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अग्नि को देवताओं का मुख माना जाता है : राजेन्द्र दास महाराज▪️प्रतिदिन कथा स्थल पर श्रद्धालुओं को मिल रहे दुर्लभ संतों के दर्शन

अग्नि को देवताओं का मुख माना जाता है : राजेन्द्र दास महाराज

▪️प्रतिदिन कथा स्थल पर श्रद्धालुओं को मिल रहे दुर्लभ संतों के दर्शन

सागर। सागर जिले के गढ़ाकोटा में  कथा के छठवें दिन गोपाल जी खेल परिसर कथा स्थल से  पूज्य रसिक प्रवर्धक मलूकपीठाधीश्वर राजेन्द्र दास महाराज ने मंच से सभी विराजमान संतों और महंतों को यथायोग्य प्रणाम करते हुए आज की कथा का शुभारंभ करते है।अध्यक्षता परमहंस पूज्य किशोर दास देव जू गोरेलाल कुंज,बृंदाबन,निर्देशन पूज्य रामानुगृहदास महाराज अजब धाम छोटे सरकार का मिल रहा है।बृज के संतों के द्वारा एक माह का नन्दोत्सव मनाया जाता है।काल का समय नियत होता है।पंचांग के गणित को आप बदल नही सकते नही तो पूरी व्यवस्था बदल जायेगी।चार याम का दिन होता है और चार याम की रात।रात को त्रियामी भी कहा गया है।अग्नि देवताओं का मुख होने के कारण अग्नि में ही आहुति दी जाती है।धुंआ जिस अग्नि में उठ रहा हो।उसमें आहुति देना उचित नही है।इसलिये प्रचंड अग्नि में आहुति देना चाहिए।पूज्य राजेन्द्र दास जी ने आगे भक्तों को उपदेश में कहा कि महर्षि मार्केंडेय जी ने प्रचंड अग्नि में आहुति दी जो जल नही पाई थी और देखते ही देखते जल से हाहाकर हो गया: बट के पत्ते पर एक बालक तैरता हुआ अंगूठा चूस रहा था।यह और कोई नही देवता है।हमको जो अनुभव हुआ वह सच था या झूठ। 

आज श्री मद भागवत श्री भक्त माल कथा में नगर के 175 यजमानो ने पूजन किया।प्रातःकाल से कथा में शामिल यजमान परिवार सहित पूजन कार्य विद्वान पंडित आचार्य द्वारा सम्पन्न कराये गये।रसिक बिहारी धाम समाधि स्थल पर दूरदराज के स्थलों से सन्त महात्मा एवं कई जनप्रतिनिधि,प्रशासनिक अधिकारी,सनातन प्रेमी और श्री हरिदास के अनुयायी अनन्य भक्तों का तांता लगा हुआ है।कार्यक्रम स्थल के समीप मेला लगाया गया है।शादीघर में सन्त निवास में श्रद्धलुओं की भीड़ गुरुवर के दर्शनार्थ पहुँच रही है।कथा स्थल के मंच से पधारे समस्त सन्त आचार्यों का स्वागत संयोजक अभिषेक भार्गव ने किया।प्रतिदिन कथा आयोजन व भजन सँध्या का संचालन राजेन्द्र जारोलिया और विक्की जैन द्वारा किया जा रहा है।


 परमहंस मुक्तानन्द स्वामी अमृत झिरिया  का हुआ आगमन.

स्वामी मुक्तानन्द जी महाराज अमृत झिरिया का पटेरिया जगदीश शाला में आगमन हुआ।पंडित अभिषेक भार्गव ने पूजन आरती करके आशीर्वाद लिया।जगदीश शाला के महामंडलेश्वर हरिदास जी महाराज मौजूद थे।भक्तों को बताया कि ध्यान कि कला विकसित हो भ्रान्ति हटाकर भीतर क्रांति करो  मुक्तानन्द जी मानस की चौपाइयों का गूढ़ अर्थ समझाया प्रणय के रूप में कृष्ण विराजमान हैं।युद्ध करो माने साधना करो निर्वाणी मुद्रा या खेचरी मुद्रा करें अमृत झिरिया को व्यावहारिक विधि से मुद्रा लगवा कर ओम अमृत निर्झर बताया " निर्वाणी मुद्रा " लगवा कर समझाया नाद सृष्टि गुरु ज्ञान सेभीतर अधर्म बढ़े तो ओम नाम खेचरी मुद्रा में करें गीता से,ओम एक अक्षर ब्रह्म है कृष्ण सदगुरु ओम की साधना करो,अर्जुन से कृष्ण ने कहा यज्ञ जप सबसे बड़ा यज्ञ है।


भक्तों को नित्य सन्त समागम का मिल रहा लाभ.

