सांसद राजबहादुर सिंह ने किया नरयावली स्टेशन का निरीक्षण

सांसद राजबहादुर सिंह ने किया नरयावली स्टेशन का निरीक्षण

सागर।  सागर संसदीय क्षेत्र के नरयावली रेलवे स्टेशन का सांसद  राजबहादुर सिंह ने अवलोकन किया ।  उन्होंने स्टेशन के अवलोकन के समय स्टेशन पर यात्री सुविधा मुहैया कराने पर एवं महिला प्रसाधन की साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया ।
उन्होंने किशनपुरा फाटक गेट नंबर 15 में वर्षा के कारण जलभराव की स्थिति का जायजा लिया । इस अवसर पर उपस्थित रेलवे विभाग के एईएन पी.के. गुप्ता एवं सीनियर सेक्शन ऑफिसर दीपक दुबे को निर्देशित कर  जलभराव की स्थिति में 24 घंटे पंप से पानी निकासी के निर्देश दिए जिससे स्थानीय नागरिकों निर्बाध आवागमन चालू रहे । रेलवे अधिकारियों ने उक्त निर्माण कार्य माह दिसंबर 2022 में पूर्ण कराये जाने हेतु आश्वस्त किया ।
नरयावली स्टेशन के समीप क्षेत्रीय नागरिकों ने सांसद राजबहादुर सिंह का स्वागत किया एवं स्टेशन की समीप सड़क बनाने की मांग की जिस पर सांसद ने उक्त मांग को शीघ्र स्वीकृत कराने का आश्वासन दिया ।

इस अवसर पर गुलाब सिंह राजपूत, मंत्री प्रतिनिधि, डॉ नरेंद्र रावत, अशोक सिंह ढाना, मंडल अध्यक्ष राघवेंद्र ठाकुर, चंद्रभान यादव जरारा, मुरारी यादव,कृष्ण कुमार जाट, सरपंच हेमराज अहिरवार बड़ौरा, राम सिंह यादव,पूर्व सरपंच मारा, बलराम साहू पूर्व सरपंच, रामगोपाल सोनी सरपंच कांचरी, कृष्ण मुरारी यादव सरपंच, राम जी राजपूत बसिया,राजू आदिवासी जनपद प्रतिनिधि, रवि यादव एवं के. के. यादव सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे ।
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भारत को विश्वगुरु जनजाति समाजों की ज्ञान संपदा ने बनाया : फग्गन सिंह कुलस्ते◾जनजाति इतिहास और योगदान को विश्वविद्यालय संरक्षित करेगा : कुलपति◾ गौर विवि में राष्ट्रीय संगोष्ठी

भारत को विश्वगुरु जनजाति समाजों की ज्ञान संपदा ने बनाया : फग्गन सिंह कुलस्ते

◾जनजाति इतिहास और योगदान को विश्वविद्यालय संरक्षित करेगा : कुलपति

◾ गौर विवि में राष्ट्रीय संगोष्ठी


सागर 15 सितंबर, डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों का योगदान’ पर स्वर्ण जयंती सभागार में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में मुख्य अतिथि श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री, भारत सरकार, मुख्य वक्ता श्री नरेन्द्र सिंह मरावी, सामाजिक चिंतक एवं पूर्व अध्यक्ष मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति आयोग,म.प्र., विषय विशेषज्ञ के रूप में सुश्री दीपिका खन्ना, सहायक निदेशक, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, नई दिल्ली उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने की. कार्यक्रम की अकादमिक संयोजक प्रो चन्दा बेन ने स्वागत भाषण दिया. कार्यक्रम के संयोजंक अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. केशव टेकाम ने संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की.

