NCC संगठित युवाओं का दुनिया का सबसे बड़ा संगठन : कर्नल रामसिंह★ आर्ट्स एन्ड कॉमर्स कालेज में एनसीसी के पूर्व कैडेट्स का सम्मेलन आयोजित
’कुंडलपुर अदभुत एवं भव्य तीर्थ स्थल है : राज्यपाल★ राज्यपाल ने भगवान आदिनाथ के दर्शन एवं पूजन अर्चन की
प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने मंगलवार को दमोह जिले के प्रवास के दौरान प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल कुंडलपुर पहुंचकर भगवान आदिनाथ (बड़े बाबा)के दर्शन किए। उन्होंने पूजन अर्चन कर प्रदेश की जनता की खुशहाली के लिए कामना की तथा यहां पहुंचे श्रद्धालुओं का अभिवादन किया। राज्यपाल श्री पटेल का मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा प्रतिमा और पुस्तक भेंट कर स्वागत किया गया।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल के आज दमोह जिले के बिलगुवा हेलीपैड पहुंचने पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया । हेलीपैड पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कलेक्टर श्री एस. कृष्ण चैतन्य और पुलिस अधीक्षक श्री डी. आर. तेनीवार ने राज्यपाल की बिलगुवा हेलीपैड पर अगवानी की।
पूर्व मंत्री श्री जयंत मलैया, हटा विधायक श्री पी .एल. तंतुवाय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री शिवचरण पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल का स्वागत किया।
श्री गुजराती नमकीन फैक्ट्री की जांच की गई ,एक क्विंटल गंदा तेल कराया गया नष्ट ,नमकीन के लिए सैंपल
प्रभारी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सागर श्रीमती रेणु परस्ते से प्रभार छिना, कार्यो में लापरवाही के चलते
मिर्गी एवम पुराने सिरदर्द का है सौ फीसदी इलाज
SAGAR : सरकारी जमीन पर अतिक्रमण होने पर पटवारी और दरोगा होंगे जिम्मेदार : कलेक्टर ★ सिविल लाईन व तिली क्षेत्र में जमीन चिन्हित कर फेंसिंग करे
शासकीय भूमि पर यदि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण पाया जाता है, तो इसके लिए संबंधित क्षेत्र का पटवारी, दरोगा, टैक्स कलेक्टर एवं कोटवार की जिम्मेदारी तय कर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित होगी । उक्त निर्देश कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने नगर निगम कमिश्नर सहित समस्त अनुविभागीय अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों को दिए ।
कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने निर्देश दिए कि सागर जिले में समस्त ग्रामीण एवं नगर निगम क्षेत्र सहित समस्त नगरीय निकायों में यदि कहीं भी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण पाया जाता है तो इसके लिए क्षेत्र के पटवारी टैक्स कलेक्टर एवं दरोगा, कोटवार पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ।
उन्होंने बताया कि विगत दिवस देखने में आया कि विभिन्न अनुविभागीय कार्य क्षेत्रों में बेशकीमती जमीनों पर अतिक्रमण कर उपयोग किया जा रहा था ।उन्होंने कहा कि इसी प्रकार नगर निगम में नगर निगम क्षेत्र में विभिन्न स्मार्ट सड़कों एवं अन्य सड़कों का निर्माण किया जा रहा है और आजू-बाजू विभिन्न बेशकीमती जमीन हैं और अब इन बेशकीमती जमीनों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण पाया जाता है तो सीधी कार्रवाई संबंधित टैक्स कलेक्टर दरोगा एवं पटवारियों पर की जाएगी ।
शहर के बेशकीमती जमीन चिनिहत कर फेंसिंग करे
उन्होंने निर्देश दिए कि सिविल लाइन चौराहे से कालीचरण चौराहे तक एवं आईजी ऑफिस से तिली चौराहे तक एवं तिली चौराहे से दीनदयाल चौराहे तक बेशकीमती जमीन चिन्हित करें एवं उस पर फेंसिंग भी करें। अब यदि इन जमीनों पर अतिक्रमण पाया जाता है, तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वेदों के उपदेश सार्वकालिक हैं- प्रो राधावल्लभ त्रिपाठी
वेदों के उपदेश सार्वकालिक हैं- प्रो राधावल्लभ त्रिपाठी
सागर. 13 मार्च। डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के संस्कृत विभाग के तत्त्वावधान में महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के सहयोग से आयोजित ‘वैदिक वांग्मय के विविध आयाम एवं प्रासंगिकता’ पर दो दिवसीय अखिल भारतीय वैदिक संगोष्ठी का उदघाटन हुआ. वैदिक मंगलाचरण के साथ संगोष्ठी का शुभारम्भ हुआ.
