SAGAR : नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा
सागर। न्यायालय-.पी. सिंह सिवाच, अपर सत्र न्यायाधीश देवरी जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी पूरन पिता गनेश गौंड़ 27 साल निवासी थाना अंतर्गत केसली जिला सागर को नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर ले जाकर बलात्कार करने व गर्भवती करने का दोषी पाते हुए धारा 363 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 366-ए भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 रूपये का अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 5(L)(J)II/6 अंतर्गत 20-20 वर्ष के कठोर कारावास व 5-5 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। राज्य शासन की ओर से पैरवी विषेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मीप्रसाद कुर्मी ने की।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी पीड़िता के पिता ने दिनांक-26.09.2021 को चौकी टड़ा थाना केसली में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी नाबालिग पुत्री रात्रि में कहीं चली गई है, ढूढने पर नहीं मिली। जिसके आधार पर गुम इंसान लेख कर असल कायमी हेतु थाना केसली भेजे जाने पर असल गुम इंसान लेख कर गुम इंसान सूचना तथा फरियादी के बताए आधार पर अपराध अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध भादसं की धारा 363 पीड़िता को माता पिता की सहमति के बिना बहला फुसलाकर ले जाने के संबंध में अनुसंधान में लिया गया। अनुसंधान के दौरान पीड़िता के गुड़गाव में होने की जानकारी मिलने पर गवाहों के समक्ष दिनांक-03.03.2021 को दस्तयाब किया गया। पीड़िता का मेडीकल परीक्षण कर उसके कथन लेखबद्ध किये गये जिसमें उसके द्वारा बताया गया कि पूरन उसे बहला फुसलाकर गॉंव से दमोह वहॉं से टेªन से हरियाणा ले गया था। पीड़िता के दस्तयाब होने पर उसे उसके माता पिता की सुपुर्दगी में दिया गया। विवेचना के दौरान यह पाया गया कि आरोपी पूरन के द्वारा पीड़िता के 16 वर्ष से कम आयु की होने का जानते हुए उसके साथ एक से अधिक बार बलात्संग कर उसको गर्भवती किया गया। जप्ती गिरफ्तारी पत्रक तैयार कर एफ.एस.एल. ड्राफ्ट सहित अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेष किया गया।
न्यायालय के समक्ष अभियोजन की ओर से ठोस सबूत प्रस्तुत किये गये। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों को परीक्षित कराया गया। न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किये गये। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी पूरन गौंड को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दंडित करने का निर्णय पारित किया।
सागर। न्यायालय-.पी. सिंह सिवाच, अपर सत्र न्यायाधीश देवरी जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी पूरन पिता गनेश गौंड़ 27 साल निवासी थाना अंतर्गत केसली जिला सागर को नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर ले जाकर बलात्कार करने व गर्भवती करने का दोषी पाते हुए धारा 363 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 366-ए भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 रूपये का अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 5(L)(J)II/6 अंतर्गत 20-20 वर्ष के कठोर कारावास व 5-5 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। राज्य शासन की ओर से पैरवी विषेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मीप्रसाद कुर्मी ने की।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी पीड़िता के पिता ने दिनांक-26.09.2021 को चौकी टड़ा थाना केसली में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी नाबालिग पुत्री रात्रि में कहीं चली गई है, ढूढने पर नहीं मिली। जिसके आधार पर गुम इंसान लेख कर असल कायमी हेतु थाना केसली भेजे जाने पर असल गुम इंसान लेख कर गुम इंसान सूचना तथा फरियादी के बताए आधार पर अपराध अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध भादसं की धारा 363 पीड़िता को माता पिता की सहमति के बिना बहला फुसलाकर ले जाने के संबंध में अनुसंधान में लिया गया। अनुसंधान के दौरान पीड़िता के गुड़गाव में होने की जानकारी मिलने पर गवाहों के समक्ष दिनांक-03.03.2021 को दस्तयाब किया गया। पीड़िता का मेडीकल परीक्षण कर उसके कथन लेखबद्ध किये गये जिसमें उसके द्वारा बताया गया कि पूरन उसे बहला फुसलाकर गॉंव से दमोह वहॉं से टेªन से हरियाणा ले गया था। पीड़िता के दस्तयाब होने पर उसे उसके माता पिता की सुपुर्दगी में दिया गया। विवेचना के दौरान यह पाया गया कि आरोपी पूरन के द्वारा पीड़िता के 16 वर्ष से कम आयु की होने का जानते हुए उसके साथ एक से अधिक बार बलात्संग कर उसको गर्भवती किया गया। जप्ती गिरफ्तारी पत्रक तैयार कर एफ.एस.एल. ड्राफ्ट सहित अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेष किया गया।
न्यायालय के समक्ष अभियोजन की ओर से ठोस सबूत प्रस्तुत किये गये। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों को परीक्षित कराया गया। न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किये गये। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी पूरन गौंड को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दंडित करने का निर्णय पारित किया।