प्रतिदिन आयोजन स्थल पर कथा के श्रवण में वृन्दाबन सहित प्रमुख धार्मिक क्षेत्रों के सन्त महात्मा, महन्त ,महामंडलेश्वर,शंकराचार्य, एवं श्री हरिदास सत्संग में पूज्य महामंडेलश्वर हरिदास महाराज जगदीश शाला, हनुमान दास महाराज महन्त उदयवीर मंदिर इंदौर,जगदीश दास नागा जी मल्लरगढ़,घनश्याम दास महाराज, रामबाग साग़र,सीताराम त्यागी जी बरभान घाट,महन्त कमलापत महाराज गुदर शाला,आदि सन्त समाज प्रमुख स्थलों से आगमन हो रहा है।
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दो दिवसीय जैन युवक युवती परिचय सम्मेलन का शुभारंभ

दो दिवसीय जैन युवक युवती परिचय सम्मेलन का शुभारंभ

सागर।  अखिल भारतीय जैन युवक युवती परिचय परिचय सम्मेलन 2022 का भव्य शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ आदर्श गार्डन सागर में शनिवार को दोपहर 12 बजे हुआ। ध्वजारोहण भाजपा नेता श्री नेवी जैन श्रीमती नताशा जैन ने किया। श्रीमती संध्या  अनिल जैन भोलू कंफर्ट ने फीता काटकर सम्मेलन का शुभारंभ किया। दीप प्रज्वलन श्रीमती सरिता बबलू जैन सिनेमा देवरी ने किया।

सम्मेलन के पहले दिन कंचन जैन, मानस सराफ वीना, राहुल जैन संजय जैन गुना, प्रिया मलैया गढ़ाकोटा, संजय जैन दमोह, प्रिया मलैया गढ़ाकोटा, अक्षय जैन बक्स्वाहा, राहुल भायजी सागर, अनुराधा जैन खुरई , संकल्प जैन देवेंद्रनगर, वैशाली जैन जैसीनगर,मयंक सराफ बीना, शुभम जैन सिहोरा, मोनिका जैन छतरपुर, प्रतीक जैन सागर, महिमा जैन दीपान, प्रीतेश जैन डभरा, श्रेय खड्डर खुरई, प्रदीप जैन तेंदूखेड़ा
सहित लगभग 30 से अधिक युवक-युवतियों ने मंच पर आकर अपना परिचय दिया।

 कैसा जीवन साथी चाहिए इस संदर्भ में युवतियों ने विस्तृत जानकारी रखी जबकि अधिकांश युवकों ने घरेलू, ग्रहणी हो धार्मिक हो और जरूरत पड़ने पर व्यापार में साथ देने में सक्षम हो इसके अलावा युवक-युवतियों के माता-पिता ने भी कहा कि मुझे बेटी चाहिए घर में बहु नहीं बेटी ही आएगी ऐसी बात कहीं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी कर रहे कुछ बच्चों के माता-पिता ने मंच पर आकर अपने बच्चो की जानकारी दी। मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान छत्तीसगढ़ गुजरात दिल्ली आदि स्थानों से भी लोग वर वधु की तलाश में सागर आए संजोग समिति का 19 वां वर्ष था 11 दिसंबर रविवार को सम्मेलन में ज्यादा लोगों के पहुंचने की संभावना है सभी आगंतुक अतिथियों को समिति के द्वारा भोजन की व्यवस्था की गई है मनीष नायक और राकेश निश्चय ने बताया कि रंगीन पत्रिका का प्रकाशन समिति के द्वारा किया गया है जिसे प्रविष्टि जमा करने वालों को निशुल्क वितरण किया जा रहा है ।

कार्यक्रम का संचालन जबलपुर से आये अजित जैन दादू, संगीता जैन, प्रशांत जैन रानू और वीरेंद्र जैन ने किया विधायक शैलेंद्र जैन पूर्व विधायक सुनील जैन, समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना, राजकुमार मिनी, संजय टड़ा, प्रशांत जैन, राकेश जैन, संजय लाट, अजय लाटरी, अभय जैन गुड्डू, प्रदीप बांदरी, सुरेंद्र माल्थोन,
प्रकाश जैन पारस, कपिल मलैया, वीरेंद्र मानथौन, इंद्र कुमार नायक, नरेंद्र सूत, चक्रेश सिंघई, सुदीप जैन सीए, कैलाश सिंघई दाऊ, महेंद्र पिसी, सौरभ घड़ी, प्रदीप रांधेलिया, मुकेश जैन लिटिल जंक्शन, अरुण सिंघई, जयकुमार मुल्ला सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
रविवार 11 दिसंबर को दोपहर में भाजपा नेता नेवी जैन, पूर्व विधायक सुनील जैन और सागर के समाजसेवी मुकेश जैन ढाना का सम्मान किया जाएगा। दूसरे दिन का कार्यक्रम सुबह 10 बजे से प्रारंभ होगा
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तिब्बत की आजादी से भारत की सुरक्षा : मेंगुर दोर्जी, सांसद ▪️भारत तिब्बत मैत्री संघ का समारोह संपन्न


