निवाड़ी: आरक्षक के हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा
★आरोपी को पकड़ने के दौरान हुए हमले में हुई थी आरक्षक की मौत
निवाड़ी/टीकमगढ़। निवाड़ी की एक अदालत ने पुलिस आरक्षक की हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी को पकड़ने के दौरान उसने पुलिस दल पर देशी कट्टे से हमला किया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी।न्यायालय श्रीमती सुचिता श्रीवास्तव, द्वितीय जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश निवाड़ी ने यह फैसला दिया।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पंकज द्विवेदी ने बताया कि दिनांक 24.02.18 को थाना टेहरका में पदस्थ सउनि रामबाबू दुबे हमराह आरक्षक प्रशांत लोधी, आरक्षक राजबहादुर (मृतक), आरक्षक लखनलाल, आरक्षक प्रमोद अटल के साथ थाना टेहरका के धारा 392 ताहि के फरार आरोपी रविन्द्र रजक निवासी कुरेचा की तलाश हेतु खिस्टोन तिगेला की सोसायटी पर होने की सूचना के आधार पर पार्टी के रूप में विभाजित होकर आरोपी को गिरफ्तार करने के लिये खड़े हो गये थे।
इसी समय लगभग रात्रि 08 बजे जैसे ही पुलिस को आरोपी रविन्द्र रजक के सोसायटी के अंदर होने की सूचना पक्की हुयी। तब आरक्षक राजबहादुर व आरक्षक प्रशांत लोधी अंदर घुसने के लिये हुये तभी आरोपी रविन्द्र रजक ने कट्टे से फायर किया जो आरक्षक 104 राजबहादुर के सीने में लगा। जिससे वह खून से लहुलुहान होकर गिर गया वही उसके साथी आरोपी नीलू ढीमर को पकड़कर हमराह स्टॉफ की मदद से तत्काल जीप में रखकर मय आरोपी को जीप में बैठाकर थाना पृथ्वीपुर को अवगत कराते हुये पृथ्वीपुर अस्पताल लाये। जहाँ पर चिकित्सक द्वारा आरक्षक राजबहादुर को मृत घोषित कर दिया गया।
इस आशय की अकाल मृत्यु की सूचना लेखबद्ध करायी गयी जिस पर थाना पृथ्वीपुर द्वारा आरोपीगणों के विरुद्ध धारा 302/34 ताहि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गयी। विवेचना के दौरान आयी साक्ष्य के आधार पर रविन्द्र रजक नीलू रैकवार एवं अन्य तीन को आरोपी बनाया गया था। उन्मान सत्र प्रकरण में थाना पृथ्वीपुर द्वारा विवेचना उपरांत माननीय न्यायालय में पेश किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन के द्वारा सम्पूर्ण साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत की गयी एवं अंतिम तर्क सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पंकज द्विवेदी के द्वारा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये गये।
माननीय न्यायालय श्रीमती सुचिता श्रीवास्तव, द्वितीय जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश निवाड़ी ने उक्त समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुये आरोपी अभियुक्त रविन्द्र रजक को धारा 302 भादवि के अपराध के लिये आजीवन कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया एवं अभियुक्त राजेश तिवारी को आर्म्स एक्ट में एक वर्ष के कारावास से दण्डित किया गया और अन्य अभियुक्तगण को संदेह के आधार पर दोषमुक्त किया गया। उक्त प्रकरण में पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी निवाडी देवेन्द्र शर्मा एवं अपर लोक अभियोजक जितेन्द्र श्रीवास्तव के द्वारा की गयी।