SAGAR : सड़क हादसे में जैन दंपती की मौत, एक साथ उठी अर्थी, मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जताया शोक

SAGAR : सड़क हादसे में जैन दंपती की मौत, एक साथ उठी अर्थी, मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जताया शोक


सागर। जिले के बरोदिया कलां में रहने वाले शनिवार को दंपति बेटी की शादी के लिए लड़का देखने जा रहे थे, तभी रास्ते में सेना के वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौके पर मौत हो गई। रविवार सुबह जब एक साथ दो अर्थी उठी तो देखने वाले कह उठे.. हे! भगवान ये कैसा तेरा विधान। हर आंख नम हो गई। पूरे नगर में मातम का माहौल हो गया।
 बरोदिया कला निवासी प्रदीप जैन बर्तन व्यापारी थे, उनकी पत्नी साधना पास के ही गांव में प्राथमिक स्कूल में शिक्षिका थी। शनिवार को बरोदिया से दोनों बाइक से अपनी अतिथि शिक्षिका बेटी के लिए लड़का देखने जा रहे थे, लेकिन नेशनल हाईवे पर गढ़पहरा के पास सेना के वाहन ने इनकी बाइक को टक्कर मार दी, जिसकी वजह से दोनों की घटनास्थल पर ही जान चली गई।
घटना के बाद से ही पूरे नगर में मातम पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा है। बेटी भी माता-पिता के लिए बिलख रही है। आज जब दोनों की अर्थी एक साथ उठी तो हर आंख नम हो गई। लोग अपनी आंसू नहीं रोक पाए।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जताया शोक

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने दुर्घटना में दिवंगत हुए दंपत्ति बरोदिया कलां के श्री प्रदीप जैन और श्रीमती साधना जैन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी है।


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साहित्यकार स्व. डॉ.महेश तिवारी की जन्म जयंती पर हुआ उनकी अंतिम पुस्तक का विमोचन

साहित्यकार स्व. डॉ.महेश तिवारी की जन्म जयंती पर हुआ उनकी अंतिम पुस्तक का विमोचन


सागर।   नगर के ख्यात साहित्यकार, समालोचक स्व. डॉ. महेश तिवारी की जन्म जयंती पर उनके द्वारा लिखी गई अंतिम पुस्तक "केदारनाथ अग्रवाल का काव्य" का विमोचन रविवार को आदर्श संगीत महाविद्यालय के सभागार में संपन्न हुआ। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष डॉ. तिवारी के आकस्मिक निधन उपरांत यह पुस्तक देश के प्रतिष्ठित वाणी प्रकाशन से प्रकाशित हुई थी।
पुस्तक पर अपने समीक्षा आलेख का वाचन करते हुए वरिष्ठ लेखिका एवं आलोचक डॉ (सुश्री) शरद सिंह ने कहा कि "मुझे इस पुस्तक में ऐसा कोई तत्व नहीं मिला जिसके कारण मुझे आलोचकीय कठोरता बरतनी पड़े। यह पुस्तक कवि केदारनाथ अग्रवाल की काव्य विशेषताओं को सहजता, सरलता, रोचकता और बड़े ही चातुर्यता से प्रस्तुत करती है। इस एक पुस्तक को पढ़ कर ही केदारनाथ अग्रवाल के विचारों और उनकी कविताओं को भंली-भांति समझा जा सकता है। इस दृष्टि से यह पुस्तक न केवल पठनीय अपितु संदर्भ ग्रंथ के रूप में संग्रहणीय भी है।"
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर विधायक शैलेंद्र जैन ने स्व.तिवारी को सहृदयी मित्र बताते हुए कहा कि राजनीतिक संबद्धता पृथक होने के वाबजूद उनके साथ अलग विचार धारा होने संबंधी बात कभी नहीं आई। वह सच को सच कहने वाले व्यक्ति थे।महेश भाई के बारे में बोलना मेरे लिए हमेशा कठिन हो जाता है।आमतौर पर लोग बंद कमरे में मेरी तारीफ करते हैं जो मेरी विचारधारा के लोग नहीं हैं या अन्य दलों से जुड़े हुए हों। महेश भाई एक ऐसी शख्सियत थे जो मेरे द्वारा किए गए कार्यों के लिए सार्वजनिक रूप से खुले मंच पर मुझे महिमा मंडित करने, तारीफ करने आदि से गुरेज नहीं करते थे। एकमात्र बड़े भैया तिवारी ही थे जो स्पष्ट रूप से ऐसा कह सकते थे।

