये ज्ञान ठहरे। 


     कथा की छटवीं वेला के अवसर पर मुख्य यजमान प्रदेश सरकार के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके समस्त परिजन, खुरई के समस्त गणमान्य, महापौर संगीता तिवारी, महापौर प्रतिनिधि डॉ सुशील तिवारी, बीना विधायक महेश राय, रंजोर सिंह बुंदेला शाहगढ़, जाहर सिंह, विनीत पटेरिया, लक्ष्मण सिंह, राजकुमार बरकोटी, वीर सिंह पवार, प्रभुदयाल पटैल, संजय जैन, अर्जुन सिंह राय, मुन्ना अग्रवाल, जितेन्द्र यादव, गोविंद सिंह, संदीप सिंह बासोदा, लखन सिंह, जगन्नाथ सिंह दांगी, अभिषेक गौर, उत्तम सिंह शाहपुर, नरेश यादव, अजीत सिंह चील पहाड़ी, श्याम सुन्दर शर्मा रामकुमार सिंह बघेल, पुष्पेन्द्र ठाकुर, समस्त पार्षदगण, नगर पालिका के पदाधिकारी शामिल थे।

*कथा का समापन 15 दिसंबर को 

खुरई के गुलाबरा बगीचा में पूज्य संत श्री कमल किशोर नागर जी के श्रीमुख से चल रही भव्य श्रीमदभागवत कथा का 15 दिसंबर को समापन होगा। इसी प्रकार शुक्रवार 16 दिसम्बर को प्रातः 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक भैरव बाबा मंदिर, गुलाबरा बगीचा खुरई में विशाल भंडारे का आयोजन श्रीमदभागवत कथा के मुख्य यजमान श्री भूपेंद्र सिंह द्वारा आयोजित किया गया है। खुरई विधायक और प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने सभी को सपरिवार सादर आमंत्रित कर विशाल भंडारे में प्रसादी पाकर धर्मलाभ लेने का आग्रह किया है। 


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प्रधानमंत्री की डिजिटल एग्रीकल्चरक्रांति से बदल रही है किसानों की हालत : केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल



प्रधानमंत्री की डिजिटल एग्रीकल्चर
क्रांति से बदल रही है किसानों की हालत : केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद  पटेल



नई दिल्ली 14 दिसंबर 2022।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हाथों में आधुनिक डिजिटल तकनीक देकर उन्हें ताकतवर और क्षमतावान बनाया है। इस तकनीक के जरिए किसानों को कई तरह की परेशानियों से बचाया गया। लूट-भ्रष्टाचार और बिचौलियों से किसान मुक्त हुए। यह जानकारी केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण जल शक्ति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज मध्यप्रदेश भवन नई दिल्ली में मिडिया को दी। श्री पटेल ने बताया कि सरकार की सहायता राशि सीधे किसानों तक पहुंचने लगी है। किसान को सरकार ने कारोबार करने के नए नए मौके मुहैया कराए है। बीज से बाजार तक किसान के लिए नई अवधारणा बनाई गई। भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया डिजिटल एग्रीकल्चरल मिशन चमत्कार साबित हुआ है। इस मिशन ने किसान की परिस्थितयों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
श्री पटेल ने बताया कि ई-नाम मंडी के जरिए 1.74 करोड़ से अधिक किसानों को जोड़ा गया। 2.36 लाख ट्रेड पंजीकृत ई-नाम के जरिए किए गए। और 2.22 लाख करोड़ रू. का व्यापार दर्ज किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 11.37 करोड़ किसान लाभांवित हुए। इन किसानों के खाते में 2.16 लाख करोड़ रूपए जमा कराए गए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना-डिजिटल क्रांति के बाद किसानों को इस योजना में भी काफी लाभ मिला। सैटेलाइट के जरिए किसानों की फसल की देखभाल की गई। कोई विवाद हुआ तो सुलझा लिया गया। 2021-22 में 16 हजार करोड़ रूपए आवंटित हुए। 2016 से 2022 तक 38 करोड़ किसान इस योजना में पंजीकृत किए गए और एक लाख 28 हजार 522 करोड़ रूपए से अधिक क्लेम का भुगतान किया गया। जबकि 25 हजार 185 करोड़ रूपए किसानों द्वारा बीमा प्रीमियम के रूप में दिए गए। किसान उत्पादक संघ के तहत 3855 से भी ज्यादा एफपीओ रजिस्टर्ड किए गए। सॉयल हेल्थ कार्ड के अंतर्गत 22.71 करोड़ कार्ड बनाए गए। 11 हजार 531 टेस्टिंग प्रयोगशालाएँ मंजूर की गई।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना  की राशि में इजाफा

 केंद्रीय मंत्री श्री पहलाद पटेल के अनुसार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत यूपीए के समय में 6057 करोड़ थी। इस योजना में करीब 136 फीसदी (15,511) इजाफा किया गया। माइक्रो इरीगेशन फंड के तहत 17.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए 4710.96 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। पांच हजार करोड़ रूपए की प्रारंभिक राशि से नाबार्ड में एक सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया गया है। कार्पस फंड 10 हजार करोड़ रूपए का रखा गया है। इसके अलावा कृषि ऋण प्रवाह यूपीए के समय में 7.3 लाख करोड़ रूपए था जो बढ़कर 18.5 लाख करोड़ रूपए (2022-23) में किया गया। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत यूपीए के समय में 6.46 करोड़ किसान थे लेकिन अब 9.28 करोड़ किसान इसका लाभ ले रहे हैं। यूपीए के समय 5 लाख करोड़ बजट था जो अब बढ़कर 16.57 लाख करोड़ है।
उन्होंने बताया कि खाद सब्सिडी (फर्टिलाइजर)  यूपीए के समय में 41,853 करोड़ रू. थी। मोदी सरकार द्वारा 62,151 करोड़ ,यूरिया पर और 40,073 करोड़ नॉन यूरिया पर दी गई। नीम कोटेड यूरिया में नीम कोट से करीब 15 से 20 फीसदी यूरिया की क्षमता बढ़ जाती है। किसान रेल की अवधारणा मोदी सरकार ने शुरू की। इस योजना में 167 रूट्स पर 2359 रेलों के फेरे लगे। और 7.88 लाख टन से ज्यादा किसानों का कृषि उत्पाद ढोया गया। किसान उड़ानके तहत 33 कार्गो टर्मिनल्स से 12 से ज्यादा कृषि उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया।

डिजिटल क्रांति के बाद किसानों को बैंको के चक्कर लगाना बंद 

 उन्होंने बताया कि डिजिटल क्रांति के बाद किसानों को बैंको के चक्कर लगाना बंद हो गए। एक ही जगह से उनके खातों की जांच हो सकती है। अब हर बैंक से जाकर एनओसी लाने का काम बंद हुआ। एक समय हम सभी को याद है कि जब हमारी यह हालत थी कि अनाज बचाने के लिए देश को एक दिन का उपवास रखने की बात कही गई थी। लेकिन अब हालत बदल गए हैं। अब हम निर्यात कर रहें है। मोटा अनाज हो या फिर, चांवल, चीनी, दूध हम निर्यात में नए रिकार्ड बना रहे हैं। भारत सरकार की अगुआई में एग्री स्टार्ट अप एक नया इतिहास रच रहा है। पहले कृषि क्षेत्र में केवल 100 स्टार्ट-अप काम कर रहे थे। लेकिन पिछले सात आठ सालों में यह आकड़ा बढ़कर चार हजार से ज्यादा हो गया है। पहले केवल दो बड़े फूड पार्क थे. लेकिन अब इनकी संख्या 23 हो गई है।

एथेनॉल से कारें चल सकें, अपशिष्ट और गोबर से बायो-सीएनजी पर हो रहा है काम

मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि एथेनॉल से कारें चल सकें, अपशिष्ट और गोबर से बायो-सीएनजी , बायोगैस तैयार हो, इसके लिए काम चल रहा है। वर्ष 2021-22 तक भारत ने समय सीमा से काफी पहले 10 प्रतिषत इथेनॉल ब्लेंडिंग टारगेट को हासिल कर लिया है। इसके परिणामस्वरुप किसानों को 40,600 करोड़ रुपये से अधिक का समय पर भुगतान किया गया है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री पटेल के अनुसार निर्यात में रिकार्ड- विभिन्न संस्थानों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट्स में साफ जाहिर होता है कि किसानों की कुल मुद्रास्फीति-समायोजित आय में दो गुना इजाफा हुआ है या कई राज्यों में यह लगभग दो गुना हुई है। आज भारत विश्व में सर्वाधिक कृषि उपज के उत्पादन के मामले में पहले या दूसरे स्थान पर रहता है। जबकि 3.75 लाख करोड़ मूल्य की कृषि उपज का रिकॉर्ड निर्यात किया गया। किसान मान धन योजना से 23 लाख किसानों को फायदा हुआ। कृषि इंफ्रा फंड से एक लाख करोड़ का आवंटन हुआ है। ड्रोन तकनीक में एसओपी जारी की गई है। इसका लाभ भी हमारे किसानों को मिलेगा।                      

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SAGAR: जिला यादव समाज की बैठक , 25 सदस्यीय संरक्षक मंडल का गठन

SAGAR: जिला यादव समाज की बैठक , 25 सदस्यीय  संरक्षक मंडल का गठन


सागर। जिला यादव समाज की विशाल बैठक यादव धर्मशाला शास्त्री वार्ड सुभाष नगर पर संपन्न  हुई ।जिसमें यादव समाज की एकता को मजबूत करने के लिए विस्तृत चर्चा की गई बैठक में सर्वसम्मति से 25 सदस्यीय  संरक्षक मंडल का गठन किया गया। संरक्षक मंडल के मार्गदर्शन में ही जिला यादव समाज के समस्त पदाधिकारी कार्य करेंगे एवं संरक्षक मंडल के निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करेंगे!संरक्षक मंडल एवं उपस्थित यादव बंधुओं द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया  कि जब तक नए अध्यक्ष का निर्वाचन नहीं होता है तब तक कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में श्री प्रेम नारायण यादव( छूटकुल)कार्य करेंगे
बैठक को संबोधित करते हुए  रमेश चंदेल ने कहा कि आज समाज के बरिष्ठो को देख कर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा आज पूर्ण विश्वास हो गया है कि यादव समाज अब इन वरिष्ठो के मार्गदर्शन में मजबूती के साथ समाज सेवा करेग।  पूर्व जनपद सदस्य गजराज यादव बहेरिया ने कहा कि यादव समाज का अध्यक्ष किसी भी राजनीतिक नेता का पिट्ठू नहीं होना चाहिए।किशनपुरा  के सरपंच कृष्ण मुरारी यादव ने कहा कि हमारी समाज सबसे बड़ी समाज है। लेकिन आज सबसे बिखरी हुई  समाज है इसे जोड़ने की आवश्यकता है उन्होंने यह भी कहा कि अध्यक्ष ग्रामीण क्षेत्र से बनना चाहिए।
 डॉ वीरेंद्र यादव  ने कहा कि किसी योग्य व्यक्ति को समाज के संरक्षक मंडल के सदस्य अध्यक्ष बनाये ।बैठक के अंत में जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष  जगदीश यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि समाज का अध्यक्ष समाज का चौकीदार बार रक्षक होता है अतः ईमानदारी से कार्य करने वाला व्यक्ति अध्यक्ष होना चाहिए। बैठक को पप्पू यादव बांदरी पूर्व जिला पंचायत सदस्य, रामगोपाल यादव रद्दी वाले, चंद्रभान यादव जरारा सरपंच, अनिल यादव सरपंच बरपानी, कोमल यादव पंप, हरिशंकर( मुनीम साहब ), वीर सिंह यादव बिहारीपुरा, राजा यादव उपाध्यक्ष शाहपुर नगर पंचायत, सुरेंद्र यादव राष्ट्रीय  सचिव समाजवादी पार्टी युब जनसभा, शैलेंद्र यादव तहसीली, मोहन सिंह यादव पूर्व अध्यक्ष जिला यादव समाज, आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता राम अवतार यादव ने, आभार प्रदर्शन राजेंद्र यादव एसबीआई ने किया।बैठक में प्रमुख रूप से नरेश यादव मछरयाई, प्राणसिंह यादव सदर, कोमल यादव, जगदीश यादव, रामसहाय यादव,सतीश यादव,बद्री यादव, प्रीतम यादव, शुभम यादव, शुभम यादव, जय यादव, राहुल यादव,बलवीर यादव, रंजीत यादव, रमन यादव, बृजेश यादव, परसोत्तम यादव, आकाश यादव, आदित्य यादव, श्रीकांत यादव, भानु यादव,नवीन यादव, रामस्वरूप यादव, दिनेश यादव, देवेंद्र यादव, लक्कू यादव, बबलू यादव, झब्बू यादव, विशाल यादव, सुरेंद्र यादव, राहुल यादव, कपिल यादव, नितिन यादव, मंजू यादव, अंशुल यादव,प्रदीप यादव, अजय यादव,गुड्डू यादव, बहादुर यादव,नीरज यादव, सुजीत यादव, अवधेश यादव, डॉ दुर्गेश यादव, हरि सिंह यादव, जवाहर यादव, शिवराज यादव,दीपक यादव,दीपक यादव, अंकित यादव, विपिन बिहारी यादव, अभिषेक यादव,अनिकेत यादव, प्रकाश यादव,रामगोपाल यादव, अरुण यादव,शंकर यादव, केशव यादव, कैलाश यादव, बृजेश यादव, राहुल यादव, नितेश यादव, रानू यादव,प्रहलाद यादव, रामबाबू यादव, देवेंद्र यादव, गोकुल यादव, गौरव यादव, नारद यादव, अर्जुन सिंह यादव, गौरझामर सहित जिलेभर से आए समाज के स्वजाती बंधु मौजूद थे।