तिब्बत की आजादी से भारत की सुरक्षा : मेंगुर दोर्जी, सांसद 

▪️भारत तिब्बत मैत्री संघ का समारोह  संपन्न

 
सागर। तिब्बती  Tibetan  धर्मगुरु दलाई लामा Dalai Lama को नोबेल पुरस्कार मिलने की खुशी में केशरवानी धर्मशाला सागर में भारत तिब्बत मैत्री संघ ने मुख्य अतिथि तिब्बती सांसद मेंगुर दोर्जी ,  विशिष्ट  अतिथि अजय खरे अध्यक्षता डॉ  सुश्री शरद सिंह (साहित्यकार) एवं भारत तिब्बत मैत्री संघ  (Indo Tibetan Friendship Association)  के महामंत्री पंडित महेश दत्त त्रिपाठी ने विधिवत पूजा  अर्चना कर 101 दीप प्रज्वलित कर दलाई लामा की दीर्घायु होने की प्रार्थना की । भारत मैत्री संघ के रीवा से पधारे प्रदेश अध्यक्ष अजय खरे ने कहा कि चीन की दमनकारी नीतियों का विरोध करना हर एक भारतीय का कर्तव्य है  तिब्बत की आजादी के लिए जन- जन  में विश्वास जागृत करना और तिब्बत की मठ मंदिर संस्कृति को बचाए रखना जरूरी है ।

तिब्बती सांसद मेंगुर दोर्जी  ने सागर के तिब्बत मैत्री संघ के पुरोधा महेश त्रिपाठी की सतत 40 वर्षों की तिब्बत मुक्ति साधना की प्रशंसा करते हुए उन्हें  तिब्बती अंग वस्त्र खाता भेंट करते हुए कहा कि दलाई लामा जी  युगपुरुष है  सभी उनके  शांति सद्भावना के गांधी मार्ग पर चलने के कारण उन्हें विश्वास का सर्वोच्च नोबेल प्राइज मिला उन्होंने कहा कि भारत की तरह तिब्बत भी एक दिन स्वतंत्रता का जश्न मनाएगा
अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष तिब्बत मित्र आचार्य पंडित महेश दत्त त्रिपाठी ने दोनों अतिथियों का शॉल पुष्पमाला एवं अपना काव्य ग्रंथ सोंधी  माटी  भेंट करते हुए कहा कि भारत सरकार दलाई लामा को भारत रत्न अलंकरण से विभूषित कर उन्हें भारतीय संसद में  ससम्मान आमंत्रित करें साथ ही तिब्बत की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त करने आवश्यक कदम उठाएं ।
पर्यावरण चिंतक डॉ  सुश्री शरद सिंह ने अपनी पुस्तक क्लाइमेट चेंज भेट कर  परम पावन दलाई लामा को ग्लोबल व्यक्तित्व बताया एवं राजगीर घोषणा पत्र में  तिब्बत के ग्लेशियर के पिघलने एवं जलवायु परिवर्तन के घातक परिणामों को अपनी रचना "शांति हो सुख हो अहिंसा रख कर रहे वातावरण"  से सभी को मंत्रमुग्ध किया ।
इस अवसर पर सत्यम बुंदेली संग्रहालय के अध्यक्ष दामोदर अग्निहोत्री ने भगवान बुद्ध एवं दलाई लामा के  दुर्लभ समाचार पत्रों की प्रदर्शनी लगाई। तिब्बत  गर्म कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष शेरिन्ग पलजोर  एवं पोर्वो जी ने अतिथि स्वागत किया कपिल स्वामी ने  आभार माना। इस अवसर पर डॉ ऋषभ भारद्वाज युवा अध्यक्ष ऋग्वेद  त्रिपाठी, खुशी मिश्रा, सुबोध मलैया अमित चंदोला श्याम चरण चौरसिया अनंत सिंह यादव दीपक स्वामी बिट्टू पहलवान, ममता त्रिपाठी आदि भारत मैत्री संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे जय भारत जय तिब्बत एवं भारत तिब्बत मैत्री अमर रहे दलाई लामा चिरायु हो के गगनभेदी नारों से  दिग दिगंत गुंजायमान हो गया ।



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शहर के विकास में कोई कमी नही आने दूँगा:- आयुक्त चंद्रशेखर शुक्ला

शहर के विकास में कोई कमी नही आने दूँगा:- आयुक्त  चंद्रशेखर शुक्ला


सागर। नगर निगम आयुक्त  चंद्रशेखर शुक्ला, नगर निगम अध्यक्ष  वृंदावन अहिरवार एवं नगर निगम सभापति  शैलेश केशरवानी के द्वारा विट्ठल नगर वार्ड का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वार्ड में स्वच्छता अभियान चलाया गया।
इस दौरान आर एस एस कॉलोनी के वार्डवासियों द्वारा नगर निगम आयुक्त श्री चंद्रशेखर शुक्ला, निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार एवं शैलेश केशरवानी से सीसी रोड एवं पार्क के सौंदर्यीकरण की मांग की गई।