अध्यक्षीय उद्बोधन में सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ.सुरेश आचार्य ने स्व.तिवारी के व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा करते हुए कहा कि वे स्वभाव से किसान और कवि दोनों ही थे। उनके गांव देवलचौरी की धनुष भंग लीला के विराट धनुष जैसा उनका व्यक्तित्व भी अद्भुत था। यह रामलीला केवल तिवारी परिवार द्वारा आयोजित होती है। रस और जस से भरपूर। यह उनका किसान व्यक्तित्व था। ठीक इसी तरह हर दीपावली पर वे सैकड़ों पोस्टकार्ड अपनी शुभकामनाओं की कविताओं से भरकर खुद लिख कर भेजते थे।यह उनके कवि व्यक्तित्व का रस है कि अभी तक सैकड़ों लोग वे पोस्ट कार्ड संभाले बैठे हैं। अब डॉक्टर तिवारी नहीं है लेकिन उनकी यशस्वी यादें  हमेशा बनी रहेंगी। उनके झकाझक खादी के धोती - कुर्ते जिन्हें वे स्वयं धोते और प्रेस करते थे सदैव उनके वैचारिक पक्ष की याद दिलाते रहेंगे।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो.आनंदप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि डा महेश तिवारी अपने जमाने के आम चलन से कोसों दूर रहने वाले व्यक्तित्व थे। राजनीति की राह उन्होंने जरुर पकड़ी थी किंतु उनकी चेतना और संवेदनशीलता एक साहित्यकार की थी। वे एक जिंदादिल इंसान थे ।विरूद्धों के सामंजस्य के लिए जीवनपर्यंत समर्पित रहे।

स्व. डॉ.महेश तिवारी की स्मृतियों को साझा करते हुए उनके सहपाठी मित्र से.नि.डिप्टी कलेक्टर डॉ.राजेश दुबे ने उन्हें अपने सुख दु:ख का सच्चा साथी बताया। इंक मीडिया पत्रकारिता संस्थान के निदेशक डॉ आशीष द्विवेदी ने कहा कि वह एक अति संवेदनशील व्यक्ति थे उनके अंदर सभी रसों का समावेश था।आदर्श संगीत महाविद्यालय के सचिव सुभाष पंड्या ने कहा कि वे एक मिलनसार और सभी से निस्वार्थ प्रेम करने वाले इंसान थे।
नगर की प्रतिष्ठित संस्था श्यामलम् एवं तिवारी परिवार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत स्वर्गीय तिवारी के चित्र पर अतिथियों परिजनों एवं सभागार में उपस्थित प्रबुद्ध जनों द्वारा  पुष्पार्पण  एवं स्मृति दीप प्रज्वलन से हुई।‌ श्यामलम् अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने कार्यक्रम परिचय दिया। लोक गायक शिवरतन यादव ने स्मृति गीत का गायन किया। स्व.तिवारी की छोटी पुत्री श्रीमती महिमा चतुर्वेदी ने उनकी जीवन यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला। संचालन मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष आशीष ज्योतिषी ने किया तथा स्वर संगम समिति के अध्यक्ष हरीसिंह ने ठाकुर आभार माना।

इस अवसर पर एल एन चौरसिया, हेमचंद जैन, हरगोविंद विश्व, श्रीमती सीमा दुबे, डॉ.गजाधर सागर, डॉ. चंचला दवे, डॉ. कविता शुक्ला, सुनीला सराफ,डॉ.अंजना चतुर्वेदी तिवारी, प्रभात तिवारी, श्रीमती मुक्ता तिवारी, हरी शुक्ला, आर के तिवारी, मुन्ना शुक्ला, चंपक भाई,मितेंद्र सिंह सेंगर, डॉ. शशि कुमार सिंह, डॉ अनिल जैन, निरंजना जैन, भारत भूषण तिवारी, श्रीमती मिति‌ तिवारी, कासिम राईन, अंबिका यादव, अशोक तिवारी अलख, पूरन सिंह राजपूत,डॉ.अशोक कुमार तिवारी,अभिनव दत्त,असीम दत्त दुबे,बिहारी सागर,ज. ल. राठौर,डॉ आशुतोष गोस्वामी, डॉ. अमर जैन, आनंद मंगल बोहरे, राजीव अग्निहोत्री, अरुण दुबे, प्रभात कटारे, डॉ.आर आर पांडे, रमाकांत मिश्रा,डॉ.विनोद तिवारी, मुकेश तिवारी, आदर्श दुबे, सुरेंद्र श्रीवास्तव, सी एल‌ कंवल, रीतेश दुबे, धीरेंद्र सेन सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्ध वर्ग एवं स्व.तिवारी के परिजन उपस्थित थे।



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सागर में हृदय की बीमारियों के एक नए इलाज की खोज : डा सर्वेश जैन