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राज्य स्तरीय शालेय राइफल शूटिंग प्रतियोगिता में सागर संभाग का उत्कृष्ठ प्रदर्शन

राज्य स्तरीय शालेय राइफल शूटिंग प्रतियोगिता में सागर संभाग का उत्कृष्ठ प्रदर्शन

सागर डिस्ट्रिक्ट राइफल एसोसिएशन के खिलाड़ियों ने सागर संभाग के प्रतिनिधित्व करते हुए ओपन साइट राइफल इवेंट में 1 स्वर्ण, 1 रजत एवं एक कंष्य पदक प्राप्त किया। एसोसिएशन की स्वर्णिमा तोमर ने प्रतियोगिता में 14 साल से कम आयु वर्ग में स्वर्ण पदक, विराट जाट ने 14 साल से कम आयु वर्ग में रजत एवं अनमोल जैन ने 14 साल से कम आयु वर्ग में कांस्य पदक प्राप्त किया। ये सभी डॉ मोहम्मद ऐजाज़ खान के नेतृत्व में राइफल शूटिंग के प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। मुकेश तिवारी सागर संभाग के मैनेजर एवं हरिकांत तिवारी कोच के रूप में टीम के साथ उपस्थित रहे।
विजयी खिलाड़ियों को जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक, जिला शिक्षा खेल अधिकारी संजय दादर, जिला खेल अधिकारी प्रदीप अबिद्रा,  एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ अखिलेश दुबे, वीनू राणा, डॉ नईम अहमद खान, डॉ गणेश चौबे, मधुर पुरोहित, नीरज यादव, जावेद खान, आदि ने शुभकामनाएं दी।