मुख्य अतिथि फागन सिंह कुलस्ते ने वक्तव्य देते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत पूरे देश के विशाविद्यालयों में स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों के योगदान पर संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आजादी के इतिहास में जनजाति समाज के नायकों के योदगान पर बहुत कम चर्चा होती है. हम सभी जानते हैं कि अंग्रेजों ने भारतीय समाज के साथ काफी दुर्व्यवहार किया. जनजाति समाज के ऐसे असंख्य नायक रहे हैं जिन्होंने बिना कोई समझौता किये हुए अंग्रेजों से लोहा लिया और देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया. आजादी के ऐसे अमर शहीदों को याद करना आवश्यक है जिनको इतिहास में भुला दिया गया. हमें अपनी इतिहास को फिर से देखने की जरूरत है ताकि आने वाली पीढ़ी सही इतिहास से परिचित हो सके. हमें ऐसे महानायकों पर गर्व है और हमें उनसे प्रेरणा लेते हुए देश की उन्नति और प्रगति के लिए कार्य करना चाहिए. उन्होंने राष्ट्रीय जनजाति आयोग के माध्यम से देश में जनजाति समाजों के लिए किये जाने वाले कार्यों को भी बताया.  

अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि स्वतन्त्रता संग्राम में जनजाति नायकों के योगदान पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी एक अकादमिक प्रयास है जिसके माध्यम से हम आजादी के ऐसे कई नायकों को जान पायेंगे जिनकी कम चर्चा की जाती है. हम चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से ऐसे नायकों का पुनः स्मरण कर रहे हैं. हमारा प्रयास होगा कि हम ऐसे वीर बलिदानियों की शौर्य गाथा पर शोध-अध्ययन करें. उन्होंने मध्य प्रदेश की भूमि पर जन्मे जनजाति समाज के नायकों के आजादी में योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी क्रान्ति की ज्वाला ने पूरे देश में आजादी के प्रति जूनून पैदा करने का काम किया. उन्होंने रघुनाथ सिंह, रंजन सिंह, बंजारी सिंह, बादल भाई, तिलका मांझी, बिरसा मुंडा जैसे वीर बलिदानियों की चर्चा करते हुए उनके योगदान को रेखांकित किया.  

विशिष्ट वक्तव्य देते हुए नरेन्द्र सिंह मरावी ने कहा आजादी के जनजाति महानयों की विस्तारपूर्वक चर्चा की और देश के विभिन्न हिस्सों में आजादी के जनजाति समाज के क्रांतिवीरों की गाथा को बतलाया. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भी जनजाति के नायकों ने देश की आजादी और भारत माँ की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी.  उन्होंने कहा कि हर काल खंड में जनजाति समाज के लोगों ने अपने पारंपरिक मूल्यों की रक्षा करते हुए देश की रक्षा के लिए प्राण को न्यौछावर कर दिया. उन्होंने तांत्या भील, बिरसा मुंडा सहित देश के जनजाति समाज के क्रांतिकारियों के द्वारा चलाये गये विभिन्न आन्दोलनों की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि देशज ज्ञान की जानकारी के सबसे प्राथमिक समाज जनजाति समाज ही है. इस ज्ञान की समृद्धि और संरक्षण के लिए अकादमिक शोध होना चाहिए ताकि हम अपने पारंपरिक ज्ञान की विरासत को आज के युवा पीढ़ी तक पहुंचा सकें.


विषय विशेषज्ञ डॉ. दीपिका खन्ना ने राष्ट्रीय जनजाति आयोग के गठन, उद्देश्य, इसकी संरचना, कार्य, शक्तियों एवं अन्य जानकारियों को साझा किया. उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों को जनजाति समाज के अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने जनजाति समाज के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं उनके क्रियान्वयन पर भी प्रकाश डाला. सामाजी आर्थिक विकास में जनजाति समाज के योगदान की भी उन्होंने चर्चा की.
जनजाति नायकों पर केंद्रित चित्र प्रदर्शनी आयोजित