सागर में हृदय की बीमारियों के एक नए इलाज की खोज : डा सर्वेश जैन

सागर। भारत में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही,जिसमे शामिल है वो मरीज जो हार्ट अटैक के साथ अस्पताल पहुंचते है या जिनको चलने में  छाती में दर्द या सांस फूलना होता है। दोनो किस्म के मरीजों के दर्द में कमी लाई जा सकती है ,एक किस्म का नर्व ब्लॉक लगाकर ।
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर के प्रोफेसर डा सर्वेश जैन का कहना है की लाइग्नोकेन या सुन्न करने की दवा यदि शरीर के कुछ चिन्हित स्थानों पर सूई से लगाए तो छाती में दर्द को तुरंत फायदा मिलता है।
इसको डीएससीबी ब्लॉक कहते है,यह सीखने में आसान तरीका है जिसमे सुई लगाने के पंद्रह मिनट बाद से ही मरीज कंफर्टेबल और सामान्य हो जाता है,कोरोनरी आर्टरी डिजीज अर्थात हृदय की नली में रुकावट , एंजिना आदि के मरीज तुरंत ठीक हो जाते है। ऐसा होता है न्यूरल थेरेपी के सिद्धांतो का पालन करने से । यह एक पुराना जर्मन तरीका है दर्द संबंधी बीमारियों का ।हालांकि वर्तमान काल में इसको भुला दिया गया है । डा जैन ने बताया की बिलकुल थोड़ी सी मात्रा में सुन्न की दवाई इंजेक्ट करने से दर्द बंद हो जाता है जिससे मरीज की बदहवासी एवम घबराहट कम हो जाती है और नॉर्मल होते पल्स बीपी के साथ मरीज शीघ्र ही सामान्य हो जाता है । और जो मरीज क्रोनिक स्टेबल एंगिना से पीड़ित रहते है और चलने पर छाती में दर्द और सांस फूलना होता है ,वो भी ठीक हो जाते है । मृत्यु दर पर पड़ने वाले फर्क को लेकर डा जैन का कहना है ,यदि उच्च स्तर पर शोध किया जाए तो इसलिए तरीके से हृदयाघात से मरने वाले मरीजों को दर में कमी लाई जा सकती है।वर्तमान में वातावरण में भारी धातुएं ,प्रदूषण और पेस्टीसाइड के अंधाधुंध प्रयोग से हृदय की बीमारियों में इजाफा हुआ है,उसका प्रचलित इलाज के बाद भी मृत्यूदर ज्यादा है ।
इस ब्लॉक की शुरुआती  करी ललितपुर यूपी के डा अरविंद दिवाकर जैन एवम केरल के डा एल प्रकाश ने ।
सागर में साईटिका,गर्दन दर्द के मरीजों में पिछले छह महीने से सफलता पूर्वक प्रयोग कर रहे प्रोफेसर जैन ने इसको छाती के हृदयजनित दर्द में उपयोग किया तो चमत्कारिक रिजल्ट मिले।यह ब्लॉक थोड़ी देर के लिए ब्रेन में जाने वाली दर्द की सूचना को रोक देता है ,जिससे पेन की बारबार होने वाली विशियस साइकिल ब्रेक हो जाती है,इतनी देर में शरीर जिसकी खुदको ठीक करने की असीमित क्षमता होती , अपने आप को और हृदय को दुरुस्त कर लेता है। जिन जगहों पर सूई लगाई जाती है वो तीन पूर्व निर्धारित प्वाइंट रहते है। यह नुस्खा न केवल अटैक में बल्कि छाती के अन्य दर्द की स्थिति में भी कामयाब रहता है।यह सीखने में आसान है ताकि हर डॉक्टर और नर्स यह ब्लॉक लगा सके । यदि मरीज तुरंत अस्पताल पहुंच जाए तो हार्ट को होने वाला नुकसान बहुत कम होता है।अभी तक के प्रयोग में थोड़ा सा बीपी कम होने के अलावा कोई साइड इफेक्ट नहीं पाया गया । शासन से मांग है कर की शोध के लिए फंड देकर इस अवधारणा की पूर्ण विवेचना की जाए।


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13 करोड़ की लागत से बनने वाले जलंधर से चौकी मार्ग का भूमि पूजन किया राजस्व मंत्री ने

13 करोड़ की लागत से बनने वाले जलंधर से चौकी मार्ग का भूमि पूजन किया राजस्व मंत्री ने


सागर। सुरखी विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए हमने हमेशा संघर्ष किया और अच्छे से अच्छा करने का सपना देखा आज 50 वर्षों का संघर्ष और मेरा सपना आप सब के आशीर्वाद से जलंधर से चौकी मार्ग का पूरा हुआ यह बात राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने  ग्राम जलंधर से चौकी मार्ग के भूमि पूजन के अवसर पर ज्वाला देवी मंदिर के प्रांगण में कहीं श्री राजपूत ने कहा कि जलंधर चौकी मार्ग बनने से जलंधर, लछनपुरा, पीपलखेडी, सोठिया, काटीघाटी, जामुनढाना, सेमरामेड़ा ,मसानिया ,शिकारपुर तथा  चौकी ग्राम के लोग अब बिना किसी परेशानी के राहतगढ़ पहुंच सकेंगे अब तक यह लोग लगभग 100 किलोमीटर का चक्कर लगाकर राहतगढ़ पहुंच पाते थे यह मार्ग 13 करोड़ की लागत से प्रारंभ होगा इस मार्ग के बनने से जरुआखेड़ा, बसियाभोती, ननउ, लुहर्रा, बेरखेडीभौती, चांदामउ, बमूरा, बरोदियाबल्लभ, रूपउ, कनेरानीखर, सेमरालहिरया, मूडरा, तोडा, सेमराचरखरा, गुनगुचा, बहरोल, मानकचोक, सहित 50 ग्रामों के लोगों को इस मार्ग के बनने का लाभ मिलेगा जो राहतगढ़ में जनपद ब्लॉक ऑफिस, थाना, तहसील जाने के लिए लोग परेशान होते थे अब सीधे राहतगढ़ सिर्फ 20 मिनट में इस मार्ग के बनने के बाद क्षेत्रवासी पहुंच पाएंगे।

