गौर विवि : राष्ट्रीय कार्यशाला एवं शोध संगोष्ठी में दूसरे दिन हुए महत्त्वपूर्ण व्याख्यान

गौर विवि : राष्ट्रीय कार्यशाला एवं शोध संगोष्ठी में दूसरे दिन हुए महत्त्वपूर्ण व्याख्यान 
  
सागर. डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के संयुक्त तत्त्वावधान में चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व के समग्र विकास पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला एवं शोध संगोष्ठी के द्वितीय दिवस का प्रथम सत्र चरित्र निर्माण गीत निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें....... के साथ आरम्भ हुआ। इस सत्र के मुख्य वक्ता प्रो. बिहारी लाल शर्मा थे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ श्री अतुल भाई कोठारी जी ने की।
चरित्र निर्माण में सात्विक आहार एवं सत्य आचरण की महत्त्वपूर्ण भूमिका : प्रो बिहारी लाल शर्मा 
प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रो. बिहारी लाल शर्मा रहे इस तकनीकी सत्र की अध्यक्षता श्री अतुल भाई कोठारी ने की ।इसके समन्वयक डॉ नौनिहाल गौतम रहे और प्रतिवेदक श्री गोविंद सिंह रहे ।

मुख्य वक्ता ने अपने वक्तव्य में पंचकोश की आध्यात्मिक दृष्टि पर बात की उन्होंने मानव के चरित्र निर्माण हेतु धर्म पर बल देने की बात की और साथ ही भारतीय शिक्षा में पाश्चात्य प्रभाव के कारण उत्पन्न दोषों को रेखांकित करते हुए भारतीय सनातन परंपरा के मुख्य बिंदुओं को भूल जाने की प्रवृत्ति की आलोचना की साथ ही 1835 ई. के पश्चात की आधुनिक शिक्षा नीति के नाम पर अपने आत्मगौरव को भुलाकर पश्चात्य चिंतन की ओर आकृष्ट होने के दुष्परिणामों को भी उन्होंने अपने चर्चा में शामिल किया। जो  भारतीय जीवन दर्शन हेतु हानिकर साबित हुई ।


उन्होंने कहा की किसी भी उत्तम राष्ट्र का निर्माण वहाँ के उत्तम चरित्र वाले व्यक्तियों से होता है...परंतु आज हम साक्षर तो हो रहें हैं परंतु शिक्षित नहीं हो रहें हैं... यह अपने आत्मगौरव को भूलने का परिणाम है... उन्होंने मनुष्य के चरित्र निर्माण हेतु धर्म को आवश्यक बताया और मनु के द्वारा की गई धर्म की व्याख्या की चर्चा की जिसका अनुसरण करके व्यक्ति एक श्रेष्ठ इंसान बन सकता है... और इसका पालन संपूर्ण संसार हेतु उपयोगी साबित होगा  । इसके अतिरिक्त पंचकोश का विकास होने से  वाले व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के संबंध में बताया उन्होंने अत्यधिक व्यापक ढंग से पंचकोश विभिन्न पक्षों पर बात करते हुए वर्तमान में युवाओं व देश के नागरिकों में उनके चरित्र निर्माण हेतु इसकी आवश्यकता पर बात की। अध्यक्षीय वक्तव्य श्री भाई अतुल कोठारी ने दिया।


मन पर नियंत्रण जीवन में उचित मार्ग प्रशस्त करता है- प्रो. सलूजा 

मुख्य वक्ता के रूप में द्वितीय तकनीकी सत्र में संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान नई दिल्ली के प्रो. चाँद किरण सलूजा ने अपना वक्तव्य मनोमयकोश पर दिया. सत्र की अध्यक्षता प्रो. गणेश शंकर गिरी ने की. प्रो. सलूजा ने मनोमयकोश के संबंध में नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. उन्होंने मनोमयकोश के सैद्धांतिक और व्यवहारिक पक्षों पर चर्चा करते हुए कहा कि मन पर नियंत्रण के द्वारा हम अपने जीवन को उचित मार्ग की ओर अग्रसर कर सकते हैं। साथ ही इसके  द्वारा व्यक्तित्व का  समग्र विकास हो सकता है. व्यक्ति मन के उचित प्रयोग द्वारा अपने जीवन को नियंत्रित कर के सकारात्मक कार्यों को पूरा कर सकता है. उन्होंने गीता के विभिन्न श्लोकों और अर्जुन का उदाहरण भी दिया। सत्र संचालक डॉ. संजय यादव थे और प्रतिवेदक आकांक्षा नामदेव थीं.


तामसिक प्रवृत्ति चारित्रिक अवमूल्यन का बड़ा कारण- डॉ. मनोहर भंडारी 

तृतीय सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में इस तकनीकी सत्र में डॉ. मनोहर भंडारी, इंदौर  ने अपना वक्तव्य दिया. डॉ. भंडारी ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में अवलोकन और मनोविज्ञान की शिक्षा आवश्यक है लेकिन हमारे देश का दुर्भाग्य है कि चिकित्सा शिक्षा में आज भी मनोविज्ञान की शिक्षा नही दी जाती है। यही कारण है कि मानव जीवन में पंचकोश अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम जब भी किसी जीव की हत्या करते हैं तो उससे कुछ तामसिक प्रवृत्ति के रस विसर्जित होते हैं। तामसिक प्रवृत्ति के ये रस उस मांस का सेवन करते हुए हमारे शरीर में आते हैं और यही कारण है कि मनुष्य में हम चारित्रिक अवमूल्यन देख रहे हैं। इसलिए हमें शाकाहार करना चाहिए। अन्नमय कोश से आनंदमय कोश तक की यात्रा को उन्होंने विस्तार से समझाते हुए उन्होंने कहा कि अन्नमय कोश हमें निरोग रखता है, प्राणमय कोश हमें साहस प्रदान करता है, मनोमय कोश बुद्धिमत्ता का कारक है, विज्ञानमय कोश उदारता देता है तथा आनंदमय कोश हमें संकट से ही मुक्त कर देता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. अजय तिवारी ने कहा कि पंचकोश को हम सभी प्राध्यापको को अपने कक्षाओं में बच्चों तक लेकर जाना चाहिए।
लोकतांत्रिकता शिक्षा की सबसे बड़ी विशेषता: अतुलभाई कोठारी

चतुर्थ सत्र में मुख्य वक्ता डॉ अतुलभाई कोठारी ने आनंदमय कोश की अवधारणा को व्याख्यायित किया। अध्यक्षता विवि की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने की। उन्होंने कहा कि आनंदमय कोश हमें समग्रता की ओर ले जाता है. पूरी पंचकोश की प्रक्रिया स्वयं को पहचानने की प्रक्रिया है. आम तौर पर इस पर चर्चा नहीं होती लेकिन यह अपने आप में एक विज्ञान है. उन्होंने कहा कि मनुष्य के भीतर इतनी क्षमता है कि वह हर समस्या का समाधान ढूंढ सकता है लेकिन कई बार वह अपनी इस क्षमता को नहीं पहचान पाता। इसलिये व्यक्ति को सबसे पहले स्वयं को पहचानने की आवश्यकता है। इसके लिए मन को एकाग्र करना पहला चरण है। यह प्रवृत्ति मनुष्य को स्वयं अपने भीतर लानी चाहिए। दबाव से मन में एकाग्र भाव नहीं आता। शिक्षा में लोकतांत्रिकता इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में अनुभव एवं प्रयोग की पद्धति को सम्मिलित करना चाहिए।  

स्वयं की पहचान कर हम ज्यादा सफल व्यक्ति बनेंगे- कुलपति 

अध्यक्षता करते हुए विवि की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने कहा कि मन को व्यवस्थित रखने में और दैनिक चुनौतियां का सामना करने में ओमकार की ध्वनि सहायक होती है। श्वसन क्रिया को ठीक रखने में भी यह सहायक होता है। उन्होंने कहा कि जहां समस्या है, वहां समाधान भी होता है। हमे समाधान पर बात करनी चाहिए। जितने समय में हम दूसरों को पहचाने की कोशिश करते है, उतने समय में स्वयं को पहचाने उसमे ज्यादा सफल व्यक्ति बनेंगे। हम भारतीय संस्कृति से जुड़ें. शिक्षा के द्वारा भारतीयता और भारतीय संस्कृति को वापस लाने का प्रयास शिक्षा नीति द्वारा हो रही है। उन्होंने उदहारण देते हुए कहा कि आज कल हर अवसर पर केक काटना प्रचलन में है जो पाश्चात्य पद्धति है. 

हमारी संस्कृति हमें जोड़ना सिखाती हैं, काटना नही। स्वयं चरित्रवान बनें तभी आप दूसरो को भी चरित्र के बारे में सिखा पाएंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शशि कुमार सिंह ने किया. कार्यक्रम में देश भर के कई राज्यों से आये प्रतिभागी, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं शिक्षक उपस्थित रहे. 

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अग्निवीर भर्ती रैली में भोजन व्यवस्था में जुटा नगर निगम, महापौर प्रतिनिधि सुशील तिवारी पहुंचे देखने

अग्निवीर भर्ती रैली में भोजन व्यवस्था में जुटा नगर निगम, महापौर प्रतिनिधि सुशील तिवारी पहुंचे देखने



सागर। अग्निवीर भर्ती रैली में आए युवा प्रतिभागियों को नगर निगम सागर द्वारा भोजन और पानी आदि की व्यवस्था की गई। महापौर प्रतिनिधि डा सुशील तिवारी ने आज इंजीनियरिंग कालेज पहुंचकर निगम की व्यवस्था देखी और भोजन वितरण केन्द्र पर प्रतिभागियों को भोजन वितरित किया और साथ में भोजन भी किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना अग्निवीर भर्ती रैली है। इसमें युवाओं को नौकरी का सीधा अवसर मिल रहा है। सागर में 14 जिलों के 73 हजार युवा हिस्सा ले रहे है। जिला प्रशासन और सेना ने  बेहतर इंतजाम किए है।



इस मौके पर रिशांक तिवारी, मनोज रैकवार, अमित रावत, शुभम नामदेव, सुजीत ठाकुर, राजीव कपूर, रोहित तिवारी, हेमंत पचौरी, नगर निगमकर्मी अरविंद सोनी एवं टीम उपस्थित रही।

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हेलमेट, सीट बेल्ट चालानी कार्रवाई के लिए नहीं अपने एवं परिवार के लिए लगाएं◾ ड्रग्स ,अवैध शराब, जुए सट्टे की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर होगा जारी ◾ एसपी तरुण नायक फेसबुक लाइव से हुए रूबरू



हेलमेट, सीट बेल्ट चालानी कार्रवाई के लिए नहीं अपने एवं परिवार के लिए लगाएं
◾ ड्रग्स ,अवैध शराब, जुए सट्टे की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर होगा जारी 
◾ एसपी तरुण नायक फेसबुक लाइव से हुए रूबरू


सागर 08 अक्टूबर 2022।

हेलमेट एवं सीट बेल्ट चालानी कार्रवाई के डर से ना लगाएं बल्कि अपने लिए एवं अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा लगाएं साथ ही जिले में अवैध शराब, ड्रग्स, जुये, सट्टे की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। जिसके बारे सूचना देने वाले का नाम एवं जानकारी गुप्त रखी जाएगी, एवं अवैध रूप से नशा का व्यापार करने वालों पर कठोरतम कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी ,उक्त विचार पुलिस अधीक्षक श्री तरुण नायक ने आज फेसबुक लाइव के माध्यम से जिलेवासियों से रूबरू होते हुए व्यक्त किए।
     पुलिस अधीक्षक श्री नायक ने कहा कि सीटबेल्ट एवं हेलमेट लगाना माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश के तहत एवं शासन के आदेश के तहत आवश्यक है किंतु यह अति आवश्यक इसलिए है कि इसके लगाने से हम एवं हमारा परिवार सुरक्षित रहता है ।
उन्होंने कहा कि कभी भी कोई भी दुर्घटना गाड़ी चलाते समय घटित हो सकती है दुर्घटना घटित होने के बाद सीट बेल्ट हेलमेट लगा हो तो बड़ी दुर्घटना की संभावना नहीं रहती उन्होंने कहा कि हमें अपने परिवार को सुरक्षित रखने एवं सुरक्षित घर वापस आने की गारंटी सीटबेल्ट एवं हेलमेट देता है इसलिए हेलमेंट अवश्य कैसे लगाएं। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल ना करें कि हेलमेट आप अपनी गाड़ी पर केवल पुलिस के डर से लगा रखे या पेट्रोल भर आते समय लगा ले।
 उन्होंने कहा कि हेलमेट आप अपने घर से निकलते समय ही लगाएं एवं आते समय घर पर ही उतारे अर्थात जब भी आप गाड़ी का संचालन के समय हेलमेट या सीटबेल्ट अवश्य लगाएं ।
 पुलिस अधीक्षक श्री नायक ने कहा कि जिले में अवैध शराब एवं ड्रग्स की जानकारी देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जा रहा है जिस पर व्हाट्सएप भी मौजूद रहेगा। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप पर ना केवल जानकारी दें बल्कि संबंधित स्थान की लोकेशन भी शेयर करें जिससे कार्रवाई की जा सके ।
      उन्होंने कहा कि यह सभी चीजें समाज की एवं परिवार को विनाश की ओर ले जाती है इसलिए इन सब पर कार्रवाई के लिए आप पुलिस का सहयोग करें ।उन्होंने कहा कि आपके द्वारा प्रदान की गई जानकारी पूर्णता गुप्त रखी जाएगी। पुलिस अधीक्षक श्री नायक ने कहां की आगामी समय में हेलमेट एवं सीट बेल्ट लगाने के लिए कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी उन्होंने कहा कि अभी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है फिर चालानी कार्रवाई की जाएगी ।
पुलिस अधीक्षक श्री नायक ने बताया कि स्मार्ट सिटी के द्वारा लगाए गए चौराहों के सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से हेलमेट ना पहनने वालों पर चालानी कार्रवाई की जाएगी एवं चालान संबंधित के घर के पतो पर भेजे जाएंगे ।उन्होंने कहा कि असुविधा से बचने के लिए पुलिस विभाग का सहयोग करें और अपने आप को सुरक्षित रखें।
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अग्निवीर भर्ती रैली : दूसरे दिन 4500 युवाओं ने लिया भाग◾रैली में पात्र हुए युवाओं ने बनाया रैली को सफल

अग्निवीर भर्ती रैली : दूसरे दिन 4500 युवाओं ने लिया भाग

◾रैली में पात्र हुए युवाओं ने बनाया रैली को सफल



सागर 08 अक्टूबर 2022
         अग्निवीर भर्ती रैली के दूसरे दिन ग्वालियर हीरोइन वाली के 6000 से अधिक परीक्षार्थियों में से 4500 परीक्षार्थी शामिल हुए बारिश को देखते हुए। कर्नल श्री संतोष कुमार द्वारा रैली के 2 दिन युवाओं को मैदान गीला होने के कारण रैली स्थल की सड़क पर दौड़ आयोजित की गई। कर्नल संतोष कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन एवं फौज के द्वारा लगातार प्रयास करने के बाद भर्ती रैली स्थल का मैदान भी अब तैयार कर लिया गया है कहीं भी पानी भराव की स्थिति नहीं है।
     उन्होंने बताया कि यदि बारिश नहीं होती है तो अब अभ्यार्थियों की दौड़ मैदान में ही कराई जाएगी किंतु यदि बारिश होगी, तो अभ्यार्थियों को जानकारी देकर सड़क पर दौड कराई जाएगी यदि अभ्यर्थी तैयार होते हैं तो मैदान में दौड़ कराई जाएगी।


       कर्नल संतोष कुमार ने बताया कि कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक श्री तरुण नायक के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी श्रीमती सपना त्रिपाठी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विक्रम सिंह कुशवाहा, जिला रोजगार अधिकारी श्री एमके नागवंशी, श्रीमती अंगूरी ठाकुर द्वारा लगातार भर्ती रैली स्थल पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जा रही हैं उन्होंने बताया कि रैली स्थल पर लगातार डॉक्टर एवं एंबुलेंस की व्यवस्था बनाई गई है ।कलेक्टर श्री दीपक आर्य एवं पुलिस अधीक्षक श्री तरुण नायक ने आज अधिकारियों के साथ भारतीय स्थल का निरीक्षण किया एवं आवश्यक निर्देश दिए।  
 

उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर तक चलने वाली भर्ती में किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसके समक्ष प्रयास किए जा रहे हैं उन्होंने बताया कि जो अभ्यार्थी युवा रैली में सफल नहीं हो पा रही है उनको वापस उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए किफायती दरों पर बसों की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई गई है पुलिस अधीक्षक श्री नायक ने बताया कि रैली स्थल पर पुलिस बल तैनात है एवं लगातार सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि रैली स्थल पर केवल पात्र व्यक्तियों के वाहन ही आवागमन के लिए पात्र हैं।
आज सागर में अग्निवीर रैली के तीसरे दिन सेना के वरिष्ठ अधिकारी ब्रिगेडियर श्री दीपेंद्र मनराई, उप महानिदेशक ने भर्ती रैली स्थल का निरीक्षण किया और सेना भर्ती कार्यालय ग्वालियर द्वारा आयोजन के निर्दोष संचालन को देखा और पूरी टीम को बधाई दी ।

रैली में शामिल होने आए अभ्यर्थियों में जो अभ्यर्थी सफल हुए हैं वह रैली से संतुष्ट हैं।
 उन्होंने बताया कि यहां समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई गई है एवं सेना के नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है उन्होंने बताया कि यह रैली अन्य रैलियों से इसलिए खास है कि भारी बारिश के बाद भी यहां की व्यवस्थाएं दुरस्त बनी हुई है ।
रैली के तीसरे दिन भिंड के 4963 एवं पन्ना की 1274 कुल 6237 अभ्यार्थी शामिल होंगे।

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कांग्रेस ने निकाली भारत जोड़ों यात्रा नरयावली क्षेत्र में

कांग्रेस ने निकाली भारत जोड़ों यात्रा  नरयावली क्षेत्र में

सागर। नरयावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नरयावली में आज सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जिला पंचायत एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य श्रीमती शारदा खटीक जी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली जिसमें कांग्रेस की सैकड़ों कार्यकर्ता नफरत छोड़ो भारत जोड़ो के नारा लगाते हुए भाजपा के द्वारा फैलाई जा रही जातिवाद एवं वर्ग विशेष के प्रति नफरत का विरोध किया इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य श्रीमती शारदा खटीक ने बताया कि निरंतर भाजपा के नेता समाज में किस तरह नफरत का जहर घोल रहे एवं भारत के संविधान की धज्जियां उड़ा रहे जिसे बचाने के लिए एवं समाज को जोड़ने के लिए भारत जोड़ो यात्रा का आयोजन पूरे देश भर में किया जा रहा इसी के समर्थन में आज हमारे नरयावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नरयावली में भारत जोड़ो यात्रा का आयोजन किया गया इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता जितेन चौकसे ने भी संबोधित किया एवं बताया कि भाजपा किस तरीके से आमजन को गुमराह कर रही एवं निरंतर महंगाई एवं बेरोजगारी बढ़ रही है जिससे आमजन परेशान है और भाजपा के लोग आपस में लोगों को लड़ाने का काम कर रहे ।कार्यक्रम में मुख्य रूप से गणेश पटेल गंभीरया बिहारी सेन पार्षद इंजीनियर जित्तू खटीक संजय खटीक एल एन सोनी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राकेश रजक शिवम शुक्ला अब्बास खान  संतोष सोनी प्रियांश सोनी शिवम् दुबे शिवम् सोनी नितिन दुबे मिंटू विश्वकर्मा अनिमेष शुक्ल रमन सोनी नाथू धानक अजीत रजक आशु सोनी अंशुल दुबे शुभम शुक्ल ..देवीप्रसाद धांर्मेन्द्र सुनील बंसल अन्नू सोनी कमलेश अहिरवार  संजय अहिरवार लखन अहिरवार शिवलाल कांचरी तिजाई खिरिया उत्तम दुर्गाप्रसाद कमलेश खिरिया आदमी सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे ।
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कांग्रेस विधायक का महिला से छेड़खानी का मामला, बीजेपी महिला मोर्चा ने दिया ज्ञापन

कांग्रेस विधायक का महिला से छेड़खानी का मामला, बीजेपी महिला मोर्चा ने दिया ज्ञापन

सागर।  रेवांचल एक्सप्रेस में महिला के साथ कांग्रेस के दो विधायकों द्वारा की गई अभद्रता का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.।बीते दिन रेवांचल एक्सप्रेस में महिला के साथ कांग्रेस के दो विधायकों द्वारा की गई अभद्रता के विरोध में भाजपा महिला मोर्चा सागर द्वारा विरोध प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा गया।
 इस मामले में कॉंग्रेस के दो विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा एवं कोतमा से विधायक सुनील सराफ द्वारा रेवांचल ट्रेन में अपने दुधमुहे बच्चे के साथ सफर कर रही महिला से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे।


 वहीं भाजपा महिला मोर्चा जिलाअध्यक्ष संध्या भार्गव के नेतृत्व में महिला मोर्चा सागर द्वारा राज्यपाल के नाम सागर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि, इस घटना का विरोध दर्ज करवाते हुए उक्त दोनों विधायकों को पद से निलंबित करने एवं आरोपियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें एवं उक्त मामले को गंभीरता से ना लेने पर यह लापरवाही बरतने  पर महिला मोर्चा द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से महिला मोर्चा महामंत्री श्रीमती तृप्ति बाबू सिंह कॉनोनी, उपाध्यक्ष श्रीमती शैैवाला सुुनरिया, मीडिया प्रभारी जयश्री चढ़ार ,याकृति जड़िया, मनोरमा उपाध्याय,मीरा चौबे, उर्मिला सहारे, रानी चौधरी, लवप्रीत मनी गुरोन, सोशल मीडिया से नेहा जैन , रश्मि कुशवाहा , मेघा मिश्रा, सुदर्शनी शुक्ला ,संध्या इटोरिया, श्रीमती मंजू एवं महिला मोर्चा सागर की समस्त बहनें उपस्थित रहीं।
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Sagar: शहर कांग्रेस प्रभारी अंजू सिंह बघेल ने लिया पार्टीजनों से फीडबैक

Sagar: शहर कांग्रेस प्रभारी अंजू सिंह बघेल ने लिया पार्टीजनों से फीडबैक

 

सागर। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस संगठन को धारदार और आक्रमक रूप देने के लिए प्रदेश कांग्रेस की ओर से नियुक्त शहर जिला कांग्रेस की प्रभारी श्रीमती अंजू सिंह बघेल ने विभिन्न वरिष्ठ नेताओं ब्लॉक अध्यक्षों पार्षदों व मोर्चा संगठन पदाधिकारियों से मुलाकात कर फीडबैक लिया तथा प्रदेश कांग्रेस के निर्देशों से उन्हें अवगत कराया।
दो दिन के प्रवास पर यहां पहुंची प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी श्रीमती अंजू सिंह बघेल ने गुरुवार को दोपहर में यहां आकर सबसे पहले जिला कांग्रेस कार्यालय राजीव गांधी भवन में ब्लॉक अध्यक्षों की बैठक ली तथा उनके अब तक के कामों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने मंडलम तथा सेक्टर कमेटियों के गठन संबंधी जानकारी भी ली। प्रभारी श्रीमती अंजू सिंह बघेल ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर ब्लॉक अध्यक्षों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। कांग्रेस कार्यालय में करीब 3 घंटे तक विभिन्न पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से भी उन्होंने अलग अलग मुलाकात कर संगठन के संबंध में फीडबैक लिए।
 प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक ने बताया कि कांग्रेस की पीसीसी प्रभारी श्रीमती अंजू सिंह बघेल ने बैठक के बाद प्रमुख वरिष्ठ नेताओं को अपने लक्ष्य में लेकर कई वरिष्ठ नेताओं से मिलने उनके निवास पर स्वयं ही पहुंची और अलग अलग रूप से उनसे चर्चा कर संगठन की मजबूती व चुनावी रणनीति को लेकर विचार विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि माननीय श्री कमलनाथ जी की मंशा के अनुरूप संपूर्ण संगठन को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नए सिरे से तैयार किया जाना है। जिसके लिए पार्टी के छोटे से छोटे कार्यकर्ता से लेकर वरिष्ठ नेताओं तक से अपनी सीधी पहुंच बनाने के लिए वे स्वयं ही चलकर उनके पास पहुंच रही हैं।
           पीसीसी की प्रभारी श्रीमती अंजू सिंह बघेल ने 2 दिन तक यहां रहकर कई वरिष्ठ नेताओं के पास पहुंचकर मुलाकात की। अपने दूसरे दिन के  कार्यक्रम में उन्होंने महापौर प्रत्याशी श्रीमती निधि जैन व नवनिर्वाचित पार्षदों से भी मुलाकात कर चुनाव के दौरान सामने आई चुनौतियों को जाना। उन्होंने कहा कि नगर निगम परिषद की बैठकों में सदन के अंदर और बाहर जनहित के मुद्दों व भ्रष्टाचार को पूरी मुखरता के साथ उठाकर जनता के सामने लाने का काम करें। इस दौरान पूर्व विधायक सुनील जैन मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक वरिष्ठ नेता सुरेंद्र सुहाने रामकुमार पचौरी सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे प्रशांत समैया पूर्व पार्षद राकेश राय व महेश जाटव पार्षद दल के नेता बब्बू यादव पार्षद सुलेखा राय रोशनी वसीम खान व शशि जाटव ने उनसे मुलाकात की। प्रभारी श्रीमती अंजू सिंह बघेल ने स्थानीय एमएस गार्डन पहुंचकर युवा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल चौबे समेत युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों से भी मुलाकात कर उनकी भूमिका को जाना। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के पास खुद ही जाकर मिलने का यह सिलसिला अभी जारी रहेगा। जिसके पश्चात सभी की ओर से निकल कर आने वाले विचारों के आधार पर संगठन को चुनावी रूप से तैयार कर नए सिरे से मैदान में उतारा जाएगा। 
                                    
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गौर विश्वविद्यालय : राष्ट्रीय कार्यशाला एवं शोध संगोष्ठी का उद्घाटन , चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व के समग्र विकास विषय पर केंद्रित

गौर विश्वविद्यालय :  राष्ट्रीय कार्यशाला एवं शोध संगोष्ठी का उद्घाटन , चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व के समग्र विकास विषय पर केंद्रित

 
  
