अवैध 104 कॉलोनाइजारों को आयुक्त नगर निगम द्वारा नोटिस जारी किए गए
सागर 17 अक्टूबर 2022
नगर पालिक निगम सागर एवं तहसील कार्यालय सागर की सयुंक्त टीम ने सागर शहर में विकसित की जा रहीं विभिन्न कॉलोनियों की जाँच की। जाँच में पाया गया कि लगभग 104 कॉलोनी विकासकर्ताओं ने मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के नियम 292 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के उपबंधों का अनुपालन नहीं किया है। उक्त कॉलोनी विकासकर्ताओं द्वारा बिना कॉलोनाइजर का लायसेंस लिए, बिना भूमि के व्यपवर्तन, बिना ग्राम एवं नगर निवेश की अनुमति के, बिना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय वर्गों के लिए भू-खण्डों/भवनों का प्रावधान किए, बिना विकास अनुमति, बिना आश्रय शुल्क का भुगतान किए, बाह्य विकास यथा- रोड, नाली, सीवरेज, जलप्रदाय, विद्युत लाइन आदि की व्यवस्था किए बगैर, आंतरिक विकास यथा- भूमि का समतलीकरण, प्रस्तावित मार्गों का सीमांकन, पुलियों का निर्माण, पार्क निर्माण, जल निकासी व्यवस्था, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, ओवरहेड टैंक, वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, ठोस आपशिष्ट प्रबंधन आदि किए बिना कृषि भूमि को खण्ड-खण्ड प्लाट के रूप में विक्रय कर अवैध रूप से कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है।कॉलोनी निर्माणकर्ताओं द्वारा किया जा रहा उक्त कार्य मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के नियम 292 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के उपबंधों का उल्लंघन है और दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है। नियमानुसार उक्त अपराध के लिए 07 वर्ष तक कारावास का प्रावधान है, साथ ही उक्त अवैध कॉलोनी में किए गए भूखंण्डों का क्रय-विक्रय शून्य होगा। ऐसे 104 अवैध कालोनाईजारों को चिन्हित करते हुए दिए गए कारण बताओ नोटिस का जबाब 15 दिवस में चाहा गया है, 15 दिवस में जबाब प्रस्तुत न करने एवं अपना पक्ष प्रस्तुत न करने की स्थिति में संबंधित कॉलोनाईजरों के विरुद्ध एफआईआर की कार्यवाही की जावेगी तथा किए गए निर्माण कार्यों को हटाया जाकर ऐसी भूमि नगर निगम में वेष्टित हो जाएगी।
ऐसी अवैध कॉलोनी निर्माण में जिन लोगों नें कॉलोनाईजारों का सहयोग दिया है चाहे वह फाइनेंसर बैंक हों, या विद्युत कनेक्शन देने वाले अधिकारी हों इनके विरुद्ध भी दंडात्मक कार्यवाही कराई जावेगी।
सागर 17 अक्टूबर 2022
नगर पालिक निगम सागर एवं तहसील कार्यालय सागर की सयुंक्त टीम ने सागर शहर में विकसित की जा रहीं विभिन्न कॉलोनियों की जाँच की। जाँच में पाया गया कि लगभग 104 कॉलोनी विकासकर्ताओं ने मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के नियम 292 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के उपबंधों का अनुपालन नहीं किया है। उक्त कॉलोनी विकासकर्ताओं द्वारा बिना कॉलोनाइजर का लायसेंस लिए, बिना भूमि के व्यपवर्तन, बिना ग्राम एवं नगर निवेश की अनुमति के, बिना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय वर्गों के लिए भू-खण्डों/भवनों का प्रावधान किए, बिना विकास अनुमति, बिना आश्रय शुल्क का भुगतान किए, बाह्य विकास यथा- रोड, नाली, सीवरेज, जलप्रदाय, विद्युत लाइन आदि की व्यवस्था किए बगैर, आंतरिक विकास यथा- भूमि का समतलीकरण, प्रस्तावित मार्गों का सीमांकन, पुलियों का निर्माण, पार्क निर्माण, जल निकासी व्यवस्था, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, ओवरहेड टैंक, वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, ठोस आपशिष्ट प्रबंधन आदि किए बिना कृषि भूमि को खण्ड-खण्ड प्लाट के रूप में विक्रय कर अवैध रूप से कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है।कॉलोनी निर्माणकर्ताओं द्वारा किया जा रहा उक्त कार्य मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के नियम 292 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के उपबंधों का उल्लंघन है और दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है। नियमानुसार उक्त अपराध के लिए 07 वर्ष तक कारावास का प्रावधान है, साथ ही उक्त अवैध कॉलोनी में किए गए भूखंण्डों का क्रय-विक्रय शून्य होगा। ऐसे 104 अवैध कालोनाईजारों को चिन्हित करते हुए दिए गए कारण बताओ नोटिस का जबाब 15 दिवस में चाहा गया है, 15 दिवस में जबाब प्रस्तुत न करने एवं अपना पक्ष प्रस्तुत न करने की स्थिति में संबंधित कॉलोनाईजरों के विरुद्ध एफआईआर की कार्यवाही की जावेगी तथा किए गए निर्माण कार्यों को हटाया जाकर ऐसी भूमि नगर निगम में वेष्टित हो जाएगी।
ऐसी अवैध कॉलोनी निर्माण में जिन लोगों नें कॉलोनाईजारों का सहयोग दिया है चाहे वह फाइनेंसर बैंक हों, या विद्युत कनेक्शन देने वाले अधिकारी हों इनके विरुद्ध भी दंडात्मक कार्यवाही कराई जावेगी।