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श्री जानकी रमण मंदिर की संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया महंत ने▪️मेरा व मेरे परिवार का मंदिर की जमीन से कोई लेना देना : हीरा सिंह राजपूत, जिंप अध्यक्ष

श्री जानकी रमण मंदिर की संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया महंत ने

▪️मेरा व मेरे परिवार का मंदिर की जमीन से कोई लेना देना :  हीरा सिंह राजपूत, जिंप अध्यक्ष


सागर। सुरखी विधानसभा क्षेत्र के श्री जानकी रमण मंदिर स्थित ग्राम बरखेड़ा महंत की जमीन को खुर्दबुर्द करने  का आरोप मंदिर के प्रबंधक जगदीश प्रसाद ने  राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत, हीरासिंह पर  लगाया है। दूसरी तरफ इस मामले को जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह ने निराधार बताया। 

मंदिर के अयोध्या द्वारा नियुक्त किए गए प्रबंधक  जगदीश प्रसाद ने आज पत्रकारों को बताया कि मंदिर की बरखेड़ा महंत  एवं ग्राम चकेरी में जमीन है। पूर्व में कुछ असमाजिक तत्वो द्वारा जमीन हड़पने का प्रयास किया गया था।  बात न्यायालय तक पहुंची सिविल न्यायालय द्वारा आदेश किया गया कि जानकी रमण मंदिर बरखेरा यह मंदिर श्री वशिष्ट भवन आयोध्या धाम का हैं। न्यायालय आदेश ब्राह्मऋषि पूज्य 1008 श्री राम विलास वेदांती जी के नाम बर्षान्त नामांतरण रिकार्ड में पंजीबद्ध किया गया।  जिसकी जानकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया, गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह राजबाहदुर सिंह को भी है।
उन्होंने बताया कि जानकी रमण मंदिर की चल एवं अचल संपत्ति एवं सिचाई परियोजना की धनराशि अधीग्रहित जमीन का मुआवजा है । उन्होंने आरोप लगाया कि सभी संपत्ति राशियों एवं जमीन को हड़पने का कार्य  मंत्री गोविंद सिंह ,  एवं उनके भाई हीरासिंह जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा किया जा रहा है । एवं एसडीएम सपना  त्रिपाठी. इनके दबाब में इनके अनुसार कार्य कर रही है एवं पुराने रिकाडों को विलोपित किया गया है । उनका नामातंरण  का प्रकरण चल रहा है। यदि  26 जनवरी 2023 तक नहीं किया गया एवं संपत्ति एवं राशियों को इधर उधर करने पर रोक नहीं लगाई गई तो में जगदीश दास प्रबंधक जानकी रमण मंदिर बरखेडा महंत आत्महत्या कर लूंगा ।

मेरा और मेरे परिवार का किसी तरह का कब्जा नही : हीरासिंह राजपूत

इस मामले में जिला पंचायत हीरा सिंह राजपूत ने बताया कि  ग्राम बरखेड़ा महंत में देव जानकी रमण मंदिर स्थित है। इसकी लगभग 125 एकड़ जमीन है। परंतु इतनी जमीन होने के बावजूद भी पूजा अर्चना नही हो पाती थी।इसको लेकर बरखेड़ा महंत और आसपास के लगभग एक दर्जन गांव के लोगो द्वारा एक धर्म सभा का आयोजन किया गया था। जिसकी सूचना ग्रामवासियों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार और जैसींनगर पुलिस के मुझेभी दी गईथी। धर्मसभा की बैठक बरखेड़ा महंत  प्रांगण में 11 जून 2021 को आयोजित की गई थी।
जिसमे आसपास के सभी जनप्रतिनिधि सहित 500 से अधिक ग्रामीणजन उपस्थित हुए थे।  श्री राजपूत ने कहा कि धर्मसभा में मंदिर के रखरखाव एवं पारदर्शिता रखने के लिए  सरकारी देखरेख में एक कमेटी के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसी  प्रस्ताव के आधार  पर एसडीओ राजस्व सागर द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया। जिसके द्वारा मंदिर और उसकी जमीन का कुशल संचालन एवं जमीन से आने वाले आय-व्यय का हिसाब तथा  रखरखाव किया जा रहा है। इसका मौके पर जाकर प्रशासनिक तंत्र ,जनप्रतिनिधि सहित आमजन  मुआयना कर सकते है।
 मेरे या मेरे परिवार का किसी भी तरह से मंदिर की जमीन पर कोई भी कब्जा  नहीं है और किसी तरह से लेना देना नही है। इस तरह के सभी आरोप निराधार मन गढं़त है। राजनीतिक द्वेष के चलते लोग इस तरह का आरोप लगा रहे हैं यह लोग सुर्खी में होने वाले विकास से इतना परेशान हो गए हैं कि कुछ भी मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं लेकिन जनता सब जानती है।