संगोष्ठी में स्वतंत्रता संग्राम के जनजाति नायकों पर केंद्रित चित्र प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया. बड़ी संख्या में  शिक्षकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों, शहर के गणमान्य नागरिकों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इतिहास से परिचित हुए. राष्ट्रीय जनजाति आयोग के गठन, संरचना, कार्यों एवं शक्तियों एवं उनके कर्तव्यों पर आधारित वृत्त चित्र का प्रदर्शन किया गया.  इस अवसर पर जनजाति नायकों पर केंद्रित निबंध प्रतियोगिता के विजित प्रतिभागियों को मंचस्थ अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया. 
कार्यक्रम का संचालन डॉ शालिनी चोइथरानी ने किया. आभार कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने ज्ञापित किया.  कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, शोधार्थी, विद्यार्थी, कर्मचारी गण, शहर के गणमान्य नागरिक, समाजसेवी संगठनों के पधाधिकारी गण, प्रबुद्ध पत्रकार गण, सागर जिला प्रशासन के अधिकारीगण एवं कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में लोग  उपस्थित रहे.
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नगर निगम सागर की चार मेयर इन कॉन्सिल घोषित की महापौर संगीता सुशील तिवारी ने

नगर निगम सागर की चार मेयर इन कॉन्सिल घोषित की महापौर संगीता सुशील तिवारी ने


सागर।  नगर निगम सागर की महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी ने नगर निगम सागर की मेयर इन कॉन्सिल की चार समितियों के प्रभारी सदस्यो की घोषणा कर दी है।  निगम सागर की पूर्व में समितियों को घोषित कर दिया गया था। आज बाकी चार एमआईसी को घोषित किया गया। 
 महापौर श्रीमति संगीता सुषील तिवारी द्वारा 12 अगस्त 2022 को मेयर-इन-काउंसिल का गठन किया गया था जिसमें 6 सदस्यों को मेयर-इन-काउंसिल में स्थान दिया गया था और षेश 4 रिक्त स्थानों पर नये सदस्यों को षमिल कर लिया गया है और उन्हें विभाग भी आवंटित कर दिये गये है। इस प्रकार 10 सदस्यीय मेयर-इन-काउंसिल में सभी स्थान पूरे हो चुके है।
 आज षेश रिक्त 4 स्थानों पर जिन सदस्यों को मौका दिया गया है उनमें सर्वश्री श्रीमति संगीता शैलेश जैन जलकार्य तथा सीवरेज विभाग, मेघा दुबे वित्त एवं लेखा विभाग, श्रीमति आषारानी नंदन जैन विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग, श्री षैलेश केषरवानी स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग शमिल है।


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अपनी भाषा में बोलना सामाजिक कर्तव्य है: ध्रुव शुक्ल◾हिन्दी दिवस पर श्यामलम् ने किया व्याख्यान माला और सम्मान समारोह का वार्षिक आयोजन

अपनी भाषा में बोलना सामाजिक कर्तव्य है:  ध्रुव शुक्ल
◾हिन्दी दिवस पर श्यामलम् ने किया व्याख्यान माला और सम्मान समारोह का वार्षिक आयोजन 


सागर।  नगर की सक्रिय संस्था श्यामलम् ने 14 सितंबर को हिन्दी दिवस पर व्याख्यान माला और हिन्दी सेवी सम्मान समारोह का भव्य और गरिमामय आयोजन  कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के सभागार में किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रसिद्ध कवि साहित्यकार ध्रुव शुक्ल ने व्याख्यानमाला के विषय "भारत की बोली" पर अपने 
शोधपरक और प्रभावी व्याख्यान में‌ कहा कि अपनी भाषा में बोलना सबसे बड़ा सामाजिक कर्तव्य है और हम अपनी भाषा में परिपक्व होते होते आज यहां तक आ गए हैं कि हमने एक अपरिभाषित ईश्वर को भी परिभाषित किया हुआ है, तो अगर हमने ईश्वर को खुद परिभाषित किया हुआ है तो हम उसको दूर जाकर कहीं क्यों खोजते हैं ! उसकी परिभाषा हमारे पास है तो हम उससे जो भी आशा करते हैं और जो ईश्वर हमने रचा है अपने ईश्वर से प्रार्थना करें।  गांधीजी हिंदी में यह गुण देखते थे कि वह भाषा पूरे देश में संप्रेषणीय होती है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हम दूसरी भाषाओं का आदर न करें। हम दूसरी भाषाएं भी सीखें लेकिन अपनी मातृभाषा में और एक ऐसी भाषा में जो पूरे देश में संप्रेषित होती है,उसमें विमर्श करने की आदत डालें। 
हम अनुवाद की भाषा से बचें। हम अंग्रेजी में पहले न सोचें। हम अपनी भाषा में सोचें। भले ही उसका दूसरी भाषा में अनुवाद करें। अपनी बात दूसरों को बताएं। इस अर्थ में हिंदी दिवस मनाना अधिक महत्वपूर्ण होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ.हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ.सुरेश आचार्य ने अपनी विशिष्ट शैली में वक्तव्य देते हुए उपस्थित सभागार में हास्य की बारिश कर दी। उन्होंने कहा कि बोलियां ही सुसंस्कृत होकर भाषा बनती हैं। 