सागर. डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के संयुक्त तत्त्वावधान में चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व के समग्र विकास पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला एवं शोध संगोष्ठी का उदघाटन विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में हुआ. विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी के सारस्वत सान्निध्य में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुलभाई कोठारी सारस्वत वक्ता के रूप उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति अध्यक्षता प्रो. नीलिमा गुप्ता ने की. समारोह में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति प्रो. कपिलदेव मिश्रा, संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान, नई दिल्ली से प्रो. चाँद किरण सलूजा एवं पूर्णिया विश्वविद्यालय, बिहार के कुलपति प्रो. राजनाथ यादव की सारस्वत उपस्थिति रही. साथ ही स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ अजय तिवारी, म प्र हिन्दी ग्रन्थ अकादमी के अध्यक्ष श्री अशोक कडेल, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो अम्बिकादत्त शर्मा भी मंचासीन थे. 
ज्ञान की देवी सरस्वती एवं डॉ गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ संगोष्ठी का शुभारम्भ हुआ. प्रो अम्बिकादत्त शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि यह भारत के निर्माण की कार्यशाला है जिसका निश्चित लक्ष्य है. इस कार्यशाला की शुरुआत से ही विश्वविद्यालय के स्नातक से शोध पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के वैल्यू एडेड पाठ्यक्रम लागू हो जाएगा. डॉ. शशिकुमार सिंह ने पांच दिवसीय कार्यशाला की रूपरेखा और सत्रों का संक्षिप्त विवरण दिया.

भारतीय बोध के साथ हो चरित्र एवं व्यक्तित्व निर्माण: कुलाधिपति   

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी ने कार्यशाला के विषय को आज के समय में महत्त्वपूर्ण बताया. डिजिटल युग में भारतीय बोध के साथ व्यक्तिव निर्माण करना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में व्यक्तित्व के समग्र विकास और चरित्र निर्माण के विषय में उल्लिखित बिन्दुओं पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि नीति के क्रियान्वन हेतु पहली बार भारतीय भाषा, बहुविद्यावाद, व्यवसायवाद को प्रमुख रूप से इस नीति में रखा गया है. इससे परीक्षण पद्धति में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय को भारतीय शिक्षा पद्धति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करनी चाहिए.  

डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय बने भारतीय ज्ञान परंपरा के अध्ययन का उत्कृष्ट केंद्र- डॉ. कोठारी 

डॉ. अतुल भाई कोठारी ने कहा कि भारत में व्यक्तित्व, चरित्र के आधार पर नापा जाता है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण, नैतिक मूल्यों का ह्रास, हत्या आदि सभी समस्याओं का मूल कारण चरित्र से संबंधित है.  हम यहां पर समाधानों की चर्चा करने आए हैं और चरित्र निर्माण इसका आधार है. इसकी शुरुआत बाल्यावस्था से होती है. बच्चे देखकर सीखते हैं और धीरे धीरे आदतों का अनुकरण करते हैं जो आगे चलकर चरित्र बनाता है. उन्होंने समग्र विकास की बात करते हुए कहा कि इसके भौतिक और आध्यात्मिक दो पहलू हैं. जिसमे भौतिक पहलू से आशय है की मेडिकल के विद्यार्थी को अगर मनोविज्ञान का ज्ञान न हो तो वो पूर्णतः सफल नहीं बन सकता. यह प्रयास पहले नहीं था पर अब शिक्षा नीति के द्वारा क्रियान्वन किया जा रहा है. भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने का काम इस नीति से हो रहा है. इसके पाठ्यक्रम में पूरी दुनिया की समस्याओं का  समाधान है. उन्होंने कहा कि इसका केंद्र बिंदु डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय बन सकता है. 

भारतीय चिंतन परंपरा में व्यक्तित्व विकास का महत्त्वपूर्ण स्थान- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता 

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता भारत में पहली बार इस तरह की पांच दिवसीय कार्यशला का आयोजन हो रहा है. करीब 7 राज्यों से यहां प्रतिभागी उपस्थित हुए है. कोविड के समय से ही इसके क्रियान्वन पर सतत चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय चिंतन परंपरा में व्यक्तित्व विकास का महत्त्वपूर्ण स्थान है. आज के समय में विद्यार्थियों में श्रेष्ठ गुणों का समावेश होना चाहिए. इन गुणों में संतुलन, उत्तम विचार एवं आत्म विश्वास ऐसे गुण हैं जो चरित्र निर्माण करते हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण विद्यार्थी डिग्री के साथ समाज में उत्तम चरित्र के साथ प्रवेश करे क्योंकि समाज से ही देश बनता है. उन्होंने इसी के अंतर्गत गौर जयंती के अवसर पर छात्र छात्रों द्वारा परोपकारी कार्य करने पर उन्हें उत्तम चरित्र दर्शाने के लिए पुरुस्कृत करने की बात कही. उन्होंने विश्वविद्यालय में चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास संबंधी गतिविधियों के बारे में भी बताया.

प्रो कपिल देव मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने विद्यार्थीयों के एक हाथ में ज्ञान और कौशल को रखा है. वही दूसरे हाथ में चरित्र और आचरण को. उन्होंने शिक्षा के उद्देश्य को बताते हुए कहा की पुराने ज्ञान को आगे बढ़ाने, नए ज्ञान के सृजन के साथ विद्यार्थी को समसामयिक चुनौती के लिए बौद्धिक तौर पर तैयार करना है जो इस शिक्षा नीति के माध्यम से क्रियान्वित हो रहा है. उन्होंने कहा की व्यक्तित्व विकास को पंचकोष आधार पर ही पूर्ण माना जाता है जिसमें अन्नमय से पोषित, प्राणमय से बल, मनोमय से विज्ञान और आनंदमय से आध्यात्मिक विकास तक के चारण होते है और स्वामी विवेकानंद के अनुसार आध्यात्मिक विकास ही भारत की आत्मा है. 

प्रो. राजनाथ यादव ने भारत में शिक्षा नीतियों का क्रमशः इतिहास बताते हुए राष्टीय शिक्षा नीति के विविध आयामों को बताया. उन्होंने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वन के लिए उसको गहराई से समझना आवाश्यक है. उन्होंने बहुविद्या, 5+3+3+4 प्रणाली, शोध के लिए संस्थान, विदेशी विश्वविद्यालय के कैंपस भारत मे स्थापित करना आदि के महत्व को रेखांकित किया.  

अपराह्न के सत्र में प्रो चांद किरण सलूजा ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रथम अध्याय के अंत में स्पष्ट है कि बच्चे को शिक्षक एवं अभिवावक मिलकर उसकी संवेदनशीलता के साथ पहचाने और फिर उसके विकास के बारे में सोचे. हमें शिक्षा के द्वारा व्यक्ति को अच्छा इंसान और उसके समग्र विकास पर जोर देना चाहिए. दिशायुक्त वृद्धि ही विकास है.  शिक्षा नीति पंचकोष विकास को धारण करने के लिए अग्रसर है. उन्होंने इक्कीसवीं सदी की शिक्षा के चार आधारभूत स्तंभ को समझाया और कहा कि ज्ञान की प्राप्ति के बाद उसको व्यहवार में बदलना होगा. व्याह्वारिक शिक्षा प्राप्ति के बाद वह मिलकर रहना सिखाती है जो जीवन के उद्देश्य प्राप्त करने में सहायक होती है और अंततः शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य बनाना होता है. उन्होंने कहा कि चरित्र हमारी सोच है. हम एकांत में जो कार्य करते हैं वही हमारा चरित्र निर्धारित करता है. 

श्री मनोहर भंडारी ने अपने "अन्नमयकोष" विषय पर बोलते हुए कहा कि अन्न से उत्पन्न, अन्न के आधार एवं अन्न से पुष्ट को अन्नमय कोष कहते हैं. अन्न से ही शरीर स्वस्थ होकर इंद्रिय चेतना को सशक्त करता है जिससे सभी क्रियाएं होती है. मन के अस्वस्थ होने से भोजन भी प्रभावित होता है और इससे अन्नमयकोष पर भी प्रभाव पड़ता है. आज छोटी उम्र में ही इम्यून सिस्टम कमजोर हो रहा है जिसके कारण व्यक्ति कम आयु में ही ऐसे रोगों के शिकार हो रहे हैं जो 60 वर्ष के बाद होते हैं. इन सबका संबंध अन्नमयकोष से है, क्योंकि आहार से ही इम्यून सिस्टम सशक्त होता है. शुद्ध सात्विक आहार और आयुर्वेद अनुसार दिनचर्या का पालन कर के हम इसे प्राप्त कर सकते है. उन्होंने कहा कि ब्रह्ममुहुर्त में उठे. जीवन एक प्रयोगशाला है, स्वयं के जीवन में प्रयोग करें. 

पोस्टर प्रतियोगिता, आत्मनिर्भर भारत एवं पुस्तक प्रदर्शनी हैं मुख्य आकर्षण  
संगोष्ठी के विभिन्न उपविषयों पर आधारित पोस्टर प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है जा रहा है. प्रतिभागियों के लिए योग अभ्यास सत्र एवं संवाद सत्र भी रखा गया है. कार्यशाला में स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों द्वारा आत्मनिर्भर भारत प्रदर्शनी भी लगाईं गई है और चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास संबंधी पुस्तकों की भी प्रदर्शनी लगाईं गई है. इस पंचदिवसीय आयोजन में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे तथा विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा


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