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SAGAR : दृष्टि बाधित गोवर्धन और राखी की पढ़ाई के दौरान हुई दोस्ती , मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत बंधे वैवाहिक बन्धन में

SAGAR : दृष्टि बाधित गोवर्धन और राखी की पढ़ाई के दौरान हुई दोस्ती  , मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत बंधे वैवाहिक बन्धन में

सागर । मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना कमजोर वर्ग के लिए एक बड़ा सहारा बनी है। नए सवरूप में लांच हुई इस योजना के तहत शिवराज सरकार 55 हजार रुपये दे दे रही है। इस योजना ने एक दृष्टिबाधित युगल की खुशियां बढा दी। कभी पढ़ाई के दौरान हॉस्टल में परिचय हुआ था आज दोनो वैवाहिक बन्धन में बंध गए। 



मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की यह तस्वीर एमपी के सागर जिले के राहतगढ़ में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में सामने आई। यहां 169 जोड़ो के विवाह संपन्न हुए। इसी में  दृष्टिबाधित गोवर्धन और राखी बंसल भी परिणय -सूत्र में बंधे। इसके आयोजक परिव्हनमंत्री गोविंद राजपूत थे।




पढ़ाई में अव्वल है यह जोड़ा
नवयुगल गोवर्धन और राखी की कहानी इंदौर  के जीडीसी हॉस्टल से शुरू हुई। जहां राखी कन्या छात्रावास में रहतीं थीं और गोवर्धन बालक छात्रावास में रहता था। इंदौर में पढ़ाई के दौरान गोवर्धन और राखी का परिचय हुआ था।


राहतगढ़ विकासखंड के मोहासा निवासी गोवर्धन बंसल स्नातकोत्तर में अंग्रेजी विषय से पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं उनकी नव जीवन संगिनी ने भी राजनैतिक शास्त्र  से स्नातकोत्तर की कक्षा प्रारंभ की है।  राखी बंसल ने बताया कि उन्होंने पीजीडीसीए भी किया है और अब बी -एड करने के लिए पढ़ाई कर रही हैं। दोनो के बीच चर्चा हुई। परिजन भी शादी के लिए तैयार हो गए। आज दोनो की शादी हो गई। 


नवयुगल ने शादी के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्व एवं परिवहन मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत और कलेक्टर  दीपक आर्य का  आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री श्री चौहान का हृदय से धन्यवाद करते हैं जिनकी वजह से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के माध्यम से आज वे परिणय- सूत्र में बंधकर अपना नया जीवन शुरू करने जा रहे हैं।
राखी ने मुख्य मंत्री श्री चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि  दोस्ती के बाद आज परिणय -सूत्र में बंधकर हम अपने नये जीवन की शुरुआत कर रहे हैं राखी ने बताया कि वे मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के विषय में कुछ ज्यादा नहीं जानतीं थीं, किंतु विगत दिनों योजना के बारे में जानकर बहुत खुश हुई। 


उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि विवाह कार्यक्रम में आज उन्हें आर्थिक रूप से किसी प्रकार का कोई खर्च नहीं उठाना पड़ा और उनकी शादी उनके पसंद के साथी के साथ संपन्न हुई।  11 हज़ार रुपए का चेक प्राप्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह राशि मेरे लिए करोड़ों रुपए से कम नहीं है।
गोवर्धन के अनुसार राजस्व एवं परिवहन मंत्री  गोविंद राजपूत ने कन्यादान योजना के माध्यम से हमारा विवाह संपन्न करवाया है और अपनी ओर से 51 -51 हजार रुपए की राशि भी प्रदान की है। इस राशि से हम अपने वैवाहिक जीवन को प्रारंभ करेंगे। उन्होंने बताया कि मंत्री श्री राजपूत ने आगे की पढ़ाई करने के लिए भी हमें सहयोग करने के लिए कहा है।
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गौर विवि की एलुमनी एसोसिएशन की बैठक संपन्न

गौर विवि की एलुमनी एसोसिएशन की बैठक संपन्न

 सागर। डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर की एलुमनी एसोसिएशन के फाउंडर मेंबर्स एवं पंजीकृत सदस्यों की महत्वपूर्ण बैठक कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में कुलपति सभाकक्ष में आयोजित की गई।