सागर से दिल्ली तक लड़ी लड़ाई
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि यह मार्ग बनाने के लिए सागर ,भोपाल तथा दिल्ली तक लड़ाई लड़नी पड़ी क्योंकि इस मार्ग में अधिक भूमि वन विभाग की थी  जिसके कारण यह काम असंभव सा लग रहा था लेकिन आप सबके आशीर्वाद से मेरा संघर्ष कामयाब हुआ और आपके लिए यह मार्ग स्वीकृत हो चुका है जल्दी ही यह मार्ग बन जाएगा अब कोई भी क्षेत्रवासी मार्ग ना होने के कारण पढ़ाई नहीं छोड़ेगा ,समय से अस्पताल पहुंचेंगे और   सभी गांव विकास की राह में आगे बढ़ेंगे।

ज्वाला देवी में हुआ भव्य भंडारा

राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा जालंधर में ज्वाला देवी मंदिर प्रांगण में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा के समापन पर भव्य भंडारा किया गया जिसमें लगभग 50 गांव के लोग शामिल हुए 20,000 से अधिक लोग भंडारे में पहुंचे जिन्होंने भोजन प्रसादी ग्रहण की इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने कहा कि राजपूत परिवार सुर्खी विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा तत्पर है भाजपा की सरकार ने हर व्यक्ति को लाभ पहुंचाया है यह मार्ग सुर्खी तथा नरयावली विधानसभा सहित आसपास के सभी ग्रामीण क्षेत्र वासियों के लिए सफलता का मार्ग है

करोड़ों अन्य विकास कार्यों का किया भूमिपूजन

मार्ग भूमि पूजन के अवसर पर ज्वाला देवी प्रांगण के लिए दो करोड़ की लागत से गांव से माता मंदिर के लिए सड़क, 50लाख  का मंगल भवन सहित अनेकों विकास कार्यों का भूमि पूजन राजस्व एवं परिवहन मंत्री ने किया ।

क्षेत्रवासियों ने किया आभार व्यक्त
जालंधर  से चौकी मार्ग का भूमि पूजन होने पर सुर्खी तथा नरयावली क्षेत्र के क्षेत्र वासियों ने राजस्व एवं परिवहन मंत्री का जगह-जगह स्वागत कर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह मार्ग हमारे बच्चों के भविष्य का मार्ग है जो राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अथक प्रयासों से बन पा रहा है यह मार्ग बनने से हमारे बच्चों के भविष्य संभल जाएंगे तथा गांव का विकास संभव हो पाएगा सभी क्षेत्रवासियों ने फूल मालाओं से राजस्व एवं परिवहन मंत्री का स्वागत कर आभार व्यक्त किया।

इस  अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व राहतगढ़ जनपद अध्यक्ष गुलाब सिंह राजपूत भाजपा नेता राम कुमार यादव भाजपा मंडल अध्यक्ष कमल पटेल, निरंजन सिंह, रामबाबू कुर्मी राजू पटेल  देश राज यादव जग्गू , सहित सरपंच जनपद ,सदस्य जिला पंचायत सदस्य सहित सैकड़ों ग्रामवासी उपस्थित रहे।



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गोपाल भार्गव धर्ममयी जनमानस के अनन्य सेवक है:राजेन्द्र दास महाराज▪️गढ़ाकोटा प्रतिवर्ष होगा प्राकट्य महोत्सव एवं सन्त समागम

 गोपाल भार्गव धर्ममयी जनमानस के अनन्य सेवक है:राजेन्द्र दास महाराज

▪️गढ़ाकोटा प्रतिवर्ष होगा प्राकट्य महोत्सव एवं सन्त समागम


सागर। साग़र जिले के गढ़ाकोटा में खेल परिसर में चल रही भक्तमाल कथा के सप्तम दिवस में पूज्य मलुकपीठाधीश्वर सन्त श्री राजेन्द्र दास जी ने व्यास पीठ से प्रवचन के दौरान कहा कि बुंदेलखंड में आते समय सुना था कि एक मंत्री ऐसे है जो कन्याओं के निज विवाह करवाते है,बटुक ब्राह्मणों के विद्यालय का संचालन करते है।गोपाल प्रसाद भार्गव जी के बारे में जितना सुना था उससे बढ़कर पाया।बड़ी प्रसन्नता से उन्होंने इस उत्सव को सफल बनाने में सहभागी बने।गोपाल के अनन्य ऐसे सामाजिक कार्य सुनने में आये जब वह अपने क्षेत्र में जनमानस के मध्य पहुँचकर उनके सुख और दुख के काज में निज सहभागी बनते है।बीमार मरीजों का निज निधि से इलाज करवाते है।धर्म और राजनीति में सही मायनों में समन्वय देखना है तो गोपाल प्रसाद भार्गव से सीख लेना चाहिए।जिनके पुत्र दीपू गोपाल भार्गव के सभी कार्यों की कमान संभाले हुए है।

