पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम में होगा शक्ति चेतना जनजागरण शिविर, 3, 4, 5 अक्टूबर को
◾ एक लाख से अधिक धर्मयोद्धा करेगे महाशक्ति शंखनाद : अजय अवस्थी
सागर । भगवती मानव कल्याण संगठन एक अखिल भारतीय रजिस्टर्ड जनकल्याणकारी अध्यात्मिक संगठन है, जिससे देश-विदेश के करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं। यह संगठन समाज में आपसी भाईचारा बनाने, नशामुक्त, मांसाहारमुक्त, चरित्रवान, चेतनावान, पुरुषार्थी एवं परोपकारी समाज का निर्माण करने के साथ ही जातिभेद, छुआछूत, सम्प्रदायिकता आदि समाजिक बुराईंयों को दूर करके, सभी जाति-धर्म-सम्प्रदाय को एकसूत्र में पिरोते हुये समाज के बीच अध्यात्मिक वातावरण निर्मित करके लोगों को मानवता के पथ पर बढ़ाने का कार्य कर रहा है। उपर्युक्त लक्ष्यों की पूर्ति हेतु संगठन समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में शक्ति चेतना जनजागरण शिविरों एवं यात्राओं का आयोजन करता है। इन आयोजनों में भगवती मानव कल्याण संगठन एवं पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम ट्रस्ट के संस्थापक-संचालक धर्मसम्राट् युग चेतना पुरुष सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के सान्निध्य में लाखों लोग एक साथ सम्मिलित होते हैं।
इसी सन्दर्भ में भगवती मानव कल्याण संगठन के केन्द्रीय महासचिव अजय अवस्थी ने बताया कि ऋषियों की पुण्यधरा भारत देश को धर्म-अध्यात्म के क्षेत्र में विकासोन्मुख बनाने और मानवजीवन को दिव्यचेतना से परिपूर्ण करने के लिए ऋषिवर श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के द्वारा 23 जनवरी 1997 को शुभमुहूर्त में पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम की स्थापना की गई और वहाँ 15 अप्रैल 1997 से अनन्तकाल के लिए श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ प्रारम्भ कराया गया तथा विगत 25 वर्षों से यह क्रम दिन-रात, 24 घंटे अनवरत जारी है।
सिद्धाश्रम के हुए 25 साल
श्री अवस्थी जी ने कहा ब्यौहारी अनुविभाग क्षेत्र, जिला-शहडोल (म.प्र.) में धर्मधुरी के रूप में स्थापित अध्यात्मिक स्थली पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम पर आस्था के पर्व शारदीय नवरात्र की महत्त्वपूर्ण तिथियों- अष्टमी, नवमी, विजयदशमी (3, 4, 5 अक्टूबर 2022) को युगपरिवर्तनकारी त्रिदिवसीय विशाल शक्ति चेतना जनजागरण शिविर ‘महाशक्ति शंखनाद’ का आयोजन किया गया है। वर्ष 2022 का यह शिविर अतिमहत्त्वपूर्ण है, क्योंकि सिद्धाश्रम स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं और ऋषिवर सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज की संकल्पित युगपरिवर्तन की यात्रा निरन्तर गतिमान है।
‘महाशक्ति शंखनाद’ शिविर अहम
उन्होंने बताया की यह ‘महाशक्ति शंखनाद’ शिविर इसलिए भी अतिमहत्त्वपूर्ण होजाता है, क्योंकि देश में व्याप्त अनीति-अन्याय-अधर्म, जातिभेद, छुआछूत, सम्प्रदायिकता, भय-भूख-भ्रष्टाचार समाप्त हो और सत्यधर्म की पुनर्स्थापना हो सके, इस संकल्प को लेकर सद्गुुरुदेव जी महाराज के सान्निध्य में 01 लाख से अधिक धर्मयोद्धा इस शिविर में सामूहिक रूप से महाशक्ति शंखनाद करेंगे, जिसका सम्पूर्ण चराचर जगत् साक्षी बनेगा। निश्चय ही इस शंखनाद की गूँज से एक पवित्र वातावरण निर्मित होकर अनीति-अन्याय-अधर्म पर विराम लगना प्रारम्भ होगा। इन्हीं लक्ष्यों को लेकर परम पूज्य गुरुवरश्री के द्वारा तीन धाराओं- भगवती मानव कल्याण संगठन, पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम और भारतीय शक्ति चेतना पार्टी को प्रवाह दिया जा रहा है।