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अब आरआई की तरह पटवारी भी कर सकेंगे सीमांकन का कार्य ::राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत

अब आरआई की तरह पटवारी भी कर सकेंगे सीमांकन का कार्य ::राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत 


भोपाल। राज्य के किसानों और आम नागरिकों की सुविधा को बढ़ाने की दिशा में कार्यरत प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की पहल पर राजस्व विभाग एक और बड़ा बदलाव करने जा रहा है। जिसे मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी गई है। 
योजना की जानकारी देते हुए प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 129 में सीमांकन के सम्बंध में प्रावधान है। जिसमें वरिष्ठ सचिव समिति द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार सीमांकन के सम्बंध में भू-राजस्व संहिता में संशोधन किया जा रहा है। श्री राजपूत ने बताया कि नए संशोधन प्रस्ताव के अनुसार अब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षकों के साथ-साथ पटवारियों को भी सीमांकन के लिए आदेश जारी कर सकेंगे। 
राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि अभी तक जमीन सीमांकन के लिए आवेदन तहसीलदार को किया जाता है तथा तहसीलदार सीमांकन का आदेश राजस्व निरीक्षक को करते हैं। इसके बाद राजस्व निरीक्षक द्वारा सीमांकन की रिपोर्ट तहसीलदार को दी जाती है। सीमांकन एक बड़ा कार्य है, इसमें समय लगता है तथा राजस्व निरीक्षकों की संख्या भी अपेक्षाकृत कम है। इस कारण से किसानों को सीमांकन के लिए राजस्व निरीक्षकों के चक्कर लगाना पड़ता था। श्री राजपूत ने बताया कि इस संशोधन के बाद अब आरआई के साथ पटवारी को भी सीधे निर्देश देने से सीमांकन कार्य समय पर  हो सकेगा और किसानों का समय भी बच सकेगा
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रामभक्ति से बड़ी है राष्ट्रभक्ति और साधु से बड़ा है सैनिक - संत श्री नागर जी▪️खुरई से लेकर केंद्र तक सत्ता न बदले, यही देश की आवश्यकता- संत श्री नागर जी▪️ खुरई में श्रीमद् भागवत कथा के पंचम सोपान पर श्री नागर जी का उद्बोधन


रामभक्ति से बड़ी है राष्ट्रभक्ति और साधु से बड़ा है सैनिक - संत श्री नागर जी

▪️खुरई से लेकर केंद्र तक सत्ता न बदले, यही देश की आवश्यकता- संत श्री नागर जी

▪️ खुरई में श्रीमद् भागवत कथा के पंचम सोपान पर श्री नागर जी का उद्बोधन



खुरई। साधु से बड़ा स्थान सैनिक का है। साधु की भक्ति से बड़ी सैनिक की राष्ट्रभक्ति है और रामभक्ति से भी बड़ी राष्ट्रभक्ति है। एक सैनिक का जीवन राष्ट्र के प्रति उसके माता पिता की भावनाओं का अर्पण है। सैनिक वेतन के लिए नहीं वतन के लिए हिमखंडों की शीत में भी राष्ट्र की रक्षा के लिए खड़ा होता है। संत श्री कमल किशोर नागर जी ने खुरई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें सोपान में लीक से हट कर देश की सामयिक आवश्यकताओं को लेकर श्रद्धालुओं को जाग्रत किया और श्रध्दालुओं से आह्वान किया कि भूल से भी खुरई से लेकर केंद्र तक की सत्ता मत बदल देना यही सत्ता आज देश की आवश्यकता हैं।  