बैठक में एसोसिएशन के आगामी चुनाव, सदस्यता वृद्धि एवं निकट भविष्य में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।एसोसिएशन के फाउंडर मेम्बर्स प्रो डी के मुखारया, प्रो एन के जैन, प्रो सुबोध जैन, श्री राजेश मलैया, श्री अरविंद राधेलिया, प्रो के एस पित्रे एवं प्रो इला तिवारी ने अपने विचार रखे।कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने बैठक को संबोधित करते हुए नियमित बैठक आयोजित करने एवं एलुमनी एसोसिएशन के माध्यम से निरंतर कार्यक्रम आयोजित करने हेतु सुझाव दिया एवं पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।


बैठक में प्रो जनक आही, प्रो राजेंद्र त्रिवेदी, प्रो संजय जैन, प्रो उमेश पाटिल, प्रो नवीन कांगो, डॉ राजू टंडन, श्री अशोक वीर, श्री संदीप जैन, कु स्वाति जैन एवं कु निधि गुप्ता उपस्थित रहे।बैठक का संचालन एवं आभार प्रो सुबोध जैन ने व्यक्त किया।


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SAGAR : अनिवार्य भाटक शुल्क जमा नही करने पर कलेक्टर ने 51 उत्खनन पट्टे निरस्त किये देखे सूची

SAGAR : अनिवार्य भाटक शुल्क जमा नही करने पर कलेक्टर ने  51 उत्खनन पट्टे निरस्त किये 
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सागर 10 मई 2022
कलेक्टर श्री दीपक आर्य द्वारा जिले में विभिन्न गौण खनिजों के स्वीकृत ऐसे उत्खनन पट्टे जिनके द्वारा शासन द्वारा निर्धारित दर अनुसार प्रभारित अनिवार्य भाटक शुल्क जमा नहीं किया गया है, को निरस्त कर दिया गया है।
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इस संबंध में कलेक्टर द्वारा संबंधितों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर अनिवार्य भाटक शुल्क जमा करने हेतु निर्देशित किया गया था । किंतु इन पट्टाधारियों द्वारा उक्त निर्देशों की अवहेलना करते हुए अनिवार्य भाटक जमा नही किया गया।
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कलेक्टर श्री आर्य द्वारा सख्त कार्यवाही करते हुए जिले में विभिन्न गौण खनिजों के  51 उत्खनन पट्टे तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए हैं। इन उत्खनन पट्टाधारियों को तत्काल बकाया जमा करने हेतु निर्देशित करते हुए निर्धारित समयावधि में स्वीकृत क्षेत्र से यंत्र, औजार व वाहन हटाने हेतु आदेशित किया गया है।


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मेडिकल कालेज में शुरू होगी हृदय रोगियों के उपचार के लिए कैथ लैब :MLA शैलेंद्र जैन

मेडिकल कालेज में शुरू होगी हृदय रोगियों के उपचार के लिए कैथ लैब :MLA शैलेंद्र जैन

सागर। विधायक शैलेंद्र जैन ने प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात कर सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में कैथलैब शुरू करने के विषय में चर्चा की और से अभिलंब शुरू करने की मांग की उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष बजट सत्र में चिकित्सा शिक्षा मंत्री द्वारा विधायक जैन की मांग पर सागर में कैथलैब (हृदय रोगियों के उपचार)  लगाए जाने की घोषणा की थी इसके संबंध में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज प्रशासन  द्वारा चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रस्ताव प्रेषित कर दिया गया था,मंत्री विश्वास सारंग ने विधायक जैन को आश्वस्त किया है कि यह विषय कैबिनेट की बैठक में रखा जाना है इसे कैबिनेट की बैठक उपरांत अनुमोदित कर हम इसी वर्ष 2022  में कैथलेब की शुरुआत करेंगे। विधायक जैन ने बताया कि हम इसी वर्ष बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर में कैथलैब की शुरुआत करेंगे ताकि सागर शहर वासियों को हृदय रोग के उपचार के लिए भोपाल,इंदौर और जबलपुर ना जाना पड़े और अत्यंत रियायती दर पर मेडिकल कॉलेज में ही हम हमारे बुंदेलखंड वासियों का इलाज कर सकें।
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ओबीसी आरक्षण को लेकर रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे : मंत्री भूपेन्द्र सिंह★ कांग्रेस ने न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझाकर ओबीसी हितों को कुचला

ओबीसी आरक्षण को लेकर रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे : मंत्री भूपेन्द्र सिंह
★ कांग्रेस ने न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझाकर ओबीसी हितों को कुचला

 सागर।नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार ओबीसी आरक्षण के संबंध में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटीशन दायर करके पुनः अदालत से आग्रह करेगी कि मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत एवं स्थानीय निकाय चुनाव सम्पन्न हों। मंत्री श्री सिंह ने यह भी कहा कि वर्तमान परिस्थिति कांग्रेस के कारण निर्मित हुई है। मध्यप्रदेश में तो 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव प्रक्रिया चल ही रही थी, कांग्रेस ही इसके विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट गई और महाराष्ट्र की नजीर वहां प्रस्तुत की।_


     मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने संवैधानिक आयोग बनाकर 600 पेज की जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की उसमें प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक परिस्थितियों के साथ एरियावाईज संख्या के आंकड़े विस्तृत रूप से प्रस्तुत किए थे। जिसमें बताया गया था कि 48 प्रतिशत से ज्यादा ओबीसी मतदाताओं की औसत संख्या मध्यप्रदेश में है। कुल मतदाताओं में से अजा/जजा के मतदाताओं के अतिरिक्त शेष मतदाताओं में अन्य पिछड़ावर्ग के मतदाताओं की संख्या 79 प्रतिशत है यह भी आयोग की रिपोर्ट में पेश किया गया था। आयोग ने स्पष्ट अभिमत दिया था कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों तथा समस्त नगरीय निकाय चुनावों के सभी स्तरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को कम से कम 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित होना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि वह कमलनाथ सरकार ही थी जिसने विधानसभा में 8 जुलाई 2019 को मध्यप्रदेश लोकसेवा आरक्षण संशोधन विधेयक में यह भ्रामक और असत्य आंकड़ा प्रस्तुत किया कि अन्य पिछड़े वर्ग की मध्यप्रदेश में कुल आबादी सिर्फ 27 प्रतिशत है। यह कांग्रेस का वह असली ओबीसी विरोधी चेहरा है जो मध्यप्रदेश की विधानसभा के दस्तावेजों में सदैव के लिए साक्ष्य बन गया है।

     प्रदेश की भाजपा सरकार ने विधानसभा में यह संकल्प पारित कराया कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव नहीं होना चाहिए और इसके लिए सरकार अध्यादेश तक लेकर आई थी। लेकिन कांग्रेस ने हमेशा की तरह क्षुद्र राजनैतिक स्वार्थ में पूरे प्रकरण को अपने याचिकाकर्ताओं जया ठाकुर व सैयद जाफर के माध्यम से न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझाकर ओबीसी हितों को कुचलने का काम किया है। मध्यप्रदेश सरकार ने ओबीसी के लाभार्थिंयों को आरक्षण का उचित अनुपात में लाभ मिल सके इस हेतु अध्यादेश वर्ष 2021 की धारा 9(अ) को लागू किया था लेकिन कांग्रेस के याचिकाकर्ताओं ने धारा 9(अ) को लागू किए जाने का सर्वोच्च न्यायालय में तीव्र विरोध किया था और इसे संविधान के अनुच्छेद 243(सी) एवं (डी) का उल्लंघन बताते हुए इस संशोधन का निरस्त करने की मांग की थी।



