हड़ताल पर बैठी आंगनबाडी कार्यकर्ता की मौत, भारी आक्रोश, जनाजे को लेकर पुलिस से झडप
★ मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग में होगा आंगनबाडी कार्यकर्ता की मांगों का फैसला: मंत्री गोपाल भार्गव
सागर। 40 दिनों से तप्ती धूप में चल रही आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की हडताल, हडताल के दौरान सागर की लाजपतपुरा वार्ड की आंगनबाडी कार्यकर्ता शहनाज बानों की मौत से आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने हंगामा खडा कर दिया। हडताल स्थल पर आ रहे जनाजे का पुलिस बल ने रास्ता बदल दिया जिससे उत्तेजित आंगनबाडी कार्यकर्ता हडताल स्थल से दौड लगाते हुए जनाजे के पास पहुंची और मृत कार्यकर्ता शहनाज बानों से लिपट लिपट कर रोई आंगनबाडी कार्यकर्ता चिल्ला चिल्लाकर कह रही थी कि जब तक सूरज चांद रहेगा शहनाज बानों तेरा नाम रहेगा। आज सुबह से हडताल स्थल पर कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक श्री तरूण नायक सहित भारी संख्या में प्रशासन व पुलिस बल मौजूद रहा।
जो आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को हड़ताल स्थल से बाहर निकलने से रोकता रहा। आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का आक्रोश जिला महिला बाल विकास अधिकारी रचना बुधोलिया, सुपरवाईजर रजनी बारोलिया के खिलाफ था जिनको बर्खास्त करने व आंगनबाडी कार्यकर्ता की मौत का मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर आंदोलन कारियों ने केबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव व कलेक्टर को ज्ञापन पत्र भी सौपा। ज्ञातव्य है कि हडताल पर ही महिला बाल विकास अधिकारियों की प्रताडना के चलते 22 मार्च को शिवाजी वार्ड की सहायिका राजकुमारी अहिरवार की भी मौत हो गई।
आंगनबाडी कार्यकर्ता संघ ने मृत आंगनबाडी कार्यकर्ता शहनाज बानों एवं सहायिका राजकुमारी अहिरवार के परिवार को सरकारी नौकरी देने एवं आर्थिक सहायता 5 लाख रूपये दिये जाने एवं दोषी महिला बाल विकास अधिकारी व सुपरवाइजर के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। 40वें दिन हडताल पर पहुंचे शासन के कैबिनेट मंत्री पं. गोपाल भार्गव ने आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिकाओं की पीढ़ा व मांगों को जायज ठहराते हुए कहा कि मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग भोपाल में है जिसमें मैं और मेरे सहयोगी मंत्री आंगनबाडी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष पूरी ताकत के साथ रखेगे और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के हितों में सरकार को निर्णय लेने के लिए विवश करेंगे।
भार्गव ने कहा कि बडी बिडम्बना है जो कम नौकरी करता है उसे भारी वेतन दिया जाता है और जो ज्यादा काम करते है उन्हें मामूली वेतन देकर पीडा पहुंचाई जाती है। हमारी सरकार इस भेदभाव को मिटाने के लिए दृढसंकल्पित है, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने जब लोग मर रहे थे उस समय अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना काल में चिकित्सकों से अधिक सेवा की है जिसका योगदान कभी भुलाया नहीं जाएगा। समान काम समान वेतन पर विचार चल रहा है। शिवसेना उपराज्य प्रमुख पप्पू तिवारी ने कैबिनेट मंत्री पं. गोपाल भार्गव के समक्ष शासकीय वेतन भोगी घोषित करने, अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ दिलाने, मिनि आंगनबाडी को कार्यकर्ता का दर्जा दिलाने, रिटायरमेंट के बाद 5 लाख रूपया कार्यकर्ता को 3 लाख रूपये, सहायिका को दिए जाने का मांग पत्र सौपा। संचालन शिवसेना संगठन प्रमुख हेमराज आलू ने किया। आज हडताल पर संघ की अध्यक्ष श्रीमती लीला शर्मा बेहोश हो गई जिन्हें कलेक्टर ने तत्काल हडताल स्थल पर डॉक्टर बुलाकर इलाज कराया। 16 अप्रैल को राज्य भर की आंगनबाडी कार्यकर्ता पदाधिकारी सागर हडताल स्थल पर आकर महिला बाल विकास विभाग की मानसिक प्रताडना से हडताल पर मृत कार्यकर्ता शहनाज बानों को श्रद्धांजली देगे। हडताल में सुषमा तिवारी, पार्वती, विजय कुशवाहा, सीमा पटैल, लक्ष्मी चौरसिया, निधि चौरसिया, शिल्पी कोरी, नीलमणि यादव, दुर्गा लोधी सहित सैकडों की संख्या में कार्यकर्ता/सहायिका उपस्थित थी।