जिस पर नगर निगम आयुक्त एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा पार्क के सौंदर्यकरण एवं सीसी रोड के निर्माण किए जाने की स्वीकृति एवं निर्देश दिए एवं पथरिया क्षेत्र में पानी की समस्या को देखते हुए तत्काल रुप से निराकरण करने के लिए निर्देश दिए।साथ ही आयुक्त श्री शुक्ला एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा विट्ठल नगर वार्ड में स्थित संत रविदास धाम पहुंचकर धाम का निरीक्षण किया और चल रहे निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए निर्देश दिए। इस अवसर पर आयुक्त श्री चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा कि सागर शहर के विकास कार्यों के लिए कोई कमी नहीं आने दी जावेगी साथ ही उन्होंने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की शुरुआत हो चुकी है और हम सभी को शहर को स्वच्छता में नंबर 1 बनाने का प्रयास करना है।
इस अवसर पर नगर निगम अध्यक्ष श्री वृंदावन अहिरवार ने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में विकास की गंगा बह रही है शहर के चारों ओर विकास कार्य चल रहे हैं। और स्वछता सर्वेक्षण 2023 में शहर के प्रत्येक नागरिक की हिस्सेदारी जरूरी है हम सभी को मिलकर नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागृत करना है। जिससे हम स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
इस अवसर पर नगर निगम सभापति श्री शैलेश केशरवानी ने कहा कि नगर निगम द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण की रूपरेखा तय की जा रही है। स्वच्छता का सभापति होने के नाते में  प्रतिदिन वार्डो निरीक्षण करूंगा। और सफाई के लिए लोगों को प्रेरित करने का कार्य करूंगा। 

ये रहे मोजूद

इस अवसर पर विट्ठल नगर वार्ड पार्षद श्री देवेंद्र अहिरवार,पवन ठाकुर,दिपक सोनी, अमित कछवाहा,नीलेश पटेल,देवी यादव,लीलाधर जाटव जी,अभिषेक पाठक जी,विनोद टंडन जी,पुरुषोत्तम जाटव जी, मुकुंदी यादव जी,नितेश नायक जी,गुड्डू रैकवार,हरीश कोरी,भागीरथ प्रजापति,गिरीश श्रीवास्तव, उमाशंकर जाटव,चंचल, वीरेंद्र सेन जी सहित बड़ी संख्या में वार्डवासी उपस्थित रहे।


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शौक सत्संग का, मृत्यु मन की, रोग प्रेम का और भोग कर्मों का होः संत श्री नागर जी▪️मंत्री भूपेंद्र सिंह व श्रीमति सरोज सिंह ने की पूजा और गुरू आराधना


शौक सत्संग का, मृत्यु मन की, रोग प्रेम का और भोग  कर्मों का होः संत श्री नागर जी

▪️मंत्री भूपेंद्र सिंह व श्रीमति सरोज सिंह ने की पूजा और गुरू आराधना

         

खुरई। दुनिया में आए हैं तो यहां शौक सत्संग का होना चाहिए, मृत्यु मन की होना चाहिए, रोग प्रेम का और भोग कर्मों का लगाना चाहिए। व्यास गादी यह चेतना व प्रेरणा देती है कि हमें भोग मिष्ठान का नहीं अपितु अपने कर्मों का रखाना चाहिए ताकि मृत्यु तक हमारे कर्म थोड़े-थोड़े कटते चले जाएं। इसलिए मन उदास हो,देह में कष्ट हो तो समझो कि यह कर्मों का ही भोग लगता है। यह चेतना पूर्ण संदेश पूज्य संत श्री कमल किशोर जी नागर ने खुरई में श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर अपने मंगल प्रवचनों में कथा श्रावकों को दिए।


मुख्य यजमान दंपति नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह व श्रीमती सरोज सिंह द्वारा श्रीमद् भागवत जी की पूजा और गुरु आराधना के पश्चात कथा आरंभ हुई। संत श्री नागर जी की अमृतवाणी से कथा रसिकों का अनेक बार  अंतस भीग गया। उन्होंने आज भागवत के रचयिता महर्षि वेदव्यास के पुत्र शुकदेव जी की राजा पारीक्षित के राज्य में हुई कथा में स्वयं उनके पिता व्यास जी के श्रोता रूप में उपस्थित होने के संदर्भ से कथा का आरंभ किया। संत श्री ने कहा कि जब लोगों ने व्यास जी से जिज्ञासा की कि आप तो भागवत जी के रचयिता हैं तब भी अपने पुत्र की कथा में आते हैं। ऋषि व्यास जी ने उत्तर दिया कि मुझे अपनी कृति कंठस्थ याद है किंतु आज प्रातः संधि उपासन ध्यान करते हुए मैंने देखा कि स्वयं गोविंद जी इस कथा में उपस्थित होते हैं। मेरे युवा पुत्र शुकदेव की आत्मा निर्मल है, वह केले के पत्तों की लंगोटी मात्र धारण करता है और विरक्त हो चुका है। ऐसे कथावाचक की कथा में गोविंद जी स्वयं आ रहे हैं और मैं इसलिए आ रहा हूं कि कथा में आए गोविंद मुझे भी देख लेंगे। 
आप सभी जो भी अच्छा,पुण्य कर्म करते हैं भरोसा रखना उस भगवान ने स्वयं वचन दिया है कि जहां-जहां भी कथा होगी वहां मैं स्वयं आऊंगा। सदगुरु नागर जी ने तत्पश्चात भजन गाया,“जहां सत्संग होता है वहां भगवान आते हैं।“ उन्होंने कहा कि इस कथा पंडाल में भी साधुसंत, विद्वान, महात्मा, पुजारी, स्थानधारी सभी बैठे में मैं उन सभी को सादर प्रणाम करता हूं।


