SAGAR : बिना तलाक दिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत दूसरी शादी करने वाले आरोपी को 3 साल की सजा
सागर। न्यायालय- श्रीमती ज्योत्सना तोमर न्यायिक मजिस्टेªट प्रथम श्रेणी बण्डा जिला-सागर के न्यायालय ने आरोपी अनिल पिता प्रीतम यादव उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम मउ थाना बहरोल बण्डा जिला सागर को द्विविवाह करने का आरोपी पाते हुए को भादवि की धारा 494 के तहत 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 800 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया। राज्य शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ताहिर खान एवं शरद सिंह यादव ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया ने इस आषय की रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि उसका विवाह दिनांक-11.07.2016 को आरोपी अनिल के साथ हिन्दू रीति रिवाज अनुसार सात भांवर पढ़कर संपन्न हुआ था। फरियादिया के माता पिता द्वारा विवाह के समय दान दहेज अपनी हैसियत से बढ़कर दिया था विवाह में आरोपी के परिवारजन द्वारा दहेज मांगने पर एक लाख रूपये एवं कपड़ों के लिये दस हजार रूपये लगुन एवं टीका के तौर पर दिया था। विवाह के भांवर के समय दहेज में वर्तन, अलमारी, पंलग पेटी, सोफासेट, बेड आदि दिये थे। फरियादिया को विवाह के प्रथम विदा से ही दहेज प्रताड़ना करने लगे और कहते थे कि उसके माता पिता द्वारा एक मोटरसाईकिल नहीं दी एवं 20 हजार रूपये नगद नहीं दिये गये अपने माता पिता के यहां से एक मोटरसाईकिल एवं 20 हजार रूपया नगद लेकर आना तभी हमारे घर पर अच्छे से रह पाओगी। फरियादिया ने अपने मायके में आने पर अपने माता पिता को घटना की सारी बात बताई तब उसके भाई ने उसके पति को समझाया तो अभियुक्त अनिल ने गंदी गंदी गालियां देकर कहने लगा कि उसकी बहिन को अपने घर पर ही रखे वह दूसरा विवाह करेगा। अभियुक्त अनिल ने दूसरा विवाह दिनांक-18.04.2018 को खुरई सम्मेलन से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत कर लिया। फरियादिया दो वर्षों में मात्र चार बार ससुराल गई जिस दौरान अभियुक्त व उसके परिवारजन द्वारा आये दिन उसके दहेज हेतु प्रताड़ित किया तथा अभद्र व्यवहार किया गया एवं मिट्टी का तेल डालकर जला कर मार देने की धमकी देते थे तथा उसके सारे सोने चांदी के गहने स्त्रीधन छीनकर घर से भगा दिया। फरियादिया की उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना बहरोल में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी अनिल यादव को भादवि की धारा 494 के तहत 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 800 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया।