सागर। दीनदयाल नगर एस व्ही एन कॉलेज कथा परिसर से दोप. 3 बजे से 6 बजे तक संगीतमय श्री भक्त माल कथा के पंचम पावन दिवस की मंगलमय बेला में श्री हरिदास जी महाराज जी की पुजा अर्चना वन्दना की। तत्पष्चात् भक्त माल कथा का परम पूज्यनीय स्वामी महंत श्री 1008 श्री किशोरदास जी महाराज गोरेलाल कुंज बृंदावन धाम जी ने अपने अमृतमयी वाणी से कहा- आज हम रसिक विहारी जी के चरित्र का दर्षन कर रहें हैं हम लोग विचार करें मठ, मंदिरों की जमीन जायजात जो भी है वह हमारी नहीं है। भूमि हो मठ हो, मंदिर हो, इनकी सुरक्षा करें सचिन मानीये यह तन पर जो कपड़ा है वह भी हमारा नहीं है। यदि गुरूजन न होते तो हमें श्यामा-श्याम की भक्ति से कौन अवगत कराता।
उन्होंने बताया कि गुरू कृपावान हो तो चिंता नहीं है मेरी इनके अनुरूप मेरे उपर इनका विष्वास है जिनके हृदय में युगल सरकार को उनका कोई बाल भी बाका नहीं कर सकता महात्मा करामती नहीं होते ये जो लीला देखा रहा है मेरे ठाकुर ही दिखा रहे हैं सांवरे के चरण कल्पधारु हैं मणि की महिमा के समान अनन्त- अनन्त इसकी महिमा है और ऐसे चरण कमल मेरे श्यामा के हैं मेरे स्वामी के हैं जिनके वन्दना करने से जीव धन्य हो जाता है श्यामा-श्यामा रूपी रंग को रंग को देखो सभी रंग फीके पड़ जाएगें। मनुष्य के जीवन के दो सार हैं साथी ही पूज्य स्वामी जी ने कहा मांगना बहुत अच्छा है और अगर मांगना है तो भक्ती मांगो और वह भक्ति भी अपने गुरूवर से मांगना सीखो नकल तो सभी करते हैं और नकल भौतिकता के रूप में और आज के परिवेष को देखते हुए करते हैं नकल करो असल के रूप में नकल को आगे बताया गया है कि जैसे कोई ग्यारह माला श्याम जी की करता है राधा जी की करता है और उस माला करने वालों को देखने के बाद अगर आप इक्कीस माला करते हैं तो ये नक्ल की असली महिमा है। और यह नक्ल संतों जैसी करना चाहिए। ममता और करूणा के संबंध में बताया कभी क्रोध नहीं करना चाहिए यह बात संतो से सीखना चाहिए आगे बताया जयंत मातेेष्वरी का अपराधी था उसने अपराध किया था और जैसे ही श्यामा जी को इस बात की जानकारी हुई तो वह क्रोध हुए और जयंत का अपराध देने के लिए तैयार हुए तभी मातेष्वरी ने श्यामा जी को रोका और कहा जयंत अपराधी है किन्तु वह मेरा पुत्र है जैसा की एक मां अपने बच्चे को स्तन पान कराता है और स्तन पान करते-करते वह मां के स्तन को काट देता है और रूधिर निकल जाता है और मां अपने बच्चे को मृत्यु दण्ड नहीं देती यह करूणा को ज्वलंत उदाहरण। बल दृष्टिबल हो जो गुरूबल कहलाता है।
कैबीनेट मंत्री पं. श्री गोपाल भार्गव एवं नरयावली विधायक श्री प्रदीप लारिया ने श्री श्री 1008 किषोरदास महाराज जी को साल श्रीफल पुष्प माला पहनाकर गुरूवर से आषीर्वाद लिया।
कथा की आरती कैबीनेट मंत्री पं. श्री गोपाल भार्गव, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया, महंत श्री रामअनुग्रहदास, महंत श्री राधारमणदास, महंत श्री राघवेन्द्र जी, डॉ. अजय तिवारी, डॉ. अनिल तिवारी, अनुराग प्यासी, अमितरामजी दुबे, अनिल दुबे, जी.एस. रोहित, राहुल चौबे, विकास तिवारी, इन्द्रजीत दुबे, एड. रविन्द्र अवस्थी, गुड्डा तिवारी, प्रमोद उपाध्याय, गीतेष अग्रवाल, प्रभात मिश्रा, अमित मिश्रा, मनोज तिवारी गढ़ाकोटा, विषाल मिश्रा, आषीष जैन, वीरू दुबे गढ़ाकोटा, केषव महाराज, भगवतकृष्ण महाराज।
कथा में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे नीरज पाण्डेय, मुकेष नायक, राहुल समेले, विनय मिश्रा, सुधीर तिवारी, डॉ. उमेष सराफ, गिरीषकान्त तिवारी, गोलु मिश्रा, लालचंद घोषी, जगन्नाथ गुर्ईया, जस्सी सरदार, अरविन्द मिश्रा, अंकित दीक्षित, विवके साहु, सुषील पाण्डेय ढाना, दीपक पौराणिक, आलोक पाठक, आदित्य पाण्डे, अंकुर नायक, प्रकाष दुबे, प्रीतम सिंह राजपूत, अजय सिंह नीमोन, भरत तिवारी पप्पु तिवारी, सोनु यादव।
प्रतिदिन गुरू दीक्षा एवं स्वामी जी के दर्षन सुबह 10 से 12 बजे तक होगें। आप सभी सादर आमत्रिंत हैं। ब्ृाजवासी ब्रॉडकास्ट चैनल द्वारा सीधा प्रसारण आप यूट्यूब के माध्यम से भी देख सकते हैं।
जगतगुरू द्वाराचार्य मलूक पीठाधीश्वर डॉ. श्री राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज भक्तजनों को कथा का श्रवण सोमवार दोपहर 02ः30 बजे से प्रारंभ करेंगे साथ ही गुरुवर के षिष्यजन सुबह 10 बजे से 12 बजे तक गुरु दीक्षा एवं पुजन पाठ कथा परिसर में किया जाएगा।
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