लगभग सवा लाख से ज्यादा भक्तों से भरे कथा पंडाल को संबोधित करते हुए श्री नागर जी ने कहा कि यह राजनैतिक नहीं धार्मिक कथा है। लेकिन व्यासपीठ को भी कभी आवश्यकता पड़ जाती है कि वह अपने अधिकार का प्रयोग कर कुछ विषयों पर मार्गदर्शन करे। प्रबुद्ध जन इस आवश्यकता को समझ लेंगे। हमारे सैनिक वतन के लिए शीत में रात दिन पहरा दे रहे हैं और दुष्ट शत्रु उनके सम्मुख मौत का तांडव कर रहे हैं। सैनिक निर्दोष है और हमारे लिए 24 घंटे खतरे में रहता है। जब भी आप सब तप भजन करें तो अपने पुण्य का एक अंश सैनिक को अर्पण करने का संकल्प करें। इस कथा के पुण्य का एक हिस्सा इस भावना से है कि हमारा हर सैनिक अपने घर सकुशल लोटे। श्री नागर जी ने भरे गले और अश्रुओं से डबडबाते नेत्रों से व्यक्त किया कि जिस सैनिक की वीरगति होती है उसकी मां, बहिन, पत्नी के हृदयों से पूछो कि वे कितना विराट त्याग कर देती हैं।


संत श्री नागर जी ने कहा कि आज देश की आवश्यकता है कि खुरई से लेकर केंद्र तक सत्ता नहीं बदलनी चाहिए। यह सत्ता नहीं रही तो सब कुछ चला जाएगा। फिर हिंसा का तांडव, रक्तपात और अधर्म का साम्राज्य हो जाएगा। संत नागर जी ने कहा कि हमारी शक्ति हमारे हाथों में है। इन्हीं हाथों से सत्ता इधर की उधर हो जाती है। ये शक्ति किसी और को दे मत देना। तुम्हारे हाथ में भारत है, तुम्हारे ही हाथों में धर्म है। नागर जी ने कहा कि मैं देश के हित में यह संकल्प दिला रहा हूं। देश के सामने नाजुक वक्त है इसलिए कहना पड़ा। आप सभी भूल कर भी अपनी देह, देश और धर्म की निन्दा नहीं करें।


संत नागर जी ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि अब मैं कथा नहीं करूंगा पर यह सच नहीं है। मैंने खुरई से पुनः कथा आरंभ कर दी है। बीच के अंतराल में आदिवासी क्षेत्रों में,वनों में हम अपने बंधुओं के बीच कथा के लिए गए थे। राष्ट्र के दुश्मन हमारे इन बंधुओं को भड़का कर हमारे ही खिलाफ करना चाह रहे हैं। हमने उन्हें समझा कर लौटाया कि राम के काज भी आदिवासियों के संग ही पूर्ण हुए थे। उनके बीच काम करके मैं पुनः देश, धर्म और गाय माता की तरफ देखूंगा और सभी स्थानों पर कथाएं करूंगा।


