बाँस की खेती फायदे का धंधा, किसान बाँस उगाने आगे आएं- मंत्री भूपेंद्र सिंह
★ मालथौन में वन समितियों व बाँस कृषकों का महासम्मेलन संपन्न
मालथौन। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों से अनुरोध किया है कि वे बाँस की खेती करने के लिए आगे आएं। इससे उनके रोजगार के साधन बढ़ेंगे। मंत्री श्री सिंह ने मालथौन में आयोजित वनसमितियों के महासम्मेलन और बाँस कृषकों के सम्मेलन में यह आह्वान किया।
अपने संबोधन में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी इच्छा थी कि यह दोनों सम्मेलन मालथौन में हो, इसके लिए वनविभाग के अधिकारियों को धन्यवाद देता हूँ। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों को जो नुकसान होता है उसकी भरपाई बांस की खेती से की जा सकती है। बुंदेलखंड का पर्यावरण बाँस की खेती के लिए अनुकूल है और इसमें प्रदेश सरकार भी हर संभव मदद करेगी। इस कार्य में किसान भाई आगे आएंगे तो रोजगार का स्थाई साधन बन जाएगा। उन्होंने कहा कि बाँस लगाने में खर्चा कम और आमदनी ज्यादा है। इस समय बाँस की मांग बहुत अधिक है। बाँस से अनेक चीजें बनती हैं। उन्होंने किसान भाइयों से अनुरोध किया कि आप सब बाँस की ज्यादा से ज्यादा खेती करें। कंपनी वाले बाँस खरीदने के लिए खुद आपके पास आएंगे। यदि आप बाँस के उत्पादन में वृद्धि करते हैं तो मेरी कोशिश होगी कि मैं मालथौन में बाँस आधारित उत्पाद का कारखाना लगवाऊं। उन्होंने कहा कि इस महासम्मेलन में वनविभाग ने अनेक स्टाल लगाए हैं जिनमें आप जान पाएंगे कि वनसमितियों के माध्यम से क्या क्या काम किए जा सकते हैं। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा वनक्षेत्र मध्यप्रदेश में हैं।बुंदेलखंड, सागर और मालथौन क्षेत्र में अनेक प्रकार की वनसंपदाएं हैं। प्रदेश में सबसे अच्छा तेंदूपत्ता और सागौन बुंदेलखंड में ही है। यहां के वनों में महुआ,चिरौंजी, आंवला,बेल जैसी वनोपज भरपूर मात्रा में है। अनेक खनिजों के साथ यहां हीरा भी है।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह ने निर्णय लिया है कि अब एक ही संयुक्त वनसमिति होगी और वनसमितियों में एक तिहाई पदों पर महिलाएं रहेंगी। सरकार ने अब यह भी निर्णय लिया है कि वनोपज से होने वाली आय की 20 प्रतिशत राशि वनसमितियों को दी जाएगी। मुख्यमंत्री जी ने यह भी निर्णय लिया है कि वनोपज का भी समर्थन मूल्य तय कर सरकार इसे खरीदेगी। मंत्री श्री सिंह ने हजारों की तादाद में आए समिति सदस्यों को मालथौन और खुरई ब्लाक की तीन बड़ी सिंचाई परियोजनाओं, हरेक घर में नल से पानी पहुँचाने की योजना की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खुरई के डोहेला महोत्सव में महिला स्वसहायता समूहों को निःशुल्क दूकानें दी गई हैं जिनसे उनके उत्पादों की बहुत अच्छी बिक्री हो रही है। मालथौन में भी महिला स्वसहायता समूहों को स्थाई दूकानें बना कर दी जाएंगी।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मुझे संसदीय उत्कृष्ट मंत्री मंत्री का जो सम्मान मिला है वह आप सभी के आशीर्वाद से मिला है। यह मेरा नहीं बल्कि खुरई विधानसभा क्षेत्र की जनता का सम्मान है। आज आपने इस सम्मान के लिए जो मेरा अभिनंदन किया है उससे मुझे और तेजी से विकास कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। हमें अभी बहुत काम करना बाकी है। युवाओं और महिलाओं को रोजगार दिलाने का काम करना है। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि अगले दस सालों में यहां एक भी बेरोजगार नहीं रहेगा। महा सम्मेलन में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने श्रेष्ठ कार्य करने वाली वनसमितियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में भोपाल से आए प्रधान मुख्य वनसंरक्षक सीआर त्यागी तथा सागर वनवृत के मुख्य वनसंरक्षक श्री अमित दुबे तथा उत्तर वनमंडल के डीएफओ श्री बेनी प्रसाद दातोनिया ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में वनसमिति सदस्यों के अलावा पार्टी के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए।