
शौक सत्संग का, मृत्यु मन की, रोग प्रेम का और भोग कर्मों का होः संत श्री नागर जी▪️मंत्री भूपेंद्र सिंह व श्रीमति सरोज सिंह ने की पूजा और गुरू आराधना
खुरई। दुनिया में आए हैं तो यहां शौक सत्संग का होना चाहिए, मृत्यु मन की होना चाहिए, रोग प्रेम का और भोग कर्मों का लगाना चाहिए। व्यास गादी यह चेतना व प्रेरणा देती है कि हमें भोग मिष्ठान का नहीं अपितु अपने कर्मों का रखाना चाहिए ताकि मृत्यु तक हमारे कर्म...