     मंत्री श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण का 50 प्रतिशत से अधिक का मुद्दा नहीं उठाया होता तो माननीय सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के गवली केस में दिए गए सिद्धांत का उल्लेख नहीं करती और संपूर्ण आरक्षण को निरस्त नहीं करती। कांग्रेस के पक्षकार चाहते तो महाराष्ट्र गवली केस से अलग के रोटेशन सिस्टम पर विचार करने का निवेदन कर सकते थे। लेकिन अब यह तथ्य स्पष्ट है कि कांग्रेस एक तरफ तो ओबीसी का आरक्षण स्थगित और निरस्त कराती है और दूसरी तरफ ओबीसी वर्ग का हितैषी होने का ढिंडोरा पीटती है।

     मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि कमलनाथ को बताना चाहिए कि जब जबलपुर हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के लिए सिर्फ तीन परीक्षाओं पर स्टे लगाया था तब एक साल मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने सारी परीक्षाओं और नियुक्तियों में 27 प्रतिशत के बजाए 14 प्रतिशत आरक्षण देकर ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थियों के साथ अन्याय क्यों किया। यह सर्वमान्य तथ्य है कि कमलनाथ ने अपनी सरकार के रहते पिछड़ा वर्ग के एक भी अभ्यर्थी को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं मिलने दिया। जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी ने मुख्यमंत्री बनने के एक महीने के भीतर ही यह संभव कर दिखाया था।


     मंत्री श्री सिंह ने कहा कि केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार के कई निर्णयों से ओबीसी आरक्षण की प्रतिबद्धता का प्रमाण मिलता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने ओबीसी की केन्द्रीय सूची का दर्जा बढ़ाकर इस सूची को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और इसमें परिवर्तन करने के लिए संसद को शक्ति प्रदान की। संविधान संशोधन अधिकनियम 2018 राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा दिया। हाल ही में मेडीकल व डेंटल काॅलेजों के अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण केन्द्र की मोदी सरकार ने ही प्रदान किया जिससे ओबीसी वर्ग के छात्रों को प्रतिवर्ष 4 हजार सीटों की अतिरिक्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी।


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शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा सामने आया पूर्व मंत्री हर्ष यादव★ 15साल में भाजपा के तीन सीएम पिछड़ा वर्ग के फिर भी ओबीसी उपेक्षित

शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा सामने आया पूर्व मंत्री हर्ष यादव

★ 15साल में भाजपा के तीन सीएम पिछड़ा वर्ग के फिर भी ओबीसी उपेक्षित

सागर। एमपी में नगरीय निकायों और पंचायत चुनाव बगैर ओबीसी आरक्षण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेर लिया है। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे और पिछड़ा वर्ग के नेता व विधायक हर्ष यादव ने कहा है कि शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ कभी भी मिले, इसको लेकर तमाम हथकंडे व तमाम साजिशें रची जा रही थी। कमलनाथ जी की 15 माह की सरकार ने ओबीसी वर्ग के हित व कल्याण के लिए उनके आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था। 


उन्होंने एक बयान में कहा कि पिछले 15 सालों में भाजपा सरकार में ओबीसी के तीन मुख्यमंत्री बने लेकिन किसी ने भी इस वर्ग की चिंता नही की। सिर्फ कमलनाथ जी ने ओबीसी का आरक्षण बढाने  का काम किया।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जाने के बाद शिवराज सरकार ने एक ग़लत अभिमत देकर इस निर्णय को भी कई माह तक रोके रखा, बाद में जब हमने इसकी लड़ाई लड़ी तो सरकार ने अपनी गलती को सुधार कर हमारी सरकार के निर्णय को लागू किया। पंचायत चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव में भी शिवराज सरकार नहीं चाहती है कि ओबीसी वर्ग को बड़े हुए आरक्षण का लाभ मिले, इसलिए पूर्व में भी पंचायत चुनाव में इस तरह की पेचिदिगियाँ डाली गयी कि ओबीसी वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ नहीं मिले लेकिन…हमने लंबी लड़ाई लड़ भाजपा सरकर की इस साज़िश को फेल कर दिया था।


अभी भी शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत समय रहते ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रियाओं को पूरा नही किया, आधी-अधूरी रिपोर्ट व ग़लत तरीक़े से आधे-अधूरे आँकड़े  पेश किये और उसके बाद भी और समय मांगने पर…सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की थी कि आपने समय रहते जब कार्रवाई पूरी नहीं की तो अब आगे आप क्या करेंगे।
उसके बाद आज यह फैसला आया है।
यदि भाजपा की शिवराज सरकार मजबूती से न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती, मजबूती से ओबीसी वर्ग के आंकड़ों को रखती तो निश्चित तौर पर आज…ओबीसी वर्ग को उनके बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिलता लेकिन शिवराज सरकार तो चाहती ही नहीं थी इसलिए उसने इसको लेकर कोई गंभीर प्रयास नहीं किए लेकिन कांग्रेस आज भी दृढ़ संकल्पित है कि ओबीसी वर्ग को बड़े हुए आरक्षण का लाभ हर हाल में मिलना चाहिए और बगैर ओबीसी आरक्षण के…
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव व नगरीय निकाय चुनाव नही होना चाहिये।


विधायक ने कहा कि इसको लेकर हम ओबीसी वर्ग के साथ हैं, हम चुप नहीं बैठेंगे।हम आज आये फ़ैसले का अध्ययन करेंगे, विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे। इसको लेकर हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे।
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SAGAR : आरोपी पूर्व पार्षद बबलू कमानी पर 5 हजार रूपये का इनाम घोषित

SAGAR : आरोपी पूर्व पार्षद बबलू कमानी पर 5 हजार रूपये का इनाम घोषित

सागर 10 मई 2022।
पुलिस अधीक्षक श्री तरूण नायक ने पुलिस रेगुलेशन के पैरा 80-ए में निहित प्रावधानों के तहत एक फरार आरोपी पर इनाम घोषित किया है।
 
अधिकृत जानकारी के अनुसार थाना गोपालगंज में पंजीबद्ध अपराध क्रं. 237/21 धारा 302, भा.द.वि., 30 आर्म्स एक्ट के प्रकरण के फरार आरोपी बबलू कमानी उर्फ शेख रशीद पिता शेख रहमान उम्र 50 साल निवासी शुक्रवारी वार्ड गोपालगंज पर 5 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया है। बबलू कमानी पर भाजपा नेता नईम खान के बेटे इमरान की हत्या का मामला दर्ज है। वारदात के बाद से बबलु कमानी फरार है।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जो भी व्यक्ति उपरोक्त फरार आरोपी की गिरफ्तारी करेगा या करवायेगा या ऐसी सूचना देगा जिसके आधार पर गिरफ्तारी संभव हो सके, उसे उपरोक्तानुसार ईनाम 
 राशि   दी जायेगी। ईनाम राशि की घोषणा इन प्रकरणों में आरोपी की काफी प्रयास के बाद भी आज दिनांक तक गिरफ्तारी संभव नहीं होने के कारण की गई है। पुरस्कार वितरण में अंतिम निर्णय पुलिस अधीक्षक सागर का मान्य होगा।
 
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SAGAR: जानवरों को खिलाए जाने वाले खड़े नमक से बन रहा था टेस्टी नमक ,920 बोरी नमक जब्त

SAGAR: जानवरों को खिलाए जाने वाले खड़े नमक से बन रहा था टेस्टी नमक  ,920  बोरी नमक जब्त


सागर 9 मई 2022 । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मिलावट से मुक्त मध्य प्रदेश अभियान के तहत कलेक्टर श्री दीपक आर्य द्वारा जिले में लगातार मिलावट करने वाले माफियाओं पर कार्रवाई की जा रही है। इस परिपेक्ष्य में सोमवार को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री अमरीश दुबे द्वारा विनर टेस्टी साल्ट फैक्ट्री पर छापा मारा गया। जहां उन्होंने पाया कि जानवरों को खिलाए जाने वाले खड़े नमक से विनर मसाला नमक बनाया जा रहा था।



श्री दुबे ने बताया कि टेस्टी साल्ट फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के दौरान 920 कट्टे खड़ा नमक जप्त किया गया है, जो सीमेंट की बोरियों में भरकर गुजरात से मंगाया गया था। यह नॉन आयोडाईज्ड साल्ट है। जिसकी प्रारंभिक कीमत एक लाख रुपये से अधिक आंकी गई है।



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