पूज्य राजेन्द दास जी ने एक शिष्य और पुत्र की महिमा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिष्य भी धन्य है जो गुरु को अपने कृतित्व से धन्य कर दे।ऐसे ही वह पुत्र भी सुयोग्य है जिनके सेवा भावी कृतित्व से पिता धन्य होते है।भगवान सब पर कृपा करें।जय जय श्री राधे।
भागवत के निर्देशक रामानुगृह दास जी छोटे सरकार जिनका स्वभाव तो कठपुतली की तरह है जहां खड़े कर दो वहीं रहेंगे।कुशल निर्देशन प्राप्त हुआ है।
कीर्तन और संकीर्तन में क्या अंतर है।प्रेम और करुणा का उच्चारण कीर्तन है।एवं भगवान का नाम श्रवण करते ही रोम रोम खिल उठे,मन प्रफुल्लित हो जाये वह संकीर्तन है.हमारे जीबन में कब ऐसा पल आयेगा जब कंठ गदगद हो जायेगा।शरीर पुल्कित हो जायेगा।मन रोमांचित हो जायेगा।रसस्व भक्ति की यही परिभाषा है।भगबत रसिक जी जहां जन्मे जहां प्रकट हुए थे।उस स्थली को प्रतिदिन प्रणाम करना है।साग़र जिले के गढ़ाकोटा स्थित गोपाल जी खेल परिसर में अंतिम दिवस भगवत भक्तमाल कथा के श्रवण हेतु अपार जनसमूह उमड़ पड़ा।पूज्य राजेन्द्र दास जी ने व्यास गद्दी से उपस्थित श्रोताओं को भक्ति रस के अनेक छंद सुनाये।भगबत रसिक धाम में भगवत रसिक जू को पुनः स्थापित एवं जागृत किया है।छतरपुर में स्थापित कुंजन दर्शन करें।रसिक जी नित्य बिहार में रहते रस लेते रहे।गढ़ाकोटा में प्रतिवर्ष तीन दिन कार्यक्रम होता रहेगा पुजारी वृन्दावन दास ने कुंज में कथा कराई।चंदिया महोत्सव होता है,कनक बेल श्री राधिका श्याम तमिल रही।रसिक जी रस में रहित रही।देह इन्द्रिय हरि सेवा को है।युगल रस केलि में मन रमाओ।भक्ति सर्वोपरी है श्याम श्यामा का दिव्य रास रस का निरन्तर चिंतन से दिव्य रास में प्रवेश मिलेगा।राजेन्द दास ने अन्य स्थानों का वर्णन करते हुए कहा कि रामपुर हरिदास जन्मस्थली धाम का दर्शन करें बुन्देलखण्ड में राम कृष्ण भक्ति के अनेक केन्द्र हैंजो नेत्रों से देखा वही बाणी में लिखा भगवत रसिक जू ने भगवान निमित्त तो बनाते ही हैं।राजेन्द्र दास महाराज ने राजनीति एवं धर्मनीति के सच्चे समन्वय की प्रति निष्ठावान मंत्री पं गोपाल भार्गव जी का अनंत सौभाग्य है।गोपाल भार्गव राजनीति के अनंत उत्कृष्ट नेता हैं जनता की जनार्दन के रूप में सेवा करते हैं.छोटे सरकार सूत्रधार हैं।अत्यंत उत्साहित युवा अभिषेक भार्गव  गोरवशाली व्यक्तित्व पूरे सम्पूर्ण कार्य किया वह पुत्र धन्य है जो पिता को निर्भार बना दे अत्यंत संतों की सेवा की है।समस्त उपस्थित अनुपस्थित श्रोता गण  तथा सूक्ष्म रूप से समस्त देवताओं एवं रास राधिका जू श्याम सुंदर जू अवश्य सुन रह होंगे।भागवत स्कंध. का 12वां अध्याय अवश्य पढ़ें ..नमः कृष्ण वेधते म ते धर्माय नमः। गाय और ब्राह्मण संत भगवान की विभूति है,भागवत में अनिवार्य है।कीर्तन नाम गायन है।



संकीर्तन भगवन का चरित्र सुनकर गदगद होकर अश्रु युक्त स्मरण है।11वां स्कंध में उद्धव गीता अर्जुन गीता से अधिक प्रभावी है।भरत और उद्धव जी प्रमुख हैं.उद्धव जी कुसुम सरोवर में लता बनकर वास कर रहे हैं
कीर्तन ही  कल्याण का प्रमुख उपाय है।अहं ब्रह्म परम परायणम।राधा कृष्ण क्षण क्षण निरन्तर अधिकाधिक सुन्दर स्वरूप धारण करते हैं। शुकदेव जी की जय, भागवत वाणी सेवा.अभिषेक भार्गव भी पिता की तरह सेवा और नेतृत्व करें ऐसा आशीर्वाद दिया।
पीडब्लूडी मंत्री गोपाल भार्गव के आग्रह पर उनके निज निवास गणनायक में आज जगतगुरु पूज्य संत राजेन्द्र दास जी महाराज,परमहंस पूज्य किशोर दास देव जू महाराज के पावन सानिध्य में संतों के चरण रज पड़ने से मंत्री निवास धन्य हो गया।समस्त सन्त समागम ने भोजन ग्रहण किये।अंत मे अभिषेक भार्गव ने सपरिवार संतों की तिलक वंदना कर आशीर्वाद लेते हुए विदाई भेंट की गई।

◆####गढ़ाकोटा में प्रतिवर्ष होगा प्रकाट्य महोत्सव....किशोर दास महाराज
किशोरदास महाराज 
परमहंस संत किशोर दास जू महाराज ने अमृत वाणी का रसास्वादन कराते हुए बताया कि संत सेवा इस महोत्सव की विशेषता है।वृन्दावन का अमृत भाव प्रसन्नता गढ़ाकोटा वासियों को मिला।बिहारी जी यहां दौड़े आयेंगे,छवि सेवा एवं रज स्थापित हुई हैं, गढ़ाकोटा अब केवल एक नगर नही रह गया अपितु अब तो यह साक्षात वृन्दावन धाम नजर आने लगा है।हमारो वृन्दावन और भगवत गुरु मिल गये तो भगवान भी मिलेंगे।आप सभी जन प्रतिदिन समाधि स्थल भूमि पर जाकर श्री हरिदास जी की माला करेंगे तो समस्त समस्याएं रोग आदि समाप्त होंगें।सेवा ही भक्ति का अंग है,पूज्य किशोर दास जू आपकी अनंत प्रेरणा से यह महोत्सव प्रकट हुआ।।।।
◆सोमबार को भंडारे प्रसादी का आयोजन.....
सोमवार को हवन एवं भंडारे का आयोजन स्थल खेल स्टेडियम भगवत,भक्तमाल कथा के आयोजन के अंतिम दिवस प्रातःकाल बटुक पंडित हवन पूजन सम्पन्न कराएंगे।इसके उपरांत जिले भर से भंडारे प्रसादी करने भक्तजन को आमंत्रित किया गया है।
◆अभिषेक भार्गव ने जतायाआभार...... भक्ति रुप आयोजन के प्रमुख सहयोगी अभिषेक भार्गव द्वारा सभी संतों को चरण वंदन करते हुए कहा कि भगवत कृपा से  अकल्पनीय महोत्सव और संत दर्शन का आयोजन हुआ है।बड़े से बड़े आयोजन आप संतों की उपस्थिति में करेंगे।वृन्दावन में गढ़ाकोटा रसिक धाम की पहचान बनी हैं यह साक्षात बिहारी जी की कृपा है।हम यह वार्षिक आयोजन भव्य रूप से करेंगे।बस अनुरोध यही है गुरुदेव की आपका स्नेह और आशीर्वाद मिलना चाहिए।यह आयोजन न केवल भार्गव परिवार के कारण सम्भव हुआ है अपितु समस्त रहली क्षेत्र के प्रत्येक जनमानस के भाग्य से पूर्ण हो सका है।समस्त विभागीय सहयोगी,अधिकारी,पुलिस प्रशासन,मेरे सभी अनन्य सहपाठी साथियों एवं समस्त नगरवासियों,सन्त समाज, महन्त,मंडलेश्वर आदि का आभार जताया।



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कोष्टी समाज सागर का सामाजिक गौरव सम्मान समारोह संपन्न

कोष्टी समाज सागर का सामाजिक गौरव सम्मान समारोह संपन्न



सागर। कोष्टी  समाज सागर का सामाजिक गौरव सम्मान समारोह श्री  कोष्टी समाज धर्मशाला सागर में आयोजित किया गया ।जिसमें दुर्गा प्रसाद कोष्टी, रामचंद्र मांसाब क्छाने वाले श्री बाल गणेश कमेटी विवेकानंद वार्ड सागर के कार्यकर्ताओं एवं समाज के विशिष्ट जनों का सम्मान आयोजित किया गया।


 कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महादेव मांसाब ,मोतीलाल परेता श्याम सुंदर जी कांतिलाल जी बांगर खेम चंद्र जी काकागंज मोतीलाल जी पान वाले कमलेश मांसाब साथ में समाज की कार्यकारिणी का विस्तार किया गया। जिसमें हरीश सेठ को उपाध्यक्ष पप्पू यशवंत कोष्टी, नगर निगम नीलेश डीजे ऋषि कोष्टि एवं अभिषेक को शामिल किया गया रूपचंद कोष्टि अध्यक्ष कोष्टी समाज सागर की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस मौके पर राजेंद्र बांगर बलराम कोष्टि दीपक कोष्टि अभिषेक कोष्टि अंशुल कोष्टि मोजूद रहे।

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SAGAR : भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था की दुर्दशा को लेकर युवक कांग्रेस ने निकाला मशाल जूलुस


SAGAR : भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था की दुर्दशा को लेकर युवक कांग्रेस ने निकाला मशाल जूलुस



सागर। युवक कांग्रेस के नेतृत्व में स्मार्ट सिटी में व्याप्त भ्रष्टाचार और शहर की जर्जर कानून व्यवस्था को लेकर युकां शहर अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी द्वारा मशाल जुलूस का आयोजन किया गया।
मशाल जूलूस को युकां जिलाध्यक्ष राहुल चौबे, सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे, पुरूषोत्तम मुन्ना चौबे,मुकुल पुरोहित रामकुमार पचौरी जगदीश यादव,महेश जाटव आदि वरिष्ठों के मार्गदर्शन में निकाला गया।


इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्मार्ट सिटी के नाम पर जगह जगह भ्रष्टाचार और शहर की कानून व्यवस्था जो बंद से बद्तर हो गयी है शहर में लगातार चोरी,लूट,कटरबाजी,छेड़छाड़,बलात्कार की घटनाओं की बढ़ोतरी के विरोध स्वरूप किया गया।
मशाल जूलुस में प्रमुख रूप से जितेंन्द्र सिंह चावला,रमाकांत यादव,अन्नी दुबे,ताहिर खान, गोवर्धन रैकवार,रिचा सिंह,मोनी केशरवानी ऋषभ जेन जैद खान प्रदीप जैन,पकंज सिंघई,आनंद हैला,शरद पुरोहित,शौकत द्वारका चौधरी अली,जाहिद इल्ले सरदार  ठेकेदार, एड.वीरेंद्र,रवि सोनी,सागर साहू,प्रशांत मिश्रा,देवेन्द्र चकेश रोहित बन्टी करी तरु ण कोरी लल्ला यादव अंकुर यादव फहीम असारी वाल्मीकि ,सुरेंद्र चौधरी,मनोज सोनवार ,नीलेश अहिरवार, देवीप्रसाद, मनोज पवार, एजाज हुसैन ,रजिया खान,रोहित मांडले,रिंकू जाटव,रिषी केसरवानी,सोनू जाटव, बिल्ली रजक,गंगाराम पाठक, आनंद चोधरी,साजिद राईन,संजय रोहितास, हीरालाल चौधरी,रिषी जाटव,सौरभ खटीक,विनोद अहिरवार,शैलेष अकेला आदि कांग्रेस परिवार जन उपस्थित रहे।


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संसार से हमने जो लिया उसे लौटाना भी है, तभी मुक्ति मिलेगी - संतश्री नागर जी▪️खुरई में श्री नागर जी की श्रीमद् भागवत कथा का तृतीय सोपान

संसार से हमने जो लिया उसे लौटाना भी है, तभी मुक्ति मिलेगी - संतश्री नागर जी

▪️खुरई में श्री नागर जी की श्रीमद् भागवत कथा का तृतीय सोपान




खुरई। ’त्याग ईश्वर का दूसरा रूप है। यदि त्याग वृत्ति आ जाए तो त्याग में शांति है, संग्रह में उतना आनंद नहीं जितना त्याग में है। मिल गया तो दूध बराबर, मांग लिया तो पानी, चूस लिया तो खून बराबर, यह संतों की वाणी। जीवन के अंत में देह के वस्त्र, कमर का कडोरा, हाथ पांव का तागा सब निकाल दिया जाता है, बस आत्मा और परमात्मा ही शेष रह जाता है।’ पूज्य संत श्री कमल किशोर नागर जी ने खुरई में प्रवाहित हो रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस त्याग और पुण्य की महिमा पर अपने अमृत वचनों में यह आशीर्वचन कहे।



         व्यास गादी पर विराजमान संत श्री नागर जी ने आज मेले में खिलौना खरीद कर उसे खिलौने को बरतने की  अमीर और गरीब के बच्चों की प्रवृत्ति से जीव आत्मा और देह की समानता करते हुए कहा कि रईस का बच्चा खिलौने को कुछ ही देर में खेलकर तोड़ फोड़ देता है लेकिन गरीब पिता का अभावों में पला बच्चा अपने पिता की शिक्षा पर चलता हुआ खिलौने से संभाल कर  खेलता है और मन भर जाने पर ज्यों का त्यों पिता को वापस लौटा देता है ताकि पिता उसी मेले में खिलौने को बेच कर अपने परिवार को संध्या के भोजन की व्यवस्था कर सके। श्री नागर जी ने कहा कि हमारा जीवन और देह भी एक खिलौने की तरह है, इससे खूब खेल लो और जीवन के चौथे पहर अगले जन्म की तैयारी के लिए जस का तस वापस कर दो। जैसे कबीर ने किया। ध्रुव प्रह्लाद सुदामा ने ओढ़ी, दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी ज्यों की त्यों धर दीन्हीं चदरिया। एक दाग नहीं लगने दिया जीवन की चदरिया में। खराब नहीं होने दी और वापस लौटा दी। स्मरण रखिए कि संसार से जो हमने लिया उसे लौटाना भी है, फिर जो मिलेगा वह मुक्ति ही मिलेगी। इस कथा से हमें शिक्षा मिलती है कि जीवन में धंधा, रोजगार, नौकरी सब खेल खेलो और जीवन के चौथे आश्रम के लिए निवृत हो जाओ, मुक्ति की व्यवस्था करो। जा का वा को दीजिए जिसका जो कुछ होए। आखिरी में हाय हाय समाप्त हो हरि-हरि शेष रह जाए।




         संत श्री नागर जी ने जैन दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां अहिंसा की बात होती है। असंचय और आस्तेय की चर्चा होती है। पहनने, खाने, रहने और रहनी में आत्मा को भी चोट न लग जाए, देखने में भी हिंसा हो सकती है ऐसा संयम भाव। हमारे चमक धमक भरे आचरण से ,पहनने ओढ़ने से भी किसी को आघात लग जाए तो वह भी हिंसा न हो पाए। जैनियों के कपड़े के मार्केट होते हैं पर उनके साधु साध्वियों को देखिए। अगले जन्म की तैयारी ऐसी होती है। इसी कंचन काया से हम जीवन में खेलते हैं और इसी से दोबारा मनुष्य जन्म मिलता है। इसलिए मन ऐसों निर्मल करो,ज्यों गंगा को नीर, पीछे पीछे हरि फिरैं ,कहते कबीर कबीर।