हिंदी के उत्थान में भारतेंदु हरिश्चंद्र का अप्रतिम योगदान है। खड़ी बोली मूलतः दिल्ली, मेरठ और बागपत से आई, उसे साहित्यकारों ने संवारा। गालिब हों या मीर सब हिंदुस्तानी बोली उर्दू के रचनाकार हैं। निराला, प्रसाद और महादेवी से बुंदेली रचनाकारों तक हिंदी की क्रमशः सुसंगत धारा प्राप्त होती है। अंग्रेजी भी उर्दू की तरह हिंदी की एक शैली है। उन्होंने उपस्थित जनों से राजभाषा दिवस के अवसर पर हिंदी को संवारने का प्रण करने की अपील करते हुए कहा यह भारत माता की सच्ची सेवा होगी।

 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के कुलाधिपति डॉ अजय तिवारी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि हिंदी राजभाषा से राष्ट्रीय भाषा बने यह संकल्प हमें करना चाहिए।‌ हिंदी भाषा बोलने में सरल,सहज और समझ से युक्त भाषा है। विशिष्ट अतिथि एवं कार्यक्रम की सह संयोजक संस्था कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर के प्राचार्य डॉ. जीएस  रोहित ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी पहले बोलचाल की भाषा थी लेकिन अब रोजगार की भाषा भी है क्योंकि शासन द्वारा भी अनेक पद हिंदी के लिए निकाले जा रहे हैं। इस अवसर पर प्रो.जी. एल. पुणतांबेकर तथा कथाकार कवयित्री डॉ. सुश्री शरद सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

 कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती पूजन एवं कवयित्री डॉ.चंचला दवे द्वारा सरस्वती वंदना की मधुर प्रस्तुति से हुई। मुख्य आयोजक संस्था श्यामलम् के अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने स्वागत भाषण दिया और कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। मंचासीन अतिथियों का सूत की माला, श्रीफल व पुस्तकें भेंट कर स्वागत उमा कान्त मिश्र, डॉ. सुश्री शरद सिंह, डॉ. आशुतोष गोस्वामी एवं हरी शुक्ला कोषाध्यक्ष ने किया। बुंदेली गायक शिवरतन यादव ने कवि ध्रुव शुक्ल द्वारा लिखित प्रकृति चित्रण पर काव्य रचना का सुमधुर गायन किया।‌ कार्यक्रम का व्यवस्थित एवं सुचारु संचालन कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. अमर कुमार जैन ने तथा आभार प्रदर्शन श्यामलम् सह सचिव संतोष पाठक ने किया। 

           कार्यक्रम में हिन्दी में उल्लेखनीय रचनाकर्म के लिए गैर हिंदी भाषी लेखकों को दिया जाने वाला "श्यामलम् हिन्दी सेवी सम्मान" 2022 मराठी मूल की लेखिका शास. महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीना की पूर्व हिन्दी प्राध्यापक डॉ. संध्या सरवटे को प्रदत्त किया गया। उपरोक्त के अलावा इस वर्ष प्रारंभ किए गए दो नए सम्मानों में पं. श्याम‌ मनोहर गोस्वामी स्मृति प्रथम "मानस मर्मज्ञ सम्मान" से छोटी राम कहानी के चर्चित प्रवक्ता ध्रुव शुक्ल भोपाल तथा डॉ.वर्षा सिंह स्मृति प्रथम "युवा रचनाकार सम्मान" से आलोचना के लिए युवा समीक्षक  व लेखिका डॉ. सुजाता मिश्र सागर को सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप शाॅल,श्रीफल, साहित्यिक पुस्तकें, पुष्प गुच्छ, अभिनंदन पत्र एवं सम्मान निधि भेंट की गई। जीवन परिचय वाचन डॉ. अमर कुमार जैन, आनंद मंगल बोहरे, रमाकांत शास्त्री, श्री राम सेवा समिति अध्यक्ष डॉ विनोद तिवारी, मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन सागर के अध्यक्ष आशीष ज्योतिषी ने तथा अभिनंदन पत्रों का वाचन क्रमशः श्यामलम् सचिव कपिल बैसाखिया, मध्य प्रदेश लेखिका संघ सागर की अध्यक्ष श्रीमती सुनीला सराफ और स्वर‌ संगम एवं प्रीत अध्यक्ष हरी सिंह ठाकुर ने किया।

