भारतीय आहार, आचार विचार पद्वति और संस्कृति विश्व को देन- मारिया
★ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तीन माह पूर्व तैयारियों का शुभारंभ: प्रो0 जी0 एस0 गिरि
सागर। व्यक्ति को स्वयं से बात करना चाहिए, स्वयं से पूछना चाहिए कि मुझे क्या समस्या है, क्या इच्छायें हैं, क्या आवश्यकताऐं हैं ? जो भी व्यक्ति स्वयं से बात करता है, वही इस जीवन को वास्तविक रूप से समझ पाता है। यह बात वियाना आस्ट्रिया की सुश्री मारिया ने योग शिक्षा विभाग में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तीन माह पूर्व तैयारी कार्यक्रम में बतौर अतिथि कही। सुश्री मारिया ने कहा कि जब हम स्वयं को जानने की प्रक्रिया प्रारंभ करते हैं तब योग एवं ध्यान की भूमिका और महत्त्व बढ़ जाता है। भारतीय व्यंजनों एवं खानपान की तारीफ करते हुए मारिया ने कहा कि भारतीय आहार, आचार विचार पद्वाति और संस्कृति विश्व को जीवन की गहराई से परिचित कराती है।
योगाभ्यास द्वारा व्यक्तिगत शारीरिक मानसिक एवं अध्यात्मिक संतुलन की प्राप्ति
मुख्य अतिथि प्रो यू.एस.गुप्ता पूर्व विभागाध्यक्ष प्राणीशास्त्र एवं योग विज्ञान ने कहा कि कोविड महामारी ने जीवन दृष्टिकोण में व्यापक बदलाव लाने को सभी को मजबूर कर दिया है। ढ़ंाचागत परिर्वतन, शिक्षा पद्धति में परिर्वतन व्यवसाय के तरीकों में परिर्वतन तो सेवा क्षेत्र में घर से कार्य की छूट, कम से कम व्यक्तिगत संपर्क में कार्य निष्पादन, ऐसी परिस्थितियों में लोगों का आपस में संपर्क घटा है जिससे आपसी व्यवहार, बोलचाल में कमी से एक नए प्रकार का तनाव जीवन में लोगों को महसूस हो रहा है। ऐसे में योगाभ्यास द्वारा व्यक्तिगत शारीरिक मानसिक एवं अध्यात्मिक संतुलन की विद्या का जीवन मे दिनचर्या के रूप में अनुसरण बेहद प्रभावशाली सबित हो रहा है। आगामी योग दिवस तक अधिक से अधिक लोगों के बीच योग को पहुॅंचाने की आव्हान प्रो.यू.एस.गुप्ता ने किया ।
योग -शारीरिक व्यायाम, प्राणिक व्यायाम तथा बुद्धि व्यायाम की तिकडी-योगाचार्य एन.आर.भार्गव
विषिष्ट अतिथि योगाचार्य एन.आर.भार्गव ने कहा कि व्यक्ति का सबसे बड़ा मित्र परमात्मा होना है। यदि इस रहस्य को व्यक्ति समझ लेता है तभी वह योग मनोविज्ञान का साधक बन सकता है। सूर्य नमस्कार के प्रथम मंत्र ऊॅँ मित्राय नमः से भी यही बात साबित होती है कि हम परमात्मा के दृष्टिगोचर प्रकाशित स्वरूप सूर्य रूपी मित्र को प्रणाम करते हैं। योग शारीरिक व्यायाम प्राणिक व्यायाम तथा बुद्धि व्यायाम की तिकडी है जिससे उच्चतर मानवीय चरित्र का निर्माण होता है। आस्ट्रिया के मनोचिकित्सक डाॅं.हिमांशु गिरी ने कहा कि मनोचिकित्सा अपनें मरीज को वह माहौल प्रदान करता हैं जहाॅं मरीज अपनी व्यथा पर खुलकर बात कर सके। तनाव और अवसाद से मुक्त होकर समस्या व्यक्त कर अपने अंदर की कुठाओं से मुक्त हो सके। इसके पश्चात योग चिकित्सा एवं मनोचिकित्सक का क्रम आता है जिससे रोगी अपने मनाभावों एवं संवेगों की शोधन की प्रक्रिय से गुजरकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है।
2022 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की उल्टी गिनती प्रारंभ
स्वागत भाषण देते हुए प्रो.गणेश शंकर गिरी विभागाध्यक्ष नें कहा कि आज से तीन माह की उल्टी गिनती अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की प्रारंभ हुई है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के तहत विभिन्न आयोजनों की श्रृंखला का शुभारंभ हुआ है। विभिन्न व्याख्यानों मालाऐं, संगोष्ठी, केम्प तथा कार्यशालाओं का सतत आयोजन 21जून तक चलता रहेगा जिसमें विद्यार्थीयों कर्मचारियों शिक्षकों एवं आम नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की जावेगी। डाॅं.अरूण कुमार साव ने कहा कि समग्र व्यक्तित्त्व विकास ही योग दिवस आयोजन का मुख्य उद्ेदश्य है। कार्यक्रम में प्रियांशी सिंह द्वारा शिव स्तुति, कृतिज्ञा ठाकुर एवं पूजा जैन द्वारा महर्षि पतंजलि एवं योगेश्वर कृष्ण पर कविता, प्रज्ञा साव, अंशी मिश्रा मानसी मिश्रा, द्वारा नृत्य, दीपेश एवं इकबालजीत सिंह द्वारा भांगड़ा प्रस्तुत किया गया। समस्त विद्यार्थीयों द्वारा सरल एवं कठिन योगाभ्यासों का संगीतमय फ्यूजन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन महेन्द्र शर्मा ने तथा आभार ज्ञापन डाॅं.़नितिन कोरपाल ने किया।