विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची में डॉ. गौर विश्वविद्यालय के छः शिक्षक
सागर. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के छह शिक्षकों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ 02 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में स्थान मिला है. स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिका और एल्सिवियर पब्लिशर्स द्वारा दुनियाभर के लगभग 1 करोड़ वैज्ञानिकों की सूची में से 02 प्रतिशत सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची जारी की गई है जिसमें डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के छह शिक्षक शामिल हैं. इस सूची में फार्मेसी विभाग के सेवानिवृत्त प्रो. एस.पी. व्यास, प्रो. एन. के. जैन, माइक्रोबायोलोजी विभाग के प्रो. नवीन कानगो, वनस्पति विज्ञान के प्रो. एम एल. खान, डॉ. अश्विनी कुमार, रसायन शास्त्र विभाग के डॉ. विमलेश चंद्रा (वर्तमान में गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय में कार्यरत) के नाम हैं.
इस सूची के अनुसार विज्ञान के 22 क्षेत्रों और 176 उपक्षेत्रों से संबंधित वैज्ञानिकों का डाटाबेस तैयार किया गया जिसमें उन वैज्ञानिकों को शामिल किया गया जिनके साल भार में कम से कम पांच शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं. इस रिसर्च में साइटेशन की स्टैण्डर्ड डाईज्ड इन्फोर्मेशन एवं इंडेक्स, को-ऑथरशिप को आदि को ध्यान में रखते हुए सूची को तैयार किया गया है. एल्सिवियर प्रकाशन एवं स्कोपस विश्व स्तर के साईंटेशन डेटाबेस का रख रखाव करते हैं और यह शोध की गुणवत्ता को प्रमाणित करने वाली विश्व स्तर की मानक संस्थाएं हैं. यह सूची 01 सितंबर 2022 तक के डेटाबेस के आधार पर जारी की गई है.
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने शिक्षकों की इस उपलब्धि पर हर्ष जताते हुए सभी शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की हैं.
प्रो. नवीन कानगो
प्रो. नवीन कानगो माइक्रोबायोलोजी के विभागाध्यक्ष एवं अकादमिक अफेयर्स के निदेशक हैं. हैं और इनका शोध कार्य सूक्ष्म जैवीय एन्जाइम्स का स्वास्थ्यवर्धक प्री-बायोटिक, बायो-एथेनोल एवं एंटीकैंसर दवा बनाने पर आधारित है. इसके अंतर्गत सूक्ष्मजीवों से फर्मेंटेशन द्वारा एन्जाइम्स का निर्माण किया जाता है.
डॉ. अश्विनी कुमार
डॉ. अश्विनी विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में सहायक प्राध्यापक हैं. इनका शोधकार्य पौधों की उत्पादकता को बढ़ाने एवं हानिकारक पेस्टिसाइड के दुष्प्रभाव को कम करने के वैज्ञानिक फार्मूले को तैयार करने पर चल रहा है. इनका नाम इस सूची में लगातार तीसरी बार शामिल हुआ है.
प्रो. एम. एल. खान
विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर हैं. इनका शोध कार्य पर्यावरण, जैव विविधता संरक्षण एवं वानिकी से संबंधित है. इनके निर्देशन में मध्य प्रदेश की जैव विविधता से जुड़ी तीन शोध परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है.