संत श्री नागर जी ने कथा प्रसंग में कहा कि निंदकों ने कन्हैया जी की मां से कह दिया कि यह चोर है माखन चुराकर खाता है। मां ने उसे ऊखल से बांध दिया। सोचिए यदि कन्हैया ऊखल से ही बंधा रह जाता तो कंस के असुर अपने उत्पात से सब कुछ नष्ट कर देते। शिशुपाल, जरासंध जैसे शत्रु अपनी सेनाओं से देश को रौंद देते। वैसे ही जैसे आज सीमा पर शत्रु अपनी सेनाएं लेकर बैठे हैं। नागर जी ने कहा कि दाऊ बलराम ने माता से कान्हा की शिकायत कर दी कि कान्हा मिट्टी खाता है। मां ने बुलाया तो कन्हैया ने मां को बताया कि मां मैं 11 वर्ष ब्रज में, 14 वर्ष मथुरा में और 100 वर्ष द्वारका में रह पाऊंगा। मैया मैं तो तुझे तीर्थ तक नहीं करा पाऊंगा। फिर कान्हा ने मां को दो बार अपना मुख खोल कर दिखाया कि देखो मेरे मुख में मिट्टी है क्या और कान्हा ने मैया को मुख में विराट रूप दिखा दिया जिसमें ब्रह्माण्ड के समस्त देवों, सभी तीर्थों, चराचर जीवों सहित पूरी प्रकृति के दर्शन अपने मुख में दो बार माता को करा दिए।


श्री नागर जी ने कहा कि यदि अशुभ नजर को मान्यता देते हो तो दर्शन को  भी मान्यता दो वह भी तो नजर से ही है। संसार में अनेक तरह की बातें सामने आती हैं , भगवान को चोर ठहरा दिया गया। नीयत जब भरोसे पर आ जाती है तब नजर काम करना शुरू करती है। राम कथा सुना रहे थे और जानकी मैया की नजर राम के चरणों में थी। चरण से नजर हट कर हिरण पर पड़ी तो हरण में पड़ गईं।


श्री नागर जी ने कहा कि प्रतिमा, कथा, सेवा जैसे कई रूपों में भगवान मिलेगा। इनमें से जिस भी रूप में मिले समझना यह ठाकुर जी का ही साक्षात्कार है उन्हीं का दर्शन है। परिवार से हट कर देश, समाज अनाथ, दुखी, गाय की सेवा करें तो वह भी दर्शन ही है। जब भी अच्छे काम हमारे शरीर से होते हैं यह ईश्वर का साक्षात्कार ही हो रहा होता है। अच्छे विचार आएं तो चुप मत बैठना कर ही डालना। संत श्री ने कहा कि शब्द में ब्रह्माण्ड है, शब्द ही रहा अखंड, संत जन पलटे नहीं, चाहे पलट जाए ब्रह्माण्ड। कथा साक्षात शब्द दर्शन है, साक्षात दर्शन हो गए तो हम संभाल भी नहीं पाएंगे। अपात्र को भी कथा का मौका मिलता है यह ठाकुर जी की अहेतुक कृपा है। इसमें भी उसकी योजना होती है। पति परमेश्वर कहलाता है पर मीरा ने कहा कि परमेश्वर पति है। दोनों में शब्द का अंतर है। राम को अहंकार का ज्ञान था । ज्ञान अहंकार कब बनने लगता है और उसपर नियंत्रण कैसे करना है यह वे जानते थे। पर रावण को ज्ञान का अहंकार था इसलिए विनाश हो गया।  


कथा के पांचवें दिवस मुख्य यजमान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के समस्त परिजनों सहित खुरई के समस्त गणमान्यों के साथ खनिज विकास निगम के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर, श्रीमती संध्या भार्गव, सुषमा यादव महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं के साथ, मालथौन से जयंत सिंह बुंदेला, सतनामसिंह तोमर, रामकुमार सिंह बघेल, पुष्पेन्द्र तोमर, लल्लू राजा इटवा, गोलू प्रताप राय, दयाराम चौरसिया बरोदिया, नारायण सिंह लोधी बांदरी, विश्वनाथ सिंह लोधी बांदरी, जंगबहादुरसिंह बिनायठा, चंद्रप्रताप सिंह, हेमराज सिंह, मनोज राय, राकेश राय, समस्त पार्षद, नगर पालिका पदाधिकारी शामिल थे।


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