इंदौर में विट्ठल भाई पटेल सम्मान समारोह आयोजित होगा
★ विजयमनोहर तिवारी व हेमंत शर्मा होंगे सम्मानीत
★अनूप जलोटा और सुश्री कोयल त्रिपाठी देंगे प्रस्तुती
★21 मई स्व विठ्ठल भाई की जयंती
इंदौर। गांधीवादीनेता, फिल्मी गीतकार कवि स्व विट्ठलभाई पटेल की जन्मजयंती पर इंदौर में 21 मई शनिवार को आयोजित एक गरिमामयी आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार विजयमोहन तिवारी को जयप्रकाश चौकसे सम्मान और गुड इवनिंग के संपादक हेमंत शर्मा को विठ्ठल भाई पटेल सम्मान प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर रंगकर्मी भवानी कौल, स्पीड पेंटर सूर्यभान मरावी को विट्ठल भाई पटेल और कर्तिक जोशी को बँटी कुमरावत सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
विट्ठल भाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान के संयोजक ललित अग्रवाल और सह संयोजक सुधीर मालवीया ने बताया कि प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी विभिन्न विधाओं की विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा, जबकि इस वर्ष से विट्ठल भाई पटेल के सखा और मूर्धन्य फिल्म समीक्षक श्री जयप्रकाश चोकसे की स्मृति में सम्मान भी प्रारंभ किया जा रहा है कार्यक्रम में पंडित अनूप जलोटा और सुश्री कोयल त्रिपाठी द्वारा गीत गजल कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे ।आयोजको के अनुसार रविंद्र नाट्य गृह में आयोजित होने वाले इस आयोजन के लिए प्रवेश पत्र अनिवार्य है । आयोजन में बड़ी संख्या में रंगकर्मी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेंगे।
गांधीवादी नेता विट्ठलभाई पटेल
मध्य्प्रदेश के सागर में प्रतिष्टित बीड़ी उधोगपति लल्लूभाई पटेल के यहां 21 मई 1936 को जन्म हुआ था। 7 सितम्बर 2013 को पंचतत्व में विलीन हुए। विठ्ठल भाई सदैव काँग्रेस से जुड़े रहे। वे कांग्रेस सरकार में मंत्री और कई पदों पर रहे। वे गांधीवादी परम्परा के नेता थे। सागर जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्र का दो बार प्रतिनिधित्व करने वाले पटेल 90 के दशक में अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा एवं श्यामाचरण शुक्ल मंत्रिमंडल में शामिल रहे। उन्होंने बॉलीवुड में 55 गीत लिखे। उनके पांच कविता संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं।
'झूठ बोले कौआ काटे'...
साहित्यकार ,कवि स्व पटेल फिल्मी दुनिया मे राजकपूर से जुड़े और कई सुपर हिट गाने लिखे। फिल्मों में मुश्किल से 55 से ज्यादा गीत लिखे होंगे। जब राजकपूर ने अपने बेटे ऋषिकपूर और डिंपल कपाड़िया को लेकर 'बॉबी' फिल्म बनाई तो हर घर के रेडियो पर पर एक गीत बज रहा थाः 'झूठ बोले कौआ काटे, काले कौए से डरियो, मैं मइके चली जाऊंगा तुम देखते रहियो।'
'एक कहावत से उठाए मुखड़े पर रचे गए गीत झूठ बोले कौआ काटे ने विट्ठलभाई को स्टार बना दिया था। अहम बात यह थी कि राजनीति में रहे विट्ठलभाई का झूठ बोलने में जरा भी यकीन नहीं था। वह सत्य के हिमायती थे और उनका सत्य बेबाक व ठेठ होता था। वह बहुत सरल सहज इंसान थे। वह ऐसे नेता थे जिनका हर कोई आदर करता था।'मनोज कुमार और हेमामालिनी की फिल्म संन्यासी का चर्चित गाना 'बाली उमरिया भजन करूं कैसे, चढ़ती जवानी जोगन बनूं कैसे' भी विट्ठलभाई का लिखा था।
विट्ठलभाई का अद्भुत किस्सा खंडवा के जय नागड़ा सुनाते हैं। 'विट्ठलभाई को यह बात सालती थी कि खंडवा में किशोर कुमार का कोई स्मारक नहीं बनाया जा रहा है। एक बार उन्होंने अभियान छेड़ दिया, एक-एक रुपए इकट्ठे करने का। खंडवा से लेकर सागर तक एक-एक रुपया मांगने लगे। नतीजा यह हुआ कि सरकार को किशोर कुमार का स्मारक बनाना पड़ा।