नशा और मांसाहार से मुक्ति का संकल्प
उन्होंने बताया की ऋषिवर के आशीर्वाद एवं तीनों धाराओं के अथक प्रयासों का परिणाम है कि अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों ने नशे-मांसहार से मुक्त होकर सच्चरित्रता का जीवन धारण करके माता भगवती आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बा की साधना-आराधना को अपने जीवन का अंग बना लिया है, जिससे उनके जीवन में सुख-शांति का प्रादुर्भाव हुआ है।
इस भौतिकवादी युग में, जब चारों ओर अनीति-अन्याय-अधर्म व्याप्त है, शीर्ष सत्ता के साथ ही प्रदेश सरकारों ने शराब के कारोबार को राजस्व का मुख्य जरिया बना लिया है, जिसके चलते अपराध चरम पर हैं, मानवता चीख रही है, ऐसी विषम परिस्थिति में ऋषिवर सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज, सनातन धर्म व ऋषिपरम्परा को निभाते हुए अपने तप बल, कर्म, वाणी व सरल साधारण धार्मिक नियमों से धर्मरक्षा, राष्ट्ररक्षा एवं मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए संकल्पबद्ध हैं और इस संकल्प को पूरा करने की दिशा में लगभग एक लाख धर्मयोद्धा, आपश्री के शिष्य अपना तन-मन-धन न्यौछावर करने के लिए तत्पर हैं।
नवरात्रि में जनकल्याणकारी चिंतन होगा
शारदीय नवरात्र पर आयोजित इस शिविर के तीनों दिवसों में उपस्थित जनसमुदाय को, जहाँ ऋषिवर सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के अध्यात्मिक व जनकल्याणकारी चिन्तनों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त होगा, वहीं शिविर के द्वितीय दिवस 04 अक्टूबर को सायं 04 बजे आपश्री के पावन सान्निध्य में उनके 01 लाख से अधिक शिष्य व भक्त सामूहिक रूप से श्महाशक्ति शंखनाद्य करेंगे, जो विश्व रिकॉर्ड के रूप में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जायेगा। सिद्धाश्रम स्थापना के स्वर्णिम 25 वर्ष पूर्ण होने के बाद यह जो ‘महाशक्ति शंखनाद’ होगा, वह निश्चय ही अनीति-अन्याय-अधर्म का पोषण करने वालों के लिए विनाशकारी और सत्यधर्म के अनुयायियों के लिए मंगलकारी सिद्ध होगा।
विदित हो कि शिविरों में दिए गए सद्गुरुदेव जी महाराज के चिन्तन, निर्देशन उनके शिष्यों एवं समाज के लिए प्रेरणास्पद रहे हैं, क्योंकि आपका हर कार्य सत्यधर्म व अध्यात्मिक चेतना की स्थापना, धर्मरक्षा, राष्ट्ररक्षा और मानवता की सेवा के लिए तथा पापाचार में लिप्त मनुष्यों के उद्धार के लिए समर्पित है। आपश्री का मानवता को संदेश है कि ‘‘यह मानवजीवन अमूल्य है, इसे व्यर्थ न गवायें। सद्कर्म ही हमें जीवंत बना सकते हैं, जबकि दुष्कर्म जन्म-जन्मांतर तक पीड़ा पहुँचाते रहते हैं। आसुरीशक्तियों से घबड़ायें नहीं, क्योंकि हर युग में असुरत्व का विनाश हुआ है और इस कलिकाल में भी होगा। केवल अपनी आत्मशक्ति को जाग्रत् करने की जरूरत है।’’
श्री अवस्थी जी ने समाज के सभी लोगों का आवाहन किया है कि शक्ति आराधना के पर्व शारदीय नवरात्र पर्व की महत्त्वपूर्ण तिथियों-अष्टमी, नवमी, विजयदशमी पर दिनांक 3, 4, 5 अक्टूबर 2022 को पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम में आयोजित शक्ति चेतना जनजागरण शिविर, महाशक्ति शंखनाद में शामिल होकर माता आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बे की कृपा और सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज से कर्ममय व सानन्द जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करें. शिविर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल ठडज्ञै एवं ईश्वर टीवी चैनल पर अपराह्न 3 से 6 बजे तक तथा सुदर्शन टीवी न्यूज चैनल पर सायं 04ः30 से 05ः30 बजे तक किया जायेगा।