साप्ताहिक राशिफल : 14 मार्च से 20 मार्च 2022 तक★ पण्डित अनिल पांडेय
मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई
दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी ने कहा कि वेदों के उपदेश
सर्वयुगीन, सार्वजनीन एवं सार्वकालिक हैं. इनकी सभी शाखाओं, सभी संहिताओं,
ब्राह्मणों, अरण्यकों, एवं उपनिषदों का अध्ययन निरपेक्ष भाव से करना चाहिए. भारतीय
मनीषा का सम्पूर्ण विश्व में जो आदरपूर्ण स्थान है वह वेदों के कारण ही है.
मैक्समूलर का वेदों के प्रचार में महत्त्वपूर्ण अवदान है.
भारतीय जनजीवन में वेदों का अप्रतिम योगदान- कुलपति प्रो.
नीलिमा गुप्ता
अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.
नीलिमा गुप्ता ने भारतीय संस्कृति, संस्कृत और वेदों के अवदान पर अपना वक्तव्य
दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनजीवन में वेदों का अप्रतिम योगदान है. मानव जीवन
के आचार और विचार वेदों एवं उपनिषदों से ही लिए गये हैं. प्रत्येक व्यक्ति को जीवन
में वेदों का स्वाधय्याय अवश्य करना चाहिए.
मुख्य वक्ता भारतीय दार्शनिक अनुसंधान नई दिल्ली के सदस्य
सचिव प्रो. सच्चिदानंद मिश्र ने कहा कि सभी दर्शनों एवं उसकी विभिन्न शाखाओं का
मूल उत्स वेड हैं. उन्होंने सांख्य, न्याय आदि दर्शनों का विवेचन करते हुए इसके
विकास में वेदों के अवदान को रेखांकित किया. प्रो. अमलधारी सिंह ने ऋग्वेद की शाकल
शाखा के मन्त्रों, सूक्तों एवं अन्य विषय वस्तुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला. शाकल
संहिता के सूक्तों पर सूक्ष्मता से अपने विचार प्रस्तुत किये और इसकी महत्ता को भी
रेखांकित किया. विशिष्ट अतिथि कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने कहा कि वेद विद्याओं के
स्रोत हैं. ऋषियों ने अपने अंतःकरण में जिस तत्त्व का साक्षात्कार किया वह वेदवाणी
है. केवल भारतीय ही नहीं बल्कि पाश्चात्य विद्वानों ने भी वेदों की मुक्त कंठ से
प्रशंसा की है.
शोध पत्रिका ‘सागरिका’ एवं
पुस्तकों का विमोचन
इस अवसर पर अतिथियों ने
विभाग की शोध पत्रिका ‘सागरिका’ तथा विभाग के साहयक प्राध्यापक डॉ संजय कुमार
द्वारा डॉ रामजी उपाध्याय पर लिखित पुस्तक एवं डॉ बालकृष्ण शर्मा की पुस्तक ‘ध्वनि
प्रकाशे मुक्तक विमर्शः’ का विमोचन किया. डॉ. राधावालभ त्रिपाठी को सम्मान-पत्र और
सभी अतिथियों स्मृति चिन्ह भेंट किया गया. विचार संस्था द्वारा गौ-उत्पाद से
निर्मित वस्तुएं भी अतिथियों को भेंट की गईं.
कार्यक्रम में स्वागत भाषण
विभागाध्यक्ष प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी ने दिया और संचालन डॉ नौनिहाल गौतम ने
किया. इस अवसर पर भाषा अध्ययनशाला के अधिष्ठाता प्रो. बी आई गुरु, डॉ अनूप कुमार
मिश्र, प्रो जे के जैन, प्रो नागेश दुबे, प्रो ए डी शर्मा, प्रो चंदा बेन, डॉ आशुतोष,
डॉ आर पी सिंह, डॉ सुरेन्द्र यादव, डॉ वंदना, डॉ लक्ष्मी पाण्डेय, डॉ हिमांशु सहित
विवि के कई शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी, शहर से पधारे गणमान्य नागरिक एवं देश
भार से आये प्रतिभागी अतिथि उपस्थित थे.