SAGAR: कच्चे आंवले और बेल तोडने पर प्रतिबंध
सागर 27 अक्टूबर 2022।
वनमंडल अधिकारी उत्तर सागर ने बताया कि वनमंडल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र खुरई, बांदरी, मालथौन, उत्तर सागर, बण्डा, शाहगढ़ के शासकीय वनक्षेत्रों से कच्चे, अपरिपक्व आंवला एवं बेल फलों को तोड़कर अवैध संग्रहण, अवैध परिवहन एवं निष्कर्षण अथवा दोहन हेतु 26 अक्टूबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है।
उक्त फलों के परिपक्व होने के बाद संयुक्त वन प्रबंधन समितियों की सहमति के बाद फलों का संग्रहण एवं क्रय-विक्रय नियमानुसार किया जा सकेगा, जो व्यक्ति इन नियमों का उल्लघंन करेगा यह भारतीय वन अधिनियम 1927, जैव विविधता अधिनियम 2002, म.प्र. वन उपज (जैव विविधता का संरक्षण और पोषणीय कटाई) नियम 2005, म.प्र. वन उपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम 1969, म.प्र. अभिवहन ( वनोपज) नियम 2000 एवं लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के अधीन बनाये गये उपबन्धों के उल्लंघन करने पर न्यायालयीन कार्यवाही का भागीदार होगा। इसके अधीन विहित वर्णित शस्ति ऐसी अवधि का कारावास जो 06 माह को होगा और जुर्माना जो 15000/- रूपये तक का हो सकेगा या दोनों से दण्डनीय होगा।
सागर 27 अक्टूबर 2022।
वनमंडल अधिकारी उत्तर सागर ने बताया कि वनमंडल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र खुरई, बांदरी, मालथौन, उत्तर सागर, बण्डा, शाहगढ़ के शासकीय वनक्षेत्रों से कच्चे, अपरिपक्व आंवला एवं बेल फलों को तोड़कर अवैध संग्रहण, अवैध परिवहन एवं निष्कर्षण अथवा दोहन हेतु 26 अक्टूबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है।
उक्त फलों के परिपक्व होने के बाद संयुक्त वन प्रबंधन समितियों की सहमति के बाद फलों का संग्रहण एवं क्रय-विक्रय नियमानुसार किया जा सकेगा, जो व्यक्ति इन नियमों का उल्लघंन करेगा यह भारतीय वन अधिनियम 1927, जैव विविधता अधिनियम 2002, म.प्र. वन उपज (जैव विविधता का संरक्षण और पोषणीय कटाई) नियम 2005, म.प्र. वन उपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम 1969, म.प्र. अभिवहन ( वनोपज) नियम 2000 एवं लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के अधीन बनाये गये उपबन्धों के उल्लंघन करने पर न्यायालयीन कार्यवाही का भागीदार होगा। इसके अधीन विहित वर्णित शस्ति ऐसी अवधि का कारावास जो 06 माह को होगा और जुर्माना जो 15000/- रूपये तक का हो सकेगा या दोनों से दण्डनीय होगा।