सिर्फ जैन नहीं सबके संत है : पूज्य विरंजन सागर जी महाराज
सागर। पूज्य जनसंत विरंजन सागर जी महराज का मंगल चातुर्मास कटरा गौराबाई दिगंबर मन्दिर में चल रहा है, जिसकी मंगल कलश स्थापना 17 जुलाई को है। चातुर्मास में पूरे चार महीने दिगम्बर संत किसी स्थान विशेष पर ठहरकर साधना करने का संकल्प लेते हैं, एवं उसी स्थान से धर्म का प्रचार प्रसार करते हैं । आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुनि श्री ने कहा कि सड़क सूर्य सरिता और संत किसी व्यक्ति विशेष के नहीं होते अपितु ये सबके होते हैं , मेरा चातुर्मास केवल गौराबाई दिगम्बर जैन मंदिर के लिए नहीं मैं पूरे सागर के सभी वर्ग के भक्तों के लिए है, कोई भी व्यक्ति किसी भी वर्ग से हो वह मेरे पास आकर अपनी शंका का समाधान कर धर्म लाभ ले सकता है।
उन्होंने कहा कि दिगम्बर जैन संत दिगम्बर भेष धारण कर सभी प्रकार की मोह माया आधुनिक सुविधाओं से दूर रहते हैं सिर्फ त्याग तपस्या और जन कल्याण उनका उद्देश्य होती हैं।। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ जैन समाज को धर्म राह नहीं दिखाना चाहता बल्कि समाज और राष्ट्र के हितों की बात पहले पसंद करता हूँ, जब राष्ट्र सुरक्षित होगा तभी धर्म सुरक्षित होगा।
उन्होंने बच्चो की शिक्षा प्रणाली में नैतिक मूल्यों को बढ़ाने की अपील की, कहा कि आज हमारी संस्कृति और संस्कारों का हनन हो रहा है , पश्चिमी सभ्यता हमारी संस्कृति पर हावी हो रही है। युवा वर्ग भटकाव की और है, अतः वे इस चातुर्मास की अवधि में नगर की विभिन्न शालाओ में प्रवचन कर छात्र छात्राओं से संवाद करेगे व नगर में जन कल्यान के अन्य कार्यक्रम भी कराएंगे। किसी व्यक्ति विशेष वर्ग से पृथक होकर समाज के सभी वर्ग जन जन की बात करने के पुनीत उद्देश्य के कारण ही उन्हें जनसंत की उपाधि प्रदान की गई।
17 जुलाई को कलश स्थापना कटरा मंदिर प्रांगण में होगी। उसके बाद पूरे चार महीने मुनि श्री के सानिध्य में समाज के सभी वर्गों को धर्म लाभ मिलेगा।। चातुर्मास कमेटी के मीडिया प्रभारी कवि अखिल जैन ने यह सूचना पत्रकारों को प्रदान की। इस मौके पर मुकेश जैन ढाना सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे।