श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर श्री बागेश्वर धाम सरकार श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा चील पहाड़ी गांव का नाम अब संतनगर होना चाहिए
★ अनेक श्रद्धालुओ ने ली गुरुदीक्षा
संत श्री ने कहा हमारे ठाकुर जी की सौलह हजार एक सौ आठ रानियां थी,,,,ये वही रानियां थी जिन्होंने भगवान के राम अवतार के समय कठोर तपस्या करके वरदान प्राप्त किये थे भगवान ने इन तपस्वी भक्तों की इच्छा पूर्ण करने ही इन्हें अपनी रानियों का दर्जा दिया था ठाकुर जी सदैव अपने भक्तों का ख्याल रखते हैं अगर नाता जोडना है तो ठाकुर जी से जोडो महराज श्री ने अपनी जन्मभूमि को सबसे बड़ा तीर्थ बताते हुए कहा कि भगवान ने हमें हमारे ऊपर कई उपकार किए हैं हमें मानव रूप में जन्म दिया हमें भारत भूमि पर जन्म दिया भारत देश से सबसे प्राचीन और विश्व कल्याण की कामना करने वाले सनातन धर्म का उदय हुआ है हमें और आपको गर्व होना चाहिए कि हम भारत भूमि पर जन्में ,, संत श्री ने चील पहाडी पर हुए इतने बड़े और विशाल कार्यक्रम एवं संतों के आगमन पर गाँव के लोगों के सेवाभाव को देखकर भाव विभोर होकर ग्राम चील पहाडी के लोगों को खूब खूब आशीर्वाद देते हूए कहा कि इस गाँव का नाम चील पहाडी से बदलकर, संतनगर, होना चाहिए गुरुदेव के इस बात को गुरू आदेश माना और चील पहाडी का नाम संत नगर करने पर अपनी सहमति जताई एवं शीघ्र ही शासन से नाम बदलने की बात की हजारो भक्तो ने कथा का रस पान किया ।
मैं राजनीतिक नही हूँ..कुछ नही हूँ सब बागेश्वर धाम वाले हनुमान जी की कृपा है: सन्त श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
हाल ही में कथा के दौरान बुलडोजर को लेकर दिए बयान पर उन्होंने कहा कि में राजनीतिक व्यक्ति नही हूँ। बेटी .बहू का कही अपमान हो उनपरअत्याचार हो तो न्याय के लिए खुद आगे आकर लड़ना चाहिए। में भारतीय संस्क्रति के सम्मान की बात करता हूँ। उन्होंने कहा कि में कुछ नही हूँ । सब कुछ बागेश्वर धाम वाले हनुमान जी की कृपा है। उन्ही के आश्रीवाद से सभी का भला हो रहा है।