           कार्यक्रम में नगर के प्रबुद्धजन, कॉलेज के विद्यार्थी एवं स्टॉफ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे जिनमें वीनू राणा, आर के तिवारी, मुन्ना शुक्ला,डॉ आशीष द्विवेदी, अंबिका यादव,
रमेश दुबे, जे सी श्रीवास्तव, पूरन सिंह राजपूत,ज ला प्रभाकर, सतीश पांडे, पी आर मलैया, मुन्ना रावत, जगदीश पाठक, उदय खेर, महेश श्रीवास्तव, एम के खरे, डॉ अतुल श्रीवास्तव, डॉ बी डी पाठक, महेंद्र प्रताप तिवारी, प्रदीप पांडेय, असरार अहमद, डॉ आर आर पांडे,कुंदन पाराशर, राकेश मिश्रा, अशोक रायकवार, नीलरतन पात्रा, मुकेश तिवारी, गौरव राजपूत, प्रभात कटारे, राकेश मिश्रा, टी आर त्रिपाठी, राम कुमार दुबे, संध्या सरवटे, नसीम बानो, ममता भूरिया, ज्योति विश्वकर्मा, उषा बर्मन, सुमन झुड़ेले, सुश्री नवाथे, डॉ संगीता मुखर्जी, डॉ प्रवीण शर्मा, डॉ प्रतिभा जैन, डॉ मधु स्थापक, डॉ गोपा जैन,डॉ रंजना मिश्रा आदि के नाम प्रमुख हैं।
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आज़ादी का रंग महोत्सव मध्यप्रदेश नाट्य महोत्सव का शुभारंभ◾ पहले दिन नाटक ' समुंद्रर का किनारा 'की प्रस्तुति

आज़ादी का रंग महोत्सव   मध्यप्रदेश नाट्य महोत्सव का शुभारंभ
◾ पहले दिन नाटक ' समुंद्रर का किनारा 'की प्रस्तुति 


सागर ।स्थानीय रविंद्र भवन में लोक संस्कृति कला समिति सागर द्वारा आयोजित दो दिवसीय आजादी के रंग महोत्सव मध्य प्रदेश नाट्य महोत्सव का 14 सितंबर की शाम भव्य शुभारंभ किया गया संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित इस महोत्सव में 2 दिन में दो नाटकों का प्रस्तुतीकरण होना है
पहले दिन रंगाभ्यास रंगशाला नई दिल्ली NSD की टीम द्वारा नाटक समुद्र का किनारा प्रस्तुत किया गया है इसके लेखक आंतोव  चेखव और निर्देशन किया सुशील कांत मिश्रा ने|  


कहानी एक बैंक मैनेजर एक अकेली औरत और पानी में डूबने का करतब दिखाने वाले एक कलाकार के ईद गिर्द घूमती है एक औरत को अकेले जिंदगी जीने और पुरुषार्थ वादी मानसिकता के बीच उसकी वेदना साथ ही एक कलाकार के मनोरंजन के पीछे असल जिंदगी की वेदना इस नाटक में उकेरी गई है नाटक के बीच बीच में हास्य व्यंग के संवादों ने दर्शकों को हंसाया भी नाटक में अविनाश तिवारी 


अनूप गुसाई नरेश कुमार मनीषा और सावित्री एस मिश्रा ने बेहतरीन अभिनय किया मंच के सहयोगी अभिजीत सोलंकी श्याम साहनी विशाला मोहाली एवं शुभम पूर्ति आदि शामिल रहे।


 नाटक के पूर्व मुख्य अतिथि पद्मश्री रामसहाय पांण्डे नाट्य निर्देशक सुशील कांत मिश्रा डॉ अतुल श्रीवास्तव डॉ राकेश सोनी आयोजक संस्था में सपना श्रीवास्तव महेंद्र मयंक तिवारी विनीता आदि ने मां सरस्वती का पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत की तत्पश्चात साल श्रीफल से अतिथियों का स्वागत किया गया मंच संचालन सतीश साहू ने किया अगले दिन अर्थात 15 सितंबर को इस समारोह में शाम 7:00 बजे से स्थानीय अन्वेषण थिएटर ग्रुप द्वारा नाटक तुम कितनी खूबसूरत हो की प्रस्तुति दी जाएगी जिसका निर्देशन जगदीश शर्मा का होगा
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जनपद शिक्षा केंद्र का ने विकासखंड स्त्रोत समन्वयक निलम्बित

जनपद शिक्षा केंद्र का ने  विकासखंड स्त्रोत समन्वयक निलम्बित


सागर 14 सितंबर 2022। संभागायुक्त मुकेश शुक्ला ने छतरपुर जिले के लवकुशनगर जनपद शिक्षा केंद्र के विकास खंड स्त्रोत समन्वयक श्री पुष्पेंद्र सिंह सेंगर मूल पद उच्चतर माध्यमिक शिक्षक को कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति लापरवाही, स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता और गंभीर वित्तीय अनियमितता  में लिप्त पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दियाहै। संभागायुक्त  श्री शुक्ला ने यह कार्यवाही कलेक्टर, छतरपुर के प्रस्ताव पर की है ।
 संभागायुक्त ने कलेक्टर छतरपुर द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव का अवलोकन एवं परीक्षण करने के उपरांत पाया कि श्री पुष्पेंद्र सिंह सेंगर द्वारा किए गए कृत्य शासकीय कर्तव्य के प्रति लापरवाही,स्वेच्छाचारिता,  अनुशासनहीनता एवं गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में होने से दंडनीय है । श्री सेंगर का निलंबन अवधि में मुख्यालय, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, जिला छतरपुर निर्धारित किया गया है।
छतरपुर कलेक्टर ने अपने प्रस्ताव में अवगत कराया था कि श्री पुष्पेंद्र सिंह सेंगर ने जिला शिक्षा केंद्र, छतरपुर  के  विभिन्न निर्गमित पत्रों द्वारा समय-समय पर कार्यालयीन वांछित जानकारी प्रस्तुत करने ,शिकायती आवेदनों की जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के प्रदत्त वरिष्ठ निर्देशों के उपरांत भी विकासखंड स्त्रोत समन्वयक, जनपद शिक्षा केंद्र लवकुशनगर द्वारा न तो वांछित जानकारी प्रस्तुत की गई और न ही शिकायतों के जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए ।जिस कारण कार्यालयीन कार्य प्रभावित होने के साथ-साथ प्रकरण भी निराकरण हेतु लंबित है । साथ ही उनके द्वारा सत्र 2021-22 में शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं की अनुदान राशि की अधिकांश राशि  लेप्स कर   योजना के क्रियान्वयन को भी बाधित किया गया ।
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युगांतक ग्रुप के गरबा आयोजन की बैठक,बड़े पैमाने पर होगा आयोजन

युगांतक ग्रुप के गरबा आयोजन की बैठक,बड़े  पैमाने पर होगा आयोजन



सागर । युगांतक ग्रूप द्वारा आयोजित
सांस्कृतिक गरबा महोत्सव 20 वा वार्षिकोत्सव के महामहोत्सव पर आज मुख्य अतिथि के रूप मे देवरी के पूर्व विधायक सुनील जैन कांग्रेस कार्यकारी  ,अध्यक्ष सुरेन्द्र सुहाने , NSUI पूर्व जिलाध्यक्ष अभिषेक उपस्थित रहे सुनील जैन जी ने कहा शहर के सबसे सुंदर और सफल आयोजन मे गरबा समिति द्वारा 40 दिन पहले से तैयारी करके कठोर परिश्रम के बाद बहुत ही महन्त के वाद यह आयोजन सफलतापूर्वक  होता है ।इसमे समिति के सभी लोगो को साधुवाद ।