         श्री नागर जी ने बताया कि संत रैदास जी को पूर्व में सात जन्म ब्राह्मण रूप में मिल चुके थे। सात जन्मों से सभी उनका आदर करते थे, असंख्य लोग उनके चरण स्पर्श करते थे। उन्होंने अपना अगला जन्म मांगा कि मुझे अब जूते बनाने वाले मोची के रूप में जन्म मिले। इसके पीछे उनकी यह विनम्र सोच थी कि किसी से चरण स्पर्श कराने में उसे अपने पुण्य का कुछ हिस्सा देना भी पड़ता है। सात जन्मों में पुण्य दे दें कर पुण्यों का क्षरण हो गया और अब चरणों में जूते पहनाना है कि किसी के पांवों में कांटा, कंकर न चुभे। सात जन्मों तक मेरे चरण स्पर्श करने वालों का कर्ज उतारना है। इस प्रसंग से समझिए कि यहां जीवन में जो मौज मस्ती करते हैं उसमें पुण्य का खर्च मत करो। यदि रूखा सूखा नहीं खाया, पैदल नहीं चले तो बाद में यही करना पड़ेगा। इसलिए पुण्यों को बचाओ जैसे और जहां से बच सकें। माता सीता जी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सास उन्हें ज्योति की बत्ती खिसकाने तक का कष्ट नहीं करने देती थीं। बहू पर इतना लाड़ था कि वह महलों में भी कालीन पर चलती थी कि कहीं महल की धूल न लग जाए। और उस कोमल जीवन जीने वाली बहू को वनों के कांटों, भयानक जीवों, असुरों के भयानक वातावरण में रह कर कष्ट भोगना पड़े। संत श्री ने कहा कि जिस तरह जीवन में दूध, घी, शक्कर जैसी वस्तुओं को बचा कर खर्च करते हो वैसे ही पुण्यों को बचा कर खर्च करो। मंहगी चीजें खरीदने से बचो यदि सस्ती से काम चल सकता है। सुख को थोड़ा कम किया जा सकता है। ऐसी कथाएं सुनकर ही मनुष्य जीवन के ब्रेक पर पांव रखता है। उन्होंने बताया कि राजा हरिश्चंद्र का बेटा हीरा मोती जड़े वस्त्र पहनता था किन्तु उसे जब आवश्यकता आई तब कफ़न के लिए एक गज का टुकड़ा भी नहीं मिल सका।


श्री नागर जी ने रविवार के दिन कथा श्रवण के लिए हजारों की संख्या में आए युवाओं और बच्चों को विशेष संदेश देते हुए कहा कि जो भी हरि निंदा करे उसके पास मत बैठो, इससे नास्तिकता बढ़ेगी। मूर्खों को समझाने में अपना समय नष्ट मत करो क्योंकि इसके लिए तुम्हें उनके स्तर पर उतरना पड़ेगा। मोबाइल संस्कृति, आधुनिक जीवन शैली साथ सज्जा, सुंदरता से आवश्यक दूरी बना कर रखो। इनसे बचना घाटे का सौदा नहीं है। बाल कैसे कटे, जींस कैसी फटी रह सब इंद्रियों का खेल है। यह सब युवाओं बच्चों को डुबाने के लिए हो रहा है।

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कथा के तृतीय सोपान का आरंभ आज मुख्य यजमान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती सरोज सिंह व पुत्र अभिराज सिंह द्वारा व्यास गादी के पूजन से हुआ। संत श्री नागर जी ने कहा कि वे खुरई में सिर्फ कथा नहीं वांच रहे बल्कि आस्था से बोल रहे हैं। आयोजक परिवार का प्रभाव नहीं अपितु उनकी सादगी, सरल स्वभाव ने मेरे मन को जीत लिया है इसलिए यहां कथा कहने आए हैं। इस श्रीमद् भागवत कथा का मनोरथ श्री भूपेंद्र सिंह के परिवार को प्राप्त हुआ है जिन्होंने यह ज्ञान यज्ञ प्रारम्भ किया है। हम सब मिलकर यजमान परिवार के लिए कहें साधोसाधो, आप धन्य हों, आपका पुरुषार्थ प्रबल हो।

कथा के तृतीय दिवस मंत्री प्रतिनिधि लखन सिंह, अशोक सिंह, पृथ्वी सिंह, डा सुखदेव मिश्रा, चंद्रप्रताप सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष नन्हींबाई अहिरवार, उपाध्यक्ष चौधरी राहुल जैन, रश्मि सोनी, देशराज यादव, बलराम यादव, विजय पटेल, विनोद राजहंस, इंद्रकुमार राय, अर्चना जैन, पूर्व विधायक धरमू राय, अजय तिवारी देवलचौरी, राजेंद्र पटैरिया, अनेक पार्षदगण और लगभग एक लाख का श्रोता समूह उपस्थित था। गांव गांव से उमड़ रहे श्रद्धालुओं के अनुसार लगातार पंडाल के आकार और बैठक व्यवस्था में वृद्धि की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों, आयोजन समिति सदस्यों, स्वयं सेवकों द्वारा कथा स्थल पर की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा हो रही है।



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