संत श्री ने बताया कि मुनि शुकदेव ने राजा पारीक्षित को शब्द दिए कि राजन ध्यान करने से भी महत्वपूर्ण है ध्यान का ध्यान रखना, चौबीसों घंटे प्रभु का ध्यान बना रहे। सूत अख्यायी कथा का सार सुनाते हुए शुकदेव जी बोले कि राजन मैं तुम्हें देवताओं का अमृत भी पिलवा सकता हूं। श्राप, मृत्यु, दुखों से बचा सकता हूं। लेकिन राजा पारीक्षित ने कहा कि मुझे न सिद्धि चाहिए न अमरत्व। यहां गंगा जी के किनारे सद्ग्रंथ और आप सामने हैं। देह त्यागने की ऐसी दिव्य जगह और कहां होगी। मैं ऐसा शुभ अवसर नहीं छोड़ना चाहता अपितु यह चाहता हूं कि मेरा शरीर यहीं छूटे। इस प्रकार शुकदेव जी ने राजा को गुहृय ज्ञान  दिया जिससे उनका अंतःकरण शुद्ध हुआ और जिज्ञासा समाप्त हो गई।


संत श्री नागर जी ने कहा कि राजा पारीक्षित को  कथा का सार यह मिला कि शरीर की मृत्यु होना मृत्यु नहीं है। मृत्यु हो जाती है पर मुक्ति नहीं होती। शरीर छूटने से पहले जिसकी गुहृय ज्ञान से मन की मृत्यु हो जाए वही पार हो सकता है। मन की मृत्यु मुक्ति है, तन की मृत्यु मुक्ति नहीं है चाहे हजार वर्ष की आयु क्यों न मिल जाए। नागर जी ने भजन के अंश सुनाए,“ माया मरी न मन मरा, मर-  मर गया शरीर।“


संत श्री नागर जी ने कहा कि कथाएं इच्छाओं को समाप्त करती हैं। उन्होंने कहा कि भक्ति की शुद्धता तभी तक रहती है जब तक कि भक्त अपने भगवान से अपनी पीड़ा,अपने कष्ट नहीं कहता। पुष्टिमार्ग की यह भी एक विधा है कि जी लेते हैं जैसा भी है, कहते नहीं किसी से। यह भाव बन जाना कि उससे भरत कहो, वह तो आनंदकंद है, वह सुनेगा तो उसे दुख होगा। यहां तो सभी अपने दुख दूर करने को तैयार बैठे हैं अपने दोष दूर करने को कोई तैयार नहीं दिखता। भगवान के समक्ष यह भी तो कभी मुख से निकालो कि मेरे दोष दूर करो। उन्होंने दृष्टिहीन कृष्ण भक्त सूरदास जी का उद्धरण बताते हुए कहा कि उनके माता पिता बचपन में ही नहीं रहे।  भाभी ने घर से भोजन की थाली पर से तिरस्कार करके निकाल दिया और मुंह का कौर तक थुकवा कर घर से निकाला पर सूरदास जी ने कभी प्रभु से शिकायत नहीं कि और कथा, भजन में लगे रहे। एक कथा में जाते हुए मार्ग में गहरे कुएं में गिर जाने पर भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं आकर लाठी का सहारा देकर उन्हें निकाला और वे पहचान गये कि प्रभु स्वयं आए हैं। तब सूरदास जी ने भगवान से जीवन में पहली बार अनोखी शिकायत की। सूरदास जी ने कहा कि मैंने अंधे होते हुए माता पिता का विछोह, परिवार का तिरस्कार, भूख प्यास, पीड़ाएं सभी भोग ली पर आपसे व्यक्त नहीं किया।   इनमें से कुछ भी मुझे भजन और कथा श्रवण से वंचित नहीं कर सका, मैंने हर क्षण गोविंद के गुण गाए। आप मेरे प्राण भी ले लीजिए पर मेरा कथा रस क्यों छुड़वा रहे हैं, मेरे कथा जाने के मार्ग में बाधाएं न आ सकें इतनी तो कृपा बनाए रखिए प्रभु। संत श्री नागर जी ने कहा कि इस कथा के सहारे अनेक लोगों का जीवन कट रहा है। कई बार मनुष्य हारने लगता है, टूट जाता है पर कथाओं से मिला ज्ञान हारे मन को संबल देता है।


सद्गुरु नागर जी ने सागर जिले में अपने अनुभवों के बारे में कहा कि सागर तो सागर जैसा ही है। यहां कथा सुनाने की मुझे याद आती है। जितनी कृष्ण भक्ति सागर में देखने को मिलती है वैसा सिर्फ वृंदावन जी में ही अनुभव होता है। सागर की कृष्ण भक्ति अद्वितीय है। मुख्य यजमान मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह के गुणों की प्रशंसा करते हुए श्री नागर जी ने कहा कि प्राचीन परंपरा है कि पुरुषार्थ करने वालों का नाम लेने से भी कृपा बनी रहती है। इस अवधि में कथा का पवित्र मनोरथ लेकर मंत्री भूपेंद्र सिंह जी यह आयोजन कर रहे हैं। व्यास गादी उन्हें सद्गुणों से सुशोभित देखती है। ऐसे यजमान बहुत कम दिखाई देते हैं। यजमान जितना सरल और गुणों से सुशोभित होता है उतना ही रस कथा में उतरता है। संत श्री नागर जी ने मंत्री भूपेंद्र सिंह को आशीर्वाद देते हुए कहा कि आप धन्य हों, आपकी आभा बनी रहे और आप ऐसे ही पुण्य कार्य करते रहें। खुरई के कथा पंडाल के व्यवस्थित और शांत वातावरण की भी सद्गुरु ने प्रशंसा की और कहा कि सन्नाटे में ही कथा का दिव्य रस बहता है।

ये रहे मोजूद

आज कथा पंडाल में भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया, मंत्री प्रतिनिधि लखन सिंह,रामनिवास माहेश्वरी, नगर पालिका अध्यक्ष नन्हींबाई अहिरवार, सागर नगरनिगम परिषद वृंदावन अहिरवार, पृथ्वी सिंह,  रश्मि सोनी, बलराम यादव, कल्लू यादव सहित गांव शहरों से पधारे हजारों महिला पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए।



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पुस्तकालयों को सेवा प्रदाता कंपनी के रूप में नए सिरे से स्थापित करने की जरूरत: प्रो. ए. पी. सिंह▪️पुस्तकालय विज्ञान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

पुस्तकालयों को सेवा प्रदाता कंपनी के रूप में नए सिरे से स्थापित करने की जरूरत: प्रो. ए. पी. सिंह

▪️पुस्तकालय विज्ञान में  दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ 

सागर। राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन के महानिदेशक प्रो. ए. पी. सिंह ने कहा है कि वर्तमान दौर में पुस्तकालयों के समक्ष  कई तरह की चुनौतियां हैं. पाठकों का रुझान पुस्तकालय के प्रति लगातार कम हो रहा है. ऐसे में हमें इनकी पुर्नसंरचना की आवश्यकता है. नए कलेवर के साथ हमें एक सेवा प्रदाता कंपनी के तौर पर खुद को स्थापित करने की जरूरत है. तभी पुस्तकालय में  लोगों की आवाजाही वापस होगी.

 प्रो. सिंह डा. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय  के जवाहरलाल नेहरू केन्द्रीय पुस्तकालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय  राष्ट्रीय संगोष्ठी के उदघाटन सत्र में बीज वक्तव्य दे रहे थे. उन्होंने कहा कि अभी पुस्तकालय राज्य सूची के विषय हैं इसलिए उनका वैसा उन्नयन नहीं हो पाता. इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्रीय सूची में लाने की जरूरत है. 

मुख्य अतिथि विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि हम शीघ्र विधानसभा में प्रस्ताव लाकर मध्यप्रदेश में पुस्तकालय अधिनियम की शुरुआत का प्रयास करेंगे. पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान की हृदयस्थली होते हैं. इन्हें समृद्ध करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि नई  पीढ़ी का जुड़ाव कैसे पुस्तकों के प्रति हो इस पर काम करने की जरूरत है. यह संगोष्ठी इस मायने में मील का पत्थर साबित होगी. 

संगोष्ठी का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ.  स्वागत उद्बोधन देते हुए संगोष्ठी के चेयरमैन  प्रो. इंचार्ज  डा. उमेश के. पाटिल ने संगोष्ठी की रुपरेखा प्रस्तुत की. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पुस्तकालय विज्ञान के इतिहास में प्रथम बार इस स्तर की संगोष्ठी आयोजित हो रही है. इस विषय के छात्रों को इसका लाभ मिलेगा. अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कार्यवाहक कुलपति प्रो.वाय. एस. ठाकुर ने कहा कि  पुस्तकालयों को  अपनी सेवाओं की मार्केटिंग पर ध्यान देने की जरूरत है. डिजिटल युग के हिसाब से उन्हें अपने स्वरूप में आमूलचूल बदलाव करना होगा.


 संगोष्ठी के सचिव, डिप्टी लाइब्रेरियन डा. संजीव सराफ ने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य  लाइब्रेरी साइंस विषय  को आज की जरूरतों के हिसाब  से  नए सिरे से  स्थापित करना है. लाइब्रेरी साइंस विषय को राष्ट्रीय क्षितिज पर स्थापित करने वाले विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. आर. जी. पराशर ने कहा कि बदलते दौर में पुस्तकालय ऑटोमेशन जरूरी है। 
कुलसचिव डॉ संतोष सहगौरा ने कहा कि प्रिन्टेड पुस्तको का अपना महत्व है, इनका स्थान कोई नहीं ले सकता। इस अवसर पर दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के डॉ आर एन शर्मा, जीवाजी यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रति कुलपति प्रो जे एन गौतम, देवी अहिल्या विश्विद्यालय के प्राचीन गणित केंद्र के डायरेक्टर प्रो अनुपम जैन ने भी संबोधित किया।
संचालन डॉ संजीव सराफ, आभार डॉ मुकेश साहू ने किया। तकनीकी सत्रों का संचालन डॉ नीलम थापा, डॉ महेंद्र कुमार और डॉ अनुराग श्रीवास्तव ने किया।



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वेस्ट सेन्ट्रल रेल्वे मजदूर संघ सदैव कर्मचारियों के हितों की लड़ाई लड़ता रहेगा : अशोक शर्मा, महामंत्री

वेस्ट सेन्ट्रल रेल्वे मजदूर संघ सदैव कर्मचारियों के हितों की लड़ाई लड़ता रहेगा : अशोक शर्मा, महामंत्री

सागर। "कोरोना काल में जब डरी हुई दुनिया, अपने अपने घरों के अंदर थी ऐसे में मेरे रेल के जांबाज ट्रैक मेंटेनर कड़क ठंड में कई-कई किलोमीटर तक रेल पटरियों का निरीक्षण, परीक्षण व अनुरक्षण करते रहे। साथ ही रेल्वे के लाखों साथी अपने अपने काम पर थे । अपनी जान की परवाह किए बिना उन्होंने भारत की लाइफलाइन, भारतीय रेल को रुकने नहीं दिया। चाहे औषधि पहुंचाना हो, पेट्रोल डीजल की सप्लाई हो, अनाज की आपूर्ति हो, यात्रियों को ढोना हो, सारे काम रेल कर्मचारियों ने बदस्तूर किए। और बताते हुए बड़ा दुख हो रहा है कि इस दौरान हजारों रेल कर्मचारी संक्रमित होने के चलते काल-कलवित हो गए, बल्कि उनके,कई, परिवारजन भी संक्रमित होकर काल के गाल में समा गए। रेल के ट्रैक मेंटेनर साथी जो सर्दी, गर्मी, बरसात में जहरीले जंतुओं के बीच कई-कई किलोमीटर तक पटरियों का अनुरक्षण करते हैं ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सरहद पर शहीद होने वाले सिपाहियों से कहीं ज्यादा संख्या में ट्रैक पर रन ओवर हो जाते हैं, शहीद हो जाते हैं। किंतु अफसोस इतने के बावजूद भी सरकार ने हमें फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा नहीं दिया, शहीद का दर्जा देना तो दूर की बात है। एक तरफ बेतहासा होते निजीकरण से रेलवे की जहां गुणवत्ता कम हो रही है वहीं, यात्रियों की संरक्षा और सुरक्षा भी खतरे  के दायरे में आ रही है। एक रेल कर्मचारी जो अपना पूरा जीवन रेल की सेवा में ईमानदारी और समर्पण से लगा देता है उसके हिस्से में एनपीएस डाल दी गई है ओल्ड पेंशन स्कीम को 1 जनवरी 2004 के बाद से, समाप्त कर दिया गया है। बड़ी विषम परिस्थितियों में काम करने वाले रेल कर्मचारी पेंशन नहीं होने की स्थिति में उनके और उनके परिवार का भविष्य क्या होगा ..?? जबकि कर्मचारी की पेंशन उसके बुढ़ापे का सहारा उसकी लाठी होती है। ऐसी अनेकानेक मजदूरों की मांगों को लेकर वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के झंडे तले हम लोग संघर्ष कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि हमारी मांगों को एक न एक दिन सरकार को मानना होगा क्योंकि यह उचित मांगे हमारा अधिकार है।" 

 रेलवे स्टेशन सागर में आयोजित पत्रकार वार्ता में वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री एवं एनएफआईआर के असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी अशोक शर्मा ने व्यक्त किए । उनके साथ ही वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अनुज तिवारी भी मौजूद थे ज्ञात हो कि सागर उनका गृह नगर भी है। श्री तिवारी ने अपने वक्तव्य में कहा.." वेस्ट सेन्ट्रल रेल्वे मजदूर संघ सदैव कर्मचारियों के हितों की लड़ाई लड़ता आया है और आगे भी लड़ता रहेगा सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में हमारा संघर्ष सतत चलता रहेगा।" ज्ञात हो कि कोटा अधिवेशन में पुनः निर्वाचन के बाद, श्री अशोक शर्मा एक दिन के सागर प्रवास पर आए थे। इस अवसर पर दिनांक 10.12.2022 को वेस्ट सेन्ट्रल रेल्वे मजदूर संघ की सागर शाखा ने उनका भव्य स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया। एक जुलूस की शक्ल में ढोल नगाड़ों की आवाज के साथ रेल्वे स्टेशन सागर में स्थानीय कर्मचारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। जिसमें विस्तार से उनकी समस्याओं को सुना गया, ज्ञापन लिए गए एवं अग्र कार्यवाही हेतु आश्वासन दिया गया।

 तत्पश्चात उक्त कर्मचारी नेता द्वय ने. सागर के बुद्धिजीवी एवं प्रतिष्ठित आमंत्रित ,पत्रकार जनों की प्रेस वार्ता को संबोधित किया एवं उपस्थित पत्रकारजनों के, प्रश्नों का जवाब दिया। इस अवसर पर स्वल्पाहार का भी आयोजन शाखा की तरफ से किया गया। कार्यक्रम में श्री मनोज जवार डिप्टी डिवीजनल सेक्रेटरी जबलपुर मंडल, सागर शाखा सचिव डॉ. मु. शमशाद, राघवेंद्र सिंह दीवान कोषाध्यक्ष, संजीव तिवारी संगठन सचिव, उपाध्यक्ष बीसी निरंजन, बी एस मीना, प्रभात रंजन, राजेन्द्र रैकवार, सहा. सचिव आर के कैन, अमित कुमार अग्रवाल, रामकेश, रविप्रकाश, राकेश शुक्ला, जसवंत, रमन साहू, रामेश्वर, महेंद्र, धर्मेंद्र, नीरज, बनीसिंह, विक्रम, संतोष, संदीप समेत विभिन्न विभागों के रेल कर्मचारीगण उपस्थित रहे। अंत में शाखा अध्यक्ष श्री एम के जैन द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया।



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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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श्री गणेश संस्कृत विद्यालय गढ़ाकोटा की सनातन समाज का आधार स्तम्भ : राजेन्द्र दास महाराज ▪️रसिक देव जू समाधिस्थल पर सत्संग समाज गायन में देशभर से संतों का हुआ आगमन

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▪️रसिक देव जू समाधिस्थल पर सत्संग समाज गायन में देशभर से संतों का हुआ आगमन 




गढाकोटा। गढ़ाकोटा के स्टेडियम  में चल रही श्रीमदभक्त माल कथा के पांचवें दिन कथा में श्रद्धालुजन भाव विभोर होकर कृष्ण जन्म पर नृत्य करते नजर आ रहे थे।पूज्य राजेन्द्र दास महाराज ने कई भक्तों के दृष्टांत बताते हुए भक्ति का मार्ग प्रशस्त किया।श्री गुरु बतायो धाम निष्ठा का स्वरूप है।इसलिए दास तो ऐसा मानता है कि भगवत रसिक जी बृंदाबन से कभी बाहर नही गये।बृज की प्राचीन लताएँ प्रकट हो गये।कोकिल क़ीर चकोर प्रकट हो गये।हम सबका हृदय ऐसा बन जाये कि जब बृंदाबन जाये तो वहाँ रहे ततपश्चात कही बाहर जाये भी तो हमारा चित्त बृंदाबन में ही रमा रहे।ललित मोहिनी देवी ,नरहरि स्वामी,सहित अनेक महापुरुष यहां जन्मे।महद पुरुषों का धरती पर विचरण दीन हीन जनों के कल्याणार्थ होता है।सन्त जन केवल मनुष्य नही अपितु पशु पक्षियों पर भी कृपा बरसाते है।




"बालापन से हरी भजे,जग से रहे उदास।तीर्थ आशा करत है कब आये हरिदास"वह अतीर्थ को तीर्थ और तीर्थ को सुतीर्थ बना देते है।ऐसे भगवन हरिदास सन्त आचार्य का प्रभाव होता है।रसिक भाव से कथा का श्रवण करने प्रतिदिन हजारों भक्तोँ की संख्यां बढ़ती जा रही है।मोहनदास जी निवेदन किया कि आप इस मार्ग से न जाये यहां नरभक्षी शेर रहता है इसलिए इस जंगल मे मनुष्य नही जाते है।इस पर भगवत रसिक जी ने कहा कि आप लोग भय मत खाये।भजन करने का प्रभाव सिर्फ मनुष्य नही अपितु दुष्ट से दुष्ट नरभक्षी जीव पर भी पड़ता है।

नाम जपत दशो दिशो।आप सब भजन के प्रभाव को देख लो।आज सिंह को हरी के शरणागत बनाना है।उस जमाने मे लाखों का वैभव त्यागकर गये थे।ऐसे वीतराग महापुरुष जब बृंदाबन में चलते है तो लगता है वैराग्य धारण कर देव चल रहे हो।

एक गृहस्थ ब्राह्मण भजन में लीन थे तभी एक विषधर शरीर पर लिप्त गया।भजन करते करते वह सभी जीव जंतु बापिस लौट गये।नारायण महाराज आये और बोले कि आपकी भजन ठाकुर जी को समर्पित हो गए।भगबत सेवा भजन करते समय अपनी सुधबुध खो जाना ही सच्ची भक्ति का मार्ग है। कथा सुनने में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ शामिल थी।
शाम 7 बजे से चित्र विचित्र की भजन संध्या का आयोजन किया गया।
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