सुरेन्द्र सुहाने  ने कहा की शहर के सभी लोगो के आगे आकर  इस महामहोत्सव मे सामिल होकर भागीदारी लेना चाहिए । अभिषेक गौर ने आभर व्यक्त किया। प्रमुख रूप से समीती के सभी सदस्य ने अतिथी का साल श्रीफल से संम्मान किया प्रमुख रूप से हिमांशु कटारे ,शैलेन्द्र तिवारी,पंकज भट्ट ,लखन यादव अनिरुद्ध सोनी,चंदन सुहाने,आलोक जड़िया शशी नागवानी रुचि कुलहरा सुनील सोनी अर्जुन भट्ट आदित्य शर्मा आदि उपस्थित रहे।


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भारत को हिन्‍दी में संचालित होना चाहिए : प्रो. ए.डी. शर्मा


भारत को हिन्‍दी में संचालित होना चाहिए : प्रो. ए.डी. शर्मा

सागर -  14 सितम्‍बर।  भारत  जिस  भाषा में  संचालित  हो रहा है वह हिन्‍दी नहीं अंग्रेजी है, यदि हिन्‍दी को राष्‍ट्र् भाषा बनाना है तो भारत को हिन्‍दी  भाषा में संचालित होना चाहिए। यह बात ‘हिन्‍दी दिवस’ के अवसर पर आचार्य नंददुलारे वाजपेयी सभागार हिन्‍दी विभाग में आयोजित विश्‍वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्‍ठ के आयोजन में मुख्‍य वक्‍ता के रूप में प्रो. ए.डी. शर्मा ने कही। उन्‍होंने अपने वक्‍तव्‍य में "मौजूदा समय में उपस्थित हिन्‍दी भाषा की चुनौतियाँ" विषय पर हिन्‍दी भाषा की वर्तमान स्थिति को रेखांकित किया।
कार्यक्रम में विशिष्‍ट अतिथि के रूप में उपस्थित विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव श्री संतोष सोहगौरा ने शिक्षा मंत्री, भारत सरकार धर्मेन्‍द्र प्रधान जी के हिन्‍दी दिवस पर दिये गये संदेश का वाचन किया। 
कार्यक्रम की अध्‍यक्षता प्रो. चंदा बैन ने की। अपने अध्‍यक्षीय उद्बोधन में प्रो. चंदा बैन ने स्‍वाधीनता आन्‍दोलन में हिन्‍दी भाषा के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि ‘’भारत की आजादी के आन्‍दोलन में धर्म, राजनीति, समाज का नेतृत्‍व करने वाले नायकों ने हिन्‍दी को महत्‍व दिया। उन्‍होंने भारतेन्‍दू हरिश्‍चन्‍द्र, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी आदि हिन्‍दी के प्रारम्‍भिक साहित्‍यकारों, लेखकों के अवदान को रेखांकित किया। 


कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन डॉ. राजेन्‍द्र यादव ने किया। इस अवसर पर डॉ. अफरोज बेगम, डॉ. बबलू राय. प्रो. आर.टी. बेडरे, डॉ. रश्म्‍िा सिंह, डॉ. नरेन्‍द्र बोद्ध, डॉ. सत्‍यनारायण देवलिया, श्री प्रदीप कुमार सौर, शैलेन्‍द्र यादव, पंकज मिश्रा, दुर्गेश सराठे, सूर्यकांत, कु. ज्‍योति गिरी, कु. आकांक्षा जैन, राम धीरज, गोविन्‍द सिंह, सृष्टि सिंह, सूर्यकांत त्रिपाठी, आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हिमांशु कुमार ने और आभार ज्ञापन डॉ. अवधेश कुमार ने किया।      


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